एमएसपी लीगल गारंटी कानून लाने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन को अब किसान अगले पड़ाव पर लेकर जाने की तैयारी में हैं। आज, शनिवार किसान एक बार फिर चंडीगढ़ में किसान भवन में मीडिया से बातचीत करने जा रहे हैं। जिसमें वे आने वाली नीतियों के बारे में जानकारी देंगे। किसान नेता ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र में चुनाव हैं तो भाजपा अब वहां लोगों को गुमराह कर रही है। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि किसान आज भी एमएसपी लीगल गारंटी बिल लाने की मांग पर अड़े हुए हैं। लेकिन भाजपा सरकार इससे भागती दिख रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की नीतियों के कारण ही महंगाई की दर 6.25% से अधिक है। रुपया लगातार डॉलर के मुकाबले कमजोर हो गया। गरीब मजदूर के लिए कोई योजना भाजपा नहीं दे पाई। सबसे अधिक बेरोजगारी भारत में है। उन्हें आस है कि लोग उनकी समस्याओं को समझेंगे और किसानों को लोगों का सहयोग मिलेगा। आज दोपहर होने वाली प्रेस-कॉन्फ्रेंस में किसान नेता बड़े ऐलान करेंगे। फरवरी से जारी है किसान आंदोलन शंभू बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन लंबे समय से विभिन्न मांगों को लेकर जारी है। यह प्रदर्शन मुख्य रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी, वृद्ध किसानों और मजदूरों के लिए मासिक पेंशन और कृषि ऋण माफी जैसी मांगों पर केंद्रित है। आंदोलन का नेतृत्व संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा कर रहे हैं। इस आंदोलन ने स्थानीय निवासियों, व्यापारियों और छात्रों की दैनिक गतिविधियों को प्रभावित किया है। हालांकि, किसान यूनियनों ने यह दावा किया है कि सड़कों को सरकार द्वारा अवरोधित किया गया था, न कि किसानों द्वारा। एमएसपी लीगल गारंटी कानून लाने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन को अब किसान अगले पड़ाव पर लेकर जाने की तैयारी में हैं। आज, शनिवार किसान एक बार फिर चंडीगढ़ में किसान भवन में मीडिया से बातचीत करने जा रहे हैं। जिसमें वे आने वाली नीतियों के बारे में जानकारी देंगे। किसान नेता ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र में चुनाव हैं तो भाजपा अब वहां लोगों को गुमराह कर रही है। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि किसान आज भी एमएसपी लीगल गारंटी बिल लाने की मांग पर अड़े हुए हैं। लेकिन भाजपा सरकार इससे भागती दिख रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की नीतियों के कारण ही महंगाई की दर 6.25% से अधिक है। रुपया लगातार डॉलर के मुकाबले कमजोर हो गया। गरीब मजदूर के लिए कोई योजना भाजपा नहीं दे पाई। सबसे अधिक बेरोजगारी भारत में है। उन्हें आस है कि लोग उनकी समस्याओं को समझेंगे और किसानों को लोगों का सहयोग मिलेगा। आज दोपहर होने वाली प्रेस-कॉन्फ्रेंस में किसान नेता बड़े ऐलान करेंगे। फरवरी से जारी है किसान आंदोलन शंभू बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन लंबे समय से विभिन्न मांगों को लेकर जारी है। यह प्रदर्शन मुख्य रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी, वृद्ध किसानों और मजदूरों के लिए मासिक पेंशन और कृषि ऋण माफी जैसी मांगों पर केंद्रित है। आंदोलन का नेतृत्व संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा कर रहे हैं। इस आंदोलन ने स्थानीय निवासियों, व्यापारियों और छात्रों की दैनिक गतिविधियों को प्रभावित किया है। हालांकि, किसान यूनियनों ने यह दावा किया है कि सड़कों को सरकार द्वारा अवरोधित किया गया था, न कि किसानों द्वारा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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