Bapu Surat Singh Khalsa Death: आठ साल से भूख हड़ताल कर रहे बापू सूरत सिंह खालसा का निधन, जानें क्या थी उनकी मांग!

Bapu Surat Singh Khalsa Death: आठ साल से भूख हड़ताल कर रहे बापू सूरत सिंह खालसा का निधन, जानें क्या थी उनकी मांग!

<p style=”text-align: justify;”><strong>Bapu Surat Singh Khalsa Passes Away:</strong> सिख कार्यकर्ता बापू सूरत सिंह खालसा का निधन हो गया. वह 8 साल से अधिक समय तक भूख हड़ताल करने के लिए मशहूर थे, उनकी भूख हड़ताल बंदी सिखों की रिहाई की मांग को लेकर थी. यह सिख वे थे जो अपनी सजा पूरी करने के बावजूद 30 साल से अधिक समय तक जेलों में बंद थे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>बापू सूरत सिंह ने 16 जनवरी, 2015 को 82 वर्ष की आयु में लुधियाना के अपने गांव हसनपुर में भूख हड़ताल शुरू की थी. उनका यह विरोध प्रदर्शन भारतीय आधुनिक इतिहास में सबसे लंबे समय तक चलने वाले शांतिपूर्ण आंदोलनों में से एक बन गया.&nbsp;<br /><br /><strong>सरकार से बंदी सिखों की रिहाई की मांग</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बापू सूरत सिंह ने अपनी भूख हड़ताल के माध्यम से सिख समुदाय के अधिकारों के लिए आवाज उठाई और सरकार से बंदी सिखों की रिहाई की मांग की. उनके संघर्ष ने देशभर में सिखों के अधिकारों को लेकर जागरूकता पैदा की और उन्हें एक प्रतीक के रूप में सम्मानित किया गया. उनके निधन से सिख समुदाय में शोक की लहर है, और उनका नाम हमेशा उनके संघर्ष और बलिदान के लिए याद रखा जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”लुधियाना में पतंगबाजी को लेकर दो गुटों में खूनी संघर्ष, हमले में बुजुर्ग की मौत” href=”https://www.abplive.com/states/punjab/ludhiana-clash-between-two-groups-over-kite-flying-on-makar-sankranti-one-death-ann-2863031″ target=”_self”>लुधियाना में पतंगबाजी को लेकर दो गुटों में खूनी संघर्ष, हमले में बुजुर्ग की मौत</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bapu Surat Singh Khalsa Passes Away:</strong> सिख कार्यकर्ता बापू सूरत सिंह खालसा का निधन हो गया. वह 8 साल से अधिक समय तक भूख हड़ताल करने के लिए मशहूर थे, उनकी भूख हड़ताल बंदी सिखों की रिहाई की मांग को लेकर थी. यह सिख वे थे जो अपनी सजा पूरी करने के बावजूद 30 साल से अधिक समय तक जेलों में बंद थे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>बापू सूरत सिंह ने 16 जनवरी, 2015 को 82 वर्ष की आयु में लुधियाना के अपने गांव हसनपुर में भूख हड़ताल शुरू की थी. उनका यह विरोध प्रदर्शन भारतीय आधुनिक इतिहास में सबसे लंबे समय तक चलने वाले शांतिपूर्ण आंदोलनों में से एक बन गया.&nbsp;<br /><br /><strong>सरकार से बंदी सिखों की रिहाई की मांग</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बापू सूरत सिंह ने अपनी भूख हड़ताल के माध्यम से सिख समुदाय के अधिकारों के लिए आवाज उठाई और सरकार से बंदी सिखों की रिहाई की मांग की. उनके संघर्ष ने देशभर में सिखों के अधिकारों को लेकर जागरूकता पैदा की और उन्हें एक प्रतीक के रूप में सम्मानित किया गया. उनके निधन से सिख समुदाय में शोक की लहर है, और उनका नाम हमेशा उनके संघर्ष और बलिदान के लिए याद रखा जाएगा.</p>
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