भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सैनी और प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली के खिलाफ बयानबाजी करने पर मंत्री अनिल विज पर सख्त रुख अपनाया है। पार्टी अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने विज को कारण बताओ नोटिस जारी कर 3 दिन में जवाब मांगा है। अध्यक्ष ने कहा कि विज के बयान पार्टी की नीति तथा आंतरिक अनुशासन के खिलाफ हैं। ऐसे में अब सभी को विज के जवाब का इंतजार रहेगा। नोटिस सामने आते ही चर्चा शुरू हुई की विज पहले से ही दिल्ली में डटे हुए हैं। हालांकि बाद में उनके PA अभिकांत वत्स ने बताया कि विज बेंगलुरु गए हैं। वह आज शाम 6:30 बजे बेंगलुरु से वापस आएंगे। नोटिस में क्या लिखा…
प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने विज को यह नोटिस भेजा है। इसमें कहा है, ‘दिल्ली में चुनाव के दौरान इस प्रकार की बयानबाजी से पार्टी की छवि को नुकसान होगा, यह जानते हुए आपने ये बयान दिए हैं। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार आपको यह कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। आपसे अपेक्षा करते हैं कि 3 दिन में आप इस विषय पर लिखित स्पष्टीकरण दें।’ विज ने 2 बार बड़ौली से इस्तीफा मांगा पहला बयान: 14 जनवरी को बड़ौली के खिलाफ हिमाचल में दर्ज गैंगरेप की FIR सामने आने के बाद अनिल विज ने 18 जनवरी को उनसे इस्तीफा मांगा। उन्होंने कहा कि बड़ौली पर लगे आरोपों की जांच हो रही है। गवाह ने कहा है कि मैं निर्दोष हूं और बड़ौली भी कह रहे हैं कि मैं निर्दोष हूं। मुझे पूरा भरोसा है कि हिमाचल पुलिस की जांच में वे निर्दोष साबित होंगे। जब तक हिमाचल प्रदेश पुलिस उन्हें निर्दोष साबित नहीं कर देती या जब तक जांच पूरी न हो, तब तक पार्टी की पवित्रता को बनाए रखने के लिए उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। दूसरा बयान: अनिल विज ने 2 फरवरी को सोनीपत के गोहाना में दिया। कहा, ‘मोहनलाल बड़ौली को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना चाहिए। जिस व्यक्ति पर IPC की धारा-376D (महिला से गैंगरेप) के आरोप हों, वह महिलाओं की मीटिंग किस तरह ले सकता है। अब हम यह तो कह नहीं सकते कि महिलाओं को BJP से बैन कर दिया गया है। हम तो महिलाओं को 30% बढ़ा रहे हैं। ऐसे में धारा-376 का आरोपी शख्स प्रदेशाध्यक्ष नहीं रह सकता। हमारे बड़े-बड़े नेताओं पर भी आरोप लगे थे। आडवाणी पर भी आरोप लगे थे, उनका नाम आया था और उन्होंने त्यागपत्र दे दिया था। बड़ौली उनसे बड़े तो नहीं हैं।’ विज के CM सैनी पर 4 निशाने…. 1. मुख्यमंत्री बनने के बाद उड़नखटोले पर नायब सैनी
विज ने 31 जनवरी को अंबाला में कहा- जिन लोगों ने मुझे चुनाव हराने की कोशिश की, चाहे वह अधिकारी थे, कर्मचारी थे या छुटभैया नेता थे। मैंने इन सबके बारे में लिखकर दिया। 100 दिन हो चुके हैं, इस मामले में न तो मुझसे पूछा गया, न ही कोई कार्रवाई हुई। हमारे मुख्यमंत्री, जब से CM बने हैं तब से उड़नखटोले पर ही हैं। नीचे उतरे तो जनता के प्रति देखें। ये मेरी आवाज नहीं है, सारे MLA सारे मंत्रियों की आवाज है। अंबाला छावनी की जनता ने मुझे यहां से जिताया है। उनके कामों के लिए मुझे जो भी करना पड़ेगा वह करूंगा। जान देनी पड़े तो दूंगा। धरना देना पड़े दूंगा। अनशन करना पड़े करूंगा। 2. मेरी आत्मा की आवाज को दबाया नहीं जा सकता
अनिल विज ने एक फरवरी को अंबाला में पुष्पा का सिग्नेचर स्टाइल करते हुए कहा किए- मैं कुछ नहीं बोलता, मेरी क्या हैसियत है। मैं जो बोलता हूं, आत्मा से बोलता हूं और आत्मा की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। तब तक सरकार अंबाला DC को बदल चुकी थी, इस पर विज ने कहा- यह आते-जाते रहते हैं, इससे कोई ताल्लुक नहीं है। विज ने अनशन की चेतावनी पर कहा अभी मेरी कोई बात नहीं हुई है कि वह (वर्कर) क्या महसूस कर रहे हैं। उनसे (वर्कर) बैठकर बात करेंगे, उसके बाद फिर सोचेंगे। 3. CM चाहें मंत्रीपद छीन लें, मेरी सिनियोरिटी-विधायकी नहीं छीन सकते
अनिल विज ने 2 फरवरी को रोहतक में कहा- हम चाहते हैं कि सरकार ठीक तरीके से काम करे। सीएम भी मंत्रियों की बात सुनें और सरकार को ठीक से चलाएं। हम तो यही चाहते हैं कि सरकार ठीक से चले। मेरा मंत्री पद ही छीन सकते हैं। मैंने न कभी मुख्यमंत्री का पद मांगा और न मंत्री का। मंत्री रहते हुए भी मैंने कोई आवास नहीं लिया। अगर अब इस पद को कोई छीनना चाहता है तो बेशक छीन ले, मुझे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है, लेकिन मेरी सिनियोरिटी और मेरी विधायकी नहीं छीन सकते। मुझे लोगों ने विधायक बनाया है। 4. विज ने CM की फोटो पर गद्दार का ठप्पा लगाया
3 फरवरी को विज ने सोशल मीडिया (X) पर सैनी समर्थकों की 17 तस्वीरें शेयर कीं थी। जिनमें ये समर्थक CM सैनी और अनिल विज के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली पूर्व कांग्रेसी मंत्री की बेटी चित्रा सरवारा के साथ नजर आ रहे थे। विज ने इन तस्वीरों को वीडियो के रूप में जारी करते हुए बैकग्राउंड में ‘क्या मिलिए ऐसे लोगों से जिनकी फितरत छुपी रहे, नकली चेहरा सामने आए, असली सूरत छुपी रहे’ गाना लगाया था। इसके अलावा इन लोगों को गद्दार भी बताया गया था। यही नहीं, एक फोटो में CM नायब सैनी की फोटो पर ही गद्दार का ठप्पा लगाया गया था। सरकार से क्यों नाराज अनिल विज… विधानसभा चुनाव में कड़े मुकाबले में फंसे विज
अनिल विज ने BJP के टिकट पर अंबाला कैंट से चुनाव लड़ा। पहली बार यहां विज कड़े मुकाबले में फंसे। उन्हें पूर्व कांग्रेसी मंत्री निर्मल सिंह की निर्दलीय उम्मीदवार बेटी चित्रा सरवारा टक्कर दे रहीं थी। विज ने 2019 के चुनाव में चित्रा को 20,165 वोटों से हराया था, लेकिन इस बार यह मार्जिन महज 7,277 रह गया। ऐसे में विज ने शक जाहिर किया था कि उन्हीं की पार्टी के लोगों ने उन्हें हराने के लिए चित्रा सरवारा का साथ दिया। जीत के बाद पार्टी के नेताओं पर सवाल खड़े किए
अनिल विज चुनाव जीतने के बाद मंत्री भी बन गए। इसके बाद अंबाला कैंट के धन्यवादी दौरे में अनिल विज ने अधिकारियों से लेकर अपनी पार्टी के नेताओं पर सवाल खड़े किए। विज ने कहा कि अधिकारियों ने उनकी सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए। उनकी हत्या की साजिश रची गई। उन्हें हराने के लिए लोगों को चित्रा सरवारा का कैंप जॉइन कराया गया। विज ने सरकार से अंबाला DC पार्थ गुप्ता पर कार्रवाई की मांग की, जो चुनाव के वक्त जिला चुनाव अधिकारी थे, मगर सरकार ने 100 दिन के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया। अनिल विज ने ग्रीवेंस कमेटी में न जाने से लेकर मंत्री पद छीनने की बात कही
इसके बाद अनिल विज ने 20 जनवरी को कहा कि अब मैं ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में शायद न जाऊं। हमारे आदेशों का पालन नहीं हो रहा। अंबाला कैंट विधानसभा क्षेत्र के कामों के लिए डल्लेवाल (किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल) की तरह अनशन भी करूंगा। 1 फरवरी को विज ने कहा- मैं कुछ नहीं बोलता, मेरी क्या हैसियत है। मैं जो बोलता हूं, आत्मा से बोलता हूं और आत्मा की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। 2 फरवरी को विज ने रोहतक में कहा- मैंने न कभी मुख्यमंत्री का पद मांगा और न मंत्री का। मंत्री रहते हुए भी मैंने कोई आवास नहीं लिया। अगर अब इस पद को कोई छीनना चाहता है तो बेशक छीन ले, मुझे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है, लेकिन मेरी सिनियोरिटी और मेरी विधायकी नहीं छीन सकते। अनिल विज की नाराजगी पर CM और सरकार के स्तर पर क्या कार्रवाई हुई… अंबाला DC हटाया, हैफेड मैनेजर चार्जशीट किया
अनिल विज ने जब ग्रीवेंस कमेटी में जाने से इनकार किया तो सरकार ने अचानक अंबाला के DC पार्थ गुप्ता को हटा दिया। हालांकि गुप्ता को अंबाला से हटाकर यमुनानगर में DC लगा दिया। माना जा रहा है कि अधिकारी को फिर DC की कुर्सी देने की वजह से ही विज की नाराजगी बरकरार है। इसके अलावा सिरसा में उनके आदेश के करीब 2 महीने बाद हैफेड के मैनेजर मुकेश कुमार को DC शांतनु ने चार्जशीट करने के आदेश जारी कर दिए। पार्टी ने अंबाला कोषाध्यक्ष निकाला
अनिल विज ने जिस भाजपा नेता आशीष तायल की फोटो जारी कर गद्दार कहा था, पार्टी ने उन्हें अंबाला जिला भाजपा के कोषाध्यक्ष पद से हटा दिया है। इसका लेटर 4 फरवरी को पार्टी के प्रदेश प्रभारी सतीश पूनिया की विज से 2 घंटे मीटिंग के बाद सामने आया। हालांकि इस पर 30 जनवरी की डेट लिखी हुई है। नायब सैनी से पहले भी 2 बार टकराव हुआ
अनिल विज का नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनने से पहले भी टकराव रहा। दरअसल, नायब सैनी जब अंबाला में BJP के अध्यक्ष थे तो भी विज की नाराजगी उनसे बनी रही। विज ने इस बात पर एतराज किया था कि उनकी सहमति के बगैर उनके अंबाला कैंट में मीटिंग क्यों की जा रही है। वहीं नायब सैनी 2014 की खट्टर सरकार में राज्य मंत्री थे। वह नारायणगढ़ से विधायक थे। वहीं विज अंबाला कैंट से विधायक और सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। अंबाला कैंट और नारायणगढ़ विधानसभा साथ में सटी हुई है। ऐसे में नायब सैनी ने अंबाला कैंट के रेस्ट हाउस में जनता दरबार लगाना शुरू कर दिया। विज भी तब जनता दरबार लगाते थे। सैनी के दरबार से विज नाराज हो गए और उन्होंने रेस्ट हाउस में सैनी का जनता दरबार परमानेंट बंद करा दिया। ——————– ये खबर भी पढ़ें… भाजपा ने मंत्री किरोड़ीलाल को कारण बताओ नोटिस भेजा, फोन टैपिंग के आरोपों को पार्टी हाईकमान ने माना अनुशासनहीनता राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा को अनुशासनहीनता का नोटिस भेजा है। किरोड़ी के फोन टैपिंग के बयान को पार्टी ने अनुशासनहीनता माना है। किरोड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा गया है। पूरी खबर पढ़ें… भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सैनी और प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली के खिलाफ बयानबाजी करने पर मंत्री अनिल विज पर सख्त रुख अपनाया है। पार्टी अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने विज को कारण बताओ नोटिस जारी कर 3 दिन में जवाब मांगा है। अध्यक्ष ने कहा कि विज के बयान पार्टी की नीति तथा आंतरिक अनुशासन के खिलाफ हैं। ऐसे में अब सभी को विज के जवाब का इंतजार रहेगा। नोटिस सामने आते ही चर्चा शुरू हुई की विज पहले से ही दिल्ली में डटे हुए हैं। हालांकि बाद में उनके PA अभिकांत वत्स ने बताया कि विज बेंगलुरु गए हैं। वह आज शाम 6:30 बजे बेंगलुरु से वापस आएंगे। नोटिस में क्या लिखा…
प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने विज को यह नोटिस भेजा है। इसमें कहा है, ‘दिल्ली में चुनाव के दौरान इस प्रकार की बयानबाजी से पार्टी की छवि को नुकसान होगा, यह जानते हुए आपने ये बयान दिए हैं। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार आपको यह कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। आपसे अपेक्षा करते हैं कि 3 दिन में आप इस विषय पर लिखित स्पष्टीकरण दें।’ विज ने 2 बार बड़ौली से इस्तीफा मांगा पहला बयान: 14 जनवरी को बड़ौली के खिलाफ हिमाचल में दर्ज गैंगरेप की FIR सामने आने के बाद अनिल विज ने 18 जनवरी को उनसे इस्तीफा मांगा। उन्होंने कहा कि बड़ौली पर लगे आरोपों की जांच हो रही है। गवाह ने कहा है कि मैं निर्दोष हूं और बड़ौली भी कह रहे हैं कि मैं निर्दोष हूं। मुझे पूरा भरोसा है कि हिमाचल पुलिस की जांच में वे निर्दोष साबित होंगे। जब तक हिमाचल प्रदेश पुलिस उन्हें निर्दोष साबित नहीं कर देती या जब तक जांच पूरी न हो, तब तक पार्टी की पवित्रता को बनाए रखने के लिए उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। दूसरा बयान: अनिल विज ने 2 फरवरी को सोनीपत के गोहाना में दिया। कहा, ‘मोहनलाल बड़ौली को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना चाहिए। जिस व्यक्ति पर IPC की धारा-376D (महिला से गैंगरेप) के आरोप हों, वह महिलाओं की मीटिंग किस तरह ले सकता है। अब हम यह तो कह नहीं सकते कि महिलाओं को BJP से बैन कर दिया गया है। हम तो महिलाओं को 30% बढ़ा रहे हैं। ऐसे में धारा-376 का आरोपी शख्स प्रदेशाध्यक्ष नहीं रह सकता। हमारे बड़े-बड़े नेताओं पर भी आरोप लगे थे। आडवाणी पर भी आरोप लगे थे, उनका नाम आया था और उन्होंने त्यागपत्र दे दिया था। बड़ौली उनसे बड़े तो नहीं हैं।’ विज के CM सैनी पर 4 निशाने…. 1. मुख्यमंत्री बनने के बाद उड़नखटोले पर नायब सैनी
विज ने 31 जनवरी को अंबाला में कहा- जिन लोगों ने मुझे चुनाव हराने की कोशिश की, चाहे वह अधिकारी थे, कर्मचारी थे या छुटभैया नेता थे। मैंने इन सबके बारे में लिखकर दिया। 100 दिन हो चुके हैं, इस मामले में न तो मुझसे पूछा गया, न ही कोई कार्रवाई हुई। हमारे मुख्यमंत्री, जब से CM बने हैं तब से उड़नखटोले पर ही हैं। नीचे उतरे तो जनता के प्रति देखें। ये मेरी आवाज नहीं है, सारे MLA सारे मंत्रियों की आवाज है। अंबाला छावनी की जनता ने मुझे यहां से जिताया है। उनके कामों के लिए मुझे जो भी करना पड़ेगा वह करूंगा। जान देनी पड़े तो दूंगा। धरना देना पड़े दूंगा। अनशन करना पड़े करूंगा। 2. मेरी आत्मा की आवाज को दबाया नहीं जा सकता
अनिल विज ने एक फरवरी को अंबाला में पुष्पा का सिग्नेचर स्टाइल करते हुए कहा किए- मैं कुछ नहीं बोलता, मेरी क्या हैसियत है। मैं जो बोलता हूं, आत्मा से बोलता हूं और आत्मा की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। तब तक सरकार अंबाला DC को बदल चुकी थी, इस पर विज ने कहा- यह आते-जाते रहते हैं, इससे कोई ताल्लुक नहीं है। विज ने अनशन की चेतावनी पर कहा अभी मेरी कोई बात नहीं हुई है कि वह (वर्कर) क्या महसूस कर रहे हैं। उनसे (वर्कर) बैठकर बात करेंगे, उसके बाद फिर सोचेंगे। 3. CM चाहें मंत्रीपद छीन लें, मेरी सिनियोरिटी-विधायकी नहीं छीन सकते
अनिल विज ने 2 फरवरी को रोहतक में कहा- हम चाहते हैं कि सरकार ठीक तरीके से काम करे। सीएम भी मंत्रियों की बात सुनें और सरकार को ठीक से चलाएं। हम तो यही चाहते हैं कि सरकार ठीक से चले। मेरा मंत्री पद ही छीन सकते हैं। मैंने न कभी मुख्यमंत्री का पद मांगा और न मंत्री का। मंत्री रहते हुए भी मैंने कोई आवास नहीं लिया। अगर अब इस पद को कोई छीनना चाहता है तो बेशक छीन ले, मुझे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है, लेकिन मेरी सिनियोरिटी और मेरी विधायकी नहीं छीन सकते। मुझे लोगों ने विधायक बनाया है। 4. विज ने CM की फोटो पर गद्दार का ठप्पा लगाया
3 फरवरी को विज ने सोशल मीडिया (X) पर सैनी समर्थकों की 17 तस्वीरें शेयर कीं थी। जिनमें ये समर्थक CM सैनी और अनिल विज के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली पूर्व कांग्रेसी मंत्री की बेटी चित्रा सरवारा के साथ नजर आ रहे थे। विज ने इन तस्वीरों को वीडियो के रूप में जारी करते हुए बैकग्राउंड में ‘क्या मिलिए ऐसे लोगों से जिनकी फितरत छुपी रहे, नकली चेहरा सामने आए, असली सूरत छुपी रहे’ गाना लगाया था। इसके अलावा इन लोगों को गद्दार भी बताया गया था। यही नहीं, एक फोटो में CM नायब सैनी की फोटो पर ही गद्दार का ठप्पा लगाया गया था। सरकार से क्यों नाराज अनिल विज… विधानसभा चुनाव में कड़े मुकाबले में फंसे विज
अनिल विज ने BJP के टिकट पर अंबाला कैंट से चुनाव लड़ा। पहली बार यहां विज कड़े मुकाबले में फंसे। उन्हें पूर्व कांग्रेसी मंत्री निर्मल सिंह की निर्दलीय उम्मीदवार बेटी चित्रा सरवारा टक्कर दे रहीं थी। विज ने 2019 के चुनाव में चित्रा को 20,165 वोटों से हराया था, लेकिन इस बार यह मार्जिन महज 7,277 रह गया। ऐसे में विज ने शक जाहिर किया था कि उन्हीं की पार्टी के लोगों ने उन्हें हराने के लिए चित्रा सरवारा का साथ दिया। जीत के बाद पार्टी के नेताओं पर सवाल खड़े किए
अनिल विज चुनाव जीतने के बाद मंत्री भी बन गए। इसके बाद अंबाला कैंट के धन्यवादी दौरे में अनिल विज ने अधिकारियों से लेकर अपनी पार्टी के नेताओं पर सवाल खड़े किए। विज ने कहा कि अधिकारियों ने उनकी सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए। उनकी हत्या की साजिश रची गई। उन्हें हराने के लिए लोगों को चित्रा सरवारा का कैंप जॉइन कराया गया। विज ने सरकार से अंबाला DC पार्थ गुप्ता पर कार्रवाई की मांग की, जो चुनाव के वक्त जिला चुनाव अधिकारी थे, मगर सरकार ने 100 दिन के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया। अनिल विज ने ग्रीवेंस कमेटी में न जाने से लेकर मंत्री पद छीनने की बात कही
इसके बाद अनिल विज ने 20 जनवरी को कहा कि अब मैं ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में शायद न जाऊं। हमारे आदेशों का पालन नहीं हो रहा। अंबाला कैंट विधानसभा क्षेत्र के कामों के लिए डल्लेवाल (किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल) की तरह अनशन भी करूंगा। 1 फरवरी को विज ने कहा- मैं कुछ नहीं बोलता, मेरी क्या हैसियत है। मैं जो बोलता हूं, आत्मा से बोलता हूं और आत्मा की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। 2 फरवरी को विज ने रोहतक में कहा- मैंने न कभी मुख्यमंत्री का पद मांगा और न मंत्री का। मंत्री रहते हुए भी मैंने कोई आवास नहीं लिया। अगर अब इस पद को कोई छीनना चाहता है तो बेशक छीन ले, मुझे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है, लेकिन मेरी सिनियोरिटी और मेरी विधायकी नहीं छीन सकते। अनिल विज की नाराजगी पर CM और सरकार के स्तर पर क्या कार्रवाई हुई… अंबाला DC हटाया, हैफेड मैनेजर चार्जशीट किया
अनिल विज ने जब ग्रीवेंस कमेटी में जाने से इनकार किया तो सरकार ने अचानक अंबाला के DC पार्थ गुप्ता को हटा दिया। हालांकि गुप्ता को अंबाला से हटाकर यमुनानगर में DC लगा दिया। माना जा रहा है कि अधिकारी को फिर DC की कुर्सी देने की वजह से ही विज की नाराजगी बरकरार है। इसके अलावा सिरसा में उनके आदेश के करीब 2 महीने बाद हैफेड के मैनेजर मुकेश कुमार को DC शांतनु ने चार्जशीट करने के आदेश जारी कर दिए। पार्टी ने अंबाला कोषाध्यक्ष निकाला
अनिल विज ने जिस भाजपा नेता आशीष तायल की फोटो जारी कर गद्दार कहा था, पार्टी ने उन्हें अंबाला जिला भाजपा के कोषाध्यक्ष पद से हटा दिया है। इसका लेटर 4 फरवरी को पार्टी के प्रदेश प्रभारी सतीश पूनिया की विज से 2 घंटे मीटिंग के बाद सामने आया। हालांकि इस पर 30 जनवरी की डेट लिखी हुई है। नायब सैनी से पहले भी 2 बार टकराव हुआ
अनिल विज का नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनने से पहले भी टकराव रहा। दरअसल, नायब सैनी जब अंबाला में BJP के अध्यक्ष थे तो भी विज की नाराजगी उनसे बनी रही। विज ने इस बात पर एतराज किया था कि उनकी सहमति के बगैर उनके अंबाला कैंट में मीटिंग क्यों की जा रही है। वहीं नायब सैनी 2014 की खट्टर सरकार में राज्य मंत्री थे। वह नारायणगढ़ से विधायक थे। वहीं विज अंबाला कैंट से विधायक और सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। अंबाला कैंट और नारायणगढ़ विधानसभा साथ में सटी हुई है। ऐसे में नायब सैनी ने अंबाला कैंट के रेस्ट हाउस में जनता दरबार लगाना शुरू कर दिया। विज भी तब जनता दरबार लगाते थे। सैनी के दरबार से विज नाराज हो गए और उन्होंने रेस्ट हाउस में सैनी का जनता दरबार परमानेंट बंद करा दिया। ——————– ये खबर भी पढ़ें… भाजपा ने मंत्री किरोड़ीलाल को कारण बताओ नोटिस भेजा, फोन टैपिंग के आरोपों को पार्टी हाईकमान ने माना अनुशासनहीनता राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा को अनुशासनहीनता का नोटिस भेजा है। किरोड़ी के फोन टैपिंग के बयान को पार्टी ने अनुशासनहीनता माना है। किरोड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा गया है। पूरी खबर पढ़ें… हरियाणा | दैनिक भास्कर
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