<p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News: </strong>जयपुर में स्थित आरयूएचएस का अधिक उपयोग नहीं हो पाया है. इसलिए अब उसे एम्स की तर्ज पर रिम्स के रूप में विकसित करने की तैयारी है. इसके लिए बजट घोषित होने से पहले ही चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के दल ने दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया एवं बैठक कर इस विषय में विस्तार से चर्चा की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जिसमें राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) की परिकल्पना, इसकी संचालन व्यवस्था, वित्तीय प्रबंधन, मेडिकल वैल्यू टूरिज्म को बढ़ावा देने की संभावनाएं और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए आवासीय सुविधाओं की व्यवस्था जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जा चुका है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा, यह भी विचार किया गया कि किस प्रकार यह नया संस्थान प्रदेश के अन्य 30 मेडिकल कॉलेजों और संपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के ढांचे को और बेहतर बनाने में सहायक हो सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कानूनी पहलू पर हो रही बात</strong><br />इस दौरान एम्स की प्रशासनिक प्रणाली फैकल्टी की नियुक्ति और पदोन्नति की प्रक्रियाओं, वेतनमान और प्रोत्साहन नीतियों के साथ-साथ स्वायत्तता और सरकारी मंजूरी की आवश्यकताओं पर भी विचार किया गया. प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की बजाय तृतीयक और चतुर्थक स्वास्थ्य सेवाओं और अनुसंधान पर केंद्रित कैसे रखा जाए, जिससे प्रदेश में उन्नत चिकित्सा सेवाएं सुलभ की सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नए संस्थान के लिए आवश्यक अधोसंरचना, मानव संसाधन प्रबंधन और कानूनी पहलुओं को लेकर भी विस्तृत चर्चा हुई है. एम्स अधिनियम के प्रावधानों को राजस्थान की आवश्यकताओं के अनुरूप कैसे लागू किया जा सकता है. इस पर भी गहन विचार-विमर्श किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>खुला संवाद हो चुका है</strong><br />चिकित्सा शिक्षा विभाग में सुधार करने के लिए चिकित्सा विभाग निरंतर नवाचार कर रहा है. जानकारी के अनुसार हाल ही में निजी अस्पतालों का दौरा कर उनकी व्यवस्थाओं का भी अवलोकन किया गया था. एसएमएस के सभी विभाग अध्यक्षों और प्रोफेसर्स के साथ चिकित्सा शिक्षा सचिव ने खुला संवाद किया था. इसी कड़ी में एम्स दिल्ली का भी दौरा किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”‘2-4 FIR और करा लो, मैं…’, रेप केस दर्ज होने पर बोले बिश्नोई महासभा अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/bishnoi-mahasabha-president-devendra-buria-says-rape-case-fir-is-a-conspiracy-ann-2871259″ target=”_self”>’2-4 FIR और करा लो, मैं…’, रेप केस दर्ज होने पर बोले बिश्नोई महासभा अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News: </strong>जयपुर में स्थित आरयूएचएस का अधिक उपयोग नहीं हो पाया है. इसलिए अब उसे एम्स की तर्ज पर रिम्स के रूप में विकसित करने की तैयारी है. इसके लिए बजट घोषित होने से पहले ही चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के दल ने दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया एवं बैठक कर इस विषय में विस्तार से चर्चा की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जिसमें राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) की परिकल्पना, इसकी संचालन व्यवस्था, वित्तीय प्रबंधन, मेडिकल वैल्यू टूरिज्म को बढ़ावा देने की संभावनाएं और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए आवासीय सुविधाओं की व्यवस्था जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जा चुका है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा, यह भी विचार किया गया कि किस प्रकार यह नया संस्थान प्रदेश के अन्य 30 मेडिकल कॉलेजों और संपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के ढांचे को और बेहतर बनाने में सहायक हो सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कानूनी पहलू पर हो रही बात</strong><br />इस दौरान एम्स की प्रशासनिक प्रणाली फैकल्टी की नियुक्ति और पदोन्नति की प्रक्रियाओं, वेतनमान और प्रोत्साहन नीतियों के साथ-साथ स्वायत्तता और सरकारी मंजूरी की आवश्यकताओं पर भी विचार किया गया. प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की बजाय तृतीयक और चतुर्थक स्वास्थ्य सेवाओं और अनुसंधान पर केंद्रित कैसे रखा जाए, जिससे प्रदेश में उन्नत चिकित्सा सेवाएं सुलभ की सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नए संस्थान के लिए आवश्यक अधोसंरचना, मानव संसाधन प्रबंधन और कानूनी पहलुओं को लेकर भी विस्तृत चर्चा हुई है. एम्स अधिनियम के प्रावधानों को राजस्थान की आवश्यकताओं के अनुरूप कैसे लागू किया जा सकता है. इस पर भी गहन विचार-विमर्श किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>खुला संवाद हो चुका है</strong><br />चिकित्सा शिक्षा विभाग में सुधार करने के लिए चिकित्सा विभाग निरंतर नवाचार कर रहा है. जानकारी के अनुसार हाल ही में निजी अस्पतालों का दौरा कर उनकी व्यवस्थाओं का भी अवलोकन किया गया था. एसएमएस के सभी विभाग अध्यक्षों और प्रोफेसर्स के साथ चिकित्सा शिक्षा सचिव ने खुला संवाद किया था. इसी कड़ी में एम्स दिल्ली का भी दौरा किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”‘2-4 FIR और करा लो, मैं…’, रेप केस दर्ज होने पर बोले बिश्नोई महासभा अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/bishnoi-mahasabha-president-devendra-buria-says-rape-case-fir-is-a-conspiracy-ann-2871259″ target=”_self”>’2-4 FIR और करा लो, मैं…’, रेप केस दर्ज होने पर बोले बिश्नोई महासभा अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया</a></strong></p> राजस्थान उत्तराखंड में UCC पर बोले मौलाना रजवी- मुसलमान स्वागत करेगा लेकिन अगर शरीयत से…