लुटेरों से भिड़े हरियाणा के ज्वेलर की बहादुरी की कहानी:बोला- मैंने बहरूपिये समझे, बदमाशों की पिस्तौल पकड़ी, सोचा या मैं नहीं, या वो नहीं

लुटेरों से भिड़े हरियाणा के ज्वेलर की बहादुरी की कहानी:बोला- मैंने बहरूपिये समझे, बदमाशों की पिस्तौल पकड़ी, सोचा या मैं नहीं, या वो नहीं

‘दो युवक मुंह बांध कर दुकान में आए थे। मैं उनको बहरूपिया समझ रहा था। पिस्तौल तानकर उन्होंने कहा कि जितना सोना है, सब दे दो। उन्होंने मेरा फोन खींचा तो मैं चौकन्ना हुआ। मैंने एक लुटेरे को पकड़ लिया। मेरे दिमाग में एक ही बात थी, आज या तो मैं नहीं, या वो नहीं।’ ये बात सोनीपत में लुटेरों से भिड़ने वाले ज्वेलर जितेंद्र वर्मा ने कही। शुक्रवार (25 अक्टूबर) को इनकी गोहाना रोड स्थित यूनीक ज्वेलर्स की दुकान पर 2 लुटेरे घुस आए थे। लुटेरों ने दुकानदार जितेंद्र वर्मा के सिर पर पिस्तौल के बट से वार किया। खून से लथपथ होने के बाद भी दुकानदार ने युवकों को रोकने की कोशिश की और उन पर हमला करता रहा। आखिर में युवक दुकान से लाखों रुपए कैश के अलावा सोना, चांदी के जेवर व हीरे का एक हार लूट कर फरार हो गए। घटना की CCTV वीडियो भी सामने आई थी। जितेंद्र की बहादुरी को लेकर व्यापार मंडल जल्द उन्हें सम्मानित करेगा। वर्मा बोले- युवक बोले 10-20 रुपए दे दो सोनीपत की चौहान कॉलोनी में रहने वाले जितेंद्र वर्मा ने बताया कि उसकी उम्र 52 साल है। वर्षों से उसका ज्वेलरी का काम है। उसने 30-35 साल तक सोनीपत की कच्चे क्वार्टर मार्केट में काम किया। वहां से अब दुकान चेंज करके दो ढाई साल से गोहाना रोड पर आया हूं। कल 25 अक्टूबर को दोपहर को 2 लड़के दुकान के अंदर आए। उन्होंने आते ही पिस्टल को लोड करने के लिए लीवर खींचा। उसने सोचा कि बहरूपिये होंगे। थोड़ी देर बाद कहने लगे कि 10-20 रुपए दे दो बाऊ जी। वह आराम से बैठा रहा। दोनों में से एक युवक ने आंखें बड़ी करके कहा कि जितना कुछ भी निकाल दे। मैंने कहा क्या निकाल दूं। उसने कहा कि जितना भी सोना इकट्‌ठा कर रखा है, निकाल दे। इसके बाद युवक ने हाथ से उसका फोन खींचा तो वह सीरियस हुआ। इसके बाद जिस हाथ में उसकी पिस्तौल थी, मैंने उस हाथ को पकड़ लिया। जितना जोर से थप्पड़ मार सकता था, मैंने मार दिया। फिर दूसरा उसकी तरफ बंदूक लेकर आया तो उसने उसकी बंदूक भी पकड़ ली। उसको भी मैंने मारा। दरवाजे की तरफ भागा जितेंद्र वर्मा ने आगे बताया कि फिर मैं दरवाजे की तरफ भागा, ताकि दरवाजा खोल बाहर निकलूं। इस पर एक युवक ने तेज से धक्का मारा, जिससे में पीछे काउंटर की तरफ गिर गया। काउंटर मेरे को लगा, मैं नीचे गिरा तो मैंने एक लड़के को पकड़ लिया। दूसरे को कह दिया कि तू कुछ भी कर ले, इसको नहीं छोड़ूंगा। वो मेरे को अंदर की तरफ खींच रहा था और मैं उसे बाहर की तरफ। वो मुझे अंदर ले गया। वहां मैं गिर गया। इसके बाद युवक ने गल्ले में से सामान उठाया और साथी से कहा कि भाग ले। गोली मारने की थी तैयारी जितेंद्र के मुताबिक मैं जब नीचे गिरा था तो युवक पिस्तौल का लीवर खींच रहा था। पिस्तौल का मुंह उसकी तरफ था। साथी की आवाज सुनकर वह भी मुड़ कर बाहर की तरफ भाग लिया। मैं भी उनके पीछे भागा। दुकान के बाहर सड़क पर लड़का बिल्कुल आराम से खड़ा था। भागने की भी कोशिश नहीं कर रहा था। मोटरसाइकिल साथ में खड़ी थी और पिस्तौल अंदर पैंट में डाल रहा था। मुझे और कुछ नहीं मिला। पास में ईंट पड़ी थी, वो उठाई और लुटेरों को मारनी शुरू कर दी। एकदम से युवक का मोबाइल गिर गया तो मैंने मोबाइल को उठा लिया। बाद में देखा कि वो मेरा ही मोबाइल था, जो उसने शुरू में छीना था। इसके बाद मैंने 2 ईंट और फेंकी। पड़ोसियों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि पकड़ो इसे, ये लड़ाई झगड़ा नहीं डकैती है। इसके बाद सामने वाले मिस्त्री ने भी ईंट उठा कर मारी। युवक की पासू में एक 2 ईंट लगी। इसके बाद वो भाग गए। लुटेरों का प्लान फेल हो गया जितेंद्र वर्मा का कहना है कि उसकी उम्र 52 साल के करीब है। जब भी वे किसी वारदात की वीडियो देखते हैं तो उसमें यही होता हे कि सुनार हाथ जोड़ कर बैठा रहता है। सारा का सारा माल दे देते हैं, इसके बाद भी लुटेरे गोली मार देते हैं। मरना ही है तो फिर ढंग से मर लें। बस यही दिमाग में था कि या तो ये नहीं या मैं नहीं। उनका जो प्लान था, वो फेल हो गया। एक को मैंने पकड़ रखा था, दूसरे ने मेरे सिर पर 4-5 बार पिस्टल के बट से मारा। डॉक्टर को सिर में टांके लगाने पड़े हैं। बेटा दिल्ली गया था सामान लेने जितेंद्र वर्मा ने बताया कि दुकान पर वह और उसका बेटा बैठते हैं। अब चूंकि धनतेरस आने वाला है, इसलिए बेटे को सुबह सामान लेने के लिए दिल्ली भेज दिया था। इसलिए मैं अकेला था। वे करीब 40 साल से इस धंधे में हैं। पहली बार उनके साथ ऐसी घटना हुई। कच्चे क्वार्टर में दुकान थी, वहां भीड़ भाड़ ज्यादा रहती थी। अब यहां गोहाना रोड पर हैं। यहां सड़क पर लाइटें तक नहीं हैं। रात को बहुत डर लगता है। छोटी दुकान है, सिक्योरिटी रख नहीं सकता। ‘दो युवक मुंह बांध कर दुकान में आए थे। मैं उनको बहरूपिया समझ रहा था। पिस्तौल तानकर उन्होंने कहा कि जितना सोना है, सब दे दो। उन्होंने मेरा फोन खींचा तो मैं चौकन्ना हुआ। मैंने एक लुटेरे को पकड़ लिया। मेरे दिमाग में एक ही बात थी, आज या तो मैं नहीं, या वो नहीं।’ ये बात सोनीपत में लुटेरों से भिड़ने वाले ज्वेलर जितेंद्र वर्मा ने कही। शुक्रवार (25 अक्टूबर) को इनकी गोहाना रोड स्थित यूनीक ज्वेलर्स की दुकान पर 2 लुटेरे घुस आए थे। लुटेरों ने दुकानदार जितेंद्र वर्मा के सिर पर पिस्तौल के बट से वार किया। खून से लथपथ होने के बाद भी दुकानदार ने युवकों को रोकने की कोशिश की और उन पर हमला करता रहा। आखिर में युवक दुकान से लाखों रुपए कैश के अलावा सोना, चांदी के जेवर व हीरे का एक हार लूट कर फरार हो गए। घटना की CCTV वीडियो भी सामने आई थी। जितेंद्र की बहादुरी को लेकर व्यापार मंडल जल्द उन्हें सम्मानित करेगा। वर्मा बोले- युवक बोले 10-20 रुपए दे दो सोनीपत की चौहान कॉलोनी में रहने वाले जितेंद्र वर्मा ने बताया कि उसकी उम्र 52 साल है। वर्षों से उसका ज्वेलरी का काम है। उसने 30-35 साल तक सोनीपत की कच्चे क्वार्टर मार्केट में काम किया। वहां से अब दुकान चेंज करके दो ढाई साल से गोहाना रोड पर आया हूं। कल 25 अक्टूबर को दोपहर को 2 लड़के दुकान के अंदर आए। उन्होंने आते ही पिस्टल को लोड करने के लिए लीवर खींचा। उसने सोचा कि बहरूपिये होंगे। थोड़ी देर बाद कहने लगे कि 10-20 रुपए दे दो बाऊ जी। वह आराम से बैठा रहा। दोनों में से एक युवक ने आंखें बड़ी करके कहा कि जितना कुछ भी निकाल दे। मैंने कहा क्या निकाल दूं। उसने कहा कि जितना भी सोना इकट्‌ठा कर रखा है, निकाल दे। इसके बाद युवक ने हाथ से उसका फोन खींचा तो वह सीरियस हुआ। इसके बाद जिस हाथ में उसकी पिस्तौल थी, मैंने उस हाथ को पकड़ लिया। जितना जोर से थप्पड़ मार सकता था, मैंने मार दिया। फिर दूसरा उसकी तरफ बंदूक लेकर आया तो उसने उसकी बंदूक भी पकड़ ली। उसको भी मैंने मारा। दरवाजे की तरफ भागा जितेंद्र वर्मा ने आगे बताया कि फिर मैं दरवाजे की तरफ भागा, ताकि दरवाजा खोल बाहर निकलूं। इस पर एक युवक ने तेज से धक्का मारा, जिससे में पीछे काउंटर की तरफ गिर गया। काउंटर मेरे को लगा, मैं नीचे गिरा तो मैंने एक लड़के को पकड़ लिया। दूसरे को कह दिया कि तू कुछ भी कर ले, इसको नहीं छोड़ूंगा। वो मेरे को अंदर की तरफ खींच रहा था और मैं उसे बाहर की तरफ। वो मुझे अंदर ले गया। वहां मैं गिर गया। इसके बाद युवक ने गल्ले में से सामान उठाया और साथी से कहा कि भाग ले। गोली मारने की थी तैयारी जितेंद्र के मुताबिक मैं जब नीचे गिरा था तो युवक पिस्तौल का लीवर खींच रहा था। पिस्तौल का मुंह उसकी तरफ था। साथी की आवाज सुनकर वह भी मुड़ कर बाहर की तरफ भाग लिया। मैं भी उनके पीछे भागा। दुकान के बाहर सड़क पर लड़का बिल्कुल आराम से खड़ा था। भागने की भी कोशिश नहीं कर रहा था। मोटरसाइकिल साथ में खड़ी थी और पिस्तौल अंदर पैंट में डाल रहा था। मुझे और कुछ नहीं मिला। पास में ईंट पड़ी थी, वो उठाई और लुटेरों को मारनी शुरू कर दी। एकदम से युवक का मोबाइल गिर गया तो मैंने मोबाइल को उठा लिया। बाद में देखा कि वो मेरा ही मोबाइल था, जो उसने शुरू में छीना था। इसके बाद मैंने 2 ईंट और फेंकी। पड़ोसियों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि पकड़ो इसे, ये लड़ाई झगड़ा नहीं डकैती है। इसके बाद सामने वाले मिस्त्री ने भी ईंट उठा कर मारी। युवक की पासू में एक 2 ईंट लगी। इसके बाद वो भाग गए। लुटेरों का प्लान फेल हो गया जितेंद्र वर्मा का कहना है कि उसकी उम्र 52 साल के करीब है। जब भी वे किसी वारदात की वीडियो देखते हैं तो उसमें यही होता हे कि सुनार हाथ जोड़ कर बैठा रहता है। सारा का सारा माल दे देते हैं, इसके बाद भी लुटेरे गोली मार देते हैं। मरना ही है तो फिर ढंग से मर लें। बस यही दिमाग में था कि या तो ये नहीं या मैं नहीं। उनका जो प्लान था, वो फेल हो गया। एक को मैंने पकड़ रखा था, दूसरे ने मेरे सिर पर 4-5 बार पिस्टल के बट से मारा। डॉक्टर को सिर में टांके लगाने पड़े हैं। बेटा दिल्ली गया था सामान लेने जितेंद्र वर्मा ने बताया कि दुकान पर वह और उसका बेटा बैठते हैं। अब चूंकि धनतेरस आने वाला है, इसलिए बेटे को सुबह सामान लेने के लिए दिल्ली भेज दिया था। इसलिए मैं अकेला था। वे करीब 40 साल से इस धंधे में हैं। पहली बार उनके साथ ऐसी घटना हुई। कच्चे क्वार्टर में दुकान थी, वहां भीड़ भाड़ ज्यादा रहती थी। अब यहां गोहाना रोड पर हैं। यहां सड़क पर लाइटें तक नहीं हैं। रात को बहुत डर लगता है। छोटी दुकान है, सिक्योरिटी रख नहीं सकता।   हरियाणा | दैनिक भास्कर