रोहतक पुलिस ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर करीब 15 लाख रुपए की ठगी करने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। तीन आरोपियों को अदालत में पेश करके 4 दिन के पुलिस रिमांड पर हासिल किया गया। वहीं दो आरोपियों को अदालत के आदेश पर न्यायिक हिरासत भेजा गया है। जांच अधिकारी पीएसआई सीमंत ने जांच के दौरान बिकानेर निवासी मनोज, चेन्नई हाल किरायेदार बीकानेर निवासी दिनेश को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद पूछताछ के आधार पर राजस्थान के जिला नागपुर निवासी अरविंद, जिला झुंझनू निवासी हिमांशु और दीपक को गिरफ्तार किया। यह था मामला
साइबर थाना प्रभारी निरीक्षक महेश कुमार ने बताया कि पीजीआईएमएस निवासी भावना ने शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसके आधार पर मामला दर्ज करके जांच शुरु कर दी। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि 9 अगस्त को भावना के पास कॉल आई, जिसमें एक महिला ने भावना से कहा कि उसने हैदराबाद भारतीय स्टेट बैंक की शाखा से क्रेडिट कार्ड लिया हुआ है। भावना के मना करने पर उसने कहा कि उसकी कॉल हैदराबाद पुलिस को ट्रांसफर की जा रही है। जिसके बाद एक व्यक्ति ने भावना से कहा कि वह हैदराबाद पुलिस से बात कर रहा है और आधार कार्ड दिखाने बारे कहा। उसके बाद आरोपियों ने भावना को कहा कि आपके ऊपर मनी लाड्रिंग और आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने का केस है। नजरबंद करके ठगे 14.72 लाख
भावना को कहा कि वे उसे तुंरत गिरफ्तार करेंगे। इसके लिए उसे तीन-चार दिन तक अपने आप को नजरबंद रखना होगा और किसी से कोई बात नहीं करनी होगी। वे वीडियो कॉल के माध्यम से नजर रखेंगे। उन्होंने भावना को गिरफ्तार करने बारे डराकर झूठे कागजात पेश किए। उन्होंने कहा कि वे खुफिया तरीके से सीबीआई अधिकारी बात कर रहे है। उस केस से बाहर निकलना चाहती है और अपने आपको नजरबंद से बचाना है तो उसे उनके खाते में पैसे ट्रांसफर करने होंगे ताकि वो उन पैसों की जांच करेंगे कि वे सही है या गलत। भावना ने उनके कहे अनुसार ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से कुल 14 लाख 72 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए, फिर से और पैसो की मांग की। भावना ने कहा कि उसके पास और रुपए नहीं है तो उन्होंने कहा कि वे उसकी गिरफ्तारी की तिथि बढ़ा देंगे। भावना को सुप्रीम कोर्ट की रिसीप्ट भेजी गई। रोहतक पुलिस ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर करीब 15 लाख रुपए की ठगी करने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। तीन आरोपियों को अदालत में पेश करके 4 दिन के पुलिस रिमांड पर हासिल किया गया। वहीं दो आरोपियों को अदालत के आदेश पर न्यायिक हिरासत भेजा गया है। जांच अधिकारी पीएसआई सीमंत ने जांच के दौरान बिकानेर निवासी मनोज, चेन्नई हाल किरायेदार बीकानेर निवासी दिनेश को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद पूछताछ के आधार पर राजस्थान के जिला नागपुर निवासी अरविंद, जिला झुंझनू निवासी हिमांशु और दीपक को गिरफ्तार किया। यह था मामला
साइबर थाना प्रभारी निरीक्षक महेश कुमार ने बताया कि पीजीआईएमएस निवासी भावना ने शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसके आधार पर मामला दर्ज करके जांच शुरु कर दी। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि 9 अगस्त को भावना के पास कॉल आई, जिसमें एक महिला ने भावना से कहा कि उसने हैदराबाद भारतीय स्टेट बैंक की शाखा से क्रेडिट कार्ड लिया हुआ है। भावना के मना करने पर उसने कहा कि उसकी कॉल हैदराबाद पुलिस को ट्रांसफर की जा रही है। जिसके बाद एक व्यक्ति ने भावना से कहा कि वह हैदराबाद पुलिस से बात कर रहा है और आधार कार्ड दिखाने बारे कहा। उसके बाद आरोपियों ने भावना को कहा कि आपके ऊपर मनी लाड्रिंग और आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने का केस है। नजरबंद करके ठगे 14.72 लाख
भावना को कहा कि वे उसे तुंरत गिरफ्तार करेंगे। इसके लिए उसे तीन-चार दिन तक अपने आप को नजरबंद रखना होगा और किसी से कोई बात नहीं करनी होगी। वे वीडियो कॉल के माध्यम से नजर रखेंगे। उन्होंने भावना को गिरफ्तार करने बारे डराकर झूठे कागजात पेश किए। उन्होंने कहा कि वे खुफिया तरीके से सीबीआई अधिकारी बात कर रहे है। उस केस से बाहर निकलना चाहती है और अपने आपको नजरबंद से बचाना है तो उसे उनके खाते में पैसे ट्रांसफर करने होंगे ताकि वो उन पैसों की जांच करेंगे कि वे सही है या गलत। भावना ने उनके कहे अनुसार ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से कुल 14 लाख 72 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए, फिर से और पैसो की मांग की। भावना ने कहा कि उसके पास और रुपए नहीं है तो उन्होंने कहा कि वे उसकी गिरफ्तारी की तिथि बढ़ा देंगे। भावना को सुप्रीम कोर्ट की रिसीप्ट भेजी गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर