<p style=”text-align: justify;”><strong>Mangal Pandey Review Meeting:</strong> बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग के सचिवालय सभागार में (15 जुलाई) को श्रावणी मेले को लेकर 8 जिलों के सिविल सर्जनों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की गई. इसमें बांका, भागलपुर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, वैशाली, जमुई, लखीसराय और सारण के अधिकारी मौजूद रहे. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य श्रावणी मेला में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुरक्षित और सुचारू रूप से संचालित करना था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>श्रावणी मेले के दौरान ऐसी रहेगी व्यवस्था</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बैठक में श्रावणी मेले के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं की तत्परता और उपलब्धता सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया. पाण्डेय ने कहा कि श्रावणी मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है और इसके लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है. इस बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, आपातकालीन सुविधाओं, एम्बुलेंस सेवाओं, दवा की उपलब्धता, साफ-सफाई और अन्य स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सभी सिविल सर्जनों को निर्देशित किया गया कि स्वास्थ्य शिविर में कम से कम 90 प्रकार की दवाइयां उपलब्ध होनी चाहिए. जिसमें समान्य दवाएं और इमरजेंसी दवाएं उपलब्ध हों. सभी शिविर में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, स्ट्रेचर, व्हीलचेयर, मॉस्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था हो. साथ-साथ सभी शिविर में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता के लिए भी निर्देश दिया गया. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि श्रावणी मेले के दौरान कुल 9 जिलों में शिविरों की संख्या 110 होगी. वहीं इस दौरान सुरक्षा के दृष्टिकोण से आलसा एंबुलेंस की संख्या 34 एवं बालसा एंबुलेंस की संख्या 49 निर्धारित की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंगल पांडेय ने दिए कई अहम निर्देश</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस दौरान प्रतिरक्षण की व्यवस्था भी सुनिश्चित रहेगी. श्रद्धालुओं को कठिनाई न हो इसलिए 95 शौचालय बनाए गए हैं. खाद औषधि निरीक्षकों को भी ड्यूटी पर लगाया गया है. सिविल सर्जन को निर्देशित करते हुए कहा गया कि 2 दिन जब बहुत ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ होती है, उस दिन सिविल सर्जन रूट पर रहें, कार्यालय में बैठकर कार्य न करें. शिविर में प्रतिनियुक्त चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य कर्मियों को सुबह-शाम निर्धारित समय पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>स्वास्थ्य मंत्री ने सभी संबंधित अधिकारियों को मेले के दौरान नियमित रूप से सेवाओं की निगरानी करने और तात्कालिक समस्याओं के समाधान के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया. इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव, श्री प्रत्यय अमृत, अपर सचिव स्वास्थ्य विभाग श्री शैलेश कुमार, विभाग एवं प्रशासी पदाधिकारी, राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार श्री राजेश कुमार सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-rjd-leader-shakti-singh-reaction-over-question-raised-on-corruption-by-land-and-revenue-minister-dilip-jaiswal-ann-2738074″>Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार भीष्म पितामह बनकर भ्रष्टाचार को संरक्षित कर रहे’, राजस्व मंत्री के उठाए सवाल पर शक्ति </a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Mangal Pandey Review Meeting:</strong> बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग के सचिवालय सभागार में (15 जुलाई) को श्रावणी मेले को लेकर 8 जिलों के सिविल सर्जनों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की गई. इसमें बांका, भागलपुर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, वैशाली, जमुई, लखीसराय और सारण के अधिकारी मौजूद रहे. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य श्रावणी मेला में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुरक्षित और सुचारू रूप से संचालित करना था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>श्रावणी मेले के दौरान ऐसी रहेगी व्यवस्था</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बैठक में श्रावणी मेले के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं की तत्परता और उपलब्धता सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया. पाण्डेय ने कहा कि श्रावणी मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है और इसके लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है. इस बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, आपातकालीन सुविधाओं, एम्बुलेंस सेवाओं, दवा की उपलब्धता, साफ-सफाई और अन्य स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सभी सिविल सर्जनों को निर्देशित किया गया कि स्वास्थ्य शिविर में कम से कम 90 प्रकार की दवाइयां उपलब्ध होनी चाहिए. जिसमें समान्य दवाएं और इमरजेंसी दवाएं उपलब्ध हों. सभी शिविर में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, स्ट्रेचर, व्हीलचेयर, मॉस्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था हो. साथ-साथ सभी शिविर में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता के लिए भी निर्देश दिया गया. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि श्रावणी मेले के दौरान कुल 9 जिलों में शिविरों की संख्या 110 होगी. वहीं इस दौरान सुरक्षा के दृष्टिकोण से आलसा एंबुलेंस की संख्या 34 एवं बालसा एंबुलेंस की संख्या 49 निर्धारित की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंगल पांडेय ने दिए कई अहम निर्देश</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस दौरान प्रतिरक्षण की व्यवस्था भी सुनिश्चित रहेगी. श्रद्धालुओं को कठिनाई न हो इसलिए 95 शौचालय बनाए गए हैं. खाद औषधि निरीक्षकों को भी ड्यूटी पर लगाया गया है. सिविल सर्जन को निर्देशित करते हुए कहा गया कि 2 दिन जब बहुत ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ होती है, उस दिन सिविल सर्जन रूट पर रहें, कार्यालय में बैठकर कार्य न करें. शिविर में प्रतिनियुक्त चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य कर्मियों को सुबह-शाम निर्धारित समय पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>स्वास्थ्य मंत्री ने सभी संबंधित अधिकारियों को मेले के दौरान नियमित रूप से सेवाओं की निगरानी करने और तात्कालिक समस्याओं के समाधान के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया. इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव, श्री प्रत्यय अमृत, अपर सचिव स्वास्थ्य विभाग श्री शैलेश कुमार, विभाग एवं प्रशासी पदाधिकारी, राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार श्री राजेश कुमार सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे.</p>
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