कुरुक्षेत्र | प्रजापति धर्मशाला सभा कुरुक्षेत्र की 4568 वोट न बनने पर समाज के लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है। धरना प्रदर्शन के बाद एक बार फिर समाज के लोगों नई अनाज मंडी में बैठक कर रोष जताया है। ऋषि पाल अमीन, सुभाष सीवन, अनिल बात्ता, होशियार सिंह, सुरेश चीका, सोमा किरमच, रामदास डाचर व सुभाष ने कहा कि समाज के लोगों ने 4568 वोट बनाने के लिए धर्मशाला में पैसे जमा करवा रखे हैं, लेकिन उनकी अभी तक वोट नहीं बनाई गई और न ही पैसे वापस किए गए। समाज के ही कुछ लोगों ने धर्मशाला को बेचने तक का काम किया है और लोगों का हक छीना है। इसको लेकर जिला रजिस्टर कोर्ट में केस भी किया गया, लेकिन कुछ लोग अपनी मनमानी कर रहे हैं, जिससे समाज के लोगों के साथ अन्याय हो रहा है। कुरुक्षेत्र | प्रजापति धर्मशाला सभा कुरुक्षेत्र की 4568 वोट न बनने पर समाज के लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है। धरना प्रदर्शन के बाद एक बार फिर समाज के लोगों नई अनाज मंडी में बैठक कर रोष जताया है। ऋषि पाल अमीन, सुभाष सीवन, अनिल बात्ता, होशियार सिंह, सुरेश चीका, सोमा किरमच, रामदास डाचर व सुभाष ने कहा कि समाज के लोगों ने 4568 वोट बनाने के लिए धर्मशाला में पैसे जमा करवा रखे हैं, लेकिन उनकी अभी तक वोट नहीं बनाई गई और न ही पैसे वापस किए गए। समाज के ही कुछ लोगों ने धर्मशाला को बेचने तक का काम किया है और लोगों का हक छीना है। इसको लेकर जिला रजिस्टर कोर्ट में केस भी किया गया, लेकिन कुछ लोग अपनी मनमानी कर रहे हैं, जिससे समाज के लोगों के साथ अन्याय हो रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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सोनीपत में 2 मासूम बहनों को दी यातनाएं:पिता की मौत, मां ने की दूसरी शादी; ताऊ-ताई ने कब्जाया घर, बनाया बंधक
सोनीपत में 2 मासूम बहनों को दी यातनाएं:पिता की मौत, मां ने की दूसरी शादी; ताऊ-ताई ने कब्जाया घर, बनाया बंधक हरियाणा के सोनीपत में 2 मासूम बच्चियों को प्रताड़ित करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पिता की हादसे में मौत के बाद इनकी मां ने दूसरी शादी कर ली। दादी ने इनको संभाला, लेकिन दादी की भी बाद में मौत हो गई। इसके बाद इनके लान पालन की जिम्मेदारी ताऊ के परिवार के पास आ गई। आरोप है कि दोनों की जमीन-जायदाद हड़पने के लिए ताऊ का परिवार उनको यातना दे रहा था। दोनों बच्चियों को घायल हालत में अस्पताल में दाखिल कराया गया। उनके शरीर पर चोट के निशान मिले हैं। सोनीपत के गांव पहलादपुर किढौली के रहने वाले जय भगवान ने थाना खरखौदा में बच्चियों पर अत्याचार को लेकर शिकायत दी है। उसने बताया कि एक बच्ची की उम्र 6 व दूसरी की 5 साल है। इनके पिता राहुल की करीब 2 साल पहले सडक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। राहुल की मृत्यु के बाद राहुल की पत्नी संगीता बच्चों को छोड़ कर चली गई और उसने दूसरी शादी कर ली। इसके बाद बाद दोनों बच्चियों की देखभाल बुजुर्ग दादी कांता देवी पर आ गई। दादी की मौत के बाद ताऊ के जुल्म जयभगवान ने बताया कि 12 अप्रैल को कान्ता देवी की हार्ट अटैक से मौत हाे गई। उसके बाद दोनों नाबालिग बच्चियों की देखभाल उनका ताऊ हितेश व उनकी पत्नी सविता कर रहे थे। बच्चियों के ताऊ व ताई पर दोनों बच्चियों पर तरह-तरह की यातनाएं देने के आरोप लगे हैं। पुलिस को बताया गया है कि ये दोनों बच्चियों को बुरी तरह क्रुरता से पिटाई करते हैं और इनको घर में बन्द करके रखते हैं। ये दोनों बच्चियो की जमीन व जायदाद हड़पना चाहते हैं। घर पर कर लिया कब्जा जयभगवान ने बताया कि दादी कान्ता देवी की मृत्यु के बाद हितेश व उसकी पत्नी सविता ने बच्चियों के घर पर कब्जा कर लिया। उनके घर में पशुचारा डाल लिया और भैंस बांधने लगे। उनके घर में रखा फ्रीज, TV व कूलर को बेच दिया। घर का अन्य सामान भी बेच दिया गया। आरोप है कि दोनों पति-पत्नी इन बच्चियों की हत्या करके इनकी जमीन व जायदाद हड़पना चाहते हैं। अस्पताल में कराई दाखिल, चोटों के मिले निशान थाना खरखौदा के ASI वेदपाल के अनुसार रविवार को CHC खरखौदा से सूचना मिली थी कि पहलादपुर किढौली गांव से दो बच्चियां चोट लगने के कारण दाखिल हैं। वे अस्पताल पहुंचे तो वहां डॉक्टर ने बताया कि एक बच्ची के शरीर पर चोट के तीन निशान हैं। इसी प्रकार दूसरी बच्ची के शरीर पर भी चोट के दो निशान हैं। वहां पर जयभगवान ने बच्चियों पर ताऊ व ताई के अत्याचार व यातना की जानकारी दी। पुलिस ने थाना खरखौदा में हितेश व उसकी पत्नी सविता के खिलाफ धारा 323, 506, 34 IPC व 75 JJ एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस छानबीन कर रही है।
खट्टर के दिल्ली जाने से नहीं हो रहा डैमेज कंट्रोल:CM सिटी के 5 बड़े नेता पार्टी छोड़ गए; केवल एक को ही मना पाए सैनी
खट्टर के दिल्ली जाने से नहीं हो रहा डैमेज कंट्रोल:CM सिटी के 5 बड़े नेता पार्टी छोड़ गए; केवल एक को ही मना पाए सैनी हरियाणा के पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर के सांसद बनने पर करनाल छोड़ने से भाजपा के हाथ से जिले की पकड़ भी ढीली होती जा रही है। यहां लगातार नेताओं के इस्तीफे आ रहे हैं और पार्टी में बगावती सुर भी मुखर हो रहे हैं। मौजूदा CM नायब सैनी करनाल में डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन बात नहीं बन रही, क्योंकि पार्टी ने नायब सैनी को भी करनाल छोड़ लाडवा से उम्मीदवार बनाया है। जबकि सैनी खुद चाहते थे कि वह करनाल से ही विधानसभा चुनाव लड़ें। पार्टी की रिपोर्ट में बताया गया है कि नायब सैनी को बाहरी होने के कारण करनाल की जनता नापसंद कर रही थी, इसलिए उन्हें करनाल की बजाय लाडवा से कैंडिडेट घोषित किया गया है। जगमोहन आनंद को लोकल होने के चलते करनाल सीट पर खड़ा किया गया है, लेकिन पार्टी से अलग हुए नेता हरपाल कलामपुरा कह चुके हैं कि सैनी को पार्टी ने ही परेशान कर लाडवा भेजा है। करनाल में राजनीति के जानकार मानते हैं कि जब तक यहां से मनोहर लाल खट्टर विधायक रहे और 2 बार CM बने, तब तक पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक था। क्योंकि यहां के ज्यादातर नेता खट्टर के जरिए ही पार्टी में लाए गए, और उनसे ही इन नेताओं को विधानसभा चुनाव में टिकट दिलवाने की आशा थी। खट्टर के दिल्ली की राजनीति में इन्वॉल्व होने से करनाल के नेता टिकट से भी वंचित रह गए। इसका असर यह हुआ कि जिले के 5 बड़े नेता अब तक पार्टी छोड़ चुके हैं। करनाल में भाजपा के हालात बिगड़ने के 3 प्रमुख कारण… 1. पूर्व सीएम खट्टर की दूरी
केंद्रीय मंत्री बनने के बाद मनोहर लाल खट्टर की करनाल से दूरी बढ़ गई, जबकि खट्टर ही वह धागा थे, जिससे करनाल के नेता एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। उनके केंद्र में चले जाने से इन नेताओं को भाजपा का कोई अन्य बड़ा नेता संभाल नहीं पाया, जिससे पार्टी यहां कमजोर हो चली है और नेतृत्व भटकता नजर आ रहा है। 2. टिकट कटने से नाराजगी
खट्टर पंजाबी समाज से आते हैं। लोकसभा में जाने के बाद उपचुनाव में नायब सैनी को यहां से चुनाव लड़वाया गया। उस समय भी बाहरी होने का मुद्दा उठा था, लेकिन खट्टर इसे कंट्रोल कर गए। इसके चलते सैनी को उपचुनाव में जीत मिली। लोकल-बाहरी का मुद्दा इस बार न बने, इसलिए पार्टी ने सैनी को लाडवा विधानसभा भेज दिया और पंजाबी चेहरा जगमोहन आनंद को यहां से उम्मीदवार बना दिया। हालांकि, कार्यकर्ता यहां विरोध जगमोहन आनंद का भी कर रहे हैं, क्योंकि उनकी कहना है कि जगमोहन यहां एक्टिव नहीं रहे। इनके लिए पार्टी ने खट्टर के करीबी 4 नेताओं रेणु बाला गुप्ता, मुकेश अरोड़ा, अशोक सुखीजा और जय प्रकाश को दरकिनार कर दिया। 3. बागी नेताओं को नहीं मनाया गया
तीसरा मुख्य कारण यह भी माना जा रहा है कि टिकट कटने से नाराज नेताओं को मनाने के लिए न तो CM नायब सैनी पहुंचे और न ही पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर पहुंच पाए। इस कारण असंध से जिले राम शर्मा, करनाल से पूर्व मंत्री जय प्रकाश, इंद्री से कर्ण देव कंबोज, करनाल से हरपाल कलामपुरा और युवा नेता सुरेंद्र उड़ाना पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। पूर्व मेयर को मना लिया, लेकिन प्रचार से दूरी
करनाल की पूर्व मेयर रेणु बाला गुप्ता भी टिकट न मिलने से नाराज हो गई थीं, लेकिन भाजपा ने उन्हें मना लिया है। मुख्यमंत्री सैनी खुद उन्हें मनाने के लिए पहुंचे थे। मनोहर लाल खट्टर ने भी उनके घर जाकर उनसे बात की। इसके बाद रेणु बाला ने भाजपा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया और शनिवार को हुई प्रधानमंत्री की पब्लिक मीटिंग में भी शामिल हुईं। हालांकि, भाजपा कैंडिडेट जगमोहन आनंद के चुनाव प्रचार से उन्होंने दूरी बनाई हुई है, जबकि रेणु बाला को मनाने और उनका समर्थन मांगने के लिए उनके घर जगमोहन आनंद भी गए थे। करनाल से बाहर भी BJP में घमासान
इंद्री में पूर्व राज्य मंत्री और पूर्व विधायक कर्ण देव कंबोज ने BJP को ‘गद्दारों की पार्टी’ बताते हुए छोड़ दिया। उन्हें मनाने के लिए CM नायब सैनी पहुंचे थे, लेकिन कंबोज इतने नाराज थे कि उन्होंने सैनी से हाथ तक नहीं मिलाया। इसके बाद कंबोज कांग्रेस में शामिल हो गए। इंद्री में ही प्रदेश मीडिया कोआर्डिनेटर सुरेंद्र उड़ाना ने भी BJP को अलविदा कह दिया और BSP-INLD के उम्मीदवार बनकर मैदान में उतर गए। उधर, जिलेराम शर्मा ने भी पार्टी छोड़ दी। उन्होंने 6 महीने पहले ही पूर्व CM मनोहर लाल के नेतृत्व में BJP जॉइन की थी। 2014 में करनाल की पांचों सीटें जीती भाजपा
2014 के विधानसभा चुनाव में मोदी की लहर के दम पर करनाल की पांचों सीटें करनाल, इंद्री, असंध, नीलोखेड़ी और घरौंडा भाजपा ने जीती थीं। इसके बाद 2019 के चुनाव में भी भाजपा ने घरौंडा, करनाल और इंद्री में जीत का सिलसिला जारी रखा, लेकिन असंध और नीलोखेड़ी को भाजपा ने गंवा दिया। दोनों चुनाव खट्टर के नेतृत्व में ही लड़े गए। इस बार पार्टी ने करनाल और असंध सीट पर चेहरे बदले हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष बना हुआ है। इसके बीच पार्टी के लिए पिछले 2 बार जैसे प्रदर्शन को दोहराना बड़ी चुनौती होगी।
नूंह में हाजी सोहराब का JJP पर तंज:बोले- दुष्यंत चौटाला के कार्यक्रम में 150 लोग भी नहीं पहुंचे, चाचा अभय से माफी मांगने की नसीहत
नूंह में हाजी सोहराब का JJP पर तंज:बोले- दुष्यंत चौटाला के कार्यक्रम में 150 लोग भी नहीं पहुंचे, चाचा अभय से माफी मांगने की नसीहत नूंह में इनेलो पार्टी से गुड़गांव लोकसभा प्रत्याशी रहे वरिष्ठ इनेलो नेता हाजी सोहराब खान ने अपने कार्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए मंगलवार को आयोजित जेजेपी के जिला स्तरीय कार्यक्रम पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि नूंह में आयोजित जेजेपी के कार्यक्रम में अजय चौटाला और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला आए, लेकिन 150 लोग भी नहीं पहुंचे। इससे साफ पता चलता है कि जेजेपी के पास अब कोई जनाधार नहीं रहा। विधानसभा चुनाव में जेजेपी को एक भी सीट नहीं आएगी जेजेपी के इस जिला स्तरीय कार्यक्रम में दोनों बड़े नेता शामिल हुए, लेकिन उसके बावजूद कोई भीड़ नहीं आई। यह देखकर दोनों के चेहरे मुरझा गए। हाजी सोहराब ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में जेजेपी को एक भी सीट नहीं मिलेगी। जेजेपी अब बहुत निचले स्तर पर आ गई है। दुष्यंत चौटाला को अपने चाचा अभय चौटाला से माफी मांगनी चाहिए और उनके पैर पकड़ने चाहिए, तभी कुछ अच्छा हो सकता है। वहीं हाजी सोहराब ने इनेलो बसपा गठबंधन पर कहा कि हरियाणा में इनेलो 53 और बसपा 37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। यह गठबंधन हरियाणा की भलाई के लिए हुआ है। चौधरी अभय चौटाला द्वारा शुरू की गई 4200 किलोमीटर लंबी पदयात्रा का विधानसभा चुनाव पर असर पड़ेगा।