‘AAP से मिलीभगत, जनता से विश्वासघात’, रेखा सरकार के किस फैसले पर भड़के देवेंद्र यादव

‘AAP से मिलीभगत, जनता से विश्वासघात’, रेखा सरकार के किस फैसले पर भड़के देवेंद्र यादव

<p style=”text-align: justify;”><strong>Devendra Yadav News:</strong> दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने दिल्ली में विधायकों की वेतन वृद्धि के निर्णय की कड़ी आलोचना करते हुए इसे जनता के साथ विश्वासघात करार दिया है. उन्होंने कहा कि यह फैसला आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की मिलीभगत का नतीजा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यादव ने आरोप लगाया कि ऐसे समय में जब दिल्ली की जनता महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रही है, विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी का फैसला जनता के हितों के खिलाफ है. उन्होंने इस निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>देवेंद्र यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार ने जनहित की योजनाओं जैसे शिक्षा, जल आपूर्ति, स्वच्छता, आवास, शहरी विकास, ऊर्जा, कृषि, ग्रामीण विकास, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण के बजट में कटौती कर विधायकों का वेतन बढ़ाने का रास्ता चुना है. उदाहरण के तौर पर, जल आपूर्ति और स्वच्छता परियोजनाओं का बजट 18 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है. उन्होंने इसे जनता के पैसे का दुरुपयोग बताया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यादव ने दिल्ली सरकार की आर्थिक स्थिति पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही भारी कर्ज के बोझ तले दबी है और इस बजट में 15,000 करोड़ रुपये का नया ऋण लेने की घोषणा की गई है. इसके अलावा, 9,500 करोड़ रुपये कर के रूप में वसूलने का फैसला लिया गया है, जबकि ब्याज भुगतान के बजट में 420 करोड़ रुपये की कटौती की गई है. इससे कर्ज का बोझ और बढ़ेगा, जिसकी भरपाई जनता के टैक्स से होगी. यादव ने इसे “जनता की जेब पर डाका” करार दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने यह भी खुलासा किया कि बीजेपी ने महंगाई से राहत के लिए गृहणियों को होली और दिवाली पर मुफ्त गैस सिलेंडर देने का वादा किया था, लेकिन इसके लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया. साथ ही, रोजगार सृजन की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया और स्थापना व प्रशासनिक बजट को 49 प्रतिशत से घटाकर 41 प्रतिशत कर दिया गया. दिल्ली जल बोर्ड, डीटीसी और डी.यू.एस.आई.बी जैसी संस्थाओं की बदहाली के लिए भी सरकार को जिम्मेदार ठहराया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>देवेंद्र यादव ने आप और बीजेपी पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा के बजट सत्र में दोनों दलों के विधायकों ने एकजुट होकर वेतन वृद्धि की मांग की थी. इसके बाद सरकार ने पांच सदस्यीय समिति गठित की, जो दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. गौरतलब है कि फरवरी 2023 में विधायकों का वेतन 66 प्रतिशत बढ़ाया गया था, जब इसे 54,000 रुपये से 90,000 रुपये प्रतिमाह किया गया. मुख्यमंत्री, मंत्रियों, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर, चीफ व्हिप और नेता प्रतिपक्ष का वेतन भी 72,000 रुपये से बढ़ाकर 1,70,000 रुपये कर दिया गया था. इसके बावजूद फिर से वेतन वृद्धि की मांग को यादव ने जनविरोधी बताया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि विधायकों ने अपने स्टाफ की संख्या बढ़ाने की भी मांग की है, जबकि जनता को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं. रोजगार सृजन और महंगाई कम करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा. यादव ने इसे आप और बीजेपी की सत्ता के दुरुपयोग और जनता के पैसे के गलत इस्तेमाल का सबूत बताया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली सरकार के इस फैसले को अन्यायपूर्ण और शर्मनाक करार देते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की. उन्होंने कहा कि जनता को राहत देने के बजाय विधायकों के हितों को प्राथमिकता देना पूरी तरह अस्वीकार्य है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-assembly-speaker-vijender-gupta-told-decision-reject-special-mention-notice-given-by-opposition-ann-2913407″>दिल्ली विधानसभा स्पीकर का विपक्ष को सख्त संदेश, ‘सदन की कार्यवाही में बाधा डालने नहीं दूंगा'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Devendra Yadav News:</strong> दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने दिल्ली में विधायकों की वेतन वृद्धि के निर्णय की कड़ी आलोचना करते हुए इसे जनता के साथ विश्वासघात करार दिया है. उन्होंने कहा कि यह फैसला आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की मिलीभगत का नतीजा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यादव ने आरोप लगाया कि ऐसे समय में जब दिल्ली की जनता महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रही है, विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी का फैसला जनता के हितों के खिलाफ है. उन्होंने इस निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>देवेंद्र यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार ने जनहित की योजनाओं जैसे शिक्षा, जल आपूर्ति, स्वच्छता, आवास, शहरी विकास, ऊर्जा, कृषि, ग्रामीण विकास, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण के बजट में कटौती कर विधायकों का वेतन बढ़ाने का रास्ता चुना है. उदाहरण के तौर पर, जल आपूर्ति और स्वच्छता परियोजनाओं का बजट 18 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है. उन्होंने इसे जनता के पैसे का दुरुपयोग बताया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यादव ने दिल्ली सरकार की आर्थिक स्थिति पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही भारी कर्ज के बोझ तले दबी है और इस बजट में 15,000 करोड़ रुपये का नया ऋण लेने की घोषणा की गई है. इसके अलावा, 9,500 करोड़ रुपये कर के रूप में वसूलने का फैसला लिया गया है, जबकि ब्याज भुगतान के बजट में 420 करोड़ रुपये की कटौती की गई है. इससे कर्ज का बोझ और बढ़ेगा, जिसकी भरपाई जनता के टैक्स से होगी. यादव ने इसे “जनता की जेब पर डाका” करार दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने यह भी खुलासा किया कि बीजेपी ने महंगाई से राहत के लिए गृहणियों को होली और दिवाली पर मुफ्त गैस सिलेंडर देने का वादा किया था, लेकिन इसके लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया. साथ ही, रोजगार सृजन की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया और स्थापना व प्रशासनिक बजट को 49 प्रतिशत से घटाकर 41 प्रतिशत कर दिया गया. दिल्ली जल बोर्ड, डीटीसी और डी.यू.एस.आई.बी जैसी संस्थाओं की बदहाली के लिए भी सरकार को जिम्मेदार ठहराया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>देवेंद्र यादव ने आप और बीजेपी पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा के बजट सत्र में दोनों दलों के विधायकों ने एकजुट होकर वेतन वृद्धि की मांग की थी. इसके बाद सरकार ने पांच सदस्यीय समिति गठित की, जो दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. गौरतलब है कि फरवरी 2023 में विधायकों का वेतन 66 प्रतिशत बढ़ाया गया था, जब इसे 54,000 रुपये से 90,000 रुपये प्रतिमाह किया गया. मुख्यमंत्री, मंत्रियों, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर, चीफ व्हिप और नेता प्रतिपक्ष का वेतन भी 72,000 रुपये से बढ़ाकर 1,70,000 रुपये कर दिया गया था. इसके बावजूद फिर से वेतन वृद्धि की मांग को यादव ने जनविरोधी बताया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि विधायकों ने अपने स्टाफ की संख्या बढ़ाने की भी मांग की है, जबकि जनता को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं. रोजगार सृजन और महंगाई कम करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा. यादव ने इसे आप और बीजेपी की सत्ता के दुरुपयोग और जनता के पैसे के गलत इस्तेमाल का सबूत बताया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली सरकार के इस फैसले को अन्यायपूर्ण और शर्मनाक करार देते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की. उन्होंने कहा कि जनता को राहत देने के बजाय विधायकों के हितों को प्राथमिकता देना पूरी तरह अस्वीकार्य है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-assembly-speaker-vijender-gupta-told-decision-reject-special-mention-notice-given-by-opposition-ann-2913407″>दिल्ली विधानसभा स्पीकर का विपक्ष को सख्त संदेश, ‘सदन की कार्यवाही में बाधा डालने नहीं दूंगा'</a></strong></p>  दिल्ली NCR ‘दो कौड़ी के लड़के से प्यार हो गया और…’, मेरठ सौरभ राजपूत हत्याकांड पर कथावाचकों ने क्या कहा?