पलवल जिले में एक विवाहिता की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। मृतका के परिजनों ने दहेज की मांग पूरी न होने पर पति, सास और देवरों पर हत्या करने का आरोप लगाया है। आरोप है कि 3 दिन पहले आरोपियों ने विवाहिता के साथ मारपीट कर मायके से 2 लाख रुपए लेकर आने के लिए कहा था। होडल थाना पुलिस ने मृतका के पिता के बयान पर कार्रवाई करते हुए शव पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मामला दर्ज कर लिया जाएगा। दहेज को लेकर की थी मारपीट उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के ऐलमपुर गांव निवासी चरण सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि करीब 6 साल पहले उसने अपनी 26 वर्षीय बेटी गुंजन की शादी रेलवे रोड़ होडल निवासी लखविंद्र उर्फ देवा के साथ की थी। शादी में दिए दहेज से ससुराल वाले खुश नहीं थे। दहेज की मांग को लेकर आए दिन उसकी बेटी के साथ मारपीट करते थे। 10 अक्टूबर को उसकी बेटी गुंजन ने उनके पास फोन किया कि पति लखविंद्र, सास पुष्पा, देवर अंकित व सौरव ने उसके साथ मारपीट की है। परिजनों ने लगाए हत्या के आरोप आरोपी उससे 2 लाख रुपए लाने के लिए कह रहे हैं। वह अपने भाई के साथ गुंजन की ससुराल पहुंचा तो उसके शरीर पर चोटों के निशान थे। आरोपियों को समझाने का प्रयास किया तथा गुंजन को साथ भेजने के लिए कहा, परंतु उन्होंने नहीं भेजा। रविवार रात को लखविंद्र का फोन आया कि गुंजन ने फांसी लगा ली है। वह तुरंत गुंजन की ससुराल पहुंचा तो आरोपियों ने कहा कि गुंजन की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है। गुंजन के गले पर निशान है। उन्हें शक है कि लखविंद्र, पुष्पा, अंकित और सौरव ने उसकी बेटी गुंजन को फांसी लगाकर हत्या की है। जांच में जुटी पुलिस होडल थाना प्रभारी दिनेश कुमार ने बताया कि मृतका गुंजन के पिता ने जो शिकायत दी है, उसकी जांच की जा रही है। फिलहाल शव को पोस्टमॉर्टम के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पलवल जिले में एक विवाहिता की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। मृतका के परिजनों ने दहेज की मांग पूरी न होने पर पति, सास और देवरों पर हत्या करने का आरोप लगाया है। आरोप है कि 3 दिन पहले आरोपियों ने विवाहिता के साथ मारपीट कर मायके से 2 लाख रुपए लेकर आने के लिए कहा था। होडल थाना पुलिस ने मृतका के पिता के बयान पर कार्रवाई करते हुए शव पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मामला दर्ज कर लिया जाएगा। दहेज को लेकर की थी मारपीट उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के ऐलमपुर गांव निवासी चरण सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि करीब 6 साल पहले उसने अपनी 26 वर्षीय बेटी गुंजन की शादी रेलवे रोड़ होडल निवासी लखविंद्र उर्फ देवा के साथ की थी। शादी में दिए दहेज से ससुराल वाले खुश नहीं थे। दहेज की मांग को लेकर आए दिन उसकी बेटी के साथ मारपीट करते थे। 10 अक्टूबर को उसकी बेटी गुंजन ने उनके पास फोन किया कि पति लखविंद्र, सास पुष्पा, देवर अंकित व सौरव ने उसके साथ मारपीट की है। परिजनों ने लगाए हत्या के आरोप आरोपी उससे 2 लाख रुपए लाने के लिए कह रहे हैं। वह अपने भाई के साथ गुंजन की ससुराल पहुंचा तो उसके शरीर पर चोटों के निशान थे। आरोपियों को समझाने का प्रयास किया तथा गुंजन को साथ भेजने के लिए कहा, परंतु उन्होंने नहीं भेजा। रविवार रात को लखविंद्र का फोन आया कि गुंजन ने फांसी लगा ली है। वह तुरंत गुंजन की ससुराल पहुंचा तो आरोपियों ने कहा कि गुंजन की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है। गुंजन के गले पर निशान है। उन्हें शक है कि लखविंद्र, पुष्पा, अंकित और सौरव ने उसकी बेटी गुंजन को फांसी लगाकर हत्या की है। जांच में जुटी पुलिस होडल थाना प्रभारी दिनेश कुमार ने बताया कि मृतका गुंजन के पिता ने जो शिकायत दी है, उसकी जांच की जा रही है। फिलहाल शव को पोस्टमॉर्टम के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा पुलिस के ट्रेंड डॉग का बेड़ा बढ़ा:27 नए प्रशिक्षित डॉग शामिल हुए; 10 महीनों में 24 केस सुलझाए, गांजा-हेरोइन तक पकड़वा चुके
हरियाणा पुलिस के ट्रेंड डॉग का बेड़ा बढ़ा:27 नए प्रशिक्षित डॉग शामिल हुए; 10 महीनों में 24 केस सुलझाए, गांजा-हेरोइन तक पकड़वा चुके अपराध नियंत्रण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए हरियाणा पुलिस द्वारा क्षमता निर्माण को लेकर सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर के निर्देशानुसार डॉग स्क्वायड में तैनात डॉग की संख्या को 36 से बढ़ाकर 63 किया गया है। संख्या बढ़ाने के साथ ही डॉग्स को उच्च कोटि का प्रशिक्षण भी दिया गया है ताकि अपराध पर नियंत्रण किया जा सके एवं अपराधियों को पकड़ा जा सके। जनवरी 2024 से लेकर 31 अक्टूबर 2024 तक हरियाणा पुलिस के डॉग स्क्वायड की 24 मुकदद्मों को सुलझाने में मदद मिली है। इस अवधि के दौरान डॉग स्कवायड की मदद से 24 किलो 450 ग्राम गांजा, 17.18 ग्राम हेरोइन, 42.45 ग्राम स्मैक, 10 किलो 572 ग्राम डोडा पोस्त तथा 62 ग्राम चरस की रिकवरी की गई है। 3 कैटेगरी की डॉग हैं हरियाणा पुलिस में शामिल 1. पुलिस महानिदेशक (DGP) शत्रुजीत कपूर ने बताया कि हरियाणा पुलिस में वर्तमान में तीन तरह के डॉग्स को तैनात किया गया है। इन डॉग्स को इनकी खुबियों के मुताबिक अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है। पहले तरह के डॉग को ट्रैकर डॉग्स कहा जाता है, जो चोरी, मर्डर इत्यादि के मामलों में अनुसंधान अधिकारी (IO) की मदद करते हैं। इस तरह के डॉग्स राज्य अपराध शाखा के पास है जोकि लैब्राडोर नस्ल के होते हैं। 2. दूसरे प्रकार के डॉग एक्सप्लोसिव डॉग्स के नाम से जाने जाते हैं जो वीआईपी सुरक्षा तथा संदिग्ध स्थानों पर बम आदि की चेकिंग के लिए प्रयोग होते हैं। ये डॉग्स सीआईडी के पास होते हैं। इनमें भी लैब्राडोर नस्ल के डॉग्स प्रयोग किए जाते हैं। 3. तीसरी प्रकार के डॉग नारकोटिक्स डॉग्स होते हैं। ये डॉग्स मादक पदार्थों को जमीन, मकान, बिल्डिंग, व्हीकल आदि से सूंघ कर उनके बारे में इशारा करते है। पुलिस में अभी 63 ट्रेंड डॉग डीजीपी ने बताया कि वर्तमान में हरियाणा पुलिस के पास 63 डॉग्स है जिसमें से पांच डॉग्स हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में तथा 58 डॉग्स हरियाणा के सभी जिलों में तैनात है। इन सभी डॉग्स पर एक-एक डॉग हैंडलर तथा असिस्टेंट डॉग हैंडलर तैनात किया गया है। हरियाणा पुलिस के बेड़े में बेल्जियम शेफर्ड, जर्मन शेफर्ड तथा लैब्राडोर तीन प्रजाति के डॉग शामिल है। इन डॉग्स के खान पान तथा रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जाता है। 6 महीनें की होती है ट्रेनिंग पुलिस महानिदेशक ने बताया कि नारकोटिक्स डॉग्स को 3 माह से 6 माह तक की आयु में विभिन्न फर्मों से खरीदा जाता है। तत्पश्चात् इनका मेडिकल चेकअप करवाकर 6 माह के नारकोटिक कोर्स करवाया जाता हैं। यहां इन्हें 6 महीने की और ट्रेनिंग दी जाती है। इसके बाद इन डॉग्स को जिलों में भेजा जाता है। नारकोटिक्स डॉग तकरीबन 10 या 11 साल के बाद रिटायर हो जाते है जिसमें रिटायर्ड डॉग्स को नियम अनुसार सबसे पहले डॉग हैंडलर तथा उसके बाद असिस्टेंट डॉग हैंडलर को अपने साथ घर ले जाने का ऑफर दिया जाता है अगर ये दोनों नहीं लेते तो इन्हें किसी एनजीओ या संस्था को दिया जाता है। इन सभी डॉग्स का प्रशिक्षण एक ट्रेनिंग प्रोग्राम के अनुसार होता है। इसके अलावा डॉग स्क्वायड द्वारा 26 जनवरी तथा 15 अगस्त पर डॉग शो भी किया जाता है। क्या बोले डीजीपी पुलिस महानिदेशक ने कहा कि अपराध नियंत्रण में डॉग स्क्वायड की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। डॉग स्क्वायड की मदद से कई महत्वपूर्ण मामलों को सुलझाने में मदद मिली है। हरियाणा पुलिस द्वारा इन डॉग्स को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण देने के साथ साथ इनकी मूलभूत सुविधाओं का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाता है। इन डॉग्स के प्रशिक्षण कार्यक्रम को विशेष रूप से डिजाइन किया जाता है ताकि अपराधियों की पहचान कर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सके।