वाराणसी में मंगलवार की रात ATS ने नकली नोटों की तस्करी करने वाले गिरोह के 2 सदस्यों को सारनाथ में गिरफ्तार कर किया, इन दोनों के कब्जे से 1. 97 लाख रुपए के नकली भारतीय नोट बरामद हुए हैं। बिहार के मूल निवासी तस्करों के बांग्लादेशी कनेक्शन मिलने के बाद ATS और प्रशासन हरकत में आ गया है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह बांग्लादेश से तस्करी कर लाई गई नकली नोटों को यूपी के जिलों में सप्लाई करते थे। पिछले 8 साल में यूपी भर के 22 जिलों तक खेप पहुंचाई है। अब इस गिरोह का लक्ष्य आगामी महाकुंभ प्रयागराज था, जहां बड़ी संख्या में नकली नोटों को खपाना था। तस्करों ने इससे पहले भी प्रयागराज तक नकली नोट पहुंचाए हैं, इस बार भी लक्ष्य प्रयागराज था। कोलकाता से वह पीडीडीयू नगर जंक्शन आए तो सोचा आज रात बनारस घूम लें और सुबह प्रयागराज पहुंच जाएंगे। दोनों बनारस घूमने निकले लेकिन पुलिस ने दबोच लिया। उन्होंने बाजार में एक नकली नोट चलाया जो तुरंत पकड़ा तो नहीं गया। गिरफ्तार तस्करों और उनके गिरोह ने अब तक यूपी में 10 करोड़ की नकली करेंसी पहुंचाई है, यह कोई व्यक्ति नहीं एक सिस्टम चैनल काम करता है। केंद्रीय एजेंसियों को तस्करों की रिपोर्ट देने की तैयारी वाराणसी में लगातार कई तस्करी के मामले सामने आने के बाद पुलिस जेल भेजे गए जाली नोटों के अंतरराष्ट्रीय तस्करों की जानकारी एनआइए की टीम को देगी। इसके अलावा इंटेलीजेंस (स्पेशल विंग) राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) व भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रा) समेत कई एजेंसियों को भी इसके बारे में रिपोर्ट देगी। पूछताछ में जाली नोटों के नेटवर्क से जुड़े कई तस्करों के नाम व ठिकाने का पता चला है, हालांकि इनका पूरा सिस्टम बांग्लादेश और मालदा टाउन से जुड़ा है जो पश्चिम बंगाल और बिहार के जरिए यूपी में दखल देता है, अब इस बार इसकी रिपोर्ट केंद्रीय जांच एजेंसियों को दी जाएगी। इस नेटवर्क को ध्वस्त करने की कवायद तेज कर दी गई है। सबसे पहले आपको बताते हैं ATS की कार्रवाई यूपी एटीएस की वाराणसी टीम ने मंगलवार की रात नकली नोटों की तस्करी करने वाले गिरोह के 2 सदस्यों को सारनाथ में गिरफ्तार कर किया था, इनके पास 1. 97 लाख रुपए के नकली भारतीय नोट बरामद हुए हैं। जो सभी 500-500 के नोटों में थे। ATS की वाराणसी इकाई की ओर से केस दर्ज कर दोनों को कल कोर्ट में पेश किया जाएगा। गिरफ्तार आरोपी बिहार के मूल निवासी हैं, मोहम्मद सुलेमान अंसारी और इदरीश इस समय जाकिर के गैंग में काम करते हैं। जाकिर अपना गिरोह पश्चिम बंगाल में रहकर संचालित करता है और बांग्लादेश समेत आसपास देशों में फरार रहता है। बिहार के वैशाली इसीयूटा थाने के नारीकला के मोहम्मद सुलेमान अंसारी और सदर थाने के फतेहाबाद के इदरीश की गिरफ्तारी में जुटी पुलिस की टीम मालदा टाउन से उसी ट्रेन में सफर कर रही थी, जिसमें तस्कर नकली नोटों के साथ थे। वाराणसी में इन सभी को नोटों की सप्लाई देनी थी, जहां से पूर्वांचल के सभी छोटे बाजारों तक नकली करेंसी पहुंचाई जाती। आज इनका लक्ष्य प्रयागराज था, जहां पहले भी ट्रायल कर चुके हैं और आज दो लाख रुपये की नकली करेंसी पहुंचानी थी। ट्रायल के लिए बनारस के बाजार में तीन हजार खर्च कर दिए। इससे पहले ही मोहम्मद सुलेमान अंसारी और इदरीश को एटीएस ने सारनाथ क्षेत्र में रिंगरोड़ के पास दबोच लिया। एटीएस की पूछताछ में उगले नकली नोट करेंसी का राज बांग्लादेशी कनेक्शन मिलने के बाद ATS ने दोनों से ताबड़तोड़ सवाल पूछे और उनके मोबाइल समेत पूरी हिस्ट्री निकाली। वाराणसी में एक बड़ी खेप की सप्लाई देने कल मालदा से निकले थे, जाली भारतीय मुद्रा लेकर वाराणसी सप्लाई करने आए थे। प्राथमिक जानकारी में इनका नेटवर्क पाकिस्तान, बांग्लादेश व चीन के जाली नोटों के तस्करों से जुड़ा है। अब उसके नेटवर्क से जुड़े अंतरराष्ट्रीय तस्करों पर ध्वस्त करने के लिए एनआइए समेत अन्य एजेंसी को अवगत कराया जाएगा। विशेषज्ञों की माने तो इन तस्करों ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह करना चाह रहे थे, एटीएस को उनके मंसूबों को नाकाम करने की कोशिश करनी चाहिए। पंचर जुड़ाने आया जाकिर और थमा गया नकली करेंसी पुलिसिया पूछताछ में दोनों ने बताया कि हम लोग पश्चिम बंगाल के मालदा जनपद में रहकर टायर पंचर बनाने का कार्य करते थे। इनकी दुकान पर एक कारोबारी पंचर बनवाने आया और नकली करेंसी दे गया। बाजार में उसने अपना नाम मालदा निवासी जाकिर बताया था। अगले दिन बाद उन्हें नकली नोट का पता चला तो जाकिर ने बताया कि जाली भारतीय मुद्रा की सप्लाई का काम करता है और उसे लोग चाहिए । इसके बाद दोनों जाकिर से मिल गए और काम का आगाज भी कर दिया। सुलेमान अंसारी छह महीने से बंद था पूछताछ में मोहम्मद सुलेमान अंसारी को पिछले साल भी जाली भारतीय मुद्रा के साथ बिहार पुलिस ने पकड़ा था, जिसमें वह छः माह हाजीपुर जेल में बंद रहा था। गिरफ्तार आरोपियों को गिरफ्तारी के बाद सारनाथ थाने की हवालात में दाखिल कर मुकदमा दर्ज किया गया। अब इसके नेटवर्क को खंगालने में पुलिस जुटी है। एक लाख के नकली नोट खपाने पर 25,000 रुपये मिलते हैं। डीआइजी डा. ओपी सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। पड़ोसी देश में छपती है करेंसी, जुड़े हैं तार पाकिस्तान के अलावा बंग्लादेश के भी कई इलाकों में भारतीय मुद्रा समेत कई देशों की करेंसी की छपाई होती है। इन जगहों पर भारतीय करेंसी देने पर तीन गुना ज्यादा नोट मिलते हैं, जिन्हें लाने वाले तस्कर पूर्वांचल के बाजार में आधी कीमत पर बेच देते हैं। फिर उनके एजेंट बाजार में नोट को चलन में लाकर पूरी कीमत वसूलते हैं। एडीसीपी सरवणन टी ने बताया कि इन नकली नोट तस्करों का नेटवर्क खंगालेगी और जिलों में मिली सूचनाओं के आधार पर छापेमारी करेगी। अभी कोई बड़ी कार्रवाई के पहले पूरे नेटवर्क को खंगाला जाएगा। चार गुना नकली नोट मिलते हैं जाकिर और इदरीश यानि दोनों को बताया कि जाली भारतीय मुद्रा की सप्लाई में तीन से चार गुना से अधिक का मुनाफा है और मेरे जाली भारतीय नोट आसानी से मार्केट में चलाए जा सकते हैं। जाली भारतीय मुद्रा प्राप्त कर सप्लाई करना शुरू कर दिया, जिससे हमें काफी मुनाफा होने लगा। तीन से चार गुना तक लाभ पर कमीशन देकर नकली नोटों की खेप छोटे मेला, कस्बाई बाजार समेत दी जाती है। इन नोटों को छोटे बाजारों के एजेंट को आधी कीमत में देकर खपा दिया जाता है। वाराणसी के अलावा गाजीपुर, सोनभद्र, बलिया, मऊ, आजमगढ़ में सर्वाधिक नोट खपाने पर फोकस रहता है। इस बार महाकुंभ पर नकली करेंसी की बड़ी खपत भेजने की तैयारी है। अब तक नकली करेंसी के खिलाफ कार्रवाई 20 जनवरी 2014 : रोडवेज बस स्टैंड के पास से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उनके पास से एक लाख 95 हजार रुपये नकली नोटों की गड्डियां बरामद हुई थीं। 01 सितंबर 2018 : 86 हजार रुपये नकली नोटों की गड्डियां पकड़ी गई थीं। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों छित्तनपुरा के एकता नगर कॉलोनी अब्दुल कादिर, गोलघर कचहरी निवासी आकिब कुरैशी व गड़ही कोयला बाजार निवासी नियाज अहमद को गिरफ्तार किया था। अक्टूबर 2018 : 12 लाख 90 हजार की खेप पकड़ी गई। तस्करों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि नकली नोट आधी कीमत में बिहार से लेकर आए थे। 01 जनवरी 2019 : आठ लाख रुपये की नकली नोटों की गड्डियां पकड़ी गईं। बिहार के नवीन कुमार को गिरफ्तार किया गया। 01 नवबंर 2021 : मंडुवाडीह के लहरतारा बौलिया निवासी माइकल सिंह यादव उर्फ मोंटी को गिरफ्तार किया गया था। मोंटी नकली नोटों का व्यापार करने वाले गिरोह का सदस्य था। 22 दिसम्बर 2022 मथुरा जीआरपी ने नोटों की खेप पकड़ी थी, आरोपियों ने वाराणसी में नोटों के छपाई की जानकारी दी, जिसके बाद छपाई के कारखाने का पुलिस ने खुलासा किया था। 25 जनवरी 2023 : नकली नोटों के तस्कर बबलू बिन्द उर्फ बाबिल को दबोचा, उस पर 50 हजार रुपये का ईनाम था। 09 सितंबर 2023 : चांदमारी क्षेत्र में रिंगरोड किनारे एक रेस्टोरेंट के पास से 5400 रुपये फेक करेंसी के साथ आदर्श उर्फ आशु को गिरफ्तार किया गया था। 27 जनवरी 2024 प्रतापगढ़ निवासी दीपक कुमार को 95 हजार 500 रुपये के नकली नोट के साथ पकड़ा था। नकली नोटों की तस्करी को आगामी लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा गया था। 6 फरवरी 2024 एटीएस ने अंबेडकर के टांडा चिंतौरा निवासी अंकुर मौर्य और विपिन गुप्ता उर्फ अवनीश को 45 हजार रुपये के नकली (500 रुपए) नोटों के साथ गिरफ्तार किया था। ये सभी नोट बांग्लादेश से लाए गए थे वाराणसी में मंगलवार की रात ATS ने नकली नोटों की तस्करी करने वाले गिरोह के 2 सदस्यों को सारनाथ में गिरफ्तार कर किया, इन दोनों के कब्जे से 1. 97 लाख रुपए के नकली भारतीय नोट बरामद हुए हैं। बिहार के मूल निवासी तस्करों के बांग्लादेशी कनेक्शन मिलने के बाद ATS और प्रशासन हरकत में आ गया है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह बांग्लादेश से तस्करी कर लाई गई नकली नोटों को यूपी के जिलों में सप्लाई करते थे। पिछले 8 साल में यूपी भर के 22 जिलों तक खेप पहुंचाई है। अब इस गिरोह का लक्ष्य आगामी महाकुंभ प्रयागराज था, जहां बड़ी संख्या में नकली नोटों को खपाना था। तस्करों ने इससे पहले भी प्रयागराज तक नकली नोट पहुंचाए हैं, इस बार भी लक्ष्य प्रयागराज था। कोलकाता से वह पीडीडीयू नगर जंक्शन आए तो सोचा आज रात बनारस घूम लें और सुबह प्रयागराज पहुंच जाएंगे। दोनों बनारस घूमने निकले लेकिन पुलिस ने दबोच लिया। उन्होंने बाजार में एक नकली नोट चलाया जो तुरंत पकड़ा तो नहीं गया। गिरफ्तार तस्करों और उनके गिरोह ने अब तक यूपी में 10 करोड़ की नकली करेंसी पहुंचाई है, यह कोई व्यक्ति नहीं एक सिस्टम चैनल काम करता है। केंद्रीय एजेंसियों को तस्करों की रिपोर्ट देने की तैयारी वाराणसी में लगातार कई तस्करी के मामले सामने आने के बाद पुलिस जेल भेजे गए जाली नोटों के अंतरराष्ट्रीय तस्करों की जानकारी एनआइए की टीम को देगी। इसके अलावा इंटेलीजेंस (स्पेशल विंग) राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) व भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रा) समेत कई एजेंसियों को भी इसके बारे में रिपोर्ट देगी। पूछताछ में जाली नोटों के नेटवर्क से जुड़े कई तस्करों के नाम व ठिकाने का पता चला है, हालांकि इनका पूरा सिस्टम बांग्लादेश और मालदा टाउन से जुड़ा है जो पश्चिम बंगाल और बिहार के जरिए यूपी में दखल देता है, अब इस बार इसकी रिपोर्ट केंद्रीय जांच एजेंसियों को दी जाएगी। इस नेटवर्क को ध्वस्त करने की कवायद तेज कर दी गई है। सबसे पहले आपको बताते हैं ATS की कार्रवाई यूपी एटीएस की वाराणसी टीम ने मंगलवार की रात नकली नोटों की तस्करी करने वाले गिरोह के 2 सदस्यों को सारनाथ में गिरफ्तार कर किया था, इनके पास 1. 97 लाख रुपए के नकली भारतीय नोट बरामद हुए हैं। जो सभी 500-500 के नोटों में थे। ATS की वाराणसी इकाई की ओर से केस दर्ज कर दोनों को कल कोर्ट में पेश किया जाएगा। गिरफ्तार आरोपी बिहार के मूल निवासी हैं, मोहम्मद सुलेमान अंसारी और इदरीश इस समय जाकिर के गैंग में काम करते हैं। जाकिर अपना गिरोह पश्चिम बंगाल में रहकर संचालित करता है और बांग्लादेश समेत आसपास देशों में फरार रहता है। बिहार के वैशाली इसीयूटा थाने के नारीकला के मोहम्मद सुलेमान अंसारी और सदर थाने के फतेहाबाद के इदरीश की गिरफ्तारी में जुटी पुलिस की टीम मालदा टाउन से उसी ट्रेन में सफर कर रही थी, जिसमें तस्कर नकली नोटों के साथ थे। वाराणसी में इन सभी को नोटों की सप्लाई देनी थी, जहां से पूर्वांचल के सभी छोटे बाजारों तक नकली करेंसी पहुंचाई जाती। आज इनका लक्ष्य प्रयागराज था, जहां पहले भी ट्रायल कर चुके हैं और आज दो लाख रुपये की नकली करेंसी पहुंचानी थी। ट्रायल के लिए बनारस के बाजार में तीन हजार खर्च कर दिए। इससे पहले ही मोहम्मद सुलेमान अंसारी और इदरीश को एटीएस ने सारनाथ क्षेत्र में रिंगरोड़ के पास दबोच लिया। एटीएस की पूछताछ में उगले नकली नोट करेंसी का राज बांग्लादेशी कनेक्शन मिलने के बाद ATS ने दोनों से ताबड़तोड़ सवाल पूछे और उनके मोबाइल समेत पूरी हिस्ट्री निकाली। वाराणसी में एक बड़ी खेप की सप्लाई देने कल मालदा से निकले थे, जाली भारतीय मुद्रा लेकर वाराणसी सप्लाई करने आए थे। प्राथमिक जानकारी में इनका नेटवर्क पाकिस्तान, बांग्लादेश व चीन के जाली नोटों के तस्करों से जुड़ा है। अब उसके नेटवर्क से जुड़े अंतरराष्ट्रीय तस्करों पर ध्वस्त करने के लिए एनआइए समेत अन्य एजेंसी को अवगत कराया जाएगा। विशेषज्ञों की माने तो इन तस्करों ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह करना चाह रहे थे, एटीएस को उनके मंसूबों को नाकाम करने की कोशिश करनी चाहिए। पंचर जुड़ाने आया जाकिर और थमा गया नकली करेंसी पुलिसिया पूछताछ में दोनों ने बताया कि हम लोग पश्चिम बंगाल के मालदा जनपद में रहकर टायर पंचर बनाने का कार्य करते थे। इनकी दुकान पर एक कारोबारी पंचर बनवाने आया और नकली करेंसी दे गया। बाजार में उसने अपना नाम मालदा निवासी जाकिर बताया था। अगले दिन बाद उन्हें नकली नोट का पता चला तो जाकिर ने बताया कि जाली भारतीय मुद्रा की सप्लाई का काम करता है और उसे लोग चाहिए । इसके बाद दोनों जाकिर से मिल गए और काम का आगाज भी कर दिया। सुलेमान अंसारी छह महीने से बंद था पूछताछ में मोहम्मद सुलेमान अंसारी को पिछले साल भी जाली भारतीय मुद्रा के साथ बिहार पुलिस ने पकड़ा था, जिसमें वह छः माह हाजीपुर जेल में बंद रहा था। गिरफ्तार आरोपियों को गिरफ्तारी के बाद सारनाथ थाने की हवालात में दाखिल कर मुकदमा दर्ज किया गया। अब इसके नेटवर्क को खंगालने में पुलिस जुटी है। एक लाख के नकली नोट खपाने पर 25,000 रुपये मिलते हैं। डीआइजी डा. ओपी सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। पड़ोसी देश में छपती है करेंसी, जुड़े हैं तार पाकिस्तान के अलावा बंग्लादेश के भी कई इलाकों में भारतीय मुद्रा समेत कई देशों की करेंसी की छपाई होती है। इन जगहों पर भारतीय करेंसी देने पर तीन गुना ज्यादा नोट मिलते हैं, जिन्हें लाने वाले तस्कर पूर्वांचल के बाजार में आधी कीमत पर बेच देते हैं। फिर उनके एजेंट बाजार में नोट को चलन में लाकर पूरी कीमत वसूलते हैं। एडीसीपी सरवणन टी ने बताया कि इन नकली नोट तस्करों का नेटवर्क खंगालेगी और जिलों में मिली सूचनाओं के आधार पर छापेमारी करेगी। अभी कोई बड़ी कार्रवाई के पहले पूरे नेटवर्क को खंगाला जाएगा। चार गुना नकली नोट मिलते हैं जाकिर और इदरीश यानि दोनों को बताया कि जाली भारतीय मुद्रा की सप्लाई में तीन से चार गुना से अधिक का मुनाफा है और मेरे जाली भारतीय नोट आसानी से मार्केट में चलाए जा सकते हैं। जाली भारतीय मुद्रा प्राप्त कर सप्लाई करना शुरू कर दिया, जिससे हमें काफी मुनाफा होने लगा। तीन से चार गुना तक लाभ पर कमीशन देकर नकली नोटों की खेप छोटे मेला, कस्बाई बाजार समेत दी जाती है। इन नोटों को छोटे बाजारों के एजेंट को आधी कीमत में देकर खपा दिया जाता है। वाराणसी के अलावा गाजीपुर, सोनभद्र, बलिया, मऊ, आजमगढ़ में सर्वाधिक नोट खपाने पर फोकस रहता है। इस बार महाकुंभ पर नकली करेंसी की बड़ी खपत भेजने की तैयारी है। अब तक नकली करेंसी के खिलाफ कार्रवाई 20 जनवरी 2014 : रोडवेज बस स्टैंड के पास से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उनके पास से एक लाख 95 हजार रुपये नकली नोटों की गड्डियां बरामद हुई थीं। 01 सितंबर 2018 : 86 हजार रुपये नकली नोटों की गड्डियां पकड़ी गई थीं। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों छित्तनपुरा के एकता नगर कॉलोनी अब्दुल कादिर, गोलघर कचहरी निवासी आकिब कुरैशी व गड़ही कोयला बाजार निवासी नियाज अहमद को गिरफ्तार किया था। अक्टूबर 2018 : 12 लाख 90 हजार की खेप पकड़ी गई। तस्करों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि नकली नोट आधी कीमत में बिहार से लेकर आए थे। 01 जनवरी 2019 : आठ लाख रुपये की नकली नोटों की गड्डियां पकड़ी गईं। बिहार के नवीन कुमार को गिरफ्तार किया गया। 01 नवबंर 2021 : मंडुवाडीह के लहरतारा बौलिया निवासी माइकल सिंह यादव उर्फ मोंटी को गिरफ्तार किया गया था। मोंटी नकली नोटों का व्यापार करने वाले गिरोह का सदस्य था। 22 दिसम्बर 2022 मथुरा जीआरपी ने नोटों की खेप पकड़ी थी, आरोपियों ने वाराणसी में नोटों के छपाई की जानकारी दी, जिसके बाद छपाई के कारखाने का पुलिस ने खुलासा किया था। 25 जनवरी 2023 : नकली नोटों के तस्कर बबलू बिन्द उर्फ बाबिल को दबोचा, उस पर 50 हजार रुपये का ईनाम था। 09 सितंबर 2023 : चांदमारी क्षेत्र में रिंगरोड किनारे एक रेस्टोरेंट के पास से 5400 रुपये फेक करेंसी के साथ आदर्श उर्फ आशु को गिरफ्तार किया गया था। 27 जनवरी 2024 प्रतापगढ़ निवासी दीपक कुमार को 95 हजार 500 रुपये के नकली नोट के साथ पकड़ा था। नकली नोटों की तस्करी को आगामी लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा गया था। 6 फरवरी 2024 एटीएस ने अंबेडकर के टांडा चिंतौरा निवासी अंकुर मौर्य और विपिन गुप्ता उर्फ अवनीश को 45 हजार रुपये के नकली (500 रुपए) नोटों के साथ गिरफ्तार किया था। ये सभी नोट बांग्लादेश से लाए गए थे उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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शहीद धन सिंह कोतवाल को भारत रत्न देने की मांग, गुर्जर सम्मेलन में उठा मुद्दा
शहीद धन सिंह कोतवाल को भारत रत्न देने की मांग, गुर्जर सम्मेलन में उठा मुद्दा <p style=”text-align: justify;”><strong>Meerut News:</strong> अंग्रेजों के खिलाफ देश में आजादी की अलख जगाने की जब भी बात होती है तो 10 मई 1857 की क्रांति को याद किया जाता है. 10 मई 1857 की क्रांति में अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंकने वाले शहीद धन सिंह कोतवाल को आखिर कौन नहीं जानता, अब शहीद धन सिंह कोतवाल को भारत रत्न दिए जाने की मांग उठने लगी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मांग को लेकर देश भर के गुर्जर एक मंच पर जुटे और एक सुर में शहीद धन सिंह कोतवाल को भारत रत्न दिए जाने की मांग की. मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में लौहपुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर अखिल भारतीय गुर्जर महासभा ने गुर्जर स्वाभिमान सम्मेलन का आयोजन किया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भारत रत्न देने की मांग</strong><br />इसमें कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में केंद्रीय राज्यमंत्री मनसुख मांडविया शामिल होने पहुंचे थे. कार्यक्रम स्थल पर उनका जोरदार स्वागत किया गया और उनके सामने शहीद धन सिंह कोतवाल को भारत रत्न दिए जाने की मांग पुरजोर तरीके से रखी गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि अंग्रेजों के खिलाफ आजादी का बिगुल फूंकने वाले धन सिंह कोतवाल ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी थी, ऐसे शिरोमणि को भारत रत्न दिया जाना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कई राज्यों के गुर्जर नेता हुए शामिल</strong><br />मेरठ के सीसीएसयू में आयोजित गुर्जर स्वाभिमान सम्मेलन में देश के कई राज्यों के गुर्जर नेता पहुंचे थे. इस मौके पर केंद्रीय राज्यमंत्री मनसुख मांडविया, यूपी के ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ सोमेन्द्र तोमर, एमएलसी चौधरी वीरेन्द्र सिंह, हरियाणा सरकार में मंत्री राजेश नागर कार्यक्रम में शामिल हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसी तरह मध्य प्रदेश के विधायक डॉ आर के दोगणे, अखिल भारतीय गुर्जर महासभा मध्य प्रदेश देवेन्द्र गुर्जर, सपा विधायक अतुल प्रधान, बागपत के रालोद जिलाध्यक्ष सुभाष गुर्जर के अलावा पंजाब के कई नेता कार्यक्रम में पहुंचे थे. अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी यशवीर सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मांडविया ने किया माल्यार्पण</strong><br />केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने मेरठ की क्रांतिकारी भूमि को नमन किया. उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि मुझे क्रांतिकारियों की भूमि पर आने का अवसर मिला. मनसुख मांडविया ने कहा, “अंग्रेजों के खिलाफ शहादत देकर आजादी का बिगुल फूंकने वाले शहीद धन सिंह कोतवाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>मनसुख मांडविया ने कहा, “शहीद धन सिंह कोतवाल जैसे क्रांतिकारियों की शहादत को हमें याद रखना चाहिए और उनके बताए रास्ते पर आगे बढ़ना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजिली देना होगा.” उन्होंने कहा, “नए भारत के निर्माण में पीएम मोदी का जो संकल्प है उसे पूरा करने की कोशिश में हम सब लगे हुए हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किसने क्या कहा?</strong><br />उत्तर प्रदेश के ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ सोमेंद्र तोमर ने कहा, “हमारे लिए बड़े गर्व और गौरव की बात है कि हम क्रांतिकारियों की वीर भूमि पर पैदा हुए हैं. शहीद धन सिंह कोतवाल ने अपने प्राणों की बलि देकर देश को आजाद कराने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ बगावत की.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>डॉ सोमेंद्र तोमर ने आगे कहा, “10 मई 1857 की क्रांति के जननायक शहीद धन सिंह कोतवाल को भारत रत्न मिलना चाहिए और वो इसके हकदार भी हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>एमएलसी चौधरी वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि आज जो गुर्जर स्वाभिमान सम्मेलन हुआ है, उसमें हम सभी लोगों ने पुरजोर तरीके से मांग की है कि शहीद धन सिंह कोतवाल को भारत रत्न दिया जाना चाहिए. देश की आजादी के लिए उन्होंने अपने प्राणों की आहूति दे दी, हमें उनके बलिदान को याद रखने की जरूरत है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बागपत से रालोद के जिलाध्यक्ष सुभाष गुर्जर ने कहा कि शहीद धन सिंह कोतवाल को भारत रत्न देना क्रांतिकारियों के सम्मान में एक और बड़ा कदम होगा.</p>
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गुरुनानक जयंती पर रकाबगंज साहिब गुरुद्वारे पहुंचे अरविंद केजरीवाल ने मत्था टेका, लोगों को दी बधाई
गुरुनानक जयंती पर रकाबगंज साहिब गुरुद्वारे पहुंचे अरविंद केजरीवाल ने मत्था टेका, लोगों को दी बधाई <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को गुरु नानक जयंती के अवसर पर दिल्ली के ऐतिहासिक रकाबगंज साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेका. उन्होंने पवित्र स्थल पर जाकर पहले मत्था टेका. उन्होंने प्रसाद ग्रहण किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बाद मीडिया से बातचीत में केजरीवाल ने गुरु नानक के उपदेशों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलकर एक बेहतर समाज का निर्माण करना चाहिए. साथ ही उन्होंने देशवासियों को गुरु नानक जयंती की शुभकामनाएं दीं. </p>
<p style=”text-align: justify;”> इस मौके पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गुरु नानक जी ने हमेशा सच्चाई, सेवा और समानता पर जोर दिया. उनका जीवन और विचारधारा आज भी समाज के लिए प्रेरणादायक हैं. गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में आम आदमी पार्टी के नेता धार्मिक स्थलों पर लगातार जाते हुए नजर आ रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कुछ दिनों पहले ही अरविंद केजरीवाल दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में भी पहुंचे थे, जहां उन्होंने पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया. अपने वर्षगांठ पर केजरीवाल पत्नी सुनीता केजरीवाल संग तिरूपति बालाजी दर्शन करने और आशीर्वाद लेने पहुंचे थे.<br /> <br />इसे आगामी चुनावों को लेकर जनता के बीच सकारात्मक संदेश देने का एक प्रयास माना जा रहा है. धार्मिक स्थलों पर इन दौरों को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा है. कुछ इसे आम आदमी पार्टी की चुनावी रणनीति बता रहे हैं, तो कुछ इसे जनता से जुड़ने का प्रयास मानते हैं. ख़ैर जो भी हो केजरीवाल का यह कदम पार्टी की छवि को मजबूती देता नज़र आ रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/govt-offices-across-delhi-timings-10am-to-6-30pm-cm-atishi-announced-2823875″>दिल्ली के सरकारी दफ्तरों की टाइमिंग बदली, जाम से निजात के लिए CM आतिशी का फैसला</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/govt-offices-across-delhi-timings-10am-to-6-30pm-cm-atishi-announced-2823875″>(रिपोर्ट -मेघा कुमारी)</a></strong></p>