शिमला के रामपुर में बीजेपी नेता कौल सिंह नेगी ने सुक्खू सरकार द्वारा लाई जा रही गेस्ट टीचर पॉलिसी पर कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने कहा कि बेरोजगार युवा पहले ही सरकार की कार्यप्रणाली से परेशान है। वहीं अब सरकार ऐसे फैसले लेकर बेरोजगारों के पर कुठाराघात कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने घोषणा पत्र में हर साल एक लाख सरकारी नौकरी देने की गारंटी की बात कही थी। आज 2 साल बीते गए। लेकिन प्रदेश के युवाओं को कितनी नौकरियां दी है, इसका जवाब सरकार को देना चाहिए। गेस्ट टीचर पॉलिसी पर पुनर्विचार करे सरकार- नेगी नेगी ने कहा सरकार को गेस्ट टीचर पॉलिसी के अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर इसे युवाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए समय रहते वापस लेना चाहिए। बेरोजगार युवाओं से किए गए अपने वादों पर गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए और स्कूलों में शिक्षकों के खाली पड़े हजारों पदों पर नियमित भर्ती करें। झूठे दावों से सिर्फ सुर्खियों तक सीमित है सरकार- नेगी उन्होंने कहा ये सरकार युवा विरोधी है। सर्विस सिलेक्शन बोर्ड के माध्यम से भर्तियां सुचारु रूप से हों नहीं रहीं। अभी तक पुराने प्रतियोगी परीक्षाओं की भर्तियों के परिणाम नहीं निकाल पा रहें है। सरकार के नई भर्तीयों के झूठे दावे से सिर्फ सुर्खियों तक ही सीमित है। शिमला के रामपुर में बीजेपी नेता कौल सिंह नेगी ने सुक्खू सरकार द्वारा लाई जा रही गेस्ट टीचर पॉलिसी पर कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने कहा कि बेरोजगार युवा पहले ही सरकार की कार्यप्रणाली से परेशान है। वहीं अब सरकार ऐसे फैसले लेकर बेरोजगारों के पर कुठाराघात कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने घोषणा पत्र में हर साल एक लाख सरकारी नौकरी देने की गारंटी की बात कही थी। आज 2 साल बीते गए। लेकिन प्रदेश के युवाओं को कितनी नौकरियां दी है, इसका जवाब सरकार को देना चाहिए। गेस्ट टीचर पॉलिसी पर पुनर्विचार करे सरकार- नेगी नेगी ने कहा सरकार को गेस्ट टीचर पॉलिसी के अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर इसे युवाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए समय रहते वापस लेना चाहिए। बेरोजगार युवाओं से किए गए अपने वादों पर गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए और स्कूलों में शिक्षकों के खाली पड़े हजारों पदों पर नियमित भर्ती करें। झूठे दावों से सिर्फ सुर्खियों तक सीमित है सरकार- नेगी उन्होंने कहा ये सरकार युवा विरोधी है। सर्विस सिलेक्शन बोर्ड के माध्यम से भर्तियां सुचारु रूप से हों नहीं रहीं। अभी तक पुराने प्रतियोगी परीक्षाओं की भर्तियों के परिणाम नहीं निकाल पा रहें है। सरकार के नई भर्तीयों के झूठे दावे से सिर्फ सुर्खियों तक ही सीमित है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल हाईकोर्ट कॉलेजियम का फैसला किया रद्द:2 जिला जलों की प्रमोशन का मामला; शीर्ष अदालत ने पहली बार ऐसा फैसला दिया सुप्रीम कोर्ट (SC) ने हिमाचल प्रदेश कॉलेजियम के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें पदोन्नति के लिए 2 वरिष्ठ जिला जजों की दावेदारी को नजरअंदाज किया था। SC ने 32 सीनियर जिला जजों की याचिका को स्वीकार करते हुए इस साल की शुरुआत में हुई कॉलेजियम की चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया। बता दें कि हिमाचल के बिलासपुर के डिस्ट्रिक्ट जज चिराग भानु सिंह और सोलन के जिला जज अरविंद मल्होत्रा बीते मई माह में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने कॉलेजियम के फैसले को चुनौती दी थी। इनकी याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस ऋषिकेष रॉय और प्रशांत कुमार मिश्रा की बैंच ने कहा, परामर्श के अभाव में कॉलेजियम का निर्णय इसलिए प्रभावित हुआ, क्योंकि हिमाचल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने निजी तौर पर 2 जिला जजों के नामों पर पुनर्विचार नहीं करने का निर्णय लिया था। कोर्ट ने कहा, ऐसा लग रहा है यह अकेले मुख्य न्यायाधीश का निर्णय है। कॉलेजियम को सामूहिक रूप से विचार विमर्श करना होगा। बताया जा रहा है कि कॉलेजियम के फैसले में SC के हस्तक्षेप का पहला उदाहरण है। इस तरह के मामलों को आमतौर पर अदालत द्वारा प्रशासनिक रूप से निपटाया जाता है। जिला जजों के नाम पर पुनर्विचार करने को कहा कॉलेजियम के फैसलों के खिलाफ याचिकाओं पर विचार करते समय व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाया जाता है। डबल बैंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को कॉलेजियममें अन्य जजों से सलाह लेनी चाहिए थी। कोर्ट ने निर्देश दिया कि हाईकोर्ट कॉलेजियम को अब निर्धारित मानदंडों के अनुसार 2 जिला जजों के नामों पर पुनर्विचार करना चाहिए। यह प्रक्रिया मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर के तहत होनी चाहिए, जो संवैधानिक अदालतों में जजों की नियुक्ति का मार्गदर्शन करती है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे 2 जिला जज बता दें कि हिमाचल के बिलासपुर के डिस्ट्रिक्ट जज चिराग भानु सिंह और सोलन के जिला जज अरविंद मल्होत्रा बीते मई माह में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने कॉलेजियमके फैसले को चुनौती देते हुए कहा था, कि हिमाचल हाईकोर्ट कॉलेजियम ने उनकी मेरिट और सीनियारिटी दोनों को नजरअंदाज किया। हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की स्पेसिफिक रेकमेंडेशन को भी मानने से इनकार कर दिया। क्या बोले जिला जजों के एडवोकेट जिला जजों की तरफ से सीनियर एडवोकेट अरविंद दातार ने तर्क दिया कि जूनियर न्यायिक अधिकारियों की सिफारिश इन-सर्विस कोटा के तहत हाईकोर्ट के जज के पद के लिए की गई। इस क्रम में याचिकाकर्ताओं की अनदेखी की गई, जो अधिक सीनियर थे। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सलाह और बाद में केंद्रीय कानून मंत्री द्वारा सिंह और मल्होत्रा के नामों पर पुनर्विचार करने के अनुरोध पर भी ध्यान नहीं दिया।
चंडीगढ़-पंचकूला के 4 बच्चे लापता:स्कूल ट्रिप पर कसौल गए थे, वहां से लौटकर एक साथी ने ब्लैकमेल किया तो चारों गायब हुए
चंडीगढ़-पंचकूला के 4 बच्चे लापता:स्कूल ट्रिप पर कसौल गए थे, वहां से लौटकर एक साथी ने ब्लैकमेल किया तो चारों गायब हुए चंडीगढ़ और पंचकूला के चार बच्चे हिमाचल प्रदेश में लापता हो गए हैं। चारों बच्चे एक निजी स्कूल में पढ़ते हैं। इनमें से 2 बच्चे मौलीजागरां, एक ढकोली और एक बच्चा पंचकूला के सेक्टर 12 का रहने वाला है। चारों की उम्र 11 से 12 साल के बीच है। पुलिस के अनुसार, थाने में दर्ज शिकायत में परिवारों ने बताया कि उनके बच्चे स्कूल ट्रिप पर हिमाचल में कुल्लू जिले के कसौल गए। वहां कई बच्चों ने फ्लेवर्ड हुक्का पीया। स्कूल टूर पूरा करने के बाद सभी बच्चे लौट आए। इसी दौरान ट्रिप पर गए एक छात्र ने उनके चारों बच्चों को यह कहकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया कि वह हुक्का पीने की बात उनके माता-पिता को बता देगा। परिवारों ने अंदेशा जताया कि संभवत: इसी कारण चारों बच्चे डर गए हैं और अपने घर नहीं आ रहे। सीसीटीवी खंगाल रही पुलिस
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