होटल में बंधक बनाकर युवती के साथ 6-7 युवकों ने गैंगरेप किया। युवती को शराब पिलाकर आरोपियों ने बार-बार दुष्कर्म किया। आरोपियों ने युवती को दो दिनों तक अगवा कर होटल के कमरे में रखा था। इसका खुलासा पीड़िता की ओर से कोर्ट में दिए बयान में हुआ है। डिवीजन नंबर-2 पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने होटल का कमरा सील कर दिया है। युवती मानसिक रूप से अक्षम बताई गई है। 37 वर्षीय पीड़िता 17 अक्टूबर सुबह घर के पास की दुकान से सामान लेने गई थी। दोपहर तक वह घर नहीं लौटी। युवती के भाई ने जनकपुरी पुलिस चौकी को सूचना दी। 21 अक्टूबर की दोपहर युवती चीमा चौक के पास एक पार्क में मिली। सूचना पर परिजन युवती को लेने पहुंचे। युवती ने आपबीती परिजनों को बताई। पीड़िता ने परिजनों को बताया कि वह घर का रास्ता भूल गई। रास्ते में कुछ लोग मिले, जो मदद करने की बात कहकर उसे अपने साथ सूफियां चौक स्थित होटल में ले गए। युवती का आरोप है कि होटल स्काई में युवकों ने उसे जबरन शराब पिलाकर उसके साथ गैंगरेप किया। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की और रजिस्टर चेक किए। जांच में सामने आया है कि युवती के साथ आरोपी सौरव पुत्र विपिन कुमार, सुनील कुमार पुत्र नानकु शुक्ला और दमन शर्मा पुत्र हरीश कुमार ने गैंगरेप किया। पुलिस ने तीनों को काबू कर लिया। अब पुलिस अन्य आरोपियों की शिनाख्त में जुटी है। गैंगरेप की घटना में होटल प्रबंधन की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि होटल में युवती को लेकर 3 युवक गए थे। होटल मैनेजर व कर्मचारियों ने बिना जांच के कमरा उन्हें दे दिया। अभी जांच में ये सामने आया है कि आरोपियों ने एक कमरा लिया और छह आदमी उसमें मौजूद थे। सवाल ये उठ रहा है कि किसकी सहमति से आरोपियों को एक ही कमरा दे दिया गया। दो दिन तक युवती को अगवा कर होटल में रखा गया लेकिन होटल प्रबंधन ने इसे लेकर संजीदगी नहीं दिखाई। 3 लोगों को 1 कमरा कैसे मिला कितने आरोपी ने गैंगरेप किया? -6-7 आरोपी थे, तीन पकड़ लिए गए हैं। कितने दिन होटल में बंधक बनाकर रखा? -दो दिन होटल में रखा था। होटल में छह लोगों को एक कमरा कैसे मिल गया? -जांच अभी खत्म नहीं हुई है। होटल प्रबंधन की भूमिका की जांच होगी और जांच बैठा दी गई है। संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। आरोपियों की पहचान कैसे हो पाई? -आरोपियों ने अपनी आईडी होटल में जमा कराई थी। अनिल कुमार, एसीपी सेंट्रल होटल में बंधक बनाकर युवती के साथ 6-7 युवकों ने गैंगरेप किया। युवती को शराब पिलाकर आरोपियों ने बार-बार दुष्कर्म किया। आरोपियों ने युवती को दो दिनों तक अगवा कर होटल के कमरे में रखा था। इसका खुलासा पीड़िता की ओर से कोर्ट में दिए बयान में हुआ है। डिवीजन नंबर-2 पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने होटल का कमरा सील कर दिया है। युवती मानसिक रूप से अक्षम बताई गई है। 37 वर्षीय पीड़िता 17 अक्टूबर सुबह घर के पास की दुकान से सामान लेने गई थी। दोपहर तक वह घर नहीं लौटी। युवती के भाई ने जनकपुरी पुलिस चौकी को सूचना दी। 21 अक्टूबर की दोपहर युवती चीमा चौक के पास एक पार्क में मिली। सूचना पर परिजन युवती को लेने पहुंचे। युवती ने आपबीती परिजनों को बताई। पीड़िता ने परिजनों को बताया कि वह घर का रास्ता भूल गई। रास्ते में कुछ लोग मिले, जो मदद करने की बात कहकर उसे अपने साथ सूफियां चौक स्थित होटल में ले गए। युवती का आरोप है कि होटल स्काई में युवकों ने उसे जबरन शराब पिलाकर उसके साथ गैंगरेप किया। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की और रजिस्टर चेक किए। जांच में सामने आया है कि युवती के साथ आरोपी सौरव पुत्र विपिन कुमार, सुनील कुमार पुत्र नानकु शुक्ला और दमन शर्मा पुत्र हरीश कुमार ने गैंगरेप किया। पुलिस ने तीनों को काबू कर लिया। अब पुलिस अन्य आरोपियों की शिनाख्त में जुटी है। गैंगरेप की घटना में होटल प्रबंधन की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि होटल में युवती को लेकर 3 युवक गए थे। होटल मैनेजर व कर्मचारियों ने बिना जांच के कमरा उन्हें दे दिया। अभी जांच में ये सामने आया है कि आरोपियों ने एक कमरा लिया और छह आदमी उसमें मौजूद थे। सवाल ये उठ रहा है कि किसकी सहमति से आरोपियों को एक ही कमरा दे दिया गया। दो दिन तक युवती को अगवा कर होटल में रखा गया लेकिन होटल प्रबंधन ने इसे लेकर संजीदगी नहीं दिखाई। 3 लोगों को 1 कमरा कैसे मिला कितने आरोपी ने गैंगरेप किया? -6-7 आरोपी थे, तीन पकड़ लिए गए हैं। कितने दिन होटल में बंधक बनाकर रखा? -दो दिन होटल में रखा था। होटल में छह लोगों को एक कमरा कैसे मिल गया? -जांच अभी खत्म नहीं हुई है। होटल प्रबंधन की भूमिका की जांच होगी और जांच बैठा दी गई है। संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। आरोपियों की पहचान कैसे हो पाई? -आरोपियों ने अपनी आईडी होटल में जमा कराई थी। अनिल कुमार, एसीपी सेंट्रल पंजाब | दैनिक भास्कर
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जानकारी देते हुए विजिलेंस के SSP रविंद्रपाल सिंह संधू ने बताया कि लुधियाना के दुल्ली गांव निवासी सरबजीत सिंह की शिकायत पर जांच के आधार पर आरोपियों के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि बूटा सिंह और राणा सिंह नाम के दो प्राइवेट व्यक्तियों ने पटवारी गुरनाम सिंह के साथ उनकी मुलाकात करवाई थी, जिन्होंने उनके प्लॉट की रजिस्ट्री के लिए एक लाख रुपए की मांग की थी। उन्होंने बताया कि पटवारी ने अपने उपरोक्त सहयोगियों (कारिंदा) बूटा और राणा के माध्यम से 15,000 रुपए, 35,000 रुपए और 15,000 रुपए की तीन किस्तों में कुल 65000 रुपए रिश्वत ली थी। फोन कॉल रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासा
शिकायतकर्ता ने पटवारी और उसके सहयोगियों के साथ फोन कॉल की रिकॉर्डिंग भी की थी। प्रवक्ता ने बताया कि जांच के दौरान शिकायत में लगाए गए 65000 रुपए की रिश्वत लेने के आरोप साबित हुए। इस संबंध में पटवारी गुरनाम सिंह, उसके सहयोगियों बूटा सिंह और राणा सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में आगे की जांच जारी है।