Bihar Politics: संतोष सुमन ने की लालू यादव के सामाजिक न्याय पर चोट, कहा- ‘बिहार का सबसे बड़ा…

Bihar Politics: संतोष सुमन ने की लालू यादव के सामाजिक न्याय पर चोट, कहा- ‘बिहार का सबसे बड़ा…

<p style=”text-align: justify;”><strong>Caste Census News:</strong> हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लघु जल संसाधन मंत्री डॉ. संतोष सुमन ने शुक्रवार को कहा कि लालू परिवार बिहार का सबसे बड़ा राजनीतिक सामंत है. जातीय उन्माद पैदा कर अपना राजनीतिक स्वार्थ साधने वाले इस परिवार का सामाजिक न्याय केवल ढकोसला है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संतोष सुमन ने लालू यादव परिवार पर साधा निशाना&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>डॉ. सुमन ने कहा कि आरक्षण को अपने परिवार तक सीमित रखने वालों को चुनाव के समय दलित, महादलित और पिछड़ों की याद आती है. सामंतवादी सोच के ये लोग इतने सालों तक सत्ता की मलाई खाते रहे, वास्तविक पिछड़ों व वंचितों की हकमारी करते रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे जातिवादी लोग जाति जनगणना की घोषणा के बाद तिलमिला गए हैं. एनडीए सरकार के मास्टरस्ट्रोक से जाति का झुनझुना इनके हाथ से छीनने वाला है. उन्होंने कहा कि आज सत्ता से बाहर होते ही आरक्षण की खोखली बातें करने वाला लालू परिवार पार्टी और सरकार में कभी किसी दलित, पिछड़े को कोई सम्मानजनक पद नहीं दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जाति की सीढ़ी बना कर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद और विधायक की रेवड़ी अपने परिवार के लिए हमेशा आरक्षित रखा. ऐसे लोगों से बिहार की जनता को सचेत रहने की जरूरत है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि केंद्र सरकार के पूरे देश में जातीय आधारित गणना करवाने के एलान के बाद से ही बिहार में क्रेडिट पॉलिटिक्स जारी है. चुनावी साल में इस मुद्दे को लपकने की होड़ में सत्ता और विपक्ष लग चुके हैं. जाति आधारित गणना को जहां एनडीए <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> और नीतीश कुमार का विजन कह रही है, वहीं बिहार में सभी विपक्षी दल इसे अपनी जीत बता रहे हैं.&nbsp;&nbsp;खासकर बिहार में तेजस्वी यादव इसे महागठबंधन और आरजेडी की जीत बता रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’लालू यादव की यह सोच 30 साल पुरानी'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>तेजस्वी यादव का कहना है कि देश के हर एक एजेंडे पर सरकार पीछे रहती है और लालू आगे रहते हैं. लालू यादव की यह जो सोच थी वह 30 साल पुरानी थी, जो लड़ाई उन्होंने लड़ी उसे पूरा करवाया. हालांकि ऐन चुनाव के समय केंद्र सरकार ने अपने इस फैसले के जरिए विपक्ष के हाथों से एक अहम मुद्दा जरूर छीन लिया है, अब विपक्ष इसका क्रेडिट लेने की कोशिश जरूर कर रहा है और ये सही भी है कि क्योंकि आरक्षण के मुद्दे को महागठबंधन के घटक दलों ने जोरशोर से उठाया था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-deputy-cm-vijay-sinha-on-tejashwi-yadav-x-post-and-terrorist-attack-ann-2936406″>Vijay Sinha: ‘पाकिस्तान बांग्लादेश को…’, विजय सिन्हा ने तेजस्वी यादव को दिया जवाब, कह दी बड़ी बात</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Caste Census News:</strong> हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लघु जल संसाधन मंत्री डॉ. संतोष सुमन ने शुक्रवार को कहा कि लालू परिवार बिहार का सबसे बड़ा राजनीतिक सामंत है. जातीय उन्माद पैदा कर अपना राजनीतिक स्वार्थ साधने वाले इस परिवार का सामाजिक न्याय केवल ढकोसला है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संतोष सुमन ने लालू यादव परिवार पर साधा निशाना&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>डॉ. सुमन ने कहा कि आरक्षण को अपने परिवार तक सीमित रखने वालों को चुनाव के समय दलित, महादलित और पिछड़ों की याद आती है. सामंतवादी सोच के ये लोग इतने सालों तक सत्ता की मलाई खाते रहे, वास्तविक पिछड़ों व वंचितों की हकमारी करते रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे जातिवादी लोग जाति जनगणना की घोषणा के बाद तिलमिला गए हैं. एनडीए सरकार के मास्टरस्ट्रोक से जाति का झुनझुना इनके हाथ से छीनने वाला है. उन्होंने कहा कि आज सत्ता से बाहर होते ही आरक्षण की खोखली बातें करने वाला लालू परिवार पार्टी और सरकार में कभी किसी दलित, पिछड़े को कोई सम्मानजनक पद नहीं दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जाति की सीढ़ी बना कर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद और विधायक की रेवड़ी अपने परिवार के लिए हमेशा आरक्षित रखा. ऐसे लोगों से बिहार की जनता को सचेत रहने की जरूरत है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि केंद्र सरकार के पूरे देश में जातीय आधारित गणना करवाने के एलान के बाद से ही बिहार में क्रेडिट पॉलिटिक्स जारी है. चुनावी साल में इस मुद्दे को लपकने की होड़ में सत्ता और विपक्ष लग चुके हैं. जाति आधारित गणना को जहां एनडीए <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> और नीतीश कुमार का विजन कह रही है, वहीं बिहार में सभी विपक्षी दल इसे अपनी जीत बता रहे हैं.&nbsp;&nbsp;खासकर बिहार में तेजस्वी यादव इसे महागठबंधन और आरजेडी की जीत बता रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’लालू यादव की यह सोच 30 साल पुरानी'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>तेजस्वी यादव का कहना है कि देश के हर एक एजेंडे पर सरकार पीछे रहती है और लालू आगे रहते हैं. लालू यादव की यह जो सोच थी वह 30 साल पुरानी थी, जो लड़ाई उन्होंने लड़ी उसे पूरा करवाया. हालांकि ऐन चुनाव के समय केंद्र सरकार ने अपने इस फैसले के जरिए विपक्ष के हाथों से एक अहम मुद्दा जरूर छीन लिया है, अब विपक्ष इसका क्रेडिट लेने की कोशिश जरूर कर रहा है और ये सही भी है कि क्योंकि आरक्षण के मुद्दे को महागठबंधन के घटक दलों ने जोरशोर से उठाया था.&nbsp;</p>
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