मोदी की रैली में सांसद का भौकाल डाउन:BJP में डर्टी पिक्चर्स से खलबली, डीएम साहब को फ्री में बाल कटवाने का शौक

मोदी की रैली में सांसद का भौकाल डाउन:BJP में डर्टी पिक्चर्स से खलबली, डीएम साहब को फ्री में बाल कटवाने का शौक यह बात खरी है… हर रोज हम आपको बताते हैं कि यूपी की राजनीति और सरकारी विभागों में अंदरखाने क्या चल रहा है? ऊपर VIDEO पर क्लिक करें…

कार से बाइक टकराई…20 फीट तक लड़के उछले:बाइक पर 4 लड़के थे, 3 लड़के कार में फंसकर 100 मीटर तक घसीटते गए, 2 की मौत

कार से बाइक टकराई…20 फीट तक लड़के उछले:बाइक पर 4 लड़के थे, 3 लड़के कार में फंसकर 100 मीटर तक घसीटते गए, 2 की मौत गोरखपुर में ग्रैंड विटारा कार और बाइक की आमने-सामने टक्कर हो गई। हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि बाइक पर बैठा एक युवक करीब 20 फीट ऊंचाई तक उछलकर गिरा। जबकि तीन युवक कार की बोनट में फंस गए। कार उन्हें 100 मीटर तक घसीट ले गई। वहीं बाइक के परखच्चे हो गए। हादसे के बाद चालक कार छोड़कर फरार हो गया। हादसा बड़हलगंज कोतवाली क्षेत्र के गोरखपुर-वाराणसी नेशनल हाईवे पर हुआ। एक की बाइक से शहर जा रहे थे चारों दोस्त
सिधुआपार ग्राम सभा के गरथौली टोला निवासी सुनील कुमार, प्रदुम्न कुमार, अरविंद कुमार और राहुल कुमार दोस्त थे। ये सभी पेंटर थे। शनिवार सुबह करीब 9.45 बजे चारों दोस्त एक बाइक से गांव से शहर की ओर जा रहे थे। गोरखपुर-वाराणसी नेशनल हाईवे पर ट्रैक्टर को ओवरटेक करने के दौरान उनकी बाइक सामने से आ रही कार से टकरा गई। टक्कर लगते ही बाइक सवार एक युवक हवा में करीब 15 फीट तक उछला और सड़क पर गिरा। जबकि उसके तीनों दोस्तों कार के बोनट में फंस गए। टक्कर के बाद कार अनियंत्रित होकर करीब 100 मीटर दूर डिवाइडर पर चढ़कर रुक गई। कार के रुकते ही उसमें फंस तीनों दोस्त नीचे गिर गए। वहीं कार चालक मौके से फरार हो गया। हादसे के बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने पुलिस और परिजनों को सूचना दी। ग्रामीण चारों दोस्तों को लेकर सीएचसी पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने प्रदुम्न, सुनील और अरविंद को मृत घोषित कर दिया। राहुल को जिला अस्पताल भेजा गया, लेकिन रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। पड़ोसियों ने बताया कि मरने वालों में प्रदुम्न, राहुल और अरविंद तीनों एक ही परिवार के सदस्य थे। वहीं सुनील उनका मित्र था। सुनील की दो बेटियां हैं। वहीं राहुल अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। राहुल की 1 जून को सगाई होनी तय थी। कुछ दिनों में उसकी शादी होनी थी। इस घटना की खबर से घर में कोहराम मच गया है। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
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गोरखपुर में बैंकाक के बिजनेसमैन के घर NIA रेड:पन्नेलाल यादव का 25 साल से बैंकाक में कारोबार; बेटे को 4 जून को बुलाया

गोरखपुर में बैंकाक के बिजनेसमैन के घर NIA रेड:पन्नेलाल यादव का 25 साल से बैंकाक में कारोबार; बेटे को 4 जून को बुलाया गोरखपुर में NIA टीम ने बैंकाक के बिजनेसमैन पन्नेलाल यादव के घर छापेमारी की। टीम तड़के 4 बजे पन्नेलाल के खजनी थाना क्षेत्र के रावतडाड़ी गांव पहुंची। घर पर तलाशी लेने के बाद टीम उनके आजाद नगर पूर्वी स्थित ठिकानों पर तलाशी लेने पहुंची। करीब 8 घंटे तक कार्रवाई चली। टीम पन्नेलाल के छोटे भाई मुन्नीलाल यादव से पूछताछ की। NIA ने पन्नेलाल के बेटे अमन को 4 जून को लखनऊ बुलाया है। पन्नेलाल यादव का पिछले 25 साल से थाईलैंड में कारोबार है। अमन के खाते से 4 जनवरी को किसी अनीता देवी (गुजरात) के खाते में 15 हजार रुपए भेजा गया था। NIA उसी के बारे में पूछताछ कर रही थी। अमन का कहना है कि वह चाय की दुकान पर था तभी कोई आया था और कहा कि खाते में पैसा हो तो भेज दीजिए। उसने कैश दिए, लेकिन NIA की टीम यह बात मानने को तैयार नहीं थी। 10 हजार रुपए अमन के खाते से और 5 हजार रुपए उसकी बहन शिवानी के खाते से भेजे गए थे। टीम को शक है कि पन्नेलाल के कहने पर ही यह ट्रांजैक्शन हुआ है। इस मामले में केस दर्ज किया जा चुका है। साथ ही मोबाइल का एक्सेस ले लिया गया है। NIA ने अमन और उसकी बहनों से पूछताछ की NIA की टीम ने अमन व शिवानी के मोबाइल का एक्सेस लिया है। उसी के आधार पर डेटा खंगाला जाएगा। हालांकि पूछताछ के बाद बाहर निकली एनआईए की टीम ने कुछ बताने से इनकार कर दिया। NIA टीम ने अमन और उसकी दोनों बहनों शिवानी व शिवाली से पूछताछ की। अमन को नोटिस देकर 4 जून को बुलाया है। परिवार ने कहा- टीम ने मारपीट की पन्नेलाल यादव के भतीजे दीपक यादव ने बताया-NIA टीम ने उनकी नाबालिग बेटी पर बल प्रयोग किया। इसके अलावा, घर में मौजूद महिलाओं के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। दीपक ने दावा किया कि 8 घंटे की कड़ी पूछताछ के बावजूद NIA को कोई ठोस सबूत नहीं मिला। कारोबारी पन्नेलाल के बड़े बेटे अमन यादव ने भी परिवार के साथ मारपीट करने की शिकायत की। लखनऊ से आई NIA की विशेष टीम राजेश कुमार पांडेय के नेतृत्व में लखनऊ से NIA की विशेष टीम सुबह 4 बजे पहुंची। उनके साथ टीम में मनीष कुमार, वकील खान समेत 4 लोग शामिल थे। साथ ही दो एसडीएम और दो नायब तहसीलदार भी साथ थे। इसके अलावा खजनी पुलिस भी मौजूद रही। …………….. ये खबर भी पढ़िए- बरेली में भाजपा नेता के घर मिलिट्री इंटेलिजेंस की रेड:घर में बनाता था फर्जी आधार-मार्कशीट; कहता था- पैसे देकर, जो चाहे बनवा लो बरेली में मिलिट्री इंटेलिजेंस टीम ने गुरुवार को एक जन सेवा केंद्र (CSC) पर छापा मारा। यहां फर्जी आधार, पैन, आयुष्मान कार्ड और अलग-अलग यूनिवर्सिटी की मार्कशीट मिली है। डॉक्यूमेंट को देखकर असली-नकली का अंदाजा लगाना मुश्किल है। इस सेंटर को भाजपा का सीबीगंज मीडिया प्रभारी मुकेश देवल चलाता था। मिलिट्री इंटेलिजेंस आने से सिर्फ 15 मिनट पहले वह अपनी कार में बैठकर भाग निकला। CCTV की मदद से उसकी तलाश की जा रही है। पढ़ें पूरी खबर

यूपी पुलिस का मुखिया कौन? सस्पेंस बरकरार:तिलोत्मा वर्मा-दलजीत चौधरी सबसे प्रबल दावेदार; प्रशांत को एक्सटेंशन की उम्मीद

यूपी पुलिस का मुखिया कौन? सस्पेंस बरकरार:तिलोत्मा वर्मा-दलजीत चौधरी सबसे प्रबल दावेदार; प्रशांत को एक्सटेंशन की उम्मीद यूपी पुलिस का नया मुखिया कौन होगा? इसको लेकर सस्पेंस बरकरार है। DGP प्रशांत कुमार आज रिटायर हो रहे हैं। उन्हें सेवा विस्तार (एक्सटेंशन) मिलेगा या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। इसी बीच, IPS दलजीत चौधरी अचानक सुर्खियों में आ गया। दलजीत ने गुरुवार को दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि यूपी पुलिस की कमान उन्हें सौंपी जा सकती है। इधर, सीएम योगी ने सीनियर अफसरों से नए DGP को लेकर राय ली है। इसमें तिलोत्मा वर्मा का नाम सामने आया है। उनके बाद बीके मौर्य का नाम भी चर्चा में रहा। फिलहाल, प्रशांत कुमार के DGP बने रहने के लिए रात 12 बजे से पहले सेवा विस्तार से संबंधित दस्तावेज राज्य सरकार तक पहुंचना जरूरी है। ऐसे में इस समय गेंद केंद्र सरकार के पाले में है। अगर प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार मिलता है तो यह यूपी में पहला मौका होगा, जब किसी कार्यवाहक DGP को सेवा विस्तार दिया जाएगा। फिलहाल, सीएम योगी ने भी इस संबंध में अपने पत्ते नहीं खोले हैं। DGP को लेकर क्या चल रहा, 3 पॉइंट में समझिए… अब इन 3 अफसरों के बारे में जानिए, जो DGP के लिए प्रबल दावेदार हैं— तिलोत्मा वर्मा: यूपी कैडर की अफसर हैं, लेकिन मूल कैडर से ज्यादा समय उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बिताया है। उनकी आखिरी फील्ड पोस्टिंग 2000 में एसपी सुल्तानपुर के पद पर थी। यानी वे पिछले 25 साल से फील्ड से दूर रही हैं। हालांकि, उन्हें सीबीआई में 5 साल और वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो में 8 साल का अनुभव है। बीके मौर्य:1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वे मौजूदा समय में डीजी होमगार्ड के पद पर तैनात हैं। इसी साल जुलाई में रिटायर हो रहे हैं, इसलिए उम्मीद की जा रही है कि राजकुमार विश्वकर्मा की तर्ज पर उन्हें दो महीने का DGP कार्यकाल दिया जा सकता है। दलजीत चौधरी:1990 बैच के IPS अधिकारी हैं। इस समय BSF में DG पद पर तैनात हैं। वे अमित शाह के करीबी अफसरों में गिने जाते हैं। ऐसे में उन्हें यूपी DGP के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा है। प्रशांत कुमार को क्यों मिला सकता है सेवा विस्तार?
मुख्यमंत्री को फिलहाल प्रशांत कुमार का कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा था, इसलिए वे भी चाहते थे कि प्रशांत कुमार को कम से कम 3 से 6 महीने और काम करने का मौका मिले। लेकिन बिना केंद्र की सहमति के ये मुमकिन नहीं हो सकता, क्योंकि अखिल भारतीय सेवा के अफसरों को सेवा विस्तार बिना केंद्र की अनुमति के नहीं मिल सकता। 29 मई को डीजीपी मुख्यालय पर इस विदाई समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें रिटायर हो रहे डीजी रैंक के अफसर पीवी रामाशास्त्री और संजय एम तरडे को तो विदाई दी गई, लेकिन डीजीपी के विदाई का कोई जिक्र नहीं हुआ। हालांकि डीजीपी ने इस विदाई समारोह में खुद कहा कि जब इस कार्यक्रम का होस्ट मैं खुद ही हूं तो मैं खुद को विदाई कैसे दे सकता हूं? उन्होंने यह भी कहा कि इसे लेकर तरह–तरह की चर्चाएं हो रही हैं जो निराधार हैं। उनका इशारा सेवा विस्तार की ओर था। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन की वजह से नहीं बन पाए स्थायी डीजीपी
प्रशांत कुमार के स्थायी डीजीपी नहीं बन पाने की वजह सुप्रीम कोर्ट का वह निर्णय है, जिसमें यूपीएससी यानी संघ लोक सेवा आयोग के माध्यम से राज्यों के डीजीपी की नियुक्ति का प्राविधान है। इसके तहत 30 साल की सेवा पूरी कर चुके अफसरों की डिटेल यूपीएससी को भेजी जाती है। यूपीएससी उन्हीं में से बेदाग तीन अफसरों के नाम का पैनल राज्य सरकार को भेज देता है, राज्य सरकार को इन्हीं अधिकारियों में से किसी एक को डीजीपी बनाना होता है। आम तौर पर वरिष्ठता के क्रम में तीन अफसरों के नाम राज्य को भेजे जाते हैं, जिनमें से किसी एक को डीजीपी बनाए जाने की बाध्यता होती है। हितेश चंद्र अवस्थी के रिटायरमेंट के समय यूपीएससी के माध्यम से मुकल गोयल की नियुक्ति डीजीपी के पद पर हुई थी, जिन्हें राज्य सरकार ने बीच में ही हटा दिया था। बिहार के रहने वाले हैं प्रशांत कुमार
उनका जन्म बिहार के सीवान में हुआ था। IPS अफसर बनने से पहले प्रशांत कुमार ने MSc, MPhil और MBA भी किया था। बतौर IPS प्रशांत कुमार का जब चयन हुआ था, तो उन्हें तमिलनाडु कैडर मिला था। हालांकि, 1994 में यूपी कैडर की IAS डिंपल वर्मा से उन्होंने शादी की। इसके बाद प्रशांत कुमार ने यूपी कैडर में ट्रांसफर ले लिया। क्या है डीजीपी की नियुक्ति की प्रक्रिया? उत्तर प्रदेश में डीजीपी की नियुक्ति के लिए 6 माह पहले नियमावली बनाई गई थी। हालांकि कैबिनेट से पास इस नियमावली को अब तक लागू नहीं किया गया है। इस नियमावली के तहत एक छह सदस्यीय समिति डीजीपी की नियुक्ति करेगी। इस समिति की अध्यक्षता हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे, और इसमें मुख्य सचिव, यूपीएससी का एक सदस्य, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष या उनका नामित व्यक्ति, अपर मुख्य सचिव (गृह), और एक पूर्व डीजीपी शामिल होंगे। यह कमेटी सेवा रिकॉर्ड, अनुभव, और न्यूनतम छह महीने की शेष सेवा अवधि जैसे मानदंडों के आधार पर डीजीपी का चयन करेगी। डीजीपी की नियुक्ति दो वर्ष या रिटायरमेंट की अवधि तक इसमें जो पहले हो, की जा सकती है। साथ ही असंतोषजनक प्रदर्शन की स्थिति में सरकार उन्हें हटा भी सकती है। पहले की प्रक्रिया में, राज्य सरकार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की सूची संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को भेजती थी, जो तीन वरिष्ठतम अधिकारियों का पैनल तैयार करता था। केंद्र के डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ट्रेनिंग (डीओपीटी) और गृह मंत्रालय की सलाह के बाद अंतिम चयन होता था। ——————– यह खबर भी पढ़िए… कानपुर में मोदी बोले-दुश्मन कहीं भी हो, खत्म कर देंगे:पाकिस्तानी सेना गिड़गिड़ा रही थी, बेटियों के सिंदूर का आक्रोश दुनिया ने देखा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कानपुर में जनसभा की। 45 मिनट के भाषण में उन्होंने आतंक को लेकर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। कहा, ‘बेटियों के सिंदूर का आक्रोश दुनिया ने देखा। हमारी सेना ने ऐसा पराक्रम दिखाया कि पाकिस्तानी सेना को गिड़गिड़ा कर युद्ध रोकने की मांग करने पर मजबूर होना पड़ा।’ ‘अगर मैं कनपुरिया अंदाज में कहूं तो- दुश्मन कहीं भी हो, हौंक दिया जाएगा। हमारे भारतीय हथियारों ने और ब्रह्मोस मिसाइल ने दुश्मन के घर में घुसकर तबाही मचाई है। आतंकियों के ठिकानों को सैकड़ों मील अंदर जाकर तबाह किए।’ इससे पहले, मोदी ने कानपुर एयरपोर्ट पर शुभम द्विवेदी के परिवार से मुलाकात की। मोदी ने शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशन्या, मां सीमा और पिता संजय द्विवेदी से मुलाकात की। शुभम के चाचा मनोज द्विवेदी ने बताया कि पीएम परिवार से मिलकर भावुक हो गए। पढ़ें पूरी खबर…

यूपी की बड़ी खबरें:लखीमपुर में गर्मी से परेशान हुए मंत्री राजभर, बोले-14 साल वनवास काट कर सत्ता में आए

यूपी की बड़ी खबरें:लखीमपुर में गर्मी से परेशान हुए मंत्री राजभर, बोले-14 साल वनवास काट कर सत्ता में आए उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर शनिवार को लखीमपुर खीरी पहुंचे। यहां निघासन कस्बे में अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। जेपी पैलेस में उन्होंने अहिल्याबाई होल्कर के चित्र पर माल्यार्पण किया। तेज गर्मी के कारण मंत्री राजभर को पसीने आ रहे थे। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम स्थल पर उचित व्यवस्था नहीं की गई है। गर्मी के चलते कई कार्यकर्ता सभा छोड़कर चले गए। इस कारण कार्यक्रम स्थल पर कई कुर्सियां खाली रह गईं। खाली कुर्सी देख ओपी राजभर बोले- गर्मी की वजह से लोग नहीं आए। ओपी राजभर ने कहा पिछड़े और दलितों को न्याय दिलाने के बाद ही सत्ता में आए है। राम की तरह मैंने भी 14 साल तक वनवास काटा है। 14 साल सत्ता से दूर रहा। प्रदेश में सपा और बसपा के दलों ने आमंत्रित किया कि हमारे साथ आ जाओ, लेकिन हम नहीं गए। पढ़ें पूरी खबर… PWD के 1062 जेई के तबादले जल्द, प्रदेश भर में 8 साल से एक ही जिले में जमे हैं उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग (PWD) में लंबे समय से एक ही जिले में तैनात अवर अभियंताओं (जेई) की अब पोस्टिंग स्थान बदला जाएगा। विभाग ने ऐसे 1062 अभियंताओं की सूची तैयार कर ली है। इनका तबादला 15 जून 2025 तक कर दिया जाएगा। यह फैसला स्थानांतरण नीति 2025-26 के तहत लिया गया है। जिन अभियंताओं ने लगातार 8 साल एक ही जिले में काम किया है, उन्हें अब दूसरे जिलों में भेजा जाएगा। पढ़ें पूरी खबर मेरठ में युवक को गोली मारी, उधार के 5 लाख देने के लिए बुलाया था मेरठ में उधार के पैसों को लेकर एक युवक को गोली मार दी गई। लिसाड़ी गेट क्षेत्र के रशीद नगर निवासी नदीम ने एक साल पहले लोहियानगर के इमरान को 5 लाख रुपए उधार दिए थे। शुक्रवार देर रात नदीम ने इमरान से फोन पर पैसे मांगे। इमरान ने उसे ब्रह्मपुरी के सेक्टर-3 में रहने वाले अपने दोस्त साजिद के पास भेज दिया। जब नदीम वहां पहुंचा और पैसों की मांग की, तो साजिद और उसके साथी कैफ ने उस पर गोली चला दी। पढ़ें पूरी खबर शादी के पहले ही दिन दुल्हन प्रेमी संग फरार; पंचायत ने रखा खर्च लौटाने का प्रस्ताव, नहीं माने सोनभद्र में शादी के पहले ही दिन एक नवविवाहिता प्रेमी संग फरार हो गई। घटना बभनी थाना क्षेत्र की है, जहां 27 मई को युवती की शादी हुई थी। शादी के कुछ घंटे बाद ही दुल्हन ने प्रेमी को ससुराल बुलाया और बाइक पर बैठकर उसके साथ चली गई। जब घरवालों को इस बात की जानकारी हुई, तो विरोध हुआ। इसके बाद प्रेमी ने युवती को उसके मायके भेज दिया। परिजन उसे समझाने की कोशिश करते रहे, लेकिन जब बात नहीं बनी तो मामला पंचायत में ले जाया गया। जहां बात नहीं बनने पर पुलिस तक मामला पहुंचा। पढ़िए पूरी खबर पूर्व विधायक शाहनवाज राणा की ज़मानत मंजूर; बहुचर्चित जीएसटी घोटाले के आरोपी बसपा के पूर्व विधायक को राहत इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बहुचर्चित जीएसटी घोटाले के आरोपी बसपा के पूर्व विधायक शाहनवाज राणा की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने दिया है। मामला मुज़फ्फरनगर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र का है। वर्ष 2024 में जीएसटी विभाग के सहायक आयुक्त ने 2018-19 के 27 करोड़ रुपए से अधिक के जीएसटी बकाए को लेकर मेसर्स जम्बूद्वीप एक्सपोर्ट्स एंड इंपोर्ट्स लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। हालांकि, पूर्व विधायक शाहनवाज राणा का नाम एफआईआर में नहीं था। विवेचना के दौरान उनका नाम प्रकाश में आया था। पढ़िए पूरी खबर

इंजेक्शन लगने के 20 मिनट बाद बुजुर्ग की मौत:बेटी बोली- 10 घंटे वाली दवा 15 मिनट में चढ़ाई, वार्ड बॉय-स्टाफ नर्स सस्पेंड

इंजेक्शन लगने के 20 मिनट बाद बुजुर्ग की मौत:बेटी बोली- 10 घंटे वाली दवा 15 मिनट में चढ़ाई, वार्ड बॉय-स्टाफ नर्स सस्पेंड अयोध्या मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान बुजुर्ग की मौत हो गई। बेटियों ने वार्ड बॉय और स्टाफ नर्स पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। बेटी मीनाक्षी ने बताया- जो दवा (नौरऐड) 10 घंटे में चढ़नी थी, वह दवा महज 15 मिनट में चढ़ा दी गई। मेरे पिता 15 मिनट तक छटपटाते रहे, बुलाने के बाद भी कोई स्टाफ देखने नहीं आया। करीब 20 मिनट में तड़प-तड़पकर मेरे पिता की मौत हो गई। स्टाफ ने मेरे पिता की हत्या की है। परिजनों ने हंगामा करते हुए आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सत्यजीत वर्मा ने वार्ड बॉय अखिलेश और संबंधित स्टाफ नर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। साथ ही जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। जो 24 घंटे में रिपोर्ट सौंपेगी। 15 मिनट में तड़प-तड़पकर पिता की मौत हो गई
बीकापुर कोतवाली क्षेत्र के रजौरा गांव निवासी नरेंद्र बहादुर (76) को शुक्रवार दोपहर को राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज दर्शन नगर में भर्ती कराया गया था। उन्हें लूज मोशन की दिक्कत थी। बड़ी बेटी मीनाक्षी सिंह ने बताया- मेरे पिता बिल्कुल ठीक थे। मैं और मेरी बहन रागिनी ने उन्हें खाना-पीना खिलाया। वह अच्छे से खा-पी रहे थे। शाम को उन्होंने हम लोगों से खाना खाने के लिए बोला। मेरे पिता ने कहा था- जाओं मैं ठीक हूं। मैं अपने बहन के बेटे को छोड़कर घर चले गए। करीब 10 मिनट बाद बेटे का फोन आया- बोला मौसी पापा की तबियत खराब हो गई। हम पहुंचे तो उनकी मौत हो चुकी थी। बेटे ने बताया वार्ड बॉय आया और उसने पिता को चढ़ने वाली दवा नौरऐड की स्पीड बढ़ा दी, इससे पिता की हालत खराब होने लगी। कुछ देर बाद वह छटपटाने लगे। मैं दौड़कर स्टाफ के पास गया, मगर कोई देखने नहीं आया। 20 मिनट में तड़प-तड़पकर पिता की मौत हो गई। 10 घंटे में चढ़ने वाला इंजेक्शन 15 मिनट में चढ़ाया
मीनाक्षी सिंह का कहना है कि मैं खुद गोंडा में स्टाफ नर्स हूं। मेरे पिता को नौरऐड दवा चढ़ाई जा रही थी, जिसे ड्रॉप-ड्रॉप देनी थी। मगर इसे वार्ड बॉय और स्टाफ नर्स से फास्ट चला दी। इससे उनकी मौत हो गई। बताया कि नौरऐड इंजेक्शन को 10 घंटे में चढ़ाया जाता है, स्टाफ ने उसे मात्र 15 मिनट में चढ़ा दिया। इससे मेरे पिता की मौत हो गई। कहा- दोषी लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। जांच के लिए 3 सदस्यीय टीम बनाई गई
बेटी रागिनी ने कहा- जब हमने स्टाफ से इसकी शिकायत की तो वह लड़ने लगे। बोले- यहां मरीज लेकर क्यों आए थे? अस्पताल वालों ने मेरे पिता की हत्या की है। इन पर केस होना चाहिए। हमने लिखित शिकायत कॉलेज के प्राचार्य को दी है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने कहा- शिकायत मिली है। हम सीसीटीवी देख रहे हैं। जो भी दोषी होंगे कार्रवाई की जाएगी। कमेटी बना दी गई है। रिपोर्ट आते ही दोषियों को सस्पेंड किया जाएगा। ………………. ये खबर भी पढ़िए- कानपुर में मोदी बोले-दुश्मन कहीं भी हो, खत्म कर देंगे:पाकिस्तानी सेना गिड़गिड़ा रही थी, बेटियों के सिंदूर का आक्रोश दुनिया ने देखा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कानपुर में कहा कि पहलगाम के कायराना हमले में हमारे कानपुर के बेटे शुभम द्विवेदी भी बर्बरता का शिकार हुए। बेटी ऐशन्या की वो पीड़ा, वो कष्ट और भीतर का आक्रोश हम सब महसूस कर सकते हैं। हमारी बहनों-बेटियों का वही आक्रोश ऑपरेशन सिंदूर के रूप में पूरी दुनिया ने देखा है। पूरी खबर पढ़िए

लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष बने अनित्य गौरव:महामंत्री पद पर राम मिलन जीते, देशद्रोह की आरोपी माद्री काकोटी ने भी वोट डाला

लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष बने अनित्य गौरव:महामंत्री पद पर राम मिलन जीते, देशद्रोह की आरोपी माद्री काकोटी ने भी वोट डाला लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (लूटा) का चुनाव शनिवार को संपन्न हो गया। लूटा के अध्यक्ष पद पर डॉ.अनित्य गौरव ने जीत हासिल की। कोषाध्यक्ष पद पर प्रोफेसर दिनेश यादव को जीत मिली। महामंत्री पद पर प्रोफेसर राम मिलन काे निर्वाचित घोषित किया गया। उपाध्यक्ष पद पर CR गौतम, मोनिषा बनर्जी और सैय्यद जाफरी की जीत हुई। लूटा चुनाव में कुल 405 शिक्षक वोटर थे। 389 वोट पड़े। इनमें 6 वोट पोस्टल बैलट के जरिए आए। सुबह 11 बजे तक 150 टीचर्स ने वोट डाल दिए थे। दोपहर 12:30 बजे तक 200 वोट पड़े। वहीं, 1:30 बजे तक 300 वोट डाले जा चुके थे। वोटिंग दोपहर 3 बजे तक चली। इसके बाद चुनाव परिणाम घोषित किए गए। चुनाव परिणाम की 2 तस्वीरें… अध्यक्ष-महामंत्री पद पर रही कांटे की टक्कर लूटा अध्यक्ष, महामंत्री सहित लगभग सभी प्रभावशाली पदों पर एक बार विश्वविद्यालय प्रशासन समर्थित उम्मीदवारों का दबदबा रहा। अध्यक्ष पद के लिए अनित्य गौरव और विनीत वर्मा में कांटे की टक्कर दिखी। आखिरकार 22 वोटों से अनित्य गौरव की जीत हुई। जबकि अजय आर्या को महज 16 वोट मिले। वहीं, महामंत्री पद के लिए राम मिलन और राजेंद्र वर्मा में जोरदार टक्कर हुई। यहां तीसरी वरीयता के मतों की गणना के बाद हार-जीत का फैसला हुआ। अंत में 25 वोट से राम मिलन को जीत मिली। राम मिलन को 196 वोट, राजेंद्र वर्मा को 171 वोट मिले। जबकि अमिता कनौजिया को 43 वोट हासिल हुए। भूपेश कुमार को 17 और ममता सिंह को 9 वोट से सन्तोष करना पड़ा। उपाध्यक्ष पद के लिए 3 को मिली जीत उपाध्यक्ष के लिए कुल 6 उम्मीदवार थे। इनमें से सीआर गौतम को 255, सैय्यद जाफरी को 202, मोनिषा बनर्जी को 156 वोट मिले। इनमें सैय्यद जाफरी और मोनिषा बनर्जी विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले प्रत्याशी के तौर पर पहचान रही। अब देखिए मतदान की 3 तस्वीरें…. शुक्रवार को जमकर हुआ प्रचार वहीं, चुनाव प्रचार के अंतिम दिन शुक्रवार को प्रत्याशियों ने जमकर प्रचार किया था। LUTA चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए विनीत वर्मा, अजय कुमार आर्या और अनित्य गौरव के बीच मुकाबला हुआ। वहीं, महामंत्री पद के लिए प्रोफेसर अमिता कनौजिया और राममिलन यादव सहित 5 शिक्षक मैदान में थे। उपाध्यक्ष के लिए प्रोफेसर मोनीषा बनर्जी, सतीश कुमार पांडे, जाफरी न्यू कैंपस में प्रचार करते देखे गए थे। सभी पदों के प्रत्याशियों की सूची देखिए ———————- ये खबर पढ़िए लखनऊ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन चुनाव:अध्यक्ष पद के लिए 3, महामंत्री के लिए 5 शिक्षक मैदान में; सबके एजेंडे जानिए लखनऊ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (LUTA) का 31 मई को चुनाव है। इसमें अध्यक्ष पद के लिए 3 और महामंत्री पद के लिए 5 शिक्षक किस्मत आजमा रहे हैं। सबसे दिलचस्प मुकाबला LUTA (लखनऊ विश्वविद्यालय टीचर्स एसोसिएशन) के अध्यक्ष पद का है। इन सभी ने दैनिक भास्कर को अपना एजेंडा बताया है। (सबके एजेंडे पढ़िए)

जौनपुर के जिला अस्पताल में किन्नरों का हंगामा:अर्द्धनग्न होकर डॉक्टरों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, मेडिकल दस्तावेज को लेकर विवाद

जौनपुर के जिला अस्पताल में किन्नरों का हंगामा:अर्द्धनग्न होकर डॉक्टरों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, मेडिकल दस्तावेज को लेकर विवाद जौनपुर के अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला अस्पताल में शुक्रवार रात को उस वक्त हड़कंप मच गया जब कुछ किन्नरों ने वहां जमकर हंगामा किया। मामला एक किन्नर के मेडिकल दस्तावेज तैयार कराने को लेकर शुरू हुआ, लेकिन विवाद इतना बढ़ गया कि किन्नरों ने डॉक्टरों और कर्मचारियों के साथ मारपीट तक कर डाली। इस दौरान कुछ किन्नर अर्धनग्न अवस्था में अस्पताल परिसर में घूमते रहे, जिससे मरीजों और तीमारदारों में अफरा-तफरी मच गई। घटना के बाद अस्पताल स्टाफ भय और आक्रोश में है और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर रहा है। मेडिकल रिपोर्ट को लेकर शुरू हुआ विवाद
सूत्रों के अनुसार, एक किन्नर अपने साथी का मेडिकल पेपर बनवाने अस्पताल पहुंचा था, लेकिन जब प्रक्रिया में कुछ देर हुई तो वह नाराज हो गया। इस पर कुछ और किन्नर मौके पर पहुंचे और अस्पताल के अंदर हंगामा शुरू कर दिया। मामला इतना बढ़ गया कि किन्नरों ने एक डॉक्टर के साथ धक्का-मुक्की की, वहीं एक नर्स के साथ अभद्र व्यवहार भी किया गया। अर्धनग्न प्रदर्शन से परिसर में मची भगदड़
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कुछ किन्नरों ने अपने कपड़े उतार दिए और अर्धनग्न होकर परिसर में इधर-उधर घूमते रहे, जिससे मरीजों के बीच दहशत फैल गई। महिलाओं और बच्चों के सामने इस तरह का प्रदर्शन देख तीमारदार गुस्से में दिखे। पहले भी कर चुके हैं ऐसा हंगामा
यह कोई पहली घटना नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे पहले भी किन्नरों ने बरसठी थाने में इसी तरह का बवाल किया था। लगातार दोहराई जा रही इस तरह की घटनाओं को लेकर लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर प्रशासन इन पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा। अस्पताल प्रशासन ने दी पुलिस को सूचना
घटना की सूचना मिलते ही अस्पताल प्रशासन ने तत्काल पुलिस को जानकारी दी। हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले ही अधिकतर किन्नर वहां से निकल चुके थे। सीएमएस डॉ. केके राय ने बताया- “घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। डॉक्टरों और स्टाफ पर इस तरह का हमला स्वीकार नहीं किया जा सकता। हमने मामले की सूचना पुलिस को दी है और रिपोर्ट तैयार कर ली गई है।” डॉक्टरों ने जताया आक्रोश, सुरक्षा की मांग
इस घटना के बाद अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी काफी आक्रोशित हैं। कर्मचारियों ने कहा कि यदि जल्द सुरक्षा व्यवस्था नहीं बढ़ाई गई, तो वे कार्य का बहिष्कार कर सकते हैं। एक कर्मचारी ने कहा- “हम मरीजों की सेवा करते हैं, न कि किसी के डर में काम करें। अस्पताल में आए दिन कोई न कोई हंगामा होता रहता है। पुलिस सुरक्षा बेहद जरूरी है।” क्या बोले जिम्मेदार
एसपी सिटी आयुष श्रीवास्तव ने बताया- अस्पताल में हुई घटना की जानकारी मिली है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल में सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

काशी पहुंचे कवि डॉ. कुमार विश्वास:30 मिनट तक अस्सी घाट पर पत्नी संग पूजन किया, बोले- यहां आकर मन को सुकून मिलता है

काशी पहुंचे कवि डॉ. कुमार विश्वास:30 मिनट तक अस्सी घाट पर पत्नी संग पूजन किया, बोले- यहां आकर मन को सुकून मिलता है कवि डॉ. कुमार विश्वास वाराणसी पहुंचे हैं। शुक्रवार शाम उन्होंने अस्सी घाट पर पत्नी के साथ विधिवत गंगा पूजन किया। उन्होंने यह गंगा पूजन अपने परिवार की सुख समृद्धि और अपने कार्य में उन्नति के लिए किया। गंगा की रेती पर बैठकर लगभग 30 मिनट तक मां भागीरथी की साधना की। पूजन के बाद उन्होंने कहा- काशी आकर एक अलग ही शांति मिलती है। यहां के गंगा घाट पर बहने वाली शीतल हवाएं मन को काफी सुकून देती हैं। सुबह-ए-बनारस मंच के कृष्ण मोहन पाण्डेय ने उनके पूजन की व्यवस्था की थी। कुमार विश्वास आज रुद्राक्ष सभागार में महारानी अहिल्याबाई पर व्याख्यान देंगे। कुमार बोले- बाबा का धाम अद्भुत है
कुमार विश्वास का यह निजी कार्यक्रम अचानक बना था। गंगा पूजन के दौरान घाट पर सुरक्षा व्यवस्था में पुलिसकर्मी भी मौजूद रहे। कुमार विश्वास को घाट पर देखते ही स्थानीय लोग और प्रशंसक जुट गए। कुछ लोगों ने कुमार विश्वास के साथ सेल्फी लेने का भी प्रयास किया। हर हर महादेव के जय घोष से उनका अभिवादन किया। उन्होंने कहा- बाबा की नगरी काशी अद्भुत है। यहां मन को शांति मिलती है। इस दौरान उन्होंने अपनी कविता ““कंकर-कंकर मेरा शंकर,मैं लहर-लहर अविनाशी हूं,मैं काशी हूं-मैं काशी हूं-मैं काशी हूं..।” भी गुनगुनाई। डॉ.कुमार विश्वास रुद्राक्ष में देंगे व्याख्यान
महारानी अहिल्या बाई होल्कर की त्रिशताब्दी जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. कुमार विश्वास शामिल होंगे। महिला आयोग की ओर से यह कार्यक्रम रुद्राक्ष सभागार में आयोजित किया गया है। जहां पर कुमार विश्वास महारानी अहिल्याबाई पर अपना व्याख्यान देंगे। यहां भी महारानी पर प्रदर्शनी लगाई जाएगी। प्रदर्शनी में विवेकानंद सुभारती विवि, जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विवि (जेआरडीयू) और वाराणसी के लगभग 20 स्कूल शामिल होंगे। इससे पहले काशी पूरे परिवार के साथ आये थे कुमार विश्वास
अपने बेटी के शादी से पहले कुमार विश्वास 27 जुलाई 2024 में काशी पहुंचे थे। यहां उन्होंने बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूरे परिवार के साथ किया था उसके बाद काल भैरव मंदिर और संकट मोचन मंदिर भी पहुंचकर दर्शन पूजन किए थे। उसी दौरान उन्होंने संकट मोचन मंदिर में हनुमान चालीसा भी पढ़ी थी। इसके अलावा उन्होंने काशी में बनारसी साड़ी भी खरीदी थी। हालांकि वह उनका पारिवारिक यात्रा था इसलिए वह किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे। ———— ये खबर भी पढ़िए कानपुर में मोदी बोले-दुश्मन कहीं भी हो, खत्म कर देंगे:पाकिस्तानी सेना गिड़गिड़ा रही थी, बेटियों के सिंदूर का आक्रोश दुनिया ने देखा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कानपुर में कहा कि पहलगाम के कायराना हमले में हमारे कानपुर के बेटे शुभम द्विवेदी भी बर्बरता का शिकार हुए। बेटी ऐशन्या की वो पीड़ा, वो कष्ट और भीतर का आक्रोश हम सब महसूस कर सकते हैं। हमारी बहनों-बेटियों का वही आक्रोश ऑपरेशन सिंदूर के रूप में पूरी दुनिया ने देखा है। पूरी खबर पढ़िए

मुख्तार के विधायक बेटे अब्बास को 2 साल की सजा:कहा था- अफसरों का पहले हिसाब-किताब होगा, फिर ट्रांसफर

मुख्तार के विधायक बेटे अब्बास को 2 साल की सजा:कहा था- अफसरों का पहले हिसाब-किताब होगा, फिर ट्रांसफर माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में 2 साल की सजा हुई है। शनिवार को मऊ की MP/MLA कोर्ट ने यह फैसला दिया। कोर्ट ने अब्बास के साथ ही उनके चुनाव एजेंट मंसूर को भी 6 महीने की सजा सुनाई। दोनों पर 2-2 हजार का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने आज सुबह साढ़े 11 बजे दोनों को दोषी करार दिया था, जबकि अब्बास के छोटे भाई उमर अंसारी को बरी कर दिया था। मामला 2022 विधानसभा चुनाव का है। इस दौरान एक चुनावी रैली में अब्बास ने कहा था- सपा मुखिया अखिलेश यादव से कहकर आया हूं, सरकार बनने के बाद छह महीने तक किसी की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होगी। जो जहां है, वही रहेगा। पहले हिसाब-किताब होगा। फिर ट्रांसफर होगा। सजा के ऐलान के बाद कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया। पुलिस के साथ-साथ एसओजी के जवान भी तैनात हैं। कोर्ट में पेशी से पहले अब्बास के एक समर्थक ने जबरन कोर्ट में घुसने का प्रयास किया, जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया। अब्बास ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा से विधायक हैं। अब्बास अपने छोटे भाई उमर अंसारी और समर्थकों के साथ शनिवार सुबह 8 बजे कोर्ट पहुंचे। उन्होंने हाथ हिलाकर समर्थकों का अभिवादन भी किया। 3 तस्वीरें देखिए- हेट स्पीच का पूरा मामला समझिए…
बात 3 मार्च, 2022 की है। अब्बास ने मऊ के पहाड़पुर मैदान में चुनावी रैली की। इसमें कहा- यहां पर जो आज डंडा चला रहे हैं। अगले मुख्यमंत्री होने वाले अखिलेश भैया से कहकर आया हूं। सरकार बनने के बाद छह महीने तक कोई तबादला और तैनाती नहीं होगी। जो हैं, वह यहीं रहेगा। जिस-जिस के साथ जो-जो किया है, उसका हिसाब किताब यहां देना पड़ेगा। इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने तब अब्बास अंसारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 24 घंटे तक प्रचार पर रोक लगा दी थी। 4 अप्रैल 2022 को तत्कालीन एसआई गंगाराम बिंद की शिकायत पर शहर कोतवाली में FIR दर्ज की गई। इसमें अब्बास, उनके छोटे भाई उमर अंसारी और चुनाव एजेंट मंसूर के अलावा 150 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था। इन पर IPC की धाराएं- 506 (धमकी), 171F (चुनाव प्रक्रिया में बाधा), 186 (लोक सेवक को बाधित करना), 189 (लोक सेवक को धमकाना), 153A (साम्प्रदायिक वैमनस्य) और 120B (षड्यंत्र) जैसी गंभीर धाराएं लगाई गईं थीं। अब्बास का वह वीडियो देखिए, जिस पर उन्हें दोषी ठहराया… 21 मार्च को 2 साल 8 महीने बाद जेल से रिहा हुए थे अब्बास
मनी लॉन्ड्रिंग और गैंगस्टर एक्ट मामले में अब्बास अंसारी 21 मार्च को 2 साल 8 महीने बाद जेल से रिहा हुए थे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 7 मार्च को ही जमानत दे दी थी। कोर्ट ने कहा था- अब्बास अंसारी कब तक जेल में रहेगा? कोर्ट के आदेश के 15 दिन बाद रिहाई का परवाना कासगंज जेल पहुंचा, जिसके बाद अब्बास की रिहाई हुई। अब्बास को नवंबर 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हिरासत में लिया था। उन पर आरोप था कि वह आपराधिक नेटवर्क का हिस्सा थे और अवैध तरीके से धन इकट्ठा करते थे। ईडी ने जांच के बाद उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। बिना अनुमति के अब्बास से मिलने पर पत्नी निखत को हुई थी जेल 11 फरवरी, 2023 को निखत अंसारी बिना अनुमति के चित्रकूट जेल में बंद अब्बास अंसारी से मिलने पहुंची। वह जेलर के कमरे में पति अब्बास से मुलाकात कर रही थी, तभी एसपी और डीएम अचानक पहुंच गए। हालांकि, अब्बास को छापेमारी से थोड़ी देर पहले ही जेल कर्मियों ने कमरे से निकाल दिया था। मामला सामने आने के बाद 15 फरवरी को अब्बास अंसारी को चित्रकूट जिला जेल से कासगंज जेल ट्रांसफर कर दिया गया था। हालांकि, निखत को चित्रकूट जेल में ही रखा गया। करीब 154 दिन जेल में रहने के बाद निखत को रिहा किया गया था। खबर अपडेट की जा रही है…