AAP विधायक की मौत ने सबको चौंकाया:दिन भर लोगों से मिले, अगले दिन का शेड्यूल बनाया; स्कूटर-पोर्श की सवारी से सुर्खियों में रहे

AAP विधायक की मौत ने सबको चौंकाया:दिन भर लोगों से मिले, अगले दिन का शेड्यूल बनाया; स्कूटर-पोर्श की सवारी से सुर्खियों में रहे

पंजाब में लुधियाना वेस्ट से आम आदमी पार्टी (AAP) के MLA गुरप्रीत बस्सी गोगी की शुक्रवार रात गोली लगने से मौत हो गई। उनकी अचानक मौत ने नेताओं से लेकर आम लोगों को भी चौंका दिया। ऐसा इसलिए क्योंकि एक दिन पहले तक वे अपने पब्लिक कार्यक्रमों में व्यस्त रहे। यहां तक कि अगले दिन यानी 11 जनवरी के कार्यक्रम तक तय कर लिए थे। गोगी ने जब से राजनीति में एंट्री ली, वे अपने बेबाक अंदाज से खूब सुर्खियों में रहे। वह कांग्रेस में रहे लेकिन जब मेयर बनने का नंबर आया तो वह चूक गए। इसके लिए जिस कांग्रेस विधायक आशु को गोगी जिम्मेदार मानते थे, पार्टी बदलकर उन्हीं को चुनाव में हरा दिया। वहीं नामांकन के वक्त वह स्कूटर से पहुंचे लेकिन जीत के बाद उनके पोर्श में ऑफिस पहुंचने की तस्वीरों ने भी खूब सुर्खियां बटोरी। इसके अलावा कुछ दिन पहले उन्होंने बुड्‌ढा नाला को साफ करने का अपना नींव पत्थर खुद ही तोड़ दिया था। उनका कहना था कि जब यहां काम ही नहीं हो रहा तो फिर पत्थर क्यों लगा रहे। दिन में मंदिर कमेटी से मिले, लोगों की समस्याएं सुनीं थी गुरप्रीत गोगी के पीए मनीश कपूर ने बताया कि 4 दिन पहले शीतला माता मंदिर में लाखों की चोरी हुई थी। इसको लेकर गोगी ने मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों से मीटिंग की थी। जिसके बाद पुलिस अफसरों को फोन कर आरोपियों को ढूंढने के लिए कहा। इसके बाद वह लुधियाना बार एसोसिएशन के लोहड़ी फंक्शन में शामिल होने पहुंचे। शाम को गोगी विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवा और राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल के साथ बुड्डा दरिया का दौरा करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अपने घर में लोक दरबार लगाकर जनता की समस्याएं सुनीं और उनका समाधान किया। अगले दिन का शेड्यूल भी तय किया था
गोगी के PA मनीश कपूर बताते हैं कि कल दिन भर के कार्यक्रम के बाद देर रात वह घर लौटे। शुक्रवार रात करीब 11 बजे वे विधायक गोगी के साथ में उनके ही घर में बैठे थे। इस दौरान अगले दिनों में लोहड़ी को लेकर होने वाले कार्यक्रमों की योजना बनाई। किस-किस जगह जाना है, इसका टाइम के साथ शेड्यूल भी तैयार कर लिया था। कपूर ने आगे कहा कि सारा प्रोग्राम का शेड्यूल तय होने के बाद वह घर चला गया। आधे घंटे में बाद उन्हें सूचना मिली कि विधायक की मौत हो गई है। PA ने कहा- चेहरे पर कोई तनाव नहीं, पूरी तरह स्वस्थ थे
PA मनीश कपूर ने आगे बताया कि रात को जब वह विधायक के घर से निकले तो वह पूरी तरह स्वस्थ थे। उनके चेहरे पर किसी तरह की चिंता या तनाव तो दूर, उसके लक्षण तक नहीं थे। वह अपने रोज के कामों में ही दिन भर व्यस्त भी रहे। वह रोजाना सुबह से लेकर रात तक उनके साथ रहते थे। कभी कोई डिप्रेशन जैसी बात भी सामने नहीं आई। गुरप्रीत गोगी का सियासी करियर… कैप्टन अमरिंदर ने बनाया था जिला प्रधान
गुरप्रीत गोगी ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की थी। गोगी का वर्किंग स्टाइल एग्रेसिव था। इस वजह से वह तेजी से कांग्रेस नेतृत्व की नजरों में आ गए। 2014 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गोगी को कांग्रेस का जिला शहरी प्रधान बना दिया। वह 2014 से 2019 तक कांग्रेस के जिला प्रधान रहे। हालांकि उनकी वर्किंग के बाद कैप्टन विरोधी खेमा भी उनके साथ ज्यादा खुश नहीं रहा। 3 बार पार्षद रहे, मेयर की कुर्सी से चूके
गोगी का घर शहर के पॉश इलाके घुमार मंडी में था। यहां से वे 3 बार नगर निगम के पार्षद चुने गए। 7 साल पहले फरवरी 2018 में वह तीसरी बार पार्षद चुनाव जीते। कांग्रेस ने इस चुनाव में 95 में से 62 वार्डों पर चुनाव जीता था। सीनियर पार्षद होने के नाते उनकी मेयर की कुर्सी पर दावेदारी पक्की थी। हालांकि कांग्रेस ने बलकार सिंह के करीबी को मेयर बना दिया। जिस आशू को जिम्मेदार माना, पार्टी बदल उन्हीं को हराया
गोगी मानते थे कि इसके लिए उस वक्त के लुधियाना वेस्ट से विधायक भारत भूषण आशू जिम्मेदार हैं। बलकार सिंह को आशू का ही करीबी माना जाता था। इस वजह से गोगी कांग्रेस और खास तौर पर आशू से नाराज रहने लगे। साल 2022 में जब पंजाब में विधानसभा चुनाव हुए तो गोगी ने कांग्रेस छोड़ दी। वह 23 साल कांग्रेस में सक्रिय रहे। इसके बाद वह AAP में शामिल हो गए। AAP ने उन्हें आशू के खिलाफ ही टिकट दी। गोगी ने आशू के गढ़ में ही उनको चुनाव हरा दिया। हालांकि वह मंत्रीपद तक नहीं पहुंच सके। गोगी के विधायक रहते पत्नी पार्षद चुनाव हारीं
​​​​​​गोगी की पत्नी सुखचैन बस्सी ने इस बार पार्षद का चुनाव लड़ा था। हालांकि पति के विधायक और उनकी ही पार्टी की सरकार होने के बावजूद वह चुनाव हार गई। इसको लेकर गोगी प्रशासन से काफी नाराज हुए थे। उन्होंने इसके लिए लुधियाना के डीसी को जिम्मेदार ठहराया था। गोगी ने उनके वार्ड में चुनाव की गड़बड़ी की बात कही थी, जिसकी शिकायत CM भगवंत मान से करने की बात कही थी। नगर निगम चुनाव में सीएम भगवंत सिंह मान ने लुधियाना पहुंच केवल विधायक गुरप्रीत गोगी के हल्के में ही प्रचार किया था। परिवार में पत्नी-बेटा, एक रसोइया भी
गोगी के परिवार में उनकी पत्नी डॉ. सुखचैन बस्सी और बेटा विश्वास बस्सी है। इसके अलावा घर में खाना बनाने के लिए एक रसोइया भी रखा हुआ है। रसोइया का भी यही कहना था कि रात को विधायक ने उससे खाना मांगा। इसके बाद वह खाना खाने लगे तो कुछ ही मिनट बाद गोली चलने की आवाज आई। जिसके बाद देखा तो वहां गोगी खून से लथपथ पड़े हुए थे। परिवार में किसी को भरोसा नहीं हो रहा कि आखिर यह सब कैसे हुआ। पंजाब में लुधियाना वेस्ट से आम आदमी पार्टी (AAP) के MLA गुरप्रीत बस्सी गोगी की शुक्रवार रात गोली लगने से मौत हो गई। उनकी अचानक मौत ने नेताओं से लेकर आम लोगों को भी चौंका दिया। ऐसा इसलिए क्योंकि एक दिन पहले तक वे अपने पब्लिक कार्यक्रमों में व्यस्त रहे। यहां तक कि अगले दिन यानी 11 जनवरी के कार्यक्रम तक तय कर लिए थे। गोगी ने जब से राजनीति में एंट्री ली, वे अपने बेबाक अंदाज से खूब सुर्खियों में रहे। वह कांग्रेस में रहे लेकिन जब मेयर बनने का नंबर आया तो वह चूक गए। इसके लिए जिस कांग्रेस विधायक आशु को गोगी जिम्मेदार मानते थे, पार्टी बदलकर उन्हीं को चुनाव में हरा दिया। वहीं नामांकन के वक्त वह स्कूटर से पहुंचे लेकिन जीत के बाद उनके पोर्श में ऑफिस पहुंचने की तस्वीरों ने भी खूब सुर्खियां बटोरी। इसके अलावा कुछ दिन पहले उन्होंने बुड्‌ढा नाला को साफ करने का अपना नींव पत्थर खुद ही तोड़ दिया था। उनका कहना था कि जब यहां काम ही नहीं हो रहा तो फिर पत्थर क्यों लगा रहे। दिन में मंदिर कमेटी से मिले, लोगों की समस्याएं सुनीं थी गुरप्रीत गोगी के पीए मनीश कपूर ने बताया कि 4 दिन पहले शीतला माता मंदिर में लाखों की चोरी हुई थी। इसको लेकर गोगी ने मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों से मीटिंग की थी। जिसके बाद पुलिस अफसरों को फोन कर आरोपियों को ढूंढने के लिए कहा। इसके बाद वह लुधियाना बार एसोसिएशन के लोहड़ी फंक्शन में शामिल होने पहुंचे। शाम को गोगी विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवा और राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल के साथ बुड्डा दरिया का दौरा करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अपने घर में लोक दरबार लगाकर जनता की समस्याएं सुनीं और उनका समाधान किया। अगले दिन का शेड्यूल भी तय किया था
गोगी के PA मनीश कपूर बताते हैं कि कल दिन भर के कार्यक्रम के बाद देर रात वह घर लौटे। शुक्रवार रात करीब 11 बजे वे विधायक गोगी के साथ में उनके ही घर में बैठे थे। इस दौरान अगले दिनों में लोहड़ी को लेकर होने वाले कार्यक्रमों की योजना बनाई। किस-किस जगह जाना है, इसका टाइम के साथ शेड्यूल भी तैयार कर लिया था। कपूर ने आगे कहा कि सारा प्रोग्राम का शेड्यूल तय होने के बाद वह घर चला गया। आधे घंटे में बाद उन्हें सूचना मिली कि विधायक की मौत हो गई है। PA ने कहा- चेहरे पर कोई तनाव नहीं, पूरी तरह स्वस्थ थे
PA मनीश कपूर ने आगे बताया कि रात को जब वह विधायक के घर से निकले तो वह पूरी तरह स्वस्थ थे। उनके चेहरे पर किसी तरह की चिंता या तनाव तो दूर, उसके लक्षण तक नहीं थे। वह अपने रोज के कामों में ही दिन भर व्यस्त भी रहे। वह रोजाना सुबह से लेकर रात तक उनके साथ रहते थे। कभी कोई डिप्रेशन जैसी बात भी सामने नहीं आई। गुरप्रीत गोगी का सियासी करियर… कैप्टन अमरिंदर ने बनाया था जिला प्रधान
गुरप्रीत गोगी ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की थी। गोगी का वर्किंग स्टाइल एग्रेसिव था। इस वजह से वह तेजी से कांग्रेस नेतृत्व की नजरों में आ गए। 2014 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गोगी को कांग्रेस का जिला शहरी प्रधान बना दिया। वह 2014 से 2019 तक कांग्रेस के जिला प्रधान रहे। हालांकि उनकी वर्किंग के बाद कैप्टन विरोधी खेमा भी उनके साथ ज्यादा खुश नहीं रहा। 3 बार पार्षद रहे, मेयर की कुर्सी से चूके
गोगी का घर शहर के पॉश इलाके घुमार मंडी में था। यहां से वे 3 बार नगर निगम के पार्षद चुने गए। 7 साल पहले फरवरी 2018 में वह तीसरी बार पार्षद चुनाव जीते। कांग्रेस ने इस चुनाव में 95 में से 62 वार्डों पर चुनाव जीता था। सीनियर पार्षद होने के नाते उनकी मेयर की कुर्सी पर दावेदारी पक्की थी। हालांकि कांग्रेस ने बलकार सिंह के करीबी को मेयर बना दिया। जिस आशू को जिम्मेदार माना, पार्टी बदल उन्हीं को हराया
गोगी मानते थे कि इसके लिए उस वक्त के लुधियाना वेस्ट से विधायक भारत भूषण आशू जिम्मेदार हैं। बलकार सिंह को आशू का ही करीबी माना जाता था। इस वजह से गोगी कांग्रेस और खास तौर पर आशू से नाराज रहने लगे। साल 2022 में जब पंजाब में विधानसभा चुनाव हुए तो गोगी ने कांग्रेस छोड़ दी। वह 23 साल कांग्रेस में सक्रिय रहे। इसके बाद वह AAP में शामिल हो गए। AAP ने उन्हें आशू के खिलाफ ही टिकट दी। गोगी ने आशू के गढ़ में ही उनको चुनाव हरा दिया। हालांकि वह मंत्रीपद तक नहीं पहुंच सके। गोगी के विधायक रहते पत्नी पार्षद चुनाव हारीं
​​​​​​गोगी की पत्नी सुखचैन बस्सी ने इस बार पार्षद का चुनाव लड़ा था। हालांकि पति के विधायक और उनकी ही पार्टी की सरकार होने के बावजूद वह चुनाव हार गई। इसको लेकर गोगी प्रशासन से काफी नाराज हुए थे। उन्होंने इसके लिए लुधियाना के डीसी को जिम्मेदार ठहराया था। गोगी ने उनके वार्ड में चुनाव की गड़बड़ी की बात कही थी, जिसकी शिकायत CM भगवंत मान से करने की बात कही थी। नगर निगम चुनाव में सीएम भगवंत सिंह मान ने लुधियाना पहुंच केवल विधायक गुरप्रीत गोगी के हल्के में ही प्रचार किया था। परिवार में पत्नी-बेटा, एक रसोइया भी
गोगी के परिवार में उनकी पत्नी डॉ. सुखचैन बस्सी और बेटा विश्वास बस्सी है। इसके अलावा घर में खाना बनाने के लिए एक रसोइया भी रखा हुआ है। रसोइया का भी यही कहना था कि रात को विधायक ने उससे खाना मांगा। इसके बाद वह खाना खाने लगे तो कुछ ही मिनट बाद गोली चलने की आवाज आई। जिसके बाद देखा तो वहां गोगी खून से लथपथ पड़े हुए थे। परिवार में किसी को भरोसा नहीं हो रहा कि आखिर यह सब कैसे हुआ।   पंजाब | दैनिक भास्कर