कानपुर में 25 लाख का सोना हड़पने के मामले में फंसे दरोगा विजय दर्शन ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक ऑडियो पोस्ट किया। विजय दर्शन ने कहा- मैंने बरामद माल और चोर को बर्रा पुलिस के हवाले कर दिया था। अगर मैंने सोना हड़पा तो अब तक पुलिस की लिखापढ़ी में क्यों नहीं लिया है। एडिशनल पुलिस कमिश्नर तक यह ऑडियो पहुंचा है। अब ऑडियो की बात पढ़िए… मैं दरोगा विजय दर्शन बोल रहा हूं, मेरे ऊपर आरोप लगा है कि चोर को पकड़कर छोड़ दिया और 25 लाख का सोना गलाकर बेच दिया। मैं इस मामले में बताना चाहता हूं कि मेरा सस्पेंशन लेटर जिसमें लिखा है कि 10 अक्तूबर को चोर और बरामद माल बर्रा एसओ राजेश शर्मा को दिया। अगर 10 तारीख को चोर और बरामद माल दिया तो 12 तारीख तक चोर और बरामद माल को कहां रखा गया। 12 को उसकी गिरफ्तारी बर्रा थाने से दिखाई गई है। इस संबंध में भी दस्तावेज दिया। 12 अक्तूबर को उसकी बरामदगी और चोर की अरेस्टिंग थाना बर्रा से दिखाई जा रही है। जिसकी लिखापढ़ी मैं आपको भेज रहा हूं। जिसमें कहीं भी चोर ने मेरा नाम नहीं लिया है। इसके पश्चात मैं आपको 21 अक्तूबर का भी पर्चा भेज रहा हूं। जो कि माननीय न्यायालय ने सीन भी किया है। इसमें अभी तक मेरा नाम कहीं भी खोला गया है। इससे एक बात तो साफ है कि पुलिस की लिखापढ़ी में कोई भी एसा तथ्य नहीं आया जिससे कि मेरा नाम सामने आया हो और चोर को पकड़कर छोड़ दिया या फिर सोना गलवाकर बेच दिया। तीसरा तथ्य ये है कि मेरे ऊपर आरोप लगाया जा रहा है कि गाजियाबाद में तैनाती के दौरान एक जिम ट्रेनर को गोली मार दी थी। माननीय न्यायालय ने उक्त मामले में मुझे निर्दोष मानते हुए दोषमुक्त कर दिया गया। पुलिस अफसरों ने कहा कि मुझे फोर्स लीव पर भेज दिया गया था। मैं आपको अवकाश संस्तुति पत्र भेज रहा हूं। इससे साफ है कि मैं माता-पिता की तबियत खराब होने पर छुट्टी लेकर नियम से दो दिन के अवकाश पर गया था। मेरे ऊपर एक और आरोप लगा कि एनबीडब्ल्यू के आरोपी को पकड़ने के बाद छोड़ दिया गया। इस संबंध में भी विजय दर्शन ने अपने दस्तावेज दिया कि अफसरों ने जांच के बाद उन्हें क्लीनचिट दी है। जांच शुरू होते ही गैरहाजिर हुआ आरोपी दरोगा
वहीं, 25 लाख का सोना हड़पने के मामले में दरोगा का ऑडियो और विवेचना का पर्चा वायरल होने के बाद एडिशनल पुलिस कमिश्नर हरीश ने भी इसे सख्ती से लिया है। एडिशनल पुलिस कमिश्नर ने बताया कि दरोगा विजय दर्शन जांच में कॉपरेट नहीं कर रहा और अपने बयान भी दर्ज कराने नहीं आया है। इसके साथ ही सस्पेंशन के बाद लाइन में अपनी आमद भी नहीं कराई और गैर हाजिर हो गया है। विवेचना का पर्चा गोपनीय होता है इसे वायरल करना पुलिस पुलिस नियमावली का उल्लंघन है। जांच पूरी होते ही आरोपी दरोगा समेत अन्य पुलिस कर्मी पर सख्ती से एक्शन लिया जाएगा। बर्रा इंस्पेक्टर की भूमिका की जांच कर रहीं DCP साउथ
कानपुर ही नहीं यूपी में चर्चा का विषय बना ये मामला पेचीदा होता जा रहा है। कुछ दिन पहले ही स्वरूप नगर से ट्रांसफर होकर गए बर्रा इंस्पेक्टर बने राजेश शर्मा भी जांच के दायरे में हैं। उनकी भी जांच की जा रही है कि आखिर दरोगा विजय दर्शन ने आरोप लगाया है कि उन्होंने बरामद पूरा सोना और आरोपी बर्रा इंस्पेक्टर राजेश शर्मा के हवाले किया था। लेकिन DCP साउथ ने बर्रा इंस्पेक्टर के इनपुट पर ही मामले में की शिकायत पुलिस अफसरों से की थी। ये था पूरा मामला
MIG-32 बर्रा-6 में रहने वाली टीचर शालिनी दुबे के यहां 30 सितंबर को चोरी हुई। इसमें 25 लाख का सोना और 5 लाख रुपए कैश था। शालिनी के पति पीके दुबे सेना में अफसर हैं. मौजूदा समय में उनकी तैनाती सिलिगुढ़ी में है। बेटा और बेटी बाहर रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। शालिनी घर पर ताला लगाकर ड्यूटी पर स्कूल गईं थी। इस दौरान दिनदहाड़े उनके घर पर चोरी हुई। देर शाम वह घर पहुंची, तो चोरी की जानकारी हुई। उन्होंने बर्रा थाने में चोरी की एफआईआर दर्ज कराई। जांच कर रहे बर्रा इंस्पेक्टर राजेश शर्मा ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से एक चोर को अरेस्ट कर लिया। इसके बाद दूसरा चोर भी पकड़ा गया। तब चोर ने बताया कि उनके पास से 25 लाख के जेवरात तो रेल बाजार थाने के तत्कालीन SO विजय दर्शन ने ले लिया है। थानेदार समेत 5 पुलिस कर्मी हुए थे सस्पेंड
चोरी हुआ 25 लाख का सोना बरामद करने और फिर गलाकर बेचने के मामले में पुलिस ने रेल बाजार SO विजय दर्शन, अंडर ट्रेनिंग दरोगा नीरज श्रीवास्तव, हेड कॉन्स्टेबल सुभाष तिवारी और हेड कॉन्स्टेबल आमिल हाफिज व आकश को सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही पूरे मामले में जांच बैठा दी है। जांच पूरी होते ही पुलिस कमिश्नर दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ बड़ा एक्शन ले सकते हैं। कानपुर में 25 लाख का सोना हड़पने के मामले में फंसे दरोगा विजय दर्शन ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक ऑडियो पोस्ट किया। विजय दर्शन ने कहा- मैंने बरामद माल और चोर को बर्रा पुलिस के हवाले कर दिया था। अगर मैंने सोना हड़पा तो अब तक पुलिस की लिखापढ़ी में क्यों नहीं लिया है। एडिशनल पुलिस कमिश्नर तक यह ऑडियो पहुंचा है। अब ऑडियो की बात पढ़िए… मैं दरोगा विजय दर्शन बोल रहा हूं, मेरे ऊपर आरोप लगा है कि चोर को पकड़कर छोड़ दिया और 25 लाख का सोना गलाकर बेच दिया। मैं इस मामले में बताना चाहता हूं कि मेरा सस्पेंशन लेटर जिसमें लिखा है कि 10 अक्तूबर को चोर और बरामद माल बर्रा एसओ राजेश शर्मा को दिया। अगर 10 तारीख को चोर और बरामद माल दिया तो 12 तारीख तक चोर और बरामद माल को कहां रखा गया। 12 को उसकी गिरफ्तारी बर्रा थाने से दिखाई गई है। इस संबंध में भी दस्तावेज दिया। 12 अक्तूबर को उसकी बरामदगी और चोर की अरेस्टिंग थाना बर्रा से दिखाई जा रही है। जिसकी लिखापढ़ी मैं आपको भेज रहा हूं। जिसमें कहीं भी चोर ने मेरा नाम नहीं लिया है। इसके पश्चात मैं आपको 21 अक्तूबर का भी पर्चा भेज रहा हूं। जो कि माननीय न्यायालय ने सीन भी किया है। इसमें अभी तक मेरा नाम कहीं भी खोला गया है। इससे एक बात तो साफ है कि पुलिस की लिखापढ़ी में कोई भी एसा तथ्य नहीं आया जिससे कि मेरा नाम सामने आया हो और चोर को पकड़कर छोड़ दिया या फिर सोना गलवाकर बेच दिया। तीसरा तथ्य ये है कि मेरे ऊपर आरोप लगाया जा रहा है कि गाजियाबाद में तैनाती के दौरान एक जिम ट्रेनर को गोली मार दी थी। माननीय न्यायालय ने उक्त मामले में मुझे निर्दोष मानते हुए दोषमुक्त कर दिया गया। पुलिस अफसरों ने कहा कि मुझे फोर्स लीव पर भेज दिया गया था। मैं आपको अवकाश संस्तुति पत्र भेज रहा हूं। इससे साफ है कि मैं माता-पिता की तबियत खराब होने पर छुट्टी लेकर नियम से दो दिन के अवकाश पर गया था। मेरे ऊपर एक और आरोप लगा कि एनबीडब्ल्यू के आरोपी को पकड़ने के बाद छोड़ दिया गया। इस संबंध में भी विजय दर्शन ने अपने दस्तावेज दिया कि अफसरों ने जांच के बाद उन्हें क्लीनचिट दी है। जांच शुरू होते ही गैरहाजिर हुआ आरोपी दरोगा
वहीं, 25 लाख का सोना हड़पने के मामले में दरोगा का ऑडियो और विवेचना का पर्चा वायरल होने के बाद एडिशनल पुलिस कमिश्नर हरीश ने भी इसे सख्ती से लिया है। एडिशनल पुलिस कमिश्नर ने बताया कि दरोगा विजय दर्शन जांच में कॉपरेट नहीं कर रहा और अपने बयान भी दर्ज कराने नहीं आया है। इसके साथ ही सस्पेंशन के बाद लाइन में अपनी आमद भी नहीं कराई और गैर हाजिर हो गया है। विवेचना का पर्चा गोपनीय होता है इसे वायरल करना पुलिस पुलिस नियमावली का उल्लंघन है। जांच पूरी होते ही आरोपी दरोगा समेत अन्य पुलिस कर्मी पर सख्ती से एक्शन लिया जाएगा। बर्रा इंस्पेक्टर की भूमिका की जांच कर रहीं DCP साउथ
कानपुर ही नहीं यूपी में चर्चा का विषय बना ये मामला पेचीदा होता जा रहा है। कुछ दिन पहले ही स्वरूप नगर से ट्रांसफर होकर गए बर्रा इंस्पेक्टर बने राजेश शर्मा भी जांच के दायरे में हैं। उनकी भी जांच की जा रही है कि आखिर दरोगा विजय दर्शन ने आरोप लगाया है कि उन्होंने बरामद पूरा सोना और आरोपी बर्रा इंस्पेक्टर राजेश शर्मा के हवाले किया था। लेकिन DCP साउथ ने बर्रा इंस्पेक्टर के इनपुट पर ही मामले में की शिकायत पुलिस अफसरों से की थी। ये था पूरा मामला
MIG-32 बर्रा-6 में रहने वाली टीचर शालिनी दुबे के यहां 30 सितंबर को चोरी हुई। इसमें 25 लाख का सोना और 5 लाख रुपए कैश था। शालिनी के पति पीके दुबे सेना में अफसर हैं. मौजूदा समय में उनकी तैनाती सिलिगुढ़ी में है। बेटा और बेटी बाहर रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। शालिनी घर पर ताला लगाकर ड्यूटी पर स्कूल गईं थी। इस दौरान दिनदहाड़े उनके घर पर चोरी हुई। देर शाम वह घर पहुंची, तो चोरी की जानकारी हुई। उन्होंने बर्रा थाने में चोरी की एफआईआर दर्ज कराई। जांच कर रहे बर्रा इंस्पेक्टर राजेश शर्मा ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से एक चोर को अरेस्ट कर लिया। इसके बाद दूसरा चोर भी पकड़ा गया। तब चोर ने बताया कि उनके पास से 25 लाख के जेवरात तो रेल बाजार थाने के तत्कालीन SO विजय दर्शन ने ले लिया है। थानेदार समेत 5 पुलिस कर्मी हुए थे सस्पेंड
चोरी हुआ 25 लाख का सोना बरामद करने और फिर गलाकर बेचने के मामले में पुलिस ने रेल बाजार SO विजय दर्शन, अंडर ट्रेनिंग दरोगा नीरज श्रीवास्तव, हेड कॉन्स्टेबल सुभाष तिवारी और हेड कॉन्स्टेबल आमिल हाफिज व आकश को सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही पूरे मामले में जांच बैठा दी है। जांच पूरी होते ही पुलिस कमिश्नर दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ बड़ा एक्शन ले सकते हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर