इंजीनियर राशिद की जमानत से क्यों खफा हैं महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला? समझें पूरी कहानी

इंजीनियर राशिद की जमानत से क्यों खफा हैं महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला? समझें पूरी कहानी

<p style=”text-align: justify;”><strong>jammu Kashmir Assembly Election 2024:</strong> करीब पांच साल तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद रहे कश्मीर के अलगाववादी नेता इंजीनियर राशिद जमानत पर रिहा होते हैं, तो वो सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर होते हैं. नरेंद्र मोदी की कश्मीर की नीतियों पर हमलावर होते हैं, लेकिन बीजेपी चुप रहती है. वहीं रिहाई पर महबूबा मुफ्ती के साथ ही फारूक अब्दुल्ला सवाल खड़े कर देते हैं और सीधे तौर पर उस अलगाववादी नेता को बीजेपी का एजेंट बता देते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तो सवाल है कि आखिर इंजीनियर राशिद में ऐसा क्या है कि जिसकी रिहाई पर बीजेपी को विरोध करना चाहिए तो वो चुप है, जबकि जिन्हें खुश होना चाहिए वो नाराज हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार करने के लिए इंजीनियर राशिद को जमानत मिली है. वो कश्मीर के बारामूला से निर्दलीय सांसद हैं. यूएपीए के तहत 2019 से ही दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं, क्योंकि उन पर टेरर फंडिंग के आरोप हैं. लेकिन वो जम्मू-कश्मीर की एक सियासी पार्टी जम्मू-कश्मीर अवामी इत्तेहाद पार्टी के संस्थापक भी हैं और सांसद भी. तो चुनाव प्रचार करने के लिए एनआईए की अदालत ने उन्हें कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी है. इस जमानत के बाद रिहाई पर कश्मीर वापसी के साथ ही इंजीनियर राशिद ने सीधे प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> को निशाने पर लिया है और धारा 370 को हटाने की मुखालफत की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहले विधायक और फिर बने सांसद</strong><br />राशिद की ये मुखालफत स्वाभाविक भी है, क्योंकि राशिद का मिजाज ऐसा ही रहा है. उनका असली नाम अब्दुल राशिद शेख है. पैदाइश हंदवाड़ा की है. वो जम्मू-कश्मीर में सरकारी नौकरी करते थे. 25 साल तक इंजीनियर रहे थे. लेकिन 2008 में इस्तीफा देकर लंगेट विधानसभा से चुनाव लड़ा और जीत भी गए. फिर 2014 में भी वो लंगेट से ही विधायक बने. 2019 में लोकसभा का चुनाव हारे और 2024 में बारामूला लोकसभा से फिर से चुनाव जीत गए, वो भी तब जब वो जेल में बंद थे. तो जाहिर है कि इंजीनियर राशिद को प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ होना ही था. तो वो पीएम मोदी के खिलाफ हैं. लेकिन राशिद की इस मुखालफत को भी जम्मू-कश्मीर के दो बड़े नेता फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती बीजेपी के मददगार के तौर पर देख रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भाई खुर्शीद अहमद के लिए करने जा रहे हैं प्रचार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अब फारूक अब्दुल्ला की तो बात समझ में आती है, क्योंकि इंजीनियर राशिद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला से जो जीत हासिल की है, वो जीत उन्हें फारूक अब्दुल्ला के बेटे, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री रहे उमर अब्दुल्ला को हराकर की है. लेकिन अब्दुल्ला परिवार से ज्यादा डरी हुईं महबूबा मुफ्ती हैं और इसकी वजह ये है कि महबूबा की राजनीति और इंजीनियर राशिद की राजनीति लगभग एक जैसी है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>महबूबा भी 370 का खुले तौर पर विरोध करती हैं और इंजीनियर राशिद भी. ऐसे में इंजीनियर राशिद बाहर आकर अपने भाई खुर्शीद अहमद के लिए उसी लंगेट सीट पर प्रचार करने जा रहे हैं, जहां से वो खुद भी दो बार विधायक रह चुके हैं. इसके अलावा और भी 22 सीटें हैं, जहां पर इंजीनियर राशिद की पार्टी चुनाव लड़ रही है. और इनमें न सिर्फ घाटी की सीटें हैं, बल्कि जम्मू की भी हैं. लिहाजा इंजीनियर राशिद की पार्टी को जो वोट मिलेंगे, वो या तो नेशनल कॉन्फ्रेंस से कटकर मिलेंगे या फिर महबूबा की पीडीपी से. और इसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा. लिहाजा महबूबा मुफ्ती परेशान हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>…तो इसलिए परेशान हैं अब्दुल्ला और महबूबा&nbsp;</strong><br />इन सभी बयानबाजी के बीच भारतीय जनता पार्टी चुप है. उसको इंतजार है एंटी बीजेपी वोटों के नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और राशिद इंजीनियर के बीच बंटने का, ताकि पार्टी न सिर्फ जम्मू में बल्कि घाटी में भी अपना जनाधार बढ़ा पाए. &nbsp;इसी वजह से सबसे ज्यादा परेशान नेशनल कॉन्फ्रेंस के अब्दुल्ला और पीडीपी की महबूबा हैं, क्योंकि इंजीनियर राशिद अब अपने चुनाव में बार-बार कह रहे हैं कि न तो कभी फारुख या उमर को कश्मीर की आवाम के लिए जेल काटनी पड़ी और न ही महबूबा या उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद को. लेकिन इंजीनियर राशिद कश्मीर की अवाम के लिए पिछले पांच साल से जेल में बंद हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब देखना ये है कि क्या इंजीनियर राशिद <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> के दौरान बारामूला से हुई जीत का करिश्मा दोहरा पाते हैं. या फिर इंजीनियर राशिद के पीएम मोदी पर हमले के बाद भी बीजेपी की चुप्पी राशिद को बीजेपी की बी टीम साबित कर देगी, जिसकी बात फारूक अब्दुल्ला या महबूबा मुफ्ती या दूसरे बीजेपी विरोधी कश्मीरी नेता कर रहे हैं. अगर कश्मीर के नेता इस बात को साबित करने में कामयाब हो जाते हैं कि इंजीनियर राशिद के खिलाफ बीजेपी की चुप्पी चुनावी रणनीति का हिस्सा है, तो फिर शायद इंजीनियर राशिद और उनकी पार्टी को कश्मीर में जमानत बचाने में भी मुश्किल आ सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Engineer Rashid: तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद श्रीनगर पहुंचे इंजीनियर राशिद, कहा- ‘पीएम मोदी का…'” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/jammu-kashmir-assembly-election-2024-mp-engineer-rashid-reached-srinagar-reaction-on-pm-narendra-modi-2781668″ target=”_self”>Engineer Rashid: तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद श्रीनगर पहुंचे इंजीनियर राशिद, कहा- ‘पीएम मोदी का…'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>jammu Kashmir Assembly Election 2024:</strong> करीब पांच साल तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद रहे कश्मीर के अलगाववादी नेता इंजीनियर राशिद जमानत पर रिहा होते हैं, तो वो सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर होते हैं. नरेंद्र मोदी की कश्मीर की नीतियों पर हमलावर होते हैं, लेकिन बीजेपी चुप रहती है. वहीं रिहाई पर महबूबा मुफ्ती के साथ ही फारूक अब्दुल्ला सवाल खड़े कर देते हैं और सीधे तौर पर उस अलगाववादी नेता को बीजेपी का एजेंट बता देते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तो सवाल है कि आखिर इंजीनियर राशिद में ऐसा क्या है कि जिसकी रिहाई पर बीजेपी को विरोध करना चाहिए तो वो चुप है, जबकि जिन्हें खुश होना चाहिए वो नाराज हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार करने के लिए इंजीनियर राशिद को जमानत मिली है. वो कश्मीर के बारामूला से निर्दलीय सांसद हैं. यूएपीए के तहत 2019 से ही दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं, क्योंकि उन पर टेरर फंडिंग के आरोप हैं. लेकिन वो जम्मू-कश्मीर की एक सियासी पार्टी जम्मू-कश्मीर अवामी इत्तेहाद पार्टी के संस्थापक भी हैं और सांसद भी. तो चुनाव प्रचार करने के लिए एनआईए की अदालत ने उन्हें कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी है. इस जमानत के बाद रिहाई पर कश्मीर वापसी के साथ ही इंजीनियर राशिद ने सीधे प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> को निशाने पर लिया है और धारा 370 को हटाने की मुखालफत की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहले विधायक और फिर बने सांसद</strong><br />राशिद की ये मुखालफत स्वाभाविक भी है, क्योंकि राशिद का मिजाज ऐसा ही रहा है. उनका असली नाम अब्दुल राशिद शेख है. पैदाइश हंदवाड़ा की है. वो जम्मू-कश्मीर में सरकारी नौकरी करते थे. 25 साल तक इंजीनियर रहे थे. लेकिन 2008 में इस्तीफा देकर लंगेट विधानसभा से चुनाव लड़ा और जीत भी गए. फिर 2014 में भी वो लंगेट से ही विधायक बने. 2019 में लोकसभा का चुनाव हारे और 2024 में बारामूला लोकसभा से फिर से चुनाव जीत गए, वो भी तब जब वो जेल में बंद थे. तो जाहिर है कि इंजीनियर राशिद को प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ होना ही था. तो वो पीएम मोदी के खिलाफ हैं. लेकिन राशिद की इस मुखालफत को भी जम्मू-कश्मीर के दो बड़े नेता फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती बीजेपी के मददगार के तौर पर देख रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भाई खुर्शीद अहमद के लिए करने जा रहे हैं प्रचार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अब फारूक अब्दुल्ला की तो बात समझ में आती है, क्योंकि इंजीनियर राशिद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला से जो जीत हासिल की है, वो जीत उन्हें फारूक अब्दुल्ला के बेटे, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री रहे उमर अब्दुल्ला को हराकर की है. लेकिन अब्दुल्ला परिवार से ज्यादा डरी हुईं महबूबा मुफ्ती हैं और इसकी वजह ये है कि महबूबा की राजनीति और इंजीनियर राशिद की राजनीति लगभग एक जैसी है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>महबूबा भी 370 का खुले तौर पर विरोध करती हैं और इंजीनियर राशिद भी. ऐसे में इंजीनियर राशिद बाहर आकर अपने भाई खुर्शीद अहमद के लिए उसी लंगेट सीट पर प्रचार करने जा रहे हैं, जहां से वो खुद भी दो बार विधायक रह चुके हैं. इसके अलावा और भी 22 सीटें हैं, जहां पर इंजीनियर राशिद की पार्टी चुनाव लड़ रही है. और इनमें न सिर्फ घाटी की सीटें हैं, बल्कि जम्मू की भी हैं. लिहाजा इंजीनियर राशिद की पार्टी को जो वोट मिलेंगे, वो या तो नेशनल कॉन्फ्रेंस से कटकर मिलेंगे या फिर महबूबा की पीडीपी से. और इसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा. लिहाजा महबूबा मुफ्ती परेशान हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>…तो इसलिए परेशान हैं अब्दुल्ला और महबूबा&nbsp;</strong><br />इन सभी बयानबाजी के बीच भारतीय जनता पार्टी चुप है. उसको इंतजार है एंटी बीजेपी वोटों के नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और राशिद इंजीनियर के बीच बंटने का, ताकि पार्टी न सिर्फ जम्मू में बल्कि घाटी में भी अपना जनाधार बढ़ा पाए. &nbsp;इसी वजह से सबसे ज्यादा परेशान नेशनल कॉन्फ्रेंस के अब्दुल्ला और पीडीपी की महबूबा हैं, क्योंकि इंजीनियर राशिद अब अपने चुनाव में बार-बार कह रहे हैं कि न तो कभी फारुख या उमर को कश्मीर की आवाम के लिए जेल काटनी पड़ी और न ही महबूबा या उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद को. लेकिन इंजीनियर राशिद कश्मीर की अवाम के लिए पिछले पांच साल से जेल में बंद हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब देखना ये है कि क्या इंजीनियर राशिद <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> के दौरान बारामूला से हुई जीत का करिश्मा दोहरा पाते हैं. या फिर इंजीनियर राशिद के पीएम मोदी पर हमले के बाद भी बीजेपी की चुप्पी राशिद को बीजेपी की बी टीम साबित कर देगी, जिसकी बात फारूक अब्दुल्ला या महबूबा मुफ्ती या दूसरे बीजेपी विरोधी कश्मीरी नेता कर रहे हैं. अगर कश्मीर के नेता इस बात को साबित करने में कामयाब हो जाते हैं कि इंजीनियर राशिद के खिलाफ बीजेपी की चुप्पी चुनावी रणनीति का हिस्सा है, तो फिर शायद इंजीनियर राशिद और उनकी पार्टी को कश्मीर में जमानत बचाने में भी मुश्किल आ सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Engineer Rashid: तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद श्रीनगर पहुंचे इंजीनियर राशिद, कहा- ‘पीएम मोदी का…'” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/jammu-kashmir-assembly-election-2024-mp-engineer-rashid-reached-srinagar-reaction-on-pm-narendra-modi-2781668″ target=”_self”>Engineer Rashid: तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद श्रीनगर पहुंचे इंजीनियर राशिद, कहा- ‘पीएम मोदी का…'</a></strong></p>  जम्मू और कश्मीर Varanasi News: वाराणसी में बड़ा हादसा, रामनगर में नवनिर्मित घाट का छज्जा गिरा, एक मजदूर की मौत