<p style=”text-align: justify;”><strong>GUJARAT NEWS:</strong> गुजरात के सोमनाथ मंदिर के नजदीक हुई बुलडोजर कार्रवाई पर एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन औवैसी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि सोमनाथ में 1200 साल पुरानी हाजी मंगरोली शाह दरगाह को शहीद कर दिया गया. प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> की सरकार Waqf by User खत्म करके मुसलमानों की जायदादों को छीनने की कोशिश कर रही है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>GUJARAT NEWS:</strong> गुजरात के सोमनाथ मंदिर के नजदीक हुई बुलडोजर कार्रवाई पर एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन औवैसी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि सोमनाथ में 1200 साल पुरानी हाजी मंगरोली शाह दरगाह को शहीद कर दिया गया. प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> की सरकार Waqf by User खत्म करके मुसलमानों की जायदादों को छीनने की कोशिश कर रही है.</p> गुजरात Haryana Election Result 2024: हरियाणा फिर सही साबित हुई पुरानी सियासत! बार-बार दोहराया जा रहा इतिहास
Related Posts
हरीनौ हत्याकांड पर सांसद सरबजीत सिंह खालसा की प्रतिक्रिया:बोले- निष्पक्ष जांच करें पुलिस, अमृतपाल के परिवार के साथ मिलकर बनाई जाएगी नई पार्टी
हरीनौ हत्याकांड पर सांसद सरबजीत सिंह खालसा की प्रतिक्रिया:बोले- निष्पक्ष जांच करें पुलिस, अमृतपाल के परिवार के साथ मिलकर बनाई जाएगी नई पार्टी पंजाब के फरीदकोट जिले में पंथक संगठनों से जुड़े नौजवान व वारिस पंजाब दे संस्था के पूर्व वित्त सचिव गुरप्रीत सिंह हरीनौ की हत्या मामले में पंजाब पुलिस ने डिब्रूगढ़ जेल में बंद श्री खडूर साहिब से निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह व विदेश में बैठे गैंगस्टर अर्श डल्ला को भी नामजद किया हुआ है। इस केस में सांसद अमृतपाल सिंह का नाम सामने आने पर फरीदकोट से सांसद सरबजीत सिंह खालसा की प्रतिक्रिया सामने आई है। सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने कहा कि इस मामले में निष्पक्ष व पारदर्शी ढंग से जांच होनी चाहिए और किसी बेकसूर को नहीं फंसाना चाहिए। सांसद खालसा ने कहा कि इस केस की बिना किसी भेदभाव से जांच होनी चाहिए और दोषी को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन इस बात को भी ध्यान रखा जाए कि किसी बेकसूर को ना फंसाया जाएगा। सांसद अमृतपाल सिंह के पिता के साथ मिलकर राज्य में नई राजनीतिक पार्टी के गठन पर सांसद खालसा ने कहा कि इसके लिए जमीनी स्तर पर कार्य चल रहा है और जल्द ही पार्टी गठित की जाएगी। बता दें कि सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने सोमवार को फरीदकोट जिले की कोटकपूरा अनाज मंडी का दौरा करके धान की खरीद कार्य का जायजा लेते हुए किसानों व मजदूरों से मुलाकात की थी और अधिकारियों से खरीद संबंधी जानकारी हासिल की। 9 अक्टूबर को हुई थी गुरप्रीत सिंह हरीनौ की हत्या अदाकार दीप सिद्धू द्वारा गठित वारिस पंजाब दे संस्था के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे गुरप्रीत सिंह हरीनौ की बीती 9 अक्टूबर को उनके पैतृक गांव हरीनौ में मोटरसाइकिल सवार शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में जांच के बाद पुलिस ने हत्या से पहले गुरप्रीत सिंह की रेकी करने के आरोप में तीन नौजवानों को गिरफ्तार किया था, जबकि सांसद अमृतपाल सिंह व गैंगस्टर अर्श डल्ला को नामजद सिंह किया हुआ है। गुरप्रीत सिंह हरीनौ के परिवार का आरोप है कि दीप सिद्धू की मौत के बाद संस्था की कमान अमृतपाल सिंह ने संभाल ली थी जिसके बाद गुरप्रीत सिंह के अमृतपाल सिंह के साथ वैचारिक मतभेद हो गए थे और उसने संस्था से दूरी बनाकर ली थी। वैचारिक मतभेद पैदा होने के बाद अमृतपाल सिंह के समर्थकों द्वारा गुरप्रीत सिंह को धमकियां दी जा रही थी और मामला हत्या तक पहुंच गया। हालांकि फरीदकोट पुलिस ने अभी तक इस मामले में सिर्फ रेकी करने वाले आरोपी ही काबू किए है, जबकि हत्या को अंजाम देने वाले शूटरों की तलाश जारी है। हाल ही फरीदकोट पुलिस ने संदिग्ध शूटरों के स्कैच भी जारी किए थे।
3 राज्यों को मिलकर बनेगा देश का सबसे बड़ा चीता-कॉरिडोर:राजस्थान के साथ एमपी और यूपी के 22 जिले जुड़ेंगे; अगले महीने होगा एमओयू
3 राज्यों को मिलकर बनेगा देश का सबसे बड़ा चीता-कॉरिडोर:राजस्थान के साथ एमपी और यूपी के 22 जिले जुड़ेंगे; अगले महीने होगा एमओयू राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश को मिलाकर देश का सबसे बड़ा चीता कॉरिडोर बनाया जाएगा। अगले महीने राजस्थान और एमपी सरकार के बीच इसे लेकर एमओयू होने वाला है। इसको लेकर शुक्रवार को सवाईमाधोपुर में राजस्थान और मध्यप्रदेश के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन की बैठक हुई। 1500 से 2000 किलोमीटर तक के इस कॉरिडोर से तीनों राज्यों के 22 जिले जुड़ेंगे। यह चीता कॉरिडोर मध्य प्रदेश के कूनो से शिवपुरी होकर राजस्थान के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व से होते हुए मंदसौर के गांधी सागर सेंचुरी तक फैला होगा। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी की ओर से प्रस्तावित परियोजना कार्य में इसका खुलासा किया गया है। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन पवन कुमार उपाध्याय ने बताया कि बैठक में इनकी फिजिबिलिटी स्टडी, टूरिज्म की संभावना आदि को लेकर दोनों राज्यों के वन अधिकारियों में चर्चा हुई। फिजिबिलिटी स्टडी वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के माध्यम से कराई जाएगी। उन्होंने बताया आमजन को चीता से भयभीत होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि चीता से आज तक मनुष्य की मौत की रिपोर्ट नहीं है। अन्य वन्यजीवों पर इसका क्या असर रहेगा, इस पर चर्चा
बैठक में राजस्थान और मध्य प्रदेश के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक, मध्य प्रदेश के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, मुख्य वन संरक्षक और क्षेत्र निदेशक मुकुंदरा, चीता प्रोजेक्ट शिवपुरी के संचालक, वन मंडल अधिकारी, कूनो राष्ट्रीय उद्यान श्योपुर, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि, भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के प्रतिनिधि मौजूद रहे। CWLW उपाध्याय ने बताया कि वाइल्ड लाइफ फ्यूचर्ड ऑफ इण्डिया द्वारा जमीन को चिन्हित किया गया है। इसमें राजस्थान के 13, एमपी के 12 और यूपी के 2 डिवीजन शामिल है। राजस्थान के 13 डिवीजन में आठ जिले हैं। इसमें धौलपुर से चित्तौड़गढ़ तक लगभग साढ़े छह हजार से सात हजार स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र में चीता के लिए जमीन को चिन्हित किया गया है। एमपी के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन शुभ रंजन सेन ने बताया कि इसमें एमपी के 13 जिले आ रहे हैं। इसमें राजस्थान से लगे क्षेत्र रतलाम से मुरैना जिला तक कॉरिडोर डेवलप होगा। दोनों प्रदेश संयुक्त रूप से कहां-कहां टूरिज्म विकसित कर सकते हैं। चंबल क्षेत्र, रणथंभौर और कूनो के बीच वाला क्षेत्र है, जिस पर प्लानिंग के तहत काम किया जाएगा। चीता कॉरिडोर को विकसित करने में कुछ परेशानी भी है। मध्यप्रदेश से आगे चीता छोड़ेंगे। ऐसे में संभावना है कि वे राजस्थान आएंगे। गौरतलब है कि राजस्थान सरकार ने बजट में चीतों की बसावट के लिए घोषणा की थी। इसमें गांधी सागर अभयारण्य, भैंसरोडगढ़ अभयारण्य, चित्तौड़गढ़ और चंबल अभयारण्य को कूनो नेशनल पार्क से जोड़ने की योजना शामिल है। इसके साथ ही चीतों के विचरण के लिए कॉरिडोर और सफारी बनाने की भी योजना है। इसे लेकर वन विभाग के अधिकारियों की मध्यप्रदेश के अधिकारियों के साथ पहले भी बैठक हो चुकी है। पढ़िए कूनो के चीते कैसे आएंगे राजस्थान देश में 7 दशक बाद लौटे चीतों को बसाने की तैयारी
देश में 7 दशक बाद लौटे चीतों को बसाने के लिए इन्हें यहां की जलवायु से अनुकुलता पाने के बाद खुले जंगल में छोड़ना है। ताकि वह वहां उसी तरह रह सके, जिस तरह बाघ एवं लेपर्ड आदि वन्यजीव रह रहे हैं।
चीतों को खुले जंगल में छोड़ने के लिए विस्तृत एक्शन प्लान बनाया जा रहा है। प्लान में चीतों के जिले की सीमा से बाहर निकलने पर सम्बन्धित वन क्षेत्र का विभाग भी उनकी देखरेख कर सके, इस पर फोकस किया जा रहा है। जिससे सीमा से बाहर निकलने पर उन्हें रेस्क्यू कर नहीं लाना पड़े। कॉरिडोर बनने की संभावना प्रबल क्यों?
दरअसल कूनो नेशनल पार्क के चीतों ने ही इस चीता कॉरिडोर की राह दिखाई है। कूनो के चीते कई बार यहां की सरहद लांघ कर राजस्थान सीमा तक पहुंच चुके हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश की सीमा तक भी यह चीते पहुंच चुके हैं। बाद में इन्हें ट्रेंकुलाइज कर वापस लाया गया। करीब 11 माह पहले मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से भटकता हुआ चीता अग्नि राजस्थान की सीमा के 15 किलोमीटर अंदर तक आ गया था। हाड़ौती (कोटा, बारां, झालावाड़ का क्षेत्र) में चीते की एंट्री के बाद वन्य जीव प्रेमियों में इनके कॉरिडोर बनने की चर्चा होने लगी थी। एक्सपर्ट के अनुसार, यह चीते का नया ठिकाना है, जहां वह आता-जाता रहेगा। कूनो में चीतों को बसाए जाने से पहले हाड़ौती के जंगलों का सर्वे भी किया गया था। उस समय टीमों ने हाड़ौती के कुछ हिस्सों को चीतों को लिए उपयुक्त भी माना था। हालांकि सरकारी स्तर और वन्य जीव विभाग के स्तर पर बात आगे नहीं बढ़ सकी। हाड़ौती के जंगलों में पहाड़ियों पर ऐसे शैल चित्र भी मिले थे, जिनमें 1930 के दशक से पहले चीते निवास करते थे। राजस्थान के 10 जिले कॉरिडोर में शामिल
मध्य प्रदेश में गांधी सागर सेंचुरी चीतों के लिए लगभग बनकर तैयार हो चुकी है। अब इसमें सिर्फ चीतों के आने का इंतजार है। जानकारी के अनुसार इस साल के अंत तक गांधी सागर सेंचुरी में चीते पहुंच जाएंगे। यहां फिलहाल 8 चीते रखे जाएंगे। चीता कॉरिडोर प्रोजेक्ट में राजस्थान के 10 जिलों (धौलपुर, करौली, सवाई-माधोपुर, बारां, झालावाड़, कोटा, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा) की सीमा मध्यप्रदेश के 10 जिलों (झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, निमच, अगरमालवा, राजगढ़, गुना, शिवपुरी, श्यौपुर, मुरैना) की सीमा से लगती है। इनके आसपास के 5 जिले जहां वाइल्ड लाइफ का मूवमेंट संभावित है। इसी के साथ ही उत्तर प्रदेश के 2 जिले झांसी और ललितपुर इस कॉरिडोर प्रोजेक्ट में शामिल है। चीतों से जुड़ी यह खबर भी पढ़े… राजस्थान में चीता कॉरिडोर बनाने पर होगा फैसला:धौलपुर से रावतभाटा तक 400 किलोमीटर तक का होगा लैंडस्केप MP का चीता राजस्थान में घूमेगा:कूनो से मुकुंदरा रिजर्व तक कॉरिडोर बनाने की तैयारी; 10 माह पहले 2 चीते इस इलाके में आए थे
वाराणसी: अस्सी घाट के 13 स्ट्रीट फूड दुकानों का आवंटन निरस्त, नगर आयुक्त ने की कार्रवाई
वाराणसी: अस्सी घाट के 13 स्ट्रीट फूड दुकानों का आवंटन निरस्त, नगर आयुक्त ने की कार्रवाई <p style=”text-align: justify;”><strong>Assi Ghat Street Food Shops Allotment Cancelled:</strong> वाराणसी के अस्सी घाट पर शहर के साथ-साथ देश दुनिया के भी पर्यटक भारी संख्या में पहुंचते हैं. यहां की गंगा आरती और चकाचौंध लोगों को खास प्रभावित करती है.<span class=”Apple-converted-space”> </span>इसी बीच वाराणसी के नगर आयुक्त की तरफ से शहर के अस्सी घाट पर आवंटित फूड स्ट्रीट की सभी दुकानों के आवंटन को निरस्त कर दिया गया है. इसकी प्रमुख वजह बताई जा रही है कि मानक के अनुरूप सभी दुकानों का संचालन नहीं हो रहा था. इसके अलावा गुणवत्ता ठीक न करने की शिकायतें भी प्राप्त हो रही थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नगर आयुक्त अक्षत वर्मा की तरफ से एबीपी लाइव को मिली जानकारी के अनुसार वाराणसी के प्रसिद्ध अस्सी घाट पर आवंटित फूड स्ट्रीट की सभी 13 दुकानों का आवंटन निरस्त कर दिया गया है . बीते दिनों हाइजीनिक फुट स्ट्रीट की दुकानों का नगर आयुक्त की तरफ से निरीक्षण किया गया, जिसके बाद यह पाया गया कि आवंटित दुकानों की तरफ से निर्धारित मानक के अनुरूप दुकानों का संचालन सही रूप से नहीं किया जा रहा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>13 दुकानों का आवंटन निरस्त </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बाद दुकानदारों के साथ एक बैठक भी बुलाई गई थी, जिसमें उनको अपना पक्ष रखने के लिए अवसर प्रदान किया गया था लेकिन इस बैठक में दुकानदार शामिल नहीं हुए. इसके बाद मानक के अनुरूप दुकानों का संचालन न करने और गुणवत्ता ठीक न करने की शिकायतों के आधार पर सभी 13 दुकानों के आवंटन को निरस्त करने का निर्देश दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मिली जानकारी के अनुसार वाराणसी नगर निगम के अंतर्गत सन 2018 में काशी के अस्सी घाट पर हाइजीनिक फूड स्ट्रीट के नाम से 13 दुकानों का आवंटन किया गया था. दुकानों पर बड़ी संख्या में न केवल शहर के लोग बल्कि दूर दराज से आने वाले पर्यटक भी जलपान के लिए पहुंचते थे. अब नगर आयुक्त के दिशा निर्देश पर मानक के अनुरूप दुकानों का संचालन न होने के आधार पर इनका आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”‘विकास के आगे जातिवाद ने हमें हराया’, अयोध्या की हार पर बोले मंत्री सुरेश खन्ना” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/ayodhya-lok-sabha-seat-results-2024-suresh-khanna-reaction-on-bjp-defeat-2709721″ target=”_self”>’विकास के आगे जातिवाद ने हमें हराया’, अयोध्या की हार पर बोले मंत्री सुरेश खन्ना</a></strong></p>