<p style=”text-align: justify;”><strong>Basti News:</strong> यूपी के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक लगातार अस्पतालों के निरीक्षण कर रहे हैं,बैठक में सख्त निर्देश दे रहे हैं लेकिन मंत्री जी के निर्देशों का जमीनी स्तर पर क्या कुछ असर है इसका जीता जागता उदाहरण बस्ती में देखने को मिला है. मेडिकल कॉलेज कैली में मुफ्त में अल्ट्रासाउंड होने के बाद भी डॉक्टर मरीजों को पर्ची लिखकर निजी सेंटर भेज देते हैं. मरीज को स्ट्रेचर पर लेकर तीमारदार 1 किलोमीटर दूर अल्ट्रासाउंड कराने के लिए ले जाते है. इसका वीडियो सामने आने के बाद मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य मनोज ने तत्काल ही डॉक्टर को निलंबित कर जांच बैठा दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तर प्रदेश के गरीब लोगों के लिए योगी सरकार निः शुल्क सुविधा में उपचार देने का दावा कर रही है लेकिन बस्ती मेडिकल कॉलेज से जो तस्वीर सामने आई है वह कुछ और बयां कर रही है.<br />मामला कैली मेडिकल कॉलेज से सामने आया है, जहां मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर ने मरीज को स्ट्रेचर पर लिटा कर 1 किलोमीटर दूर निजी सेंटर पर अल्ट्रासाउंड के लिए भेज दिया. हालांकि मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने मेडिकल कॉलेज में अल्ट्रासाउंड मशीन की व्यवस्था को ठीक बताया है. लोगों का आरोप है कि डॉक्टर को केवल अपने कमीशन से मतलब है, उन्हें जनता के स्वास्थ्य से कोई मतलब नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>परिजन बोले-डॉक्टर को केवल कमीशन से मतलब</strong><br />दरअसल मरीज दुर्गेश कुमार उम्र 25 वर्ष को पेट में दर्द और सूजन होने के कारण परिवार के सदस्य इमरजेंसी लेकर पहुंचते हैं. प्राथमिक उपचार के बाद मरीज के घर वालों को अल्ट्रासाउंड के लिए कैली से जिला अस्पताल रोड एपेक्स डायग्नोस्टिक सेंटर पर कार्ड देकर भेज दिया जाता है. मरीज दिनेश कुमार के पास रुपये की व्यवस्था ना रहने के कारण परिवार के लोगों को एक किलोमीटर दूर जिला अस्पताल रोड पर प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर जांच करवाने के लिए कैली अस्पताल से स्टेचर पर ले जाना पड़ा. मरीज के परिवार वालों का आरोप है कि डॉक्टर कमीशन के चक्कर में बाहर मरीज को अल्ट्रासाउंड के लिए भेज देते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं इस पूरे मामले पर जब मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य मनोज से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. मामला संज्ञान में आते ही डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया है. डॉक्टर के खिलाफ जांच टीम गठित कर दिया गया है. जांच में जो भी तथ्य सामने आयेंगे, उसी के हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>(मोहम्मद शादाब की रिपोर्ट)</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/aligarh-farmer-news-farmers-will-get-compensation-for-bad-crops-ann-2783651″><strong>UP News: नंबर डायल करने से किसानों को मिलेगा खराब फसल मुआवजा! बीमा कंपनी देगी ये खास सुविधा</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Basti News:</strong> यूपी के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक लगातार अस्पतालों के निरीक्षण कर रहे हैं,बैठक में सख्त निर्देश दे रहे हैं लेकिन मंत्री जी के निर्देशों का जमीनी स्तर पर क्या कुछ असर है इसका जीता जागता उदाहरण बस्ती में देखने को मिला है. मेडिकल कॉलेज कैली में मुफ्त में अल्ट्रासाउंड होने के बाद भी डॉक्टर मरीजों को पर्ची लिखकर निजी सेंटर भेज देते हैं. मरीज को स्ट्रेचर पर लेकर तीमारदार 1 किलोमीटर दूर अल्ट्रासाउंड कराने के लिए ले जाते है. इसका वीडियो सामने आने के बाद मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य मनोज ने तत्काल ही डॉक्टर को निलंबित कर जांच बैठा दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तर प्रदेश के गरीब लोगों के लिए योगी सरकार निः शुल्क सुविधा में उपचार देने का दावा कर रही है लेकिन बस्ती मेडिकल कॉलेज से जो तस्वीर सामने आई है वह कुछ और बयां कर रही है.<br />मामला कैली मेडिकल कॉलेज से सामने आया है, जहां मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर ने मरीज को स्ट्रेचर पर लिटा कर 1 किलोमीटर दूर निजी सेंटर पर अल्ट्रासाउंड के लिए भेज दिया. हालांकि मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने मेडिकल कॉलेज में अल्ट्रासाउंड मशीन की व्यवस्था को ठीक बताया है. लोगों का आरोप है कि डॉक्टर को केवल अपने कमीशन से मतलब है, उन्हें जनता के स्वास्थ्य से कोई मतलब नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>परिजन बोले-डॉक्टर को केवल कमीशन से मतलब</strong><br />दरअसल मरीज दुर्गेश कुमार उम्र 25 वर्ष को पेट में दर्द और सूजन होने के कारण परिवार के सदस्य इमरजेंसी लेकर पहुंचते हैं. प्राथमिक उपचार के बाद मरीज के घर वालों को अल्ट्रासाउंड के लिए कैली से जिला अस्पताल रोड एपेक्स डायग्नोस्टिक सेंटर पर कार्ड देकर भेज दिया जाता है. मरीज दिनेश कुमार के पास रुपये की व्यवस्था ना रहने के कारण परिवार के लोगों को एक किलोमीटर दूर जिला अस्पताल रोड पर प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर जांच करवाने के लिए कैली अस्पताल से स्टेचर पर ले जाना पड़ा. मरीज के परिवार वालों का आरोप है कि डॉक्टर कमीशन के चक्कर में बाहर मरीज को अल्ट्रासाउंड के लिए भेज देते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं इस पूरे मामले पर जब मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य मनोज से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. मामला संज्ञान में आते ही डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया है. डॉक्टर के खिलाफ जांच टीम गठित कर दिया गया है. जांच में जो भी तथ्य सामने आयेंगे, उसी के हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>(मोहम्मद शादाब की रिपोर्ट)</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/aligarh-farmer-news-farmers-will-get-compensation-for-bad-crops-ann-2783651″><strong>UP News: नंबर डायल करने से किसानों को मिलेगा खराब फसल मुआवजा! बीमा कंपनी देगी ये खास सुविधा</strong></a></p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दिग्विजय सिंह का BJP के सदस्यता अभियान पर बड़ा आरोप, कहा- ‘छात्रों से कराया मिसकॉल फिर…’