गुरदासपुर के गांव अहमदाबाद निवासी 39 वर्षीय सुखविंदर सिंह की शारजाह में की मौत हो गई। सुखविंदर सिंह 14 महीने पहले अपने परिवार के लिए रोजी रोटी कमाने के लिए शारजाह गया था, जिसकी वहां अचानक मौत हो गई। परिवार वाले बेहद मुश्किल में हैं और प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि उनके शव को भारत लाने में मदद की जाए। मृतक सुखविंदर सिंह की पत्नी और परिवार वालों ने बताया कि सुबह उन्हें फोन आया था कि सुखविंदर सिंह को खून की उल्टी हुई है और उन्हें ईलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। सुखविंदर सिंह के परिवार में दो छोटे बच्चे, पत्नी और विधवा मां हैं। उन्होंने कहा कि सुखविंदर सिंह बहुत मेहनती युवक था और रोजी रोटी कमाने के लिए विदेश गया था। जिसकी आज अचानक मृत्यु हो गई। उन्होंने पंजाब वह केंद्र सरकार से अपील की कि जल्द से जल्द सुखविंदर सिंह का शव विदेश से भारत लाया जाए, ताकि परिवार वाले उसका अंतिम संस्कार कर सकें। इस दुखद खबर से पूरे इलाके में शोक की लहर है। गुरदासपुर के गांव अहमदाबाद निवासी 39 वर्षीय सुखविंदर सिंह की शारजाह में की मौत हो गई। सुखविंदर सिंह 14 महीने पहले अपने परिवार के लिए रोजी रोटी कमाने के लिए शारजाह गया था, जिसकी वहां अचानक मौत हो गई। परिवार वाले बेहद मुश्किल में हैं और प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि उनके शव को भारत लाने में मदद की जाए। मृतक सुखविंदर सिंह की पत्नी और परिवार वालों ने बताया कि सुबह उन्हें फोन आया था कि सुखविंदर सिंह को खून की उल्टी हुई है और उन्हें ईलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। सुखविंदर सिंह के परिवार में दो छोटे बच्चे, पत्नी और विधवा मां हैं। उन्होंने कहा कि सुखविंदर सिंह बहुत मेहनती युवक था और रोजी रोटी कमाने के लिए विदेश गया था। जिसकी आज अचानक मृत्यु हो गई। उन्होंने पंजाब वह केंद्र सरकार से अपील की कि जल्द से जल्द सुखविंदर सिंह का शव विदेश से भारत लाया जाए, ताकि परिवार वाले उसका अंतिम संस्कार कर सकें। इस दुखद खबर से पूरे इलाके में शोक की लहर है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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माघी मेला, मुगल की कब्र पर जूते मारते हैं श्रद्धालु:यहां लगती 100 करोड़ की घोड़ा मंडी, जिसका चैंपियन हरियाणा का बुर्ज खलीफा
माघी मेला, मुगल की कब्र पर जूते मारते हैं श्रद्धालु:यहां लगती 100 करोड़ की घोड़ा मंडी, जिसका चैंपियन हरियाणा का बुर्ज खलीफा पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब में आज माघी का शाही स्नान हो रहा है। यहां गुरुद्वारा श्री टूटी गंडी साहिब के सरोवर में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यह गुरुद्वारा श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की दया और सिखों के पुनर्मिलन का प्रतीक है। यहां उनसे जुड़े 8 प्रमुख गुरुद्वारे हैं। जिनमें शामिल गुरुद्वारा दातनसर साहिब में एक मुगल सैनिक की कब्र है। जिस पर सिख श्रद्धालू जूते–चप्पल मारते हैं। इस सैनिक ने गुरू गोबिंद सिंह जी पर हमला किया था। यह पूरा इतिहास खिदराने की लड़ाई से जुड़ा हुआ है। जिसकी विस्तृत जानकारी आगे पढ़ सकते हैं। करीब 5 किमी एरिया में होने वाले इस मेले में 100 करोड़ की घोड़ा मंडी भी लगती है। जिसमें 2 लाख से लेकर 2 करोड़ तक के अलग–अलग नस्ल के घोड़े आते हैं। पिछली बार घोड़ों की चैंपियनशिप में 71 इंच हाइट का हरियाणा का बुर्ज खलीफा चैंपियन रहा था। माघी मेला, घोड़ा मंडी और गुरू गोबिंद सिंह जी की खिदराने की जंग से जुड़ी कहानियां… गर्मी की वजह से मेले का महीना बदला गया
माघी मेला सिख इतिहास में बैसाखी और बंदी छोड़ दिवस (दीवाली) के बाद तीसरा बड़ा त्योहार है। यह मेला उन 40 सिखों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने पहले गुरू गोबिंद सिंह जी के लिए लड़ने से इनकार कर दिया। मगर, माई भागो की प्रेरणा से ऐसी लड़ाई लड़ी कि अपने प्राण तक बलिदान कर दिए। इन्हें सिख इतिहास में गुरु गोबिंद सिंह जी के “चाली मुकते” (चालीस मुक्त हुए सिख योद्धा) कहा जाता है। यह लड़ाई 3 मई 1705 यानी बिक्रमी कैलेंडर के मुताबिक 21 वैसाख 1762 को हुई थी। शुरू में यह मेला वैसाख में ही लगता था, लेकिन गर्मी और पानी की कमी के कारण इसे सर्दियों के माघ महीने में मनाने की परंपरा शुरू हुई। नानकशाही कैलेंडर में इसे जनवरी यानी माघ महीने में मनाना तय किया गया है। इस बार यह मेला 11 जनवरी से शुरू हो चुका है। 14 जनवरी को यहां अखंड पाठ के भोग डाले जाएंगे। 15 जनवरी को नगर कीर्तन निकालने के साथ निहगों की घुड़दौड़, घोड़ों के मुकाबले होंगे। जिसके बाद पारंपरिक तौर पर मेले की समाप्ति हो जाएगी। माघी मेले से जुड़ी फोटोज… मंडी में 400 से ज्यादा घोड़े, कीमत 100 करोड़
माघी मेले में सबसे आकर्षण घोड़ा मंडी रहती है। यहां 400 से ज्यादा घोड़े आते हैं, जिसमें नुकरा (सफेद घोड़ा), मारवाड़ी (राजस्थान) और मज्जुका नस्ल के घोड़े सबसे ज्यादा फेमस है। इन घोड़ों की कीमत 2 लाख से लेकर 2 करोड़ तक होती है। इस मंडी में ज्यादातर भारतीय नस्लें ही बेची और खरीदी जाती हैं। विदेशी घोड़ों को इन मंडियों में नहीं ले जाया जाता है। यहां हॉर्स शो भी होता है। पिछले साल हुए मुकाबले में मेल कैटेगरी में पहला स्थान हरियाणा के बुर्ज खलीफा को मिला था। जिसकी हाइट 71 इंच थी। बुर्ज खलीफा तब पौने 4 साल का था। फीमेल कैटेगरी में 5 साल की मारवाड़ी घोड़ी हिना जीती थी। जिसकी हाइट 66 इंच थी। जानिए कौन था मुगल नूरदीन, जिसने गुरू गोबिंद सिंह जी पर हमला किया
सिख इतिहास के मुताबिक मुगलों से हुई खिदराने की जंग के बाद गुरू गोबिंद सिंह जी मुक्तसर में रुके थे। यहां जिस जगह पर गुरूद्वारा दातनसर साहिब बना हुआ है, यहां एक बार गुरू गोबिंद सिंह जी दातुन कर रहे थे। तभी मुगल सैनिक नूरदीन चोरी–छुपे वहां आया और किसी नुकीली चीज से उन पर हमला करने की कोशिश की। हालांकि उन्होंने तुरंत एक बर्तन उठाया और मुगल नूरदीन को ही मार दिया। जिसके बाद यहां उसकी कब्र बनाई गई है। जिसे सिख अन्याय और गुरु साहिब के खिलाफ की गई साजिश का प्रतीक मानते हैं। गुरुद्वारे के दर्शन के बाद श्रद्धालु यहां कब्र पर जूते–चप्पल मारते हैं। जो इस बात का संदेश देता है कि अन्याय और विश्वासघात का अंत निश्चित है। खिदराने की जंग: 40 सिख लड़ाई से हटे, फिर ऐसे लड़े कि जान तक बलिदान कर दी 1. मुगल सैनिकों से लड़ रहे थे गुरू गोबिंद सिंह जी, 40 सिखों ने भूख–प्यास से साथ छोड़ा
सिख इतिहासकारों के मुताबिक बिक्रमी संवत 1761 में दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी किला आनंदपुर साहिब में मुगल सैनिकों से लड़ रहे थे। किले में राशन–पानी खत्म होता जा रहा था। यह देख 40 सिखों ने कहा कि वह भूखे–प्यासे लड़ाई नहीं लड़ सकते। इस पर गुरू गोबिंद सिंह जी ने उनसे कहा कि लिखकर दे दो कि मैं तुम्हारा गुरू नहीं और तुम मेरे शिष्य नहीं। उन्होंने लिखकर दिया और लड़ाई छोड़ अपने घर चले गए। 2. गुरू गोबिंद सिंह जी के 2 साहिबजादों ने शहीदी प्राप्त की
किला आनंदपुर की लड़ाई के बाद गुरू गोबिंद सिंह जी चमकौर साहिब की गढ़ी में जा पहुंचे। वहां मुगल सैनिकों के साथ उनका मुकाबला हुआ। इसमें गुरू गोबिंद सिंह जी के 2 साहिबजादे भाई अजीत सिंह और भाई जुझार सिंह ने शहीदी प्राप्त की। 3. परिजनों ने 40 सिखों के घर लौटने पर खूब कोसा
चमकौर की गढ़ी से गुरू गोबिंद सिंह जी ने खिदराने की ढाब (मुक्तसर) के ऊंचे रेतीले टिब्बों में अपना डेरा लगा लिया। इधर, 40 सिखों ने घर में लड़ाई छोड़कर आने की बात बताई ताे परिवार के लोगों ने उन्हें खूब कोसा। उन्होंने कहा कि मुसीबत के वक्त गुरू गोबिंद सिंह जी का साथ छोड़ना चाहिए था। परिवार की महिलाओं ने कहा कि आप सब घर बैठो, हम गुरू जी के साथ सेना बनकर लडेंगी। तब माई भागो ने भी 40 सिखों को लड़ने के लिए प्रेरित किया। 4. वापस लौटे 40 सिख, मुगल सेना को घुटनों पर ला दिया
घरवालों के ताने सुन और माई भागो के प्रेरित करने पर वे फिर से गुरू गोबिंद सिंह जी की खोज में निकल पड़े। वह खिदराने की ढाब पहुंच गए, जहां गुरू गोबिंद सिंह जी ठहरे हुए थे। उन्होंने भी एक जलाशय के पास अपने डेरे लगा लिए। तभी गुरू गोबिंद सिंह जी को ढूंढते हुए मुगल सेना भी वहां आ पहुंची। उन्होंने इन्हीं 40 सिखों पर हमला किया। तब ये 40 सिख ऐसे लड़े कि मुगल सेना को घुटने पर ला दिया। मुगल सेना को वहां से भागना पड़ा। इस लड़ाई में 39 सिख शहीद हो गए। एक भाई महा सिंह घायल पड़े थे। तब श्री गुरू गोबिंद सिंह जी वहां पहुंचे और महा सिंह का सिर अपनी गोद में रखते हुए कहा कि आप सब लोगों ने आज सिख धर्म की लाज रख ली। 5. गुरू गोबिंद सिंह ने पत्र फाड़कर कहा, यह 40 मुक्तों की धरती
गुरू गोबिंद सिंह जी ने महा सिंह से कहा कि जो मांगना चाहते हो मांग लो। इस पर महा सिंह ने कहा कि हमें माफी दे दीजिए और आनंदपुर के किले में उन्होंने जो पत्र (बेदावा) दिया था, उसे फाड़ दीजिए। हमारी टूटी गांठ जोड़ दीजिए यानी हमें अपना शिष्य बना लीजिए। तब गुरू गोबिंद सिंह जी ने अपनी कमर से वह पत्र निकाला और फाड़ दिया। उन्होंने कहा कि यह स्थान खिदराना नहीं बल्कि मुक्ति का धाम है। बाद में महा सिंह ने भी शहीदी प्राप्त कर ली। 6. 40 सिखों का अपने हाथ से अंतिम संस्कार किया
इसके बाद गुरू गोबिंद सिंह जी ने युद्ध के मैदान से सभी 40 सिखों की पार्थिव देह को इकट्ठा किया। इसके बाद एक बड़ी चिता बनाई। फिर गुरू गोबिंद सिंह जी ने अपने हाथ से सभी 40 सिखों का अंतिम संस्कार किया। इसी जगह पर अब गुरूद्वारा शहीद गंज बना हुआ है। जहां पर बेदावा (पत्र) फाड़ा, वहां गुरुद्वारा टुट्टी गंडी साहिब बना। मुक्तसर में श्री गुरू गोबिंद सिंह से जुड़े 8 गुरुद्वारे…
पंजाब में बिजली चोरों पर लगा 4.64 करोड़ जुर्माना:PSPCL ने 2075 केस पकड़े, सभी पर FIR दर्ज, बठिंडा में सबसे अधिक केस
पंजाब में बिजली चोरों पर लगा 4.64 करोड़ जुर्माना:PSPCL ने 2075 केस पकड़े, सभी पर FIR दर्ज, बठिंडा में सबसे अधिक केस पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PSPCL) ने 2075 बिजली चोरी से जुड़े मामले पकड़े हैं। इसके बाद उक्त लोगों पर 4.64 करोड़ का जुर्माना लगाया है। बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने बताया सभी आरोपियों पर FIR दर्ज की गई हैं । संबंधित उपभोक्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पांच जोन में एक समय में चलाई चेकिंग PSPCL के मुताबिक पांच जोन अमृतसर, बठिंडा, लुधियाना, जालंधर और पटियाला में विशेष चेकिंग मुहिम चलाई गई। इस दौरान कुल 28,487 बिजली कनेक्शनों की जांच की गई। इसमें 2075 बिजली चोरी के मामले पकड़े गए । जिसके बाद जुर्माना लगाने की प्रक्रिया की गई है। बठिंडा में सबसे अधिक केस आए सामने जोन वाइज बात करे तो बठिंडा जोन में 527 मामले बिजली चोरी के पकड़े गए और 1.41 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया। लुधियाना जोन में 323 मामले पकड़े गए और 90 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। जालंधर जोन में 340 मामले पकड़े गए और 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। इसी तरह पटियाला जोन में 447 मामले पकड़े गए और संबंधित उपभोक्ताओं पर 74 लाख रुपए के जुर्माने लगाए गए। आगे भी जारी रहेगा ऑपरेशन बिजली मंत्री ने हर व्यक्ति से अपने बिजली कनेक्शन को नियमित करने की भी अपील की है, ताकि उन्हें सिस्टम के तहत लाया जा सके। उन्होंने पावरकॉम के अधिकारियों की बिजली चोरी के खिलाफ मुहिम को सफलतापूर्वक चलाने के लिए प्रशंसा की। विभाग ने भी आगे भी इस तरह के ऑपरेशन चलाने का फैसला लिया है।
अमृतसर एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी:आरोपी को फिरोजपुर से पकड़ा, पूछताछ जारी; 2 अन्य की तलाश में पुलिस
अमृतसर एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी:आरोपी को फिरोजपुर से पकड़ा, पूछताछ जारी; 2 अन्य की तलाश में पुलिस पंजाब के अमृतसर में श्री गुरु रामदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट को शनिवार को बम से उड़ाने की धमकी मिली। पुलिस ने 24 घंटे के भीतर ही आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली। अमृतसर पुलिस की टीम ने फिरोजपुर से गुरदेव सिंह नाम के युवक को गिरफ्तार किया है, जबकि उसके बताए दो अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक अमृतसर एयरपोर्ट को यह धमकी ईमेल के जरिए दी गई थी। ईमेल अमृतसर एयरपोर्ट अथॉरिटी को भेजा गया था। ईमेल में आरोपी ने एयरपोर्ट में कई जगहों पर कुल 6 बम लगाने का दावा किया था। आरोपियों ने कहा कि उन्हें 1 करोड़ रुपये दिए जाएं, नहीं तो वे एयरपोर्ट को बम से उड़ा देंगे। ईमेल में दी गई जानकारी को अमृतसर पुलिस के साथ शेयर किया गया। जिसके बाद अमृतसर पुलिस का साइबर डिपार्टमेंट सक्रिय हो गया। IP एड्रेस के जरिए पकड़ा गया आरोपी अमृतसर पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने ईमेल भेजने वाले की तलाश शुरू कर दी है। IP एड्रेस से आरोपी के बारे में जानकारी मिली। आरोपी की पहचान फिरोजपुर निवासी गुरदेव सिंह के रूप में हुई है। पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को दो अन्य आरोपियों के बारे में बताया। पुलिस उनकी पहचान करने की कोशिश कर रही है। पुलिस कमिश्नर रणजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि गुरदेव को हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने आरोपी गुरदेव को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।