जब एसीपी मोहसिन मिले तो मैं ब्रेकअप के दौर से गुजरी रही थी और अकेलापन महसूस कर रही थी, इसलिए उनके शब्दों पर भरोसा कर लिया। उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी से तलाक प्रक्रियाधीन है। जल्द ही तलाक लेकर तुमसे निकाह करूंगा। समय के साथ- साथ हम दोनों की नजदीकियां बढ़ती चली गईं। बाद में मुझे उनके छिपे हुए सच का पता चला। नवंबर 2024 में मुझे एक दोस्त ने सबूत दिया कि मोहसिन की पत्नी मार्च 2024 से गर्भवती हैं। 27 नवंबर को वह पिता बने तो सच्चाई सामने आ गई…। यह कहते हुए छात्रा फफक-फफक कर रोने लगी। बोली- मेरा सबकुछ बर्बाद हो गया। इस दरिंदे को सजा मिलनी चाहिए, अब चाहे मेरा सबकुछ बर्बाद हो जाए। मैं इससे बदला लेकर रहूंगी…। डीसीपी अंकिता शर्मा और एडीसीपी अर्चना सिंह से पूछताछ के दौरान एसीपी मोहसिन के यौन उत्पीड़न का शिकार आईआईटी की रिसर्च स्कॉलर ने यह सब बातें कहीं। अफसरों की मानें तो छात्रा का दर्द सुनने के लिए ढाई घंटे भी कम पड़ गए। छात्रा अवसाद में है। देर रात अफसरों ने पीड़ित रिसर्च स्कॉलर का मेडिकल कराया। फिलहाल उसे हॉस्टल में स्टाफ की निगरानी में रखा गया है। इससे कि वह कोई गलत कदम नहीं उठा ले। ACP के पिता बनने पर खुली सच्चाई, समझौते के बाद साइको कहने पर बिगड़ा मामला शादी का झांसा देकर आईआईटी की छात्रा से यौन उत्पीड़न के मामले में फंसे कलक्टरगंज एसीपी मोहम्मद मोहसिन खान 27 नवंबर को पिता बने हैं। घर में खुशी का माहौल था, फोन से लेकर सोशल मीडिया पर पिता बनने की बधाइयां चल रही थीं। हर तरफ खुशी का माहौल था, बस यही जानकारी छात्रा को मिल गई और उससे मोहसिन के तलाक लेने का झूठ सामने आ गया। इसके बाद रिसर्च स्कॉलर एसीपी के घर पत्नी से मिलने पहुंची और सच्चाई पता लगा ली। फिर छात्रा ने शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न करने की शिकायत आईआईटी प्रशासन से दर्ज कराई। इसके बाद मामला कानपुर पुलिस कमिश्नरेट तक पहुंचा और जांच में पूरे केस का खुलासा हो गया। इसके बाद पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के आदेश पर एसीपी के खिलाफ शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न की एफआईआर दर्ज कराई है। वहीं, यौन उत्पीड़न करने वाले एसीपी मोहम्मद मोहसिन खान के खिलाफ छात्रा ने करीब 5 दिन पहले आईआईटी प्रशासन से शिकायत की थी। इसके बाद आईआईटी प्रशासन ने इंटरर्नल मामले की जांच कराने के साथ ही पुलिस कमिश्नर को मामले की जानकारी दी। मामला अफसरों तक पहुंचा तो जांच शुरू हुई। फर्स्ट राउंड में मामले की जांच के दौरान एसीपी मोहसिन ने रिसर्च स्कॉलर को मैनेज कर लिया। उसकी हर बात मानने को राजी हो गए थे। इसके बाद पुलिस ने अपनी जांच में मोहसिन को लगभग क्लीनचिट देने की तैयारी कर ली थी। इस दौरान डायरेक्टर से बातचीत करने के दौरान एसीपी मोहसिन खान ने कहा कि वह लड़की साइको है। मेरे ऊपर झूठे आरोप लगा रही है। बस छात्रा को यह बात पता चलने पर कहानी बिगड़ गई और अड़ गई कि अब वह आरोपी एसीपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराएगी। इसके बाद अफसरों ने लाख हाथ-पैर मारा लेकिन मामला मैनेज नहीं हो सका। छात्रा की तहरीर मिलने के बाद देर शाम आरोप आनन-फानन में देर रात हुआ छात्रा का मेडिकल देर रात पीड़िता आईआईटी की स्टूडेंट का कल्याणपुर सीएचसी में मेडिकल कराया है। करीब 10 बजे रात में छात्रा को पुलिस की टीम लेकर कल्याणपुर सीएचसी पहुंची। करीब 2 घंटे तक छात्रा का मेडिकल की प्रक्रिया चलती रही, लेकिन मेडिकल पूर्ण नहीं हो सका। अब शुक्रवार को दोबारा मेडिकल कराने के लिए छात्रा को कल्याणपुर सीएचसी लाया जाएगा। देर रात छात्रा को वापस आईआईटी कैंपस में उसके हॉस्टल पर छोड़ दिया गया। लेकिन आईआईटी प्रशासन ने छात्रा को अकेले नहीं छोड़ा। अनहोनी की आशंका पर छात्रा के साथ स्टाफ को भी रखा गया है। वहीं, दूसरी तरफ पूरे मामले की जानकारी छात्रा के घर पर भी दी गई है। सुसाइड के डर से मामला नहीं हो सका मैनेज पीएचडी की रिसर्च स्कॉलर की कलाई में कई साल पुराने गहरे घाव के निशान बने हुए हैं। पूछताछ के दौरान छात्रा ने बताया कि इंटर के बाद उसने कलाई काटकर सुसाइड का प्रयास किया था। मोहसिन के धोखा देकर यौन उत्पीड़न करने से छात्रा अवसाद में चली गई है। आईआईटी के मैनेजमेंट को अनहोनी की आशंका थी। इस वजह से आईआईटी ने कोई रिश्क नहीं लिया और निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने पूरे मामले की जानकारी पुलिस कमिश्नर को दी। क्यों कि हाल में आईआईटी कानपुर में सुसाइड को लेकर पूरे देश में चर्चा में बना रहा था। इस वजह से अब आईआईटी प्रशासन किसी तरह का कोई रिश्क नहीं लेना चाहता था और एसीपी के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया। अब आपको बताते हैं रिसर्च स्कॉलर का दर्द पीएचडी स्कॉलर ने बताया कि मैं दिसंबर 2023 में आईआईटी कानपुर में साइबर सेल और C3iHub के बीच सहयोग के दौरान मोहसिन खान से मिली। इस दौरान, मैंने उनके साथ संपर्क विवरण साझा किया। 23 जून 2024 को उन्होंने मुझसे संपर्क किया और बताया कि वह आईआईटी कानपुर में मेरे गाइड के अंडर में पीएचडी करना चाहते हैं। इस संभावना से एक्साइटेड होकर, मैंने मो. मोहसिन का रजिस्ट्रेशन कराने में भी मदद की। आवश्यक दस्तावेज तैयार किए उनकी ओर से प्रवेश शुल्क जमा किया, और उन्हें वक- इन इंटरव्यू की तैयारी में मार्गदर्शन किया। जहां उन्हें उनकी योग्यता के आधार पर प्रवेश मिला। इन बातचीतों के दौरान, हम करीब आ गए। इसके बाद खान ने रिश्ते का प्रस्ताव दिया, जिसे मैंने तब स्वीकार किया जब उन्होंने कहा कि वे अपनी पत्नी से तलाक की प्रक्रिया में हैं और उनकी 5 साल की बेटी है। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि वे अविवाहित हैं, मुझसे गहरा प्रेम करते हैं और मुझे अपनी प्राथमिकता मानते हैं। उस समय, मैं हाल ही में एक ब्रेकअप के दौर से गुजरी थी और अकेलापन महसूस कर रही थी, इसलिए उनके शब्दों पर भरोसा कर लिया। समय के साथ हम दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती चली गईं और मोहसिन हॉस्टल के रूम में दोनों अकेले घंटों का समय बिताने लगे। नवंबर 2024 में, मैंने एक दोस्त से सबूत पाया। उनकी पत्नी मार्च 2024 से गर्भवती थीं। जब मैंने उनसे सामना किया, तो उन्होंने स्वीकार किया कि वे परिवार के दबाव में अपनी पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाए रख रहे थे। उनका स्पष्टीकरण बेहद भ्रामक था। मेरे टूटे हुए दिल के बावजूद, उन्होंने मुझे उन्हें माफ करने के लिए मना लिया, और हमने अस्थायी रूप से अपना रिश्ता फिर से शुरू किया। हालांकि, 1 दिसंबर 2024 को, मुझे उनकी पत्नी के सोशल मीडिया (इंस्टाग्राम) से और सबूत मिले कि वे शुरू से ही धोखेबाज रहे थे। उनके घर जाकर उनकी पत्नी से बात करने पर, मैंने जाना कि वे कभी अलग नहीं हुए थे। थे। उनकी पत्नी, मेरी बातों से बेअसर, ने सुझाव दिया कि मैं चाहूं तो उनके साथ रह सकती हूं, जो यह दर्शाता है कि यह व्यवहार पहली बार नहीं था। इसके तुरंत बाद, उन्होंने अपने पति के साथ रोमांटिक तस्वीरें इंस्टाग्राम पर पोस्ट करना शुरू कर दिया, मानो कुछ हुआ ही न हो। मेरे पास मेरे आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। एसीपी से बातचीत के सैकड़ों ऑडियो औ वीडियो मौजूद हैं। अब आपको बताते हैं, किस धारा में दर्ज हुई है FIR छात्रा की तहरीर के आधार पर आरोपी एसीपी मोहम्मद मोहसिन के खिलाफ भारतीय न्याय संहित (बीएनएस) की धारा-69 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। धारा 69 के तहत, किसी महिला को धोखे में रखकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना अपराध है। इस धारा के तहत, अगर कोई व्यक्ति किसी महिला से शादी करने का झूठा वादा करके उसके साथ यौन संबंध बनाता है, तो उसे 10 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। जब एसीपी मोहसिन मिले तो मैं ब्रेकअप के दौर से गुजरी रही थी और अकेलापन महसूस कर रही थी, इसलिए उनके शब्दों पर भरोसा कर लिया। उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी से तलाक प्रक्रियाधीन है। जल्द ही तलाक लेकर तुमसे निकाह करूंगा। समय के साथ- साथ हम दोनों की नजदीकियां बढ़ती चली गईं। बाद में मुझे उनके छिपे हुए सच का पता चला। नवंबर 2024 में मुझे एक दोस्त ने सबूत दिया कि मोहसिन की पत्नी मार्च 2024 से गर्भवती हैं। 27 नवंबर को वह पिता बने तो सच्चाई सामने आ गई…। यह कहते हुए छात्रा फफक-फफक कर रोने लगी। बोली- मेरा सबकुछ बर्बाद हो गया। इस दरिंदे को सजा मिलनी चाहिए, अब चाहे मेरा सबकुछ बर्बाद हो जाए। मैं इससे बदला लेकर रहूंगी…। डीसीपी अंकिता शर्मा और एडीसीपी अर्चना सिंह से पूछताछ के दौरान एसीपी मोहसिन के यौन उत्पीड़न का शिकार आईआईटी की रिसर्च स्कॉलर ने यह सब बातें कहीं। अफसरों की मानें तो छात्रा का दर्द सुनने के लिए ढाई घंटे भी कम पड़ गए। छात्रा अवसाद में है। देर रात अफसरों ने पीड़ित रिसर्च स्कॉलर का मेडिकल कराया। फिलहाल उसे हॉस्टल में स्टाफ की निगरानी में रखा गया है। इससे कि वह कोई गलत कदम नहीं उठा ले। ACP के पिता बनने पर खुली सच्चाई, समझौते के बाद साइको कहने पर बिगड़ा मामला शादी का झांसा देकर आईआईटी की छात्रा से यौन उत्पीड़न के मामले में फंसे कलक्टरगंज एसीपी मोहम्मद मोहसिन खान 27 नवंबर को पिता बने हैं। घर में खुशी का माहौल था, फोन से लेकर सोशल मीडिया पर पिता बनने की बधाइयां चल रही थीं। हर तरफ खुशी का माहौल था, बस यही जानकारी छात्रा को मिल गई और उससे मोहसिन के तलाक लेने का झूठ सामने आ गया। इसके बाद रिसर्च स्कॉलर एसीपी के घर पत्नी से मिलने पहुंची और सच्चाई पता लगा ली। फिर छात्रा ने शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न करने की शिकायत आईआईटी प्रशासन से दर्ज कराई। इसके बाद मामला कानपुर पुलिस कमिश्नरेट तक पहुंचा और जांच में पूरे केस का खुलासा हो गया। इसके बाद पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के आदेश पर एसीपी के खिलाफ शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न की एफआईआर दर्ज कराई है। वहीं, यौन उत्पीड़न करने वाले एसीपी मोहम्मद मोहसिन खान के खिलाफ छात्रा ने करीब 5 दिन पहले आईआईटी प्रशासन से शिकायत की थी। इसके बाद आईआईटी प्रशासन ने इंटरर्नल मामले की जांच कराने के साथ ही पुलिस कमिश्नर को मामले की जानकारी दी। मामला अफसरों तक पहुंचा तो जांच शुरू हुई। फर्स्ट राउंड में मामले की जांच के दौरान एसीपी मोहसिन ने रिसर्च स्कॉलर को मैनेज कर लिया। उसकी हर बात मानने को राजी हो गए थे। इसके बाद पुलिस ने अपनी जांच में मोहसिन को लगभग क्लीनचिट देने की तैयारी कर ली थी। इस दौरान डायरेक्टर से बातचीत करने के दौरान एसीपी मोहसिन खान ने कहा कि वह लड़की साइको है। मेरे ऊपर झूठे आरोप लगा रही है। बस छात्रा को यह बात पता चलने पर कहानी बिगड़ गई और अड़ गई कि अब वह आरोपी एसीपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराएगी। इसके बाद अफसरों ने लाख हाथ-पैर मारा लेकिन मामला मैनेज नहीं हो सका। छात्रा की तहरीर मिलने के बाद देर शाम आरोप आनन-फानन में देर रात हुआ छात्रा का मेडिकल देर रात पीड़िता आईआईटी की स्टूडेंट का कल्याणपुर सीएचसी में मेडिकल कराया है। करीब 10 बजे रात में छात्रा को पुलिस की टीम लेकर कल्याणपुर सीएचसी पहुंची। करीब 2 घंटे तक छात्रा का मेडिकल की प्रक्रिया चलती रही, लेकिन मेडिकल पूर्ण नहीं हो सका। अब शुक्रवार को दोबारा मेडिकल कराने के लिए छात्रा को कल्याणपुर सीएचसी लाया जाएगा। देर रात छात्रा को वापस आईआईटी कैंपस में उसके हॉस्टल पर छोड़ दिया गया। लेकिन आईआईटी प्रशासन ने छात्रा को अकेले नहीं छोड़ा। अनहोनी की आशंका पर छात्रा के साथ स्टाफ को भी रखा गया है। वहीं, दूसरी तरफ पूरे मामले की जानकारी छात्रा के घर पर भी दी गई है। सुसाइड के डर से मामला नहीं हो सका मैनेज पीएचडी की रिसर्च स्कॉलर की कलाई में कई साल पुराने गहरे घाव के निशान बने हुए हैं। पूछताछ के दौरान छात्रा ने बताया कि इंटर के बाद उसने कलाई काटकर सुसाइड का प्रयास किया था। मोहसिन के धोखा देकर यौन उत्पीड़न करने से छात्रा अवसाद में चली गई है। आईआईटी के मैनेजमेंट को अनहोनी की आशंका थी। इस वजह से आईआईटी ने कोई रिश्क नहीं लिया और निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने पूरे मामले की जानकारी पुलिस कमिश्नर को दी। क्यों कि हाल में आईआईटी कानपुर में सुसाइड को लेकर पूरे देश में चर्चा में बना रहा था। इस वजह से अब आईआईटी प्रशासन किसी तरह का कोई रिश्क नहीं लेना चाहता था और एसीपी के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया। अब आपको बताते हैं रिसर्च स्कॉलर का दर्द पीएचडी स्कॉलर ने बताया कि मैं दिसंबर 2023 में आईआईटी कानपुर में साइबर सेल और C3iHub के बीच सहयोग के दौरान मोहसिन खान से मिली। इस दौरान, मैंने उनके साथ संपर्क विवरण साझा किया। 23 जून 2024 को उन्होंने मुझसे संपर्क किया और बताया कि वह आईआईटी कानपुर में मेरे गाइड के अंडर में पीएचडी करना चाहते हैं। इस संभावना से एक्साइटेड होकर, मैंने मो. मोहसिन का रजिस्ट्रेशन कराने में भी मदद की। आवश्यक दस्तावेज तैयार किए उनकी ओर से प्रवेश शुल्क जमा किया, और उन्हें वक- इन इंटरव्यू की तैयारी में मार्गदर्शन किया। जहां उन्हें उनकी योग्यता के आधार पर प्रवेश मिला। इन बातचीतों के दौरान, हम करीब आ गए। इसके बाद खान ने रिश्ते का प्रस्ताव दिया, जिसे मैंने तब स्वीकार किया जब उन्होंने कहा कि वे अपनी पत्नी से तलाक की प्रक्रिया में हैं और उनकी 5 साल की बेटी है। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि वे अविवाहित हैं, मुझसे गहरा प्रेम करते हैं और मुझे अपनी प्राथमिकता मानते हैं। उस समय, मैं हाल ही में एक ब्रेकअप के दौर से गुजरी थी और अकेलापन महसूस कर रही थी, इसलिए उनके शब्दों पर भरोसा कर लिया। समय के साथ हम दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती चली गईं और मोहसिन हॉस्टल के रूम में दोनों अकेले घंटों का समय बिताने लगे। नवंबर 2024 में, मैंने एक दोस्त से सबूत पाया। उनकी पत्नी मार्च 2024 से गर्भवती थीं। जब मैंने उनसे सामना किया, तो उन्होंने स्वीकार किया कि वे परिवार के दबाव में अपनी पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाए रख रहे थे। उनका स्पष्टीकरण बेहद भ्रामक था। मेरे टूटे हुए दिल के बावजूद, उन्होंने मुझे उन्हें माफ करने के लिए मना लिया, और हमने अस्थायी रूप से अपना रिश्ता फिर से शुरू किया। हालांकि, 1 दिसंबर 2024 को, मुझे उनकी पत्नी के सोशल मीडिया (इंस्टाग्राम) से और सबूत मिले कि वे शुरू से ही धोखेबाज रहे थे। उनके घर जाकर उनकी पत्नी से बात करने पर, मैंने जाना कि वे कभी अलग नहीं हुए थे। थे। उनकी पत्नी, मेरी बातों से बेअसर, ने सुझाव दिया कि मैं चाहूं तो उनके साथ रह सकती हूं, जो यह दर्शाता है कि यह व्यवहार पहली बार नहीं था। इसके तुरंत बाद, उन्होंने अपने पति के साथ रोमांटिक तस्वीरें इंस्टाग्राम पर पोस्ट करना शुरू कर दिया, मानो कुछ हुआ ही न हो। मेरे पास मेरे आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। एसीपी से बातचीत के सैकड़ों ऑडियो औ वीडियो मौजूद हैं। अब आपको बताते हैं, किस धारा में दर्ज हुई है FIR छात्रा की तहरीर के आधार पर आरोपी एसीपी मोहम्मद मोहसिन के खिलाफ भारतीय न्याय संहित (बीएनएस) की धारा-69 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। धारा 69 के तहत, किसी महिला को धोखे में रखकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना अपराध है। इस धारा के तहत, अगर कोई व्यक्ति किसी महिला से शादी करने का झूठा वादा करके उसके साथ यौन संबंध बनाता है, तो उसे 10 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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लखनऊ के दैनिक भास्कर दफ्तर पहुंचे टॉप डॉक्टर्स:कहा- इलाज के साथ अवेयरनेस जरूरी, पॉजिटिव एटीट्यूड से मरीज को जल्द होता है फायदा लखनऊ के दैनिक भास्कर कार्यालय में गुरुवार को शहर के दिग्गज और एक्सपर्ट डॉक्टर पहुंचे। इलाज के तरीकों से लेकर रिसर्च बेस ट्रीटमेंट तक पर चर्चा की। साथ ही झोला छाप से दूरी बनाने पर जोर दिया। वहीं, रेजिडेंट डॉक्टरों ने महिला मेडिकल स्टॉफ की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। डॉक्टर्स ने कहा कि मरीजों को बेस्ट इलाज देने और उन्हें जल्द स्वास्थ्य करने के लिए वे अपना बेस्ट देते हैं। मरीजों को बेस्ट इलाज देने पर फोकस KGMU में आयुष के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनीत मिश्रा ने बताया कि चिकित्सा विश्वविद्यालय में डॉक्टरों पर लोड बेहद अधिक रहता है, बावजूद इसके मरीजों को बेस्ट चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने का प्रयास रहता है। हीलिंग की पावर ईश्वर में KGMU के रिटायर्ड डीन डॉ. एपी टिक्कू ने कहा कि डॉक्टर इलाज कर सकता है, पर हीलिंग का पॉवर का ईश्वर में है। डॉक्टर भरसक प्रयास कर सकते हैं पर जीवन और मरण भगवान तय करता है। झोलाछाप डॉक्टरों से सतर्क रहना होगा लोकबंधु अस्पताल के निदेशक डॉ. सुरेश कौशल ने कहा कि मरीजों को झोलाछाप डॉक्टरों से बचना चाहिए। सही इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में थोड़ी बहुत मशक्कत जरूर करनी पड़ती है, पर इलाज सही मिलता है। ओरल कैंसर को लेकर जागरूकता जरूरी आशियाना के चेतना डेंटल क्लीनिक के प्रमुख डॉ.संजीव अवस्थी ने बताया कि मुंह में ओरल कैंसर की बीमारी तेजी से फैल रही है। तंबाकू के सेवन से दूरी बनाना बेहद जरूरी है। कम उम्र के लड़कों में भी ये समस्या दिख रही है, गुटखा पर रोक लगाना चाहिए। नो-नेगेटिव मंडे की पहल अच्छी डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. मालविका मिश्रा ने दैनिक भास्कर की मंडे स्टोरी में नो नेगेटिव पहल की जमकर सराहना की और सुझाव दिया कि संभव हो तो इसे रोजाना लागू किया जा सकता है। उन्होंने मरीजों के अवेयरनेस बढ़ाने के लिए जरूरी कंटेंट बढ़ाने पर जोर दिया। इलाज के दौरान जागरूकता जरूरी मेदांता लखनऊ के पीडियाट्रिक डॉक्टर डॉ. आकाश पंडिता ने कहा कि ‘आई पॉड’ पर मेडिकल से जुड़ी खबर लाना बेहद फायदेमंद होगा। अच्छा होगा कि एक इंटरैक्टिव सेशन शुरू किया जाए। कई बार बेहद चौंकाने वाले मामले सामने आते हैं। हाल ही में एक ऐसा मामला आया था जिसमें नवजात बच्चे को पीलिया से बचाने के लिए घरवालों ने धूप में 3 घंटे रख दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। ये घटना बताती है कि जागरूकता बेहद जरूरी है। रिसर्च बेस इलाज पर फोकस KGMU के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि मरीजों का रिसर्च बेस इलाज किया जाता है। मकसद वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी स्थानीय स्तर पर मुहैया कराना है। भास्कर की खबरें ऑथेंटिक रहती हैं लोकबंधु अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजीव दीक्षित ने बताया कि मैं दैनिक भास्कर एप का नियमित पाठक हूं और कई घटनाओं पर इस ऐप से ही जानकारी हासिल की है। यहां खबरें ऑथेंटिक रहती हैं। मैं अपने कई दोस्तों को भी भास्कर की खबर शेयर करता हूं। इलाज के साथ बचाव पर फोकस करना बेहतर सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि डेंगू हो या हार्ट की प्रॉब्लम इलाज के साथ बचाव और अवेयरनेस पर भी जानकारी होना चाहिए। कई जागरूकता कार्यक्रम का होता है आयोजन लखनऊ सीएमओ ऑफिस के स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी योगेश रघुवंशी ने बताया कि शहर में संक्रामक रोगों से बचाव के लिये समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम होते है पर अभी भी लोगों में अवेयरनेस की कमी नजर आती है। भास्कर इस दिशा में बड़ी पहल कर सकता है। रेजिडेंट डॉक्टरों ने उठाया महिला सुरक्षा का मुद्दा KGMU के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के सदस्यों ने महिला मेडिकल स्टॉफ की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.दिव्यांश सिंह ने बताया कि गुड टच और बैड टच के बारे में बच्चों को तब पता चलेगा, जब पेरेंट्स को इसकी जानकारी होगी। जब सभी को इसकी जानकारी होगी, तभी ये पता चल पाएगा कि ऐसी घटनाओं पर क्या एक्शन लेना है? FAIMA की नेशनल एग्जीक्यूटिव बॉडी की रीजनल कॉर्डिनेटर डॉ. ईशा प्रकाश ने बताया कि महिलाओं के अधिकारों को लेकर हर किसी को जागरूक होना पड़ेगा। किसी भी कीमत पर किसी महिला का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एसोसिएशन के सोशल मीडिया प्रभारी डॉ. अमन नकवी ने कहा कि कोलकाता की घटना के बाद लोग डॉक्टरों की सुरक्षा पर बात कर रहे है पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नही हुई है। सरकार को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। ‘तुलसी के बीज’ भेंट में दिए सार्थक चर्चा के बाद सभी विशेष अतिथियों को दैनिक भास्कर के ‘एक पेड़ एक जिंदगी अभियान’ के तहत भास्कर अखबार का ‘तुलसी बीज’ विशेषांक एडिशन भी दिया गया। इसके साथ बीज रोपने के लिए पॉट भी दिया गया। सीने स्टार आमिर खान के स्पेशल मैसेज को लेकर भी जानकारी दी गई।
जोसा काउंसलिंग की सेकेंड मॉक सीट एलोकेशन जारी, 1 लाख 81 हजार 370 स्टूडेंट्स शामिल
जोसा काउंसलिंग की सेकेंड मॉक सीट एलोकेशन जारी, 1 लाख 81 हजार 370 स्टूडेंट्स शामिल <p style=”text-align: justify;”><strong>IIT-NIT JoSAA Counseling 2024:</strong> जोसा की ओर से आईआईटी-एनआईटी व अन्य शीर्ष इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 121 कॉलेजों की 59 हजार 917 सीटों के लिए करवाई जा रही इस काउंसलिंग के लिए च्वाइस फिलिंग का अंतिम दिन 18 जून शाम 5 बजे तक है. विद्यार्थी 121 कॉलेजों की 865 ब्रांचेज की च्वाइसेज भर सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दूसरा मॉक सीट एलोकेशन जारी, 1 लाख 81 हजार 370 स्टूडेंट्स हुए शामिल करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि यदि विद्यार्थी दिए गए समय में अपनी भरी हुई कॉलेज चॉइस को लॉक नहीं कर पाता है तो उनकी अंतिम सेव च्वाइस स्वत: ही ऑटो लॉक हो जाती है. ज्वाइंट सीट काउंसलिंग का द्वितीय मॉक सीट एलोकेशन जारी कर दिया गया है. जारी किए गए मॉक सीट अलोकेशन में कुल 1 लाख 81 हजार 370 स्टूडेंट्स की 2 करोड़ 20 लाख 44 हजार 300 च्वाइसेज को शामिल कर आवंटन दिया गया है.<br /> <br /><strong>अब क्या करें विद्यार्थी</strong><br />द्वितीय मॉक सीट आवंटन के बाद स्टूडेंट्स अपनी भरी हुई कॉलेज चॉइस को अंतिम बार अवश्य चेक कर लेवे की उन्हें द्वितीय मॉक सीट आवंटन में जिस कॉलेज ब्रांच का आवंटन हुआ है उनसे ऊपर कोई ऐसी कोई चॉइस तो नहीं है जो मिली ब्रांच से प्राथमिकता में कम हो एवं मिली ब्रांच से नीचे कोई कॉलेज ब्रांच की चॉइस ऐसी तो नहीं है जो उस मिली ब्रांच से प्राथमिकता में ऊपर भरनी थी. क्योकि एक बार लॉक करने पर भरी ब्रांच में कोई बदलाव संभव नहीं है. यह जोसा काउंसलिंग छह राउंड में संपन्न होगी.<br /> <br /><strong>पहला आवंटन 20 जून को</strong><br />एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि इस वर्ष भी आईआईटी-एनआईटी में प्रवेश के लिए प्रथम राउंड का सीट आवंटन 20 जून सुबह 10 बजे घोषित किया जाएगा. प्रथम राउंड सीट आवंटन के पश्चात विद्यार्थियों को 20 से 24 जून के मध्य ऑनलाइन रिपोर्टिंग करनी ही होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऑनलाइन रिपोर्टिंग में स्टूडेंट्स को सीट एक्सेप्टेन्स फीस जमा कर सभी आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करना होगा. जोसा द्वारा उनके डॉक्यूमेंट को वेरीफाई कर उनकी आवंटित सीट कन्फर्म की जाएगी. अपलोड किए जाने वाले कैटेगरी दस्तावेजों में ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस का सर्टिफिकेट 1 अप्रैल 2024 के बाद का होना अनिवार्य है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Yoga Day 2024: भरतपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में मनाया जाएगा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, संगठनों को दी गई जिम्मेदारी” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/international-yoga-day-2024-celebrated-at-police-parade-ground-bharatpur-ann-2717232″ target=”_self”>Yoga Day 2024: भरतपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में मनाया जाएगा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, संगठनों को दी गई जिम्मेदारी</a></strong></p>
पानीपत में महिला दुकानदार को लूटा:फेसवॉश लेने के बहाने आए 3 युवक; बातों में उलझा गल्ले से कैश ले फरार
पानीपत में महिला दुकानदार को लूटा:फेसवॉश लेने के बहाने आए 3 युवक; बातों में उलझा गल्ले से कैश ले फरार हरियाणा के पानीपत में गांव ऊझा में एक महिला दुकानदार के साथ लूट की वारदात हुई है। तीन युवक दुकान पर फेसवॉश लेने के बहाने आए थे। पैसे खुल्ले न होने की बात पर उन्होंने महिला को बातों में उलझा लिया। इसके बाद मौका लगते ही गल्ले से 5 हजार की नकदी उठाई और तीनों बाइक पर सवार होकर फरार हो गए। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। दो बदमाश पहले से खड़े थे दुकान के बाहर
चांदनीबाग थाना पुलिस को दी शिकायत में रानी ने बताया कि वह गांव ऊझा की रहने वाली है। उसकी घर के बाहर ही दुकान है। 25 मई की दोपहर को वह दुकान पर ही बैठी थी। दोपहर करीब पौने 1 बजे उसकी दुकान पर एक बाइक सवार तीन युवक आए। जिनमें से एक लड़का बाइक से नीचे उतरा और दुकान के भीतर आया। महिला ने ये दी जानकारी महिला दुकानदार ने बताया किदो लड़के बाहर बाइक पर ही सवार थे। बाइक स्टार्ट थी। दुकान पर आए युवक ने उससे फेसवॉश मांगा। उसने युवक को फेसवॉश दे दिया। इसके बाद युवक ने उसे 500 रुपए दिए। जिस पर महिला ने कहा कि उसके पास खुल्ले नहीं है। तो युवक ने दो फेसवॉश देने को कहा। फिर भी महिला ने कहा कि उसके पास इसके बाद भी वापस लौटाने के लिए पैसे नहीं होंगे। इसी दौरान एक युवक और दुकान के भीतर आ गया। बातों में उलझाकर मौका पाते ही एक लड़के ने गल्ले से 5 हजार रुपए निकाल लिए। उक्त रुपए उसने किस्त देने के लिए रखे हुए थे। इसके बाद तीनों बाइक पर सवार होकर फरार हो गए।