लुधियाना| त्योहारी सीजन को लेकर फिरोजपुर मंडल से अब तक 17 नई ट्रेनों का संचालन किया जा चुका है। इन नई ट्रेनों की आवाजाही एक अक्टूबर से लेकर नवंबर के अंत तक रहेगी। इन सभी 17 ट्रेनों में से पांच ट्रेनों का स्टॉपेज लुधियाना रेलवे स्टेशन पर दिया गया है तो 8 ट्रेनों को ढंडारी रेलवे स्टेशन पर रोका जाएगा। इसके अलावा बाकी की 4 ट्रेनों को लुधियाना में ढंडारी रेलवे स्टेशन को रोकने की बजाय रन थ्रू ही चलाया जाएगा। यानी ये 4 ट्रेन ढंडारी रेलवे स्टेशन पर नहीं रुकेंगी। ट्रेन संख्या कहां से कहां स्टॉपेज लुधियाना| त्योहारी सीजन को लेकर फिरोजपुर मंडल से अब तक 17 नई ट्रेनों का संचालन किया जा चुका है। इन नई ट्रेनों की आवाजाही एक अक्टूबर से लेकर नवंबर के अंत तक रहेगी। इन सभी 17 ट्रेनों में से पांच ट्रेनों का स्टॉपेज लुधियाना रेलवे स्टेशन पर दिया गया है तो 8 ट्रेनों को ढंडारी रेलवे स्टेशन पर रोका जाएगा। इसके अलावा बाकी की 4 ट्रेनों को लुधियाना में ढंडारी रेलवे स्टेशन को रोकने की बजाय रन थ्रू ही चलाया जाएगा। यानी ये 4 ट्रेन ढंडारी रेलवे स्टेशन पर नहीं रुकेंगी। ट्रेन संख्या कहां से कहां स्टॉपेज पंजाब | दैनिक भास्कर
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सरकारी अस्पतालों में फ्री में प्राइवेट जैसा मिलेगा इलाज:पंजाब सरकार का पॉलयट प्रोजेक्ट, प्राइवेट सर्विस प्रोवाइडर को सौंपेगे हॉस्पिटल, 11500 करोड़ का निवेश
सरकारी अस्पतालों में फ्री में प्राइवेट जैसा मिलेगा इलाज:पंजाब सरकार का पॉलयट प्रोजेक्ट, प्राइवेट सर्विस प्रोवाइडर को सौंपेगे हॉस्पिटल, 11500 करोड़ का निवेश पंजाब के सरकारी अस्पतालों में लोगों को प्राइवेट हॉस्पिटल जैसी बेहतर चिकित्सा सुविधाएं फ्री उपलब्ध कराने के लिए पंजाब सरकार ने एक स्ट्रेटजी बनाई है। इसके तहत आने वाले दिनों में सरकार एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है। इस योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में निजी सेवा प्रदाताओं (सर्विस प्रोवाइडर) की सेवाएं ली जाएंगी। यानी सरकारी अस्पतालों में काम करने वाला पूरा स्टाफ सेवा प्रदाता (सर्विस प्रोवाइडर) का होगा। इस दौरान वे जो भी सेवाएं लोगों को देंगे, जैसे कि ओपीडी, इंजेक्शन लगाना, ऑपरेशन करना और अन्य चिकित्सा सेवाएं, उसके लिए सेवा प्रदाता को भुगतान किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में 11,500 करोड़ रुपए के निवेश की उम्मीद है।पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह के अनुसार, इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है और यह अगले दो से तीन महीनों में पूरी तरह तैयार हो जाएगा बडे़ सरकारी अस्पताल में प्रोजेक्ट में होंगे शामिल विभाग की योजना के अनुसार यदि किसी जिले में चार अस्पताल हैं और प्रत्येक अस्पताल में 100 या अधिक बेड हैं, तो उन्हें इस प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को लेकर सरकार की बैठकें शुरू हो चुकी हैं। इसके अलावा, राज्य में दो नए प्राइवेट मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं, और एक और प्राइवेट अस्पताल प्रस्तावित है।
वहीं, तीन सरकारी मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य भी शुरू हाे जाएगा। मरीजों को सरकारी दवाएं मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएंगी। मोबाइल आम आदमी क्लीनिक की तैयारी सरकार प्राइमरी केयर सेहत सेवाओं के लिए “मोबाइल आम आदमी क्लीनिक” शुरू करने की तैयारी में है। सेकेंडरी स्वास्थ्य सेवाओं के तहत मुफ्त दवाओं की सूची को अंतिम रूप दिया गया है, जिसे अस्पतालों में प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा, घुटने बदलने, हृदय और मस्तिष्क की सर्जरी के लिए पूरे पंजाब में चार से पांच सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही, प्रत्येक पांच से दस किलोमीटर की दूरी पर जच्चा-बच्चा केंद्र बनाए जाएंगे। जिला और सब-डिवीजन स्तर पर आपातकालीन सेवाओं को भी बेहतर किया जाएगा। सरकारी अस्पतालों में फैसिलिटेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जहां मरीजों को निजी अस्पतालों जैसी सुविधाएं मिलेंगी। यहां मरीजों की पर्ची बनाने से लेकर डॉक्टर तक पहुंचाने तक की पूरी सहायता दी जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट का निकाय चुनाव पर रोक से इनकार:इलेक्शन कमीशन को जारी किया नोटिस, कल तय समय से होगा मतदान
सुप्रीम कोर्ट का निकाय चुनाव पर रोक से इनकार:इलेक्शन कमीशन को जारी किया नोटिस, कल तय समय से होगा मतदान पंजाब में 21 दिसंबर को होने वाले नगर निगम और नगर परिषद चुनाव को लेकर आज (20 अक्टूबर) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान शीर्ष अदालत ने निकाय चुनाव पर रोक लगाने से साफ मना कर दिया। हालांकि निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया गया था। इस संबंधी शिरोमणि अकाली दल, भाजपा और कांग्रेस की तरफ से याचिका दायर की गई थी। याचिका में आरोप था कि नामांकन के दौरान पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में उत्पीड़न किया गया। लोगों को नामांकन दाखिल करने तक नहीं दिया गया। याचिकाकर्ता ने राज्य में कई जगहों पर नामांकन के दौरान उत्पीड़न के वीडियो और अन्य रिकॉर्ड हाईकोर्ट को सौंपे थे। ऐसे शुरू हुआ पूरा विवाद इससे जुड़ी बीजेपी ने एक याचिका पंजाब एंड हरियाणाा हाईकोर्ट में दायर की गई थी। इसमें आशंका जताई गई थी कि जैसे पंचायत चुनाव के दौरान गुंडागर्दी हुई थी, वैसे ही नगर निगम चुनाव के दौरान भी होगी। उस समय कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाए। चुनाव की अधिसूचना जारी करने से पहले यह बताया जाए। इसके बाद चुनाव आयोग ने याचिकाकर्ता को पत्र लिखकर जानकारी दी कि जहां भी चुनाव होंगे, वहां पहले दिन से ही वीडियोग्राफी कराई जाएगी। यह प्रक्रिया चुनाव परिणाम घोषित होने तक जारी रहेगी। इस तरह फिर कोर्ट पहुंचा मामला इसके बाद याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दायर की। इसमें बाघा पुराना, माछीवाड़ा और पटियाला समेत कई जगहों से वीडियो के साथ तथ्य पेश किए गए। बताया गया कि पुलिस की मौजूदगी में कई जगहों पर उत्पीड़न हुआ। इसके बाद डीजीपी और अन्य अधिकारी पेश हुए। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए साफ कहा कि यह उत्पीड़न है। ऐसे में चुनाव प्रक्रिया को खारिज क्यों न कर दिया जाए। साथ ही उनसे जवाब मांगा गया। वहीं, दूसरी तरफ यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था।

वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ मुस्लिम समुदाय ने पीएम का पुतला फूंका, नारेबाजी कर विरोध जताया
वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ मुस्लिम समुदाय ने पीएम का पुतला फूंका, नारेबाजी कर विरोध जताया भास्कर न्यूज | जालंधर केंद्र सरकार की तरफ से लाए वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ मुसलमानों का गुस्सा बढ़ रहा है। रमजान महीने के अलविदा (आखिरी) शुक्रवार (जुमे) को मस्जिद-ए-कुबा खांबड़ा और मुस्लिम कॉलोनी सहित अन्य जगहों पर उग्र प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाया और बीजेपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। खांबड़ा में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए जमीयत उलेमा-ए-हिंद के जिला अध्यक्ष और मस्जिद के प्रधान मोहम्मद मजहर आलम मजाहिरी ने कहा कि यह संशोधन बिल मुसलमानों के वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने की कानूनी संरक्षण प्रदान करने की एक सोची समझी साजिश है। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियां केवल मुसलमानों के कल्याण के लिए समर्पित हैं, जिन्हें सरकार अपने अधीन करना चाहती है। यह विधेयक न्याय और निष्पक्षता की अपेक्षाओं के पूरी तरह विरुद्ध है। हम सभी इस वक्फ बिल के खिलाफ हैं और इसे वापस लिए जाने तक आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय इस विधेयक को पारित करने वालों के कार्यों को कभी नहीं भूलेंगे। दूसरी तरफ मुस्लिम कॉलोनी में वक्फ बोर्ड के पूर्व मेंबर मोहम्मद कलीम आजाद की अगुआई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका गया और विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकार के खिलाफ नारे लगाए और विधेयक को तत्काल वापस लेने की मांग की। इस अवसर पर आलम खान, तबरेज आलम, शाहबाज आलम, नदीम सलमानी, शहजाद सलमानी, मसूद खान, सिकंदर शेख, एडवोकेट रफीक व अन्य उपस्थित थे।