पंजाब सीएम भगवंत मान ने विधानसभा उपचुनाव की पहली वालंटियर मीटिंग चब्बेवाल करते हुए शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस के नेताओं पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने महिलाओं को 1100 रुपए चुनावी गारंटी देने का भी हिंट दिया। उनका कहना था कि अब उनका अगला लक्ष्य यही हैं, जिसके लिए वह जुट गए हैं। जब सीएम वालंटियर को संबोधित कर रहे थे तो उनके पंडाल में कुछ माताएं बहनें खड़ी थी। जबकि युवा बैठे हुए थे। इस दौरान सीएम ने युवाओं को कहा कि वह अपनी कुर्सी छोड़ दे। इन्हें 1100 रुपए मिलने लग जाने हैं। बाद में इनसे ही हमें बाद में लेने पड़ेगे। मेरा अगला लक्ष्य यही है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि जैसे जीरो बिजली बिल तरह स्कीम चले। इसके लिए वह तैयारी में लगे है। जैसे ही बजट का इंतजाम होगा। उसका ऐलान कर देंगे। उन्होंने कहा कि वह यह नहीं चाहते थे कि चुनाव से पहले स्कीम शुरू कर दे, और बाद में इसे बंद कर दें। वहीं, उन्होंने कहा कि आप डॉ इशान को जता दो, बाकि मेरी जिम्मेदार है। इसके बाद सीएम डेरा बाबा नानक भी जाएंगे। इससे पहले जालंधर उपचुनाव जीता था इससे पहले पंजाब में जालंधर सीट पर उपचुनाव हुए थे। क्योंकि जालंधर वेस्ट के विधायक आप छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद यह सीट खाली हुई थी। इस दौरान हुए उपचुनाव में आप के उम्मीदवार मोहिंदर भगत चुनाव जीते थे। इस दौरान सीएम ने खुद मोर्चा संभाला था। क्योंकि उस समय पार्टी के सुप्रीमों जेल में थे। वहीं, पार्टी ने रिकॉर्ड मतों से जीती थी। वहीं, अब बरनाला, गिद्दड़बाहा, डेरा बाबा नानक और चब्बेवाल में चुनाव होने हैं। क्योंकि यहां के विधायक अब सांसद बन गए हैं। ऐसे उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। यह सीटें खाली हो गई। वहीं, इस संबंधी नामांकन भरने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 28 अक्टूबर को दस्तोवजों की स्क्रूटनी होगी। पंजाब सीएम भगवंत मान ने विधानसभा उपचुनाव की पहली वालंटियर मीटिंग चब्बेवाल करते हुए शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस के नेताओं पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने महिलाओं को 1100 रुपए चुनावी गारंटी देने का भी हिंट दिया। उनका कहना था कि अब उनका अगला लक्ष्य यही हैं, जिसके लिए वह जुट गए हैं। जब सीएम वालंटियर को संबोधित कर रहे थे तो उनके पंडाल में कुछ माताएं बहनें खड़ी थी। जबकि युवा बैठे हुए थे। इस दौरान सीएम ने युवाओं को कहा कि वह अपनी कुर्सी छोड़ दे। इन्हें 1100 रुपए मिलने लग जाने हैं। बाद में इनसे ही हमें बाद में लेने पड़ेगे। मेरा अगला लक्ष्य यही है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि जैसे जीरो बिजली बिल तरह स्कीम चले। इसके लिए वह तैयारी में लगे है। जैसे ही बजट का इंतजाम होगा। उसका ऐलान कर देंगे। उन्होंने कहा कि वह यह नहीं चाहते थे कि चुनाव से पहले स्कीम शुरू कर दे, और बाद में इसे बंद कर दें। वहीं, उन्होंने कहा कि आप डॉ इशान को जता दो, बाकि मेरी जिम्मेदार है। इसके बाद सीएम डेरा बाबा नानक भी जाएंगे। इससे पहले जालंधर उपचुनाव जीता था इससे पहले पंजाब में जालंधर सीट पर उपचुनाव हुए थे। क्योंकि जालंधर वेस्ट के विधायक आप छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद यह सीट खाली हुई थी। इस दौरान हुए उपचुनाव में आप के उम्मीदवार मोहिंदर भगत चुनाव जीते थे। इस दौरान सीएम ने खुद मोर्चा संभाला था। क्योंकि उस समय पार्टी के सुप्रीमों जेल में थे। वहीं, पार्टी ने रिकॉर्ड मतों से जीती थी। वहीं, अब बरनाला, गिद्दड़बाहा, डेरा बाबा नानक और चब्बेवाल में चुनाव होने हैं। क्योंकि यहां के विधायक अब सांसद बन गए हैं। ऐसे उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। यह सीटें खाली हो गई। वहीं, इस संबंधी नामांकन भरने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 28 अक्टूबर को दस्तोवजों की स्क्रूटनी होगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब CM की पेरिस ओलिंपिक जाने पर केंद्र से तकरार:विदेश मंत्रालय ने परमिशन नहीं दी; भगवंत मान बोले- मोदी नहीं चाहते मैं जाऊं
पंजाब CM की पेरिस ओलिंपिक जाने पर केंद्र से तकरार:विदेश मंत्रालय ने परमिशन नहीं दी; भगवंत मान बोले- मोदी नहीं चाहते मैं जाऊं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के पेरिस ओलिंपिक में जाने को लेकर केंद्र सरकार से तकरार हो गई है। केंद्र ने सीएम भगवंत मान को इसकी पॉलिटिकल क्लीयरैंस देने से इनकार कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने तर्क दिया कि सीएम के ऑफिस से देरी से अप्लाई किया गया। भगवंत मान 3 से 9 अगस्त तक पेरिस जाना चाहते थे। उनके साथ उनकी पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर और सुरक्षा से जुड़े कुछ अफसर भी शामिल होने थे। इस पर सीएम भगवंत मान ने कहा कि देरी से अप्लाई करने की बात झूठी है। हॉकी का पहले मैच के बाद ही उन्होंने पेरिस जाने का फैसला किया था। मान ने पीएम नरेंद्र मोदी पर भी आरोप लगाया कि वे अकेले विदेश जाना चाहते हैं। वे नहीं चाहते कि देश की तरफ से कोई और नेतृत्व करता दिखे। यही कारण है कि उनके पेरिस दौरे को क्लीयरैंस नहीं दी गई। हालांकि विदेश मंत्रालय की तरफ से सीएम के आरोपों पर अभी कोई औपचारिक बयान नहीं दिया गया है। सिक्योरिटी को बताया जा रहा वजह
विदेश मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सीएम भगवंत मान के दौरे को मंजूरी न देने की वजह उनकी सिक्योरिटी है। बतौर मुख्यमंत्री सीएम को जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा मिली हुई है। ऐसे में देरी से आवेदन किए जाने की वजह से विदेशी दौरे के दौरान इतनी जल्दी उनकी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करना संभव नहीं है। सीएम ने ग्राउंड में जाकर ओलिंपिक मैच देखना है। जहां दुनिया भर से लोग आएंगे। ऐसे में सुरक्षा को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं की जा सकती। चूंकि सीएम के पास डिप्लोमैटिक पासपोर्ट होता है, इसलिए उनके लिए केंद्रीय विदेश मंत्रालय से परमिशन अनिवार्य है। मान ने कहा था- पंजाब के 10 खिलाड़ी खेल रहे, वहां जाना मेरी ड्यूटी
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार शाम ही विदेश मंत्रालय से सीएम कार्यालय को उनके दौरे को मंजूरी न देने का मैसेज भेजा। इससे पहले सीएम मान ने एक इंटरव्यू में कहा कि वे अपनी जेब से पैसे खर्च कर हॉकी टीम का हौसला बढ़ाने के लिए विदेश जाना चाहते थे। सीएम मान का कहना है कि पंजाब के 19 प्लेयर इस समय ओलिंपिक्स में हैं। जिनमें से 10 खेल रहे हैं। इनमें जालंधर से मिडफील्डर मनदीप सिंह, सुखजीत सिंह, मिडफील्डर मनप्रीत सिंह और हार्दिक, अमृतसर से हरमनप्रीत सिंह, मिडफील्डर गुरजंत सिंह, डिफेंडर जर्मनप्रीत सिंह, मिडफील्डर शमशेर सिंह, स्थानापन्न खिलाड़ी पाठक और युगराज कपूरथला से हैं। मान ने कहा कि इस नाते उनकी ड्यूटी बनती है कि वे उनका हौसला बढ़ाने जाएं, जब वे टफ मैच खेल रहे हों। मान ने पूछा- क्या हर काम के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ेगा
मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि इससे पहले आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर जाने और गोपाल राय को भी यूएस जाने की परमिशन नहीं दी गई थी। जिसके बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा था। क्या भाजपा सरकार में हर कदम के लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाना होगा। तकरार के बीच पंजाब गवर्नर इस्तीफा दे चुके
इससे पहले सीएम भगवंत मान से तकरार के बीच पंजाब के गवर्नर बीएल पुरोहित इस्तीफा दे चुके हैं। विधानसभा में पास बिलों को मंजूरी देने से लेकर बॉर्डर एरिया के दौरे और सीएम को लेकर बयानबाजी पर उनके बीच खूब जंग चली। इसके बाद राष्ट्रपति ने कुछ दिन पहले ही पुरोहित का इस्तीफा स्वीकार कर गुलाब चंद कटारिया को नया गवर्नर बनाया है। पंजाब स्पीकर के अमेरिका दौरे को भी परमिशन नहीं
सीएम भगवंत मान के अलावा पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां को भी अमेरिका जाने की परमिशन नहीं मिली है। वह एक कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए वहां जाने वाले थे। इस बारे में कुलतार संधवा ने पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें क्लियरेंस नहीं दी गई। उन्होंने यह भी कहा कि परमिशन न देने के बदले कोई कारण नहीं बताया गया है।
कॉर्पोरेट स्टाइल में काम करेंगे पंजाब के सरकारी अस्पताल:9 तरह के काउंटर खोलेगी सरकार; मरीज को डॉक्टर को दिखाने–गाड़ी तक छोड़ने में मदद मिलेगी
कॉर्पोरेट स्टाइल में काम करेंगे पंजाब के सरकारी अस्पताल:9 तरह के काउंटर खोलेगी सरकार; मरीज को डॉक्टर को दिखाने–गाड़ी तक छोड़ने में मदद मिलेगी पंजाब के सरकारी अस्पतालों में अब कॉर्पोरेट स्टाइल वर्किंग होगी। जिसमें मरीजों की पर्ची काटने और फॉर्म भरने से लेकर डॉक्टर को दिखाने और गाड़ी तक छोड़ने में मदद मिलेगी। इसके लिए प्रदेश सरकार सुविधा केंद्र यानी फैसिलिटेशन सेंटर स्थापित कर रही है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि यह सुविधा केंद्र प्राइवेट अस्पतालों में दी जाने वाली सेवाओं को टक्कर देंगे। 4 जिलों में प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है। अगले 6 महीने में 23 जिलों के सिविल अस्पतालों में यह सेंटर खुल जाएंगे। एक सेंटर पर 46 लाख से 76 लाख तक खर्च होंगे। इसका जिम्मा प्राइवेट एजेंसी को दिया गया है। हालांकि नोडल एजेंसी के तौर पर सेहत विभाग काम करेगा। अभी क्या है अस्पतालों की व्यवस्था
प्रदेश में अभी सरकारी अस्पतालों में पर्ची काटने के लिए एक या 2 ही काउंटर बने होते हैं। जिसमें ओपीडी और इंडोर से लेकर हर तरह की सेवाओं के लिए स्लिप बनाई जाती है। ऐसे में अक्सर वहां भीड़ रहती है। मरीजों को महज डॉक्टर को दिखाने के लिए ही पर्ची कटवाने में ही घंटों इंतजार करना पड़ता है। पंजाब सरकार की योजना क्या
इस योजना में हर सिविल अस्पताल में अलग से सुविधा केंद्र में रिसेप्शन काउंटर बनाए जाएंगे। इनमें ओपीडी स्लिप से लेकर बर्थ–डेथ रजिस्ट्रेशन, आयुष्मान समेत सरकारी स्कीमों, ऑपरेशन, मेडिकल जैसी सेवाओं के लिए अलग–अलग काउंटर होंगे। इसके अलावा लोगों के लिए रेस्ट रूम और वॉशरूम समेत दूसरी बेसिक सुविधाएं भी होंगी। इसके अलावा कुछ वॉलंटियर तैनात किए जाएंगे, जो जरूरत के हिसाब से मरीजों को डॉक्टर को दिखाने और फिर गाड़ी तक छोड़ने में भी मदद करेंगे। मरीजों की बीमारियों का रिकॉर्ड भी मेंटेन होगा
इस योजना में मरीजों की बीमारियों का रिकॉर्ड भी रखा जाएगा। जिससे सरकार को पता चल सकेगा कि किस जिले में किस एरिया से किस बीमारी के कितने मरीज आ रहे हैं। ऐसे में उनके इलाज के लिए उसी तरह के बंदोबस्त किए जाएंगे। 842 से अधिक आम आदमी क्लीनिक चल रहे
पंजाब लोगों को घरों के पास ही इलाज मुहैया करवाने के लिए सरकार की तरफ से 842 के करीब आम आदमी क्लीनिक शुरू किए गए हैं। इनमें ग्रामीण एरिया में 530 और शहरी क्षेत्रों में 312 क्लीनिक हैं। 2 करोड़ से अधिक लोग अब तक इनमें अपना इलाज करवा चुके हैं। हालांकि, बीच में केंद्र सरकार ने NHM फंड रोक दिया था। साथ ही आरोप लगाया था कि केंद्र के फंड का दुरुपयोग करके पंजाब में आम आदमी क्लीनिक खोले गए हैं। हालांकि, अब दोनों पक्षों में सहमति बन गई है। अब स्ट्रेटजी बनी है कि केंद्र और पंजाब सरकार की 60-40 हिस्सेदारी से बने आम आदमी क्लीनिक के नाम बदले जाएंगे। जो आम आदमी क्लिनिक खुद सरकार ने बनाए या किसी व्यक्ति द्वारा दान दी गई बिल्डिंग में चल रहे हैं, उनके नाम नहीं बदलेंगे।
पंजाब में आज CM से मिलेंगे किसान नेता:धान खरीद को लेकर चंडीगढ़ में किया था प्रदर्शन, मुख्यमंत्री आवास घेरने की दी थी चेतावनी
पंजाब में आज CM से मिलेंगे किसान नेता:धान खरीद को लेकर चंडीगढ़ में किया था प्रदर्शन, मुख्यमंत्री आवास घेरने की दी थी चेतावनी पंजाब में धान की खरीद सही तरीके से न होने के विरोध में कल यानी शुक्रवार को किसानों ने चंडीगढ़ में सीएम हाउस घेरने की कोशिश की थी। बड़ी संख्या में किसान सेक्टर-35 किसान भवन पहुंचे थे। इसके बाद पुलिस ने किसान भवन के गेट बंद कर दिए। लेकिन आज प्रदर्शनकारी किसानों की पंजाब के सीएम सरदार भगवंत सिंह मान के साथ बैठक होगी। कुछ दिन पहले किसानों की ओर से संयुक्त किसान मोर्चा और आढ़ती एसोसिएशन के बैनर तले चंडीगढ़ में बैठक हुई थी। इस बैठक में संघर्ष की रणनीति बनाई गई थी। उन्होंने ऐलान किया था कि अगर मंडियों में धान की खरीद नहीं हुई तो वे चंडीगढ़ में सीएम आवास घेरेंगे। इसी फैसले के तहत शुक्रवार को किसान चंडीगढ़ आ रहे थे। हिरासत में लेने से भड़के किसान कई जगहों पर पंजाब पुलिस ने उन्हें रोका भी था। इसके अलावा चंडीगढ़ पुलिस ने कुछ किसान नेताओं को हिरासत में भी लिया था। जिससे किसान नेता और भड़क गए। लेकिन मंडियों में किसानों को परेशानी हो रही है। फसलों के ढेर लगे हुए हैं। ऐसे में उन्हें यह रास्ता चुनना पड़ा है। सरकार ने सुबह दिया था मीटिंग का न्योता पंजाब सरकार ने भी शुक्रवार को सुबह से कोशिशें शुरू कर दी थी कि किसानों के संघर्ष को टाला जाए। इसके लिए सरकार की तरफ से किसानों की सीएम भगवंत मान से कल शाम पांच बजे की मीटिंग करवाने का फैसला लिया गया था। क्योंकि सीएम आज दिल्ली गए हुए हैं। क्योंकि उन्होंने पंजाब के टीचरों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड वहां से रवाना करना था।। लेकिन किसान अपनी मांग पर अड़ गए हैं।