इलाहाबाद हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी:श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस के पक्षकार को पाकिस्तान के नंबर से कॉल आई, बोला-पहले कोर्ट फिर तुम्हें मारेंगे

इलाहाबाद हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी:श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस के पक्षकार को पाकिस्तान के नंबर से कॉल आई, बोला-पहले कोर्ट फिर तुम्हें मारेंगे इलाहाबाद हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। मथुरा के आशुतोष पांडेय को वॉट्सऐप पर 22 रिकॉर्डिंग भेजी गईं हैं। यह दो मोबाइल नंबर से आई हैं। दोनों पाकिस्तान के बताए जा रहे हैं। उन्हें इन नंबरों से कॉल भी आईं हैं। बता दें कि आशुतोष श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मामले में पक्षकार हैं। वह श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं। धमकी मिली- पहले कोर्ट, फिर तुम्हें बम से उड़ा देंगे
आशुतोष के अनुसार बुधवार की रात 9.36 बजे वॉट्सऐप पर 22 ऑडियो रिकॉर्डिंग मिली। यह सभी पाकिस्तान के नंबर +92 302 9854231 से भेजी गई थीं। आशुतोष ने जब रिकॉर्डिंग को सुना तो उसमें हाईकोर्ट और उनको बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। इसके अलावा रिकॉर्डिंग भेजने वाले ने अपशब्द कहे, धमकियां दीं। कॉल करने वाले शख्स ने कहा – 19 नवंबर, 2024 को इलाहाबाद हाईकोर्ट को बम से उड़ा दिया जाएगा। ये भी कहा कि तुम भी नहीं बचोगे, तुम्हें 20 नवंबर, 2024 को बम से उड़ा देंगे। ये 22 रिकॉर्डिंग पुलिस को सौंपी गईं हैं। ये 3 से 12 सेकेंड की हैं। अफसरों को मेल पर रिकॉर्डिंग भेज रहे
आशुतोष पांडे शामली के कांधला के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा- इसकी सूचना शामली पुलिस को दे दी है। आला अधिकारियों को मेल भी कर रहे हैं। हमें पहले भी धमकी मिल चुकी है। प्रयागराज,कौशांबी ,फतेहपुर और मथुरा में केस दर्ज कराए जा चुके हैं। आशुतोष ने शाही ईदगाह में अवैध बिजली की शिकायत की थी
आशुतोष पांडे श्री कृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह मामले में पक्षकार हैं। वह 18 वादियों की तरह श्री कृष्ण जन्मस्थान की जमीन मुक्त कराने के लिए कोर्ट से मांग कर रहे हैं। आशुतोष पांडे ने शाही ईदगाह में अवैध रूप से बिजली चलाने की शिकायत की थी। जिस पर बिजली विभाग और पुलिस ने कार्यवाही करते हुए शाही ईदगाह के सचिव के खिलाफ कार्रवाई की थी। ————- ये खबर भी पढ़िए… अखिलेश बोले- अहंकार से भरी भाजपा छात्रों से हारेगी:प्रयागराज में 20 हजार छात्रों ने जलाए कैंडल; ‘विपक्षी नहीं हैं हम’ के लगे नारे प्रयागराज में लोक सेवा आयोग कार्यालय (UPPSC) के सामने 20 हजार छात्रों का प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी है। बुधवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने छात्रों की मांगों को जायज बताया। कहा, ‘प्रयागराज में जो युवा नौकरी मांगने आए, उन पर ये लाठी चलवा रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर…

लखनऊ के इस डिग्री कॉलेज में 80% छात्राएं:अगले सत्र से पीजी की पढ़ाई; प्रधानमंत्री रहते हुए अटल बिहारी वाजपेई ने की थी स्थापना

लखनऊ के इस डिग्री कॉलेज में 80% छात्राएं:अगले सत्र से पीजी की पढ़ाई; प्रधानमंत्री रहते हुए अटल बिहारी वाजपेई ने की थी स्थापना लखनऊ से सांसद और देश के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी के प्रयासों से महिला नगर निगम डिग्री कॉलेज की स्थापना हुई थी। तत्कालीन नगर विकास मंत्री लालजी टंडन और महापौर एससी राय ने इसकी स्थापना में अहम भूमिका निभाई। बाद में को-एजुकेशन के तौर पर इसका संचालन शुरू हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री की पहली पुण्यतिथि पर इस कॉलेज का नामकरण उनके नाम पर किया गया। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 43वें एपिसोड में अटल बिहारी वाजपेई डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुभाष चंद्र पांडेय से खास बातचीत… डॉ. सुभाष चंद्र पांडेय कहते हैं कि इस बार कई कॉलेजों में एडमिशन सत्र बीत जाने के बावजूद बड़ी संख्या में सीट खाली रह गई। जबकि हमारे कॉलेज में सभी सीट भर गई हैं। अगले सत्र में पीजी की पढ़ाई शुरू करने के साथ ही BA-LLB और BCA जैसे डिमांडिंग कोर्स शुरू किए जाएंगे। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए स्टूडेंट्स को तैयार करने के लिए फ्री कोचिंग भी कराई जा रही है। मकसद IIT और UPSC जैसे एग्जाम के लिए स्टूडेंट्स को तैयार करने के साथ सफल बनाना है। देखें वीडियो…

प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे छात्रों और पुलिस में झड़प:छात्र बोले- सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मी पहुंचकर जबरन उठा रहे; धरने का आज चौथा दिन

प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे छात्रों और पुलिस में झड़प:छात्र बोले- सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मी पहुंचकर जबरन उठा रहे; धरने का आज चौथा दिन प्रयागराज में लोक सेवा आयोग कार्यालय (UPPSC) के सामने 20 हजार छात्रों का प्रदर्शन चौथे दिन गुरुवार को भी जारी है। छात्रों का आरोप है कि गुरुवार सुबह पुलिस के कुछ जवान सिविल ड्रेस में पहुंचे। सुबह छात्रों की संख्या कम होने के चलते पुलिस वाले अभ्यर्थियों को वहां से हटाने लग गए। आशुतोष नाम के एक अभ्यर्थी को पुलिस उठाकर ले जाने का प्रयास कर रही थी। तभी उसके साथी आ गए। सादी वर्दी में आए पुलिसकर्मी और छात्रों के बीच झड़प हुई। छात्रों का आरोप है कि पुलिस वालों ने अभद्रता की। गाली दी। हालांकि, इस मामले में प्रयागराज पुलिस का पक्ष अभी नहीं मिल पाया है। प्रयागराज में सोमवार से पीसीएस प्री और RO/ARO के करीब 20 हजार अभ्यर्थी धरने पर बैठे हैं। उनकी मांग है कि अयोग नॉर्मलाइजेशन की प्रकिया को कैंसिल करे और दो-दो दिन की बजाए, दोनों एग्जाम को एक ही दिन कराए। इससे पहले, बुधवार रात को भी प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ तीसरी बार डीएम ने बातचीत की, लेकिन इस दौरान कोई हल नहीं निकला। छात्रों के प्रदर्शन से जुड़ी पल-पल की अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…

बुलडोजर को ब्रांड से ‘कांड’ बनाना पड़ा महंगा:SC के डायरेक्शन का क्या तोड़ निकाल पाएगी यूपी सरकार?

बुलडोजर को ब्रांड से ‘कांड’ बनाना पड़ा महंगा:SC के डायरेक्शन का क्या तोड़ निकाल पाएगी यूपी सरकार? उत्तर प्रदेश में माफिया, गुंडों और अपराधियों की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर एक्शन को लेकर योगी सरकार देशभर में चर्चा में आई। या यूं कहें कि बुलडोजर एक्शन योगी सरकार का ब्रांड बन गया। मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड जैसे कई राज्यों ने भी सीएम योगी के नक्शेकदम पर चलकर अपने राज्यों में यह फॉर्मूला लागू किया। अब यही बुलडोजर एक्शन अफसरों की मनमानी के कारण ‘कांड’ बन गया है। बुलडोजर के ब्रांड से कांड बनने का ही नतीजा है कि सुप्रीम कोर्ट को यह कहना पड़ा, सरकारें जज नहीं बन सकतीं, जो किसी आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाने का फैसला दे दें। सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा कि मनमाने तरीके से बुलडोजर चलाने वाली सरकारें कानून हाथ में लेने की दोषी हैं। साथ ही 15 डायरेक्शन भी दिए हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है, क्या योगी सरकार 15 डायरेक्शन का तोड़ निकाल पाएगी? सरकार पर सख्ती के बाद विपक्ष भी इसे उपचुनाव और 2027 के चुनाव में मुद्दा बनाएगा। राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्रनाथ भट्‌ट मानते हैं, बुलडोजर की कार्रवाई से सरकार ने माफिया और अपराधियों के बीच दहशत कायम की। लेकिन, इसमें भी कोई दो-राय नहीं कि प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने यूपी में मनमाने तरीके से बुलडोजर की कार्रवाई कर लोगों की वैध संपत्ति को भी नष्ट किया। हाल ही में बहराइच और महसी में बिना कानूनी प्रक्रिया के अधिकारी बुलडोजर लेकर दौड़ पड़े। इससे संदेश गया कि प्रशासन केवल एक समुदाय विशेष को निशाना बना रहा है। फैसले का सीधा असर क्या होगा? अब तक की कार्रवाई पर सवालिया निशान
यूपी में अब तक माफिया, गुंडे और अपराधियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने की प्रभावी कार्रवाई की गई। लखनऊ में माफिया मुख्तार अंसारी, प्रयागराज में अतीक अहमद सहित अन्य कई बड़े अपराधियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया गया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सरकार की अब तक की कार्रवाई पर भी सवालिया निशान लगेगा। सरकार और भाजपा को घेरेगा विपक्ष
जानकार मानते हैं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष को सरकार और भाजपा के खिलाफ बड़ा हथियार मिल गया है। कांग्रेस, सपा और बसपा सहित तमाम विपक्षी दल बुलडोजर एक्शन का पहले से विरोध कर रहे थे। इस फैसले के बाद विपक्ष न केवल उपचुनाव, विधानसभा चुनाव- 2027 में भी इसे मुद्दा बनाकर जनता के बीच सरकार को घेरेगा। सीनियर जर्नलिस्ट आनंदराय मानते हैं, बुलडोजर की कार्रवाई से निश्चित तौर पर यूपी में कानून का राज कायम हुआ था। अपराधियों और माफिया में दहशत थी। बुलडोजर एक ब्रांड बन गया था। सीएम योगी की ‘बुलडोजर बाबा’ के नाम से लोकप्रियता भी बढ़ी। इससे भाजपा को विधानसभा चुनाव 2022 में फायदा भी मिला। लेकिन, अफसरों की कारगुजारी से कई जगह बुलडोजर की मनमानी कार्रवाई हुई। उनका मानना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद अफसरों की दशहत और मनमानी कम होगी। विपक्ष इसे चुनावी मुद्दा बनाएगा। उसको आगे बढ़कर सरकार को घेरने का मौका मिलेगा। अब बुलडोजर चलाना सरकार के लिए आसान नहीं होगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रंगनाथ पांडेय का मानना है, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब बुलडोजर की कार्रवाई आसान नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि इसमें अब अधिकारियों और कर्मचारियों की भी जवाबदेही तय होगी। सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद भी देखा गया कि कुछ जगह अधिकारी बुलडोजर लेकर पहुंच गए थे। बिकरू कांड से चर्चा में आया बुलडोजर
2 जुलाई, 2020 की रात को कानपुर के बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे ने साथियों के साथ मिलकर 8 पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था। पुलिस ने गैंग को मिटाने की शपथ ले ली। विकास दुबे गैंग के एक-एक आदमी को एनकाउंटर में मारकर गिराया जाने लगा। 40 थानों की पुलिस फोर्स की मौजूदगी में विकास दुबे के घर पर बुलडोजर चला। चार बुलडोजर लगाकर विकास दुबे की अपराध से बनाई संपत्ति, चाहे मकान हो या फिर गाड़ियां, सब को तहस-नहस कर दिया गया। यूं पड़ा बुलडोजर बाबा नाम
विधानसभा चुनाव, 2022 के दौरान 20 जनवरी को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अयोध्या में चुनावी रैली के दौरान से कहा- जो जगहों का नाम बदलते थे, आज एक अखबार ने उनका ही नाम बदल दिया। अखबार अभी गांवों में नहीं पहुंचा होगा। हम बता देते हैं, उनका नया नाम रखा है, बाबा बुलडोजर। अखिलेश के बाबा बुलडोजर कहते ही योगी आदित्यनाथ और भाजपा ने बुलडोजर का प्रचार शुरू किया। अगले दिन योगी ने कहा था- बुलडोजर हाईवे भी बनाता है, बाढ़ रोकने का काम भी करता है। साथ ही माफिया से अवैध कब्जे को भी मुक्त करता है। 25 फरवरी को जब योगी रैली के लिए निकले, तो उन्होंने हेलिकॉप्टर की एक फोटो शेयर की। उन्हें अपनी रैली में कई बुलडोजर खड़े नजर आए थे। बड़े माफिया पर कब-कब बुलडोजर एक्शन नगरीय क्षेत्रों में अधिकार सुरक्षित
जानकार मानते हैं, सरकार के पास नगरीय क्षेत्रों में विकास प्राधिकरण और नगर निगम को अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। एक्ट के तहत नोटिस देकर पहले संबंधित से जवाब-तलब किया जाता है। जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर निकाय या प्राधिकरण अवैध निर्माण को ध्वस्त कर सकती है। अब आखिर में जानिए…सरकार क्या तोड़ निकाल पाएगी? जवाब है नहीं….नया एक्ट बनाकर भी तोड़ नहीं निकाल सकती सरकार
हाईकोर्ट के वरिष्ठ एडवोकेट जयदीप नारायण माथुर का कहना है, राज्य सरकारें बुलडोजर से डरा रही थीं। अब वो डर खत्म हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश और गाइडलाइन संवैधानिक आधार पर दी हैं। इस कारण राज्य सरकार अब कोई कानून लाकर भी इस फैसले का तोड़ नहीं निकाल सकती। सरकार ऐसा कोई कानून नहीं बना सकती, जिसमें किसी अपराधी या सजायाफ्ता मुजरिम का वैध घर तोड़ दिया जाए। सरकार को सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार ही काम करना होगा। ——————- ये खबर भी पढ़ें… बुलडोजर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागतयोग्य- योगी सरकार, यूपी में बुलडोजर सशर्त चलता रहेगा, 15 पॉइंट में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन यूपी की राजनीति के केंद्र बुलडोजर पर अब सुप्रीम कोर्ट ने लगाम लगा दी है। कोर्ट ने 15 पॉइंट की गाइडलाइन जारी की है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कई सवाल खड़े हुए हैं। क्या अपराधियों के घर अब बुलडोजर एक्शन पहले की तरह नहीं हो पाएगा? योगी सरकार अब आगे क्या करेगी? हालांकि, यूपी सरकार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, वह स्वागत योग्य है। यह केस दिल्ली से संबंधित था और उत्तर प्रदेश सरकार इसमें पार्टी नहीं थी। पढ़ें पूरी खबर…

गाजियाबाद में मुस्लिम-SC वोट मिला तो सपा पलटेगी बाजी:20 साल का सूखा खत्म करने में जुटी; भाजपा प्रत्याशी घर बदलकर पड़ रहे भारी

गाजियाबाद में मुस्लिम-SC वोट मिला तो सपा पलटेगी बाजी:20 साल का सूखा खत्म करने में जुटी; भाजपा प्रत्याशी घर बदलकर पड़ रहे भारी ‘गाजियाबाद में सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक की है। सिद्धार्थ विहार अंडरपास से लेकर हाईवे तक जाम लगा रहता है। सबसे बड़ी दिक्कत ऑफिस जाने वालों को होती है। हिंडन बैराज पर लोहे वाला पुल जर्जर है, उसे फिर से बनाने की जरूरत है।’ यह कहना है बैंकर्स जितेंद्र कुमार का, जो गाजियाबाद में लाइन पार एरिया में प्रतीक ग्रैंड सोसाइटी में रहते हैं। यह सिर्फ उनका कहना नहीं है। गाजियाबाद में वाकई ट्रैफिक जाम बड़ी समस्या है। हालांकि, एक बड़ा तबका डेवलपमेंट और लॉ एंड ऑर्डर से खुश नजर आता है। कहता है- अब स्थिति बेहतर है। गाजियाबाद की सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। यह चुनाव लाइन पार VS शहर एरिया पर आकर टिक गया है। दरअसल, सदर सीट का 65% वोटर लाइन पार और 35% सिटी में है। भाजपा से संजीव शर्मा चुनावी मैदान में हैं। लाइन पार के वोटर साधने के लिए उन्होंने यहां घर लिया है। सपा प्रत्याशी सिंह राज जाटव लाइन पार के ही हैं। बसपा ने परमानंद गर्ग को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर सीएम योगी, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर चुनावी सभा कर चुके हैं। बसपा की ओर से अब तक यहां बड़ा चेहरा नहीं पहुंचा है। यहां मौजूदा समीकरण भाजपा के पक्ष में हैं। हालांकि, सपा कैंडिडेट सिंह राज अगर अपने इलाके के वोटर साध लेते हैं, तो स्थिति बदल सकती है। वोटर का पार्टी और कैंडिडेट्स को लेकर क्या रुख है? यहां के लोकल मुद्दे क्या हैं? ये जानने के लिए दैनिक भास्कर गाजियाबाद सदर सीट पर पहुंचा। सबसे पहले गाजियाबाद के सियासी समीकरण
गाजियाबाद में अब तक हुए चुनाव में 6 बार भाजपा, 6 बार कांग्रेस, एक-एक बार सपा और बसपा का कब्जा रहा। 2017 से यह सीट भाजपा के पास है। मौजूदा विधायक अतुल गर्ग सांसद बन चुके हैं, इसलिए यहां उपचुनाव हो रहा है। 2022 चुनाव में भाजपा को 61.37% वोट मिले, जबकि सपा को 18.25% वोट ही मिले। इस बार सपा-कांग्रेस एक साथ चुनावी मैदान में हैं। अगर 2022 के इलेक्शन में दोनों पार्टी को मिले कुल वोट जोड़े जाएं, तब भी वह 23.06% बैठते हैं, जो भाजपा को मिले वोटों से 38.31% कम हैं। भाजपा यहां जीत की हैट्रिक लगाने के लिए पूरा दम लगा रही है। सपा यहां 20 साल पुराने इतिहास को दोहराने की कोशिश कर रही है। दरअसल, 2004 में इस सीट पर उपचुनाव हुआ। तब सपा ने पहली बार यहां जीत दर्ज की। सुरेंद्र कुमार मुन्नी विधायक चुने गए। अब बात वोटर्स की…
चुनावी माहौल जानने के लिए सबसे पहले हम गाजियाबाद की तुराबनगर मार्केट में पहुंचे। ये शहर का सबसे भीड़भाड़ वाला इलाका है। यहां कपड़े, होजरी और जूते की हजारों दुकानें हैं। गाजियाबाद के अलावा आसपास के शहरों के ग्राहक खासकर महिलाएं सामान खरीदने इसी मार्केट में आती हैं। यहां हमारी मुलाकात कपड़ा व्यापारी सचिन शर्मा से हुई। सचिन कहते हैं- भाजपा ने व्यापारियों के लिए अच्छा काम किया है। सुरक्षा व्यवस्था बेहतर हुई है। पहले गारंटी नहीं थी कि हम सेफ हैं या नहीं। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। पुलिस प्रशासन अच्छा काम कर रहा है। इसके बाद हम दूसरी शॉप पर पहुंचे। यहां गोपाल चंद गर्ग से हमने सवाल किया कि ‘बटेंगे और कटेंगे’ जैसे नारे को किस तरह देखते हैं? जवाब में वो कहते हैं- हमें एकता ही दिखानी चाहिए। भाजपा हिंदुओं की बात करती है। दूसरी पार्टी हिंदुओं की बात नहीं करती। ऐसे ही हमने बैग दुकानदार प्रशांत गुप्ता से बात की। वह कहते हैं- गाजियाबाद का चुनावी माहौल भाजपा के पक्ष में है। यहां डेवलपमेंट न होने जैसी कोई बात नहीं है। खूब विकास कराया गया है। क्या महंगाई और बेरोजगारी चुनाव में मुद्दा हैं? इस सवाल के जवाब में प्रशांत कहते हैं- महंगाई तो अमेरिका में भी है। लेकिन सुरक्षा सबसे बड़ी चीज है, जिसे आप कंपेयर नहीं कर सकते। हम अलग-अलग इलाकों में गए। लोगों ने पेयजल संकट की बात भी की। लाइन पार इलाके की प्रतीक ग्रैंड सोसाइटी में रहने वाले जितेंद्र कुमार कहते हैं- हमारे यहां का मुख्य मुद्दा ट्रैफिक है। सिद्धार्थ विहार अंडरपास से लेकर हाईवे तक जाम लगा रहता है। जितेंद्र कहते हैं- हिंडन बैराज पर लोहे वाला पुल जर्जर है। सिद्धार्थ विहार में पार्क भी बड़ा मुद्दा है। 10 साल से 40 एकड़ के पार्क में कोई प्रगति नहीं हो पाई है। जो प्रत्याशी हमारे मुद्दे हल करने की बात करेगा, हम उसको ही वोट करेंगे। अब बात पॉलिटिकल एक्सपर्ट की… सपा को लाइन पार क्षेत्र में मेहनत करने की जरूरत
गाजियाबाद के इलेक्शन में हवा का रुख क्या है? ये जानने के लिए हमने वरिष्ठ पत्रकार अशोक कौशिक से बात की। अशोक कौशिक ने कहा- अभी तक भाजपा लीड करती नजर आ रही है। क्योंकि, सीट भाजपा की थी। जो मौजूदा प्रत्याशी संजीव शर्मा चुनाव में उतरे हैं, वो खुद दो बार से भाजपा के महानगर अध्यक्ष हैं। इसलिए उनके प्रति जनता का जुड़ाव ज्यादा है। अशोक कौशिक ने कहा- सपा ने सिंह राज जाटव को प्रत्याशी बनाया है। इससे पहले उनका नाम कहीं नहीं था। वो जाटव वोटों को प्रभावित को थोड़ा बहुत प्रभावित करते नजर आ रहे हैं, लेकिन जीत की तरफ अग्रसर नहीं दिख रहे। गाजियाबाद वैसे भी भाजपा का गढ़ है, इसलिए भी वह मजबूत दिखाई दे रही है। अशोक कौशिक ने कहा- अगर सिंह राज ने लाइन पार क्षेत्र में अपनी पकड़ बना ली, तो शायद वो फाइट में आ सकते हैं। सपा को यहीं मेहनत करने की जरूरत है। क्या इस इलेक्शन में मुद्दे हावी हैं? इस सवाल के जवाब में अशौक कौशिक कहते हैं- इस इलेक्शन में पार्टी हावी है। मुद्दे कहीं दिखाई नहीं दे रहे। नेता शहर के विकास, कानून व्यवस्था, ट्रैफिक की बात नहीं कर रहे हैं। माना जाता है कि गाजियाबाद शहर सीट की जीत-हार विजयनगर क्षेत्र से तय होगी। उसी इलाके में पिछले 10 साल से सीवर का पानी सड़क पर बह रहा है। इसके बावजूद ये समस्या मुद्दा नहीं है। मुद्दा न पब्लिक उठा रही, न नेता उठा रहे। ये मुद्दा विहीन इलेक्शन है। मौजूदा समय में राजनीतिक दलों का अनुमान है कि इस बार यहां 35% आसपास ही वोट डाले जाएंगे। इसलिए दलों ने अपने बूथ कार्यकर्ताओं को लाइन अप करना शुरू कर दिया है। उन्हें उम्मीद है कि यही कार्यकर्ता घर-घर जाकर वोटर्स को बूथ तक लेकर आएंगे। वरना, उपचुनाव की वजह से वोटर्स का इंट्रेस्ट काफी कम है। इन्हीं वजहों को ध्यान में रखते हुए योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव ने अभी तक जनसभा करने की बजाय अपने कार्यकर्ताओं संग बैठकें की हैं। यहां मुस्लिम 17% और एससी करीब 25% हैं। दोनों कुल मिलाकर 42% हैं। सपा प्रत्याशी सिंह राज जाटव इन्हीं के भरोसे हैं। उन्हें लगता है कि मुस्लिम सपा को ही वोट करेंगे। साथ में जाटव प्रत्याशी होने की वजह से बिरादरी का वोट आएगा। अगर बसपा और आजाद समाज पार्टी एससी वोटर को नहीं लुभा पाती हैं, तो सपा को फायदा मिल सकता है। भाजपा भी इसी तरफ देख रही है कि ये दोनों पार्टियां एससी वोटरों में कितना बिखराव कर पाती हैं। अब बात पॉलिटिकल पार्टीज की… ‘चुनाव में सिर्फ भाजपा, विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं’
भाजपा नेता रोबिन तोमर कहते हैं- चुनाव में सिर्फ भाजपा है। ऐसा दिख ही नहीं रहा कि विपक्ष चुनाव में खड़ा भी हो। विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। उनके पास कोई नीति या रणनीति नहीं है। ‘सबका साथ-सबका विकास’ मुद्दे पर हम जनता के बीच जा रहे हैं। जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी ने जनता का दिल जीता है, उससे हम भाजपा का कमल खिलाने वाले हैं। क्या इस चुनाव में राम मंदिर मुद्दा है? इस सवाल के जवाब में रोबिन कहते हैं- कुछ मुद्दे ऐसे हैं, जिनको जनता स्वयं सोचती है। वो मुद्दे नहीं, ये हमारी भावनाएं हैं। भगवान राम थे, हैं और रहेंगे। ये हमारी आस्था का केंद्र है। इसके लिए हम किसी की जान ले सकते हैं और दे भी सकते हैं। लाइन पार की जनता के साथ हो रहा था सौतेला व्यवहार
सपा युवजन सभा के जिलाध्यक्ष जीतू शर्मा ने कहा- सपा ने इस बार सोची समझी रणनीति के तहत प्रत्याशी उतारा है। अभी तक के विधायक लाइन पार एरिया से सौतेला व्यवहार करते रहे हैं। जीतू शर्मा ने कहा- इसलिए हमारी पार्टी ने उसी इलाके के रहने वाले व्यक्ति को चुनाव मैदान में उतार दिया, ताकि वो जीतने के बाद उस इलाके का अच्छे से ख्याल रख पाए। इस स्ट्रेटजी का हमें खूब फायदा मिल रहा है। लाइन पार क्षेत्र के लोग सपा को अच्छा-खासा समर्थन दे रहे हैं। इस बार ये सीट हम जीतने जा रहे हैं। ‘बसपा ने वैश्य बिरादरी का सम्मान बढ़ाया, इसका असर चुनाव में दिख रहा’
बसपा के स्टार प्रचारक सुरेश तोमर कहते हैं- गाजियाबाद सदर सीट लंबे समय तक वैश्य समाज के पास रही है। सबसे पहले सुरेंद्र प्रकाश गोयल, फिर सुरेश बंसल और फिर अतुल गर्ग विधायक रहे। इसीलिए बहन जी ने यहां वैश्य को टिकट देकर उनकी बिरादरी का सम्मान बढ़ाया है। जबकि भाजपा ने वैश्य बिरादरी का सम्मान घटाया है। निश्चित रूप से इसका असर चुनाव में देखने को मिल रहा है। सुरेश तोमर ने कहा- हमें समाज का भारी समर्थन मिल रहा है। बहन जी के कार्यकाल में 2007 से 2012 तक सबसे ज्यादा विकास कार्य हुए हैं। इन्हीं विकास कार्यों को लेकर चुनाव में हम जनता के बीच जा रहे हैं। लोग आज भी बहन जी के कार्यकाल को याद कर रहे हैं, क्योंकि उनका जो सरकार चलाने का तरीका था, वो सबसे हटकर था।
……………………….. यह खबर भी पढ़ें नसीम के आंसुओं से सीसामऊ में सपा मजबूत: ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के नारे से मुस्लिम एक; हिंदू वोटर BJP का सहारा मंच पर रोती हुईं नसीम सोलंकी के साथ संवेदनाएं दिख रही हैं। भाजपा प्रत्याशी सुरेश अवस्थी के लिए सीएम योगी रैली कर चुके हैं। अब सीसामऊ सीट पर क्या राजनीतिक समीकरण बन रहे हैं? क्या यहां बड़ा उलटफेर होगा? अभी हवा का रुख क्या है? ये जानने दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड पर पहुंची, पढ़ें पूरी रिपोर्ट…

CDRI में इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल का आगाज:इन-हाउस वायरल किट विकसित करने के लिए KGMU के साथ हुआ MOU, डेंगू-मलेरिया की जांच होगी आसान

CDRI में इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल का आगाज:इन-हाउस वायरल किट विकसित करने के लिए KGMU के साथ हुआ MOU, डेंगू-मलेरिया की जांच होगी आसान केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (CDRI) और KGMU मिलकर मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियों की पहचान के लिए किट विकिसत करेंगे। इसमें डेंगू के अलावा चिकनगुनिया, जीका वायरस की जांच किट शामिल है। बुधवार को दोनों संस्थानों के बीच किट विकसित करने के लेकर करार हुआ। वन वीक वन थीम के तहत आयोजन बुधवार को CDRI में वन वीक वन थीम के तहत किफायती स्वास्थ्य देखभाल के लिए भारत की अनुसंधान एवं विकास प्राथमिकताएं विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सेन शर्मा ने किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से सुधार हो रहा है। बीमारियों के इलाज, रोकथाम पर काम हो रहा है। इन-हाउस प्रोब डेवलप करने पर जोर CDRI की निदेशक डॉ.राधा रंगराजन ने भारत के स्वास्थ्य देखभाल लक्ष्यों के साथ अनुसंधान और विकास के लिए सहयोगी मंच के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि CDRI और KGMU के बीच आर्बोवायरल (डेंगु, चिकनगुनिया, जीका वायरस) संक्रमणों के लिए इन-हाउस टैकमैन जैसी प्रोब आधारित RT-PCR डिटेक्शन किट विकसित की जाएगी। इससे जुड़े प्रोजेक्ट के लिए दोनों संस्थाओं के बीच करार हुआ। परियोजना प्रमुख डॉ.अतुल गोयल, डॉ.आशीष अरोड़ा, डॉ.नीति कुमार के साथ मिलकर CDRI से प्रोब का विकास करेंगे। जबकि KGMU की डीन व माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. अमिता जैन और उनकी टीम रोगी नमूनों पर किट का परीक्षण और सत्यापन करेंगी।

बेसिक की 1.25 लाख छात्राएं होंगी फाइनेंसियली लिटरेट:3000 नोडल टीचर देने ट्रेनिंग, वास्तविक जीवन के मिलेंगे टास्क

बेसिक की 1.25 लाख छात्राएं होंगी फाइनेंसियली लिटरेट:3000 नोडल टीचर देने ट्रेनिंग, वास्तविक जीवन के मिलेंगे टास्क यूपी के परिषदीय विद्यालयों की 1.25 लाख छात्राएं बहुत जल्द वित्तीय साक्षरता होंगी। उनकी फाइनेंसियल लिटरेसी को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। 31 दिसंबर तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है। इस पहल का उद्देश्य स्कूली छात्राओं के फाइनेंसियल नॉलेज यानी वित्तीय ज्ञान और प्रबंधन कौशल से सशक्त बनाना है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और आर्थिक रूप से जागरूक हो सकें। मिशन शक्ति की पहल मिशन शक्ति के अंतर्गत योगी सरकार का लक्ष्य 80 हजार कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी), 35 हजार पीएम श्री योजना के विद्यालयों और 10 हजार अन्य उच्च प्राथमिक विद्यालयों की बालिकाओं को वित्तीय शिक्षा देना है। यूनिसेफ कर रहा सपोर्ट यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग से चलने वाले इस अभियान में बालिकाओं को बचत, बैंकिंग, डिजिटल पेमेंट, बीमा और अन्य वित्तीय विषयों की जानकारी देकर उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का प्रयास किया जाएगा। शिक्षकों की ट्रेनिंग पूरी अभियान की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए 28 अक्टूबर को यूनिसेफ के सहयोग से 2200 शिक्षकों की ट्रेनिंग का काम पूरा कर लिया गया है। 30 नवंबर तक 3000 नोडल शिक्षकों का प्रशिक्षण भी पूरा करने की योजना है, जो बाद में बालिकाओं को वित्तीय साक्षरता का प्रशिक्षण देंगे। यह होगा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और सामग्री इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बालिकाओं को विभिन्न वित्तीय अवधारणाएं, धन का प्रबंधन, डिजिटल भुगतान, बीमा और जोखिम प्रबंधन, मुद्रा की पहचान, और वित्तीय धोखाधड़ी से बचाव के उपायों की जानकारी दी जाएगी। साथ ही, करियर जागरूकता के तहत भविष्य के रोजगार अवसरों से भी परिचित कराया जाएगा। सीखेंगी बेटियां 1. परिवार की कुल आय के अनुसार खर्च प्रबंधन के माध्यम से भविष्य की आवश्यकताओं को संयमित करने के तरीके सिखाए जाएंगे। व्यावहारिक गतिविधियों द्वारा उन्हें वास्तविक जीवन के टास्क दिए जाएंगे। 2. अनावश्यक खर्चों में कटौती और बचत बढ़ाने के तरीके सिखाए जाएंगे। 3. आय से बचत योजना बनाने के गुण सिखाए जाएंगे ताकि बड़े खर्चों के लिए पर्याप्त धनराशि जुटाई जा सके। 4. बैंक खाता खोलना, बैंकिंग सेवाओं की जानकारी, और आपात स्थितियों के लिए बचत का महत्व समझाया जाएगा। चेक बुक, एटीएम कार्ड, ब्याज, सावधि और आवर्ती जमा के विषय में जानकारी दी जाएगी। 5. कहानियां, गतिविधियां और बैंक भ्रमण के माध्यम से बालिकाओं को व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया जाएगा। बेटियों को मिलेगा प्रमाण-पत्र प्रशिक्षण समाप्ति के बाद बालिकाओं को प्रमाण-पत्र दिए जाएंगे, जो उनके कौशल को प्रमाणित करेंगे और आत्मविश्वास बढ़ाएंगे। आर्थिक मजबूती देना है मकसद बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा कि यह अभियान बालिकाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 31 दिसंबर तक प्रशिक्षण पूरा करने की कोशिशें तेजी से जारी हैं। योगी सरकार की यह पहल बालिकाओं को वित्तीय साक्षरता में दक्ष बनाकर उनकी आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में एक बड़ा कदम है।

गाजियाबाद में बेटे के सामने पिता की हत्या:बाइक खड़ी करने पर गुस्साया था पड़ोसी; बोला-आज तेरा किस्सा खत्म कर दूंगा

गाजियाबाद में बेटे के सामने पिता की हत्या:बाइक खड़ी करने पर गुस्साया था पड़ोसी; बोला-आज तेरा किस्सा खत्म कर दूंगा गाजियाबाद में बुधवार को बेटे के सामने पिता की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई। बाइक खड़ी करने को लेकर युवक का पड़ोसी से विवाद हुआ। इसके बाद पड़ोसी पीटने लगा। थोड़ी देर में चाकू को लेकर आया। पेट और चेहरे पर मारकर हत्या कर दी। बेटा सामने खड़ा था, उसने रोकने की कोशिश की। उस पर हमला किया। इससे वो भी घायल हो गया। आरोपी बोला-‘आज तेरा किस्सा खत्म कर दूंगा’। खोड़ा इंस्पेक्टर आनंद मिश्रा भी फोर्स के साथ मौके पर पहुंची। घायल बेटे को अस्पताल में भर्ती कराया। ये घटना खोड़ा थाना क्षेत्र की है। विस्तार से जानिए पूरा मामला… दो पक्ष लड़ने लगे
इंद्रा विहार मस्जिद के पास नन्हे खान (56) अपने बेटे सलमान के साथ मजूदरी करता था। इसी गली में घर के सामने मोहम्म्द जाकिर का मकान है। पुलिस ने बताया कि गली में घर के सामने बाइक खड़ी करने को लेकर पूर्व में भी विवाद हो चुका है। शाम को गली में बाइक को लेकर नन्हे व जाकिर के बीच कहासुनी हुई। जहां दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। जाकिर पक्ष के लोगों ने चाकू से हमला बोल दिया, जिसमें चाकू लगने से नन्हे की मौत हो गई। इनका बेटा सलमान गंभीर रूप से घायल हो गया। पहले से धमकी देता था जाकिर
सलमान जहां गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया है। वहीं सलमान के पिता नन्हे की माैत हो चुकी है। घटना की सूचना पर आसपास के लोगों की भीड़ लग गई। पुलिस अधिकारियों के सामने सलमान के परिजनों ने कहा कि आरोपी जाकिर पहले भी धमकी देता था। जो पूर्व में भी मारने की बात कह चुका था। शाम को अचानक से जाकिर पक्ष के तीन- 4 लोग चाकू लेकर गली में आ गए। बीच रास्ते में ही नन्हे की हत्या की गई है।

मेरठ के MBA स्टूडेंट का ‘हत्यारा’ पुलिसवाला निकला:पंजाब से पकड़ा गया; कॉन्स्टेबल बोला- गाड़ी तेज चलाने पर मुझे टोका था

मेरठ के MBA स्टूडेंट का ‘हत्यारा’ पुलिसवाला निकला:पंजाब से पकड़ा गया; कॉन्स्टेबल बोला- गाड़ी तेज चलाने पर मुझे टोका था मेरठ के MBA स्टूडेंट की अहमदाबाद में पुलिस कॉन्स्टेबल ने हत्या की थी। उसे चाकू से गोद दिया था। 10 नवंबर को बॉडी मिलने के बाद अहमदाबाद पुलिस कातिल को ढूंढ रही थी। बुधवार को पंजाब से कॉन्स्टेबल को अरेस्ट किया गया। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के मुताबिक, इसी कॉन्स्टेबल वीरेंद्र सिंह पढियार ने स्टूडेंट को मार डाला था। कॉन्स्टेबल उस दिन छुट्‌टी पर था। पूछताछ में उसने कबूल किया कि गाड़ी तेज चलाने पर स्टूडेंट ने मुझे टोका था। मना करने पर भिड़ा, यही मुझे पसंद नहीं आया। इसलिए मार डाला। वीरेंद्र सिंह अहमदाबाद की सरखेज पुलिस स्टेशन की इन्वेस्टिगेशन टीम में तैनात है। वीरेंद्र को पता था कि इस हत्या के बाद उसकी लोकेशन ट्रेस हो सकती है। इसलिए वह पंजाब भाग गया था। वहां एक होटल में रूम लेकर रहने लगा। इस दौरान मोबाइल भी स्विच ऑफ कर लिया था। लेकिन, टोल के CCTV और लोकेशन का पीछा करती हुई क्राइम ब्रांच पंजाब पहुंची और वहां से वीरेंद्र को पकड़ लिया। अब उसे अहमदाबाद लाया जा रहा है। कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस आरोपी को जेल भेजेगी। मेरठ में छात्र के परिवार को इस बारे में बता दिया गया है। अब पूरा मामला विस्तार से पढ़िए… मेरठ के कारोबारी का बेटा था प्रियांशु, दिवाली पर घर आया था
मेरठ के तिरुपति गार्डन, रुड़की रोड पर रहने वाले पंकज जैन बिजनेसमैन हैं। उनकी शारदा रोड पर ट्रैक्टर स्पेयर पार्ट्स की फैक्ट्री है। मां रीनू जैन गृहिणी हैं। इनका इकलौता बेटा प्रियांशु जैन (23) अहमदाबाद में MICA कॉलेज से MBA कर रहा था। परिवार के लोगों ने बताया- प्रियांशु 2 साल पहले MBA करने अहमदाबाद गया था। अभी दिवाली पर वह मेरठ अपने घर त्योहार मनाने आया था। 4 नवंबर को फेस्टिवल सेलिब्रेट करने के बाद अहमदाबाद लौट गया था। अहमदाबाद में रविवार रात वह अपने दोस्त के साथ बुलेट से जा रहा था। तभी फायर स्टेशन के पास एक कार ड्राइवर से उसकी बहस हो गई। फिर कार ड्राइवर ने उसकी हत्या कर दी। अहमदाबाद ग्रामीण मुख्यालय की SP मेघा तेवर ने बताया- घटना रविवार रात 10.30 बजे के बाद की है। काले रंग की लग्जरी कार के ड्राइवर और छात्र के बीच विवाद हो गया था। इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। आरोपी का स्केच जारी किया गया था। प्रियांशु ने मिठाई खाने के लिए बुलेट रोकी थी
सूट की नाप देने के बाद प्रियांशु और पृथ्वीराज नाश्ता करने के लिए वकील बृज के पास गए। नाश्ता करने के बाद दोनों कॉलेज जा रहे थे। जब वे सन साउथ स्ट्रीट परिसर में पहुंचे, तो प्रियांशु को मिठाई खाने की इच्छा हुई। दोनों ने बेकरी के पास बुलेट रोकी और केक लेने पहुंच गए। जब वे केक लेकर हॉस्टल जा रहे थे, तो एक कार पूरी रफ्तार से उनके पास से गुजरी। इसी बीच प्रियांशु ने ड्राइवर से कहा- इतनी जोर से क्यों गाड़ी चला रहे हो? इसके बाद ड्राइवर ने बुलेट का पीछा किया और प्रियांशु से कहा- रुक-रुक क्या बोला तूने…रुक अभी तुझे दिखाता हूं। पृथ्वीराज ने अपनी बुलेट रोक दी और ड्राइवर ने भी अपनी गाड़ी रोक दी। जैसे ही कार चालक पृथ्वीराज के पास आया, उसने कहा- तुम लोग गलत साइड में हो, तो मैं जोर से नहीं चलूंगा? चालक की बात सुनकर प्रियांशु और पृथ्वीराज चौंक गए। ड्राइवर ने प्रियांशु को धक्का दे दिया और बाद में दोनों के बीच झगड़ा हो गया। ड्राइवर ने प्रियांशु को धमकी दी कि रुक अभी तुझे दिखाता हूं। यह कहकर वह कार के पास गया और दो चाकू लेकर आया। फिर प्रियांशु पर कई वार कर दिए। ——————- अब परिवार का दर्द भी पढ़िए… मोदीजी… मेरे बेटे के हत्यारे को सजा दिलाइए, मेरठ के MBA स्टूडेंट के माता-पिता का दर्द, बोले- डंडे मार लेता, बच्चा तो जिंदा रहता बड़ी मन्नतों से भगवान ने एक बेटा दिया था, वो भी छीन लिया। मेरे बेटे ने उसका क्या बिगाड़ा था…। अगर उस हत्यारे के मन में गुस्सा था, तो मेरे बेटे को डंडे से मार लेता। कम से कम मैं इलाज कराकर अपने बेटे को अपने पास रख लेती। लेकिन, उसने तो उसे बुरी तरह चाकू से गोद दिया। ऐसे कौन मारता है? ये दर्द है प्रियांशु की मां रेनू का। प्रियांशु मेरठ के रहने वाला था। अहमदाबाद के MICA में MBA की पढ़ाई करने गया था। वहां पर उसकी हत्या कर दी गई। रेनू कहती हैं- अभी 6 सितंबर को हमने उसका 24वां बर्थडे सेलिब्रेट किया। भाई दूज पर अपनी बहन से इसी घर से तिलक कराकर गया। पढ़िए पूरी खबर…

हाईटेंशन लाइन की चपेट में आया बुजुर्ग:गंभीर रूप से झुलसे, लाइन नीचे लटकने की वजह से हुआ हादसा

हाईटेंशन लाइन की चपेट में आया बुजुर्ग:गंभीर रूप से झुलसे, लाइन नीचे लटकने की वजह से हुआ हादसा एटा जिले के नयागांव थाना क्षेत्र के गही गांव में बिजली विभाग की लापरवाही के कारण एक बुजुर्ग व्यक्ति की जान पर बन आई। बुधवार सुबह करीब 5 बजे, 60 वर्षीय किसान रामरूप, अपने खेत पर फसल देखने गए थे। वहां, नीचे लटक रही हाईटेंशन लाइन दिखाई न देने के कारण रामरूप उसकी चपेट में आ गए और बुरी तरह झुलस गए। आनन-फानन में उन्हें अलीगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उनकी हालत गंभीर देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। अस्पताल में चल रहा है इलाज रामरूप के भतीजे दुर्गेश कुमार ने बताया कि हाईटेंशन लाइन काफी नीचे लटक रही थी। अंधेरे में यह दिखाई नहीं दी। परिवार ने कई बार बिजली विभाग से लाइन को ऊंचा करवाने की शिकायत की थी, लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते यह हादसा हो गया। थाना प्रभारी रितेश कुमार ने बताया कि घटना की जानकारी है। बुजुर्ग को इलाज के लिए जिला मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया है।