हरियाणा के करनाल में निर्वाचन आयोग ने करनाल में SD मॉडल स्कूल को मतगणना केंद्र व स्ट्रांग रूम बनाया। चुनावी नतीजे घोषित होने के एक सप्ताह बाद भी स्कूल के हालात जस के तस बने हुए है। मतगणना केंद्र के लिए खींची गई दीवार और जालियां अभी तक भी हटाई नहीं गई है। जिससे स्कूल प्रबंधन को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं स्कूल की प्रिंसिपल ने भी SDM पर मेंटल टॉर्चर करने व अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप लगाए है। नहीं लग पा रही क्लास एसडी मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल में नीलोखेड़ी व असंध विधानसभा की मतगणना हुई थी। स्कूल प्रबंधन की माने तो एक पूरे हाल में दो फीट ऊंची दीवारें खड़ी की गई है और उस पर करीब 6 फीट की जाली लगाई गई है। करीब ढाई फीट की गैलरी बनी हुई है। स्कूल के अन्य कमरों की विंडो को भी पक्के तौर पर चिनवा दिया गया है। कमरों की दीवारों को तोड़कर नए दरवाजे और रास्ते बना दिए गए। आलम यह है कि अगर इन कमरों में बच्चों को बैठाया जाता है तो उन्हें घुटन सी महसूस होती है, क्योंकि यहां के कमरों में न तो दरवाजे है और न ही खिड़कियां है। दूसरा जहां पर मतगणना हुई थी, वहां के कमरे को इस्तेमाल नहीं किया जा सका है। ऐसा नहीं है कि अधिकारियों को कॉल या मैसेज न किए गए हो, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया जाता। कई दिनों से आ रही है दिक्कत स्कूल की प्रिंसिपल रेणु गुप्ता ने बताया कि मतगणना के लिए इस स्कूल को हायर किया गया था। इंद्री एसडीएम सुरेंद्र पाल की ऑब्जरवेशन में स्कूल के कमरों को मॉडिफाई किया गया है। दिक्कत यह है कि कैमरों को उतार दिया गया था, उसके बाद हमें अब कैमरों को इंस्टॉल करवाना पड़ेगा। दरवाजे सील हो चुके है और खिड़कियां भी सील है। क्लासों में बैठे बच्चों को दिक्कते होती है। हर बार इलेक्शन में स्कूल का ये ही हाल होता है। ठेकेदार आते है और एडवाइस देकर जाते है कि इन खिड़कियों में कोई एलुमिनियम की खिड़कियां लगवा ले, ताकि बार-बार हमें ये तोड़ने न पड़े। कम से कम मुआवजा तो दिया जाए। बच्चों को दिक्कते हो रही है ऐसे में बच्चों को कुछ हो जाता है तो प्रशासन प्रिंसिपल को ही जिम्मेदार ठहरा देगा। प्रशासन की वजह से मुझे छोटे बच्चों को पहली मंजिल पर बैठना पड़ रहा है। मैने ट्वीट भी किया है, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं आया। अगर भविष्य में इलेक्शन होते है और मेरा स्कूल हायर करने की बात आती है तो एक बहुत बड़ी ना मेरी तरफ से होगी। हरियाणा के करनाल में निर्वाचन आयोग ने करनाल में SD मॉडल स्कूल को मतगणना केंद्र व स्ट्रांग रूम बनाया। चुनावी नतीजे घोषित होने के एक सप्ताह बाद भी स्कूल के हालात जस के तस बने हुए है। मतगणना केंद्र के लिए खींची गई दीवार और जालियां अभी तक भी हटाई नहीं गई है। जिससे स्कूल प्रबंधन को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं स्कूल की प्रिंसिपल ने भी SDM पर मेंटल टॉर्चर करने व अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप लगाए है। नहीं लग पा रही क्लास एसडी मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल में नीलोखेड़ी व असंध विधानसभा की मतगणना हुई थी। स्कूल प्रबंधन की माने तो एक पूरे हाल में दो फीट ऊंची दीवारें खड़ी की गई है और उस पर करीब 6 फीट की जाली लगाई गई है। करीब ढाई फीट की गैलरी बनी हुई है। स्कूल के अन्य कमरों की विंडो को भी पक्के तौर पर चिनवा दिया गया है। कमरों की दीवारों को तोड़कर नए दरवाजे और रास्ते बना दिए गए। आलम यह है कि अगर इन कमरों में बच्चों को बैठाया जाता है तो उन्हें घुटन सी महसूस होती है, क्योंकि यहां के कमरों में न तो दरवाजे है और न ही खिड़कियां है। दूसरा जहां पर मतगणना हुई थी, वहां के कमरे को इस्तेमाल नहीं किया जा सका है। ऐसा नहीं है कि अधिकारियों को कॉल या मैसेज न किए गए हो, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया जाता। कई दिनों से आ रही है दिक्कत स्कूल की प्रिंसिपल रेणु गुप्ता ने बताया कि मतगणना के लिए इस स्कूल को हायर किया गया था। इंद्री एसडीएम सुरेंद्र पाल की ऑब्जरवेशन में स्कूल के कमरों को मॉडिफाई किया गया है। दिक्कत यह है कि कैमरों को उतार दिया गया था, उसके बाद हमें अब कैमरों को इंस्टॉल करवाना पड़ेगा। दरवाजे सील हो चुके है और खिड़कियां भी सील है। क्लासों में बैठे बच्चों को दिक्कते होती है। हर बार इलेक्शन में स्कूल का ये ही हाल होता है। ठेकेदार आते है और एडवाइस देकर जाते है कि इन खिड़कियों में कोई एलुमिनियम की खिड़कियां लगवा ले, ताकि बार-बार हमें ये तोड़ने न पड़े। कम से कम मुआवजा तो दिया जाए। बच्चों को दिक्कते हो रही है ऐसे में बच्चों को कुछ हो जाता है तो प्रशासन प्रिंसिपल को ही जिम्मेदार ठहरा देगा। प्रशासन की वजह से मुझे छोटे बच्चों को पहली मंजिल पर बैठना पड़ रहा है। मैने ट्वीट भी किया है, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं आया। अगर भविष्य में इलेक्शन होते है और मेरा स्कूल हायर करने की बात आती है तो एक बहुत बड़ी ना मेरी तरफ से होगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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महेंद्रगढ़ में किरण पर बरसे राव दान सिंह:बोले- बीजेपी से मिलीभगत पर किया भीतरघात, कांग्रेस को मजबूत करने का रास्ता साफ किया कांग्रेस नेता एवं तोशाम से विधायक किरण चौधरी और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी के भाजपा में शामिल होने पर भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी रहे राव दान सिंह ने प्रतिक्रिया दी है। महेंद्रगढ़ में मीडिया से बातचीत में राव दान सिंह ने कहा कि इस तरह की लंबे समय से अटकलें लगाई जा रही थी। क्योंकि बीते राज्यसभा चुनाव में जिस तरह से हिस्सा लिया था और उसके बाद से ही चर्चाएं शुरू थी। हम एक वोट से हार गए थे। इसके बाद उन्होंने खुद माना था कि उन्होंने निशान लगाया और वो आ गई। यह बात निश्चित थी कि इनका मन बीजेपी की तरफ था। इससे कांग्रेसी कार्यकर्ता भी उत्साहित हैं। राव दान सिंह ने कहा कि ये भाजपा के साथ मिलीभगत की राजनीति करती आ रही है और आज से नहीं पिछले तीन चुनाव से। 2014, 2019 व 2024 के तीनों चुनाव में ऐसी घटना घटी है कि जिसमें कांग्रेस के उम्मीदवार की खिलाफत की है। ये सिर्फ अपनी सीट को बचाने का काम कर रही थी। राव दान सिंह ने कहा कि, भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र के 9 विधानसभा क्षेत्र में से कांग्रेस के पास केवल दो विधानसभा सीट थी। जिनमें से एक किरण चौधरी की और दूसरी उनकी (राव दान सिंह की)। किरण चौधरी ने हमेशा भाजपा से मिलकर काम किया। इस लोकसभा चुनाव में भी वह जो भीतरघात कर सकती थी, उन्होंने किया। विपक्ष वाले से तो आदमी लड़ सकता है, लेकिन भीतरघात करने वाले के लिए बहुत सी बातें होती हैं। अब वह चेहरे बेनकाब हो चुके हैं और जनता भी उन्हें पहचान चुकी है। अब भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र की राजनीति नए सिरे से उभरकर आएगी। कांग्रेस छोड़कर पार्टी की मजबूती का रास्ता किया साफ
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हरियाणा में BJP नेताओं को चुनाव हारने का डर:सेफ सीट पर लॉबिंग तेज, सीएम लाडवा, डिप्टी स्पीकर और पूर्व वित्त मंत्री बरवाला पर अड़े हरियाणा में भाजपा जल्द ही टिकटों की घोषणा कर सकती है। टिकट घोषणा से पहले भाजपा के सीनियर और राजनीति के पुराने खिलाड़ी चुनाव लड़ने के लिए BJP पर सुरक्षित जगह से टिकट देने का दबाव बना रहे हैं। इन दावेदारों में खुद मुख्यमंत्री नायब सैनी, पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा, परिवहन मंत्री असीम गोयल, पूर्व सांसद अरविंद शर्मा, भाजपा समर्थक जजपा विधायक रामकुमार गौतम शामिल हैं। इन सभी नेताओं को अपनी सीट से हारने का डर है। इस कारण यह लोग सुरक्षित सीट की तलाश में हैं। वहीं मुख्यमंत्री नायब सैनी की सीट बदलने का फैसला भाजपा हाईकमान ने किया है। भाजपा भी असमंजस है कि कहीं सीट बदलने के कारण स्थानीय नेता और लोग विरोध ना कर दें, और कहीं दांव उलटा ना पड़ जाए। मगर यह नेता भाजपा हाईकमान के पास सिफारिश कर सीट बदलने की गुहार लगा रहे हैं। इस कारण भाजपा की टिकट वितरण में देरी भी हो रही है। कौन कहां से मांग रहा टिकट मुख्यमंत्री नायब सैनी : मुख्यमंत्री नायब सैनी करनाल से उप-चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बने। यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सीट थी। खट्टर के बाद नायब सैनी इस सीट से उप-चुनाव लड़े और 41 हजार से ज्यादा मतों से जीते। अब सैनी इस सीट के बजाय लाड़वा विधानसभा से टिकट चाह रहे हैं। कैप्टन अभिमन्यु : 2014 में नारनौंद से विधानसभा चुनाव जीता और खट्टर सरकार में वित्त मंत्री बने। 2019 में चुनाव हार गए। इसके बाद अब बरवाला विधानसभा से टिकट मांग रहे हैं। बरवाला में भाजपा लोकसभा चुनाव में आगे रही थी। मगर बरवाला में दावेदारी का विरोध शुरू हो गया है। रणबीर गंगवा : हिसार की नलवा विधानसभा से लगातार 2 बार विधायक रह चुके हैं। मौजूदा समय में हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर हैं। बरवाला विधानसभा से टिकट मांग रहे हैं। नलवा से लोकसभा में भाजपा पिछड़ गई थी। कुलदीप बिश्नोई अपने दोस्त रणधीर पनिहार के लिए यहां से टिकट मांग रहे हैं। इसलिए बरवाला जाना जा रहे हैं। मगर बरवाला में पहले से ही स्थानीय नेताओं में इनका विरोध है। असीम गोयल : हरियाणा सरकार में असीम गोयल परिवहन मंत्री हैं। अंबाला सिटी से विधायक बने और अब विनोद शर्मा के चुनाव लड़ने की अटकलों के बीच सेफ सीट पंचकूला मांग रहे हैं। मगर यहां से विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता विधायक हैं। अंबाला से टिकट कटना कनफ़र्म माना जा रहा है। इसलिए पंचकूला के लिए दावेदारी ठोक रहे हैं। अरविंद शर्मा : रोहतक लोकसभा 2014 में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा को हराकर चर्चा में आए। यहां के लोगों से कनेक्ट नहीं कर पाए। 2019 लोकसभा चुनाव हार गए। अबकी बार विधानसभा चुनाव लड़ना चाह रहे है। ब्राह्मण कोटे से टिकट मांग रहे और ब्राह्मण बाहुल्य सीट से चुनाव लड़ना चाह रहे है। रामकुमार गौतम : नारनौंद से दुष्यंत चौटाला की पार्टी जजपा के हिसार की नारनौंद विधानसभा से विधायक हैं। 2019 में प्रदेश के वित्त मंत्री को हराकर चर्चा में आए। दुष्यंत चौटाला से बिगड़ गई और अब भाजपा में शामिल हो सकते हैं, और नारनौंद की बजाय सफीदों से चुनाव लड़ना चाह रहे। सफीदों में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या अच्छी है। बाहर प्रत्याशी रणजीत चौटाला हार चुके दरअसल, भाजपा ने 2019 लोकसभा चुनाव हिसार से बाहरी उम्मीदवार रणजीत चौटाला को टिकट दिया था। हिसार में मजबूत संगठन और विधायक और मंत्री होने के बावजूद रणजीत चौटाला बाहरी उम्मीदवार के कारण यहां से हार गए। लोकसभा में कांग्रेस के जय प्रकाश जेपी ने रणजीत चौटाला को 63,381 वोटों से हराया था। जय प्रकाश को 48.58 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि रणजीत चौटाला को सिर्फ 43.19 प्रतिशत वोट मिले थे। पिछली बार के मुकाबले भाजपा का वोट प्रतिशत 7.81 प्रतिशत कम हुआ। 2019 में भाजपा को 51.13 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस को 2019 में 15.63 प्रतिशत वोट मिले थे, जो बढ़कर 48.58 प्रतिशत हो गए हैं। हिसार लोकसभा की 9 में से 6 सीटों पर जय प्रकाश जेपी ने जीत दर्ज की है। जबकि रणजीत चौटाला सिर्फ 3 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाए हैं।