हरियाणा के हिसार जिले की बरवाला विधानसभा में कांग्रेस नेता रामनिवास घोड़ेला की उम्मीदवारी का विरोध हो रहा है। किसान नेताओं ने इसको लेकर 20 सितंबर को पंचायत बुलाई है। बरवाला के किसानों और मजदूर वर्ग के मुख्य लोगों की एक मीटिंग भी जाट धर्मशाला में हुई। इसमें किसान नेता जोगेन्द्र माईयड़ ने बताया कि एक तरफ तो कांग्रेस हरियाणा में जगह-जगह पर कहती है कि हमें तो लोकसभा की 5 सीटें किसान, सरदारी व मजदूरों के मिले अपार समर्थन से मिली है। राहुल गांधी ने ये भी कहा था कि किसी भ्रष्ट व्यक्ति को टिकट ना दी जाए। किसानों ने एआईसीसी दफ्तर दिल्ली में पिछले दिनों टिकट वितरण को लेकर भारी विरोध किया था। मगर कांग्रेस ने बरवाला में सीएलयू कांड के आरोपी को टिकट दे दी। किसानों ने कहा कि हमने मीटिंग करके सर्व सम्मति से एक 31 सदस्यीय कमेटी बनाई है और उनकी ड्यूटी लगाई है। ये कमेटियां स्वयं गांव-गांव जाएंगी और 20 सितंबर को होने वाली मीटिंग के लिए निमंत्रण देंगी। घोड़ेला का साथ नहीं दे रहे कांग्रेसी
बता दें कि सीएलयू कांड के आरोप में राम निवास घोड़ेला पर आरोप हैं। उम्मीदवार का विरोध टिकट मिलने से पहले हो रहा था। ऐसे में कांग्रेस के स्थानीय नेता भी घोड़ेला का साथ नहीं दे रहे हैं। कांग्रेस नेता राजेंद्र सूरा, कृष्ण सातरोड़ और भूपेंद्र गंगवा कांग्रेस प्रत्याशी से दूरी बनाए हुए हैं। ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए चुनाव में आगे और मुश्किलें बढ़ने वाली है। राम निवास घोड़ेला पर दर्ज हुआ था केस
2009 से 2014 के बीच तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रहे विनोद भ्याना, रामकिशन फौजी, विधायक जरनैल सिंह, स्वास्थ्य मंत्री राव नरेंद्र सिंह, विधायक नरेश सेलवाल ने सीएलयू करवाने के लिए, वक्फ बोर्ड की जमीन रिलीज करवाने के लिए और विधायक रामनिवास घोड़ेला ने सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत ईंट भट्टों पर बच्चों को पढ़ाने का काम एनजीओ को दिलवाने के लिए घूस की मांग की थी। इस मामले के बारे में एक स्टिंग आपरेशन किया गया था। उस स्टिंग ऑपरेशन के आधार पर इनेलो ने 2014 में इन सबके खिलाफ भ्रष्ट आचरण की शिकायत लोकायुक्त से की थी। तत्कालीन लोकायुक्त ने 16 दिसंबर, 2015 को उपरोक्त सभी को भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत एसआईटी गठित करके जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने कहा कि 27 जुलाई, 2015 को तत्कालीन एडीजीपी एवं एसआईटी के इंचार्ज वी कामराजा ने इन सबको भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दोषी माना और इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की थी। जिसके आधार पर इन सबके खिलाफ मुकदमे स्टेट विजिलेंस ब्यूरो द्वारा दर्ज किए गए थे। विनोद भ्याना का पीए जेल में भी रहा और उसके खिलाफ हिसार में मुकदमा चल रहा है। कुम्हार समाज ने भी घोड़ेला का साथ छोड़ा, गंगवा ने समर्थन दिया
रामनिवास घोड़ेला के विरोध के चलते बरवाला विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रणबीर गंगवा को हलके के कुम्हार समाज के लोगों ने अपना समर्थन देने की घोषणा की है। इसको लेकर बरवाला की कुम्हार धर्मशाला के प्रधान डॉ देशराज, सचिव जगरूप व अन्य पदाधिकारियों की उपस्तिथि में कुम्हार समाज के प्रतिनिधियों ने यह घोषणा की। कुम्हार समाज के लोगों ने कहा कि घोड़ेला सीएलयू कांड का आरोपी है जबकि रणबीर गंगवा सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर रहे मगर उन पर एक दाग तक नहीं है। प्रतिनिधियों ने कहा कि वे समाज के बागी व दागी उम्मीदवार का साथ नहीं देंगे। ऐसा नेता समाज का भला नहीं कर सकता जो पहली बार विधायक बनने पर अपने समाज को भूल सीएलयू गैंग में शामिल हो गया था। हरियाणा के हिसार जिले की बरवाला विधानसभा में कांग्रेस नेता रामनिवास घोड़ेला की उम्मीदवारी का विरोध हो रहा है। किसान नेताओं ने इसको लेकर 20 सितंबर को पंचायत बुलाई है। बरवाला के किसानों और मजदूर वर्ग के मुख्य लोगों की एक मीटिंग भी जाट धर्मशाला में हुई। इसमें किसान नेता जोगेन्द्र माईयड़ ने बताया कि एक तरफ तो कांग्रेस हरियाणा में जगह-जगह पर कहती है कि हमें तो लोकसभा की 5 सीटें किसान, सरदारी व मजदूरों के मिले अपार समर्थन से मिली है। राहुल गांधी ने ये भी कहा था कि किसी भ्रष्ट व्यक्ति को टिकट ना दी जाए। किसानों ने एआईसीसी दफ्तर दिल्ली में पिछले दिनों टिकट वितरण को लेकर भारी विरोध किया था। मगर कांग्रेस ने बरवाला में सीएलयू कांड के आरोपी को टिकट दे दी। किसानों ने कहा कि हमने मीटिंग करके सर्व सम्मति से एक 31 सदस्यीय कमेटी बनाई है और उनकी ड्यूटी लगाई है। ये कमेटियां स्वयं गांव-गांव जाएंगी और 20 सितंबर को होने वाली मीटिंग के लिए निमंत्रण देंगी। घोड़ेला का साथ नहीं दे रहे कांग्रेसी
बता दें कि सीएलयू कांड के आरोप में राम निवास घोड़ेला पर आरोप हैं। उम्मीदवार का विरोध टिकट मिलने से पहले हो रहा था। ऐसे में कांग्रेस के स्थानीय नेता भी घोड़ेला का साथ नहीं दे रहे हैं। कांग्रेस नेता राजेंद्र सूरा, कृष्ण सातरोड़ और भूपेंद्र गंगवा कांग्रेस प्रत्याशी से दूरी बनाए हुए हैं। ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए चुनाव में आगे और मुश्किलें बढ़ने वाली है। राम निवास घोड़ेला पर दर्ज हुआ था केस
2009 से 2014 के बीच तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रहे विनोद भ्याना, रामकिशन फौजी, विधायक जरनैल सिंह, स्वास्थ्य मंत्री राव नरेंद्र सिंह, विधायक नरेश सेलवाल ने सीएलयू करवाने के लिए, वक्फ बोर्ड की जमीन रिलीज करवाने के लिए और विधायक रामनिवास घोड़ेला ने सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत ईंट भट्टों पर बच्चों को पढ़ाने का काम एनजीओ को दिलवाने के लिए घूस की मांग की थी। इस मामले के बारे में एक स्टिंग आपरेशन किया गया था। उस स्टिंग ऑपरेशन के आधार पर इनेलो ने 2014 में इन सबके खिलाफ भ्रष्ट आचरण की शिकायत लोकायुक्त से की थी। तत्कालीन लोकायुक्त ने 16 दिसंबर, 2015 को उपरोक्त सभी को भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत एसआईटी गठित करके जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने कहा कि 27 जुलाई, 2015 को तत्कालीन एडीजीपी एवं एसआईटी के इंचार्ज वी कामराजा ने इन सबको भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दोषी माना और इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की थी। जिसके आधार पर इन सबके खिलाफ मुकदमे स्टेट विजिलेंस ब्यूरो द्वारा दर्ज किए गए थे। विनोद भ्याना का पीए जेल में भी रहा और उसके खिलाफ हिसार में मुकदमा चल रहा है। कुम्हार समाज ने भी घोड़ेला का साथ छोड़ा, गंगवा ने समर्थन दिया
रामनिवास घोड़ेला के विरोध के चलते बरवाला विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रणबीर गंगवा को हलके के कुम्हार समाज के लोगों ने अपना समर्थन देने की घोषणा की है। इसको लेकर बरवाला की कुम्हार धर्मशाला के प्रधान डॉ देशराज, सचिव जगरूप व अन्य पदाधिकारियों की उपस्तिथि में कुम्हार समाज के प्रतिनिधियों ने यह घोषणा की। कुम्हार समाज के लोगों ने कहा कि घोड़ेला सीएलयू कांड का आरोपी है जबकि रणबीर गंगवा सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर रहे मगर उन पर एक दाग तक नहीं है। प्रतिनिधियों ने कहा कि वे समाज के बागी व दागी उम्मीदवार का साथ नहीं देंगे। ऐसा नेता समाज का भला नहीं कर सकता जो पहली बार विधायक बनने पर अपने समाज को भूल सीएलयू गैंग में शामिल हो गया था। हरियाणा | दैनिक भास्कर