पंजाब में 21 दिसंबर को होने वाले नगर निगम और नगर परिषद चुनाव को लेकर आज (20 अक्टूबर) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान शीर्ष अदालत ने निकाय चुनाव पर रोक लगाने से साफ मना कर दिया। हालांकि निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया गया था। इस संबंधी शिरोमणि अकाली दल, भाजपा और कांग्रेस की तरफ से याचिका दायर की गई थी। याचिका में आरोप था कि नामांकन के दौरान पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में उत्पीड़न किया गया। लोगों को नामांकन दाखिल करने तक नहीं दिया गया। याचिकाकर्ता ने राज्य में कई जगहों पर नामांकन के दौरान उत्पीड़न के वीडियो और अन्य रिकॉर्ड हाईकोर्ट को सौंपे थे। ऐसे शुरू हुआ पूरा विवाद इससे जुड़ी बीजेपी ने एक याचिका पंजाब एंड हरियाणाा हाईकोर्ट में दायर की गई थी। इसमें आशंका जताई गई थी कि जैसे पंचायत चुनाव के दौरान गुंडागर्दी हुई थी, वैसे ही नगर निगम चुनाव के दौरान भी होगी। उस समय कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाए। चुनाव की अधिसूचना जारी करने से पहले यह बताया जाए। इसके बाद चुनाव आयोग ने याचिकाकर्ता को पत्र लिखकर जानकारी दी कि जहां भी चुनाव होंगे, वहां पहले दिन से ही वीडियोग्राफी कराई जाएगी। यह प्रक्रिया चुनाव परिणाम घोषित होने तक जारी रहेगी। इस तरह फिर कोर्ट पहुंचा मामला इसके बाद याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दायर की। इसमें बाघा पुराना, माछीवाड़ा और पटियाला समेत कई जगहों से वीडियो के साथ तथ्य पेश किए गए। बताया गया कि पुलिस की मौजूदगी में कई जगहों पर उत्पीड़न हुआ। इसके बाद डीजीपी और अन्य अधिकारी पेश हुए। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए साफ कहा कि यह उत्पीड़न है। ऐसे में चुनाव प्रक्रिया को खारिज क्यों न कर दिया जाए। साथ ही उनसे जवाब मांगा गया। वहीं, दूसरी तरफ यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था। पंजाब में 21 दिसंबर को होने वाले नगर निगम और नगर परिषद चुनाव को लेकर आज (20 अक्टूबर) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान शीर्ष अदालत ने निकाय चुनाव पर रोक लगाने से साफ मना कर दिया। हालांकि निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया गया था। इस संबंधी शिरोमणि अकाली दल, भाजपा और कांग्रेस की तरफ से याचिका दायर की गई थी। याचिका में आरोप था कि नामांकन के दौरान पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में उत्पीड़न किया गया। लोगों को नामांकन दाखिल करने तक नहीं दिया गया। याचिकाकर्ता ने राज्य में कई जगहों पर नामांकन के दौरान उत्पीड़न के वीडियो और अन्य रिकॉर्ड हाईकोर्ट को सौंपे थे। ऐसे शुरू हुआ पूरा विवाद इससे जुड़ी बीजेपी ने एक याचिका पंजाब एंड हरियाणाा हाईकोर्ट में दायर की गई थी। इसमें आशंका जताई गई थी कि जैसे पंचायत चुनाव के दौरान गुंडागर्दी हुई थी, वैसे ही नगर निगम चुनाव के दौरान भी होगी। उस समय कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाए। चुनाव की अधिसूचना जारी करने से पहले यह बताया जाए। इसके बाद चुनाव आयोग ने याचिकाकर्ता को पत्र लिखकर जानकारी दी कि जहां भी चुनाव होंगे, वहां पहले दिन से ही वीडियोग्राफी कराई जाएगी। यह प्रक्रिया चुनाव परिणाम घोषित होने तक जारी रहेगी। इस तरह फिर कोर्ट पहुंचा मामला इसके बाद याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दायर की। इसमें बाघा पुराना, माछीवाड़ा और पटियाला समेत कई जगहों से वीडियो के साथ तथ्य पेश किए गए। बताया गया कि पुलिस की मौजूदगी में कई जगहों पर उत्पीड़न हुआ। इसके बाद डीजीपी और अन्य अधिकारी पेश हुए। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए साफ कहा कि यह उत्पीड़न है। ऐसे में चुनाव प्रक्रिया को खारिज क्यों न कर दिया जाए। साथ ही उनसे जवाब मांगा गया। वहीं, दूसरी तरफ यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पिता की मौत के सदमे से बेटे ने दम तोड़ा:पंजाब में पुलिस में था कार्यरत, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
पिता की मौत के सदमे से बेटे ने दम तोड़ा:पंजाब में पुलिस में था कार्यरत, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होशियारपुर के मुकेरिया हलके के मोहल्ला रिखीपुर में एक बेहद दुखद घटना घटी। जहां अपने पिता के अंतिम संस्कार की अरदास करने के बाद अगली सुबह बेटे ने भी दम तोड़ दिया। मिली जानकारी के अनुसार पूर्व पार्षद निर्मल दास की दिवंगत आत्मा की शांति के लिए 10 जून को अंतिम अरदास की गई थी। देर शाम तक अंतिम संस्कार में शामिल हुए लोगों के सामने हाथ जोड़कर मेहमानों का स्वागत करने वाले अशोक कुमार सुबह की किरणें भी नहीं देख पाएंगे। परिवार वालों ने बताया कि अशोक कुमार अपनी पत्नी और बच्चों के साथ सो रहे थे। सुबह जब उनकी पत्नी उठी और चाय बनाकर उन्हें जगाने की कोशिश की तो पता चला कि वह इस दुनिया को छोड़कर जा चुके हैं। जिससे परिवार समेत पूरे मोहल्ले में शोक की लहर दौड़ गई। अशोक कुमार मुकेरिया पुलिस में सहायक उपनिरीक्षक के पद पर तैनात थे। पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया एएसआई अशोक कुमार का आज पूरे पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। डीएसपी विपन कुमार, एसएचओ प्रमोद कुमार समेत विभिन्न पुलिस अधिकारियों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। पुलिस कर्मियों ने अपने हथियार घुमाते हुए गोलियां चलाकर अपने मृत साथी को सलामी दी। इस अवसर पर हजारों की संख्या में शहरवासी उपस्थित थे।
लुधियाना में चलते ट्रैक्टर का टायर निकला:तूड़ी से भरी ट्राली पलटी; 2 युवकों की मौत, 2 घायल, फगवाड़ा से लेकर आ रहे थे
लुधियाना में चलते ट्रैक्टर का टायर निकला:तूड़ी से भरी ट्राली पलटी; 2 युवकों की मौत, 2 घायल, फगवाड़ा से लेकर आ रहे थे पंजाब के लुधियाना में लाडोवाल टोल प्लाजा से कुछ दूरी पर तुड़ी से भरा ट्रैक्टर पलट गया। ट्रैक्टर का आगे वाला एक टायर अचानक निकल गया जिस कारण यह हादसा हुआ। ट्राली लोड होने के कारण ट्राली के ऊपर बैठे 4 युवक जमीन पर नीचे आ गिरे। जिससे चारों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें राहगीरों की मदद से अस्पताल ले जाया गया। इस दौरान रास्ते में 2 युवकों ने दम तोड़ दिया।आस-पास के लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। एम्बुलेंस में गई 2 युवकों की जान राहगीरों ने घायलों को अस्पताल भेजने के लिए एम्बुलेंस मंगवाई। लेकिन 2 घायलों ने दम तोड़ दिया। 2 लोग अभी घायल है। मृतकों की पहचान सुखविंदर (35) और हेमंत (29) के रूप में हुई है। घायलों की पहचान सोनू और बिंदर के रूप में हुई है। फगवाड़ा से लुधियाना जा रहा था ट्रैक्टर जानकारी के मुताबिक अमनदीप नाम का ड्राइवर ट्रैक्टर चला रहा था। अमनदीप फगवाड़ा से तूड़ी से भरी ट्राली लुधियाना के लिए लेकर जा रहा था। टोल प्लाजा पार करके थाना लाडोवाल से कुछ दूरी पर अचानक ट्रैक्टर का टायर निकल गया। जिसके कारण ट्राली पलट गई। ट्राली के ऊपर बैठे चारों युवक नीचे आ गिरे। SHO हरप्रीत सिंह की लोगों से अपील SHO हरप्रीत सिंह ने कहा कि ट्राली के ऊपर बैठना बिल्कुल गलत है। लोगों से अपील है कि ट्रैफिक नियमों का पालन करे। कभी भी किसी वाहन की छत पर न बैठे। घायल सोनू और बिंदर के चोट लगी है। जबकि सुखविंदर और हेमंत की मौत हो गई है। मृतकों के परिजनों को सूचित कर दिया है।
फाजिल्का में लड़के का अपहरण-मारपीट:जेवर बेचने को लेकर युवती से विवाद, खेत में ले जाकर पीटा, पुलिस ने बचाया
फाजिल्का में लड़के का अपहरण-मारपीट:जेवर बेचने को लेकर युवती से विवाद, खेत में ले जाकर पीटा, पुलिस ने बचाया फाजिल्का में एक लड़के के अपहरण और मारपीट का मामला सामने आया है। पुलिस ने उसे उक्त लोगों से मुक्त करा लिया है। तथा उसे उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां लड़के का कहना है कि एक लड़की ने उसे सोने के आभूषण दिए थे। जिन्हें बेचकर मिलने वाले पैसे दोनों में बराबर बांटने थे। लड़की ने अपने परिजनों को बताया। इसके बाद यह विवाद खड़ा हो गया। लड़की को पैसे नहीं देने पर विवाद आनंदपुर मोहल्ले के रहने वाले साजन ने बताया कि एक लड़की ने उसे बालियां दी थी और कहा था कि इन्हें बेच दो। पैसे दोनों में बराबर बांटने थे। जब उसने अब तक लड़की को पैसे नहीं दिए तो लड़की ने अपने परिजनों को बताया। उसे खेत में बंधक बनाकर पीटा गया। जिस दौरान उसने अपने पिता और भाइयों को उसे लेने के लिए भेजा और गांव चूहड़ीवाला ले गया। जहां उसे खेत में बंधक बनाकर बुरी तरह पीटा गया। हालांकि जब उसके परिजनों ने इसकी शिकायत सिटी पुलिस को दी तो पुलिस मौके पर पहुंची और उसे ढूंढ निकाला। उसे उन लोगों के चंगुल से मुक्त कराकर उपचार के लिए फाजिल्का के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां वह इस मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं। गांव के सरपंच से संपर्क दूसरी ओर फाजिल्का सिटी थाने के एसएचओ मनजीत सिंह का कहना है कि मामला एक लड़के और लड़की के बीच का है जिसमें लड़के के अनुसार लड़की ने उसे सोने के जेवरात बेचने के लिए दिए थे और जब लड़की के परिवार वालों को इस बारे में पता चला तो विवाद हो गया। हालांकि शिकायत मिलने के बाद उन्होंने तुरंत संबंधित गांव के सरपंच से संपर्क स्थापित किया। तो उक्त लोगों ने सरपंच के माध्यम से लड़के को वापस कर दिया। उसे उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसके बयान दर्ज करने के बाद बनती कार्रवाई की जाएगी।