हापुड़ में प्लॉट के बैनामे में धोखाधड़ी:13 लाख की ठगी, कोर्ट के आदेश पर महिला समेत 4 पर केस दर्ज

हापुड़ में प्लॉट के बैनामे में धोखाधड़ी:13 लाख की ठगी, कोर्ट के आदेश पर महिला समेत 4 पर केस दर्ज हापुड़ के गांधी विहार में एक प्लॉट की खरीद-फरोख्त में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। यूसुफ नामक व्यक्ति ने अपने तेहरे भाई आसिफ और तीन अन्य लोगों पर 13 लाख रुपए की ठगी का आरोप लगाया है। मामले के अनुसार, यूसुफ के पास 100 गज का प्लॉट था, जिसे उनके तेहरे भाई आसिफ ने खरीदने का प्रस्ताव रखा। आसिफ ने लोकेश, अनवार और शशि तेवतिया से यूसुफ की मुलाकात कराई। 13 हजार रुपए प्रति गज की दर से प्लॉट का सौदा तय हुआ और 12 अप्रैल 2023 को बैनामा भी कर दिया गया। यूसुफ का आरोप है कि बैनामे के बाद जब उन्होंने 13 लाख रुपए की मांग की, तो आरोपियों ने पहले घर जाकर पैसे देने की बात कही, लेकिन बाद में टालमटोल करने लगे। कई बार पैसों की मांग करने पर आरोपियों ने जान से मारने की धमकी दे दी। पीड़ित ने पहले पुलिस में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्हें न्यायालय का सहारा लेना पड़ा। कोर्ट के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने आसिफ, लोकेश, अनवार और शशि तेवतिया के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। सीओ जितेंद्र शर्मा के अनुसार जांच शुरू कर दी गई है और आगे की कार्रवाई की जाएगी।

महाकुंभ में आज धर्म संसद, सनातन बोर्ड का ऐलान होगा:चारों शंकराचार्य, 13 अखाड़े शामिल होंगे; अमित शाह संगम में लगाएंगे डुबकी

महाकुंभ में आज धर्म संसद, सनातन बोर्ड का ऐलान होगा:चारों शंकराचार्य, 13 अखाड़े शामिल होंगे; अमित शाह संगम में लगाएंगे डुबकी महाकुंभ में आज धर्म संसद बुलाई गई है। इसमें सनातन बोर्ड के गठन का ऐलान होगा। चारों शंकराचार्य, 13 अखाड़े और हजारों साधु-संत इस फैसले पर मुहर लगाएंगे। सनातन बोर्ड में देशभर के 200 प्रमुख मंदिर शामिल किए गए हैं। अध्यक्ष, महामंत्री, मार्गदर्शक मंडल सहित सभी पदाधिकारी चुन लिए गए हैं। महाकुंभ में संगम में स्नान करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी आएंगे। वे करीब 5 घंटे महाकुंभ मेले में रहेंगे। इस दौरान वे साधु-संतों से मिलेंगे। अब तक 12 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। रविवार को अखिलेश यादव ने संगम में 11 बार डुबकी लगाई। महाकुंभ के पल-पल के अपडेट्स के लिए इस ब्लॉग से गुजर जाइए…

यूपी की कल की 10 बड़ी खबरें:अखिलेश ने संगम में लगाई डुबकी, महामंडलेश्वर के पैर छुए; विधानसभा पर हेलिकॉप्टर से फूल बरसाए

यूपी की कल की 10 बड़ी खबरें:अखिलेश ने संगम में लगाई डुबकी, महामंडलेश्वर के पैर छुए; विधानसभा पर हेलिकॉप्टर से फूल बरसाए आज अखबार नहीं आएगा, लेकिन आपके पास पहुंचने वाली खबरों की रफ्तार नहीं थमेगी। दैनिक भास्कर ऐप पर आपके जिले और उत्तर प्रदेश की हर जरूरी खबर मिलेगी। यहां पढ़िए कल की प्रदेश की 10 बड़ी खबरें… 1- अखिलेश यादव ने संगम में 11 डुबकी लगाई, गाड़ी से उतरकर महामंडलेश्वर के पैर छुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव रविवार को महाकुंभ पहुंचे। संगम में स्नान किया। उनके साथ सपा नेता और कुछ कार्यकर्ता भी मौजूद थे। संगम स्नान करते समय अखिलेश को चारों तरफ से सपा नेताओं ने घेर लिया। जल पुलिस भी रस्सी का घेरा बनाकर सुरक्षा में मुस्तैद दिखी। स्नान के बाद अखिलेश ने सूर्य को अर्घ्य भी दिया। सपा प्रमुख के साथ उनका बेटा अर्जुन यादव भी था। हालांकि उसने संगम में स्नान नहीं किया। (पढ़ें पूरी खबर) 2- कर्तव्य पथ पर महाकुंभ की थीम पर यूपी की झांकी:विधानसभा पर हेलिकॉप्टर से फूल बरसाए यूपी में आज गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया जा रहा है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विधानसभा पर तिरंगा फहराया। पूरे शहर में एक साथ राष्ट्रगान हुआ। चौराहों पर एक साथ रेड सिग्नल हुआ। साथ ही 52 सेकेंड के लिए पूरा शहर थम गया। अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में मुख्य पुजारी संतोष दास ने तिरंगा फहराया। वाराणसी में आर्मी जैसी ड्रेस पहनकर स्कूल छात्राओं ने करतब दिखाए। (पढ़ें पूरी खबर) 3- महाकुंभ में फूट-फूटकर रोए IIT बाबा, 9 महामंडलेश्वर बने; मोनालिसा का इंस्टाग्राम अकाउंट हैक महाकुंभ में रविवार को भारी भीड़ रही। 1 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने स्नान किया है। IITian बाबा उर्फ अभय सिंह के दो वीडियो सामने आए। एक में वह कार में अगली सीट पर बैठे दिखे। दूसरे में बहन और दोस्तों की बात करते हुए वह फफक-फफक कर रोने लगे। माला बेचने वाली लड़की मोनालिसा का इंस्टाग्राम अकाउंट किसी ने हैक कर लिया। (पढ़ें पूरी खबर) 4- सहेली से शादी के लिए जेंडर बदलवाया, जयपुर में दोनों में प्यार हुआ, मथुरा से पुलिस ने दोनों को पकड़ा भरतपुर की सविता अपनी सहेली के साथ जीवन बिताने के लिए जेंडर चेंज करवाकर सविता से ललित बन गई। ललित ने जयपुर की पूजा से शादी कर ली। दोनों मथुरा आकर रहने लगे। सूचना पर पहुंची जयपुर पुलिस ललित और पूजा को अपने साथ ले गई। जयपुर में एक कोचिंग सेंटर में दोनों दोस्त बनीं। दोनों में प्यार बढ़ने लगा। फिर एक दोस्त जेंडर चेंज कर पुरुष बन गई और एक-दूसरे से शादी कर ली। (पढ़ें पूरी खबर) 5- वक्फ के जवाब में सनातन समाज का ‘सनातन बोर्ड’, 200 बड़े मंदिर अधीन होंगे, संत बोले- इनपर सरकारी कंट्रोल नहीं रहेगा प्रयागराज महाकुंभ में कल, 27 जनवरी को सनातन बोर्ड के गठन का ऐलान होगा। देश के चारों शंकराचार्य, 13 अखाड़े और हजारों साधु-संत इस फैसले पर मुहर लगाएंगे। सनातन बोर्ड में देशभर के प्रमुख मंदिर शामिल किए गए हैं। अध्यक्ष, महामंत्री, मार्गदर्शक मंडल सहित सभी पदाधिकारी चुन लिए गए हैं। (पढ़ें पूरी खबर) 6- अलीगढ़ में दरोगा ने महिला को जूतों के पास बैठाया, धमकी दी- मुंह से आवाज न निकले, वरना जेल के अंदर डाल दूंगा अलीगढ़ में दरोगा ने महिला फरियादी को जमीन पर अपने जूतों के पास बैठाया। पीड़िता पुलिस चौकी में मारपीट की शिकायत लेकर पहुंची थी। वह बार-बार कह रही है- ‘साहब उन्हें बुलाकर कार्रवाई करिए।’ ये सुनकर दरोगा भड़क गया। धमकाते हुए बोला-‘तुम शांत रहोगी। आवाज बाहर नहीं आनी चाहिए…वरना अंदर जेल में डाल दूंगा।’ दरोगा ने महिला के साथ मौजूद व्यक्ति के पैर छुवाए। (पढ़ें पूरी खबर) 7- संत प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य को लेकर उड़ी अफवाह, आश्रम ने कहा-महाराज जी पूरी तरह ठीक आध्यात्मिक धर्म गुरु संत प्रेमानंद महाराज के सेहत को लेकर रविवार देर शाम अफवाह उड़ी। कहा गया कि वृंदावन में परिक्रमा के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई। ये खबर फैलते ही उनके भक्तों में हड़कंप मच गया। हालांकि कुछ देर बाद आश्रम से जुड़े लोगों ने कहा कि ये महज अफवाह है। महाराज जी पूरी तरह से ठीक हैं। (पढ़ें पूरी खबर) 8- रूस गए 13 युवकों से 6.5 करोड़ हड़प लिए, सबके ATM रख एजेंट पैसे निकालते रहे; आजमगढ़-मऊ के 3 की मौत, 8 लापता रूस में 2 लाख रुपए सैलरी मिलनी थी। नौकरी के नाम पर युद्ध में भेज दिया। यूक्रेन से लड़ाई के दौरान मैं घायल हो गया। मेरे खाते में रूसी सरकार ने 30 लाख रुपए भेजे। 10 महीने की सैलरी के हिसाब से 20 लाख रुपए भी डाले। मुझे कुल 50 लाख रुपए मिलना था, लेकिन अभी तक केवल 30 हजार रुपए ही मिले। ये कहना है रूस से घायल होकर लौटे आजमगढ़ के राकेश यादव का। (पढ़ें पूरी खबर) 9- चेहरे से पांव तक सिर्फ राम-राम, VIDEO:मुगलों ने मंदिर तोड़े, तब से ऐसा ही रहा जीवन; बोली-पहनावे में भी राम महाकुंभ नगर के सेक्टर-18 में 43 श्रद्धालुओं का जत्था सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। चेहरे और हाथों पर राम-राम का गोदना करवाए महिलाएं भी इनमें शामिल हैं। इनके कैंप से 24 घंटे राम-राम की धुन सुनाई देती है। पहनावे में सफेद कपड़े और उस पर भी सिर्फ राम-राम ही नजर आता है। ये श्रद्धालु कोई और नहीं, छत्तीसगढ़ से आया रामनामी पंथ समाज है। (पढ़ें पूरी खबर) 10- पत्नी ने प्रेमी संग मिलकर पति को मार डाला, लखनऊ में दीया जलाते समय गोमती नदी में धकेला लखनऊ में हिमांशु की हत्या नदी में धक्का देकर की गई थी। अवैध संबंधों के चलते हिमांशु को उसकी पत्नी पायल ने प्रेमी आयुष सोनकर और उसके रिश्तेदार जैकी सोनकर के साथ मिलकर मौत के घाट उतारा था। वजीरगंज पुलिस ने रविवार को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पत्नी पायल के शौक पति हिमांशु की हत्या की वजह बनी। (पढ़ें पूरी खबर) दैनिक भास्कर ऐप को गूगल प्ले या एपल स्टोर से भी डाउनलोड किया जा सकता है। और हां, दैनिक भास्कर ऐप सभी प्लेटफॉर्म्स पर फ्री में उपलब्ध है।

पिता से पैर छुआए, मौत पर घर नहीं गए:13 साल की उम्र में घर छोड़ा; आगरा की लड़की को साधु बनाने वाले महामंडलेश्वर की कहानी

पिता से पैर छुआए, मौत पर घर नहीं गए:13 साल की उम्र में घर छोड़ा; आगरा की लड़की को साधु बनाने वाले महामंडलेश्वर की कहानी महाकुंभ में पेठा कारोबारी की 13 साल की गौरी (बदला नाम) को संन्यासी बनाकर सुर्खियों में आए महामंडलेश्वर कौशल गिरि लापता हैं। वे कहां हैं, किसी को पता नहीं। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के संरक्षक हरि गिरि महाराज ने लड़की का संन्यास वापस कर दिया। जूना अखाड़ा ने कौशल गिरि को 7 साल के लिए निष्कासित कर दिया। गौरी आगरा के डौकी में अपने घर पहुंच चुकी हैं। वह साध्वी की तरह जीवन जी रही हैं। सामने आया कि वह कौशल गिरी के दूर के रिश्ते से भांजी लगती है। कौशल गिरि महाराज के बारे में जानने के लिए दैनिक भास्कर डिजिटल टीम आगरा में उनके पैतृक गांव करौंधना पहुंची। कौशल गिरी ने संन्यास कब लिया? गांव कब छोड़ा? संन्यास लेने के बाद कहां गए? इन सवालों पर हमने परिवार के लोगों से बात की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… घर की 2 तस्वीर कौशल गिरी के घर का नाम लटूरी
दैनिक भास्कर डिजिटल टीम आगरा से 35 किमी दूर फतेहाबाद पहुंची। कौशल गिरी के गांव जाने के लिए इरादतनगर से मेन रोड होते हुए करीब 1 किमी अंदर पहुंचे। यहां एक जगह पर लोग इकट्‌ठा थे। कौशल गिरी का घर कौन सा है? यह पूछने पर हमें एक घर की तरफ भेजा गया। घर के बाहर खाली जगह थी। यहां गाय-भैंस बंधी हुईं थीं। एक चबूतरे पर चारपाई पड़ी थी। कुछ लोग बैठे बात रहे थे। घर के तरफ जाने के रास्ते पर एक ऑटो खड़ा था। बताया गया इसको छोटा भाई बंटी चलाता है। घर के बाहर ही कौशल गिरी के चाचा प्रेमवीर सिंह से मुलाकात हुई। वह बोले कैमरा मत चलाइए, ऐसे ही पूछ लीजिए, क्या जानना चाहते हैं। हमने पूछा- कौशल गिरी महाराज के बारे में कुछ बताइए? वह कहते हैं- इधर कुछ दिन से अखबार और टीवी पर उनके बारे में देख-पढ़ रहे हैं। कौशल गिरी चार भाई हैं। सबसे बडे़ भाई का नाम भीमसेन, दूसरे नंबर के सुखवीर, तीसरे नंबर पर लटूरी उर्फ कौशल गिरी और सबसे छोटे भाई का नाम बंटी है। हमने पूछा कि बाबा का नाम लटूरी है? उन्होंने कहा- हां, बिल्कुल…यहां लोग इसी नाम से जानते हैं। बाबा तो वह बाद में बने, पहले तो गांव के लटूरी ही थे। भाई बोले- पिता के मरने पर नहीं आए, हमारा कोई वास्ता नहीं
कौशल गिरी के घर में हमें उनके छोटे भाई बंटी मिले। वह पेशे से ऑटो ड्राइवर हैं। हमने पूछा- क्या कौशल गिरी से बात होती है? वह कहते हैं- हमारा उनसे कोई लेना-देना नहीं…। वो साधु हो गए। वह छोटे थे, तभी घर छोड़ गए। कई साल से हमारी बात भी नहीं हुई। 2018 में जब हमारे पिता का देहांत हुआ, तब लटूरी को फोन करके बताया, मगर वो घर नहीं आए। उनका कहना था कि अब मेरा कोई घर नहीं, कोई पिता नहीं। वो भी हमें अपना भाई नहीं मानते हैं। हमने पूछा- कभी गांव आए हैं? बंटी ने कहा- दो से तीन साल में प्रवचन के लिए गांव आते हैं, मगर कभी घर नहीं आए। मंदिर में ही रहते हैं। वहां 1 या 2 दिन ठहरते हैं। गांव आने पर भी हम लोगों की कोई बात नहीं होती है। भाई ने कहा- भैया कहने पर बुरा मान गए, पिता से पैर छुआया
बंटी कहते हैं- एक कथा के दौरान कौशल गिरी सामने आ गए। तब उन्हें भइया कह दिया। वो बुरा मान गए। भला-बुरा कहने लगे। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने पिता से भी पैर छुआ लिए। उनको भी नाम लेकर बुलाते थे। ऐसे भाई का क्या फायदा जो हमारे सुख-दुख में शामिल नहीं हुआ। हमने भी उनसे नाता तोड़ दिया। पिता की जो संपत्ति हमारे पास है, उसमें भी हम उन्हें कोई हिस्सा नहीं देंगे। न तो उनका यहां का आधार कार्ड है, न ही वोटर कार्ड। भाई बोले- साधु न बन जाए, इसलिए पापा ने कमरे में बंद किया
हमने बंटी से सवाल किया कि कौशल गिरी के संन्यास लेने से जुड़ा कोई किस्सा बताइए? उन्होंने कहा- वह बचपन से मंदिर जाते थे। पिताजी को लगा कि वो संन्यासी न हो जाए। इसलिए एक दिन कमरे में बंद कर दिया। कौशल बहुत चिल्लाए, रोए, मगर दरवाजा नहीं खोला गया।
शाम को जब दरवाजा खुला, तब वह फिर मंदिर पहुंच गए। हम लोग उसी दिन समझ गए थे कि अब हमारा एक भाई परिवार का हिस्सा नहीं रहा। वह मंदिर के पास के स्कूल में ही पढ़े, मगर तीसरी क्लास तक ही स्कूल गए। फिर धीरे-धीरे करके परिवार और गांव तक छोड़ दिया। चाची ने कहा- 12 साल के थे, तब छोड़ दिया घर
ज्ञानवती ने बताया कि जब वो शादी के बाद घर आई थीं, तब लटूरी तीन साल के थे। गांव के मंदिर पर रहने वाले पुजारी को वह दूध देने जाते थे। तभी से वह पुजारी के संपर्क में आए। बचपन में ही मंदिर पर रहने लगे। 5 साल की उम्र में उन्होंने घर छोड़ दिया। इसके बाद वो मंदिर पर ही रहने लगे। 12 साल की उम्र में उन्होंने गांव छोड़ दिया। जब तक वो मंदिर पर रहे, उन्होंने घर से कोई वास्ता नहीं रखा। गांव वाले बोले- वो पक्के वाले साधु, एक पैर पर खड़े रहते हैं
कौशल गिरी के पड़ोसी शिशुपाल ने बताया- मैंने बचपन से उन्हें मंदिर पर ही देखा। मंदिर के पुजारी ने ही उन्हें साधु बनाया। यहां आते थे तो एक पैर पर खड़े रहते थे। वो पक्के वाले साधु थे। उन्होंने कहा- हमने जब उन्हें महाकुंभ में देखा तो बहुत खुशी हुई। हमारे गांव का बच्चा इतना बड़ा साधु बन गया। पिछले 10 साल में वो 3-4 बार गांव आए हैं। वह अपने घर नहीं जाता। गांव के लोगों से अच्छी तरह से बात करते हैं। अब कौशल गिरी के सुर्खियों में आने की वजह पढ़िए… महाकुंभ में फैसला लिया- संन्यासी बनेंगे
दरअसल, 5 दिसंबर को आगरा की डौकी में रहने वाली 13 साल की लड़की अपने परिवार के साथ महाकुंभ गई थी। वहीं पर उन्होंने चिंतन के बाद फैसला किया कि वह संन्यास लेकर आराधना करेंगी। जूना अखाड़े के महंत कौशल गिरि को बेटी का दान दिया। गुरु की मौजूदगी में लड़की को पहले गंगा स्नान कराया गया। संन्यास दिलाया गया। गुरु की तरफ से उन्हें साध्वी गौरी कहा गया। इस तरह उन्हें नया नाम भी मिला। अखाड़ा संरक्षक ने संन्यास वापस कराया
पहला अमृत स्नान होने के बाद लड़की का पिंडदान होना था। 19 जनवरी की तारीख तय हो गई। महामंडलेश्वर महंत कौशल गिरि ने लड़की के पिंडदान की तैयारी कर ली। मगर इससे पहले श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के संरक्षक हरि गिरि महाराज ने साध्वी का संन्यास वापस कर दिया। उनका कहना था कि यह अखाड़े की परंपरा नहीं रही है कि किसी नाबालिग को संन्यासी बना दें। इस मुद्दे पर बैठक हुई। जहां सबने सर्वसम्मति से फैसला लिया। यहां संतों के बीच चर्चा के बाद एक और फैसला लिया गया। दीक्षा दिलाने वाले महंत कौशल गिरि को जूना अखाड़े से 7 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया।
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योगीजी कम उम्र में संत बने…मेरे संन्यास पर हंगामा क्यों?:आगरा लौटी गौरी ने कहा- बालिग होने पर साध्वी बनूंगी; पिता बोले- फिर प्रयागराज जाएंगे ‘योगी आदित्यनाथ ने भी कम उम्र पर संन्यास लिया। तब किसी ने विरोध नहीं किया। मेरे संन्यास लेने पर इतना क्यों हंगामा हो रहा है? जूना अखाड़े में शामिल होना बहुत कठिन और गौरवशाली है। लेकिन मेरा मनोबल टूटने वाला नहीं है। अब मैं साध्वी के वेश में ही रहूंगी। पढ़िए पूरी खबर…

हेलिकॉप्टर से देखिए 40 किमी में महाकुंभ मेला, VIDEO:संगम से डोम सिटी तक का नजारा, एक साथ 10 पीपा पुल; नावों की चित्रकारी

हेलिकॉप्टर से देखिए 40 किमी में महाकुंभ मेला, VIDEO:संगम से डोम सिटी तक का नजारा, एक साथ 10 पीपा पुल; नावों की चित्रकारी प्रयागराज महाकुंभ दुनिया में श्रद्धालुओं के सबसे बड़े जमावड़े का साक्षी बन रहा है। सफेद रेत, रंग-बिरंगे पंडाल, नदी में नौकायन… नजारा ऐसा कि जैसे किसी ने सफेद कैनवास पर सतरंगी चित्रकारी कर दी हो। मौनी अमावस्या पर 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने की संभावना है। उससे पहले दैनिक भास्कर ने 40 किलोमीटर में बसे महाकुंभ मेले को हेलिकॉप्टर से कवर किया। हेलिकॉप्टर से देखने पर महाकुंभ मेला की विहंगम तस्वीर सामने आती है। गंगा पर बने एक साथ 10 पीपा पुल दिख रहे हैं। वीडियो में देखिए गंगा-यमुना की रेती पर बसा तंबुओं का शहर कैसा दिखता है? संगम, अकबर का किला, लेटे हुए हनुमान मंदिर और डोम सिटी का भव्य नजारा कैसा है? वीडियो पर क्लिक करें…

अवधेश प्रसाद बोले- भाजपा दगा कारतूस, फड़फड़ा रही:मिल्कीपुर में पूरी प्रदेश सरकार लगी है, ऐसे मंत्री चुनाव में उतरे जो खुद हारे

अवधेश प्रसाद बोले- भाजपा दगा कारतूस, फड़फड़ा रही:मिल्कीपुर में पूरी प्रदेश सरकार लगी है, ऐसे मंत्री चुनाव में उतरे जो खुद हारे मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर भाजपा और सपा एक दूसरे पर हमलावर हैं। भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान ने शनिवार को सपा को औकात बताने की बात कही। भास्कर से बातचीत में सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद के पिता और अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद ने भाजपा को दगा हुआ कारतूस बताया। अवधेश प्रसाद का कहना है कि भाजपा यहां कुछ नहीं कर पाएगी। खाली कारतूस की तरह केवल फड़फड़ा रही है। इस हॉट सीट को लेकर सांसद क्या सोचते हैं, उनके लिए मुद्दे क्या हैं, बेटे को लड़ाने के लिए उनकी खास रणनीति क्या है? पढ़िए भास्कर के साथ उनकी सिलसिलेवार बातचीत… सवाल : भाजपा इस बार सीट जीतने का दावा कर रही है?
जवाब : भाजपा इस सीट पर कुछ नहीं कर पाएगी। जैसे बंदूक से चला हुआ कारतूस दगने के बाद कुछ नहीं कर पाता है। उसी तरह भाजपा भी यहां खाली कारतूस की तरह फड़फड़ा रही है। लेकिन, दग नहीं पाएगी। मैंने लोकसभा चुनाव जीतकर मिल्कीपुर का नाम भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में ऊंचा किया है। सवाल : भाजपा का कहना है लोगों से झूठ बोलकर सपा ने वोट लिए?
जवाब : मैं यहां 25 साल से जीत रहा हूं। लगातार जनता का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। लोकसभा चुनाव के दौरान भी मिल्कीपुर में पूरी प्रदेश सरकार लगी हुई थी। तब भी मैं यहां 12 हजार वोटों से जीता था। यहां की जनता दोबारा सपा के प्रत्याशी को अपना मत देकर के विजयी बनाएगी। मिल्कीपुर में कोई टक्कर ही नहीं है। जबकि इस बार भी पूरा प्रशासनिक अमला भाजपा के साथ लगा हुआ है। सवाल : क्या पूरा प्रशासनिक अमला भाजपा को चुनाव लड़वा रहा है?
जवाब : आप लोग खुद ही देख रहे हैं। भाजपा ने 17-17 मंत्री चुनाव मैदान में उतार दिए हैं। 6-7 बार खुद मुख्यमंत्री यहां पर आ चुके हैं। लेकिन मिल्कीपुर में इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है। यहां की जनता जानती है कि ये भाजपा का सिर्फ दिखावा है। यहां कई मंत्री, राज्य मंत्री ऐसे लगाए गए हैं जो खुद की शीट नहीं जीत पाए हैं। मैं भी कैबिनेट मंत्री रह चुका हूं और जानता हूं कि कैसे प्रशासन का दुरुपयोग किया जाता है। सवाल : आपके ऊपर परिवारवाद का आरोप लग रहा है?
जवाब : मैं पहले यहां विधायक रहा हूं, अब सांसद बना हूं। मैं इस जीत को अपनी जीत नहीं मानता। मैं हमेशा इसे जनता की जीत मानता हूं। मिल्कीपुर मेरा चुनाव क्षेत्र नहीं है, यह मेरा परिवार है और मैं इसे परिवार मानकर ही सेवा करता हूं। अजीत प्रसाद मेरे बेटे जरूर हैं, लेकिन वह मेरे बेटे के रूप में प्रत्याशी नहीं हैं। वह PDA के प्रत्याशी की हैसियत से चुनाव मैदान में उतरे हैं। वह सपा की नीतियों, नेता जी मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की नीतियों पर चुनाव लड़ रहे हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि जनता अजीत प्रसाद को जिताकर भेजेगी। सवाल : आपके हिसाब से मिल्कीपुर के सबसे बड़े चुनावी मुद्दे क्या हैं?
जवाब : मिल्कीपुर में किसान आवारा पशुओं से परेशान हैं। उनकी फसलें बर्बाद हो जा रही हैं। मैंने इस परेशानी को देखते हुए दर्जनों बार धरना दिया है। 2022 में मैं जब मिल्कीपुर विधानसभा से जीत कर गया, तब मैंने सबसे पहले यही मुद्दा उठाया था। राज्यपाल के नाम संबोधित पत्र में लिखकर दिया कि हमारे यहां लोग सांड़ से परेशान हैं। तब बीजेपी के एक मंत्री ने सवाल उठाया कि अवधेश प्रसाद को पता नहीं कहां सांड मिल जाते हैं। तब से लेकर आज तक कोई समाधान नहीं निकला है। मंत्री ने हमें जवाब दिया कि गायों के लिए गोशाला बनवाई गई है। तो हमने कहा कि गोशालाओं में चारा नहीं है। पीने का पानी नहीं तो उनके पास कोई उत्तर नहीं था। सवाल : इस समस्या का समाधान क्या है? आप सत्ता में होते तो क्या करते?
जवाब : हम गायों को भूखों नहीं मरने देंगे। हमारी सरकार बनी तो मैं अखिलेश जी से कहूंगा कि एक गोशाला के लिए पर्याप्त धन दिया जाए। गौशालाओं में अच्छी छत हो, पंखे लगवाए जाएं और प्रॉपर पानी की व्यवस्था की जाए। हम गाय को कटने से भी बचाएंगे और किसानों की फसल भी बचाएंगे। ——————————- ये खबर भी पढ़ें :- अयोध्या में इस बार उनको औकात बता देंगे: लोकसभा में गुमराह करके जीत गए; मिल्कीपुर BJP प्रत्याशी का इंटरव्यू मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा और सपा के बीच टक्कर है। भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान पर सपा बाहरी कैंडिडेट का आरोप लगा रही है। इस पर गुस्से में चंद्रभानु कहते हैं कि उनको इस बार औकात बता देंगे। जिस तरह से उन्होंने लोकसभा में झूठे वादे करके लोगों को गुमराह करने का काम किया है। चंद्रभानु 9 बार के विधायक रहे अवधेश प्रसाद और उनके बेटे और सपा प्रत्याशी अजीत को चैलेंज नहीं मानते। कहते हैं- वह जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत का चुनाव हार चुके हैं। जनता के बीच उन्हें अपना मूल्यांकन करना चाहिए। पढ़ें पूरी खबर

महाकुंभ की महा-रसोई, 24 घंटे मिलता है खाना:एक बीघा में किचन, कड़ाह ऐसा कि 25 हजार लोगों के लिए साथ बनती है सब्जी

महाकुंभ की महा-रसोई, 24 घंटे मिलता है खाना:एक बीघा में किचन, कड़ाह ऐसा कि 25 हजार लोगों के लिए साथ बनती है सब्जी एक बीघे में रसोई। 2000 सेवादार। कड़ाह ऐसे कि एक बार में डेढ़-दो क्विंटल चावल तैयार हो जाए। 25 से 30 हजार लोगों के लिए एक साथ सब्जी बन जाए। ये प्रयागराज महाकुंभ की सबसे बड़ी रसोई है। यहां से हर दिन तीन से साढ़े तीन लाख लोगों को मुफ्त भोजन कराया जा रहा है। महाकुंभ में कुल 40 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है। ओम नमः शिवाय नाम से चर्चित लाल महेंद्र शिव शक्ति सेवा समिति कुंभ में आने वालों के लिए 24 घंटे भोजन की व्यवस्था कर रही है। यह पहली बार नहीं है। इसके पहले भी हर साल माघ मेले में यहां भंडारा चलता रहा है। 32 साल से होता आ रहा भंडारा
1992 में लाल महेंद्र ने शिव भक्ति के चलते आर्मी में कुक की नौकरी छोड़ दी थी। खुद के जीवन को भगवान शिव के नाम समर्पित कर दिया। लाल महेंद्र शिव शक्ति सेवा समिति नाम से ट्रस्ट बनाया। लोगों को प्रवचन देने लगे। हालांकि, वह साफ कहते कि हमारे यहां कोई तंत्र-मंत्र और आडंबर नहीं होता। भगवान शिव का ध्यान करने और ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करने से जीवन अच्छा हो जाता है। उनके इस मंत्र के चलते ही आज उन्हें ओम नमः शिवाय बाबा के नाम से जाना जाता है। भंडारा स्थल पर जो बोर्ड लगते हैं, वहां भी ओम नमः शिवाय ही लिखा होता है। हम कुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर-1 पहुंचे। यहीं त्रिवेणी मार्ग पर ओम नमः शिवाय का कैंप लगा है। हमने देखा पूरा कैंप जालियों से ढंका गया है। अंदर दो जगहों पर 100-100 लोग बैठकर खाना खा रहे हैं। इतने ही लोग जाली के बाहर लाइन में खड़े हैं। जैसे ही ये लोग खाना खा लेंगे और दूसरी तरफ से बाहर जाएंगे, बाहर खड़े लोग अंदर आकर बैठेंगे और खाना खाएंगे। यह क्रम कभी बंद नहीं होता। मतलब, रात के 12 बजे भी यहां पहुंचे लोग भोजन कर रहे होते हैं। कुंभ में 7 जगह पर 24 घंटे भंडारा
हमारी मुलाकात यहां की व्यवस्था देख रहे विशाल श्रीवास्तव से हुई। विशाल ने हमारे नमस्कार का जवाब ओम नमः शिवाय से दिया। यहां से जुड़े जितने भी लोग हैं, वह नमस्कार की जगह ओम नमः शिवाय का ही प्रयोग करते हैं। विशाल करीब 20 साल से बाबा से जुड़े हैं। वह प्रयागराज में भंडारे की जिम्मेदारी देख रहे हैं। हमने उनसे पूरी व्यवस्था को समझा। विशाल बताते हैं- मुख्य भंडारा सेक्टर-1 में किला चौराहा, त्रिवेणी मार्ग पर चल रहा है। ये हमारा कुंभ का मुख्य भंडारा केंद्र है। यहां 4 दिसंबर से ही भंडारा शुरू कर दिया गया। इसके अलावा मेले में 6 और जगहों सेक्टर- 2 दारागंज संगम स्टेशन के पास, सेक्टर 6 नाग वासुकी, सेक्टर- 8, 12, 14 और सेक्टर- 16 में कैंप बनाया गया है। वहां भी भंडारे का आयोजन हो रहा है। पिछले 32 साल से हर साल यहां हमारे बाबा जी की तरफ से भंडारे का आयोजन होता रहा है। यहां एक बार भंडारा शुरू हो जाए तो फिर 24 घंटे चलता है। कोई व्यक्ति अगर रात 2 बजे या फिर भोर के 4 बजे भी आएगा, तो उसे प्रसाद के रूप में खाना खिलाया जाएगा। हमने विशाल से पूछा- क्या बाकी की जो 6 जगह हैं, वहां यहीं से खाना पहुंचता है? विशाल कहते हैं- यहां से खाना पहुंचाना संभव नहीं है। क्योंकि इस वक्त तो सड़क खाली है, लेकिन आने वाले दिनों में एक से दूसरी जगह गाड़ी से जाना संभव नहीं होगा। इसलिए सभी जगहों पर खाना तैयार होता है। फिर लोगों को बैठाकर खाना खिलाया जाता है। किसी से कोई पैसा नहीं लिया जाता। बर्तन ऐसे कि 25 हजार लोगों का खाना एक साथ बन जाए
हम जहां खाना तैयार हो रहा था, वहां पहुंचे। अंदर कुछ बाबा के भक्त खाना बना रहे थे। हमारी नजर वहां लगे तीन कड़ाह पर गई। उनका आकार हैरान करने वाला था। पहले कड़ाह में चावल तैयार हो रहा था। इसमें एक बार में एक से डेढ़ क्विंटल चावल तैयार हो जाता है। इसी के बगल जो दूसरा कड़ाह था, उसमें कढ़ी तैयार हो रही थी। जो किनारे कड़ाहा था, उसका आकार बाकी के दोनों कड़ाह से करीब 3 गुना था। उसमें एक साथ 25 से 30 हजार लोगों के लिए सब्जी तैयार हो जाती है। हमने खाना बनाने वाले कामेश्वर तिवारी से बात की। वह कहते हैं- हम तो सेवादार हैं। लखनऊ से यहां आए हैं। 2002 में बाबा से जुड़े थे। उसके बाद जहां भी सेवा का अवसर आता है, हम पहुंच जाते हैं। इसके बाद कामेश्वर अपने काम में जुट जाते हैं। उन्हें किसी तरह की कोई सैलरी नहीं मिलती। इसी तरह कुंभ में करीब 2 हजार लोग बाबा के इन केंद्रों से जुड़े हैं। वे सेवाभाव से लोगों के लिए खाना तैयार कर रहे और परोस रहे हैं। भक्तों के दान से चल रहा भंडारा
बाबा के कुल 4 आश्रम हैं। एक प्रयागराज, दूसरा लखनऊ, तीसरा अयोध्या और चौथा कानपुर में है। बाबा समय-समय पर हर आश्रम में रहते हैं। प्रयागराज में हर गुरुवार को बाबा अपने गऊ घाट वाले आश्रम में भक्तों से मिलते हैं और प्रवचन करते हैं। विशाल कहते हैं- बाबा के पास तमाम लोग अपनी समस्या लेकर आते हैं। गुरुजी किसी को कोई दवा नहीं देते, न ही किसी तरह का तंत्र-मंत्र करते हैं। वह भगवान शिव के उपासक हैं। महामृत्युंजय जाप के जरिए और कुछ पद्धतियां हैं, जिसके जरिए लोगों को ठीक करते हैं। गुरुजी के करोड़ों भक्त हैं। हजारों-लाखों लोग हर हफ्ते आश्रम आते हैं। गुरुजी कहते हैं, आप सुबह उठिए तो किसी गरीब के लिए 5 मुट्ठी चावल निकाल दीजिए। आप दिनभर में जितना भी भोजन करते हैं, उसका 10वां हिस्सा गरीब के लिए निकाल दीजिए। इसी तरह कोई 5 मुट्ठी चावल निकाल रहा तो कोई एक बोरी। कोई 10 रुपए दे रहा तो कोई 100 रुपए। यही भाव वह अपने शिष्यों को समझाते हैं और इसी तरह बहुत सारी चीजें इकट्ठा हो गईं। इसी से सभी आने वालों को खाना खिलाया जाता है। 20 करोड़ लोगों को खाना खिलाने का टारगेट
प्रसाद के रूप में सुबह लोगों को कभी रोटी-चावल के साथ दाल, कभी कढ़ी तो कभी छोले मिलते हैं। रात में अक्सर पूड़ी-सब्जी तैयार की जाती है। विशाल बताते हैं- कुंभ में हमारा टारगेट हर दिन 25 से 30 लाख लोगों को खाना खिलाने का है। पूरे कुंभ की बात करें, तो हमारा टारगेट 18 से 20 करोड़ लोगों का है। इस्कॉन हर दिन 1 लाख लोगों को खिला रहा खाना
ओम नमः शिवाय के अलावा इस्कॉन भी मेले में लोगों को खाना खिला रहा है। मेला क्षेत्र में सेक्टर- 18, सेक्टर- 19, डीएसए ग्राउंड, खुसरो पार्क और नेत्र कुंभ के अंदर रसोई बनी है। हर दिन 80 हजार से 1 लाख लोग भोजन कर रहे हैं। जिस दिन प्रमुख स्नान होते हैं, उस दिन यह संख्या 3 से 4 लाख तक पहुंच जाती है। रोज सुबह साढ़े 8 बजे से शुरू होने वाला यह भंडारा रात के 11 बजे तक चलता है। यहां भंडारे की रेसिपी रोज बदलती रहती है। मीठे में कभी हलवा तो कभी बर्फी शामिल होती है। यहां जो प्रसाद तैयार होता है, उसके लिए आधुनिक मशीनें रखी गई हैं। रोटी बनाने के लिए हर रसोई में मशीन लगी है। यह एक घंटे में एक हजार से ज्यादा रोटियां निकालती है। इस महाकुंभ में उद्योगपति गौतम अडाणी भी इस्कॉन से जुड़कर भंडारा कर रहे हैं। 21 जनवरी को वह कुंभ में आए। रसोई में पहुंचकर प्रसाद तैयार किया और लोगों में उसका वितरण किया। ———————— ये खबर भी पढ़ें… एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी महाकुंभ में महामंडलेश्वर बनीं, संगम तट पर पिंडदान किया, अब ममता नंद गिरि कहलाएंगी बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर बन गई हैं। उन्होंने शुक्रवार को प्रयागराज में संगम तट पर पिंडदान किया। अब वह यामाई ममता नंद गिरि कहलाएंगी। उनका सिर्फ पट्टाभिषेक रह गया है। 53 साल की ममता आज सुबह ही महाकुंभ में किन्नर अखाड़ा पहुंची थीं। उन्होंने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया। दोनों के बीच करीब एक घंटे तक महामंडलेश्वर बनने को लेकर चर्चा हुई। इसके बाद किन्नर अखाड़ा ने उन्हें महामंडलेश्वर की पदवी देने का ऐलान किया। पढ़ें पूरी खबर

संत प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य को लेकर उड़ी अफवाह:भक्तों में बढ़ी टेंशन; आश्रम की सफाई- पूरी तरह ठीक हैं महाराज

संत प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य को लेकर उड़ी अफवाह:भक्तों में बढ़ी टेंशन; आश्रम की सफाई- पूरी तरह ठीक हैं महाराज आध्यात्मिक धर्म गुरु संत प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य को लेकर रविवार देर शाम अफवाह उड़ी कि वह अस्वस्थ हो गए हैं। महाराज जी के स्वास्थ्य बिगड़ने की सूचना से उनके भक्तों में टेंशन बढ़ गई। हालांकि कुछ देर के बाद लोगों को पता चल गया कि ये महज अफवाह है। आश्रम से जुड़े लोगों ने बताया-महाराज जी पूरी तरह स्वस्थ हैं। वह हर दिन की तरह भक्तों को दर्शन देने के लिए देर रात निवास से निकलेंगे। गोवर्धन परिक्रमा में स्वास्थ खराब होने का मचा था शोर
संत प्रेमानंद महाराज ने शनिवार को गोवर्धन की परिक्रमा दी। इस दौरान उन्होंने गोवर्धन में पूजा अर्चना भी की। भक्त, शिष्यों के साथ संत प्रेमानंद महाराज ने गोवर्धन की परिक्रमा दी। इसके बाद अफवाह उड़ी कि उनकी तबीयत बिगड़ गई है। जिसके बाद उनका किसी अस्पताल में इलाज कराया जा रहा है। वृंदावन की दी थी परिक्रमा
संत प्रेमानंद महाराज ने गुरुवार को वृंदावन की परिक्रमा भी दी थी। संत प्रेमानंद महाराज के परिक्रमा देने की सूचना मिलते ही उनके दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में भक्त उमड़ने लगे थे। परिक्रमा मार्ग में भक्तों की संख्या बढ़ती देख संत प्रेमानंद महाराज ने परिक्रमा आधे रास्ते में छोड़ दी। वह गाड़ी से बैठकर चले गए थे। हर दिन की तरह देंगे दर्शन
संत प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य को लेकर उड़ी अफवाह को लेकर आश्रम से जुड़े लोगों ने बताया यह अफवाह है। वह रात 2 बजकर 20 मिनट पर श्री कृष्ण शरणम् से पैदल निकलकर केली कुंज आश्रम जाएंगे।

महाकुंभ में भगवान शिव के 7 स्वरूपों का फैशन शो:दिल्ली से आए आर्टिस्ट; जटाजूट-त्रिशूल, बाघम्बर के पीछे छिपे विज्ञान को समझाया

महाकुंभ में भगवान शिव के 7 स्वरूपों का फैशन शो:दिल्ली से आए आर्टिस्ट; जटाजूट-त्रिशूल, बाघम्बर के पीछे छिपे विज्ञान को समझाया महाकुंभ में एक शो के दौरान भगवान भोले भंडारी के विभिन्न स्वरूपों को दिखाया गया। सेक्टर- 9 में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के पीस प्रोग्राम के अंतर्गत ‘शिव आनंदम्’ कार्यक्रम हुआ। इसमें भोलेनाथ का वेश धारण कर कलाकार रैंप पर उतरे। शिव के 7 स्वरूप देख दर्शक भक्तिभाव में डूब गए। महादेव के तांडव से उद्धृत नृत्य-मुद्राओं पर आधारित अनोखे व्यायाम भी सिखाए गए। कार्यक्रम का मकसद आधुनिक पीढ़ी को भगवान शिव से जुड़े विभिन्न पक्षों के पीछे छिपे विज्ञान को उजागर करना था। देखिए पूरा वीडियो…

अखिलेश प्रयागराज पहुंचे, संगम में डुबकी लगाएंगे:एयरपोर्ट पर कार्यकर्ताओं के बीच फंसे; मुलायम सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे

अखिलेश प्रयागराज पहुंचे, संगम में डुबकी लगाएंगे:एयरपोर्ट पर कार्यकर्ताओं के बीच फंसे; मुलायम सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे सपा प्रमुख अखिलेश यादव प्रयागराज पहुंच गए हैं। उनका चार्टर्ड प्लेन प्रयागराज एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। अखिलेश का स्वागत करने के लिए भारी संख्या कार्यकर्ता एयरपोर्ट पहुंच गए थे। अखिलेश थोड़ी देर तक कार्यकर्ताओं की भीड़ में फंस रहे। एयरपोर्ट से अखिलेश महाकुंभ जाएंगे और संगम में डुबकी लगाएंगे। इसके बाद सेक्टर-16 में मुलायम सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। अखिलेश करीब साढ़े 4 घंटे प्रयागराज रहेंगे। बता दें कि अखिलेश महाकुंभ की व्यवस्था पर लगातार सवाल उठा रहे थे। उन्होंने भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया था। कहा था- जो व्यवस्था की जानी चाहिए, उसका 20 प्रतिशत भी काम नहीं हुआ। जब मां गंगा बुलाएंगी, तब संगम जाएंगे। महाकुंभ को लेकर अखिलेश के 3 बयान अखिलेश ने योगी कैबिनेट के संगम स्नान की चुटकी ली थी 22 जनवरी को योगी कैबिनेट ने प्रयागराज में बैठक की थी। इसके बाद संगम में डुबकी लगाई थी। इस पर अखिलेश यादव ने तंज कसा था। अखिलेश ने X पर लिखा था- त्रिवेणी को करें प्रणाम और रखें नहान का मान। यही प्रार्थना है प्रभु से, जो भी ‘संगम तट’ जाए, उनके अंदर सौहार्द-प्रेम और करुणा उपजाए। झूठ ना बोलो ‘गंगा के तट’, न करो घोषणा बिन-बजट। अखिलेश ने मकर संक्रांति पर हरिद्वार में गंगा स्नान किया था इससे पहले, 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन अखिलेश ने हरिद्वार में गंगा स्नान किया। अगले दिन 15 जनवरी को गंगा में चाचा की अस्थियां विसर्जित की। प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ को लेकर बड़ा बयान दिया था। अखिलेश ने कहा था- जब मां गंगा बुलाएंगी, तब संगम जाएंगे। कोलकाता तक गंगा बहती हैं, जो गंगा में जहां डुबकी लगाना चाहे, वहां लगा सकता है। सभी जगह का अपना महत्व है। अखिलेश के हरिद्वार स्नान पर दो बयान पढ़िए- जितेंद्रानंद सरस्वती बोले- अखिलेश फोटो शूट करा रहें अखिलेश यादव के हरिद्वार गंगा में डुबकी लगाने के बाद अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा- पहले आप कुंभ में आमंत्रण को लेकर विरोध कर रहे हैं। फिर मकर संक्रांति में आप हरिद्वार जाकर स्नान करते हैं। स्वयं को सनातनी बता रहे हैं। उनको लेकर मुझे प्रसन्नता है कि जो कल तक छेदहिया टोपी खोपड़ी पर लगाकर मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री भवन में रोजा इफ्तार की पार्टी करते थे। आज मकर संक्रांति पर स्नान करते हुए का वीडियो शूट कर रहे हैं। ब्रजेश पाठक बोले- अखिलेश पूरी तरह डिरेल्ड डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने नोएडा में ANI से बातचीत में अखिलेश यादव के बयान पर कहा- अखिलेश यादव पूरी तरह से डिरेल्ड हैं। उन्हें पता नहीं है यह अविस्मरणीय, अद्भुत महाकुंभ संपन्न हो रहा है। ऐसे अवसर पर मैं अपने सभी साथियों का हृदय से अभिनंदन करता हूं। 2013-2019 के कुंभ में अखिलेश लगा चुके हैं डुबकी इससे पहले, अखिलेश यादव 2013 और 2019 के कुंभ में डुबकी लगा चुके हैं। 2013 में जब महाकुंभ हुआ था, उस समय प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। कुंभ के सफल आयोजन के लिए अखिलेश यादव को हार्वर्ड युनिवर्सिटी ने आमंत्रित भी किया था, जिसका जिक्र अखिलेश यादव अपने हर कार्यक्रम में करते रहे हैं। ———————— अखिलेश यादव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- अखिलेश बोले- कुंभ में निमंत्रण नहीं दिया जाता अखिलेश यादव ने 29 दिसंबर को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि कुंभ में निमंत्रण नहीं दिया जाता है। कुंभ में लोग अपने आप आस्था से आते हैं। मैं किसी के बारे में कुछ कहना नहीं चाहता। हमने अपने धर्म में सीखा और पढ़ा है कि ऐसे आयोजनों में लोग खुद आते हैं। जो करोड़ों लोग आएंगे, क्या उन्हें निमंत्रण दिया जाता है? ये सरकार अलग है। (पढ़ें पूरी खबर)