भास्कर न्यूज | रेवाड़ी इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर में 15 अक्टूबर को विवेकानंद ब्लॉक के सामने मुख्य मंच पर दिवाली उत्सव, स्वदेशी मेला और प्रतिभा खोज कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। प्रत्येक विभाग के लिए एक स्टॉल दिवाली उत्सव और स्वदेशी मेले के लिए आरक्षित है। शैक्षणिक विभागों के जो विद्यार्थी दिवाली उत्सव, स्वदेशी मेला एवं प्रतिभा खोज कार्यक्रम में भाग लेना चाहते हैं वह अपना पंजीकरण सोमवार शाम 4 बजे तक कुसुम लता (डीएसडब्ल्यू कार्यालय) में करा सकते हैं। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय से संबंधित सभी महाविद्यालयों एवं संस्थानों के प्राचार्यो एवं निर्देशकों को बहुत ही हर्ष के साथ सूचित किया जाता है कि आगामी 14 से 16 नवंबर को युवा कल्याण समिति के सौजन्य से युवा उत्सव (हिंडोला-4.0) का आयोजन किया जाएगा। सभी प्राचार्यो एवं निर्देशकों से अनुरोध है कि युवा उत्सव (हिंडोला-4.0) के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए अपने प्रतिष्ठित महाविद्यालयों एवं संस्थानों से टीमें भेजें। भागीदारी, नियम और पात्रता, पंजीकरण शुल्क, कार्यक्रम दिशा-निर्देश और अन्य सूचना विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.igu.ac.in से देख सकते हैं एवं डाउनलोड कर सकते हैं। कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताएं अनुभाग-ए (संगीत), अनुभाग-बी (नृत्य), अनुभाग-सी (थिएटर), अनुभाग-डी (साहित्यिक), अनुभाग-ई (ललित कला) आयोजित की जाएगी। ललित कला के विद्यार्थियों को अपनी सामग्री स्वयं लेकर आनी है। 6 नवंबर से पहले पंजीकरण करवाना जरूरी महाविद्यालयों एवं संस्थानों को विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए 6 नवंबर 2024 से पहले पंजीकरण करवाना होगा। सूचना फॉर्म आईजीयू की वेबसाइट www.igu.ac.in पर उपलब्ध है। फॉर्म को डाउनलोड करना होगा और विधिवत भरकर मोहर के साथ हस्ताक्षर करना होगा, व्यक्तिगत प्रतिभागियों के फॉर्म में दाखिल करना होगा, पंजीकरण शुल्क के भुगतान के प्रमाण के साथ फॉर्म की प्रति को स्कैन करना होगा और एक फाइल के रूप में youthfest2022@igu.ac .in पर ई-मेल करना होगा। भरे हुए फॉर्म की हार्ड कॉपी और डिमांड ड्राफ्ट/चेक आदि के रूप में पंजीकरण शुल्क का प्रमाण (युवा कल्याण कोष, आईजीयू, मीरपुर के पक्ष में) 7 नवंबर शाम 4 बजे तक निदेशक युवा कल्याण, आईजीयू, मीरपुर में जमा करवाना होगा। सभी अपडेट, नियम, निर्देश, घोषणाएं आदि विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.igu.ac.in पर उपलब्ध होंगे। भास्कर न्यूज | रेवाड़ी इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर में 15 अक्टूबर को विवेकानंद ब्लॉक के सामने मुख्य मंच पर दिवाली उत्सव, स्वदेशी मेला और प्रतिभा खोज कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। प्रत्येक विभाग के लिए एक स्टॉल दिवाली उत्सव और स्वदेशी मेले के लिए आरक्षित है। शैक्षणिक विभागों के जो विद्यार्थी दिवाली उत्सव, स्वदेशी मेला एवं प्रतिभा खोज कार्यक्रम में भाग लेना चाहते हैं वह अपना पंजीकरण सोमवार शाम 4 बजे तक कुसुम लता (डीएसडब्ल्यू कार्यालय) में करा सकते हैं। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय से संबंधित सभी महाविद्यालयों एवं संस्थानों के प्राचार्यो एवं निर्देशकों को बहुत ही हर्ष के साथ सूचित किया जाता है कि आगामी 14 से 16 नवंबर को युवा कल्याण समिति के सौजन्य से युवा उत्सव (हिंडोला-4.0) का आयोजन किया जाएगा। सभी प्राचार्यो एवं निर्देशकों से अनुरोध है कि युवा उत्सव (हिंडोला-4.0) के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए अपने प्रतिष्ठित महाविद्यालयों एवं संस्थानों से टीमें भेजें। भागीदारी, नियम और पात्रता, पंजीकरण शुल्क, कार्यक्रम दिशा-निर्देश और अन्य सूचना विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.igu.ac.in से देख सकते हैं एवं डाउनलोड कर सकते हैं। कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताएं अनुभाग-ए (संगीत), अनुभाग-बी (नृत्य), अनुभाग-सी (थिएटर), अनुभाग-डी (साहित्यिक), अनुभाग-ई (ललित कला) आयोजित की जाएगी। ललित कला के विद्यार्थियों को अपनी सामग्री स्वयं लेकर आनी है। 6 नवंबर से पहले पंजीकरण करवाना जरूरी महाविद्यालयों एवं संस्थानों को विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए 6 नवंबर 2024 से पहले पंजीकरण करवाना होगा। सूचना फॉर्म आईजीयू की वेबसाइट www.igu.ac.in पर उपलब्ध है। फॉर्म को डाउनलोड करना होगा और विधिवत भरकर मोहर के साथ हस्ताक्षर करना होगा, व्यक्तिगत प्रतिभागियों के फॉर्म में दाखिल करना होगा, पंजीकरण शुल्क के भुगतान के प्रमाण के साथ फॉर्म की प्रति को स्कैन करना होगा और एक फाइल के रूप में youthfest2022@igu.ac .in पर ई-मेल करना होगा। भरे हुए फॉर्म की हार्ड कॉपी और डिमांड ड्राफ्ट/चेक आदि के रूप में पंजीकरण शुल्क का प्रमाण (युवा कल्याण कोष, आईजीयू, मीरपुर के पक्ष में) 7 नवंबर शाम 4 बजे तक निदेशक युवा कल्याण, आईजीयू, मीरपुर में जमा करवाना होगा। सभी अपडेट, नियम, निर्देश, घोषणाएं आदि विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.igu.ac.in पर उपलब्ध होंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पानीपत में इलाज के दौरान युवक की मौत:परिजनों ने हॉस्पिटल के बाहर किया हंगामा, मौत के बाद डॉक्टरों ने रेफर किया
पानीपत में इलाज के दौरान युवक की मौत:परिजनों ने हॉस्पिटल के बाहर किया हंगामा, मौत के बाद डॉक्टरों ने रेफर किया पानीपत के समालखा शहर के पुराना बस स्टैंड स्थित देव हॉस्पिटल में शनिवार सुबह एक युवक की मौत पर परिजनों ने रोष प्रकट किया। इस दौरान परिजनों ने अस्पताल संचालकों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा कर पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई। पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुँच कर परिजनों को उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। खाने के बाद हुई थी उल्टी मिली जानकारी के अनुसार गांव पट्टीकल्याणा का रहने वाला अनिल नामक युवक रात करीब 1:00 बजे उल्टी लगने से अपने परिजनों के साथ समालखा के प्राइवेट देव हॉस्पिटल में इलाज के लिए पहुँचा था। जहां अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों व कर्मचारियों द्वारा उसका इलाज करना शुरू किया गया। लेकिन इलाज के दौरान युवक की हालत ज्यादा बिगड़ने से उसकी मृत्यु हो गई। हॉस्पिटल कर्मचारियों ने सुबह करीब 6:00 बजे अनिल को पानीपत के लिए रेफर करने की बात कही। स्टाफ ने परिजनों को अंदर नहीं जाने दिया परिजनों अनिल को पानीपत के एक निजी हॉस्पिटल में लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत बताया। परिजनों मृतक की डेड बॉडी को लेकर समालखा के देव हॉस्पिटल में वापस पहुंचे, जहां स्टाफ के द्वारा उनको अंदर घुसने नहीं दिया गया। परिजनों ने हंगामा कर मृतक अनिल की डेड बॉडी को अंदर रख दिया। हंगामा की सूचना पाकर मौके पर पुलिस पहुंची। करीब 3 घंटे परिजनों का हंगामा चलता रहा। इसके बाद मौके पर डीएसपी सतीश वत्स पहुंचे मामले को शांत करवाया परिजनों से बात कर मृतक की डेड बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए पानीपत के सिविल अस्पताल में भेजा गया। इलाज से पहले जमा करवाए 20 हजार परिजनों ने डॉक्टर व स्टॉप पर लापरवाही के आरोप लगाए। मृतक अनिल के पिता जय सिंह ने कहा रात को पेट में दर्द होने की वजह से उल्टी लग गई थी। जिसको लेकर हम समालखा देव हॉस्पिटल में पहुंचे। जहां पर अस्पताल के स्टाफ द्वारा हमसे से ₹30,000 पहले जमा करवा लिए गए। उसके बाद कोरे कागज पर साइन करवा कर इलाज शुरू कर दिया। इलाज शुरू होने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ती चली गई लेकिन अस्पताल के स्टाफ के द्वारा उसको इंजेक्शन दिया गया उसके बाद उसकी मृत्यु हो गई। डॉक्टर बोले- पहले ही मर चुका मृत्यु होने के बाद अस्पताल स्टाफ के लोगों के द्वारा उसको पानीपत ले जाने को कहा गया। पानीपत में एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे तो डॉक्टर ने कहा यह तो पहले ही मर चुका है। 28 वर्षीय मृतक अनिल दो बच्चों का पिता है। पुलिस ने किया मामला दर्ज डीएसपी सतीश वत्स ने जानकारी देते हुए कहा कि इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। हॉस्पिटल के स्टाफ और डॉक्टरों को लेकर लोगों में रोष था। मामले को शांत करवा कर मृतक की डेड बॉडी को पानीपत के सिविल अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। फिलहाल परिजनों ने लिखित रूप में जो शिकायत दी है, उसे पर कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद जो भी आरोपी है उसको छोड़ नहीं जाएगा।
राजनीति में नहीं जाना चाहती मनु भाकर:बोलीं- देश के लिए मेडल जीतना ही मेरा सपना, ननिहाल में ढोल-नगाड़ों से हुआ स्वागत
राजनीति में नहीं जाना चाहती मनु भाकर:बोलीं- देश के लिए मेडल जीतना ही मेरा सपना, ननिहाल में ढोल-नगाड़ों से हुआ स्वागत पेरिस ओलंपिक 2024 में 2 कांस्य पदक जीतने वाली मनु भाकर का सोमवार को उनके नैनिहाल हरियाणा के चरखी दादरी में भव्य स्वागत किया गया। सम्मान पाकर जहां मनु ने अपने ननिहाल के सम्मान को ताउम्र याद रखने की बात कही वहीं संकेत भी दिये कि वे राजनीति में नहीं आएंगी। बल्कि अपने खेल पर ध्यान देते हुए ओलंपिक में गोल्ड पर निशाना लगाना ही टारगेट है। कोई भी खिलाड़ी हो उसकी सोच पर निर्भर करता है कि वो राजनीति करे या फिर युवाओं को खेलों के प्रति मोटिवेट करे। ढोल-नगाड़ों से किया गया मनु भाकर का स्वागत बता दें कि मनु भाकर का उसके नैनिहाल चरखी दादरी में विभिन्न संगठनों द्वारा आज सम्मान समारोह आयोजित किया गया। सम्मान समारोह में पहुंचने पर उनका ढोल-नगाड़ों व फूल मालाओं के साथ जोरदार स्वागत करते हुए मंच तक ले जाया गया। जहां पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान, अंतर्राष्ट्रीय रेसलर व भाजपा नेत्री बबीता फोगाट, पूर्व विधायक रणबीर मंदोला, पूर्व विधायक कर्नल रघबीर छिल्लर सहित कई राजनेताओं के अलावा सामाजिक संगठनों द्वारा मनु को सम्मानित किया। समारोह के बाद मीडिया से बात करते हुए मनु भाकर ने कहा कि उसे जो सम्मान मिल रहा है, उसी उत्साह के साथ ओलंपिक में गोल्ड जीतने के लिए जज्बा भी बढ़ रहा है। ब्रोंज मेडल तक सफर सुहाना रहा मनु ने युवाओं व माता-पिता से भी आह्वान किया कि वे पढ़ाई के साथ खेलों में भी ध्यान दें और देश के लिए मेडल जीतने का टारगेट रखें, सफलता अवश्य मिलेगी। मनु बोलीं कि मेरा ध्यान सिर्फ देश के लिए गोल्ड जीतने का है, मैं अभी राजनीति नहीं करुंगी। उन्होंने कहा कि ब्रोंज मेडल तक का सफर सुहाना रहा है, अब मेहनत के बूते गोल्ड जीतकर ही सपना पूरा करूंगी। बॉलीवुड में जाने से भी मनु ने इनकार
रविवार को ओलिंपिक मेडलिस्ट मनु भाकर झज्जर में अपने गांव गोरिया पहुंची थीं। जहां उनसे पत्रकारों ने बॉलीवुड में जान को लेकर सवाल किया। इस पर मनु ने कहा कि अभी उनका बॉलीवुड में जाने का ऐसा कुछ प्लान नहीं है, उन्होंने कभी एक्टिंग के बारे में नहीं सोचा। मनु ने कहा कि अभी मेरा पूरा फोकस खेल पर ही है। फिलहाल बॉलीवुड में जाने का कोई इरादा नहीं है। मनु बोलीं- विनेश को बढ़ना चाहिए आगे
मनु भाकर ने मीडिया द्वारा विनेश फोगाट मामले को लेकर पूछे सवाल के जवाब में कहा कि विनेश की भावना फाइटर की तरह रही है। विनेश फोगाट के साथ जो हुआ दुर्भाग्यपूर्ण है और टेक्निकल की जानकारी नहीं है। विनेश द्वारा कुश्ती से संन्यास लेने का फैसला उनका खुद का है। उन्होंने कहा कि विनेश फोगाट को आगे बढ़ना चाहिए और मेडल जीतने के लिए फिर से मैदान में उतरना चाहिए। गौरतलब है कि साल 2024 में आयोजित पेरिस ओलिंपिक कुश्ती में अयोग्य होने के बाद कुश्ती से संन्यास ले लिया है।
हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में
हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में हरियाणा की फरीदाबाद लोकसभा सीट से भाजपा सांसद कृष्णपाल गुर्जर को मोदी 3.0 सरकार में मंत्री बनाया गया है। गुर्जर मोदी सरकार के पिछले दोनों कार्यकाल में भी राज्यमंत्री रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार उन पर भरोसा जताकर साफ कर दिया कि गुर्जर उनके भरोसेमंद हैं। फरीदाबाद के सरकारी कॉलेज में छात्र राजनीति से शुरुआत करने वाले कृष्णपाल गुर्जर का केंद्रीय मंत्री की कुर्सी तक पहुंचने का सफर काफी संघर्ष भरा रहा। किसान परिवार में जन्मे 67 साल के गुर्जर की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं रही। गुर्जर ने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत लोकदल से की थी। वर्ष 1994 में उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली और फरीदाबाद में पार्षद का चुनाव जीता। मोदी-खट्टर की जोड़ी के साथ मिलकर कर चुके काम
वर्ष 1994 में पार्टी जॉइन करने के महज 2 साल बाद, BJP ने गुर्जर को 1996 के विधानसभा चुनाव में मेवला महाराजपुर सीट से टिकट दे दिया। यही वो समय था जब तेजतर्रार कृष्णपाल गुर्जर को भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काम करने का मौका मिला। उस समय नरेंद्र मोदी और मनोहर लाल खट्टर की जोड़ी हरियाणा में पार्टी संगठन का कामकाज देख रही थी। भाजपा ने 1996 में हरियाणा विधानसभा का चुनाव पूर्व सीएम बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) के साथ मिलकर लड़ा था। पहले ही चुनाव में जीत दर्ज करने वाले कृष्णपाल गुर्जर चुनाव रिजल्ट आने के बाद बंसीलाल की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार में परिवहन मंत्री बनाए गए। प्रदेशाध्यक्ष बनकर पार्टी का ग्राफ बढ़ाया
गुर्जर के 3 बार विधायक बनने के बाद पार्टी ने उन्हें संगठन की जिम्मेदारी देते हुए वर्ष 2010 में हरियाणा इकाई का प्रदेशाध्यक्ष बना दिया। उस समय हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार थी और BJP ओमप्रकाश चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की छाया से निकलकर अपना अलग वजूद बनाने की कोशिश कर रही थी। संगठन से जुड़ा होने के कारण गुर्जर ने प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए तेजी से पार्टी का ग्राफ बढ़ाने का काम किया। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले BJP ने नरेंद्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री चेहरा घोषित कर दिया। इसके बाद टिकट बंटवारे में कृष्णपाल गुर्जर को फरीदाबाद लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया। गुर्जर ने अपने इस पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के अवतार भड़ाना को हरा दिया। इसके बाद मोदी ने अपनी सरकार में गुर्जर को सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री बनाया। 2019 के लोकसभा चुनाव में गुर्जर दूसरी बार फरीदाबाद सीट से जीते। उस समय विनिंग मार्जिन के लिहाज से देशभर में वह तीसरे स्थान पर रहे। गुर्जर 6 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर दूसरी बार संसद पहुंचे तो मोदी ने फिर से उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करते हुए उद्योग राज्यमंत्री बना दिया। किसान परिवार से आकर बनाई राजनीति में पहचान
कृष्णपाल गुर्जर पेशे से एडवोकेट हैं। कृष्णपाल के पिता हंसराज जैलदार का अपने एरिया में अच्छा नाम था लेकिन वह कभी राजनीति में नहीं उतरे। दूसरी ओर कृष्णपाल की शुरू से राजनीति में रुचि रही। पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं होते हुए भी उन्होंने राजनीति के तौर-तरीके पढ़ाई के दौरान ही सीख लिए। फरीदाबाद के कॉलेज में पढ़ते हुए वह छात्र संगठन के अध्यक्ष चुने गए और वहीं से उनके पॉलिटिकल करियर की शुरुआत हुई। ग्रेजुएशन के बाद गुर्जर कानून की डिग्री लेने मेरठ चले गए। वहां से लौटकर अपनी राजनीतिक पारी दोबारा शुरू की। उनकी पत्नी का नाम निर्मला देवी है और वह सियासत से दूर रहती हैं। गुर्जर के बेटे देवेंद्र चौधरी राजनीति में एक्टिव हैं और इस समय फरीदाबाद नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर हैं। गुर्जर नेता के तौर पर बनाई पहचान
कृष्णपाल की गिनती गुर्जर बिरादरी के बड़े नेताओं में होती है। उन्होंने अपने पहले विधानसभा चुनाव में मेवला महाराजपुर सीट से जिस चौधरी महेंद्र प्रताप और फरीदाबाद लोकसभा सीट से अवतार भड़ाना को हराया, वह दोनों भी गुर्जर समाज के बड़े नेताओं में आते हैं। राजनीति में एक बाद एक मिली जीत ने कृष्णपाल गुर्जर का कद गुर्जर बिरादी के नेताओं में बढ़ा दिया। BJP के अंदर भी उनकी गिनती गुर्जर समाज के प्रमुख नेताओं के रूप में होती है। संगठन में मजबूत पकड़ और तेज-तर्रार नेता की छवि के चलते वह BJP शीर्ष नेतृत्व की पसंद बन गए। ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा मोदी को बाइक पर घुमाने वाले खट्टर बने मंत्री:दिल्ली का दुकानदार पहले CM और अब केंद्रीय मंत्री बना, गरीबी के कारण नहीं बन पाए डॉक्टर हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी