BNS से दर्ज केस में यूपी का पहला फैसला:अलीगढ़ में बच्ची से रेप; दुष्कर्मी को 20 साल की सजा; 29 दिन में जजमेंट

BNS से दर्ज केस में यूपी का पहला फैसला:अलीगढ़ में बच्ची से रेप; दुष्कर्मी को 20 साल की सजा; 29 दिन में जजमेंट

अलीगढ़ में 11 साल की बच्ची से रेप के दोषी को कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। यह जजमेंट कोर्ट ट्रायल शुरू होने के महज 29 दिनों में आया है, जो BNS यानी भारतीय न्याय संहिता के तहत दर्ज FIR में यूपी का पहला फैसला है। स्पेशल जज पॉस्को ADJ सुरेंद्र मोहन राय की कोर्ट ने फैसला सुनाया है। जिसमें पड़ोसियों की गवाही, डिजिटल साक्ष्य भी कोर्ट में पेश किए गए। 50 हजार रुपए के आर्थिक दंड की धनराशि में से 40 हजार रुपए पीड़ित परिवार को दिए जाएंगे। टॉफी के बहाने घर ले जाकर बच्ची से की थी दरिंदगी
ADGC महेश सिंह ने बताया- यह घटना 19 जुलाई की दोपहर की है। 21 सितंबर को कोर्ट ट्रायल शुरू हुआ और 19 अक्टूबर को कोर्ट ने फैसला सुनाया। अतरौली क्षेत्र के एक मोहल्ले में बच्ची चारपाई पर बैठी थी। तभी पड़ोस का रहने वाला भारत भूषण उर्फ सोनू आया। उसने 11 साल की मानसिक विक्षिप्त बच्ची को टॉफी और 10 रुपए देने का लालच दिया और अपने घर ले गया। इसके बाद छत में जाकर अश्लील हरकत की और उसके साथ दुष्कर्म किया। मुहल्ले में ही रहने वाले एक व्यक्ति ने उसकी हरकत देख ली थी। उसका वीडियो बना लिया था। इसके बाद उसने शोर मचा दिया और पकड़ने के लिए दौड़ा। बच्ची ने मां को बताई थी आपबीती
दरिंदगी के बाद पड़ोसी ने दोषी को दौड़ाया था, जिसके बाद वह मौके से भाग गया था। वहीं, बच्ची ने अपने घर जाकर मां को रो-रोकर सारी बात बताई थी। शाम को जब बच्ची का पिता घर आया तो उसे बात पता चली। इसके बाद उसने अतरौली थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। इस मुकदमे में सभी 7 गवाहों ने अपनी मजबूत गवाही दी। मुकदमे में सबसे मजबूत सबूत चश्मदीद द्वारा बनाया गया वीडियो माना गया है। उसी के आधार पर कोर्ट ने सजा सुनाई है। – महेश सिंह, विशेष लोक अभियोजक चश्मदीद का बनाया वीडियो मजबूत सबूत रहा
पड़ोसी एक व्यक्ति ने बच्ची को ले जाते और अश्लील हरकत देख लिया था। उसने इसका वीडियो बना लिया। मुकदमे में सबसे मजबूत सबूत चश्मदीद का बनाया वीडियो माना गया। इसके आधार पर कोर्ट ने अधिकतम सजा सुनाई है। देश का दूसरा और यूपी का पहला फैसला
भारतीय दंड संहिता (BNS) लागू होने के बाद यह देश का दूसरा मामला है, जिसमें सजा सुनाई गई है। वहीं, उत्तर प्रदेश का यह पहला मामला है, जिसमें BNS के अपराधी को कोर्ट ने सजा सुनाई है। दोषी को सजा होने के साथ ही यह रिकॉर्ड अलीगढ़ के नाम आया है। BNS में प्रदेश की पहली सजा लैंगिक अपराध के मामले में हुई है। ———————- ये खबर भी पढ़िए- ननदोई ने हाथ-पैर पकड़े, सिपाही पति ने गला काटा: रामपुर की कॉन्स्टेबल पत्नी पर बेवफाई का शक था रामपुर में स्पेशल ब्रांच की रीजनल इंटेलिजेंस यूनिट के एक सिपाही ने अपनी कॉन्स्टेबल बीवी की हत्या कर दी। उसने चाकू से रेत कर पहले अपनी बीवी की गर्दन धड़ से अलग की फिर पॉलीथिन में पैक किया। करीब 30 किमी दूर मुरादाबाद में रामगंगा किनारे फेंक दिया। दरअसल, कॉन्स्टेबल को शक था कि पत्नी उसके साथ बेवफाई कर रही है। कॉन्स्टेबल अक्सर अपनी सास से कहता था- आपकी बेटी का अपने गांव के 7वीं फेल मजदूर से अफेयर चल रहा है। वो मेरे समझाने पर भी नहीं मान रही। इसे समझाइए, वरना अंजाम अच्छा नहीं होगा। पढ़ें पूरी खबर… अलीगढ़ में 11 साल की बच्ची से रेप के दोषी को कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। यह जजमेंट कोर्ट ट्रायल शुरू होने के महज 29 दिनों में आया है, जो BNS यानी भारतीय न्याय संहिता के तहत दर्ज FIR में यूपी का पहला फैसला है। स्पेशल जज पॉस्को ADJ सुरेंद्र मोहन राय की कोर्ट ने फैसला सुनाया है। जिसमें पड़ोसियों की गवाही, डिजिटल साक्ष्य भी कोर्ट में पेश किए गए। 50 हजार रुपए के आर्थिक दंड की धनराशि में से 40 हजार रुपए पीड़ित परिवार को दिए जाएंगे। टॉफी के बहाने घर ले जाकर बच्ची से की थी दरिंदगी
ADGC महेश सिंह ने बताया- यह घटना 19 जुलाई की दोपहर की है। 21 सितंबर को कोर्ट ट्रायल शुरू हुआ और 19 अक्टूबर को कोर्ट ने फैसला सुनाया। अतरौली क्षेत्र के एक मोहल्ले में बच्ची चारपाई पर बैठी थी। तभी पड़ोस का रहने वाला भारत भूषण उर्फ सोनू आया। उसने 11 साल की मानसिक विक्षिप्त बच्ची को टॉफी और 10 रुपए देने का लालच दिया और अपने घर ले गया। इसके बाद छत में जाकर अश्लील हरकत की और उसके साथ दुष्कर्म किया। मुहल्ले में ही रहने वाले एक व्यक्ति ने उसकी हरकत देख ली थी। उसका वीडियो बना लिया था। इसके बाद उसने शोर मचा दिया और पकड़ने के लिए दौड़ा। बच्ची ने मां को बताई थी आपबीती
दरिंदगी के बाद पड़ोसी ने दोषी को दौड़ाया था, जिसके बाद वह मौके से भाग गया था। वहीं, बच्ची ने अपने घर जाकर मां को रो-रोकर सारी बात बताई थी। शाम को जब बच्ची का पिता घर आया तो उसे बात पता चली। इसके बाद उसने अतरौली थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। इस मुकदमे में सभी 7 गवाहों ने अपनी मजबूत गवाही दी। मुकदमे में सबसे मजबूत सबूत चश्मदीद द्वारा बनाया गया वीडियो माना गया है। उसी के आधार पर कोर्ट ने सजा सुनाई है। – महेश सिंह, विशेष लोक अभियोजक चश्मदीद का बनाया वीडियो मजबूत सबूत रहा
पड़ोसी एक व्यक्ति ने बच्ची को ले जाते और अश्लील हरकत देख लिया था। उसने इसका वीडियो बना लिया। मुकदमे में सबसे मजबूत सबूत चश्मदीद का बनाया वीडियो माना गया। इसके आधार पर कोर्ट ने अधिकतम सजा सुनाई है। देश का दूसरा और यूपी का पहला फैसला
भारतीय दंड संहिता (BNS) लागू होने के बाद यह देश का दूसरा मामला है, जिसमें सजा सुनाई गई है। वहीं, उत्तर प्रदेश का यह पहला मामला है, जिसमें BNS के अपराधी को कोर्ट ने सजा सुनाई है। दोषी को सजा होने के साथ ही यह रिकॉर्ड अलीगढ़ के नाम आया है। BNS में प्रदेश की पहली सजा लैंगिक अपराध के मामले में हुई है। ———————- ये खबर भी पढ़िए- ननदोई ने हाथ-पैर पकड़े, सिपाही पति ने गला काटा: रामपुर की कॉन्स्टेबल पत्नी पर बेवफाई का शक था रामपुर में स्पेशल ब्रांच की रीजनल इंटेलिजेंस यूनिट के एक सिपाही ने अपनी कॉन्स्टेबल बीवी की हत्या कर दी। उसने चाकू से रेत कर पहले अपनी बीवी की गर्दन धड़ से अलग की फिर पॉलीथिन में पैक किया। करीब 30 किमी दूर मुरादाबाद में रामगंगा किनारे फेंक दिया। दरअसल, कॉन्स्टेबल को शक था कि पत्नी उसके साथ बेवफाई कर रही है। कॉन्स्टेबल अक्सर अपनी सास से कहता था- आपकी बेटी का अपने गांव के 7वीं फेल मजदूर से अफेयर चल रहा है। वो मेरे समझाने पर भी नहीं मान रही। इसे समझाइए, वरना अंजाम अच्छा नहीं होगा। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर