हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 48 और कांग्रेस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने जिन 14 सीटों पर रैली की थी, वहां भाजपा 7 सीट जीतने में कामयाब रही। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 4 रैलियों और 2 रोड शो का राज्य में खासा असर नहीं दिखा। 4 सीटों में से कांग्रेस एक ही सीट जीत पाई। इसी तरह बहादुरगढ़ से गोहाना तक 5 विधानसभा सीटों में निकले राहुल गांधी के रोड शो से भी कांग्रेस को कोई सफलता नहीं मिली। यहां कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई। हालांकि, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की जोड़ी का असर दिखा। नारायणगढ़ से थानेसर के बीच निकाले रोड शो में आने वाली 4 में से 3 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की। प्रियंका ने रोड शो के अलावा 2 रैलियां की, जिसमें कांग्रेस ने एक सीट पर जीत दर्ज की। ग्राफिक्स में समझें कांग्रेस भाजपा की रैलियों का क्या असर रहा हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 48 और कांग्रेस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने जिन 14 सीटों पर रैली की थी, वहां भाजपा 7 सीट जीतने में कामयाब रही। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 4 रैलियों और 2 रोड शो का राज्य में खासा असर नहीं दिखा। 4 सीटों में से कांग्रेस एक ही सीट जीत पाई। इसी तरह बहादुरगढ़ से गोहाना तक 5 विधानसभा सीटों में निकले राहुल गांधी के रोड शो से भी कांग्रेस को कोई सफलता नहीं मिली। यहां कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई। हालांकि, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की जोड़ी का असर दिखा। नारायणगढ़ से थानेसर के बीच निकाले रोड शो में आने वाली 4 में से 3 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की। प्रियंका ने रोड शो के अलावा 2 रैलियां की, जिसमें कांग्रेस ने एक सीट पर जीत दर्ज की। ग्राफिक्स में समझें कांग्रेस भाजपा की रैलियों का क्या असर रहा हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा में 10 दिनों से कड़ाके की ठंड:10 जिलों में कोल्ड वेव का अलर्ट, रोहतक में दिन सबसे ठंडा, 15 दिन राहत नहीं
हरियाणा में 10 दिनों से कड़ाके की ठंड:10 जिलों में कोल्ड वेव का अलर्ट, रोहतक में दिन सबसे ठंडा, 15 दिन राहत नहीं हरियाणा में पिछले 10 दिनों से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। सोमवार रात को हिसार देश के मैदानी इलाकों में सबसे ठंडा रहा। यहां का तापमान 1.6 डिग्री दर्ज किया गया। 10 जिलों में शीतलहर और पाले का अलर्ट जारी किया गया है। इनमें झज्जर, रोहतक, जींद, करनाल, भिवानी, फतेहाबाद, कैथल, सिरसा, हिसार और कुरूक्षेत्र शामिल हैं। वहीं रोहतक जिले में दिन में सबसे ज्यादा ठंड पड़ रही है। यहां 24 घंटे में अधिकतम तापमान में 1.5 डिग्री की गिरावट देखने को मिली है। यहां अधिकतम तापमान 18.4 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 4.5 डिग्री कम है। आगे कैसा रहेगा मौसम
IMD चंडीगढ़ के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल के अनुसार हरियाणा में आगे भी ठंड से राहत नहीं मिलने वाली है। 20 दिसंबर तक शीतलहर का अलर्ट है। इस दौरान न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहेगा। पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है। इसकी वजह से पूर्वी हवाएं चलेंगी, कोहरा छा सकता है। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर हरियाणा में भी देखने को मिलेगा। बढ़ती ठंड सरसों के लिए खतरा
HAU के बावल के क्षेत्रीय केंद्र निदेशक डॉ. धर्मवीर यादव का कहना है कि यह मौसम गेहूं की फसल के लिए अच्छा है। जितनी अधिक ठंड पड़ेगी, गेहूं की फसल का अंकुरण उतना ही अच्छा होगा। हालांकि सरसों के लिए पाला खतरा बन सकता है। ऐसे में किसानों को सरसों में हल्की सिंचाई करनी चाहिए। प्रदेश में 3 माह में कम हुई बारिश
हरियाणा में इस बार अक्टूबर से दिसंबर तक सामान्य से 96 फीसदी कम बारिश हुई है। एक अक्टूबर से 15 दिसंबर तक 0.6 एमएम बारिश हुई है, जो सामान्य से 96 फीसदी कम है। इस अवधि में 15.7 एमएम बारिश सामान्य मानी जाती है। अकेले दिसंबर की बात करें तो 16 दिन में मात्र 0.2 एमएम बारिश हुई है, जो सामान्य से 93 फीसदी कम है। इस अवधि में 2.5 एमएम बारिश सामान्य होती है।
अंबाला में सफाई कर्मचारी की मौत:तेज रफ्तार कार ने मारी टक्कर, पत्नी के साथ सामान लेने जा रहे थे बराड़ा
अंबाला में सफाई कर्मचारी की मौत:तेज रफ्तार कार ने मारी टक्कर, पत्नी के साथ सामान लेने जा रहे थे बराड़ा हरियाणा के अंबाला में पत्नी के साथ सामान लेने के जा रहे व्यक्ति की बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में पति-पत्नी दोनों को चोटें आई, लेकिन गंभीर चोट लगने के कारण व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक की शिनाख्त गांव अधोई निवासी गुलजार सिंह के रूप में हुई है। गुलजार सिंह गांव में सफाई कर्मचारी था। गांव अधोई निवासी टोनी ने बताया कि उसके पिता गुलजार सिंह गांव में सफाई कर्मचारी थे। 2 जुलाई की रात 8 बजे उसके पिता व माता अपनी बाइक पर सवार होकर सामान लेने के लिए बराड़ा के लिए चले थे। वह भी दूसरी बाइक पर बराड़ा के लिए निकला था। जैसे ही उसके पिता गांव अधोई के बस अड्डा पर पहुंचे तो शाहाबाद की तरफ से फॉर्ड कंपनी की ईको स्पोर्ट्स (HR03 T 1491) गाड़ी आई और सीधी उसके पिता की बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में उसके पिता को सिर, कंधे व पैर पर चोट लगी टक्कर लगने से उसके पिता गुलजार सिंह व माता सर्वजीत कौर सड़क पर जा गिरे। हादसे में उसके पिता को सिर, कंधे व पैर पर चोट लगी। उसकी माता को भी कई जगह चोट लगी। आरोपी गाड़ी चालक मौके पर थोड़ी देर रुका, उसके बाद भीड़ को देख मौके से फरार हो गया। वह राहगीरों की मदद से उसके माता-पिता को CHC बराड़ा लेकर पहुंचा। यहां डॉक्टरों ने दोनों को प्राथमिक उपचार दिया। इसके पश्चात गंभीर हालत को देखते हुए दोनों को MMU मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। मुलाना मेडिकल कॉलेज से उसकी माता को छुट्टी दे दी गई। जबकि वह पिता को लेकर सिविल अस्पताल अंबाला कैंट लेकर पहुंचा। यहां डॉक्टरों ने उसके पिता को मृत घोषित कर दिया। बराड़ा थाने की पुलिस ने युवक की शिकायत पर अज्ञात गाड़ी चालक के खिलाफ धारा 281,125ए व 106 BNS के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हरियाणा की रीना स्नो लेपर्ड मिशन पर:7000 मीटर से ऊंची 5 चोटियों की चढ़ाई पर मिलती है उपाधि, पहली बाधा पार
हरियाणा की रीना स्नो लेपर्ड मिशन पर:7000 मीटर से ऊंची 5 चोटियों की चढ़ाई पर मिलती है उपाधि, पहली बाधा पार हरियाणा के हिसार के बालक गांव की रहने वाली पर्वतारोही रीना भट्टी स्नो लेपर्ड का खिताब जीतने के मिशन पर हैं। रीना ने 2 महीने पहले ही दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट और दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से पर महज 20 घंटे 50 मिनट में चढ़ाई कर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है। अब रीना की नजर स्नो लेपर्ड के खिताब पर है। रीना का दावा है कि आज तक किसी भारतीय ने यह खिताब नहीं जीता है। इस खिताब को जीतने के लिए रीना को 7000 फीट ऊंची 5 पर्वत चोटियों पर चढ़ना होगा। रीना ने 1 चोटी पर चढ़ाई पूरी कर ली है। उन्होंने 23,406 फीट (7,134 मीटर) ऊंची इब्न सिना पीक (लेनिन पीक) को फतह किया है। रीना ने बताया कि “मैंने कैंप से साढ़े 6 घंटे की चढ़ाई के बाद यह चोटी फतह की। मैं 14 जुलाई को दिल्ली से गई थी। मैंने 18 जुलाई को चढ़ाई शुरू की और 26 जुलाई को चोटी पूरी कर ली। आज तक कोई भारतीय इस चोटी पर नहीं चढ़ सका है।” क्या है स्नो लेपर्ड की उपाधि यह उपाधि भूतपूर्व सोवियत संघ द्वारा शुरू की गई थी। स्नो लेपर्ड की उपाधि सोवियत संघ के विभिन्न देशों में 5 चोटियों पर चढ़ने के लिए दी जाती है। ताजिकिस्तान में पामीर पर्वतों में 3 चोटियां हैं, इस्माइल समानी पीक (पूर्व में कम्युनिज्म पीक) 7,495 मीटर (24,590 फीट), पीक कोरझेनेव्स्काया 7,105 मीटर (23,310 फीट), और इब्न सिना पीक (पूर्व में लेनिन पीक) 7,134 मीटर (23,406 फीट) किर्गिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा पर। तियान शान में 2 चोटियां हैं, किर्गिस्तान में जेंगिश चोकुसु (पूर्व में पीक पोबेडा) 7,439 मीटर (24,406 फीट) और खान तेंगरी किर्गिस्तान-कजाकिस्तान सीमा पर 7,010 मीटर (23,000 फीट) ऊंची है। खान तेंगरी की ऊंचाई 6,995 मीटर (22,949 फीट) है, लेकिन इसकी हिमनदी की चोटी 7,010 मीटर (23,000 फीट) तक बढ़ जाती है। इस कारण से, इसे 7,000 मीटर (23,000 फीट) की चोटी माना जाता है। इनमें से, पीक पोबेडा चढ़ाई के लिए अब तक की सबसे कठिन और खतरनाक है, इसके बाद खान तेंगरी, इस्माइल समानी पीक, पीक कोरझेनेव्स्काया और लेनिन (इब्न सिना) पीक हैं। स्नो लेपर्ड में ये 5 पीक शामिल हैं
1. इस्मोइल सोमोनी पीक 24,590 फीट (7,500 मीटर)
2. जेंगीश चोकसु 24,406 फीट (7,439 मीटर)
3. इब्न सिना पीक 23,406 फीट (7,134 मीटर)
4. शिखर कोरझेनेव्स्काया 23,310 फीट (7,100 मीटर)
5. खान तेंगरी 22,999 फीट (7,010 मीटर) रीना बना चुकी हैं नेशनल रिकॉर्ड
रीना ने 20 घंटे 50 मिनट के अंतराल में में विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट और दुनिया की सबसे ऊंची चौथी चोटी माउंट ल्होत्से को फतह किया था। रीना ने पिछली 21 मई को सुबह 10:10 बजे माउंट एवरेस्ट और 22 मई को सुबह 6:55 बजे माउंट ल्होत्से पर तिरंगा फहराया था। रीना मूलरूप से गांव बालक की रहने वाली हैं, वह हिसार के श्यामलाल बाग में रहती हैं। वहीं 2022 में रीना ने 70 घंटे में माउंट कांग यात्से और माउंट जोजंगो चोटी को फतह कर रिकॉर्ड बनाया था। 2 चोटी को एक साथ फतह करने वाली रीना हरियाणा की पहली पर्वतारोही बन गई थी। माउंट कांग यात्से लद्दाख में 6250 मीटर और माउंट जोजंगो 6240 मीटर ऊंची चोटी है। इससे पहले रीना माउंट किलिमंजारो और नन सहित विभिन्न चोटियों को फतह कर चुकी हैं। रीना के पिता बलवान सिंह ऑटो मार्केट में काम करते हैं जबकि माता बाला देवी गृहिणी हैं।