पंजाब के बनूड़ के कबड्डी खिलाड़ी जगदीप सिंह मीनू की सांप के काटने से मौत हो गई है। कुछ दिन पहले खेतों से चारा लेने गए जगदीप को सांप ने काट लिया था। घटना के बाद उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ में दाखिल करवाया गया था। इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। मृतक खिलाड़ी जगदीप के करीबी व स्थानीय काउंसलर भजन लाल नंदा ने बताया कि जगदीप मीनू तकरीबन 30 साल का था। कुछ दिन पहले वे पशुओं का चारा काटने के लिए खेतों में गया था। इसी दौरान उसे सांप ने काट लिया। उसे तुरंत पास के निजी अस्पताल लेकर जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसकी हालत को देखते हुए पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया था। देर रात तोड़ा दम कुछ दिनों से जगदीप का इलाज पीजीआई में ही चल रहा था। लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। देर रात जगदीप ने दम तोड़ दिया। एक परिवार ने जहां अपना बेटा खोया है, वहीं पंजाब ने एक अच्छा कबड्डी खिलाड़ी भी खो लिया है। 45 किलो वर्ग से खेलना किया था शुरू जगदीप मीनू के साथ खेलने वाले खिलाड़ी बबलू बनूड़ ने बताया कि उसे स्कूल के समय से कबड्डी खेलने का शौक था। स्कूल के दिनों में 45 किलो वर्ग में खेलना शुरू किया था। उसके बाद जगदीप ने कभी मुड़ कर नहीं देखा। कई नेशनल खेलों में जगदीप ने बनूड़ का नाम चमकाया। जगदीप की मौत के बाद शहर में शौक की लहर है। बड़ी गिनती में खेल जगत की हस्तियां जगदीप के घर दुख जाहिर करने के लिए पहुंच रही हैं। पंजाब के बनूड़ के कबड्डी खिलाड़ी जगदीप सिंह मीनू की सांप के काटने से मौत हो गई है। कुछ दिन पहले खेतों से चारा लेने गए जगदीप को सांप ने काट लिया था। घटना के बाद उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ में दाखिल करवाया गया था। इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। मृतक खिलाड़ी जगदीप के करीबी व स्थानीय काउंसलर भजन लाल नंदा ने बताया कि जगदीप मीनू तकरीबन 30 साल का था। कुछ दिन पहले वे पशुओं का चारा काटने के लिए खेतों में गया था। इसी दौरान उसे सांप ने काट लिया। उसे तुरंत पास के निजी अस्पताल लेकर जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसकी हालत को देखते हुए पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया था। देर रात तोड़ा दम कुछ दिनों से जगदीप का इलाज पीजीआई में ही चल रहा था। लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। देर रात जगदीप ने दम तोड़ दिया। एक परिवार ने जहां अपना बेटा खोया है, वहीं पंजाब ने एक अच्छा कबड्डी खिलाड़ी भी खो लिया है। 45 किलो वर्ग से खेलना किया था शुरू जगदीप मीनू के साथ खेलने वाले खिलाड़ी बबलू बनूड़ ने बताया कि उसे स्कूल के समय से कबड्डी खेलने का शौक था। स्कूल के दिनों में 45 किलो वर्ग में खेलना शुरू किया था। उसके बाद जगदीप ने कभी मुड़ कर नहीं देखा। कई नेशनल खेलों में जगदीप ने बनूड़ का नाम चमकाया। जगदीप की मौत के बाद शहर में शौक की लहर है। बड़ी गिनती में खेल जगत की हस्तियां जगदीप के घर दुख जाहिर करने के लिए पहुंच रही हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब में SAD की नई कोर कमेटी गठित:23 मेंबरों को कमेटी में शामिल, पहले बगावत के चलते कमेटी की थी भंग
पंजाब में SAD की नई कोर कमेटी गठित:23 मेंबरों को कमेटी में शामिल, पहले बगावत के चलते कमेटी की थी भंग शिरोमणि अकाली दल (SAD) की तरफ से नई कोर कमेटी का गठन कर दिया गया है। कमेटी में कुल 23 मेंबरों को शामिल किया गया है। जबकि चार विशेष आमंत्रित सदस्य रहेंगे। पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल की तरफ से इस संबंधी फैसला पार्टी की वर्किंग कमेटी में लिया गया है। कमेटी में SGPC प्रधान हरजिंदर सिंह धामी से लेकर परमजीत सिंह सरना तक के नाम शामिल किए गए हैं। इसके अलावा कई नेताओं को शामिल किया गया। अकाली दल के सीनियर नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने इस बारे में अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट डालकर जानकारी दी है। इससे पहले पार्टी में बगावत होने के बाद कोर कमेटी को भंग कर दिया गया था। उस कमेटी प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा से लेकर कई नाम शामिल थे। इन लोगों को कमेटी में दी गई जगह SAD की तरफ से गठित कोर कमेटी में एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी का नाम पहले स्थान पर हैं। इसके बाद बलविंदर सिंह भूंदड़, नरेश गुजराल, गुलजार सिंह राणिके, महेश इन्दर सिंह ग्रेवाल,डॉ. दलजीत सिंह चीमा, जनमेजा सिंह सेखों, अनिल जोशी, शरणजीत सिंह ढिल्लों, बिक्रम सिंह मजीठिया, हीरा सिंह गाबड़िया, परमरजीत सिंह सरना, मंजीत सिंह जीके इकबाल सिंह झूंदा, प्रो. विरसा सिंह वल्टोहा, गुरबचन सिंह बबेहाली, डॉ. सुखविंदर सुखी लखबीर सिंह लोधीनंगल, एनके शर्मा, मनतार सिंह बराड़, हरमीत सिंह संधू, सोहन सिंह ठंडल और बलदेव सिंह खैहरा का नाम शामिल है। यह लोग बनाए गए स्पेशल आमंत्रित सदस्य SAD की तरफ जो आमंत्रित सदस्य बनाए है। उनमें संसद में जो पार्टी का नेता होगा, उसे जगह दी जाएगी। इसके अलावा यूथ अकाली दल के प्रधान, स्त्री अकाली दल के नेता और शिरोमणि अकाली दल के लीगल विंग के हेड को स्पेशल सदस्य बनाया गया है।
पंजाब में बीते 1 हफ्ते में 64% अधिक बारिश:फिरोजपुर समेत 4 जिलों में सूखे के हालात, हिमाचल से सटे इलाकों में होगी वर्षा
पंजाब में बीते 1 हफ्ते में 64% अधिक बारिश:फिरोजपुर समेत 4 जिलों में सूखे के हालात, हिमाचल से सटे इलाकों में होगी वर्षा पंजाब में पिछले 10 दिनों से मानसून सक्रिय है। इसके बावजूद राज्य के 4 जिलों में सूखे की स्थिति बनी हुई है। यहां 30 से 45 डिग्री तक कम बारिश दर्ज की गई है। जबकि अन्य जिलों में सामान्य और अधिक बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस साल मानसून सामान्य से अधिक रहने वाला है। वहीं, आज विभाग ने हिमाचल से सटे 4 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, पंजाब में 1 से 7 जुलाई तक 64% अधिक बारिश हुई है। पिछले 7 दिनों में पंजाब में 45.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि यहां औसतन 27.5 मिमी बारिश होती है। वहीं, पंजाब के 4 जिलों में सूखे की स्थिति बनी हुई है। फिरोजपुर जिले में 53% कम बारिश हुई है। यहां औसतन 15.4 मिमी बारिश होती है, जबकि इस साल यहां केवल 7.3 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसी तरह मोगा में 45 फीसदी, होशियारपुर में 38 फीसदी और एसबीएस नगर में 41 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई। 4 जिलों में बारिश का अलर्ट, अन्य में संभावना हिमाचल प्रदेश से सटे पंजाब के 4 जिलों पठानकोट, होशियारपुर, नवांशहर और रूपनगर में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। यहां बहुत भारी बारिश की संभावना है। जबकि अन्य सभी जिलों में बादल छाए रहने और सामान्य बारिश के आसार हैं। जिसे लेकर मौसम विभाग समय-समय पर अलर्ट जारी करता रहेगा।
लुधियाना-जालंधर से पाकिस्तान के पेशावर तक घोड़ों के जरिए जाती थी शाही डाक, आज भी यहां कोस मीनार संरक्षित हैं जहां घुड़सवार ठहरते थे
लुधियाना-जालंधर से पाकिस्तान के पेशावर तक घोड़ों के जरिए जाती थी शाही डाक, आज भी यहां कोस मीनार संरक्षित हैं जहां घुड़सवार ठहरते थे जालंधर में नकोदर के पुराने मोहल्ले और ओल्ड जीटी रोड के किनारे खेतों में कोस मीनार खड़े हैं। सूरी साम्राज्य के संस्थापक शेर शाह सूरी ने ये कोस मीनार बनवाए थे। हर मीनार पर घुड़सवार मौजूद था जो अगली मीनार पर तैनात घुड़सवार को शाही डाक देता था। इस तरह यह डाक पेशावर तक बांटी जाती थी। लगभग 20 से 25 किलोमीटर बाद घोड़े बदल जाते थे। एक अनुमान है कि 24 घंटे में लगभग 250 किमी तक का सफर कर लिया जाता था। जालंधर में 12, लुधियाना में 6 कोस मीनार: शेर शाह सूरी ने 1540 में हुमायूं को हराकर सूरी शासन की नींव रखी थी। उन्होंने ओल्ड जीटी रोड का निर्माण कराया था। इसके किनारे हर कोस पर मीनार बनवाई। लाला लाजपत राय डीएवी कालेज जगरावां के हिस्ट्री के प्रोफेसर कुनाल मेहता बताते हैं कि पंजाब से रवाना यह डाक पेशावर तक जाती थी। ये कोस मीनार आज भी मौजूद हैं। ये मीनारें दिशासूचक भी थीं। हरेक मीनार को पुरातत्व विभाग ने अपने कोड दे रखे हैं और इनके संरक्षण का नोटिफिकेशन है। पंजाब में लुधियाना जिले में 6 कोस मीनार हैं। जबकि जालंधर में 12 जगह पर मीनारें खड़ी हैं। खेतों में खड़ी मीनार के पास जब फसलों की कटाई होती है तो इनका खास ख्याल रखा जाता है। यह है पोस्टल डे मनाने का मकसद : यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के गठन के लिए 9 अक्टूबर 1874 को स्विटजरलैंड में 22 देशों ने एक संधि की थी। इसके बाद हर साल 9 अक्तूबर को पोस्टल डे मनाया जाने लगा। इसको मनाने का मुख्य उद्देश्य है ग्राहकों को डाक विभाग के बारे में जानकारी देना, उन्हें जागरूक करना और डाकघरों के बीच सामंजस्य को स्थापित करना है। जालंधर में कहां: चीमा कलां में एक, दक्खणी में 3, जहांगीर में 1, नगर में 1, नकोदर में 2, नूरमहल में 1, टुटकलां में 1, उप्पल में 1, वीर पिंड में 1 कोस मीनार है। हरकारे भी थे: जालंधर में नार्दर्न फिलाटैलिक सोसायटी के राजीव कोहली बताते हैं कि कभी दौड़कर भी लोग डाक डिलीवरी देते थे। उन्हें हरकारे कहा जाता था। हर हरकारा 5 किलोमीटर तक का सफर करता था। वह भी कोस मीनार सिस्टम की तरह अगले हरकारे को पत्र सौंप देता था।