भास्कर न्यूज| जालंधर रामामंडी से फगवाड़ा की तरफ जा रहे ओवरलोडेड ट्रक के कारण मेन रोड से गुजर रही 11 केवी हाइटेंशन तारों का खंभा टूट गया। जिस कारण आसपास के इलाकों की बिजली सप्लाई बंद हो गई। बिजली का पोल एक तरफ लटक गया है और किसी भी समय गिर सकता है। लोगों ने पावरकॉम के अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी गई है। घटना शनिवार शाम 6 बजे की है। जब एक ओवरलोडेड ट्रक के ड्राइवर को हाइटेंशन तारों के बारे में पता नहीं चला। इस दौरान कोई बड़ा हादसा भी हो सकता था। लेकिन गनीमत ये रहा कि किसी का जानी व माली नुकसान नहीं हुआ। लेकिन लोगों में इस बात को लेकर काफी रोष है कि ओवरलोड वाहनों पर ट्रैफिक पुलिस बिल्कुल भी लगाम नहीं लगा रही है। टक्कर से टूटा बिजली का खंभा, चालक के खिलाफ कार्रवाई कराएगा विभाग बिजली कर्मचारियों ने कहा कि बिजली के पोल को सही करने में काफी समय लगेगा। सप्लाई को तुंरत सूचना के बाद बंद करवा दिया गया है। करीब 5 घंटे तक इलाकों की सप्लाई बंद रहेगी। नया बिजली का पोल लाकर तुंरत बदला जा रहा है। ट्रक चालक को पकड़ लिया है और उसके खिलाफ बनती कार्रवाई विभाग की तरफ से जरूर करवाई जाएगी। लोगों ने कहा कि जिस जगह पर बिजली का पोल टूटा है। वहां शाम के समय काफी भीड़ होती है। जब ट्रक हाइटेंशन तारों से टकराया तो जोरदार धमाका हुआ था। जिस कारण लोगों में दहशत पैदा हो गई। वहीं ट्रक चालक ने कहा कि उसे पता नहीं चला कि साइड पर खंभा है। भास्कर न्यूज| जालंधर रामामंडी से फगवाड़ा की तरफ जा रहे ओवरलोडेड ट्रक के कारण मेन रोड से गुजर रही 11 केवी हाइटेंशन तारों का खंभा टूट गया। जिस कारण आसपास के इलाकों की बिजली सप्लाई बंद हो गई। बिजली का पोल एक तरफ लटक गया है और किसी भी समय गिर सकता है। लोगों ने पावरकॉम के अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी गई है। घटना शनिवार शाम 6 बजे की है। जब एक ओवरलोडेड ट्रक के ड्राइवर को हाइटेंशन तारों के बारे में पता नहीं चला। इस दौरान कोई बड़ा हादसा भी हो सकता था। लेकिन गनीमत ये रहा कि किसी का जानी व माली नुकसान नहीं हुआ। लेकिन लोगों में इस बात को लेकर काफी रोष है कि ओवरलोड वाहनों पर ट्रैफिक पुलिस बिल्कुल भी लगाम नहीं लगा रही है। टक्कर से टूटा बिजली का खंभा, चालक के खिलाफ कार्रवाई कराएगा विभाग बिजली कर्मचारियों ने कहा कि बिजली के पोल को सही करने में काफी समय लगेगा। सप्लाई को तुंरत सूचना के बाद बंद करवा दिया गया है। करीब 5 घंटे तक इलाकों की सप्लाई बंद रहेगी। नया बिजली का पोल लाकर तुंरत बदला जा रहा है। ट्रक चालक को पकड़ लिया है और उसके खिलाफ बनती कार्रवाई विभाग की तरफ से जरूर करवाई जाएगी। लोगों ने कहा कि जिस जगह पर बिजली का पोल टूटा है। वहां शाम के समय काफी भीड़ होती है। जब ट्रक हाइटेंशन तारों से टकराया तो जोरदार धमाका हुआ था। जिस कारण लोगों में दहशत पैदा हो गई। वहीं ट्रक चालक ने कहा कि उसे पता नहीं चला कि साइड पर खंभा है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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खन्ना में सहारनपुर की विवाहिता की हत्या:पति-बेटे के साथ जा रही थी मायके, चेहरे और गर्दन पर चोट के निशान
खन्ना में सहारनपुर की विवाहिता की हत्या:पति-बेटे के साथ जा रही थी मायके, चेहरे और गर्दन पर चोट के निशान खन्ना में नेशनल हाईवे पर संदिग्ध परिस्थिति में एक महिला का मर्डर कर दिया गया। शव को खन्ना पुलिस लुधियाना के शिमलापुरी से लेकर आई। फिलहाल मर्डर की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है। जिसके चलते अभी आरोपियों का भी कोई सुराग नहीं मिला है। पुलिस इस अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाने में जुट गई है। मृतका के घर के आसपास लगे कैमरों के अलावा शिमलापुरी से लेकर खन्ना में वारदात वाले स्थल तक मुख्य जगहों पर लगे सीसीटीवी की फुटेज खंगाली जा रही है। मृतका की पहचान रीना (25) निवासी शिमलापुरी (लुधियाना) के तौर पर हुई है। पति संग मायके जा रही थी रीना रीना का मायका सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) में हैं। रीना के मायके में शादी समारोह है, जिसके चलते आज सुबह रीना, उसका पति गौरव कुमार और करीब 5 साल का बेटा सहारनपुर जा रहे थे। तीनों आई-20 कार में सवार थे। लुधियाना के शिमलापुरी में ही हलवाई की दुकान चलाने वाले गौरव ने पुलिस को बताया कि उसे रास्ते में कार के टायरों में हवा कम लग रही थी। जब वे खन्ना के गांव गगड़माजरा के पास पहुंचे तो उसने नेशनल हाईवे पर दूसरी तरफ पेट्रोल पंप देखा। उसने अपनी कार सड़क किनारे खड़ी की। वह अपने बेटे को लेकर दूसरी तरफ पेट्रोल पंप से यह पता करने चला गया कि क्या कार में हवा भर दी जाएगी। जब वह वापस आया तो देखा कि उसकी पत्नी कार में ही गिरी पड़ी थी। उसके चेहरे पर चोट के निशान थे। इससे वह घबरा गया और ऐसे ही पत्नी को पहले एक निजी अस्पताल लेकर गया, वहां डाक्टरों ने जवाब दे दिया तो वह शिमलापुरी (लुधियाना) अपने घर ले गया। बाद में इसकी सूचना पुलिस को दी। खन्ना पुलिस लेकर आई शव खन्ना के डीएसपी अमृतपाल सिंह भाटी, सदर थाना के एसएचओ सुखविंदरपाल सिंह समेत अन्य पुलिस कर्मियों की टीम लुधियाना में शिमलापुरी गई। वहां आसपास के लोगों से भी पूछताछ की। फिर रीना का शव सिविल अस्पताल खन्ना लाया गया। पुलिस गौरव कुमार की कॉल डिटेल खंगाल रही है। उसकी पत्नी की कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। सीसीटीवी फुटेज चेक की जा रही है। गौरव कुमार की स्टेटमेंट को भी शक की नजर से देखा जा रहा है। डीएसपी भाटी ने कहा कि सहारनपुर से रीना के मायके वाले भी आ गए हैं। पुलिस परिवार के बयान दर्ज करके अगली कार्रवाई कर रही है। आरोपियों का पता लगाने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है। जल्द इस केस को ट्रेस किया जाएगा।

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कपूरथला में 4 बदमाश गिरफ्तार:आढ़ती को मारने की डेढ़ लाख में ली सुपारी, घर जाते समय की थी फायरिंग कपूरथला में पुलिस ने आढ़ती पर फायरिंग के मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि उनके एक साथी को दसूहा पुलिस ने कुछ दिन पहले पिस्तौल के साथ काबू किया था। आरोपियों की पहचान शरणदीप सिंह, हरप्रीत सिंह, प्रभजोत सिंह और मनप्रीत सिंह। चारों आरोपी संगोजला गांव के निवासी है। एसपी (डी) सरबजीत राय ने बताया कि डेढ़ माह पहले आढ़ती को मारने के लिए आरोपियों ने डेढ़ लाख की सुपारी ली थी। 74 हजार रुपए इनके खाते में भेज भी दिए गये थे। पुलिस ने दालत में पेश कर 2 दिन का रिमांड पर लिया है। अमेरिका में रहने वाले युवक ने दी सुपारी पूछताछ में आरोपी शरणदीप ने बताया कि उसकी बुआ के लड़के अमृतपाल सिंह ने उसकी बात अमेरिका निवासी मनरूप सिंह के साथ वॉट्सऐप पर करवाई थी। जिसने उनको कहा कि लखविंदर सिंह मल्ली आढ़ती की हत्या करनी है। इसके बदले में डेढ़ लाख रुपए और हथियार देगा। जो मनरूप सिंह ने कुछ दिन बाद 74 हजार रूपए अमृतपाल सिंह के हाथ दे दिए। जो सभी ने आपस में बांट लिए। घर जाते समय आढ़ती पर फायरिंग अमृतपाल ने कहा कि तलवंडी कुक गुरुद्वारा तथा श्मशान घाट के नजदीक एक बोरे में लपेटा हुआ पिस्टल भी पड़ा है। वहां से उसको उठा लो। शरणदीप सिंह ने वहां पहुंचकर पिस्टल अपने कब्जे में ले लिया। 29 जून की रात लगभग 8 बजे चारों आरोपियों ने बाइक पर सवार होकर दुकान से घर आते समय आढ़ती लखविंदर सिंह मल्ली पर फायरिंग की। लखविंदर सिंह के शोर मचाने पर चारों वह से भाग गए। जिसमें वह गंभीर घायल हो गया था। जिसके बाद उसे जालंधर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने आढ़ती के बेटे जसपिंदरजीत सिंह की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया था।

सुखबीर बादल के धार्मिक-राजनीतिक भविष्य पर आज विचार होगा:श्री अकाल तख्त साहिब पर बुद्धिजीवियों की बैठक बुलाई; SAD प्रमुख तनखैया घोषित हो चुके
सुखबीर बादल के धार्मिक-राजनीतिक भविष्य पर आज विचार होगा:श्री अकाल तख्त साहिब पर बुद्धिजीवियों की बैठक बुलाई; SAD प्रमुख तनखैया घोषित हो चुके शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के धार्मिक और राजनीतिक भविष्य के फैसले पर आज विचार होगा। श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने श्री अकाल तख्त कार्यालय में महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, जिसमें सिख विद्वानों और बुद्धिजीवियों के साथ मिलकर सुखबीर बादल के “तनखैया” मामले पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में उन्हें दिए जाने वाली संभावित धार्मिक सजा पर विचार किया जाएगा। इस चर्चा में कुल 18 सिख विद्वान और बुद्धिजीवी भाग लेंगे। इन सदस्यों में अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार मंजीत सिंह, पंजाबी यूनिवर्सिटी के पूर्व VC जसपाल सिंह, इंद्रजीत सिंह गोगोआनी, अमरजीत सिंह, हरसिमरन सिंह, जसपाल सिंह सिद्धू और हमीर सिंह शामिल हैं। इनके अलावा कुछ वरिष्ठ पत्रकारों को भी आमंत्रित किया गया है। सुखबीर बादल पर लगे आरोप और “तनखैया” मामला
अकाली दल से जुड़े असंतुष्ट नेताओं ने अकाली सरकार के दौरान (2007-2017) हुए कुछ धार्मिक फैसलों पर सवाल उठाए थे, जिन्हें उन्होंने सिख धर्म के हितों के विरुद्ध बताया। इसके बाद अकाल तख्त ने 30 अगस्त 2024 को सुखबीर बादल को तनखैया घोषित किया था, लेकिन अब तक कोई सजा नहीं दी गई। तनखैया घोषित किए जाने के कारण सुखबीर सिंह बादल को विधानसभा उपचुनावों में प्रचार या भाग लेने की अनुमति नहीं मिली थी। इसके चलते अकाली दल ने उपचुनावों से दूरी बना ली थी। हालांकि, सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (SGPC) चुनाव में अकाली दल समर्थित उम्मीदवार अध्यक्ष बने हैं। किस प्रकार की सजा मिल सकती है?
अकाल तख्त के दिशा-निर्देशों के तहत, तनखैया घोषित व्यक्ति को अक्सर गुरुद्वारे में सेवा करने जैसे कार्य सौंपे जाते हैं। जैसे कि जूते या फर्श साफ करना। आज की बैठक में इस बात पर विचार किया जाएगा कि सुखबीर बादल को किस प्रकार की धार्मिक सजा दी जा सकती है। इस फैसले से पहले जत्थेदारों की एक बैठक होगी, जिसमें सुखबीर बादल भी उपस्थित हो सकते हैं। इस निर्णय के आधार पर सुखबीर बादल के धार्मिक और राजनीतिक सफर पर बड़ा असर पड़ सकता है। क्या होता है तनखैया
सिख पंथ के अनुसार कोई भी सिख अगर धार्मिक तौर पर कुछ गलत करता है तो उसे तनखैया करार दिया जाता है। इसका फैसला सिखों के सर्वोच्च तख्त श्री अकाल तख्त साहिब करते हैं। तनखैया घोषित होने के बाद व्यक्ति सिख संगत के समक्ष उपस्थित होकर अपनी गलती के लिए क्षमा मांग सकता है। तब सिख संगत की ओर से पवित्र श्री गुरू ग्रंथ साहिब की हाजिरी में उसके गुनाह की समीक्षा की जाती है। फिर उसी के हिसाब से उसके लिए दंड तय किया जाता है। तनखैया की सजा मिलने पर ऐसे व्यक्ति से न तो कोई सिख संपर्क रखता है और न ही कोई संबंध। इनके यहां शादी जैसे कार्यक्रमों में भी कोई सिख आता-जाता नहीं है। अकाली दल के बागी गुट ने सौंपा था माफीनामा
अकाली दल का बागी गुट 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा था। इस दौरान जत्थेदार को माफ़ीनामा सौंपा गया था, जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों में सहयोग देने पर माफी मांगी गई। 1. डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत वापस ली गई थी
2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरुमीत राम रहीम ने 10वें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में अकाली सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी
श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा मुखी को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई
1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ
अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया।