भाजपा सांसद कंगना रनोट के बाद मंडी में विक्रमादित्य सिंह ने भी अपना दफ्तर खोल दिया है। PWD मंत्री एवं लोकसभा चुनाव में कंगना के प्रतिद्वंदी विक्रमादित्य ने बुधवार को राज महल कॉम्प्लेक्स में अपना कैंप ऑफिस खोला। पूजा-पाठ करके इसका शुभारंभ किया गया। इस मौके पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी विक्रमादित्य के साथ मौजूद रही। इससे पहले बीते 12 जुलाई को सांसद कंगना रनोट भी मंडी में अपना दफ्तर खोल चुकी हैं। विक्रमादित्य ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने मंडी की जनता से कार्यालय खोलने का वादा किया था, जिसे पूरा कर लिया गया है। मंडी संसदीय क्षेत्र के लोग इस कार्यालय में आकर अपनी समस्याएं बता सकते हैं। उन्होंने कहा, जो विभाग उनके पास हैं, उनका समाधान वह खुद करेंगे, जबकि दूसरे विभागों से जुड़ी समस्याएं सरकार के समक्ष उठाई जाएगी। सरकार खर्च से नहीं चलेगा कार्यालय: विक्रमादित्य विक्रमादित्य ने कहा, उनके लिए चुनाव में हार-जीत मायने नहीं रखती। उनके पिता स्व. वीरभद्र सिंह का मंडी की जनता से विशेष लगाव रहा है। उन्होंने कहा, यह कार्यालय किसी सरकारी खर्च पर नहीं चलेगा बल्कि इसका सारा खर्च वे स्वयं वहन करेंगे। कंगना के कार्यालय से मुकाबले को नहीं खोला दफ्तर विक्रमादित्य ने एक सवाल के जवाब में कहा, कंगना एक चुनी हुई सांसद हैं। यह दफ्तर उनके कार्यालय के मुकाबले में नहीं खोला गया, बल्कि अपना वादा पूरा करने के लिए खोला गया है। हाल ही में केंद्र से PWD महकमा सड़क निर्माण के लिए 300 करोड़ की राशि लाने में कामयाब रहा हैं। भाजपा नेताओं को भी इसमें सहयोग करना चाहिए। भविष्य में कंगना को भी चाहिए कि वह भी प्रदेश के लिए केंद्र से मदद लेकर आए और उसमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कार्य किया जाएगा। भाजपा सांसद कंगना रनोट के बाद मंडी में विक्रमादित्य सिंह ने भी अपना दफ्तर खोल दिया है। PWD मंत्री एवं लोकसभा चुनाव में कंगना के प्रतिद्वंदी विक्रमादित्य ने बुधवार को राज महल कॉम्प्लेक्स में अपना कैंप ऑफिस खोला। पूजा-पाठ करके इसका शुभारंभ किया गया। इस मौके पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी विक्रमादित्य के साथ मौजूद रही। इससे पहले बीते 12 जुलाई को सांसद कंगना रनोट भी मंडी में अपना दफ्तर खोल चुकी हैं। विक्रमादित्य ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने मंडी की जनता से कार्यालय खोलने का वादा किया था, जिसे पूरा कर लिया गया है। मंडी संसदीय क्षेत्र के लोग इस कार्यालय में आकर अपनी समस्याएं बता सकते हैं। उन्होंने कहा, जो विभाग उनके पास हैं, उनका समाधान वह खुद करेंगे, जबकि दूसरे विभागों से जुड़ी समस्याएं सरकार के समक्ष उठाई जाएगी। सरकार खर्च से नहीं चलेगा कार्यालय: विक्रमादित्य विक्रमादित्य ने कहा, उनके लिए चुनाव में हार-जीत मायने नहीं रखती। उनके पिता स्व. वीरभद्र सिंह का मंडी की जनता से विशेष लगाव रहा है। उन्होंने कहा, यह कार्यालय किसी सरकारी खर्च पर नहीं चलेगा बल्कि इसका सारा खर्च वे स्वयं वहन करेंगे। कंगना के कार्यालय से मुकाबले को नहीं खोला दफ्तर विक्रमादित्य ने एक सवाल के जवाब में कहा, कंगना एक चुनी हुई सांसद हैं। यह दफ्तर उनके कार्यालय के मुकाबले में नहीं खोला गया, बल्कि अपना वादा पूरा करने के लिए खोला गया है। हाल ही में केंद्र से PWD महकमा सड़क निर्माण के लिए 300 करोड़ की राशि लाने में कामयाब रहा हैं। भाजपा नेताओं को भी इसमें सहयोग करना चाहिए। भविष्य में कंगना को भी चाहिए कि वह भी प्रदेश के लिए केंद्र से मदद लेकर आए और उसमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कार्य किया जाएगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में 6 इको टूरिज्म साइट का आवंटन आज:EC की मीटिंग में होगा फैसला; प्रकृति की गोद में बैठकर खूबसूरती निहार सकेंगे पर्यटक
हिमाचल में 6 इको टूरिज्म साइट का आवंटन आज:EC की मीटिंग में होगा फैसला; प्रकृति की गोद में बैठकर खूबसूरती निहार सकेंगे पर्यटक हिमाचल सरकार आज 6 इको टूरिज्म साइट आवंटित कर सकती है। वन विभाग के इसके लिए एग्जीक्यूटिव काउंसिल (EC) की मीटिंग बुलाई है। इसमें साइट के आवंटन का फैसला होगा। EC में सहमति के बाद इन साइट को इको टूरिज्म के लिए तैयार करने के निर्देश दे दिए जाएंगे। इसके बाद देश-दुनिया से हिमाचल प्रदेश पहुंचने वाले पर्यटक नजदीक से प्रकृति की खूबसूरती को निहार सकेंगे। इसका ज्यादा आनंद पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली का पर्यटक उठाएंगे, क्योंकि इन्हीं राज्यों से ज्यादातर सैलानी पहाड़ों पर पहुंचता है। दरअसल, वन विभाग ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के मकसद से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड पर कुल्लू की केसधार, कसौल, खीरगंगा, सुमारोपा, बिंद्रवणी और कांगड़ा जिले में बीड़ बिलिंग साइट के लिए एप्लीकेशन इनवाइट की हैं। इन 6 जगहों पर 16 बिडर ने इको-टूरिज्म यूनिट खोलने में दिलचस्पी दिखाई है। इनमें से किसे कौन की साइट दी जाए, यह फैसला आज की मीटिंग में होगा। इको टूरिज्म स्थलों पर होटलों की तर्ज पर खाने-पीने और रहने की सुविधा होगी। इन स्थलों पर इको फ्रेंडली संरचनाएं और टेंट हाउस बनाए जाएंगे। जंगलों में पक्का स्ट्रक्चर बनाने की इजाजत नहीं होगी इन साइट का एरिया एक हैक्टेयर या इससे कम होगा। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की शर्त के अनुसार, प्रकृति से छेड़छाड़ की किसी को भी इजाजत नहीं दी जाएगी। जंगलों में पक्के स्ट्रक्चर नहीं बनाए जा सकेंगे। स्थानीय लोगों को इन साइट पर अनिवार्य रूप से रोजगार देना होगा। इन साइट को 10 साल के लिए दिया जा रहा है। शहरों की चकाचौंध से दूर भाग रहे पर्यटक पिछले एक दशक के दौरान पर्यटक सुकून की तलाश में शहरों की चकाचौंध से दूर भागने लगा है। वह प्रकृति की खूबसूरती निहारना चाहता है। इसी उम्मीद के साथ पर्यटक पहाड़ों पर पहुंच रहे हैं। प्रकृति की गोद में इन साइट के बनने के बाद पर्यटक सीधे हरे भरे जंगलों, झर-झर बहते झरनों, ऊंचे पहाड़ों और बहती नदियों के किनारे पहुंच सकेंगे। इको-टूरिज्म को बढ़ावा दे रही सरकार इसे देखते हुए राज्य सरकार पर्यटन के नए कॉन्सेप्ट इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने जा रही है। प्रकृति की गोद में बनी प्रस्तावित साइटों पर टूरिस्ट ट्रैकिंग का भी आनंद उठा सकेंगे। इन साइटों के लिए बीते फरवरी माह में भी टेंडर निकाले गए थे, लेकिन तब इन साइटों के लिए आवेदन नहीं मिल पाए। हालांकि, शिमला की पोटरहिल और शोघी साइट मार्च में ही अलॉट कर दी गई थी। फर्म को खुद तैयार करना होगा इन्फ्रास्ट्रक्चर संबंधित फर्म को साइट पर इन्फ्रास्ट्रक्चर खुद फॉरेस्ट-लॉ का पालन करते हुए तैयार करना होगा। वन और जैव विविधता को नुकसान पहुंचाने की किसी को भी इजाजत नहीं होगी, क्योंकि हिमाचल में 2020-21 में वन संपदा को नुकसान पहुंचाने और बिना FCA के आरोपों की वजह से पूर्व में चल रही 11 इको-टूरिज्म साइट का ऑपरेशन केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय बंद कर चुका है। FCA में मिली छूट राहत की बात यह है कि केंद्रीय वन मंत्रालय ने FCA के बगैर इको-टूरिज्म एक्टिविटी शुरू करने की मंजूरी दे दी है, लेकिन वन संपदा को नुकसान पहुंचाने की किसी को इजाजत नहीं दी जाएगी। इसके बाद फॉरेस्ट डिवीजन धर्मशाला के अंतर्गत सवार, सौरव वन विहार, न्यूगल पार्क, बंजार फॉरेस्ट डिवीजन के शौजा, शिमला जिले के कोटगढ़ फॉरेस्ट डिवीजन में नारकंडा और मंडी फॉरेस्ट डिवीजन में गंगा नाल इको-टूरिज्म साइट के लिए भी जल्द एप्लिकेशन इनवाइट की जाएंगी। युवाओं को मिलेगा रोजगार प्रदेश में इससे युवाओं को रोजगार के अवसर और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही पर्यटक जिस शांति की तलाश में पहाड़ों पर पहुंचते हैं, वह उन्हें प्रकृति की गोद में आसानी से मिलेगी। क्या है इको-टूरिज्म पर्यटन इको-टूरिज्म आज की नई अवधारणा है। प्रदेश के खूबसूरत स्थलों को सैर-सपाटे के लिए इस तरह तैयार किया जाता है कि वनों को भी नुकसान न हो और सैलानी भी पर्वतीय सैरगाहों, बर्फीले पहाड़, झरनों, नदियों व हरे-भरे वनों का लुत्फ ले सकें। इको-टूरिज्म का मकसद राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देना तथा गांव-गांव तक पर्यटन को पहुंचाना है।
हिमाचल के कई क्षेत्रों में बारिश जारी:10 जिलों में आज भारी बारिश और लैंडस्लाइड का अलर्ट; सावधानी बरतने की सलाह
हिमाचल के कई क्षेत्रों में बारिश जारी:10 जिलों में आज भारी बारिश और लैंडस्लाइड का अलर्ट; सावधानी बरतने की सलाह हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में बीती रात से बारिश हो रही है। मौसम विभाग (IMD) ने आज 10 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी कर रखा है। यह चेतावनी बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना जिला को जारी की गई है। IMD के अनुसार, लाहौल स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य जिलों में कुछेक स्थानों पर भारी बारिश, लैंडस्लाइड और बाढ़ जैसी घटनाएं पेश आ सकती है। इसे देखते हुए प्रदेश के लोगों के साथ-साथ पहाड़ों पर आने वाले पर्यटकों को भी एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। प्रदेश में बारिश के कारण 60 से ज्यादा सड़कें बंद पड़ी है। मानसून सीजन में 36 फीसदी कम बारिश मौसम विभाग के अनुसार, पूरे मानसून सीजन में प्रदेश में सामान्य से 36 फीसदी कम बारिश हुई है। ऐसा एक भी जिला नहीं है, जहां पूरे सीजन में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई हो। 1 जून से 30 जुलाई तक सामान्य बारिश 348.6 मिमी होती है, लेकिन इस बार 224.4 मिमी बारिश हुई है। 435 करोड़ की संपत्ति नष्ट इस मानसून सीजन में राज्य में 435 करोड़ की सरकारी और निजी संपत्ति नष्ट हो गई है। भारी बारिश के कारण 19 घर पूरी तरह जमींदोज हो गए हैं, जबकि 95 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इसी तरह 1 दुकान, 87 गौशालाएं और 5 लेबर शेड भी बारिश की भेंट चढ़ गए हैं। प्रदेश के प्रमुख शहरों का अधिकतम पारा बीती शाम को शिमला में हल्की बारिश हुई। इसके बाद शिमला का अधिकतम तापमान 25.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं सुंदरनगर का तापमान 34.3 डिग्री, भुंतर 36.2डिग्री, ऊना का 33.0 डिग्री, नाहन का 28.7 डिग्री, सोलन का 31.2 डिग्री, मनाली का 27.7 डिग्री, कांगड़ा का 32.4 डिग्री, मंडी का 33.2 डिग्री, बिलासपुर का 35.6 डिग्री, हमीरपुर का 34.8 डिग्री, चंबा का 34.6 डिग्री,रिकांगपिओ का 32.2 डिग्री और धौलाकुआं का पारा 34.4 डिग्री दर्ज किया गया।
सुजानपुर में भारी बारिश से तबाही:क्षेत्र की 12 सड़कें बंद बंद; सुजानपुर-संधोल सड़क अवरुद्ध होने से लगी वाहनों की लंबी लंबी कतारें, लोग परेशान
सुजानपुर में भारी बारिश से तबाही:क्षेत्र की 12 सड़कें बंद बंद; सुजानपुर-संधोल सड़क अवरुद्ध होने से लगी वाहनों की लंबी लंबी कतारें, लोग परेशान हिमाचल के हमीरपुर जिला के सुजानपुर में शनिवार तड़के सुबह भारी बारिश ने खूब कहर बरपाया है। इससे हमीरपुर को मंडी जिला से जोड़ने वाली सुजानपुर-संधोल सड़क जगह लैंडस्लाइड के कारण बंद हो गई है। सुजानपुर में भारी बारिश के कारण एक दर्जन से ज्यादा सड़कें बंद पड़ी है। सुजानपुर-संधोल सड़क पर लैंडस्लाइड के कारण सुबह से ही जगह जगह वाहनों की लंबी लंबी कतारें लगी हुई है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सुजानपुर-संधोल मार्ग पर सुचुही और बजाहर में पहाड़ ही सड़क पर गिर गया है। इसे हटाने में वक्त लग रहा है। क्षेत्र में हो रही बारिश सड़क की बहाली में बाधा उत्पन्न कर रही है। कक्कड़ से खनोली वाया महेशक्वाल सड़क भी गुब्बर के पास भारी भूस्खलन की वजह से बंद पड़ी है। कक्कड़ से सुचिही सड़क खनोली के पास पहाड़ गिरने से बंद है। कक्कड़ से छंब को जोड़ने वाली सड़क भी छंब में गिरे पहाड़ के कारण बंद है। सेनुआं दी थाती गांव को जोड़ने वाला सड़क भी बारिश के चलते पहाड़ का मलबा सड़क पर आने से बंद है। इससे सुजानपुर से सांधोल जाने वाले वाहन जंगलबेरी में फंस गए है। बारिश के चलते सकैहड़ खंड में जलस्तर बढ़ गया है। भारी बारिश से क्षेत्र खूब तबाही हुई है। टोनी देवी ऊहल कक्कड़ सड़क भी बंद हो गई है। वहीं लोक निर्माण महकमा सड़कों की बहाली में जुटा हुआ है। एसडीओ कक्कड़ संसार चंद ठाकुर ने बताया कि 4 जेसीबी सड़कों की बहाली में जुटी हुई है। यहां देखे सुजानपुर में भारी बारिश से सड़कों को हुए नुकसान की फोटो…