योगी सरकार RISE एप से सभी 75 जिलों में करेगी टीकाकरण की निगरानी, नहीं छूटेगा कोई बच्चा

योगी सरकार RISE एप से सभी 75 जिलों में करेगी टीकाकरण की निगरानी, नहीं छूटेगा कोई बच्चा <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> उत्तर प्रदेश सरकार अब बच्चों के टीकाकरण की निगरानी डिजिटल तरीके से करेगी. मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> के निर्देश पर पूरे प्रदेश में RISE (Rapid Immunization Skill Enhancement) एप लागू किया गया है. इस एप के जरिए टीकाकरण की प्रक्रिया को बेहतर और तेज बनाया जाएगा, जिससे कोई भी बच्चा टीका लगवाने से न छूटे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार ने स्टाफ नर्स, एएनएम (Auxiliary Nurse Midwife) और हेल्थ विजिटर को इस एप के उपयोग की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है. प्रशिक्षण के बाद ये स्वास्थ्य कर्मी टीकाकरण सत्रों का प्रबंधन, टीकों की सुरक्षा, कोल्ड चेन मैनेजमेंट, टीकाकरण के बाद के प्रभाव और टीकाकरण से इनकार करने वाले परिवारों की निगरानी कर सकेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हर जिले और ब्लॉक में हो रहा प्रशिक्षण</strong><br />राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि इस एप को पहले देश के 181 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया गया था, जहां इसके अच्छे नतीजे मिले. अब इसे पूरे उत्तर प्रदेश में लागू कर दिया गया है. राज्य के सभी 75 जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों को इसका प्रशिक्षण दिया जा चुका है, अब ब्लॉक स्तर पर ट्रेनिंग दी जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>[yt]https://youtu.be/9teNwoc4veQ?si=ZdYRXNS-lry-bRR-[/yt]</p>
<p style=”text-align: justify;”>डॉ. गुप्ता के अनुसार, इस एप के जरिए लगभग 52,175 टीकाकरणकर्ताओं को फायदा मिलेगा. इससे टीकाकरण अभियान में तेजी आएगी और नए दिशा-निर्देश तुरंत स्वास्थ्यकर्मियों तक पहुंच सकेंगे. RISE एप के तहत प्रशिक्षण पांच मॉड्यूल में पूरा होगा. प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी हर 15 दिन में पांचों मॉड्यूल की ट्रेनिंग लेंगे और फिर अपने क्षेत्र के अन्य टीकाकरणकर्ताओं को ट्रेनिंग देंगे.</p>
<ul>
<li style=”text-align: justify;”>ट्रेनिंग के बाद स्वास्थ्य कर्मियों की परीक्षा (असेसमेंट) होगी.</li>
<li style=”text-align: justify;”>85% से अधिक अंक पाने वालों को गोल्ड सर्टिफिकेट दिया जाएगा.</li>
<li style=”text-align: justify;”>70% से 85% अंक पाने वालों को रजत प्रमाणपत्र मिलेगा.</li>
</ul>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/aligarh-karni-sena-protests-after-not-getting-permission-to-play-holi-in-amu-and-warns-administration-ann-2898591″>AMU में होली खेलने की अनुमति न मिलने पर करणी सेना का विरोध, प्रशासन को दी चेतावनी</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डिजिटल निगरानी से बढ़ेगी टीकाकरण दर</strong><br />टीकाकरण से जुड़े दिशा-निर्देश समय-समय पर बदलते रहते हैं. पहले, नए बदलावों की जानकारी टीकाकरण कर्मियों तक पहुंचने में देरी होती थी, लेकिन RISE एप से यह प्रक्रिया तेज होगी. इससे टीकाकरण की निगरानी आसान होगी और कोई भी बच्चा टीका लगवाने से नहीं छूटेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>योगी सरकार के इस कदम से प्रदेश में टीकाकरण दर में बढ़ोतरी की उम्मीद है. सरकार का लक्ष्य है कि हर बच्चे को समय पर टीका लगे, जिससे बीमारियों से बचाव हो सके और उत्तर प्रदेश को रोग-मुक्त बनाया जा सके.</p>

फिरोजाबाद: नगर पालिका ने बिना टेंडर ही शुरू कर दिया नाला निर्माण, जांच आदेश को भी किया दरकिनार

फिरोजाबाद: नगर पालिका ने बिना टेंडर ही शुरू कर दिया नाला निर्माण, जांच आदेश को भी किया दरकिनार <p style=”text-align: justify;”><strong>Firozabad News:</strong> फिरोजाबाद की टूंडला नगर पालिका परिषद में अधिशासी अधिकारी और नगर पालिका अध्यक्ष की मनमानी का मामला सामने आया है, यहां 2 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले नाले का टेंडर किए बिना ही निर्माण शुरू कर दिया गया. इस मामले में अपर जिलाधिकारी विशु राजा के जांच के आदेश को भी दरकिनार कर दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, शासन की जल निकासी योजना के अंतर्गत नगर पालिकाओं को मुख्य नालों के पुनर्निर्माण और निर्माण के लिए धनराशि आवंटित की गई है. इसी क्रम में टूंडला नगर पालिका परिषद को भी 2 करोड़ रुपए नाला निर्माण के लिए मिले हैं. टूंडला नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी आशुतोष त्रिपाठी और नगर पालिका अध्यक्ष भंवर सिंह ने इस जल निकासी योजना के अंतर्गत मिली धनराशि से होने वाले निर्माण कार्य के लिए किसी भी प्रकार का कोई भी टेंडर नोटिफिकेशन जारी नहीं किया बल्कि नाला निर्माण का ठेका अपने चाहते ठेकेदारों को गुपचुप तरीके से दे दिया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ऐसे हुआ खुलासा</strong><br />नाला निर्माण कार्य शुरू होते ही ठेकेदारों और सभासदों में चर्चाएं शुरू हो गई, जब इस मामले में अधिशासी अधिकारी से निर्माण कार्य की टेंडर प्रक्रिया के विषय में पूछा गया तो वह किसी भी प्रकार की जानकारी देने में असमर्थ रहे. अधिशासी अधिकारी आशुतोष त्रिपाठी से जब पूछा गया कि नाला निर्माण कितनी धनराशि से होना है तो उन्होंने कहा 2 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित हुई है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>[yt]https://youtu.be/9teNwoc4veQ?si=2LVx7DC0KSGdgv4Z[/yt]</p>
<p style=”text-align: justify;”>शासन की मंशा के अनुरूप टेंडर प्रक्रिया के दौरान तीन मुख्य समाचार पत्रों में निर्माण कार्य की जानकारी देते हुए टेंडर नोटिफिकेशन जारी किया जाता है. उसके बाद ई बिडिंग के जरिए इच्छुक ठेकेदार अपनी-अपनी फॉर्म से आवेदन करते हैं. लेकिन टूंडला नगर पालिका परिषद द्वारा नाला निर्माण के टेंडर को लेकर किसी भी प्रकार की कोई भी सूचना समाचार पत्रों में प्रकाशित नहीं कराई गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/mahakumbh-2025-economic-revival-with-faith-and-fate-of-sailor-community-changed-ann-2898672″>महाकुंभ 2025: आस्था के साथ आर्थिक संजीवनी, नाविक समाज की बदली तकदीर, संवर गई जिंदगी</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या बोले अधिकारी</strong><br />इस मामले में अपर जिलाधिकारी और स्थानीय निकाय के प्रभारी विशु राजा ने मामले को संज्ञान में लेते हुए टूंडला नगर पालिका परिषद द्वारा बिना टेंडर के ही नाला निर्माण करने के कार्य पर रोक लगाकर जांच के आदेश दिए थे. लेकिन इसके बावजूद अधिशासी अधिकारी की शहर से लगातार निर्माण कार्य जारी है. जब इस मामले में अपर जिलाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अधिशासी अधिकारी से इस मामले में जवाब तलब किया जाएगा.<br /><strong>(फिरोजाबाद से रंजीत गुप्ता की रिपोर्ट)</strong></p>

गुरुग्राम में 8 साल से अटका टोल शिफ्टिंग प्लान:गडकरी ने 2017 में की थी घोषणा; 3 मंत्री 20 मिनट तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहे

गुरुग्राम में 8 साल से अटका टोल शिफ्टिंग प्लान:गडकरी ने 2017 में की थी घोषणा; 3 मंत्री 20 मिनट तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहे दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे 48 पर स्थित खेड़की दौला टोल प्लाजा पर समय सीमा समाप्त होने के आठ साल बाद भी टोल वसूला जा रहा है। आठ साल पहले केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और तीन साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस टोल प्लाजा को शिफ्ट करने की बात कही थी, लेकिन लोगों को अभी तक कोई राहत नहीं मिली है। लोगों की शिकायत पर संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने गुरुवार को खेड़की दौला टोल का दौरा किया तो सांसद भी यह जानकर हैरान रह गए कि जब इस टोल प्लाजा की समय सीमा 2018 में ही समाप्त हो चुकी है तो फिर वे लोग कौन हैं जो इसे चलाने की अनुमति दे रहे हैं। पीएसी में शामिल सांसदों द्वारा उठाए गए सवालों के बाद अब गुरुग्राम के लोगों को इस टोल प्लाजा के शिफ्ट होने की उम्मीद जगी है। गुरुग्राम की बड़ी आबादी प्रभावित इस टोल की वजह से गुरुग्राम, मानेसर और आस-पास की 40 से ज़्यादा सोसायटियों की आबादी प्रभावित हो रही है। टोल हटाओ संघर्ष समिति बनाकर लोग संघर्ष कर रहे हैं। इस टोल प्लाजा पर हर रोज़ हज़ारों यात्री पीक ऑवर्स में जाम का सामना करते हैं। 30 मिनट तक जाम में फंसना रोज़ की बात है, कई बार तो एक घंटे से ज़्यादा समय लग जाता है। आरडब्ल्यूए अध्यक्ष बोले- हम कई सालों से संघर्ष कर रहे हैं द्वारका एक्सप्रेसवे आरडब्ल्यूए अध्यक्ष यशीष यादव का कहना है कि हम कई सालों से संघर्ष कर रहे हैं। टोल हटाने के लिए हम भूख हड़ताल भी कर चुके हैं। यहां अधिकारी और टोल प्रबंधन मुनाफा कमा रहे हैं। आम लोगों की परेशानी कोई नहीं समझना चाहता। इस टोल प्लाजा ने लागत से कई गुना ज्यादा कमाई कर ली है। अब गुरुग्राम के लोगों को इससे राहत मिलनी चाहिए। यह सरकार की नाकामी है कि टोल प्लाजा को शिफ्ट करने का मामला अब राजनीति में उलझ गया है और हम ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। टोल फीस को लेकर होते हैं झगड़े उन्होंने बताया कि द्वारका एक्सप्रेसवे के खुलने के बाद नए सेक्टर 81-95 से यात्रा करने वाले अधिकांश लोग अब टोल प्लाजा से बच सकते हैं, लेकिन मानेसर में स्थित आवासीय और व्यवसायिक क्षेत्रों के साथ-साथ सेक्टर 77, 78 और 79 से यात्रा करने वालों की जेब पर इसका असर पड़ना जारी है। आसपास के लोगों को भी शुल्क को लेकर झगड़ा करना पड़ता है। जानिए पीएसी सदस्यों ने क्या कहा पीएसी अध्यक्ष केसी वेणुगोपाल: लोक लेखा समिति सबसे महत्वपूर्ण विषयों में से एक राष्ट्रीय राजमार्गों पर शुल्क और टोल संग्रह की देखभाल कर रही है, जो इस देश के आम आदमी से संबंधित है।हमने इस टोल प्लाजा की कार्यप्रणाली की जांच करने के लिए साइट का दौरा करने किया है। हमें जनता से कई शिकायतें मिल रही हैं। हम टोल शुल्क, टैरिफ, बुनियादी ढांचे, दुर्घटनाओं और गुणवत्ता से लेकर हर चीज की जांच कर रहे हैं। फिर हम अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे और उल्लेख करेंगे कि क्या कमी है। बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल: भारत माला परियोजना का चरण 3 साल में पूरा होना था, लेकिन अब 5 साल हो गए हैं। हमने यह जानने के लिए एक अध्ययन दौरा किया कि यह प्रोजेक्ट कब पूरा होगा। यहां हर दिन लगभग 4 लाख ट्रैफिक की भीड़ होती है। प्रोजेक्ट का निर्माण होने के बाद यहां दो लेयर वाली सड़क बनाई जाएगी। 19 किलोमीटर का एलिवेटेड फ्लाईओवर बन गया और 3.5 किलोमीटर से ज्यादा का अंडरपास बन रहा है, उसके बाद ट्रैफिक नियंत्रित होगा। हमने यह भी सवाल उठाया कि खेड़की दौला टोल प्लाजा 2008 में बना था और 2020-21 में खत्म हो गया। इसे स्थानांतरित किया जाना चाहिए था, तो अब तक किया क्यों नहीं। ये सभी मुद्दे थे, जिसको लेकर पीएसी ने दौरा किया। तथ्य और निष्कर्ष के बाद हम रिपोर्ट तैयार करेंगे। भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी: लोक लेखा समिति सरकार की आंख और कान हैं, हमारा काम कमियों और खामियों का पता लगाना और सुधारात्मक उपायों के लिए सरकार को रिपोर्ट करना है। इसलिए समिति बहुत रचनात्मक भूमिका निभाती है और इसी के चलते हम गुरुग्राम क्षेत्र में आए हैं। सपा सांसद धर्मेंद्र यादव: हम एक बेहतर समिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए भौतिक रूप से यह दौरा कर रहे हैं। टोल बढ़ रहे हैं, इसलिए हम सुविधाओं की जांच करने के लिए लोक लेखा समिति खेड़की दौला टोल प्लाजा और द्वारका एक्सप्रेसवे पर अध्ययन दौरा करने निकली है। नीतिगत मामला बताकर अधिकारी झाड़ लेते हैं पल्ला हालांकि एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि यह नीतिगत मामला है और टोल प्लाजा को स्थानांतरित करने या न करने का कोई भी निर्णय मुख्यालय स्तर पर लिया जाएगा। फिलहाल हमें कोई निर्देश नहीं दिया गया है।

क्रिकेटर मोहम्मद शमी के समर्थन में आए देवबंदी उलेमा:मैच के दौरान जूस पीते हुए आए थे नजर, सोशल मीडिया पर लोगों किया ट्रोल

क्रिकेटर मोहम्मद शमी के समर्थन में आए देवबंदी उलेमा:मैच के दौरान जूस पीते हुए आए थे नजर, सोशल मीडिया पर लोगों किया ट्रोल भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी हाल ही में रमजान के दौरान एक मैच के दौरान जूस पीते नजर आए, जिसके बाद सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जाने लगा। कई लोगों ने उन पर सवाल उठाया कि एक मुसलमान होने के बावजूद उन्होंने रोजा क्यों नहीं रखा? इस तरह की आलोचनाओं और ट्रोलिंग के जवाब में अब प्रसिद्ध देवबंदी उलेमा उनके समर्थन में सामने आए हैं। जमीयत दावतुल मुसलिमीन के संरक्षक और मशहूर देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने मोहम्मद शमी का बचाव करते हुए कहा कि किसी के रोजा रखने या न रखने का मामला पूरी तरह से उनके और अल्लाह के बीच का है। उन्होंने कहा कि अगर मोहम्मद शमी ने किसी मजबूरी या शरीयत के तहत दी गई रियायत की वजह से रोजा नहीं रखा है, तो वह गुनहगार नहीं माने जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि इस्लाम में किसी के अमल को देखने के बजाय अपने कर्मों को सुधारने की सीख दी गई है। मौलाना इसहाक गोरा ने ट्रोलर्स को नसीहत देते हुए कहा कि दूसरों की धार्मिक आस्थाओं और व्यक्तिगत फैसलों को लेकर अनावश्यक बहस करने के बजाय, हर व्यक्ति को अपने आचरण पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिना सही जानकारी के किसी के बारे में गलत धारणा बनाना और आलोचना करना उचित नहीं है। मौलाना ने कहा कि इस्लाम में किसी भी व्यक्ति को मजबूर करने का कोई नियम नहीं है और हर किसी को अपने धार्मिक मामलों में व्यक्तिगत आजादी प्राप्त है।

लुधियाना में राजमिस्त्री ने की आत्महत्या:10 साल पहले हुई थी पत्नी से लव मैरिज, बच्चों ने खिड़की से लटकते देखा पिता का शव

लुधियाना में राजमिस्त्री ने की आत्महत्या:10 साल पहले हुई थी पत्नी से लव मैरिज, बच्चों ने खिड़की से लटकते देखा पिता का शव पंजाब के लुधियाना में बीती रात कोछड़ मार्केट रोड पर किराए के मकान पर रहते एक राजमिस्त्री ने संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली। मृतक के बच्चों ने पिता का शव खिड़की से लटकता देखा तो तुरंत
शोर मचाया। बेसुध हालत में व्यक्ति को सिविल अस्पताल में लोग पहुंचे लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। मरने वाले का नाम कन्हैया (30) है। कन्हैया की 10 साल पहले मुस्कान नाम की लड़की से शादी हुई है। घटना के समय मुस्कान पार्लर में काम करने गई हुई थी। पंखे से लटकता बच्चों ने देखा पिता का शव जानकारी मुताबिक घटना का पता उस समय चला जब कन्हैया के बच्चे मंदिर से माथा टेक घर वापस लौटे। जिन्होंने काफी समय तक दरवाजा खटखटाया। काफी समय तक दरवाजा ना खोलने के बाद बड़े बेटे रेहान ने खिड़की से झांककर देखा, तो उसका पिता पंखे के साथ कपड़े के सहारे झूल रहा था। जिसके बाद बच्चों ने शोर मचाकर इलाके के लोगों को एकत्रित किया। डॉक्टरों ने व्यक्ति को किया मृत घोषित इलाके के लोगों ने उसे तुरंत सिविल अस्पताल में पहुंचा उसकी पत्नी मुस्कान को सूचित किया। अस्पताल में पहुंचे व्यक्ति को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पति की मौत का पता चलने के बाद पत्नी व बच्चे अस्पताल में रोते बिलखते रहे। 10 साल पहले हुई थी लव मैरिज मुस्कान खान ने बताया कि उनकी करीब 10 साल पहले लव मैरिज हुई थी। मृतक कन्हैया हिन्दू परिवार से था और वह मुस्लिम समुदाय से है। उनके दो बेटे है। उसका पति कन्हैया टाइल लगाने का काम करता था और वह ब्यूटी पार्लर का काम करती थी। देर रात वह काम पर मौजूद थी। तभी उसके बड़े बेटे रेहान ने उसे फोन कर बताया कि पिता ने पंखे के साथ फंदा लगाया हुआ था जिसके बाद वह सब सिविल अस्पताल में पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मोर्चरी में रखवा मामले की सूचना पुलिस चौकी कोचर मार्किट की पुलिस को दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

हरियाणा में होली पर चलेगी तीन स्पेशल ट्रेन:गुजरात के साबरमती, महाराष्ट्र के मुंबई और पुणे तक जाएगी

हरियाणा में होली पर चलेगी तीन स्पेशल ट्रेन:गुजरात के साबरमती, महाराष्ट्र के मुंबई और पुणे तक जाएगी महाराष्ट्र और गुजरात में जॉब करने वाले हरियाणा के लोगों के लिए ​​​उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से तीन स्पेशल ट्रेन चलाई गई हैं, जिससे उनका होली पर घर आना आसान हो सकेगा। मुंबई जाने वाली ट्रेन मार्च में 7 चक्कर, गुजरात जाने वाली 7 चक्कर व पुणे वाली ट्रेन 4 ट्रिप लगाएगी। सुबह 10 बजे चलेगी मुंबई सेंट्रल के लिए ट्रेन
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार गाडी संख्या 09003, मुंबई सेंट्रल-दिल्ली द्वि-साप्ताहिक स्पेशल रेलसेवा 7 मार्च से 28 मार्च तक (7 ट्रिप) लगाएगी। जो मुंबई सेंट्रल से मंगलवार व शुक्रवार को 10.30 बजे रवाना होकर बुधवार व शनिवार को 10.00 बजे दिल्ली पहुंचेगी। इसी प्रकार गाडी संख्या 09004, दिल्ली-मुंबई सेंट्रल द्वि-साप्ताहिक स्पेशल रेलसेवा 8 मार्च से 29 मार्च तक (7 ट्रिप) दिल्ली से बुधवार व शनिवार को दोपहर 1.05 बजे रवाना होकर वीरवार व रविवार को डेढ़ बजे मुंबई सेंट्रल पहुंचेगी। ट्रेन रास्ते में बोरीवली, वापी, वलसाड, उधना, वडोदरा, साबरमती, महेसाना, पालनपुर, आबूरोड, पिंडवाड़ा, फालना, मारवाड, ब्यावर, अजमेर, किशनगढ़ ,जयपुर, गांधी नगर जयपुर, बांदीकुई, अलवर, रेवाड़ी, गुरुग्राम व दिल्ली कैंट स्टेशनों पर ठहराव करेगी, जिसमें 4 सेकंड एसी, 10 थर्ड एसी, 2 गार्ड डिब्बे सहित कुल 16 डिब्बे होंगे। 9 मार्च से जा सकेंगे साबरमती
गाडी संख्या 09425, साबरमती-हरिद्वार द्वि-साप्ताहिक स्पेशल रेलसेवा 9 मार्च से 30 मार्च तक (7 ट्रिप) साबरमती से वीरवार व रविवार शाम 5 :20 बजे रवाना होकर शुक्रवार व सोमवार को शाम 5 बजे हरिद्वार पहुंचेगी। इसी प्रकार गाड़ी संख्या 09426, हरिद्वार-साबरमती द्वि-साप्ताहिक स्पेशल रेलसेवा 10 मार्च से 31 मार्च तक (07 ट्रिप) हरिद्वार से शुक्रवार व सोमवार को रात 9 बजे रवाना होकर शनिवार व मंगलवार को रात साढ़े 10 बजे साबरमती पहुंचेगी। ट्रेन रास्ते में महेसाना, पालनपुर, आबूरोड, पिंडवाड़ा, फालना, मारवाड जं., ब्यावर, अजमेर, किषनगढ, जयपुर, गांधीनगर जयपुर, बांदीकुई, अलवर, रेवाड़ी, गुरुग्राम, दिल्ली कैंट, दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ सिटी, मुजफ्फरनगर व रुड़की स्टेशनों पर ठहराव करेगी, जिसमें 1 सेकंड एसी, 5 थर्ड एसी, 12 द्वितीय शयनयान, 2 साधारण श्रेणी व 2 गार्ड डिब्बे सहित कुल 22 डिब्बे होंगे। हिसार से पुणे जाएगी ट्रेन
गाडी संख्या 04725, हिसार-हडपसर साप्ताहिक स्पेशल रेलसेवा 9 मार्च से 30 मार्च तक (4 ट्रिप) हिसार से रविवार सुबह 5.50 बजे रवाना होकर सोमवार को सुबह 10.45 बजे हडपसर पहुंचेगी। इसी प्रकार गाडी संख्या 04726, हडपसर-हिसार साप्ताहिक स्पेशल रेलसेवा 10 मार्च से 31 मार्च तक (04 ट्रिप) हडपसर से सोमवार को शाम 5 बजे रवाना होकर मंगलवार को रात 10:25 बजे हिसार पहुंचेगी। जो रास्ते में सादुलपुर, लोहारू, चिडावा, झुंझुनू, नवलगढ़, सीकर, रींगस, जयपुर, दुर्गापुरा, सवाई माधोपुर, कोटा, भवानी मंडी, नागदा, रतलाम, गोधरा, वडोदरा, भरूच, उधना, वापी, बसईरोड, कल्याण, लोणावला, चिंचवड व पुणे स्टेशनों पर ठहराव करेगी, जिसमें 2 सेकंड एसी, 4 थर्ड एसी, 8 द्वितीय शयनयान, 4 साधारण श्रेणी व 1 पॉवरकार व 1 गार्ड डिब्बे सहित कुल 20 डिब्बे होंगे।

महाकुंभ 2025: आस्था के साथ आर्थिक संजीवनी, नाविक समाज की बदली तकदीर, संवर गई जिंदगी

महाकुंभ 2025: आस्था के साथ आर्थिक संजीवनी, नाविक समाज की बदली तकदीर, संवर गई जिंदगी <p style=”text-align: justify;”><strong>Mahakumbh 2025:</strong> प्रयागराज का महाकुंभ 2025 सिर्फ आध्यात्मिक महोत्सव नहीं रहा, बल्कि इसने हजारों गरीब और वंचित लोगों की ज़िंदगी बदल दी. इस बार महाकुंभ ने नाविक समाज की झोली खुशियों से भर दी. जहां एक ओर करोड़ों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाकर मोक्ष की कामना कर रहे थे, वहीं नाविक समाज के लोगों ने इस महाकुंभ के जरिए अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का अवसर पा लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रयागराज नाविक संघ के अध्यक्ष पप्पू लाल निषाद के अनुसार, इस बार डेढ़ करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने नाव से संगम में स्नान किया. इसके लिए 4500 से अधिक नावें लगातार चलती रहीं, जिनमें कम से कम 13,000 नाविक कार्यरत थे. हर नाविक ने औसतन 8 से 9 लाख रुपये कमाए. इतनी बड़ी कमाई के बाद अब कई नाविक नया व्यवसाय शुरू करने की योजना बना रहे हैं, तो कई अपने घर बनाने और बच्चों की शादी के सपने पूरे करने में जुटे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बेटी की शादी से लेकर पक्के घर तक, बदली जिंदगी</strong><br />बलुआ घाट के संजीत निषाद कहते हैं कि उनकी दो बेटियों की शादी के लिए पैसे नहीं थे, लेकिन महाकुंभ में नाव चलाकर इतना कमा लिया कि अब दोनों की शादी धूमधाम से करेंगे. इसी तरह, बलवंत निषाद की पूरी जिंदगी गंगा के पानी में चप्पू चलाते गुजर गई, लेकिन सिर पर पक्की छत नहीं थी. इस बार महाकुंभ में मिली कमाई से वह अपना पक्का घर बना पाएंगे और नई नाव भी खरीदेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पहली बार सरकार ने नाविकों को विशेष प्रशिक्षण दिया, जिससे उनकी आमदनी में बड़ा इजाफा हुआ. प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह के मुताबिक, योगी सरकार ने 1000 से अधिक नाविकों को स्किल ट्रेनिंग, आपदा प्रबंधन और डिजिटल पेमेंट की ट्रेनिंग दी. इससे नाविकों को पर्यटकों के साथ बेहतर संवाद और आधुनिक तकनीकों का लाभ उठाने में मदद मिली.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/aligarh-karni-sena-protests-after-not-getting-permission-to-play-holi-in-amu-and-warns-administration-ann-2898591″>AMU में होली खेलने की अनुमति न मिलने पर करणी सेना का विरोध, प्रशासन को दी चेतावनी</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महाकुंभ आर्थिक बदलाव का माध्यम भी</strong><br />प्रयागराज का महाकुंभ केवल आस्था और परंपरा का उत्सव नहीं, बल्कि आर्थिक बदलाव की नई कहानी भी लिखता है. नाविक समाज के लिए यह सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि विकास की नई राह थी. इस महाकुंभ से उनकी जिंदगी संवर गई और अब वे नए सपने देखने लगे हैं. <a title=”महाकुंभ” href=”https://www.abplive.com/mahakumbh-mela” data-type=”interlinkingkeywords”>महाकुंभ</a> 2025 ने यह साबित कर दिया कि धार्मिक आयोजन केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं होते, बल्कि वे गरीब और वंचित वर्गों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव भी ला सकते हैं.</p>

बुग्गी खींचकर नशे के खिलाफ अलख जगा रहा पहलवान:अखाड़ा छोड़कर सड़क पर उतरा, जींद से कुरुक्षेत्र पहुंचा; बोले-म्हारी संस्कृति म्ह नशा कोनी

बुग्गी खींचकर नशे के खिलाफ अलख जगा रहा पहलवान:अखाड़ा छोड़कर सड़क पर उतरा, जींद से कुरुक्षेत्र पहुंचा; बोले-म्हारी संस्कृति म्ह नशा कोनी हरियाणा की माटी के कई पहलवान दुनिया भर में अपना दम दिखा चुके हैं। फिर बात देसी अखाड़े की हो या ओलिंपिक की, दुनिया म्हारे खेल की कायल है। मगर हरियाणा का एक पहलवान अखाड़े में नहीं, बल्कि सड़कों पर संघर्ष कर रहा है, क्योंकि उसने नशे की अंधेरी दुनिया के खिलाफ अनूठी लड़ाई छेड़ दी है। जींद जिले के ऐंचरा कलां गांव के पहलवान रविंद्र तोमर अपना कामकाज और पहलवानी छोड़कर नशे के खिलाफ युवाओं को जागरूक करने के लिए बुग्गी लेकर निकले हैं। उनकी बुग्गी के आगे कोई बैल, घोड़ा या झोटा नहीं है, बल्कि रविंद्र खुद उस बुग्गी को खींच रहे हैं। इस बुग्गी से रविंद्र युवाओं को नशे से दूर रहने का मैसेज दे रहे हैं। सड़कों पर रविंद्र को बुग्गी खींचते देख बच्चों से लेकर बुजुर्ग से तक उनकी तरफ अट्रैक्ट हाे रहे हैं। रविंद्र कई तरह की शायरी के साथ उनको नशे से दूर रहने के लिए जागरूक करते हैं। युवा भी उनके जज्बे को देखकर नशे से दूर रहने के साथ अपने दोस्त, रिश्तेदार और पड़ोसियों को समझाने का भरोसा दिला रहे हैं। युवाओं ने किया स्वागत रविंद्र बुग्गी खींचते हुए पिहोवा के सरस्वती तीर्थ पर पहुंचे, तो कई संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद रविंद्र अगले पड़ाव गुहला-चीका रोड पर मोरथली गांव पहुंचे, तो यहां उनको बुग्गी खींचते देखकर बच्चे उनके लिए पानी लेकर आ गए। रात रुकने के बाद रविंद्र सुबह इस्माइलाबाद के लिए रवाना हो गए। भाई की मौत ने झकझोरा रविंद्र तोमर ने कहा, मैं सफीदों के MLA रहे बचन सिंह का बॉडी गार्ड रहा हूं। मैं इस जॉब की वजह से ज्यादातर अपने घर से दूर रहता था। इस दौरान उसका चचेरा भाई नशे की लत में पड़ गया। मैंने अपनी आंखों के सामने अपने छोटे भाई को बर्बाद होते देखा। लाख समझाया, पर वो नशे की दलदल से बाहर नहीं निकल पाया। जिस भाई के साथ खेल-कूद कर बड़ा हुआ, उसने मेरे सामने छोटी-सी उम्र में दुनिया को छोड़ दिया। नशे की लत से बहुत से परिवार अपने लाल को खो चुके हैं। इसलिए मैंने ठान लिया कि अब ये जहर और नहीं फैलने दूंगा। इसलिए मैंने नशे के खिलाफ अलख जगाने के लिए 4 फरवरी से अपना मिशन नशा मुक्त हरियाणा, दूध-दही का खाना शुरू कर दिया। लोग दे रहे हौसला रविंद्र के मुताबिक, वे रात को इस बुग्गी में सो जाते हैं। हालांकि कई बार लोग उनके रहने का ठिकाना अपने पास बना देते हें। जहां भी बच्चे और यूथ उनको इकट्ठा या खेलते दिखते हैं, वे उनके पास जाकर उनको नशे के खतरों के बारे में बताते हैं। उनको खेलों के प्रति प्रेरित करते हैं। इन लोगों को देखकर उनका हौसला बढ़ रहा है। पूरे समाज की लड़ाई – रविंद्र रविंद्र का मानना है कि यह लड़ाई उनकी नहीं है, बल्कि पूरे समाज की है। नशा करना म्हारी संस्कृति और परंपरा में नहीं है। अगर हम सब मिलकर अपने घर, अपने गांव, अपने दोस्तों को बचाने की ठान लें, तो हरियाणा से नशे का नामोनिशान मिट जाएगा।

हरियाणा में आज 10वीं की हिंदी परीक्षा:2.74 लाख विद्यार्थी देंगे पेपर, 12वीं फाइन आर्ट्स एग्जाम में 9 नकलची पकड़े गए

हरियाणा में आज 10वीं की हिंदी परीक्षा:2.74 लाख विद्यार्थी देंगे पेपर, 12वीं फाइन आर्ट्स एग्जाम में 9 नकलची पकड़े गए हरियाणा में शुक्रवार को 10वीं कक्षा का हिंदी का पेपर होगा। परीक्षा में प्रदेशभर से कुल 2 लाख 74 हजार 295 विद्यार्थी शामिल होंगे। जबकि गुरुवार को हुई 12वीं कक्षा की फाइन आर्ट की परीक्षा में 9 नकलची पकड़े गए। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. मुनीष नागपाल ने बताया कि 7 मार्च को होने वाली सेकेंडरी (शैक्षिक/मुक्त विद्यालय) की हिंदी विषय की परीक्षा में 274295 विद्यार्थी और डीएलएड (रि-अपीयर/मर्सी चांस) हिंदी भाषा शिक्षण शास्त्र की परीक्षा में 442 विद्यार्थी-अध्यापक शामिल होंगे। ये किए गए इंतजाम नूंह में नकल रोकने के लिए परीक्षा केंद्रों की दीवारों पर कंटीले तार लगाए गए थे। इन दीवारों पर चढ़कर अंदर परीक्षा दे रहे छात्रों तक चिटें पहुंचाई जा रही थीं। कुरुक्षेत्र में नकल रोकने के लिए छात्रों के जूते उतरवाए गए। इसके अलावा शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा से पहले नकल रोकने के लिए शपथ पत्र भी लिए। इसमें पूछा गया कि उनके केंद्र पर उनका कोई रिश्तेदार, परिचित या खून का रिश्ता तो नहीं है। सोनीपत में सीसीटीवी कैमरों से भी बच्चों पर नजर रखी गई। नकल के 9 मामले सामने आए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि 12वीं फाइन आर्ट्स और डीएलएड विषय की परीक्षा में अनुचित साधनों के कुल 9 मामले दर्ज किए गए। सीनियर सेकेंडरी (शैक्षिक) ललित कला विषय की परीक्षा में 17961 छात्र-अध्यापक तथा डीएलएड (रि-अपीयर/मर्सी चांस) परीक्षा में 1249 छात्र-अध्यापक शामिल हुए। उड़नदस्तों द्वारा अनुचित साधन के 6 मामले बोर्ड अध्यक्ष के उड़नदस्ते ने जिला हिसार के विभिन्न परीक्षा केंद्रों का अचानक निरीक्षण किया, जहां नकल का मामला दर्ज किया। बोर्ड सचिव के स्वयं के उड़नदस्ते ने जिला रोहतक के विभिन्न परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया। जहां अनुचित साधन प्रयोग के 2 केस पकड़े। नकल पर अकुंश लगाने के प्रदेश में गठित अन्य उड़नदस्तों द्वारा अनुचित साधन के 6 मामले दर्ज किए गए।

हिमाचल में 10 दिन से 4000 पटवारी-कानूनगो स्ट्राइक पर:हजारों लोग परेशान, छात्रों को नहीं मिल रहे सर्टिफिकेट, सरकार झुकने को तैयार नहीं

हिमाचल में 10 दिन से 4000 पटवारी-कानूनगो स्ट्राइक पर:हजारों लोग परेशान, छात्रों को नहीं मिल रहे सर्टिफिकेट, सरकार झुकने को तैयार नहीं हिमाचल प्रदेश में 4000 से ज्यादा पटवारी कानूनगो 10 दिन से हड़ताल पर है। राज्य सरकार भी इनके आगे नहीं झुक रही। पटवारी कानूनगो भी मांगे माने बगैर काम पर लौटने को तैयार नहीं है। इससे रोजाना हजारों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश के पटवार और कानूनगो सर्किल दफ्तरों में 25 फरवरी से ताले लटके हुए हैं। इससे राजस्व विभाग के माध्यम से मिलने वाली 39 तरह की सेवाएं लोगों को नहीं मिल रही। छात्रों को विभिन्न प्रकार के सर्टिफिकेट नहीं मिल पा रहे। इससे बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं, काउंसलिंग और एडमिशन में भाग नहीं ले पा रहे। छात्रों को नहीं मिल रहे ये प्रमाण पत्र गौरतलब है कि काउंसलिंग, एडमिशन और अलग अलग पेपर के लिए हिमाचली बोनाफाइड, इनकम, लैंड-लेस, जाति प्रमाण पत्र, ओबीसी जैसे सर्टिफिकेट की जरूरत होती है। मगर पटवारी-कानूनगो के स्ट्राइक पर जाने से बच्चों को ये सर्टिफिकेट नहीं मिल पा रहे। स्टेट कैडर बनाए जाने से पटवारी-कानूनगो नाराज बता दें कि पटवारी-कानूनगो स्टेट कैडर बनाए जाने से नाराज है, क्योंकि जब इनकी भर्ती हुई थी तब इनके भर्ती एवं पदोन्नति नियम जिला कैडर के थे। राज्य सरकार ने अब इन्हें स्टेट कैडर बनाया है। इसी तरह पटवारी-कानूनगो सभी दफ्तरों में बिजली, पानी, कंप्यूटर, वाइ-फाई जैसी मूलभूत सुविधाएं मांग रहे हैं। कैडर स्ट्रैंथ के हिसाब से प्रमोशन मिले पटवारी-कानूनगो एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने बताया कि पटवारी-कानूनगो पदोन्नति में भेदभाव को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। पटवारी-कानूनगो को अभी 60% प्रमोशन अवसर मिल रहे है, जबकि मिनिस्ट्रियल स्टाफ को 120% पदोन्नति के अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने प्रमोशन कैडर स्ट्रैंथ के हिसाब से देने की मांग की। उन्होंने बताया कि जब तक उनकी मांगे नहीं मान ली जाती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। 39 प्रकार की सेवाएं प्रभावित हो रही राजस्व विभाग के माध्यम से मिलने वाली 39 प्रकार की सेवाएं आज ठप पड़ी है। इनकी हड़ताल से रजिस्ट्री, डिमार्केशन, इंतकाल, तकसीम, गिरदावरी और बैंक की केसीसी रिपोर्ट के अलावा विभिन्न प्रकार के सर्टिफिकेट जैसी सेवाएं नहीं मिल पा रही है। पहले भी हड़ताल कर चुके राज्य सरकार ने बीते साल पटवारी-कानूनगो को स्टेट कैडर में डालने का फैसला लिया था। तब भी हिमाचल संयुक्त पटवार एवं कानूनगो संघ ने एक सप्ताह से अधिक समय तक अनिश्चितकालीन हड़ताल की थी। सरकार के आश्वासन पर इन्होंने अपनी हड़ताल को खत्म किया था। स्टेट कैडर बनाने से क्या असर राज्य सरकार द्वारा पटवारी और कानून को स्टेट कैडर बनाने के बाद अब इनकी ट्रांसफर जिला से बाहर राज्य में कहीं भी की जा सकेगी, जबकि जिला कैडर में जिला से बाहर ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।