हरियाणा के करनाल में भाजपा नेताओं और पार्षदों को पार्टी छोड़ने का सिलसिला लगातार जारी है। करनाल में भाजपा खेमे के पार्षदों ने कांग्रेस में शामिल होकर बीजेपी को झटका दे दिया। करनाल के पार्षद ईश गुलाटी, रामनगर से पार्षद बिट्टू उर्फ हरिश व युद्धवीर सैनी भाजपा को छोड़कर कांग्रेस को अपना समर्थन दे चुके है। आज गिन्नी विर्क, रामचंद्र काल सहित 4 पार्षद भी कांग्रेस में शामिल हो गए। गिन्नी विर्क का कहना है कि भाजपा 10 साल करनाल की सत्ता में रही, लेकिन मनोहर लाल खट्टर करनाल में ऊपर ऊपर से काम करवाकर चले गए। हमने पूर्व विधायक सुमिता सिंह का भी शासन काल देखा है। खट्टर के पहले पांच सालों में करनाल की सड़के या विकास कार्य उखड़े हुए होने चाहिए थे, और अगले पांच सालों में सबकुछ स्मूथ हो जाना चाहिए था। इसके अलावा आज भी भाजपा से 10 के करीब पार्टी के पूर्व व मौजूदा पदाधिकारी भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो रहे है। नगर निगम के अधिकारियों पर भी लगाए आरोप भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए मौजूद पार्षद गिन्नी ने कहा कि नगर निगम में भी अधिकारियों ने सही तरीके से काम नहीं किए। रामचंद्र काला ने कहा कि 2014 में मनोहर लाल मेरे घर पर आए थे और कहा था कि मेरे साथ दो, मैने कहा था कि अगर सुमिता सिंह इलैक्शन नहीं लडेगी तो मैं आपका साथ दे दूंगा। तब सुमिता सिंह ने इलेक्शन नहीं लड़ा और मैं बीजेपी में शामिल हो गया था। अब सुमिता सिंह इलैक्शन लड़ रही है तो मैं सुमिता सिंह का साथ दे रहा हूं। सुमिता सिंह ने हमारे बहुत काम करवाए थे। जब बीजेपी में था तो मेरी पत्नी बीमार हो गई थी और किसी भी बीजेपी वाले ने कोई सुध नहीं ली। सुमिता सिंह मेरे घर पर बार-बार हाल चाल जानने के लिए आई। दिनेश शर्मा का कहना है कि मैं कांग्रेस और सुमिता सिंह के साथ हूं। भाजपा हुआ उनका शोषण पार्षद रामचंद्र काला ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा में निरंतर उनका शोषण होता रहा है और यह ड्राइंग रूम से चलने वाली पार्टी है। मनोहर लाल ने भाजपा का नाश किया है उस जैसा जीरो नेता आज तक न तो धरती पर था और न ही होगा। कोई एक आदमी यह बता दे कि उन्होंने कितनी सेल्फी मनोहर लाल के साथ ले रखी है। मनोहर लाल ने सेक्टर-6 में कोठी ले रखी थी और उन्होंने कह रखा था कि यहा कोई नहीं आएगी। ऐसे में गरीब आदमी दिल्ली कैसे जाएगा, तो काम किससे करवाए। हमारी कालोनी ही आज तक पक्की नहीं करवा पाया। व्यापारियों का नुकसान करने का काम भाजपा ने किया है। प्रॉपर्टी आईडी के नाम पर लोगों को परेशान किया है। भाजपा की राजनीति षड्यंत्रकारी पार्टी है और इन लोगों ने नायब सैनी को यहां से भगाने का काम किया है। हरियाणा के करनाल में भाजपा नेताओं और पार्षदों को पार्टी छोड़ने का सिलसिला लगातार जारी है। करनाल में भाजपा खेमे के पार्षदों ने कांग्रेस में शामिल होकर बीजेपी को झटका दे दिया। करनाल के पार्षद ईश गुलाटी, रामनगर से पार्षद बिट्टू उर्फ हरिश व युद्धवीर सैनी भाजपा को छोड़कर कांग्रेस को अपना समर्थन दे चुके है। आज गिन्नी विर्क, रामचंद्र काल सहित 4 पार्षद भी कांग्रेस में शामिल हो गए। गिन्नी विर्क का कहना है कि भाजपा 10 साल करनाल की सत्ता में रही, लेकिन मनोहर लाल खट्टर करनाल में ऊपर ऊपर से काम करवाकर चले गए। हमने पूर्व विधायक सुमिता सिंह का भी शासन काल देखा है। खट्टर के पहले पांच सालों में करनाल की सड़के या विकास कार्य उखड़े हुए होने चाहिए थे, और अगले पांच सालों में सबकुछ स्मूथ हो जाना चाहिए था। इसके अलावा आज भी भाजपा से 10 के करीब पार्टी के पूर्व व मौजूदा पदाधिकारी भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो रहे है। नगर निगम के अधिकारियों पर भी लगाए आरोप भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए मौजूद पार्षद गिन्नी ने कहा कि नगर निगम में भी अधिकारियों ने सही तरीके से काम नहीं किए। रामचंद्र काला ने कहा कि 2014 में मनोहर लाल मेरे घर पर आए थे और कहा था कि मेरे साथ दो, मैने कहा था कि अगर सुमिता सिंह इलैक्शन नहीं लडेगी तो मैं आपका साथ दे दूंगा। तब सुमिता सिंह ने इलेक्शन नहीं लड़ा और मैं बीजेपी में शामिल हो गया था। अब सुमिता सिंह इलैक्शन लड़ रही है तो मैं सुमिता सिंह का साथ दे रहा हूं। सुमिता सिंह ने हमारे बहुत काम करवाए थे। जब बीजेपी में था तो मेरी पत्नी बीमार हो गई थी और किसी भी बीजेपी वाले ने कोई सुध नहीं ली। सुमिता सिंह मेरे घर पर बार-बार हाल चाल जानने के लिए आई। दिनेश शर्मा का कहना है कि मैं कांग्रेस और सुमिता सिंह के साथ हूं। भाजपा हुआ उनका शोषण पार्षद रामचंद्र काला ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा में निरंतर उनका शोषण होता रहा है और यह ड्राइंग रूम से चलने वाली पार्टी है। मनोहर लाल ने भाजपा का नाश किया है उस जैसा जीरो नेता आज तक न तो धरती पर था और न ही होगा। कोई एक आदमी यह बता दे कि उन्होंने कितनी सेल्फी मनोहर लाल के साथ ले रखी है। मनोहर लाल ने सेक्टर-6 में कोठी ले रखी थी और उन्होंने कह रखा था कि यहा कोई नहीं आएगी। ऐसे में गरीब आदमी दिल्ली कैसे जाएगा, तो काम किससे करवाए। हमारी कालोनी ही आज तक पक्की नहीं करवा पाया। व्यापारियों का नुकसान करने का काम भाजपा ने किया है। प्रॉपर्टी आईडी के नाम पर लोगों को परेशान किया है। भाजपा की राजनीति षड्यंत्रकारी पार्टी है और इन लोगों ने नायब सैनी को यहां से भगाने का काम किया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कांग्रेस ने 12 दिन में सैलजा को कैसे मनाया:राहुल गांधी का मैसेज, खड़गे से मिलने गईं; रैली-CM फेस समेत 2 वजहें
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पहली: हरियाणा कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी-प्रियंका गांधी के कांग्रेस उम्मीदवारों का जो शेड्यूल तैयार किया गया था, उसमें सैलजा-सुरजेवाला समर्थकों के नाम नहीं थे। इस पर सैलजा ने आपत्ति जताई, जिसके बाद प्रचार के लिए रि-शेड्यूल बनाया गया। जिसमें सबसे पहले 26 सितंबर को सैलजा समर्थक असंध से विधायक रह चुके शमशेर गोगी के यहां राहुल गांधी वोट मांगने के लिए जाएंगे। ऐसा माना जा रहा है कि राहुल गांधी कुमारी सैलजा का मान रखने के लिए उनके करीबी कैंडिडेट से अपने अभियान की शुरुआत कर रहे हैं. ताकि उनकी नाराजगी कुछ कम हो सके। दूसरा: हरियाणा कांग्रेस में CM फेस को लेकर जबरदस्त कॉन्ट्रोवर्सी चल रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा हैं। ये दोनों पार्टी के बड़े नेता अपने आप को सीएम फेस का दावेदार मान रहे हैं। सैलजा के सीएम फेस में सबसे बड़ा रोड़ा यह है कि इस बार के टिकट वितरण में पूर्व सीएम बाजी मार ले गए हैं। इनमें 72 के करीब उम्मीदवार हुड्डा समर्थक हैं, ऐसे में सैलजा के लिए मुश्किलें खड़ी हो रही हैं। ऐसे में अपना दावा और मजबूत करने के लिए सैलजा लगातार केंद्रीय नेतृत्व के यहां सीएम फेस को लेकर अपना दावा ठोंक रही हैं। इसके बाद पार्टी नेतृत्व की ओर से उन्होंने आश्वासन दिया गया है कि सीएम फेस को लेकर जो भी फैसला होगा, वह संसदीय बोर्ड ही करेगा। सैलजा के नाराज होने की ये रहीं 3 वजहें… 1. टिकट वितरण में अनदेखी: कुमारी सैलजा के नाराज होने की वजह टिकट वितरण को माना जा रहा है। सैलजा ने हरियाणा में 30 से 35 सीटें अपने समर्थकों के लिए मांगी थीं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने हुड्डा समर्थकों को तवज्जो देते हुए 90 में से 72 सीटों पर उनके समर्थकों को टिकट दी। वहीं, सैलजा खेमे के हाथ केवल 5 सीटें लगीं। कांग्रेस महासचिव एवं सांसद कुमारी सैलजा अपने बेहद करीबी डॉ. अजय चौधरी को नारनौंद विधानसभा सीट से टिकट दिलाने में भी कामयाब नहीं हो पाईं। 2. जातिगत टिप्पणी: टिकट वितरण के अंतिम दिन नारनौंद में कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ के नामांकन कार्यक्रम में एक समर्थक ने कुमारी सैलजा पर जातिगत टिप्पणी की थी। इस मामले ने तूल पकड़ा और जगह-जगह विरोध भी हुआ। दलित समाज सैलजा पर की गई टिप्पणी से आहत है। नारनौंद थाने में जस्सी पेटवाड़ समर्थक कांग्रेस कार्यकर्ता पर केस भी दर्ज हुआ है। 3. हुड्डा खेमे से तनातनी: हरियाणा कांग्रेस में दो गुट बने हुए हैं। एक गुट भूपेंद्र हुड्डा का है, तो दूसरा गुट सैलजा-सुरजेवाला और बीरेंद्र सिंह (SRB) हो गया है। किरण चौधरी भी हुड्डा से नाराजगी बता भाजपा में चली गई हैं। इसके बाद बीरेंद्र सिंह सैलजा गुट के साथ नजर आने लगे हैं। चुनाव कैंपेन में पोस्टर से लेकर बयानबाजी तक में दोनों खेमे में साफ तौर पर तनातनी देखने मिली है। BJP चुनाव में सैलजा को मुद्दा बना रही
हरियाणा में कांग्रेस का सैलजा बड़ा दलित चेहरा हैं। सूबे में चूंकि 21% दलित वोट बैंक में सैलजा का अच्छा प्रभाव है। सैलजा की नाराजगी से पार्टी को इस वोट बैंक की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। इसलिए बीजेपी भी कुमारी सैलजा की नाराजगी को चुनाव में खूब भुनाने में लगी हुई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मनोहर लाल खट्टर के अलावा सूबे के कार्यकारी मुख्यमंत्री नायब सैनी भी सैलजा की नाराजगी को लेकर लगातार सार्वजनिक मंच पर बोलकर इसे चुनावी मुद्दा बनाने में लगे हुए हैं। बीजेपी के नेता जानते हैं कि हरियाणा में 17 रिजर्व सीटें हैं। इसके अलावा सिरसा और फतेहाबाद की विधानसभा सीटों पर भी सैलजा का प्रभाव है। ऐसे में करीब 21 विधानसभा सीटें हैं, जहां कुमारी सैलजा प्रभाव रखती हैं। हरियाणा में 12 सितंबर को नामांकन के अंतिम दिन कांग्रेस ने उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की थी। तब से ही कुमारी सैलजा चुप थीं। CM फेस और टिकट वितरण पर सैलजा-हुड्डा ने क्या कहा CM चेहरे पर: मेरे पास सीएम फेस बनने का मौका अभी है। सीएम बनना कोई बीता वक्त नहीं है, जो लौटकर नहीं आएगा। कांग्रेस पार्टी में ऐसा वक्त कभी नहीं आएगा। मैं ये बात बिल्कुल क्लियर कहती हूं, कि सीएम फेस का फैसला हमेशा कांग्रेस में हाईकमान ही करता है। टिकट बंटवारे पर: इसमें हिस्सेदारी भी क्यों करें, अंत में सभी पर कांग्रेस पार्टी का ही ठप्पा होता है। ठीक है, ये कहिए अपनी-अपनी सिफारिश हम दे सकते हैं। अंत में फैसला किस्मत का ही है, किसकी खुलती है, किसकी बंद होती है। CM चेहरे पर: कांग्रेस में मुख्यमंत्री चुने जाने की अपनी प्रक्रिया है। हम भी उसी के हिसाब से चलते हैं। पहले तो विधायक बनते हैं, बहुमत देखा जाता है। इसके बाद केंद्रीय पर्यवेक्षक विधायकों की राय को जानते हैं। इसके बाद पर्यवेक्षक केंद्रीय नेतृत्व को इसकी जानकारी देता है, फिर जो भी फैसला केंद्रीय नेतृत्व लेता है उसे पार्टी के नेता स्वीकार करते हैं। इस चुनाव में भी यदि कांग्रेस की सरकार बनती है तो सीएम फेस को लेकर जो भी फैसला होगा वह मुझे मंजूर होगा। टिकट बंटवारे पर: हरियाणा में मैंने टिकट नहीं बांटे हैं, पार्टी ने दिए हैं। पार्टी नेतृत्व ने ही उन्हें ही टिकट दिया है, जो टिकाऊ और जिताऊ उम्मीदवार हैं। टिकट बांटने से पहले स्क्रीनिंग कमेटी, सेंट्रल इलेक्शन कमेटी और सब कमेटी के मंथन के बाद टिकटों का वितरण किया गया है। ये खबर भी पढ़ें… सैलजा बोलीं- डिप्टी CM नहीं बनूंगी, कांग्रेस नहीं छोड़ूंगी हरियाणा चुनाव के बीच एक बार फिर सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने कांग्रेस सरकार बनने पर CM कुर्सी पर दावा ठोका है। उन्होंने कहा कि यह कोई बीता हुआ कल नहीं, जो लौटकर नहीं आएगा। सैलजा ने डिप्टी सीएम बनने से साफ इनकार कर दिया। सैलजा ने कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने की बात को भी सिरे से खारिज कर दिया। सैलजा ने कहा कि मेरे खून में कांग्रेस है। भाजपा इसको लेकर भ्रम फैला रही है (पूरी खबर पढ़ें)
चरखी दादरी में झंडे को लेकर विवाद:पाकिस्तान का झंडा बता हिंदू संगठनों ने रोकी यात्रा; झज्जर से जा रहे थे राजस्थान
चरखी दादरी में झंडे को लेकर विवाद:पाकिस्तान का झंडा बता हिंदू संगठनों ने रोकी यात्रा; झज्जर से जा रहे थे राजस्थान हरियाणा के झज्जर जिले से राजस्थान के नरहड़ जा रही धार्मिक पद यात्रा में थामे झंडे को लेकर विवाद हो गया। शनिवार को चरखी दादरी जिले में चिड़िया गांव के समीप हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने यात्रा को रोक लिया। उनको आरोप था कि इनके हाथों में जो झंडा है, वह पाकिस्तानी है। लोगों ने यात्रा को रुकवा दिया। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। बीच सड़क पर मामला अधिक ना बढ़े इसके चलते यात्रा निकाल रहे लोगों को चिड़िया पुलिस चौकी ले जाया गया। वहां पर भी गौरक्षा व यात्रा में शामिल लोगों के बीच काफी बहस हुई। विरोध कर रहे लोगों ने उन्हें देश विरोधी ताकत बताते हुए मामले की जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जानकारी अनुसार करीब 25-30 महिला व पुरूष झज्जर जिले के साल्हावास से चरखी दादरी जिले से होते हुए पद यात्रा के जरिए राजस्थान के झूंझनू जिले के चिड़ावा क्षेत्र में स्थित हजरत शक्करबार पीर बाबा की दरगाह पर जा रहे थे। इन लोगों के आगे-आगे एक ट्रैक्टर-ट्रॉली थी, जिसमें इनका जरूरत और खाने-पीने का सामान था। उसके पीछे-पीछे ये हाथों में हरे झंडे लेकर चल रहे थे। इनके हाथों में जो झंडे थे, उन पर पीर बाबा का नाम लिखा होने के साथ-साथ 786 लिखा हुआ था और चांद-सितारे बने हुए थे। इन्हीं झंडों को कुछ संगठनों के लोगों ने पाकिस्तानी झंडे बताकर उनका विरोध कर दिया और यात्रा को रुकवा दिया गया। विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि ये देश विरोधी ताकते हैं और अब कम आदमी इस प्रकार की यात्रा निकाल रहे हैं और यदि इन्हें रोका नहीं गया तो आने वाले दिनों में और अधिक लोग इस प्रकार के झंडों वाली यात्रा निकालेंगे। हालांकि यात्रा में शामिल लोगों ने इस प्रकार की किसी भी मंशा से इनकार किया और कहा उनका मकसद भाईचारा खराब करना नहीं है। मामले को बढ़ता देख झोझू थाना प्रभारी राजकुमार टीम सहित मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को चिड़या पुलिस चौकी ले जाया गया जहां गौरक्षा व दूसरे संगठनों के लोगों ने इन लोगों की जांच कर केस दर्ज करने की मांग की है। दोनों पक्षों को समझा दिया गया :एसएचओ झोझू कलां थाना प्रभारी राजकुमार ने कहा कि ये लोग झज्जर जिले के साल्हावास से नरहड़ जा रहे थे। देश विरोधी ताकत वाला मामला नहीं था। पुलिस चौकी में दोनों पक्षों को बैठाकर समझा दिया गया है किसी ने लिखित शिकायत नहीं दी है। जिसके बाद यात्रा नरहड़ के लिए निकल गई है।