प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना के अलावा हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (HPAS) के 14 अफसर, प्रदेश सचिवालय सेवाएं के 18 अधिकारी, सचिवालय (पर्सनल स्टाफ कैडर) के 4 और लॉ डिपार्टमेंट के 2 अधिकारी अगले साल यानी 2025 में रिटायर होंगे। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। HAS अधिकारियों ने साल 2006 बैच के सतीश कुमार शर्मा, आशीष कुमार कोहली, 2009 बैच की सुषमा वत्न, 2011 बैच के हरिसिंह राणा, टशी संदूप, संजय कुमार धीमान, डॉ. हरीश गंजू, 2012 बैच के संजीव सूद, विवेक महाजन और सुरेंद्र माल्टू, 2015 बैच के प्रवीण कुमार टॉक, 2018 बैच के यादवेंद्र पॉल, 2020 बैच की बिमला देवी और 2021 बैच के मनोज कुमार अगले साल सेवानिवृत होंगे। इसी तरह हिमाचल सचिवालय कैडर की जगदंबा देवी, प्रदीप कुमार, तोता राम, बलवीर सिंह, जगनाथ उपाध्याय, अनिल कुमार कटोच, तूलिका शर्मा, अमर सिंह, सीमा सागर, देवेश कुमार गुप्ता, दुर्गेश नंदिनी, भूवनेश्वर शर्मा, रीता वालिया, प्रताप सिंह, सुशील कुमार, वनिता सूद, दिलजीत कुमार मेहता और नरेंद्र कुमार भारद्वाज भी अगले साल रिटायर होंगे। सचिवालय कैडर का पर्सनल स्टाफ और ये लॉ ऑफिसर होंगे रिटायर.. प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना के अलावा हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (HPAS) के 14 अफसर, प्रदेश सचिवालय सेवाएं के 18 अधिकारी, सचिवालय (पर्सनल स्टाफ कैडर) के 4 और लॉ डिपार्टमेंट के 2 अधिकारी अगले साल यानी 2025 में रिटायर होंगे। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। HAS अधिकारियों ने साल 2006 बैच के सतीश कुमार शर्मा, आशीष कुमार कोहली, 2009 बैच की सुषमा वत्न, 2011 बैच के हरिसिंह राणा, टशी संदूप, संजय कुमार धीमान, डॉ. हरीश गंजू, 2012 बैच के संजीव सूद, विवेक महाजन और सुरेंद्र माल्टू, 2015 बैच के प्रवीण कुमार टॉक, 2018 बैच के यादवेंद्र पॉल, 2020 बैच की बिमला देवी और 2021 बैच के मनोज कुमार अगले साल सेवानिवृत होंगे। इसी तरह हिमाचल सचिवालय कैडर की जगदंबा देवी, प्रदीप कुमार, तोता राम, बलवीर सिंह, जगनाथ उपाध्याय, अनिल कुमार कटोच, तूलिका शर्मा, अमर सिंह, सीमा सागर, देवेश कुमार गुप्ता, दुर्गेश नंदिनी, भूवनेश्वर शर्मा, रीता वालिया, प्रताप सिंह, सुशील कुमार, वनिता सूद, दिलजीत कुमार मेहता और नरेंद्र कुमार भारद्वाज भी अगले साल रिटायर होंगे। सचिवालय कैडर का पर्सनल स्टाफ और ये लॉ ऑफिसर होंगे रिटायर.. हिमाचल | दैनिक भास्कर
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शिमला में रुका मस्जिद गिराने का काम:बजट की कमी आ रही आड़े; 10 से 15 लाख रुपए खर्च का अनुमान शिमला के संजौली में बीते कल अवैध मस्जिद को गिराने का काम शुरू कर दिया गया था, मगर अवैध हिस्से को हटाने का काम नहीं किया गया। दोपहर एक बजे तक काम पर कोई मजदूर नहीं देखा गया। संजौली मस्जिद कमेटी का मानना है कि इतने बड़े स्ट्रक्चर को हटाने के लिए 10 से 15 लाख रुपए की जरूरत है। अब पैसों की कमी आड़े आ रही है। मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने कहा कि वह प्रदेश में भाईचारे को बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में जब माहौल बिगड़ा तो उन्होंने स्वयं मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने की पेशकश की। उन्होंने कहा कि हम मस्जिद के अवैध हिस्से को तय समय में तोड़ने की तैयार है। मगर पैसों की कमी आड़े आ रही है। उन्होंने कहा, बनाने के लिए सभी ने पैसा दिया, लेकिन तोड़ने के लिए कोई नहीं दे रहा। लतीफ ने कहा कि मजदूरों को तोड़ने का काम दे दिया गया है, लेकिन वह त्योहारी सीजन की वजह से काम पर नहीं आए। मजदूरों ने दीवाली के बाद काम में तेजी लाने की बात की है। हाईकोर्ट ने 8 सप्ताह में केस निपटाने के आदेश दिए वहीं, हिमाचल हाईकोर्ट ने स्थानीय निवासियों की याचिका पर 8 सप्ताह के भीतर केस को पूरी तरह डिसाइड करने के आदेश दिए है। वहीं, नगर निगम कमिश्नर कोर्ट में 21 दिसंबर को इस केस की सुनवाई होनी है। संजौली मस्जिद कमेटी ने बीते 11 सितंबर को शिमला में हिंदू संगठनों के उग्र प्रदर्शन के अगले दिन निगम आयुक्त को लिखित में खुद मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने की पेशकश की। इसके बाद विवाद कुछ शांत हुआ। बीते 5 अक्टूबर को निगम आयुक्त ने मस्जिद की तीन मंजिले हटाने के आदेश दिए, जबकि नीचे की 2 मंजिल को लेकर अभी कोर्ट में सुनवाई होनी है। निगम आयुक्त के आदेशानुसार, बीते कल मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने का काम शुरू किया गया। 46 बार हो चुकी सुनवाई निगम कोर्ट में संजौली मस्जिद का केस 2010 से चल रहा है। इस मामले में 46 बार सुनवाई हो चुकी है और नगर निगम शिमला ने 35 बार अवैध निर्माण रोकने व तोड़ने के नोटिस जारी किए। हालांकि कभी कार्रवाई नहीं हो पाई। शिमला शहर के विधायक का किया धन्यवाद मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने स्थानीय विधायक हरीश जनारथा का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि जनारथा ने इस मामले में पहले दिन से राजनीतिक परिपक्वता का परिचय दिया है। हिमाचल प्रदेश व शिमला जिस भाईचारे व शांति के माहौल के लिए जाना जाता है। यह आगे भी बना रहेगा।
हिमाचल में वन भूमि क्षेत्र को लेकर कार्रवाई:एक साल में 121 एफआरए केस मंजूर, 2 पेयजल परियोजनाओं को मिली मंजूरी
हिमाचल में वन भूमि क्षेत्र को लेकर कार्रवाई:एक साल में 121 एफआरए केस मंजूर, 2 पेयजल परियोजनाओं को मिली मंजूरी हिमाचल प्रदेश के मंडी में वन भूमि की मंजूरी से जुड़े मामलों को लेकर डीसी अपूर्व देवगन ने अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के तहत लंबित 81 मामलों की समीक्षा की गई। वन क्षेत्र मंडी में परिवेश 2.0 में 2022 से अब तक 19 मामले दर्ज किए गए। वहीं परिवेश 1.0 में 2012 से 2022 तक 53 मामले और कोर्ट परिसरों के निर्माण के 9 मामले फॉरेस्ट क्लियरेंस के लिए दर्ज हैं। बैठक के दौरान डीसी अपूर्व ने यूजर एजेंसियों के साथ प्रत्येक मामले की बारीकी से जांच की और लंबित होने के कारणों की जानकारी ली। डीसी ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए मामलों का शीघ्र निपटारा करने के निर्देश देते हुए कहा कि लापरवाह अधिकारियों की शिकायत उच्च अधिकारियों से की जाएगी। 121 एफआरए मामलों को मिली स्वीकृति पिछले एक वर्ष की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए डीसी ने बताया कि मंडी वन वृत में एफआरए के 132 में से 121 मामलों को स्वीकृति दी गई है। अधिकांश मामले लोक निर्माण, जल शक्ति, शिक्षा और ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित थे। एक हेक्टेयर से कम वन भूमि के मामलों का निपटारा वृत स्तर पर किया जाता है। इससे अधिक भूमि के मामलों को एफसीए के तहत केंद्र सरकार को भेजा जाता है। पेयजल योजनाओं को मिली मंजूरी बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि सलापड़-तत्तापानी सड़क को जल्द ही पर्यावरण विभाग से मंजूरी मिलने की संभावना है। साथ ही, थूनाग मंडल की दो महत्वपूर्ण पेयजल योजनाओं – जंजैहली और ग्राम पंचायत सिराज व बालीचौकी ब्लॉक को परिवेश पोर्टल पर अंतिम मंजूरी मिल गई है।
हिमाचल में कल से पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड-कप:32 देशों के 75 पायलट हवा में दिखाएंगे करतब; 70 पैराग्लाइडर को झटका, PWCAF ने चैम्पियनशिप से बाहर किए
हिमाचल में कल से पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड-कप:32 देशों के 75 पायलट हवा में दिखाएंगे करतब; 70 पैराग्लाइडर को झटका, PWCAF ने चैम्पियनशिप से बाहर किए हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के बीड़ बिलिंग में 2 से 9 नवंबर तक पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप होने जा रहा है। इसमें अमेरिका, फ्रांस, पौलेंड, बेल्जियम, भारत सहित 32 देशों के 75 से ज्यादा पायलट भाग ले रहे हैं। विश्व कप के लिए दुनियाभर के पायलट चार-पांच दिन पहले से ही बीड़ बिलिंग पहुंचने शुरू हो गए हैं और उड़ान का पूर्वाभ्यास कर रहे हैं। विश्व विख्यात बीड़ बिलिंग इंटरनेशनल पैराग्लाइडिंग साइट है। यहां पर साल 2015 में भी पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप हो चुका है। इस बार बीड़ बिलिंग में दूसरा वर्ल्ड कप है। यहां एक सप्ताह तक मानव परिंदें हवा में अठखेलियां करते नजर आएंगे। इसका आयोजन पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप एसोसिएशन फ्रांस (PWCAF) की मंजूरी के बाद बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन (BPA) और हिमाचल पर्यटन विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान से किया जा रहा है। 70 पायलटों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल इस वर्ल्ड कप के लिए 50 देशों से लगभग 145 पायलटों ने पंजीकरण करवाया था। मगर PWCAF ने इनकी नेशनल रैंकिंग व लाइसेंस देखने जांचने के लगभग 70 पैराग्लाइडर के पंजीकरण को कैंसिल कर दिया है। 9 रेस्क्यू टीमों का किया गया गठन पैराग्लाइडर की सुरक्षा के दृष्टिगत 9 रेस्क्यू टीमों का गठन किया गया है जबकि रिट्रीवल के लिए 5 टीमें इवेंट के दौरान चौपर और एम्बुलेंस सेवा के साथ बीड़-बिलिंग घाटी में तैनात रहेंगी, जो कि पैराग्लाइडर की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। चैम्पियनशिप की तैयारियां पूरी BPA और हिमाचल पर्यटन विकास विभाग मिलकर वर्ल्ड कप की तैयारियों में जुटा हुआ है। बिलिंग घाटी में आधुनिक शेल्टर, आधुनिक शौचालय, बेंच, सोलर लाइटों की व्यवस्था कर दी गई है। टेक ऑफ साइट बीड़ में पहली बार सोलर लाइट्स लगाने का प्रयास किया जा रहा है। कनेक्टिविटी के लिए सड़क की रिपेयर करवाई जा रही है। 2600 मीटर की ऊंचाई से उड़ान भरी जाएगी बिलिंग की टेक आफ साइट समुद्र तल से 2600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि लैंडिंग साइट बीड़ (क्योर) समुद्र तल से 2080 मीटर की ऊंचाई पर है। 2015 में हुआ था वर्ल्ड कप साल 2015 में BPA बीड़ बिलिंग घाटी में पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप का सफल आयोजन कर चुकी है। साल 2013 में पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्ड कप का पहला आयोजन हुआ था। 2016 में तीसरी आयोजन राष्ट्रीय ओपन एक्यूरेसी चैम्पियनशिप, 2017 में चौथी एएफ डेयर डेविल स्काई डाइविंग शो, 2023 में 5वां आयोजन एक्यूरेसी पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्ड कप इंडिया तथा 2023 में एक्ससी पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्ड कप का छठा आयोजन हुआ था। पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप की तैयारी शुरू BPA के प्रेसिडेंट अनुराग शर्मा ने कहा कि पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप की तैयारी लगभग पूरी है। उन्होंने कहा बीड़ बिलिंग में होने वाले इस वर्ल्ड कप से हिमाचल को दुनियाभर में पहचान मिलेगी। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि दुनियाभर के पैराग्लाइडिंग के शौकीनों का बीड़-बिलिंग घाटी पसंदीदा स्थान बन गया है। उन्होंने बताया कि वर्ल्ड चैम्पियनशिप का शुभारंभ पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन आरएस बाली करेंगे, जबकि समापन्न अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर सकते हैं। कैसे पहुंचे बीड़? हवाई मार्ग से बीड़ पहुंचने के लिए कांगड़ा एयरपोर्ट तक हवाई सेवा उपलब्ध है। कांगड़ा एयरपोर्ट से बीड़ 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेलमार्ग से आने वाले पर्यटक पठानकोट के चक्की बैंक तक रेल यात्रा कर पहुंच सकते हैं। बैजनाथ से बीड़ की दूरी 11 किलोमीटर है। इसके अतिरिक्त पठानकोट, दिल्ली, चंडीगढ़ से पर्यटक सड़क मार्ग से भी बैजनाथ पहुंच सकते हैं। बैजनाथ से बस या टैक्सी के माध्यम से बीड़ पहुंचा जा सकता है।