<p style=”text-align: justify;”><strong>Belagnj Mohammad Amjad:</strong> हिंदी में एक कहावत है, ‘सिर मुंडाते ही ओले पड़े’. तो अब यही हाल कुछ-कुछ रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर का हो गया है. जिन्हें चुनावी मैदान में उतरने के साथ ही इतने यू-टर्न लेने पड़े हैं कि अब तो बिहार के लोग ही पूछने लगे हैं कि पार्टनर, तुम्हारी पॉलिटिक्स क्या है? 2 अक्टूबर को अपनी नई राजनीतिक पार्टी लॉन्च करने के साथ ही प्रशांत किशोर ने ये साफ कर दिया था कि विधानसभा चुनाव के लिए वो और उनकी पार्टी 2025 के विधानसभा चुनाव का इंतजार नहीं करेंगे. बल्कि 2024 में ही जिन चार विधानसभा सीटों पर जो उपचुनाव होने हैं, उसी में अपनी राजनीतिक ताकत को आजमाया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दो सीटों पर क्यों करना पड़ा बदलाव?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रशांत किशोर ने बिहार की चार विधानसभा सीटों तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज के लिए अपने या कहिए कि जन सुराज के प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया, लेकिन चार में से दो सीटों पर प्रशांत किशोर को अपने उम्मीदवारों में बदलाव करना पड़ा. पहली सीट है कैमूर की तरारी, जहां पहले लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह को प्रशांत किशोर ने उम्मीदवार बनाया था. उनकी उम्मीदवारी का ऐलान करते हुए प्रशांत किशोर बेहद जोश में थे और बता रहे थे कि लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह की पढ़ाई-लिखाई क्या है और कैसे वो सेना के उप थल सेना प्रमुख रहे हैं, जो चुनाव जीतने के बाद तरारी की किस्मत ही बदल देंगे, लेकिन लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह का नाम बिहार के वोटर लिस्ट में था ही नहीं, लिहाजा चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक वो विधानसभा में प्रत्याशी नहीं बन पाए और उनकी जगह अब किरण देवी चुनाव लड़ रही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं बेलागंज सीट के साथ भी यही हुआ. बेलागंज से प्रशांत किशोर ने पहले मोहम्मद अमजद को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उन्होंने पैसे की कमी का हवाला देते हुए चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. तो फिर प्रशांत किशोर को उम्मीदवार बदलना पड़ा. उन्होंने प्रो. खिलाफत हुसैन को बेलागंज से उम्मीदवार बना दिया, लेकिन प्रोफेसर खिलाफत हुसैन ने भी चुनाव लड़ने से इनकार दिया तो पीके को फिर से उम्मीदवार बदलना पड़ा. और अब जन सुराज की ओर से मो. अमजद ने बेलागंज से अपना नामांकन दाखिल किया है. इसको लेकर प्रशांत किशोर ने सफाई भी दी है और कहा है कि उम्मीदवार बदलना उनकी चुनावी रणनीति का एक हिस्सा भर है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>क्या सच इतना ही है. या फिर कहानी कुछ और भी है, क्योंकि जो प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में शुचिता की बात करते थे, जो प्रशांत किशोर अपनी राजनीति के जरिए बिहार को अपराध मुक्त करने की बात कर रहे थे, तेजस्वी यादव पर हमलावर होते हुए उन्हें नवीं फेल बताते थे, उन्हीं प्रशांत किशोर ने बेलागंज से जिस प्रत्याशी मोहम्मद अमजद को चुनावी मैदान में उतारा है, उनका हलफनामा ही बता रहा है कि प्रशांत किशोर की राजनीति क्या है. दरअसल चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में बेलागंज से जन सुराज के प्रत्याशी मोहम्मद अमजद ने बताया है कि उनके खिलाफ रंगदारी, मारपीट और हमले का केस दर्ज है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अगर आईपीसी की धाराओं की बात करें तो खुद मोहम्मद अमजद ने बताया है कि उनके खिलाफ हत्या की कोशिश तक के मामले दर्ज हैं और न सिर्फ बिहार में दर्ज हैं, बल्कि झारखंड के बोकारो के बेलाडीह थाने में भी उनके खिलाफ केस दर्ज है. चुनाव आयोग में दाखिल मोहम्मद अमजद का हलफनामा आप अपनी स्क्रीन पर देख सकते हैं, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मुकदमे का जिक्र किया है. बाकी उनकी पढ़ाई-लिखाई भी हाई स्कूल तक ही है और इस बात को उन्होंने खुद ही अपने हलफनामे में कबूल किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> सवालों से घिरते जा रहे प्रशांत किशोर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अब ऐसे में प्रशांत किशोर से पूछा तो जाएगा ही पार्टनर तुम्हारी पॉलिटिक्स क्या है? क्योंकि बात सिर्फ प्रत्याशी के बदलने वाले यूटर्न की नहीं है, बल्कि बात प्रत्याशी के चयन की भी है, क्योंकि राजनीति में शुचिता की बात भी तो पीके ने ही कही थी. तो क्या वो सिर्फ थ्योरी थी और प्रैक्टिकल राजनीति यही कहती है कि राजनीति में सब जायज है. अगर सब जायज है तो फिर जेडीयू, बीजेपी या आरजेडी गलत कैसे और प्रशांत किशोर सही कैसे? इसका जवाब तो पीके को कभी न कभी देना ही होगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/jan-suraaj-candidates-filed-nomination-from-imamganj-and-belaganj-prashant-kishor-on-changes-in-bihar-ann-2810053″>Bihar By Poll 2024: ‘लालू के डर से बीजेपी और BJP के डर से RJD इसी का तोड़ है जन सुराज’, नीतीश कुमार की JDU के लिए क्या बोले PK?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Belagnj Mohammad Amjad:</strong> हिंदी में एक कहावत है, ‘सिर मुंडाते ही ओले पड़े’. तो अब यही हाल कुछ-कुछ रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर का हो गया है. जिन्हें चुनावी मैदान में उतरने के साथ ही इतने यू-टर्न लेने पड़े हैं कि अब तो बिहार के लोग ही पूछने लगे हैं कि पार्टनर, तुम्हारी पॉलिटिक्स क्या है? 2 अक्टूबर को अपनी नई राजनीतिक पार्टी लॉन्च करने के साथ ही प्रशांत किशोर ने ये साफ कर दिया था कि विधानसभा चुनाव के लिए वो और उनकी पार्टी 2025 के विधानसभा चुनाव का इंतजार नहीं करेंगे. बल्कि 2024 में ही जिन चार विधानसभा सीटों पर जो उपचुनाव होने हैं, उसी में अपनी राजनीतिक ताकत को आजमाया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दो सीटों पर क्यों करना पड़ा बदलाव?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रशांत किशोर ने बिहार की चार विधानसभा सीटों तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज के लिए अपने या कहिए कि जन सुराज के प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया, लेकिन चार में से दो सीटों पर प्रशांत किशोर को अपने उम्मीदवारों में बदलाव करना पड़ा. पहली सीट है कैमूर की तरारी, जहां पहले लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह को प्रशांत किशोर ने उम्मीदवार बनाया था. उनकी उम्मीदवारी का ऐलान करते हुए प्रशांत किशोर बेहद जोश में थे और बता रहे थे कि लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह की पढ़ाई-लिखाई क्या है और कैसे वो सेना के उप थल सेना प्रमुख रहे हैं, जो चुनाव जीतने के बाद तरारी की किस्मत ही बदल देंगे, लेकिन लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह का नाम बिहार के वोटर लिस्ट में था ही नहीं, लिहाजा चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक वो विधानसभा में प्रत्याशी नहीं बन पाए और उनकी जगह अब किरण देवी चुनाव लड़ रही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं बेलागंज सीट के साथ भी यही हुआ. बेलागंज से प्रशांत किशोर ने पहले मोहम्मद अमजद को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उन्होंने पैसे की कमी का हवाला देते हुए चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. तो फिर प्रशांत किशोर को उम्मीदवार बदलना पड़ा. उन्होंने प्रो. खिलाफत हुसैन को बेलागंज से उम्मीदवार बना दिया, लेकिन प्रोफेसर खिलाफत हुसैन ने भी चुनाव लड़ने से इनकार दिया तो पीके को फिर से उम्मीदवार बदलना पड़ा. और अब जन सुराज की ओर से मो. अमजद ने बेलागंज से अपना नामांकन दाखिल किया है. इसको लेकर प्रशांत किशोर ने सफाई भी दी है और कहा है कि उम्मीदवार बदलना उनकी चुनावी रणनीति का एक हिस्सा भर है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>क्या सच इतना ही है. या फिर कहानी कुछ और भी है, क्योंकि जो प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में शुचिता की बात करते थे, जो प्रशांत किशोर अपनी राजनीति के जरिए बिहार को अपराध मुक्त करने की बात कर रहे थे, तेजस्वी यादव पर हमलावर होते हुए उन्हें नवीं फेल बताते थे, उन्हीं प्रशांत किशोर ने बेलागंज से जिस प्रत्याशी मोहम्मद अमजद को चुनावी मैदान में उतारा है, उनका हलफनामा ही बता रहा है कि प्रशांत किशोर की राजनीति क्या है. दरअसल चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में बेलागंज से जन सुराज के प्रत्याशी मोहम्मद अमजद ने बताया है कि उनके खिलाफ रंगदारी, मारपीट और हमले का केस दर्ज है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अगर आईपीसी की धाराओं की बात करें तो खुद मोहम्मद अमजद ने बताया है कि उनके खिलाफ हत्या की कोशिश तक के मामले दर्ज हैं और न सिर्फ बिहार में दर्ज हैं, बल्कि झारखंड के बोकारो के बेलाडीह थाने में भी उनके खिलाफ केस दर्ज है. चुनाव आयोग में दाखिल मोहम्मद अमजद का हलफनामा आप अपनी स्क्रीन पर देख सकते हैं, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मुकदमे का जिक्र किया है. बाकी उनकी पढ़ाई-लिखाई भी हाई स्कूल तक ही है और इस बात को उन्होंने खुद ही अपने हलफनामे में कबूल किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> सवालों से घिरते जा रहे प्रशांत किशोर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अब ऐसे में प्रशांत किशोर से पूछा तो जाएगा ही पार्टनर तुम्हारी पॉलिटिक्स क्या है? क्योंकि बात सिर्फ प्रत्याशी के बदलने वाले यूटर्न की नहीं है, बल्कि बात प्रत्याशी के चयन की भी है, क्योंकि राजनीति में शुचिता की बात भी तो पीके ने ही कही थी. तो क्या वो सिर्फ थ्योरी थी और प्रैक्टिकल राजनीति यही कहती है कि राजनीति में सब जायज है. अगर सब जायज है तो फिर जेडीयू, बीजेपी या आरजेडी गलत कैसे और प्रशांत किशोर सही कैसे? इसका जवाब तो पीके को कभी न कभी देना ही होगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/jan-suraaj-candidates-filed-nomination-from-imamganj-and-belaganj-prashant-kishor-on-changes-in-bihar-ann-2810053″>Bihar By Poll 2024: ‘लालू के डर से बीजेपी और BJP के डर से RJD इसी का तोड़ है जन सुराज’, नीतीश कुमार की JDU के लिए क्या बोले PK?</a></strong></p> बिहार UP ByPolls 2024: खैर सीट नहीं मिलने पर आरएलडी नेता का छलका दर्द, बीजेपी को लेकर कही ये बड़ी बात