जब एसीपी मोहसिन मिले तो मैं ब्रेकअप के दौर से गुजरी रही थी और अकेलापन महसूस कर रही थी, इसलिए उनके शब्दों पर भरोसा कर लिया। उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी से तलाक प्रक्रियाधीन है। जल्द ही तलाक लेकर तुमसे निकाह करूंगा। समय के साथ- साथ हम दोनों की नजदीकियां बढ़ती चली गईं। बाद में मुझे उनके छिपे हुए सच का पता चला। नवंबर 2024 में मुझे एक दोस्त ने सबूत दिया कि मोहसिन की पत्नी मार्च 2024 से गर्भवती हैं। 27 नवंबर को वह पिता बने तो सच्चाई सामने आ गई…। यह कहते हुए छात्रा फफक-फफक कर रोने लगी। बोली- मेरा सबकुछ बर्बाद हो गया। इस दरिंदे को सजा मिलनी चाहिए, अब चाहे मेरा सबकुछ बर्बाद हो जाए। मैं इससे बदला लेकर रहूंगी…। डीसीपी अंकिता शर्मा और एडीसीपी अर्चना सिंह से पूछताछ के दौरान एसीपी मोहसिन के यौन उत्पीड़न का शिकार आईआईटी की रिसर्च स्कॉलर ने यह सब बातें कहीं। अफसरों की मानें तो छात्रा का दर्द सुनने के लिए ढाई घंटे भी कम पड़ गए। छात्रा अवसाद में है। देर रात अफसरों ने पीड़ित रिसर्च स्कॉलर का मेडिकल कराया। फिलहाल उसे हॉस्टल में स्टाफ की निगरानी में रखा गया है। इससे कि वह कोई गलत कदम नहीं उठा ले। ACP के पिता बनने पर खुली सच्चाई, समझौते के बाद साइको कहने पर बिगड़ा मामला शादी का झांसा देकर आईआईटी की छात्रा से यौन उत्पीड़न के मामले में फंसे कलक्टरगंज एसीपी मोहम्मद मोहसिन खान 27 नवंबर को पिता बने हैं। घर में खुशी का माहौल था, फोन से लेकर सोशल मीडिया पर पिता बनने की बधाइयां चल रही थीं। हर तरफ खुशी का माहौल था, बस यही जानकारी छात्रा को मिल गई और उससे मोहसिन के तलाक लेने का झूठ सामने आ गया। इसके बाद रिसर्च स्कॉलर एसीपी के घर पत्नी से मिलने पहुंची और सच्चाई पता लगा ली। फिर छात्रा ने शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न करने की शिकायत आईआईटी प्रशासन से दर्ज कराई। इसके बाद मामला कानपुर पुलिस कमिश्नरेट तक पहुंचा और जांच में पूरे केस का खुलासा हो गया। इसके बाद पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के आदेश पर एसीपी के खिलाफ शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न की एफआईआर दर्ज कराई है। वहीं, यौन उत्पीड़न करने वाले एसीपी मोहम्मद मोहसिन खान के खिलाफ छात्रा ने करीब 5 दिन पहले आईआईटी प्रशासन से शिकायत की थी। इसके बाद आईआईटी प्रशासन ने इंटरर्नल मामले की जांच कराने के साथ ही पुलिस कमिश्नर को मामले की जानकारी दी। मामला अफसरों तक पहुंचा तो जांच शुरू हुई। फर्स्ट राउंड में मामले की जांच के दौरान एसीपी मोहसिन ने रिसर्च स्कॉलर को मैनेज कर लिया। उसकी हर बात मानने को राजी हो गए थे। इसके बाद पुलिस ने अपनी जांच में मोहसिन को लगभग क्लीनचिट देने की तैयारी कर ली थी। इस दौरान डायरेक्टर से बातचीत करने के दौरान एसीपी मोहसिन खान ने कहा कि वह लड़की साइको है। मेरे ऊपर झूठे आरोप लगा रही है। बस छात्रा को यह बात पता चलने पर कहानी बिगड़ गई और अड़ गई कि अब वह आरोपी एसीपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराएगी। इसके बाद अफसरों ने लाख हाथ-पैर मारा लेकिन मामला मैनेज नहीं हो सका। छात्रा की तहरीर मिलने के बाद देर शाम आरोप आनन-फानन में देर रात हुआ छात्रा का मेडिकल देर रात पीड़िता आईआईटी की स्टूडेंट का कल्याणपुर सीएचसी में मेडिकल कराया है। करीब 10 बजे रात में छात्रा को पुलिस की टीम लेकर कल्याणपुर सीएचसी पहुंची। करीब 2 घंटे तक छात्रा का मेडिकल की प्रक्रिया चलती रही, लेकिन मेडिकल पूर्ण नहीं हो सका। अब शुक्रवार को दोबारा मेडिकल कराने के लिए छात्रा को कल्याणपुर सीएचसी लाया जाएगा। देर रात छात्रा को वापस आईआईटी कैंपस में उसके हॉस्टल पर छोड़ दिया गया। लेकिन आईआईटी प्रशासन ने छात्रा को अकेले नहीं छोड़ा। अनहोनी की आशंका पर छात्रा के साथ स्टाफ को भी रखा गया है। वहीं, दूसरी तरफ पूरे मामले की जानकारी छात्रा के घर पर भी दी गई है। सुसाइड के डर से मामला नहीं हो सका मैनेज पीएचडी की रिसर्च स्कॉलर की कलाई में कई साल पुराने गहरे घाव के निशान बने हुए हैं। पूछताछ के दौरान छात्रा ने बताया कि इंटर के बाद उसने कलाई काटकर सुसाइड का प्रयास किया था। मोहसिन के धोखा देकर यौन उत्पीड़न करने से छात्रा अवसाद में चली गई है। आईआईटी के मैनेजमेंट को अनहोनी की आशंका थी। इस वजह से आईआईटी ने कोई रिश्क नहीं लिया और निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने पूरे मामले की जानकारी पुलिस कमिश्नर को दी। क्यों कि हाल में आईआईटी कानपुर में सुसाइड को लेकर पूरे देश में चर्चा में बना रहा था। इस वजह से अब आईआईटी प्रशासन किसी तरह का कोई रिश्क नहीं लेना चाहता था और एसीपी के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया। अब आपको बताते हैं रिसर्च स्कॉलर का दर्द पीएचडी स्कॉलर ने बताया कि मैं दिसंबर 2023 में आईआईटी कानपुर में साइबर सेल और C3iHub के बीच सहयोग के दौरान मोहसिन खान से मिली। इस दौरान, मैंने उनके साथ संपर्क विवरण साझा किया। 23 जून 2024 को उन्होंने मुझसे संपर्क किया और बताया कि वह आईआईटी कानपुर में मेरे गाइड के अंडर में पीएचडी करना चाहते हैं। इस संभावना से एक्साइटेड होकर, मैंने मो. मोहसिन का रजिस्ट्रेशन कराने में भी मदद की। आवश्यक दस्तावेज तैयार किए उनकी ओर से प्रवेश शुल्क जमा किया, और उन्हें वक- इन इंटरव्यू की तैयारी में मार्गदर्शन किया। जहां उन्हें उनकी योग्यता के आधार पर प्रवेश मिला। इन बातचीतों के दौरान, हम करीब आ गए। इसके बाद खान ने रिश्ते का प्रस्ताव दिया, जिसे मैंने तब स्वीकार किया जब उन्होंने कहा कि वे अपनी पत्नी से तलाक की प्रक्रिया में हैं और उनकी 5 साल की बेटी है। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि वे अविवाहित हैं, मुझसे गहरा प्रेम करते हैं और मुझे अपनी प्राथमिकता मानते हैं। उस समय, मैं हाल ही में एक ब्रेकअप के दौर से गुजरी थी और अकेलापन महसूस कर रही थी, इसलिए उनके शब्दों पर भरोसा कर लिया। समय के साथ हम दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती चली गईं और मोहसिन हॉस्टल के रूम में दोनों अकेले घंटों का समय बिताने लगे। नवंबर 2024 में, मैंने एक दोस्त से सबूत पाया। उनकी पत्नी मार्च 2024 से गर्भवती थीं। जब मैंने उनसे सामना किया, तो उन्होंने स्वीकार किया कि वे परिवार के दबाव में अपनी पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाए रख रहे थे। उनका स्पष्टीकरण बेहद भ्रामक था। मेरे टूटे हुए दिल के बावजूद, उन्होंने मुझे उन्हें माफ करने के लिए मना लिया, और हमने अस्थायी रूप से अपना रिश्ता फिर से शुरू किया। हालांकि, 1 दिसंबर 2024 को, मुझे उनकी पत्नी के सोशल मीडिया (इंस्टाग्राम) से और सबूत मिले कि वे शुरू से ही धोखेबाज रहे थे। उनके घर जाकर उनकी पत्नी से बात करने पर, मैंने जाना कि वे कभी अलग नहीं हुए थे। थे। उनकी पत्नी, मेरी बातों से बेअसर, ने सुझाव दिया कि मैं चाहूं तो उनके साथ रह सकती हूं, जो यह दर्शाता है कि यह व्यवहार पहली बार नहीं था। इसके तुरंत बाद, उन्होंने अपने पति के साथ रोमांटिक तस्वीरें इंस्टाग्राम पर पोस्ट करना शुरू कर दिया, मानो कुछ हुआ ही न हो। मेरे पास मेरे आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। एसीपी से बातचीत के सैकड़ों ऑडियो औ वीडियो मौजूद हैं। अब आपको बताते हैं, किस धारा में दर्ज हुई है FIR छात्रा की तहरीर के आधार पर आरोपी एसीपी मोहम्मद मोहसिन के खिलाफ भारतीय न्याय संहित (बीएनएस) की धारा-69 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। धारा 69 के तहत, किसी महिला को धोखे में रखकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना अपराध है। इस धारा के तहत, अगर कोई व्यक्ति किसी महिला से शादी करने का झूठा वादा करके उसके साथ यौन संबंध बनाता है, तो उसे 10 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। जब एसीपी मोहसिन मिले तो मैं ब्रेकअप के दौर से गुजरी रही थी और अकेलापन महसूस कर रही थी, इसलिए उनके शब्दों पर भरोसा कर लिया। उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी से तलाक प्रक्रियाधीन है। जल्द ही तलाक लेकर तुमसे निकाह करूंगा। समय के साथ- साथ हम दोनों की नजदीकियां बढ़ती चली गईं। बाद में मुझे उनके छिपे हुए सच का पता चला। नवंबर 2024 में मुझे एक दोस्त ने सबूत दिया कि मोहसिन की पत्नी मार्च 2024 से गर्भवती हैं। 27 नवंबर को वह पिता बने तो सच्चाई सामने आ गई…। यह कहते हुए छात्रा फफक-फफक कर रोने लगी। बोली- मेरा सबकुछ बर्बाद हो गया। इस दरिंदे को सजा मिलनी चाहिए, अब चाहे मेरा सबकुछ बर्बाद हो जाए। मैं इससे बदला लेकर रहूंगी…। डीसीपी अंकिता शर्मा और एडीसीपी अर्चना सिंह से पूछताछ के दौरान एसीपी मोहसिन के यौन उत्पीड़न का शिकार आईआईटी की रिसर्च स्कॉलर ने यह सब बातें कहीं। अफसरों की मानें तो छात्रा का दर्द सुनने के लिए ढाई घंटे भी कम पड़ गए। छात्रा अवसाद में है। देर रात अफसरों ने पीड़ित रिसर्च स्कॉलर का मेडिकल कराया। फिलहाल उसे हॉस्टल में स्टाफ की निगरानी में रखा गया है। इससे कि वह कोई गलत कदम नहीं उठा ले। ACP के पिता बनने पर खुली सच्चाई, समझौते के बाद साइको कहने पर बिगड़ा मामला शादी का झांसा देकर आईआईटी की छात्रा से यौन उत्पीड़न के मामले में फंसे कलक्टरगंज एसीपी मोहम्मद मोहसिन खान 27 नवंबर को पिता बने हैं। घर में खुशी का माहौल था, फोन से लेकर सोशल मीडिया पर पिता बनने की बधाइयां चल रही थीं। हर तरफ खुशी का माहौल था, बस यही जानकारी छात्रा को मिल गई और उससे मोहसिन के तलाक लेने का झूठ सामने आ गया। इसके बाद रिसर्च स्कॉलर एसीपी के घर पत्नी से मिलने पहुंची और सच्चाई पता लगा ली। फिर छात्रा ने शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न करने की शिकायत आईआईटी प्रशासन से दर्ज कराई। इसके बाद मामला कानपुर पुलिस कमिश्नरेट तक पहुंचा और जांच में पूरे केस का खुलासा हो गया। इसके बाद पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के आदेश पर एसीपी के खिलाफ शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न की एफआईआर दर्ज कराई है। वहीं, यौन उत्पीड़न करने वाले एसीपी मोहम्मद मोहसिन खान के खिलाफ छात्रा ने करीब 5 दिन पहले आईआईटी प्रशासन से शिकायत की थी। इसके बाद आईआईटी प्रशासन ने इंटरर्नल मामले की जांच कराने के साथ ही पुलिस कमिश्नर को मामले की जानकारी दी। मामला अफसरों तक पहुंचा तो जांच शुरू हुई। फर्स्ट राउंड में मामले की जांच के दौरान एसीपी मोहसिन ने रिसर्च स्कॉलर को मैनेज कर लिया। उसकी हर बात मानने को राजी हो गए थे। इसके बाद पुलिस ने अपनी जांच में मोहसिन को लगभग क्लीनचिट देने की तैयारी कर ली थी। इस दौरान डायरेक्टर से बातचीत करने के दौरान एसीपी मोहसिन खान ने कहा कि वह लड़की साइको है। मेरे ऊपर झूठे आरोप लगा रही है। बस छात्रा को यह बात पता चलने पर कहानी बिगड़ गई और अड़ गई कि अब वह आरोपी एसीपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराएगी। इसके बाद अफसरों ने लाख हाथ-पैर मारा लेकिन मामला मैनेज नहीं हो सका। छात्रा की तहरीर मिलने के बाद देर शाम आरोप आनन-फानन में देर रात हुआ छात्रा का मेडिकल देर रात पीड़िता आईआईटी की स्टूडेंट का कल्याणपुर सीएचसी में मेडिकल कराया है। करीब 10 बजे रात में छात्रा को पुलिस की टीम लेकर कल्याणपुर सीएचसी पहुंची। करीब 2 घंटे तक छात्रा का मेडिकल की प्रक्रिया चलती रही, लेकिन मेडिकल पूर्ण नहीं हो सका। अब शुक्रवार को दोबारा मेडिकल कराने के लिए छात्रा को कल्याणपुर सीएचसी लाया जाएगा। देर रात छात्रा को वापस आईआईटी कैंपस में उसके हॉस्टल पर छोड़ दिया गया। लेकिन आईआईटी प्रशासन ने छात्रा को अकेले नहीं छोड़ा। अनहोनी की आशंका पर छात्रा के साथ स्टाफ को भी रखा गया है। वहीं, दूसरी तरफ पूरे मामले की जानकारी छात्रा के घर पर भी दी गई है। सुसाइड के डर से मामला नहीं हो सका मैनेज पीएचडी की रिसर्च स्कॉलर की कलाई में कई साल पुराने गहरे घाव के निशान बने हुए हैं। पूछताछ के दौरान छात्रा ने बताया कि इंटर के बाद उसने कलाई काटकर सुसाइड का प्रयास किया था। मोहसिन के धोखा देकर यौन उत्पीड़न करने से छात्रा अवसाद में चली गई है। आईआईटी के मैनेजमेंट को अनहोनी की आशंका थी। इस वजह से आईआईटी ने कोई रिश्क नहीं लिया और निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने पूरे मामले की जानकारी पुलिस कमिश्नर को दी। क्यों कि हाल में आईआईटी कानपुर में सुसाइड को लेकर पूरे देश में चर्चा में बना रहा था। इस वजह से अब आईआईटी प्रशासन किसी तरह का कोई रिश्क नहीं लेना चाहता था और एसीपी के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया। अब आपको बताते हैं रिसर्च स्कॉलर का दर्द पीएचडी स्कॉलर ने बताया कि मैं दिसंबर 2023 में आईआईटी कानपुर में साइबर सेल और C3iHub के बीच सहयोग के दौरान मोहसिन खान से मिली। इस दौरान, मैंने उनके साथ संपर्क विवरण साझा किया। 23 जून 2024 को उन्होंने मुझसे संपर्क किया और बताया कि वह आईआईटी कानपुर में मेरे गाइड के अंडर में पीएचडी करना चाहते हैं। इस संभावना से एक्साइटेड होकर, मैंने मो. मोहसिन का रजिस्ट्रेशन कराने में भी मदद की। आवश्यक दस्तावेज तैयार किए उनकी ओर से प्रवेश शुल्क जमा किया, और उन्हें वक- इन इंटरव्यू की तैयारी में मार्गदर्शन किया। जहां उन्हें उनकी योग्यता के आधार पर प्रवेश मिला। इन बातचीतों के दौरान, हम करीब आ गए। इसके बाद खान ने रिश्ते का प्रस्ताव दिया, जिसे मैंने तब स्वीकार किया जब उन्होंने कहा कि वे अपनी पत्नी से तलाक की प्रक्रिया में हैं और उनकी 5 साल की बेटी है। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि वे अविवाहित हैं, मुझसे गहरा प्रेम करते हैं और मुझे अपनी प्राथमिकता मानते हैं। उस समय, मैं हाल ही में एक ब्रेकअप के दौर से गुजरी थी और अकेलापन महसूस कर रही थी, इसलिए उनके शब्दों पर भरोसा कर लिया। समय के साथ हम दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती चली गईं और मोहसिन हॉस्टल के रूम में दोनों अकेले घंटों का समय बिताने लगे। नवंबर 2024 में, मैंने एक दोस्त से सबूत पाया। उनकी पत्नी मार्च 2024 से गर्भवती थीं। जब मैंने उनसे सामना किया, तो उन्होंने स्वीकार किया कि वे परिवार के दबाव में अपनी पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाए रख रहे थे। उनका स्पष्टीकरण बेहद भ्रामक था। मेरे टूटे हुए दिल के बावजूद, उन्होंने मुझे उन्हें माफ करने के लिए मना लिया, और हमने अस्थायी रूप से अपना रिश्ता फिर से शुरू किया। हालांकि, 1 दिसंबर 2024 को, मुझे उनकी पत्नी के सोशल मीडिया (इंस्टाग्राम) से और सबूत मिले कि वे शुरू से ही धोखेबाज रहे थे। उनके घर जाकर उनकी पत्नी से बात करने पर, मैंने जाना कि वे कभी अलग नहीं हुए थे। थे। उनकी पत्नी, मेरी बातों से बेअसर, ने सुझाव दिया कि मैं चाहूं तो उनके साथ रह सकती हूं, जो यह दर्शाता है कि यह व्यवहार पहली बार नहीं था। इसके तुरंत बाद, उन्होंने अपने पति के साथ रोमांटिक तस्वीरें इंस्टाग्राम पर पोस्ट करना शुरू कर दिया, मानो कुछ हुआ ही न हो। मेरे पास मेरे आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। एसीपी से बातचीत के सैकड़ों ऑडियो औ वीडियो मौजूद हैं। अब आपको बताते हैं, किस धारा में दर्ज हुई है FIR छात्रा की तहरीर के आधार पर आरोपी एसीपी मोहम्मद मोहसिन के खिलाफ भारतीय न्याय संहित (बीएनएस) की धारा-69 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। धारा 69 के तहत, किसी महिला को धोखे में रखकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना अपराध है। इस धारा के तहत, अगर कोई व्यक्ति किसी महिला से शादी करने का झूठा वादा करके उसके साथ यौन संबंध बनाता है, तो उसे 10 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में दो दिन बारिश की चेतावनी:एक सप्ताह से कमजोर पड़ा मानसून; नॉर्मल से 84% कम बारिश, कई क्षेत्रों में सूखे जैसे हालात
हिमाचल में दो दिन बारिश की चेतावनी:एक सप्ताह से कमजोर पड़ा मानसून; नॉर्मल से 84% कम बारिश, कई क्षेत्रों में सूखे जैसे हालात हिमाचल प्रदेश में कल से दो दिन के लिए मानसून एक्टिव हो सकता है। मौसम विभाग की माने तो 17 और 18 जुलाई को ज्यादातर भागों में बारिश का पूर्वानुमान है। प्रदेश में बीते एक सप्ताह कुछ जगह पर हल्की बारिश हुई है। प्रदेश में 8 से 15 जुलाई तक नॉर्मल से 84 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस अवधि में 58.9 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार 9.4 मिलीमीटर बादल ही बरसे हैं। शिमला, बिलासपुर, ऊना और लाहौल स्पीति जिले में इस दौरान सबसे कम बारिश हुई है। पूरे मानसून सीजन यानि 15 जुलाई तक नॉर्मल से 37 प्रतिशत कम बादल बरसे हैं। इस अवधि में 211.5 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 133.1 मिलीमीटर ही बादल बरसे हैं। कई क्षेत्रों में सूखे जैसे हालात बनने लगे इससे कई क्षेत्रों में बरसात में भी सूखे जैसे हालात पनपने लगे हैं। इसकी मार सेब के साथ साथ मक्का, शिमला मिर्च, टमाटर की फसल पर भी पड़ रही है। जिन क्षेत्रों में नमी नहीं है और सिंचाई की व्यवस्था नहीं है, वहां सेब का साइज नहीं बढ़ पा रहा। किसानों की फसलों पर भी सूखे की मार पड़ रही है। तापमान में नॉर्मल की तुलना में 2.6 डिग्री का उछाल बारिश नहीं होने से तापमान में उछाल आ रहा है। कई जगह अधिकतम तापमान नॉर्मल से 5 डिग्री तक ज्यादा हो गया है। हमीरपुर के तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 4.7 डिग्री का उछाल आया है। यहां का तापमान 36.1 डिग्री सेल्सियस हो गया है। वहीं ऊना का तापमान सर्वाधिक 37.4 डिग्री सेल्सियस हो गया है। भुंतर का तापमान नॉर्मल से 4.6 डिग्री अधिक के साथ 34.5 डिग्री, बिलासपुर का नॉर्मल की तुलना में 3.7 डिग्री के उछाल के साथ 36.1 डिग्री, मनाली का नॉर्मल से 2.9 डिग्री अधिक के साथ 28.4 डिग्री और सोलन का तापमान भी नॉर्मल से 2.9 के उछाल के बाद 31.4 डिग्री हो गया है। प्रदेश का अधिकतम तापमान औसत से 2.5 डिग्री ज्यादा चल रहा है। 24 घंटे के दौरान डलहौजी में 3 MM बारिश वहीं, बीते 24 घंटे के दौरान मंडी के सुंदरनगर में सबसे ज्यादा 36.8 मिलीमीटर, सिरमौर के राजगढ़ में 19 मिमी, मंडी में 16.6 मिमी, ददाहू में 15.2 मिमी, पंडोह 12 मिमी, नाहन 1.2 मिमी और सोलन में 4.4 मिमी बारिश हुई है। 17-18 को येलो अलर्ट मौसम विभाग की माने तो 17 और 18 जुलाई को अच्छी बारिश हो सकती है, 19 व 20 को मानसून फिर कमजोर पड़ेगा। 21 जुलाई को फिर से इसके दोबारा एक्टिव होने की संभावना है।
हरियाणा के 19 शहरों में बारिश का अलर्ट:खाड़ी की हवाओं से एक्टिव है मानसून; 24 घंटे में 9 जिलों में बिगड़ा मौसम
हरियाणा के 19 शहरों में बारिश का अलर्ट:खाड़ी की हवाओं से एक्टिव है मानसून; 24 घंटे में 9 जिलों में बिगड़ा मौसम हरियाणा में आज 19 शहरों में मौसम खराब रहने वाला है। इसको देखते हुए मौसम विभाग ने बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। बहादुरगढ़, सांपला, रोहतक, खरखौंदा, सोनीपत, गन्नौर, समालखा, बपौली, खरौंडा, करनाल, गोहाना, इसराना, सफीदो, पानीपत, असंध, कैथल, नीलोखेरि, गुहला, पेहेवा में हल्की बारिश होने के आसार हैं। अभी बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी वाली हवाओं के असर से प्रदेश के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो रही है। 24 घंटे में 9 जिलों में झमाझम बारिश हुई। सबसे ज्यादा गुरुग्राम और सोनीपत जिले में हुई, यहां 18-18 एमएम तक बारिश रिकॉर्ड की गई। इधर मौसम विशेषज्ञों कहना है कि बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बन चुका है। इसके असर से प्रदेश में 17 सितंबर तक बारिश होने के आसार बने हुए हैं। कहां कितती हुई बारिश हरियाणा के 9 जिले ऐसे रहे, जहां 24 घंटे के दौरान हल्की से मध्यम बारिश रिकॉर्ड की गई। सबसे ज्यादा बारिश गुरुग्राम और कुरुक्षेत्र में 18.0 एमएम बारिश हुई। इसके अलावा अंबाला में 7.0, यमुनानगर में 6.0 एमएम, चंडीगढ़ में 4.0 एमएम, रोहतक में 9.0, कैथल में 3.5 एमएम, जींद में 0.5 बारिश रिकॉर्ड की गई। भारत मौसम विज्ञान विभाग के दर्ज आंकड़ों के अनुसार 1 जून से लेकर अब तक हरियाणा में 332.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। जो सामान्य से 374.3 मिली मीटर से अब तक 10% कम हुई है। अब तक के आंकड़ों के अध्ययन से पता चलता है कि राज्य के 14 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। आगे रहेगा मौसम एचएयू के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. एमएल खिचड़ ने बताया कि हरियाणा राज्य में मौसम आमतौर पर 17 सितंबर तक परिवर्तनशील रहने की संभावना है। इस दौरान मानसून ट्रफ सामान्य स्थिति पर उत्तर की तरफ बने रहने तथा अरब सागर से नमी वाली हवाएं आने की संभावना से राज्य में मानसूनी हवाओं की सक्रियता में बढ़ोतरी होने की संभावना से राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में 14 सितंबर तक बीच-बीच में हवाएं व गरज चमक के साथ कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इस दौरान कुछ एक स्थानों पर तेज बारिश की संभावना बन रही है। इस दौरान दिन के तापमान में हल्की गिरावट होने तथा वातावरण में नमी की मात्रा में बढ़ोतरी होने की भी संभावना है। परंतु 15 सितंबर से फिर से बारिश की गतिविधियों में कमी आएगी। जुलाई में रुठा रहा मानसून हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में मात्र 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है।
अंब पहुंचे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सूर्यकांत:न्यायिक परिसर का किया उद्घाटन, कार्यप्रणाली में डिजिटल तकनीक पर दिया जोर
अंब पहुंचे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सूर्यकांत:न्यायिक परिसर का किया उद्घाटन, कार्यप्रणाली में डिजिटल तकनीक पर दिया जोर ऊना जिले के अंब में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने रविवार को 17.16 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित बहुमंजिला न्यायिक परिसर का लोकार्पण किया। इस अत्याधुनिक परिसर में 6 कोर्ट रूम, 2 बार रूम, पुस्तकालय और महिलाओं व पुरुषों के लिए प्रसाधन सुविधाएं उपलब्ध हैं। परिसर में आने वाले नागरिकों की सुविधा के लिए भी विशेष प्रबंध हैं। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, ऊना मंडल की प्रशासनिक न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ और अन्य न्यायाधीश भी उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने साल 2019 में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहते हुए इस न्यायिक परिसर की आधारशिला रखी थी। अपने संबोधन में न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने न्यायिक परिसर अंब के उद्घाटन पर प्रसन्नता व्यक्त की, और इसे हिमाचल प्रदेश में न्यायिक प्रणाली के विकास की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने अधिक से अधिक न्यायिक परिसरों के निर्माण पर बल देते हुए कोर्ट में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। डिजिटल तकनीक पर दिया जा रहा जोर न्यायमूर्ति ने सभी कोर्ट की कार्यप्रणाली में डिजिटल तकनीक के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय में ई-तकनीक के उपयोग से ऑनलाइन सुनवाई की सुविधा के माध्यम से भौगोलिक सीमाओं में अब कोई बाधा नहीं रही हैं। जिससे न्याय की पहुंच सभी के लिए सुगम हो गई है। इसके साथ ही, देश के विभिन्न जिला और उप मंडल बार के वकीलों को भी सुप्रीम कोर्ट के कार्यों का अनुभव प्राप्त हो रहा है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने अंब बार एसोसिएशन को भी ई-तकनीक का अधिक से अधिक सदुपयोग करने और एक ई-लाइब्रेरी विकसित करने की सलाह दी। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के न्यायिक समुदाय की कार्य संस्कृति की सराहना करते हुए इसे देश के सबसे समर्पित समुदायों में से एक बताया। इस दौरान अपने संबोधन में न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने न्यायिक परिसर अंब के निर्माण में समय-समय पर मिले सभी के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि न्यायिक परिसरों की महत्वपूर्ण भूमिका प्रशासनिक दक्षता को बेहतर बनाने और सभी लोगों तक न्याय की आसान पहुँच सुनिश्चित करने में होती है, जिससे न्याय प्रणाली को सुदृढ़ बनाया जा सकता है। ऊना जिले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की दी जानकारी हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की न्यायाधीश एवं ऊना मंडल की प्रशासनिक न्यायाधीश, न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ ने मुख्य अतिथि सहित सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए ऊना जिले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। उन्होंने न्यायिक परिसर अंब के निर्माण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा करते हुए इसे न्याय प्रणाली के विस्तार और प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक अहम कदम बताया। उन्होंने मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान को सम्मानित किया। न्यायाधीशों सम्मानित को किया सम्मानित वहीं, जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेश कुमार ठाकुर ने सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए ऊना मंडल की प्रशासनिक न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ और कार्यक्रम में उपस्थित हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीशों को सम्मानित किया। इस मौके पर प्रदेश सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल अनूप रतन तथा जिला प्रशासन की ओर से उपायुक्त जतिन लाल ने मुख्य अतिथि और सभी मेहमानों को माता श्री चिन्तपूर्णी जी के मंदिर की प्रतिकृति और माता की चुनरी भेंट कर सम्मानित किया।