<p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News:</strong> राजस्थान में सरकार ने गायों को लेकर बड़ा फैसला लिया है. यहां गायों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दों पर रोक लगाने का फैसला लिया है. अब राजस्थान में किसी भी गाय के लिए आवारा जैसे शब्दों की जगह निराश्रित और बेसहारा शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस संबंध में सोमवार (28 अक्टूबर) को पशुपालन और गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत आदेश जारी करेंगे. सोमवार को दोपहर में सचिवालय स्थित अपने कक्ष में मंत्री इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News:</strong> राजस्थान में सरकार ने गायों को लेकर बड़ा फैसला लिया है. यहां गायों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दों पर रोक लगाने का फैसला लिया है. अब राजस्थान में किसी भी गाय के लिए आवारा जैसे शब्दों की जगह निराश्रित और बेसहारा शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस संबंध में सोमवार (28 अक्टूबर) को पशुपालन और गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत आदेश जारी करेंगे. सोमवार को दोपहर में सचिवालय स्थित अपने कक्ष में मंत्री इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे.</p> राजस्थान शिंदे गुट की दूसरी लिस्ट जारी, संजय निरुपम को इस सीट से मिला टिकट, आदित्य ठाकरे के सामने किसे उतारा?
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‘सरकार चुप क्यों है…’, बांधवगढ़ में हाथियों की मौत पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने निशाना साधा
‘सरकार चुप क्यों है…’, बांधवगढ़ में हाथियों की मौत पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने निशाना साधा <p style=”text-align: justify;”><strong>MP News:</strong> मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ में 10 हाथियों की मौत के मामले को लेकर विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने निशाना साधा है. उन्होंने एमपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार इस घटना पर चुप क्यों है, जबकि हम हाथियों की भगवान गणेश के रूप में पूजा करते हैं. सरकार को इस मामले में तत्काल संज्ञान लेना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उमंग सिंघार ने कहा कि एक तरफ हम हाथियों की यानी गणेशजी की पूजा कर रहे हैं और दूसरी तरफ सरकार हाथियों की सुरक्षा नहीं कर पा रहे हैं और वहीं वन मंत्री वोट मांग रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि वन्य प्राणियों के साथ में आदिवासियों का गहरा नाता और ताना-बना है.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”hi”>दीपावली की पूर्व संध्या पर भगवान गणेश के प्रतीक दस हाथियों की <a href=”https://twitter.com/hashtag/%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A7%E0%A4%B5%E0%A4%97%E0%A4%A2%E0%A4%BC_%E0%A4%9F%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%97%E0%A4%B0_%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%9C%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B5?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#बांधवगढ़_टाइगर_रिजर्व</a> में मौत होना बेहद दुखद घटना है!<br /><br />हम भगवान गणेश की पूजा करते हैं, पर <a href=”https://twitter.com/hashtag/MP_%E0%A4%B8%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#MP_सरकार</a> के वन मंत्री <a href=”https://twitter.com/rawat_ramniwas?ref_src=twsrc%5Etfw”>@rawat_ramniwas</a> हाथियों का संरक्षण नहीं कर सके और ना ही जंगल में रह रहे आदवासीयों की बात नहीं करना… <a href=”https://t.co/sVZhOvZhqS”>pic.twitter.com/sVZhOvZhqS</a></p>
— Umang Singhar (@UmangSinghar) <a href=”https://twitter.com/UmangSinghar/status/1852265977641070906?ref_src=twsrc%5Etfw”>November 1, 2024</a></blockquote>
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<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
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<p style=”text-align: justify;”>इस घटना में आदिवासियों का कोई दोष नहीं है. जल जंगल जमीन आदिवासियों का अधिकार है और सरकार को आदिवासियों की सुरक्षा के साथ-साथ वन्य प्राणियों की भी सुरक्षा करनी चाहिए. करीब 4 साल से हाथी झारखंड और कर्नाटक से आते रहे हैं. इस बीच में क्या सरकार ने उन वन समितियां से कोई चर्चा की या उन आदिवासियों से चर्चा की या उनके साथ कोई बैठक की या हाथियों के विस्थापन की बात कही. हाथियों का किस तरह से विस्थापन करना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उनकी सुरक्षा को लेकर सरकार ने किसी भी तरह की कोई प्लान नहीं बनाया. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार को तत्काल इस मामले में संज्ञान लेते हुए वन्य समितियों के साथ और आदिवासियों के साथ चर्चा करनी चाहिए. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इल्जाम लगाते हुए कहा कि सरकार वन्य प्राणी और आदिवासी विरोधी सरकार है. सरकार को संज्ञान लेते हुए उन लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए फिर चाहे वह अधिकारी हो या उसका कुप्रबंध हो. इस मामले में आदिवासियों की कोई जिम्मेदार नहीं है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सामाजिक कार्यकर्ता अजय दुबे ने भी हाथियों की मौत पर सवाल खड़े किए हैं.उमरिया-बांधवगढ टाइगर रिजर्व के खितौली परिक्षेत्र के सलखनियां के जंगल में 10 हाथियों की मौत हुई है. 10 हाथियों की मौत के बाद बांधवगढ पार्क प्रबंधन अपनी इस गलती को छिपाने में जुटा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>किसानों की कोदो की फसल को मौत का जिम्मेदार मानते हुए फसल को नष्ट कराया. NTCA दिल्ली की टीम पूरे मामले की जांच कर रही है. हाथियों के पीएम रिपोर्ट आने के बाद खुलासा होगा.</p>
AMU के पैरामेडिकल कॉलेज के छात्रों ने किया प्रदर्शन, विवि प्रशासन को दिया तीन दिन का अल्टीमेटम
AMU के पैरामेडिकल कॉलेज के छात्रों ने किया प्रदर्शन, विवि प्रशासन को दिया तीन दिन का अल्टीमेटम <p style=”text-align: justify;”><strong>Aligarh News:</strong> अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय मैं अब हर रोज प्रदर्शन की तस्वीरें देखने को मिल रही है. जहां बीते दिनों अलग-अलग मांगों को लेकर छात्रों ने प्रदर्शन किया था. इसके बाद अब एएमयू के पैरामेडिकल कॉलेज के छात्रों के द्वारा अपनी मांगों को लेकर जबरदस्त प्रदर्शन किया है छात्रों की मांगे हैं. उनके द्वारा कई बार एएमयू प्रशासन से अपनी मांगों को पूरा करने के लिए बातचीत करने की कोशिश की. लेकिन एएमयू प्रशासन के द्वारा कोई बातचीत नहीं की गई जिसके चलते आज उन्हें मजबूर होगा प्रदर्शन करना पड़ा है.<br /><br />एएमयू के पैरामेडिकल कॉलेज के करीब 350 से ज्यादा छात्रों के द्वारा बाबे सैयद गेट को बंद करने के बाद जबरदस्त प्रदर्शन किया है. छात्रों का कहना है कि पैरामेडिकल कॉलेज के छात्रों को इंटर्नशिप के दौरान सैलरी नहीं दी जा रही.साथ ही जिस कोर्स की वह पढ़ाई कर रहे हैं, वह रिकॉग्नाइज नहीं है. लंबे समय से यह मांग चल रही है, लेकिन एएमयू प्रशासन इस मांग को पूरा करने के लिए तैयार नहीं है. यही कारण है, आज छात्रों का गुस्सा सातवें आसमान पर नजर आया छात्रों के द्वारा जबरदस्त प्रदर्शन किया और एएमयू प्रशासन को चार दिन का अल्टीमेटम दिया है.<br /><br /><strong>बाबे सैयद गेट पर छात्रों ने किया प्रदर्शन</strong><br />हीं पूरे मामले को लेकर छात्रा के द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि एएमयू से चार मांगों को लेकर आज हमारे द्वारा बाबे सैयद गेट पर प्रदर्शन किया है. चार मांगों में से तीन मांगों पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा 4 दिन का समय मांगा गया है अगर 4 दिन के अंदर उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया तो पैरामेडिकल के करीब 600 छात्र यहां पर गेट बंद करने के बाद धरना प्रदर्शन करेंगे अब देखना होगा. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रों की मांगों को पूरा कर पाएगा या फिर नहीं फिलहाल एएमयू प्रशासन के द्वारा जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है.<br /><br /><strong>अधिकारियों के बातचीत के बाद धरना हुआ समाप्त</strong><br />पूरे मामले को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की प्रोक्टोरियल टीम के द्वारा छात्रों को समझाने का प्रयास किया गया. लेकिन छात्रों के द्वारा कंट्रोल रूम से बात करने की मांग की तो उनके अधिकारियों से मुलाकात करवाई गई. जिसके बाद अधिकारियों से बातचीत के बाद छात्रों को 4 दिन में पूरे मामले की जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है. अब देखना होगा 4 दिन में क्या छात्रों की मांगों को पूरा किया जाएगा या फिर नहीं. फिलहाल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा छात्रों के धरने को समाप्त कर दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/young-man-blackmailing-a-woman-police-officer-threat-make-photo-viral-in-lucknow-2765084″>लखनऊ में महिला पुलिसकर्मी को 5 महीने से युवक कर रहा ब्लैकमेल, फोटो एडिट वायरल करने की धमकी</a></strong></p>
सांसद संजय सिंह और सपा प्रवक्ता की गिरफ्तारी के आदेश:सुल्तानपुर की MP/MLA कोर्ट ने कहा- 28 अगस्त तक सभी आरोपियों को पेश करें
सांसद संजय सिंह और सपा प्रवक्ता की गिरफ्तारी के आदेश:सुल्तानपुर की MP/MLA कोर्ट ने कहा- 28 अगस्त तक सभी आरोपियों को पेश करें आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद संजय सिंह और सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनूप संडा को सुल्तानपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गिरफ्तार करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा, 28 अगस्त तक सभी आरोपियों को पेश करें। कोर्ट का आदेश 23 साल पुराने मामले में सजा बरकरार होने के बावजूद हाजिर नहीं होने पर आया है। इस मामले में जमानतीय वारंट को कोर्ट ने जारी रखा है। 28 अगस्त को कोर्ट मामले की सुनवाई करेगी। दरअसल, शहर में 36 घंटे तक से बिजली गुल थी। 19 जून 2001 को बिजली की बदहाल व्यवस्था के विरोध में पूर्व विधायक एवं सपा प्रवक्ता अनूप संडा के नेतृत्व में शहर की सब्जी मंडी के पास फ्लाई ओवर के पास धरना प्रदर्शन हुआ था। प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर दी थी। इसमें आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी शामिल हुए थे। इन पर कोतवाल ने दर्ज कराई थी FIR इस मामले में तत्कालीन कोतवाल अशोक सिंह ने सरकारी कार्य में बाधा व समेत अन्य आरोपों में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें दोनों नेताओं के अलावा भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष सुभाष चौधरी, विजय सेक्रेटरी, कांग्रेस नेता और पूर्व सभासद कमल श्रीवास्तव, कांग्रेस प्रवक्ता रहे संतोष चौधरी व प्रेम प्रकाश के विरुद्ध पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया गया था। सुनवाई के दौरान प्रेम प्रकाश की मृत्यु हो गई थी। जनवरी 2023 में हुई थी सजा एमपी-एमएलए कोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश योगेश यादव ने राज्यसभा सदस्य, पूर्व विधायक समेत छह लोगों को गैर कानूनी सभा में शामिल होने व लोगों को जबरिया रोकने के आरोप में दोषी करार देते हुए 11 जनवरी 2023 को सजा सुनाई थी। फैसला आने में लगभग 21 साल का वक्त बीत गया था। सभी को अपील दायर होने तक जमानत मिल गई थी। 3-3 माह की जेल और 1500-1500 रुपये का लगा है जुर्माना उसी आदेश के खिलाफ अपील पर अधिवक्ता कमलेश कुमार सिंह, करुणा शंकर द्विवेदी, अरविन्द सिंह राजा, रूद्र प्रताप सिंह मदन, विभाष श्रीवास्तव ने बीते 6 अगस्त को बहस की थी। लेकिन विशेष मजिस्ट्रेट एकता वर्मा ने संजय सिंह, अनूप संडा समेत सभी की अपील को निरस्त करते हुए सजा को बहाल करते हुए 9 अगस्त तक सबको सरेंडर के आदेश दिए थे। सदन में व्यस्तता के कारण संजय सिंह कोर्ट नहीं पहुंचे। जबकि अनूप संडा पत्नी के इलाज के कारण नहीं पहुंचे थे। ऐसे में कोर्ट ने 12 अगस्त को सुनवाई की तिथि नियत की थी। जनवरी 2023 में विशेष कोर्ट ने सभी को तीन माह की सजा के साथ ही 1500 रुपए जुर्माना भी लगाया था। 60 अगस्त को खारिज हुई थी अपील सभी ने सजा के खिलाफ अपील की। स्पेशल एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट जज एकता वर्मा की अदालत से सभी दोषियों की अपील 6 अगस्त को खारिज हो गई। सम्बंधित कोर्ट में बीते 9 अगस्त को सभी को समर्पण था, फिलहाल अभी तक किसी ने भी सरेंडर नहीं किया। जेल जाने से बचने के लिए कोर्ट आदेश के खिलाफ दोषियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। हाईकोर्ट से भी दोषियों को अभी तक गिरफ्तारी व सरेंडर पर कोई राहत नहीं मिल सकी है। हाईकोर्ट में याचिका पेंडिंग है।