झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शिशु वार्ड (एसएनसीयू) में शुक्रवार रात भीषण आग लग गई। जिसमें झुलसकर 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई। चाइल्ड वार्ड की खिड़की तोड़कर 10 शवों को निकाला गया। देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर दुख जताया है। साथ ही घायलों के इलाज के निर्देश दिए हैं। 15 तस्वीरों में देखिए झांसी का हादसा झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शिशु वार्ड (एसएनसीयू) में शुक्रवार रात भीषण आग लग गई। जिसमें झुलसकर 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई। चाइल्ड वार्ड की खिड़की तोड़कर 10 शवों को निकाला गया। देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर दुख जताया है। साथ ही घायलों के इलाज के निर्देश दिए हैं। 15 तस्वीरों में देखिए झांसी का हादसा उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हरियाणा चुनाव से पहले बीजेपी का ब्राह्मण कार्ड! मोहन लाल बड़ौली पर चला बड़ा दांव
हरियाणा चुनाव से पहले बीजेपी का ब्राह्मण कार्ड! मोहन लाल बड़ौली पर चला बड़ा दांव <p style=”text-align: justify;”><strong>Mohan Lal Badoli News:</strong> हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल बढ़ गई है. बीजेपी ने हरियाणा के लिए पार्टी प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी है. मोहन लाल बड़ौली हरियाणा बीजेपी के नए अध्यक्ष बनाए गए हैं. प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने यहां ब्राह्मण कार्ड खेला है और मोहन लाल बड़ौली को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने प्रदेश में ओबीसी चेहरे को आगे बढ़ाते हुए नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी. अब पार्टी ने ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए बड़ौली को हरियाणा का अध्यक्ष बनाया है. हरियाणा में इन दोनों समुदायों को मिलाकर कुल करीब 35 फीसदी वोटर्स हैं. पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ये जिम्मेदारी सीएम नायब सिंह सैनी के पास ही थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कौन हैं मोहन लाल बड़ौली?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पंडित मोहन लाल बड़ौली का जन्म साल 1963 में सोनीपत जिले की राई तहसील के बडौली गांव में हुआ. उनके पिता पंडित काली राम कौशिक विख्यात कवि थे और पंडित लख्मीचंद जी की रागनियों के प्रशंसक थे. मोहन लाल बड़ौली पेशे से किसान भी हैं और कपड़े के व्यापारी भी रहे हैं.मोहनलाल बडौली साल 1989 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े. साल 1995 में वे बीजेपी में आए और उन्हें मुरथल का मंडल अध्यक्ष बनाया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पंडित मोहनलाल बड़ौली इनेलो राज में जिला परिषद के लिए चुने गए, पहली बार बीजेपी से सोनीपत में कोई व्यक्ति जिला पार्षद चुना गया. साल 2019 में उन्होंने राई से विधानसभा का चुनाव लड़ा और पहली बार राई से बीजेपी के टिकट पर कोई व्यक्ति विधायक बना. साल 2020 में वे बीजेपी, सोनीपत के जिला अध्यक्ष बने.</p>
<p style=”text-align: justify;”>साल 2021 में हरियाणा बीजेपी में प्रदेश महामंत्री बने. उन्होंने अलग-अलग चुनावों में बीजेपी के लिए चुनाव प्रबंधन का महत्वपूर्ण दायित्व निभाया. 2024 में सोनीपत लोकसभा से बीजेपी के प्रत्याशी बने और <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> समिति के भी सदस्य रहे. अब फिर 2024 में ही बीजेपी हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”हरियाणा विधानसभा चुनाव का क्या होगा रिजल्ट? दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने आंकड़ों के साथ बताया” href=”https://www.abplive.com/states/punjab/deepender-singh-hooda-claims-congress-will-win-haryana-election-with-thumping-majority-2733540″ target=”_self”>हरियाणा विधानसभा चुनाव का क्या होगा रिजल्ट? दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने आंकड़ों के साथ बताया</a></strong></p>
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पानीपत में युवक ने फंदा लगाकर किया सुसाइड:तीन बच्चों का पिता था मृतक, मानसिक रूप से था परेशान हरियाणा के पानीपत जिला के मतलौडा क्षेत्र में अज्ञात कारणों के चलते युवक द्वारा फंदा लगाकर सुसाइड करने का मामला प्रकाश में आया है। वहीं मामले की जानकारी पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए पानीपत के सिविल अस्पताल में भिजवाया। वहीं परिजनों से भी पूछताछ की। 2 लड़की व एक लड़का छोड़ गया पीछे जानकारी अनुसार गांव जोंधन कला निवासी 37 वर्षीय संदीप ने अपने गले में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों की सूचना पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शव को फंदे से नीचे उतारा और पोस्टमॉर्टम हेतु पानीपत सिविल अस्पताल में भिजवा दिया। मृतक अपने पीछे दो लड़की व एक लड़का छोड़ गया है। परिजनों को भी नहीं बताया परेशानी का कारण मृतक के भाई सोमपाल की सूचना पर पुलिस ने 174 के तहत कार्रवाई की बताया जाता है कि मृतक कई दिनों से परेशान चल रहा था। वह गुमसुम रहता था। मृतक ने अपनी परेशानी का कारण परिजनों को भी नहीं बताया था और फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
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हरियाणा विधानसभा भंग होने पर आज फैसला:2 कारणों से CM ने लिया फैसला; अर्जेंट बुलाई कैबिनेट, VIDEO कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ेंगे मंत्री हरियाणा में 12 सितंबर से पहले विधानसभा का मानसून सत्र बुलाने और विधानसभा भंग करने के संवैधानिक संकट के बीच हरियाणा सरकार ने अर्जेंट मंत्रिमंडल की बैठक बुला ली है। सूत्रों की माने तो इस बैठक में विधानसभा भंग करने का फैसला लिया जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में सरकार के अधिकांश मंत्री शामिल होंगे। सुबह BJP के उम्मीदवारों के नॉमिनेशन के कारण मीटिंग का समय आज शाम 5 बजे तय किया गया है। मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से सैनी के मंत्रियों को इसकी सूचना भेजी जा चुकी है। कुछ मंत्रियों के बैठक में शामिल न होने की स्थिति में उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ने के आदेश दिए गए हैं। संविधान विशेषज्ञों की राय के अनुसार, ऐसा करना सरकार के लिए जरूरी है। वजह साफ है कि 6 माह के अंतराल से पूर्व सदन का अगला सत्र बुलाना संवैधानिक अनिवार्यता है। बेशक प्रदेश विधानसभा के ताजा चुनाव घोषित कर दिए गए हो। विधानसभा भंग करना ही सिंगल ऑप्शन विधायी एवं संवैधानिक मामलों के जानकार हेमंत कुमार का कहना है कि बेशक चुनाव आयोग ने 15वीं हरियाणा विधानसभा के गठन के लिए आम चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी हो, उसमें भी सरकार सत्र बुला सकती है। उनका कहना है कि 14वीं हरियाणा विधानसभा, जिसका कार्यकाल 3 नवंबर 2024 तक है, एवं जिसका पिछला एक दिन का विशेष सत्र 5 माह पूर्व 13 मार्च 2024 को बुलाया गया था। ऐसे में संविधान के अनुच्छेद 174(1) की सख्त अनुपालना में मौजूदा प्रदेश विधानसभा का एक सत्र, बेशक वह एक दिन या आधे दिन की अवधि का ही क्यों न हो, वह आगामी 12 सितम्बर 2024 से पहले बुलाना अनिवार्य है। क्या कहता है संविधान ? संविधान में स्पष्ट उल्लेख है कि पिछले सत्र की अंतिम बैठक और अगले सत्र की प्रथम बैठक के बीच 6 महीने का अंतराल नहीं होना चाहिए। सरकार की ओर से पिछली कैबिनेट बैठक में मानसून सत्र पर कोई फैसला नहीं लिया गया था। ऐसे में अब सरकार के पास हरियाणा विधानसभा को समयपूर्व भंग करने के लिए राज्यपाल से सिफारिश करना ही एकमात्र विकल्प बचा है। हरियाणा में संवैधानिक संकट का कारण हरियाणा में चुनाव की घोषणा के बाद संवैधानिक संकट खड़ा हुआ है। इसकी वजह 6 महीने के भीतर एक बार विधानसभा सेशन बुलाना है। राज्य विधानसभा का अंतिम सेशन 13 मार्च को हुआ था। उसमें नए बने CM नायब सैनी ने विश्वास मत हासिल किया था। इसके बाद 12 सितंबर तक सेशन बुलाना अनिवार्य है। यह संवैधानिक संकट ऐतिहासिक भी है, क्योंकि देश आजाद होने के बाद कभी ऐसी स्थिति नहीं आई। हरियाणा में ही कोरोना के दौरान भी इस संकट को टालने के लिए 1 दिन का सेशन बुलाया गया था। 6 माह में सत्र न बुलाने का इतिहास में उदाहरण नहीं है। संविधान के जानकार मानते हैं कि वैसे तो यह महज कागजी औपचारिकता है, लेकिन संवैधानिक तौर पर अनिवार्य होने से इसे हर हाल में पूरा करना होगा। ऐसी सूरत में भी सेशन न बुलाया गया हो, ऐसा कोई उदाहरण देश में नहीं है। 14वीं विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर तक राज्य में इस समय 15वीं विधानसभा चल रही है। 15वीं विधानसभा के गठन के लिए चुनाव की घोषणा हो चुकी है। इसका नोटिफिकेशन 5 सितंबर को जारी हो गया है। 5 अक्टूबर को वोटिंग और 8 अक्टूबर को काउंटिंग होगी। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर तक है।