IIT-BHU गैंगरेप के आरोपियों को कैसे मिली जमानत:पीड़ित लड़की को धमकाएंगे, सबूत मिटाने की कोशिश करेंगे…कोर्ट में साबित नहीं कर पाए IIT-BHU गैंगरेप के आरोपी जेल से बाहर आकर पीड़ित लड़की को धमकाएंगे या सबूत मिटाने की कोशिश करेंगे…पीड़ित पक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट में ये साबित नहीं कर पाया। कमजोर पैरवी की वजह से 2 आरोपियों को जमानत मिल गई। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2 जुलाई को आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और 4 जुलाई को कुणाल पांडेय को जमानत दी। वाराणसी जिला जेल से कुणाल की 24 और आनंद की 29 अगस्त को रिहाई हुई। जमानत की शर्तें पूरा करने में आरोपियों को करीब 2 महीने का समय लग गया। तीसरे आरोपी सक्षम पटेल की जमानत अर्जी पर 16 सितंबर को सुनवाई होगी। मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही है। जहां तीनों आरोपियों की जमानत अर्जी 2 बार खारिज हो चुकी है। अब सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर दो आरोपियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत कैसे मिली। आपको बताते हैं वो 5 फैक्ट, जिनका फायदा आरोपियों को मिला… 1. सबूतों से छेड़खानी नहीं करेंगे : अभिषेक और कुणाल पांडे के वकीलों ने जिरह करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल सीधे-साधे लोग हैं। वह केस से संबंधित सबूतों से छेड़खानी नहीं करेंगे। क्या कमी रह गई – पुलिस की तरफ से पैरवी कर रहे सरकारी वकील को साबित करना था कि आरोपियों के जेल से बाहर आने से सबूत प्रभावित होंगे। यह बातें रूटीन स्टेटमेंट की तरह कही गईं, मगर ठोस लॉजिक नहीं दे सके। 2. गवाह पर असर डालेंगे : वारदात की रात छात्रा की मदद करने वाला 1 छात्र इस केस का अहम गवाह है। उसने बयान में कहा था कि लड़की को आरोपी गन पॉइंट पर लिए हुए थे। वहीं, कैंपस में ही रहने वाले एक प्रोफेसर भी इस मामले में लड़की की तरफ से गवाह हैं। 1 गार्ड भी है, जिसने बुलेट पर इन लड़कों को कैंपस में आते हुए देखा था। क्या कमी रह गई – जेल से बाहर आने के बाद वह इन गवाहों से संपर्क कर सकते हैं, उन्हें प्रभावित कर सकते हैं। उन्हें तोड़ने की कोशिश करेंगे। इन बातों को तथ्यों के आधार पर मजबूती से नहीं रखा जा सका। 3. आरोपी कोई दूसरा क्राइम नहीं करेंगे : छात्रा के बयानों के मुताबिक आरोपियों ने उसके सामने बुलेट लाकर लगाई और आक्रामक होते हुए दबोच लिया था। ऐसे में इस गुंजाइश से इंकार नहीं किया जा सकता है कि यह आरोपी फिर कोई ऐसी वारदात नहीं कर सकते हैं। क्या कमी रह गई – कोर्ट में सरकारी वकील को आरोपियों की प्रवृत्ति के क्रिमिनल पहलू को साबित करना था। मगर ऐसे फैक्ट कोर्ट के सामने नहीं रखे जा सके। 4. कोर्ट के न्याय से भाग रहे हैं आरोपी : 31 दिसंबर, 2023 को गिरफ्तारी के बाद आरोपी जेल के अंदर रहे। यहां उन्हें क्रिमिनल के साथ ही रखा गया। वह केस की तारीखों पर कोर्ट में आते थे। आरोपियों के वकीलों की तरफ से लिखकर दिया गया है कि जमानत पर बाहर आने के बाद भी आरोपी पहले की तरह तारीखों पर कोर्ट में पेश होते रहेंगे। ऐसा नहीं होने पर जमानत निरस्त की जा सकती है। क्या कमी रह गई – जमानत पर बाहर आने के बाद आरोपी कोर्ट प्रोसिडिंग से बचने की कोशिश करेंगे। कोर्ट के बाहर रसूख का इस्तेमाल करके केस प्रभावित कर सकते हैं, इसके तथ्य नहीं रखे जा सके। 5. लड़की को डरा-धमका सकते हैं : छात्रा अभी भी काशी में रह रही है। जाहिर है कि सबसे ज्यादा उसको ही डर है। जेल में रहने के दौरान आरोपी लड़की तक नहीं पहुंच सकते थे। मगर जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद वह लड़की को सीधे या परोक्ष रूप से प्रभावित कर सकते हैं। क्या कमी रह गई – छात्रा अभी भी डरी हुई है, आरोपियों के बाहर आने से उसको खतरा है, उसने अपने बयान में भी खतरे का अंदेशा जताया था। मगर कोर्ट में ऐसा कोई आधार पेश नहीं किया गया, जिससे साबित हो कि वाकई उसकी जान को खतरा है। (ये बातें जमानत के दस्तावेज का एनालिसिस कर सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने दैनिक भास्कर को बताया) हाईकोर्ट में अभिषेक और कुणाल के वकीलों ने क्या-कुछ कहा… इलाहाबाद हाईकोर्ट में आरोपियों के वकीलों ने जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा- मेरे मुवक्किल को झूठे केस में फंसाया गया। भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 9 के प्रावधान के अनुसार पहचान परेड नहीं कराई गई। पुलिस ने सिर्फ अच्छा काम दिखाने के लिए बलि का बकरा बनाया है। अभिषेक और कुणाल 30 दिसंबर, 2023 से जेल में बंद हैं। अगर उन्हें जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेंगे। आरोपियों के वकील ने ‘दोष सिद्ध होने तक निर्दोषता की धारणा’ को आधार बनाते हुए कहा- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में गारंटी दी गई है कि किसी व्यक्ति के स्वतंत्रता के अधिकार को केवल इसलिए नहीं छीना जा सकता है, क्योंकि उस पर कोई अपराध करने का आरोप है, जब तक कि अपराध साबित न हो जाए। सरकारी वकील का पक्ष समझिए फास्ट ट्रैक में 2 बार जमानत अर्जी निरस्त कराई, HC से जमानत मिली
ADGC मनोज गुप्ता ने कहा- गैंगरेप के तीनों आरोपियों की सुनवाई वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट (पाक्सो) में चल रही है। जुलाई में तीनों आरोपियों ने कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। अभियोजन के विरोध पर तीनों आरोपियों कुणाल, आनंद उर्फ अभिषेक और सक्षम की जमानत अर्जी दो बार खारिज की जा चुकी है। आरोपियों के खिलाफ केस और पुलिस की चार्जशीट मजबूत है, लेकिन अभी गवाही और साक्ष्य पेश नहीं हो सके। कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद सभी ने हाईकोर्ट की शरण ली, जहां से दो को जमानत मिल गई। वाराणसी में अभियोजन गैंगरेप के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए मजबूत पैरवी कर रहा है, केस ट्रायल पर है कम तारीखों में जजमेंट का प्रयास किया जाएगा। आरोपियों को कोर्ट में पेश किए गए सबूतों का फायदा मिला… 1. शिनाख्त : पीड़ित छात्रा ने आरोपियों को पहचाना
पीड़ित छात्रा ने फुटेज देखकर आरोपियों की पहचान की थी। इसके अलावा, न्यूड वीडियो बनाने की बात कही थी। पीड़ित छात्रा से कन्फर्म होने के बाद ही पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ जांच करके एक-एक सबूत जुटाए। उसके बाद 31 दिसंबर को उन्हें गिरफ्तार किया गया। लेकिन कोर्ट में बचाव पक्ष ने ये तर्क दिया कि पुलिस कोई ऐसा साक्ष्य नहीं जुटा पाई है, जिससे पता चल सके कि आरोपी घटना के वक्त मौके पर थे। 2. गवाह : छात्रा का दोस्त और सिक्योरिटी गार्ड
1 नवंबर की रात 1.30 बजे पीड़ित दोस्त के साथ कैंपस में थी। बुलेट से आए तीनों आरोपियों ने पहले गन पॉइंट पर छात्रा के दोस्त को वहां से धमकाकर भगा दिया। इस केस में वह अहम गवाह है। दूसरा गवाह सिक्योरिटी गार्ड है, जिसने रात में बुलेट में इन तीनों आरोपियों को देखा था। चार्जशीट में इनके बयान भी शामिल किए गए हैं। इन गवाहों में सिर्फ छात्रा का दोस्त चश्मदीद था। मगर लड़की की तरफ से केस की पैरवी करते वक्त उसके बयानों को उतनी मजबूती से नहीं रखा जा सका। 3. सबूत : CCTV, मोबाइल लोकेशन-फोरेंसिक रिपोर्ट, मेडिकल रिपोर्ट
वारदात वाले दिन CCTV में तीनों आरोपी कैद हुए थे। आरोपियों के मोबाइल की टाइम टू टाइम लोकेशन भी पुलिस ने ट्रेस की है। साथ ही, जिस मोबाइल से छात्रा का न्यूड वीडियो शूट हुआ था। उसकी फोरेंसिक जांच करवाई है। रिपोर्ट कोर्ट के सामने रखी गई। मोबाइल CDR, वॉट्सऐप चैटिंग भी अहम रिकॉर्ड है। सरकारी वकील ने पुलिस द्वारा पेश इन सबूतों को आधार तो बनाया, मगर कोर्ट में इन सबूतों के आधार पर आरोपियों को घेर नहीं सके। लड़की के वकील की शिकायत…
2 नवंबर, 2023 की रात करीब 1.30 बजे लड़की अपने दोस्त के साथ अपने छात्रावास के पास घूमने गई थी, जहां 3 लड़कों ने उसका शील भंग किया और उसके कपड़े उतार दिए। उसका वीडियो रिकॉर्ड कर लिया। वारदात वाली रात क्या हुआ था? FIR से जानिए…
पीड़ित ने 2 नवंबर को पुलिस को दी शिकायत में कहा था, ‘मैं 1 नवंबर की रात 1:30 बजे अपने होस्टल से किसी जरूरी काम के लिए बाहर निकली। कैंपस के गांधी स्मृति चौराहे के पास मुझे मेरा दोस्त मिला। हम दोनों साथ में जा रहे थे कि रास्ते में कर्मन बाबा मंदिर से करीब 300 मीटर दूर पीछे से एक बुलेट आई। उस पर 3 लड़के सवार थे। उन लोगों ने बाइक खड़ी करके मुझे और मेरे दोस्त को रोक लिया। इसके बाद उन लोगों ने हमें अलग कर दिया। मेरा मुंह दबाकर मुझे एक कोने में ले गए। वहां पहले मुझे किस किया, उसके बाद कपड़े उतरवाए। मेरा वीडियो बनाया और फोटो खींची। मैं जब बचाव के लिए चिल्लाई तो मुझे मारने की धमकी दी। करीब 10-15 मिनट तक मुझे अपने कब्जे में रखा और फिर छोड़ दिया। मैं अपने होस्टल की ओर भागी तो पीछे से बाइक की आवाज आने लगी। डर के मारे मैं एक प्रोफेसर के आवास में घुस गई। वहां पर 20 मिनट तक रुकी और प्रोफेसर को आवाज दी। प्रोफेसर ने मुझे गेट तक छोड़ा। उसके बाद पार्लियामेंट सिक्योरिटी कमेटी के राहुल राठौर मुझे IIT-BHU पेट्रोलिंग गार्ड के पास लेकर पहुंचे। जहां से मैं अपने होस्टल तक सुरक्षित आ पाई। तीनों आरोपियों में से एक मोटा, दूसरा पतला और तीसरा मीडियम हाइट का था। ये भी पढ़ें: IIT-BHU छात्रा से गैंगरेप के 2 आरोपी रिहा: हाईकोर्ट से जमानत; घर पर माला पहनाकर हुआ स्वागत; पुलिस ने कहा था-तीनों पेशेवर अपराधी वाराणसी के IIT-BHU में बीटेक छात्रा से गैंगरेप के 2 आरोपी 7 महीने बाद रिहा हो गए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी कुणाल पांडेय और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान को सशर्त जमानत दी। तीसरे आरोपी सक्षम पटेल की जमानत कोर्ट ने स्वीकार नहीं की। 16 सितंबर को उसकी जमानत अर्जी पर सुनवाई होगी…(पढ़ें पूरी खबर) IIT-BHU रेप केस…आरोपी 3 दिन बाद शहर से भागे थे:MP चुनाव में BJP की IT सेल से जुड़े; 7वें दिन पीड़ित ने फुटेज से पहचाना था IIT-BHU में बीटेक छात्रा से गैंगरेप के तीनों आरोपियों ने वारदात के 3 दिन बाद यानी 5 नवंबर को शहर छोड़ दिया था। वे मध्य प्रदेश चले गए थे। तीनों आरोपियों से पूछताछ में यह बात सामने आई है। आरोपियों ने बताया कि IIT-BHU में छात्रों के जबरदस्त प्रदर्शन से वे डर गए थे। घटना 1 नवंबर आधी रात के बाद की है…(पढ़ें पूरी खबर) IIT-BHU की छात्रा से गैंगरेप के तीनों आरोपी अरेस्ट:सभी BJP IT सेल के मेंबर; कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा IIT-BHU में बीटेक छात्रा से गैंगरेप के तीनों आरोपी अरेस्ट हो गए हैं। आरोपियों की पहचान बृज एन्क्लेव कॉलोनी सुंदरपुर के कुणाल पांडेय, जिवधीपुर बजरडीहा के आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और बजरडीहा के सक्षम पटेल के रूप में हुई है। तीनों BJP IT सेल से जुड़े हैं…(पढ़ें पूरी खबर)