यहूदी धर्म के परिवार में जन्म लेने वाली ट्रांसजेंडर ईशा बेंजामिन अब हिंदू धर्म में आ रही हैं। महाकुंभ से पहले वह किन्नर अखाड़ा में महंत भी बनेंगी। अखाड़े की तरफ से उनका पट्टाभिषेक किया जाएगा। किन्नर अखाड़े के जरिए वह सनातन धर्म अपना रही हैं। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर के साथ वह प्रयागराज आई हुईं हैं। 3 नवंबर को नगर प्रवेश में वह भी शामिल थीं। ईशा कहती हैं – मैं जन्म से ही यहूदी धर्म को मानती रहीं। मां हिंदू धर्म से थीं और पिता यहूदी थे। मेरा ज्यादातर समय मां के साथ बीता है। अमेरिकन बैंक में नौकरी करतीं हैं ईशा
ईशा पोस्ट ग्रेजुएट हैं। वह अमेरिकन बैंक FIS कंपनी में कार्यरत हैं। वह महाराष्ट्र से आती हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने कहा- मां के हिंदू होने की वजह से सनातन धर्म की ओर शुरू से झुकाव था। सनातन धर्म के बारे में मां से बहुत कुछ सीखा और जाना। मैं 3 साल पहले किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के संपर्क में आई। उसके बाद से सनातन धर्म के बारे में बहुत कुछ जानकारी हुई है। किन्नर अखाड़े से जुड़कर सनातन धर्म को आगे बढ़ाऊंगी
उन्होंने कहा- किन्नर अखाड़े में शामिल होकर सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करूंगी। हिंदू धर्म में क्यों आई हैं? उन्होंने कहा- मैंने धर्मों के बारे में पढ़ा। मुझे हिंदू धर्म सबसे अच्छा लगा। इस धर्म में खुलकर जीने की आजादी है। जब मेरे पिता जी थे तब मैं यहूदी धर्म का विरोध नहीं कर सकती थी। पिता जी के निधन के बाद हमने सनातन धर्म को अपना लिया है। डॉ. लक्ष्मी ने कहा- महाकुंभ में दी जाएगी महंत की उपाधि
किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा- ईशा पढ़ी-लिखी हैं और वह सनातन धर्म के बारे में बहुत कुछ जानती हैं। महाकुंभ में ईशा बेंजामिन को किन्नर अखाड़ा का महंत बनाया जाएगा। जगद्गुरु स्वामी नारायणाचार्य शांडिल्य महाराज ने किन्नर अखाड़ा की इस पहल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि आज सनातन धर्म को मजबूती और प्रचार-प्रसार की जरूरत है इसके लिए किन्नर अखाड़ा की पहल सराहनीय है। इस दौरान उप्र किन्नर वेलफेयर बोर्ड की वरिष्ठ सदस्य और उप्र किन्नर अखाड़ा की प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरि (टीना मां), महामंडलेश्वर पवित्रा नंद गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी गायत्री नंद गिरि, राजीव कुमार मिश्र, प्रधानाचार्य डॉ. हरिप्रकाश यादव ने ईशा बेंजामिन का प्रयागराज में स्वागत किया। यहूदी धर्म के परिवार में जन्म लेने वाली ट्रांसजेंडर ईशा बेंजामिन अब हिंदू धर्म में आ रही हैं। महाकुंभ से पहले वह किन्नर अखाड़ा में महंत भी बनेंगी। अखाड़े की तरफ से उनका पट्टाभिषेक किया जाएगा। किन्नर अखाड़े के जरिए वह सनातन धर्म अपना रही हैं। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर के साथ वह प्रयागराज आई हुईं हैं। 3 नवंबर को नगर प्रवेश में वह भी शामिल थीं। ईशा कहती हैं – मैं जन्म से ही यहूदी धर्म को मानती रहीं। मां हिंदू धर्म से थीं और पिता यहूदी थे। मेरा ज्यादातर समय मां के साथ बीता है। अमेरिकन बैंक में नौकरी करतीं हैं ईशा
ईशा पोस्ट ग्रेजुएट हैं। वह अमेरिकन बैंक FIS कंपनी में कार्यरत हैं। वह महाराष्ट्र से आती हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने कहा- मां के हिंदू होने की वजह से सनातन धर्म की ओर शुरू से झुकाव था। सनातन धर्म के बारे में मां से बहुत कुछ सीखा और जाना। मैं 3 साल पहले किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के संपर्क में आई। उसके बाद से सनातन धर्म के बारे में बहुत कुछ जानकारी हुई है। किन्नर अखाड़े से जुड़कर सनातन धर्म को आगे बढ़ाऊंगी
उन्होंने कहा- किन्नर अखाड़े में शामिल होकर सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करूंगी। हिंदू धर्म में क्यों आई हैं? उन्होंने कहा- मैंने धर्मों के बारे में पढ़ा। मुझे हिंदू धर्म सबसे अच्छा लगा। इस धर्म में खुलकर जीने की आजादी है। जब मेरे पिता जी थे तब मैं यहूदी धर्म का विरोध नहीं कर सकती थी। पिता जी के निधन के बाद हमने सनातन धर्म को अपना लिया है। डॉ. लक्ष्मी ने कहा- महाकुंभ में दी जाएगी महंत की उपाधि
किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा- ईशा पढ़ी-लिखी हैं और वह सनातन धर्म के बारे में बहुत कुछ जानती हैं। महाकुंभ में ईशा बेंजामिन को किन्नर अखाड़ा का महंत बनाया जाएगा। जगद्गुरु स्वामी नारायणाचार्य शांडिल्य महाराज ने किन्नर अखाड़ा की इस पहल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि आज सनातन धर्म को मजबूती और प्रचार-प्रसार की जरूरत है इसके लिए किन्नर अखाड़ा की पहल सराहनीय है। इस दौरान उप्र किन्नर वेलफेयर बोर्ड की वरिष्ठ सदस्य और उप्र किन्नर अखाड़ा की प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरि (टीना मां), महामंडलेश्वर पवित्रा नंद गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी गायत्री नंद गिरि, राजीव कुमार मिश्र, प्रधानाचार्य डॉ. हरिप्रकाश यादव ने ईशा बेंजामिन का प्रयागराज में स्वागत किया। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर