लुधियाना के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की आंशिक हड़ताल बुधवार तक जारी रही लेकिन आज चौथे दिन गुरुवार को ये हड़ताल पूरी तरह से लागू होगी। पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (पीसीएमएसए) ने बीते दिन कैबिनेट सब-कमेटी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह से मुलाकात की। सेहत मंत्री ने नहीं दिया लिखित कोई आश्वासन पीसीएमएसए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिल सरीन ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने सुरक्षा संबंधी मांगों को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया और करियर में प्रगति का आश्वासन दिया, लेकिन इस पर कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया गया। सरीन ने कहा कि अब गुरुवार से ओपीडी सेवा पूरी तरह बंद रहेगी। पिछले तीन दिनों से डॉक्टर विरोध में रोजाना सुबह 8 से 11 बजे तक ओपीडी बंद रखते थे। डॉक्टरों के संगठन ने पहले कहा था कि अगर बुधवार की बैठक में मांगों का समाधान नहीं हुआ तो विरोध दूसरे चरण में प्रवेश करेगा। पीसीएमएसए की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि विभाग ने पीसीएमएसए को आश्वस्त किया है कि सरकार की ओर से आज ही एक आधिकारिक पत्र जारी किया जाएगा, जिसमें एसीपी की बहाली पर कैबिनेट उप-समिति के निर्णय और सुरक्षा पर एक निश्चित रूपरेखा सहित बैठक के अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे में बताया जाएगा। हालांकि, सरकार से इस तरह के निश्चित आधिकारिक कम्युनिकेशन प्राप्त न होने के कारण आज के लिए ओपीडी पूरे दिन के बंद रखी गई है। आपातकालीन सेवाओं, पोस्टमार्टम, मेडिकोलीगल परीक्षा, अदालती साक्ष्य और न्यायिक चिकित्सा परीक्षाओं को छोड़कर सभी सेवाएं निलंबित रहेंगी। ओओएटी केंद्र भी केवल रोजाना की खुराक वितरित करेंगे। 11 सितंबर को पहला चरण होगा पूरा सरकार की तरफ से आश्वासन के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल को 3 चरण में बदल दिया है। पहला चरण 9 से 11 सितंबर तक चला। इस दौरान सुबह 8 बजे से 11 बजे तक ओपीडी सेवाएं निलंबित रही है। अब दूसरा चरण 12 से 15 सितम्बर तक होगा। जिसमें ओपीडी सेवाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। 16 सितम्बर के बाद तीसरा चरण होगा। इसमें डॉक्टर ओपीडी के साथ-साथ मेडिकल लीगल करने से भी साफ मना कर देंगे। लुधियाना के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की आंशिक हड़ताल बुधवार तक जारी रही लेकिन आज चौथे दिन गुरुवार को ये हड़ताल पूरी तरह से लागू होगी। पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (पीसीएमएसए) ने बीते दिन कैबिनेट सब-कमेटी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह से मुलाकात की। सेहत मंत्री ने नहीं दिया लिखित कोई आश्वासन पीसीएमएसए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिल सरीन ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने सुरक्षा संबंधी मांगों को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया और करियर में प्रगति का आश्वासन दिया, लेकिन इस पर कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया गया। सरीन ने कहा कि अब गुरुवार से ओपीडी सेवा पूरी तरह बंद रहेगी। पिछले तीन दिनों से डॉक्टर विरोध में रोजाना सुबह 8 से 11 बजे तक ओपीडी बंद रखते थे। डॉक्टरों के संगठन ने पहले कहा था कि अगर बुधवार की बैठक में मांगों का समाधान नहीं हुआ तो विरोध दूसरे चरण में प्रवेश करेगा। पीसीएमएसए की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि विभाग ने पीसीएमएसए को आश्वस्त किया है कि सरकार की ओर से आज ही एक आधिकारिक पत्र जारी किया जाएगा, जिसमें एसीपी की बहाली पर कैबिनेट उप-समिति के निर्णय और सुरक्षा पर एक निश्चित रूपरेखा सहित बैठक के अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे में बताया जाएगा। हालांकि, सरकार से इस तरह के निश्चित आधिकारिक कम्युनिकेशन प्राप्त न होने के कारण आज के लिए ओपीडी पूरे दिन के बंद रखी गई है। आपातकालीन सेवाओं, पोस्टमार्टम, मेडिकोलीगल परीक्षा, अदालती साक्ष्य और न्यायिक चिकित्सा परीक्षाओं को छोड़कर सभी सेवाएं निलंबित रहेंगी। ओओएटी केंद्र भी केवल रोजाना की खुराक वितरित करेंगे। 11 सितंबर को पहला चरण होगा पूरा सरकार की तरफ से आश्वासन के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल को 3 चरण में बदल दिया है। पहला चरण 9 से 11 सितंबर तक चला। इस दौरान सुबह 8 बजे से 11 बजे तक ओपीडी सेवाएं निलंबित रही है। अब दूसरा चरण 12 से 15 सितम्बर तक होगा। जिसमें ओपीडी सेवाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। 16 सितम्बर के बाद तीसरा चरण होगा। इसमें डॉक्टर ओपीडी के साथ-साथ मेडिकल लीगल करने से भी साफ मना कर देंगे। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
प्रधान धामी ने बागी अकालियों के आरोपों को किया खारिज
प्रधान धामी ने बागी अकालियों के आरोपों को किया खारिज भास्कर न्यूज | अमृतसर अकाली दल सुप्रीमो सुखबीर मामले को लेकर चल रहे विवाद के बीच अकाली सुधार लहर के बागी अकालियों द्वारा खुद पर लगाए गए आरोपों को एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर िसंह धामी ने सिरे से खारिज किया है। सुखबीर मामले में सिंह साहिबान पर दबाव बनाए जाने वाले आरोपों पर उनका कहना है कि दबाव हम नहीं वह लोग बना रहे हैं। मंगलवार को कार्यकारिणी की पहली बैठक के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए प्रधान धामी ने कहा कि पहले सभी साथ थे और अब अलग हो गए हैं तो विवाद खड़ा कर रहे हैं। गौर हो कि बीते दिनों बागियों ने आरोप लगाया था कि अकाली दल के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ और एसजीपीसी प्रधान धामी सिंह सिंह साहिबान से गुपचुप मिल रहे हैं और सुखबीर के फैसले के लिए दबाव बना रहे हैं। विरोधियों के इस आरोप पर धामी ने कहा कि वह किसी पर बेवजह आरोप नहीं लगाते। रही सिंह साहिबान से मुलाकात की बात तो वह कौम के मुखी हैं और कमेटी मसलों और मुद्दों को लेकर उनसे मुलाकात कर सकती है। उनका कहना है कि विरोधी खुद सुखबीर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का दबाव बना रहे हैं। उनका कहना है कि आज जो खुद को अलग करके आरोप लगा रहे हैं वह लोग भी तो उस दौरान साथ थे। फिलहाल फैसला सिंह साहिबान को करना है।
जगराओं में पुलिस और किसानों में हुई झड़प:भाजपा उम्मीदवार का कर रहे थे विरोध, गांव में प्रचार करने गए थे रवनीत सिंह बिट्टू
जगराओं में पुलिस और किसानों में हुई झड़प:भाजपा उम्मीदवार का कर रहे थे विरोध, गांव में प्रचार करने गए थे रवनीत सिंह बिट्टू जगराओं में लोकसभा चुनाव को लेकर गांवों में प्रचार कर रहे भाजपा उम्मीदवार रवनीत सिंह बिट्टू का किसानों ने जमकर विरोध किया। हालांकि किसानों का विरोध रोकने के लिए पुलिस ने हठूर और रसूलपुर गांव को छावनी में तबदील कर दिया था। लेकिन इस के बावजूद भी किसानों ने हिम्मत दिखाते हुए जबरदस्त विरोध किया। किसानों का विरोध रोकने के लिए पुलिस विभाग के पसीने छूट गए। इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच झड़प भी हो गई थी। इंजार में बैठे थे किसान जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनावों को लेकर भाजपा उम्मीदवार रवनीत सिंह बिट्टू का लुधियाना देहात के कई गांवों का दौरा था। इस दौरान सोमवार की देर शाम को जब भाजपा उम्मीदवार का काफ़िला रसूलपुर गांव में पहुंचा तो वहां पहले ही ताक में बैठे किसानों ने भाजपा उम्मीदवार का विरोध करना शुरू कर दिया। भाजपा उम्मीदवार का लगातार विरोध हालांकि पुलिस विभाग ने बिट्टू के आने की सूचना के चलते रसूलपुर गांव को पुलिस छावनी में बदल दिया था। लेकिन समय अनुसार ना पहुंचने पर जब बिट्टू देर शाम को रसूलपुर गांव में पहुंचे तो किसानों ने हल्ला बोलते हुए भाजपा भगाओ के नारे लगाने शुरू कर दिए। इसके बाद भाजपा उम्मीदवार रवनीत बिट्टू हठूर गांव में प्रचार के लिए पहुंचे। वहां भी पुलिस बल किसानों को रोकने के लिए तैयार बैठा था। लेकिन वहां पर भी किसान भाजपा उम्मीदवार का देर शाम तक इंतजार करते रहे। जैसे ही बिट्टू का काफ़िला गांव हठूर पहुंचा किसानों ने नारेबाजी शुरू कर दी। आपस में उलझे पुलिस व किसान गांवों में प्रचार के लिए स्टेज पर जब भाजपा उम्मीदवार संबोधन कर रहे थे तो, किसान उन्हें रोकने के लिए बैरिकेड तोड़ कर आगे जाना चाहते थे। लेकिन पुलिस ने किसानों को बैरिकेड से आगे जाने से रोक दिया। इस दौरान कुछ पुलिस और किसानों के बीच धक्कामुक्की भी हुई। किसानों को रोकने के लिए पुलिस के पसीने छूट गए लेकिन किसान नारेबाजी करते रहे।
जालंधर की लड़की जान बचाकर वापस लौटी:सुनाई आपबीती, बोली- मस्कट में एजेंट ने बेचा, आफिस में करते थे बंद, करते थे प्रताड़ित
जालंधर की लड़की जान बचाकर वापस लौटी:सुनाई आपबीती, बोली- मस्कट में एजेंट ने बेचा, आफिस में करते थे बंद, करते थे प्रताड़ित दो खाड़ी देशों में अपनी जान बचाने के बाद राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल के प्रयासों से एक विधवा मां की बेटी अपने वतन लौट आई है। ट्रैवल एजेंटों ने धोखे से उसे ओमान के मस्कट में बेच दिया था। वे लड़की को छोड़ने के बदले लाखों रुपयों की मांग कर रहे थे। खाड़ी देशों में पांच महीने नारकीय जीवन जीने के बाद लौटी पीड़िता ने अपनी दर्दनाक कहानी सुनाई। जालंधर जिले की रहने वाली पीड़ित लड़की ने निर्मल कुटिया सुल्तानपुर लोधी में अपना दुखड़ा सुनाया और कहा कि ट्रैवल एजेंट ने उसे दुबई भेजने के लिए 30 हजार लिए लेकिन उसने धोखा देकर उसे मस्कट में फंसा लिया। जहां उसे रोजाना चमड़े की बेल्टों से पीटा जाता था और यहां तक कि उनका शरीर पर दागा जाता था। पूरे दिन घर का काम करने के बाद उसे वहीं एक ऑफिस में बंद कर दिया गया। पीड़िता ने बताया कि दो महीने बीतने के बाद उसने उम्मीद छोड़ दी थी कि वह यहां से जिंदा बच पाएगी या फिर यहीं मर जाएगी। उन्होंने कहा कि वहां उन पर जो अत्याचार हो रहा था, वह बहुत भयानक था और इतनी पिटाई के कारण कभी-कभी वह बेहोश भी हो जाती थीं। संत सीचेवाल का किया धन्यवाद पीड़ित लड़की ने राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह को धन्यवाद देते हुए कहा कि अगर उन्होंने समय रहते उसकी मदद नहीं की होती तो अरब देश से उसकी वापसी सिर्फ एक सपना बनकर रह जाती। पीड़ित लड़की ने जानकारी देते हुए बताया कि वह फरवरी 2024 में अपने दोस्त के जरिए अपने परिवार की स्थिति सुधारने के लिए दुबई गई थी। उन्होंने बताया कि उनके पिता की मृत्यु के बाद से उनके परिवार में उनकी विधवा मां, 2 छोटी बहनें और 1 भाई हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं परिवार में बड़े होने के कारण आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्होंने बाहर जाने का निर्णय लिया था, लेकिन उनका यह निर्णय उनके जीवन के लिए संकट बन गया जब उन्हें एजेंटों द्वारा मस्कट, ओमान में बेच दिया गया। वहां उसे ठीक से खाना भी नहीं दिया जाता था और बीमार होने पर उसका इलाज भी नहीं किया जाता था। आंखों में आंसू लेकर लड़की ने कहा कि उसकी विधवा मां ने हिम्मत नहीं हारी और उसने किसी तरह राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल से संपर्क किया और उसकी जान बच गई। पीड़ित लड़की की विधवा मां ने बताया कि जब उन्हें इस बारे में पता चला तो उन्होंने एजेंट से अपनी बेटी को वापस भेजने की गुहार लगाई। लेकिन एजेंट लड़की को वापस करने के लिए उससे लाखों रुपए की मांग कर रहा था। पैसे न देने की स्थिति में उसने अपनी लड़की की वापसी की उम्मीद छोड़ दी थी। भारत भेजने के बजाय आबूधाबी भेजा पीड़ित लड़की ने बताया कि भारतीय दूतावास के दबाव के बाद जब एजेंटों ने उसे वापस भेजने लगे तो उन्होंने उसे भारत की बजाय अबूधाबी भेज दिया और उसके सारे पैसे भी छीन लिए। एजेंट ने उसका पीछा किया और उसे फंसाने के लिए उन्होंने एक लड़की को भी उसके पीछे भेजा। लड़की ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए दूसरी लड़की जो पंजाब की रहने वाली थी, उसे समझाया और उसे भी अपनी सूझबुझ से सुरक्षित वापस ले आई। उन्होंने वापसी के दौरान देर रात तक मदद करने के लिए संत सीचेवाल जी को भी धन्यवाद दिया, जिससे दोनों लड़कियों की घर वापसी संभव हो सकी। एजेंटों पर भरोसा ना करें : संत सीचेवाल उधर राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने पंजाब के लोगों से अपील की कि वे किसी भी एजेंट पर भरोसा न करें, क्योंकि अब तक सभी ट्रैवल एजेंटों ने लोगों को धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि खाड़ी देशों में महिलाओं के साथ लगातार हो रहे शोषण को रोकने की जरूरत है। वहां लड़कियों की स्थिति बहुत दयनीय है। उन्होंने इन लड़कियों को बचाने और उन्हें उनके परिवारों के पास सुरक्षित वापस लाने के प्रभावी प्रयासों के लिए विदेश मंत्रालय और विशेष रूप से भारतीय दूतावासों को धन्यवाद दिया।