नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंडी में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ समोसा पार्टी की। उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। जयराम ने कहा कि आज पूरे देश मे समोसे पर चर्चा हो रही है, जिसमें हिमाचल सरकार की खूब घिसाई भी हो रही है। जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश सरकार की प्राथमिकताएं क्या हैं यह पूरे देश को पता चल गया है। सुक्खू सरकार की प्राथमिकता में हिमाचल प्रदेश और हिमाचलियों का हित, विकास, जनसुविधा कहीं नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विकास के सारे काम ठप पड़े हैं। हर तरफ अराजकता का बोलबाला है। प्रदेश में माफिया सर उठा रहा है। कानून व्यवस्था ध्वस्त है। दिनदहाड़े गोलियां चल रही है। लेकिन हमारे हिमाचल प्रदेश की पुलिस समोसा मुख्यमंत्री के बजाय किसे परोसा गया यह पता लगाने में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि इतने छोटे मामले को इतने बड़े लेवल पर तूल देना हिमाचल प्रदेश और प्रदेश के लोगों की छवि के साथ खिलवाड़ करना है। प्रदेश में खुफिया विभाग के जिम्मे बहुत सारे काम होते हैं। प्रदेश की कानून व्यवस्था में उनकी प्रमुख भूमिका होती है लेकिन वह किन कामों में लगे हुए हैं आज यह पूरा देश देख रहा है। जयराम ठाकुर ने कहा की हिमाचल प्रदेश की सरकार हर दिन राष्ट्रीय स्तर पर हिमाचल प्रदेश की किरकिरी करवाती है। कभी कोई तुगलकी फैसला तो कभी कोई हास्यास्पद और शर्मनाक फैसला देशभर की मीडिया की सुर्खियां बन रहा है। जिसे सरकार बाद में वापस लेती है और विपक्ष पर आरोप मढ़ती है। आज हिमाचल प्रदेश के सामने कई सारी चुनौतियां हैं। सरकार पूरी तरह से नाकाम है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंडी में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ समोसा पार्टी की। उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। जयराम ने कहा कि आज पूरे देश मे समोसे पर चर्चा हो रही है, जिसमें हिमाचल सरकार की खूब घिसाई भी हो रही है। जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश सरकार की प्राथमिकताएं क्या हैं यह पूरे देश को पता चल गया है। सुक्खू सरकार की प्राथमिकता में हिमाचल प्रदेश और हिमाचलियों का हित, विकास, जनसुविधा कहीं नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विकास के सारे काम ठप पड़े हैं। हर तरफ अराजकता का बोलबाला है। प्रदेश में माफिया सर उठा रहा है। कानून व्यवस्था ध्वस्त है। दिनदहाड़े गोलियां चल रही है। लेकिन हमारे हिमाचल प्रदेश की पुलिस समोसा मुख्यमंत्री के बजाय किसे परोसा गया यह पता लगाने में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि इतने छोटे मामले को इतने बड़े लेवल पर तूल देना हिमाचल प्रदेश और प्रदेश के लोगों की छवि के साथ खिलवाड़ करना है। प्रदेश में खुफिया विभाग के जिम्मे बहुत सारे काम होते हैं। प्रदेश की कानून व्यवस्था में उनकी प्रमुख भूमिका होती है लेकिन वह किन कामों में लगे हुए हैं आज यह पूरा देश देख रहा है। जयराम ठाकुर ने कहा की हिमाचल प्रदेश की सरकार हर दिन राष्ट्रीय स्तर पर हिमाचल प्रदेश की किरकिरी करवाती है। कभी कोई तुगलकी फैसला तो कभी कोई हास्यास्पद और शर्मनाक फैसला देशभर की मीडिया की सुर्खियां बन रहा है। जिसे सरकार बाद में वापस लेती है और विपक्ष पर आरोप मढ़ती है। आज हिमाचल प्रदेश के सामने कई सारी चुनौतियां हैं। सरकार पूरी तरह से नाकाम है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल प्रदेश में विश्व का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र:एक बूथ पर हेलिकॉप्टर तो दूसरे पर नांव से पहुंची पोलिंग टीमें; खतरनाक नाला-पहाड़ भी पार किया हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी हैं, जहां मतदान करवाना चुनौती से कम नहीं। राज्य में एक पोलिंग बूथ ऐसा है, जहां हेलिकॉप्टर से पहुंचा जा सकता है। एक मतदान केंद्र में नाव से साढ़े 5 किलोमीटर का सफर कर पोलिंग पार्टी पहुंच पाई हैं। प्रदेश में दर्जनों ऐसे पोलिंग बूथ हैं, जहां पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को ऊंचे-ऊंचे पहाड़, खतरनाक नदी-नाले और बर्फ के पहाड़ पार कर पहुंचना पड़ा। यही नहीं, विश्व का सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थापित मतदान केंद्र भी हिमाचल के लाहौल-स्पीति जिले में है। कुछ रोचक पोलिंग स्टेशनों के बारे में भास्कर की रिपोर्ट.. बड़ा भंगाल में हेलिकॉप्टर से पहुंचा मतदान दल
हिमाचल के कांगड़ा जिला में अति दुर्गम क्षेत्र बड़ा भंगाल के लिए पोलिंग पार्टी हेलिकॉप्टर से भेजी गई है। गुरुवार शाम को मतदान दल EVM के साथ हेलिकॉप्टर में बड़ा भंगाल के लिए उड़ा। यह टीम आज शाम तक पोलिंग बूथ को वोटिंग के लिए तैयार करेगा। शनिवार को वोटिंग के बाद पोलिंग पार्टी बड़ा भंगाल में ही नाइट स्टे करेगी। 2 जून को पोलिंग पार्टी हेलिकॉप्टर से ही वापस बैजनाथ लौटेंगी। पैदल बड़ा भंगाल पहुंचने में लगते हैं 3 दिन
बड़ा भंगाल हिमाचल का इकलौता ऐसा मतदान केंद्र है, जहां पोलिंग पार्टी हेलिकॉप्टर से पहुंचाई जाती है। वापस भी हेलिकॉप्टर से ही लाई जाती है। सड़क कनेक्टिविटी न होने की वजह से यहां से लोगों का जीवन भी कठिनाइयों से भरा रहता है। बैजनाथ से बड़ा भंगाल पैदल पहुंचने में कम से कम 3 दिन लगते हैं। आधे रास्ते में एक नाइट का स्टे करना पड़ता है। यहां नेता भी वोट मांगने नहीं पहुंच पाते
बैजनाथ से बरोट-मुल्थान होते हुए गड़सापुल तक सड़क से पहुंचा जा सकता है, लेकिन यहां से आगे 3 दिन पैदल चलना पड़ता है। इस वजह से यहां चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार भी वोट मांगने नहीं पहुंच पाते हैं। बताया जाता है कि पूर्व CM प्रेम कुमार धूमल, वूल फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष व बीजेपी नेता त्रिलोक कपूर और बैजनाथ के पूर्व विधायक मुल्ख राज प्रेमी जरूर यहां एक बार वोट मांगने पहुंचे थे। मगर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में ज्यादातर बार कोई कैंडिडेट यहां नहीं पहुंच पाता। कुठेड़ा पोलिंग बूथ को नाव से पहुंची टीम
कांगड़ा जिला के फतेहपुर विधानसभा में कुठेड़ा पोलिंग बूथ को पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को नाव का सहारा लेना पड़ा। इस टीम की वापसी भी नाव से ही हो पाएगी। यह पोलिंग बूथ पौंग डैम के टापू पर बनाया गया है। मतदान कर्मियों को लगभग साढ़े 5 किलोमीटर का सफर नाव में करना पड़ा। तब जाकर कर्मचारी पोलिंग बूथ तक पहुंच पाए। एहलमी पहुंचने को 15KM पैदल चलना पड़ता है
मंडी लोकसभा के अंतर्गत चंबा जिले की भरमौर विधानसभा के मैहला खंड में एहलमी मतदान केंद्र तक पोलिंग पार्टी 15 किलोमीटर पैदल चल कर पहुंची है। वहीं, शिमला जिले में डोडराक्वार में पंडार और कुल्लू जिले में शाकटी मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां पहुंचने के लिए मतदान दलों को 11 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। उधर, कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत भटियात विधानसभा क्षेत्र में चक्की मतदान केंद्र पर 13 किलोमीटर पैदल चल कर पहुंचना पड़ता है। इन जिलों में भी खतरनाक रास्तों से पहुंची पोलिंग पार्टियां
मंडी, शिमला, कुल्लू, कांगड़ा, लाहौल-स्पीति, चंबा और किन्नौर जिले में दर्जन भर ऐसे पोलिंग बूथ हैं, जहां पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को खतरनाक नदियों को पार करना पड़ा। बर्फ के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ चढ़ने पड़े। खतरनाक व जोखिम भरे रास्तों से सफर तय कर मंजिल पहुंचना पड़ा। सामान ढोने की स्पेन का भी सहारा लिया। हिमाचल में दुनिया का सबसे अधिक ऊंचाई वाला पोलिंग बूथ
विश्व में सबसे अधिक ऊंचाई पर पोलिंग बूथ हिमाचल के लाहौल-स्पीति के ताशीगंग में है। इस मतदान केंद्र में कुल 62 मतदाता हैं। यहां 37 पुरुष और 25 महिला मतदाता हैं। यह मतदान केंद्र समुद्र तल से 15,256 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। इस केंद्र को सीनियर सिटीजन और दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा के लिए मॉडल पोलिंग बूथ बनाया गया है। इस पोलिंग बूथ के लिए भी गुरुवार को ही मतदान दल रवाना कर दिया गया है।
मंडी में जान-जोखिम में डालकर सफर:ढांक में रास्ता, नीचे ब्यास नदी, पंचायत के बनाए रास्ते में भी घालमेल, DC के पास पहुंचे ग्रामीण
मंडी में जान-जोखिम में डालकर सफर:ढांक में रास्ता, नीचे ब्यास नदी, पंचायत के बनाए रास्ते में भी घालमेल, DC के पास पहुंचे ग्रामीण हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला की ग्राम पंचायत मैहणी के कई गांव आजादी के 77 साल बाद भी सड़क सुविधा से महरूम है। सड़क तो दूर इनके घर आने-जाने का रास्ता भी पिछली बरसात में ब्यास नदी में समा गया था। सरकार से एक लाख मिलने के बाद टेंपरेरी रास्ता तो बना दिया गया। मगर इसमें भी लीपापोथी की गई। लिहाजा मैहणी पंचायत के कई गांव के ग्रामीण रोजाना अपनी जान जोखिम में डालकर खतरनाक ढांक में बने रास्ते से होकर आवाजाही करते है। थोड़ी सी चूक लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है। इस समस्या को लेकर वीरवार को मैहणी पंचायत के ग्रामीण डीसी मंडी अपूर्ण देवगन के दरबार में पहुंचे। DC मंडी के पास फरियाद लेकर पहुंचे ग्रामीण भारतीय सेना से रिटायर मोहन सिंह ने बताया कि मैहणी पंचायत के कई गांव सड़क सुविधा से महरूम है। उन्होंने बताया, लोगों को 9 मील जागर से संकरे रास्ते से होकर घर जाना पड़ता है। पिछली बरसात में ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण यह रास्ता 150 मीटर तक बह गया था। इसके बाद ग्रामीणों ने यहां बांस की सीढ़ियों की मदद से टैंपरेरी रास्ता तो बना दिया है, लेकिन यहां से आना-जाना खतरे से खाली नहीं है। पंचायत ने रास्ता बनाने में लीपापोथी की: ग्रामीण मोहन सिंह व ग्रामीणों ने DC को बताया कि जब उनका रास्ता टूटा तो सरकार ने इसके निर्माण के लिए एक लाख रुपए स्वीकृत किए। यह पैसा पंचायत के पास गया। रास्ते का निर्माण तो जरूर किया गया, लेकिन लीपापोथी की गई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जो बांस की सीढ़ी बनाई थी, पंचायत प्रधान ने उसी बांस की सीढ़ी पर ही लैंटर डलवा दिया। लोगों ने पूरे मामले की जांच की मांग की और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पंचायत के लोगों ने डीसी से पक्का रास्ता बनाने का भी आग्रह किया। यहां देखे कैसे खतरनाक रास्ते से होकर आते जाते हैं मैंहणी पंचायत के लोग…
कुल्लू में दो महिला नशा तस्कर गिरफ्तार:होटल के पास कर रही थी ग्राहक का इंतजार, एक पुरुष काबू, 1 किलो से ज्यादा चरस बरामद
कुल्लू में दो महिला नशा तस्कर गिरफ्तार:होटल के पास कर रही थी ग्राहक का इंतजार, एक पुरुष काबू, 1 किलो से ज्यादा चरस बरामद कुल्लू पुलिस द्वारा नशे के खिलाफ छेड़े गए अभियान के तहत भुंतर थाना की पुलिस टीम ने एक व्यक्ति को 502 ग्राम चरस सहित गिरफ्तार किया है। वहीं, मनाली पुलिस ने 2 महिलाओं को 832 ग्राम चरस के साथ दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है । एसपी कुल्लू कार्तिकेयन गोकुल चंद्रन ने बताया कि पुलिस थाना भुंतर की टीम ने बीते दिन सिहुण्ड में नाकाबंदी के दौरान एक व्यक्ति के कब्जे से 502 ग्राम चरस बरामद की है। आरोपी के विरुद्ध पुलिस थाना भुंतर में धारा 20 मादक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी की पहचान चेत राम निवासी गांव छमाण डाकघर भैण तहसील भुंतर के तौर पर हुई है। इसके अलावा मनाली थाना पुलिस ने 2 महिलाओं को 832 ग्राम चरस सहित गिरफ्तार किया है। डीएसपी मनाली केडी शर्मा ने बताया कि पुलिस थाना मनाली की टीम ने बीते दिन एक सूचना के आधार पर पिकाडली होटल के समीप से दो महिलाओं को गिरफ्तार कर उनके कब्ज़े से 832 ग्राम चरस बरामद की है। उन्होंने बताया कि दोनों आरोपी महिलाओं के विरुद्ध थाना मनाली में केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है।