सिरसा जिले में दो लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए तत्कालीन सीआईए इंचार्ज को सेशन कोर्ट आज सजा सुनाएगी। कोर्ट ने 14 नवंबर को आरोपी को दोषी करार दिया था। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने दोषी एसआई अजय कुमार को 5 जुलाई 2021 को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। तय समय पर वापस नहीं पहुंचे जेल मामले के अनुसार हुडा सेक्टर सिरसा निवासी सुक्खा सिंह ने विजिलेंस निदेशक को दी थी कि उसका पिता बलदेव सिंह एनडीपीएस एक्ट में जिला जेल में है। कोरोना संक्रमण के समय उसके पिता को 42 दिनों की पैरोल मिली थी। हार्ट की बीमारी के कारण उसका पिता तय समय पर वापस जेल नहीं जा पाए। इसके बाद उसके पिता का वारंट जारी हो गया। 3 लाख की मांग की थी 15 जून को डबवाली सीआईए इंचार्ज एसआई अजय कुमार उनके घर आया और पिता को पकड़ लिया। इसके बाद अजय कुमार कहने लगा कि पूरे परिवार को धारा 216 में गिरफ्तार करुंगा। अगर बचना है, तो तीन लाख रुपए देने होंगे। सुक्खा ने अजय कुमार को कहा कि इतने रुपए तो उसके पास अभी नहीं हैं। सुक्खा ने अजय कुमार को एक लाख रुपए दे दिए। डीएसपी के नेतृत्व में आई थी टीम एसआई अजय कुमार ने सुक्खा से कहा कि एसपी ने कहा है कि दो लाख रुपए और देने होंगे, तभी पूरा परिवार गिरफ्तारी से बचेगा। 5 जुलाई 2021 को डीएसपी कैलाश के नेतृत्व में विजिलेंस ब्यूरो की टीम सिरसा पहुंची। इसके बाद सुक्खा सिंह ने एसआई अजय कुमार को अपनी अनाज मंडी स्थित आढ़ती की दुकान में बुलाया। एसआई अजय कुमार ने सुक्खा से दो लाख रुपए रिश्वत के लिए तो तुरंत विजिलेंस की टीम ने उसे दबोच लिया। पावरफुल एसआई के रूप में थी पहचान बता दें कि गिरफ्तारी के कुछ ही दिन बाद सब इंस्पेक्टर अजय कुमार जेल से बाहर आ गया था। उसे जेल में अजय कुमार को कोरोना हो गया था। शिकायतकर्ता सुक्खा सिंह ने आरोप लगाया था कि अजय कुमार ने अपनी पावर का इस्तेमाल किया है। जब तक कोर्ट से जमानत नहीं मिलती उसे कोरोना मरीज दिखाकर कोविड सेंटर में रखने की प्लानिंग है। शिकायतकर्ता का आरोप था कि कोविड सेंटर में आरोपी को वीआईपी सुविधाएं मिल रही हैं। बड़े लीडरों से गहरे रिश्ते सब इंस्पेक्टर अजय कुमार काफी वर्षों तक इनेलो प्रधान महासचिव अभय चौटाला का पीएसओ रहा। इसके संबंध जेजेपी के सीनियर नेताओं से भी गहरे हैं। इन संबंधों का लाभ अजय कुमार को एस इंस्पेक्टर प्रमोट होते ही मिला। पुलिस लाइन से उसे सीआईए सिरसा में जगह मिल गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार सीनियर लीडरों का फोन आने पर तत्कालीन एसपी भूपेंद्र सिंह ने अजय को पहले सीआईए सिरसा में नियुक्त दी। बाद में अजय कुमार को अपनी मनपसंद पोस्ट डबवाली सीआईए इंचार्ज की मिल गई। सिरसा जिले में दो लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए तत्कालीन सीआईए इंचार्ज को सेशन कोर्ट आज सजा सुनाएगी। कोर्ट ने 14 नवंबर को आरोपी को दोषी करार दिया था। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने दोषी एसआई अजय कुमार को 5 जुलाई 2021 को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। तय समय पर वापस नहीं पहुंचे जेल मामले के अनुसार हुडा सेक्टर सिरसा निवासी सुक्खा सिंह ने विजिलेंस निदेशक को दी थी कि उसका पिता बलदेव सिंह एनडीपीएस एक्ट में जिला जेल में है। कोरोना संक्रमण के समय उसके पिता को 42 दिनों की पैरोल मिली थी। हार्ट की बीमारी के कारण उसका पिता तय समय पर वापस जेल नहीं जा पाए। इसके बाद उसके पिता का वारंट जारी हो गया। 3 लाख की मांग की थी 15 जून को डबवाली सीआईए इंचार्ज एसआई अजय कुमार उनके घर आया और पिता को पकड़ लिया। इसके बाद अजय कुमार कहने लगा कि पूरे परिवार को धारा 216 में गिरफ्तार करुंगा। अगर बचना है, तो तीन लाख रुपए देने होंगे। सुक्खा ने अजय कुमार को कहा कि इतने रुपए तो उसके पास अभी नहीं हैं। सुक्खा ने अजय कुमार को एक लाख रुपए दे दिए। डीएसपी के नेतृत्व में आई थी टीम एसआई अजय कुमार ने सुक्खा से कहा कि एसपी ने कहा है कि दो लाख रुपए और देने होंगे, तभी पूरा परिवार गिरफ्तारी से बचेगा। 5 जुलाई 2021 को डीएसपी कैलाश के नेतृत्व में विजिलेंस ब्यूरो की टीम सिरसा पहुंची। इसके बाद सुक्खा सिंह ने एसआई अजय कुमार को अपनी अनाज मंडी स्थित आढ़ती की दुकान में बुलाया। एसआई अजय कुमार ने सुक्खा से दो लाख रुपए रिश्वत के लिए तो तुरंत विजिलेंस की टीम ने उसे दबोच लिया। पावरफुल एसआई के रूप में थी पहचान बता दें कि गिरफ्तारी के कुछ ही दिन बाद सब इंस्पेक्टर अजय कुमार जेल से बाहर आ गया था। उसे जेल में अजय कुमार को कोरोना हो गया था। शिकायतकर्ता सुक्खा सिंह ने आरोप लगाया था कि अजय कुमार ने अपनी पावर का इस्तेमाल किया है। जब तक कोर्ट से जमानत नहीं मिलती उसे कोरोना मरीज दिखाकर कोविड सेंटर में रखने की प्लानिंग है। शिकायतकर्ता का आरोप था कि कोविड सेंटर में आरोपी को वीआईपी सुविधाएं मिल रही हैं। बड़े लीडरों से गहरे रिश्ते सब इंस्पेक्टर अजय कुमार काफी वर्षों तक इनेलो प्रधान महासचिव अभय चौटाला का पीएसओ रहा। इसके संबंध जेजेपी के सीनियर नेताओं से भी गहरे हैं। इन संबंधों का लाभ अजय कुमार को एस इंस्पेक्टर प्रमोट होते ही मिला। पुलिस लाइन से उसे सीआईए सिरसा में जगह मिल गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार सीनियर लीडरों का फोन आने पर तत्कालीन एसपी भूपेंद्र सिंह ने अजय को पहले सीआईए सिरसा में नियुक्त दी। बाद में अजय कुमार को अपनी मनपसंद पोस्ट डबवाली सीआईए इंचार्ज की मिल गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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मनोहर लाल खट्टर करनाल से सांसद चुने गए हैं। भाजपा ने अचानक उन्हें हरियाणा CM की कुर्सी से हटा लोकसभा टिकट दी थी। जिसमें उन्होंने चुनाव जीतकर अपनी काबिलियत साबित की। खट्टर पीएम नरेंद्र मोदी की गुडबुक में हैं। वे मोदी के पुराने साथी रह चुके हैं। खुद मोदी ने चुनाव से पहले गुरुग्राम में कहा था कि जब वे हरियाणा में थे तो खट्टर के साथ बाइक पर रोहतक से गुरुग्राम आते थे। इसके अलावा खट्टर को संगठन का भी बड़ा अनुभव है। वह 2014 में ही विधायक का चुनाव लड़े। इससे पहले करीब 3 दशक से ज्यादा वक्त तक उन्होंने संगठन का काम किया। इस वजह से उनको अध्यक्ष बनाने की चर्चा है। चुनाव में जीत के बाद वे दिल्ली जाकर जेपी नड्डा और अमित शाह से भी मिल चुके हैं। उनको सरकार में लेने की भी पैरवी हो रही है। इसके लिए उनके साढ़े 9 साल हरियाणा में सरकार चलाने के अनुभव का हवाला दिया जा रहा है। अहीरवाल में 14 विधानसभा सीटों पर राव का दबदबा
राव इंद्रजीत सिंह की मंत्रिमंडल में दावेदारी इसलिए मजबूत हैं, क्योंकि वे अहीरवाल बेल्ट के बड़े नेता हैं। दक्षिणी हरियाणा की 14 विधानसभा सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह का खुद का प्रभाव रहा है। पिछले तीन लोकसभा चुनाव में दक्षिणी हरियाणा में बीजेपी को अच्छी बढ़त मिली हैं। इस बार भी राज बब्बर जैसे दिग्गज कांग्रेस नेता को राव ने हरा दिया। वे छठी बार सांसद बने। ऐसे में राव को बाहर कर भाजपा दक्षिणी हरियाणा की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती। सियासी समीकरण देख लग सकता है धर्मबीर का नंबर
गुर्जर को मंत्रीपद न देने के बाद भी हरियाणा को भाजपा नेतृत्व नजरअंदाज नहीं कर सकता। विधानसभा चुनाव के समीकरण को देखते हुए भाजपा भिवानी-महेंद्रगढ़ से लगातार तीसरी बार जीतने वाले चौधरी धर्मबीर को मंत्री बना सकती है। धर्मबीर बड़े जाट चेहरे हैं। अभी राज्य में BJP की सरकार में बड़े लेवल पर जाटों का प्रतिनिधित्व कम है। वहीं लोकसभा चुनाव में भाजपा के 5 सीटें हारने में जाटों की नाराजगी बड़ी वजह बनी। भाजपा इससे उसे साध सकती है। बहुमत न मिलने से कटेगा गुर्जर का पत्ता
फरीदाबाद से लगातार तीसरी बार जीते कृष्णपाल गुर्जर मोदी सरकार के दोनों टर्म में मंत्री रहे। मगर, इस बार उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने के चांस कम है। कृष्णपाल गुर्जर ने भले ही 1 लाख, 72 हजार 914 के अच्छे मार्जिन से जीत दर्ज कर ली, लेकिन BJP के पूर्ण बहुमत में नहीं आने की वजह से इस बार गठबंधन सहयोगियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना है। यही वजह है कि कृष्णपाल गुर्जर को तीसरी बार मंत्री पद देने के लिए शीर्ष नेतृत्व ने भी अभी तक कोई विचार नहीं किया है।