अबोहर में 15 अक्टूबर को होने वाले पंचायत चुनाव के मतदान को शांतिपूर्वक संपन्न करवाने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। रविवार को डीएसपी अबोहर और बल्लूआना की ओर से गांवों में फ्लैग मार्च निकालकर लोगों को निडर होकर चुनावों में भाग लेने को प्रेरित किया गया। इस मौके पर दोनों डीएसपी के अलावा सभी थानों के प्रभारी भी विशेष तौर पर मौजूद थे। फ्लैग मार्च का नेतृत्व करते हुए डीएसपी तेजिंद्र पाल सिंह ने कहा कि पूरी चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्वक ढंग से संपन्न करवाने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। उन्होंने असमाजिक तत्वों को चेतावनी देते हुए कहा कि चुनाव प्रक्रिया के तहत अगर किसी ने भी गड़बड़ी फैलाने का प्रयास किया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि थाना सदर और बहाववाला के अंर्तगत आते संवेदनशील और अति संवेदनशील गांवों की पहचान कर ली गई है जिसके तहत आज करीब 35 अति संवेदनशील गांवों में यह फ्लैग मार्च निकाला जा रहा है। संवेदनशील बूथों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं, पदाधिकारियों व उनके समर्थकों से अपील करते हुए कहा कि वे कानून के दायरे में रहकर चुनावी कार्यक्रम में हिस्सा लें। वहीं अगर किसी भी नेता या उसके समर्थक ने मतदाताओं को धमकाने या उन्हें लालच देकर वोट देने को मजबूर किया तो पुलिस प्रशासन उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि मतदान वाले दिन संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा, ताकि असमाजिक तत्व सिर न उठा सकें। उन्होंने उम्मीदवारों से भी शांति व्यवस्था बनाए रखने और पुलिस प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है। फ्लैग मार्च सीडफार्म होते हुए थाना सदर, बहाववाला और खुईयां सरवर के गांवों में पहुंचकर संपन्न हुआ। अबोहर में 15 अक्टूबर को होने वाले पंचायत चुनाव के मतदान को शांतिपूर्वक संपन्न करवाने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। रविवार को डीएसपी अबोहर और बल्लूआना की ओर से गांवों में फ्लैग मार्च निकालकर लोगों को निडर होकर चुनावों में भाग लेने को प्रेरित किया गया। इस मौके पर दोनों डीएसपी के अलावा सभी थानों के प्रभारी भी विशेष तौर पर मौजूद थे। फ्लैग मार्च का नेतृत्व करते हुए डीएसपी तेजिंद्र पाल सिंह ने कहा कि पूरी चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्वक ढंग से संपन्न करवाने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। उन्होंने असमाजिक तत्वों को चेतावनी देते हुए कहा कि चुनाव प्रक्रिया के तहत अगर किसी ने भी गड़बड़ी फैलाने का प्रयास किया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि थाना सदर और बहाववाला के अंर्तगत आते संवेदनशील और अति संवेदनशील गांवों की पहचान कर ली गई है जिसके तहत आज करीब 35 अति संवेदनशील गांवों में यह फ्लैग मार्च निकाला जा रहा है। संवेदनशील बूथों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं, पदाधिकारियों व उनके समर्थकों से अपील करते हुए कहा कि वे कानून के दायरे में रहकर चुनावी कार्यक्रम में हिस्सा लें। वहीं अगर किसी भी नेता या उसके समर्थक ने मतदाताओं को धमकाने या उन्हें लालच देकर वोट देने को मजबूर किया तो पुलिस प्रशासन उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि मतदान वाले दिन संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा, ताकि असमाजिक तत्व सिर न उठा सकें। उन्होंने उम्मीदवारों से भी शांति व्यवस्था बनाए रखने और पुलिस प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है। फ्लैग मार्च सीडफार्म होते हुए थाना सदर, बहाववाला और खुईयां सरवर के गांवों में पहुंचकर संपन्न हुआ। पंजाब | दैनिक भास्कर
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SAD के बागी ग्रुप की बैठक में बड़ा फैसला:सुखदेख ढींढसा बोले- वह पार्टी के सरपरस्त, नेताओं को निष्कासित करने का फैसला रद शिरोमणि अकाली दल (SAD) से निकाले गए बागी नेताओं की आज चंडीगढ में मीटिंग हुई। यह मीटिंग SAD के सरपरस्त सुखदेव सिंह ढींढसा की अगुवाई में हुई। इस मौके ढींढसा ने कहा कि वह पार्टी के सरपरस्त होने के नाते 8 नेताओं को पार्टी से निकालने के इस फैसले को रद करते हैं। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ संविधान के खिलाफ किया जा रहा है। इस मामले में सुखबीर सिंह बादल को पत्र लिखूंगा। उनसे इस मामले में जवाब मांगेंगे। पार्टी का प्रधान चुनने के लिए जनरल इजलास बुलाएंगे। जिसमें नया प्रधान चुना जाएगा। ढींढसा ने कहा कि वह आज तक लोगों के सामने नहीं आए थे, लेकिन मजबूरी में उन्हें यह फैसला लेना पड़ा है। झूंदा कमेटी ने की थी प्रधान बदलने की सिफारिश इस मौके गुरप्रताप वडाला और प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि, जब 2022 में लगातार शिरोमणि अकाली दल चुनाव हार रहा था तो उस समय झूंदा कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने सारे पंजाब में लोगों की राय ली थी। लोगों ने उस समय अकाली दल की लीडरशिप में बदलाव की सिफारिश की थी। सुखबीर बादल को पद त्यागना चाहिए। हम भी कमेटी की सिफारिश वाली बात कर रहे हैं। हम तो कमेटी के मुताबिक काम करने की बात कर रहे हैं। सुखबीर पर लगे आरोप गंभीर, प्रधान पद लायक नहीं दोनों नेताओं ने कहा कि हम लोग दो महीने से अकाली दल सुधार लहर चला रहे हैं। लेकिन जब प्रदीप कलेर ने गत दिवस सुखबीर बादल पर सवाल उठाया तो लोगों का ध्यान भटकाने के लिए उन्हें पार्टी से निकालने की कोशिश की। वहीं, उन्होंने कहा कि जिस तरह के आरोप सुखबीर बादल पर लगे हैं, ऐसे में वह प्रधान पद के लायक नहीं है। सुखबीर ने अकाल तख्त साहिब के आदेशों को भी नहीं माना है। अब तो सारी बात सामने आ गई हैं। पार्टी के लिए जेलों में गए हैं नेताओं ने कहा कि उन्होंने अकाली दल के लिए कुर्बानियां दी हैं। जेलों में रहे है। लेकिन सुखबीर बादल ने ऐसा कुछ नहीं किया है। आज अकाली दल दो ग्रुप में बंट गया है। एक ग्रुप में वह लोग जो जेलों में जाकर आए हैं, जबकि दूसरे कारों से उतरकर आते हैं। सरपरस्त को फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं इस मामले में शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा कि सरपरस्त के पास कोई फैसला नहीं लेने का अधिकार नहीं है। निकाले गए लोगों से हमारा लिंक नहीं है। चार लोगों के कहने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। वह पार्टी से निकाले जा चुके है। वह अपना प्रधान चुन सकते हैं। हमने नियमों के मुताबिक सारी कार्रवाई की है।
इन आठ नेताओं को पार्टी से निकाला गया SAD की तरफ से गुरप्रताप सिंह वडाला, बीबी जागीर कौर, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, परमिंदर सिंह ढींढसा, सिकंदर सिंह मलूका, सुरजीत सिंह रखड़ा, सुरिंदर सिंह ठेकेदार और चरणजीत सिंह बराड़ को पार्टी से निकाला गया था। आरोप है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। हालांकि निकाले गए नेताओं का कहना है कि उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया।