लखनऊ में सुबह से चल रही तेज बर्फीली हवा:धूप निकलने के बाद मौसम हुआ साफ; धुंध के कारण 20 से अधिक ट्रेनें लेट

लखनऊ में सुबह से चल रही तेज बर्फीली हवा:धूप निकलने के बाद मौसम हुआ साफ; धुंध के कारण 20 से अधिक ट्रेनें लेट लखनऊ में सुबह से तेज बर्फीली हवा चल रही है। न्यूनतम तापमान सामान्य से कम होने के चलते गलन बढ़ गई है। सुबह लखनऊ का न्यूनतम तापमान 9 डिग्री दर्ज किया गया है। मौसम विभाग का अनुमान है कि आज लखनऊ का अधिकतम तापमान 24 डिग्री के आसपास रहेगा। इससे पहले सोमवार को लखनऊ का अधिकतम तापमान 24 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य की तुलना में 0.3 डिग्री अधिक रहा। न्यूनतम तापमान 8 डिग्री दर्ज किया गया यह सामान्य की तुलना में 0.6 डिग्री कम रहा। सुबह तेज बर्फीली हवाओं के असर से गलन और ठिठुरन महसूस हुई। इसके बाद धूप निकलने से मौसम साफ हो गया। अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक गर्म रहा। 29 जनवरी से लेकर 31 जनवरी तक इसका असर देखने को मिलेगा। तेज हवा भी चलेगी। दो तस्वीरों में देखें लखनऊ का मौसम 29 जनवरी से मौसम का बदलेगा मिजाज
मौसम विभाग ने अनुमान ने बताया है कि दो दिनों तक न्यूनतम और अधिकतम तापमान में राजधानी लखनऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश में बढ़ोतरी होगी। इसके बाद पश्चिमी यूपी से बूंदाबादी के साथ बारिश की शुरुआत होगी। जिसके चलते मौसम करवट लेगा। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम बदला है। लखनऊ आने वाली ये ट्रेनें लेट

मेरा बच्चा दिला दो, वो उसे बेच देगी…:मुरादाबाद में कपड़ा कारोबारी ने कहा-दुधमुंहे को छोड़कर ब्वॉयफ्रेंड संग गई, अब उसे बच्चा याद आ रहा

मेरा बच्चा दिला दो, वो उसे बेच देगी…:मुरादाबाद में कपड़ा कारोबारी ने कहा-दुधमुंहे को छोड़कर ब्वॉयफ्रेंड संग गई, अब उसे बच्चा याद आ रहा मुरादाबाद में सोमवार दोपहर कपड़ा व्यापारी से उनके 4 साल के बेटे को व्यापारी की पहली पत्नी और उसका ब्वॉयफ्रेंड सरेआम छीनकर ले गए। ये वारदात शहर के सिविल लाइंस एरिया में कांठ रोड पर स्थित विशाल मेगा मॉर्ट के गेट पर हुई। वारदात के वक्त सोमवार को दोपहर करीब ढाई बजे कपड़ा व्यापारी जुबैर अपने बेटे को शॉपिंग कराकर मॉल से बाहर निकल रहे थे। तभी उनकी पहली पत्नी लायवा अपने ब्वॉयफ्रेंड दीपक के साथ अचानक वहां पहुंची और बच्चे को छीन ले गई। पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई है। पुलिस बच्चे को तलाश कर रही है। इस बीच कपड़ा व्यापारी ने अपने मासूम बेटे को बेचे जाने की आशंका जाहिर की है। इस मामले में कपड़ा व्यापारी जुबैर ने अपना दर्द बयां किया। उन्हीं की जुबानी पढ़िए, इस वारदात के पीछे की पूरी कहानी….. शादी के पहले से दीपक के साथ रिश्ते में थी लायवा
शहर के सिविल लाइंस में हरथला विद्या नगर में रहने वाले जुबैर रेडीमेड गारमेंट्स के थोक के व्यापारी हैं। जुबैर ने दैनिक भास्कर से कहा- मेरी शादी 2019 में लायवा के साथ हुई थी। इसके कुछ ही दिन बाद मुझे पता चला कि लायवा का पहले से दीपक वाल्मीकि के साथ अफेयर था। वो उसके साथ घर छोड़कर भाग भी चुकी थी। लेकिन लायवा की मां जहांआरा ने हमसे ये बात छुपाई और झूठ बोलकर मेरी लायवा से शादी करा दी। शादी के बाद भी दीपक के साथ मिलना-जुलना जारी रखा
जुबैर बताते हैं- शादी के बाद मुझे अपनी बीवी लायवा की हकीकत पता चली तो मेरे सारे सपने उजड़ गए। लेकिन फिर भी मैंने उसे समझाकर जिंदगी को आगे बढ़ाने की कोशिश की। लेकिन लायवा ने मेरी नहीं सुनी। शादी के बाद भी वो दीपक से बातें करती थी। यहां तक कि चोरी छुपे उससे मिलती भी थी। करीब 4 साल पहले लायवा ने बेटे इबाद को जन्म दिया तो मुझे लगा कि अब शायद सबकुछ ठीक हो जाएगा। लेकिन बच्चे के आने से भी हालात नहीं बदले। अब किडनैपिंग की घटना को देखिए… दुधमुंहे बच्चे को छोड़कर ब्वॉयफ्रेंड के साथ चली गई
जुबैर कहते हैं- अब वो (लायवा) मां बनकर बच्चे पर अपना हक जता रही है। उस वक्त तो वो दुधमुंहे बच्चे को घर पर छोड़कर अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ चली गई थी। तब उसे बच्चे का ख्याल नहीं आया ? अब मैंने दुधमुंहे बच्चे को बिना मां के पाल पोसकर बड़ा किया है तो वो हक जताने आ गई। क्या उसने उस वक्त बच्चे के बारे में सोचा था जब वो अपने ब्वॉयफ्रेंड की खातिर बच्चे को रोता बिलखता छोड़ गई थी ? वो मेरे बच्चे को बेच देगी, उसे बचा लीजिए
जुबैर बताते हैं- मेरा और लायवा का कभी तलाक नहीं हुआ। लायवा ने मुझसे तलाक लिए बगैर ही दीपक के साथ रहना शुरू कर दिया। सुना है उसने हिंदू रीति रिवाज से दीपक से शादी भी कर ली है। दीपक शहर में ही बंगला गांव मोहल्ले में लायवा के साथ रहता है। उसका डीजे का काम है। सुना है दोनों के एक बेटा भी है। उस वक्त मैंने लायवा को वापस पाने के लिए कोर्ट कचहरी भी की थी। लेकिन लायवा कोर्ट में दीपक के पक्ष में बयान देकर उसके साथ चली गई थी। फिर मैंने भी दूसरा निकाह कर लिया और मैं लायवा को भूलकर जिंदगी में आगे बढ़ गया। जुबैर बोले- जब उनके पास अपनी औलाद है तो वो मेरे बच्चे को मुझसे क्यों छीन ले गए। मुझे डर है कि वो रुपयों की खातिर मेरे बेटे को बेच भी सकते हैं। दीपक ने कहा था, बच्चा दे दे, वरना तुझे मार दूंगा
जुबैर ने पुलिस से शिकायत की है कि, दीपक ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी थी। जुबैर ने कहा- दीपक ने मुझे कई बार धमकाया था। उसने कहा था कि इबाद को अगर मैंने लायवा को नहीं सौंपा तो वो मुझे मार देगा। इतना ही नहीं उसने घर में घुसकर इबाद को उठा ले जाने की धमकी भी दी थी। इस मामले में इंस्पेक्टर सिविल लाइंस मनीष सक्सेना का कहना है कि बच्चे की तलाश की जा रही है। जुबैर ने अपहरण की तहरीर दी है, लेकिन मां के खिलाफ उसके 4 साल के बेटे के अपहरण की एफआईआर दर्ज करना इसलिए मुश्किल है क्योंकि 8 साल से कम उम्र के बच्चे पर मां का स्वाभाविक अधिकार है। जुबैर ने पहले जब सूचना दी तो कहा था कि दीपक और उसके 10-12 साथी उसके बच्चे को अगवा कर ले गए हैं। बाद में जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज चेक की तो पता चला कि जुबैर के बेटे इबाद और उसी की बीवी लायवा लेकर गई थी। लायवा के साथ उसका ब्वॉयफ्रेंड भी था। ….. यह भी पढ़ें : महाकुंभ में धर्म संसद- वर्शिप एक्ट खत्म करने की मांग: PM से सनातन बोर्ड बनाने की अपील; नारा दिया- संभल, मथुरा, विश्वनाथ… तीनों लेंगे एकसाथ महाकुंभ में सोमवार को हुई धर्म संसद में PM से सनातन बोर्ड बनाने की मांग की गई। 13 अखाड़े और सभी 4 शंकराचार्य इसमें शामिल नहीं हुए। धर्म संसद में जगद्गुरु विद्या भास्कर ने PM मोदी से संसद में वर्शिप एक्ट को खत्म करने की मांग की। उन्होंने कहा- हम इस संबंध में सरकार को मांगपत्र भी भेज रहे हैं। नारा दिया गया- “संभल, मथुरा, विश्वनाथ, तीनों लेंगे एक साथ।” पढ़िए पूरी खबर…

मेरा बच्चा दिला दो, वो उसे बेच देगी…:मुरादाबाद में कपड़ा कारोबारी ने कहा-दुधमुंहे को छोड़कर ब्वॉयफ्रेंड संग गई, अब उसे बच्चा याद आ रहा

मेरा बच्चा दिला दो, वो उसे बेच देगी…:मुरादाबाद में कपड़ा कारोबारी ने कहा-दुधमुंहे को छोड़कर ब्वॉयफ्रेंड संग गई, अब उसे बच्चा याद आ रहा मुरादाबाद में सोमवार दोपहर कपड़ा व्यापारी से उनके 4 साल के बेटे को व्यापारी की पहली पत्नी और उसका ब्वॉयफ्रेंड सरेआम छीनकर ले गए। ये वारदात शहर के सिविल लाइंस एरिया में कांठ रोड पर स्थित विशाल मेगा मॉर्ट के गेट पर हुई। वारदात के वक्त सोमवार को दोपहर करीब ढाई बजे कपड़ा व्यापारी जुबैर अपने बेटे को शॉपिंग कराकर मॉल से बाहर निकल रहे थे। तभी उनकी पहली पत्नी लायवा अपने ब्वॉयफ्रेंड दीपक के साथ अचानक वहां पहुंची और बच्चे को छीन ले गई। पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई है। पुलिस बच्चे को तलाश कर रही है। इस बीच कपड़ा व्यापारी ने अपने मासूम बेटे को बेचे जाने की आशंका जाहिर की है। इस मामले में कपड़ा व्यापारी जुबैर ने अपना दर्द बयां किया। उन्हीं की जुबानी पढ़िए, इस वारदात के पीछे की पूरी कहानी….. शादी के पहले से दीपक के साथ रिश्ते में थी लायवा
शहर के सिविल लाइंस में हरथला विद्या नगर में रहने वाले जुबैर रेडीमेड गारमेंट्स के थोक के व्यापारी हैं। जुबैर ने दैनिक भास्कर से कहा- मेरी शादी 2019 में लायवा के साथ हुई थी। इसके कुछ ही दिन बाद मुझे पता चला कि लायवा का पहले से दीपक वाल्मीकि के साथ अफेयर था। वो उसके साथ घर छोड़कर भाग भी चुकी थी। लेकिन लायवा की मां जहांआरा ने हमसे ये बात छुपाई और झूठ बोलकर मेरी लायवा से शादी करा दी। शादी के बाद भी दीपक के साथ मिलना-जुलना जारी रखा
जुबैर बताते हैं- शादी के बाद मुझे अपनी बीवी लायवा की हकीकत पता चली तो मेरे सारे सपने उजड़ गए। लेकिन फिर भी मैंने उसे समझाकर जिंदगी को आगे बढ़ाने की कोशिश की। लेकिन लायवा ने मेरी नहीं सुनी। शादी के बाद भी वो दीपक से बातें करती थी। यहां तक कि चोरी छुपे उससे मिलती भी थी। करीब 4 साल पहले लायवा ने बेटे इबाद को जन्म दिया तो मुझे लगा कि अब शायद सबकुछ ठीक हो जाएगा। लेकिन बच्चे के आने से भी हालात नहीं बदले। अब किडनैपिंग की घटना को देखिए… दुधमुंहे बच्चे को छोड़कर ब्वॉयफ्रेंड के साथ चली गई
जुबैर कहते हैं- अब वो (लायवा) मां बनकर बच्चे पर अपना हक जता रही है। उस वक्त तो वो दुधमुंहे बच्चे को घर पर छोड़कर अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ चली गई थी। तब उसे बच्चे का ख्याल नहीं आया ? अब मैंने दुधमुंहे बच्चे को बिना मां के पाल पोसकर बड़ा किया है तो वो हक जताने आ गई। क्या उसने उस वक्त बच्चे के बारे में सोचा था जब वो अपने ब्वॉयफ्रेंड की खातिर बच्चे को रोता बिलखता छोड़ गई थी ? वो मेरे बच्चे को बेच देगी, उसे बचा लीजिए
जुबैर बताते हैं- मेरा और लायवा का कभी तलाक नहीं हुआ। लायवा ने मुझसे तलाक लिए बगैर ही दीपक के साथ रहना शुरू कर दिया। सुना है उसने हिंदू रीति रिवाज से दीपक से शादी भी कर ली है। दीपक शहर में ही बंगला गांव मोहल्ले में लायवा के साथ रहता है। उसका डीजे का काम है। सुना है दोनों के एक बेटा भी है। उस वक्त मैंने लायवा को वापस पाने के लिए कोर्ट कचहरी भी की थी। लेकिन लायवा कोर्ट में दीपक के पक्ष में बयान देकर उसके साथ चली गई थी। फिर मैंने भी दूसरा निकाह कर लिया और मैं लायवा को भूलकर जिंदगी में आगे बढ़ गया। जुबैर बोले- जब उनके पास अपनी औलाद है तो वो मेरे बच्चे को मुझसे क्यों छीन ले गए। मुझे डर है कि वो रुपयों की खातिर मेरे बेटे को बेच भी सकते हैं। दीपक ने कहा था, बच्चा दे दे, वरना तुझे मार दूंगा
जुबैर ने पुलिस से शिकायत की है कि, दीपक ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी थी। जुबैर ने कहा- दीपक ने मुझे कई बार धमकाया था। उसने कहा था कि इबाद को अगर मैंने लायवा को नहीं सौंपा तो वो मुझे मार देगा। इतना ही नहीं उसने घर में घुसकर इबाद को उठा ले जाने की धमकी भी दी थी। इस मामले में इंस्पेक्टर सिविल लाइंस मनीष सक्सेना का कहना है कि बच्चे की तलाश की जा रही है। जुबैर ने अपहरण की तहरीर दी है, लेकिन मां के खिलाफ उसके 4 साल के बेटे के अपहरण की एफआईआर दर्ज करना इसलिए मुश्किल है क्योंकि 8 साल से कम उम्र के बच्चे पर मां का स्वाभाविक अधिकार है। जुबैर ने पहले जब सूचना दी तो कहा था कि दीपक और उसके 10-12 साथी उसके बच्चे को अगवा कर ले गए हैं। बाद में जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज चेक की तो पता चला कि जुबैर के बेटे इबाद और उसी की बीवी लायवा लेकर गई थी। लायवा के साथ उसका ब्वॉयफ्रेंड भी था। ….. यह भी पढ़ें : महाकुंभ में धर्म संसद- वर्शिप एक्ट खत्म करने की मांग: PM से सनातन बोर्ड बनाने की अपील; नारा दिया- संभल, मथुरा, विश्वनाथ… तीनों लेंगे एकसाथ महाकुंभ में सोमवार को हुई धर्म संसद में PM से सनातन बोर्ड बनाने की मांग की गई। 13 अखाड़े और सभी 4 शंकराचार्य इसमें शामिल नहीं हुए। धर्म संसद में जगद्गुरु विद्या भास्कर ने PM मोदी से संसद में वर्शिप एक्ट को खत्म करने की मांग की। उन्होंने कहा- हम इस संबंध में सरकार को मांगपत्र भी भेज रहे हैं। नारा दिया गया- “संभल, मथुरा, विश्वनाथ, तीनों लेंगे एक साथ।” पढ़िए पूरी खबर…

महाकुंभ का 16वां दिन, मौनी अमावस्या से पहले भारी भीड़:अब तक 15 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, अमेरिकन सिंगर क्रिस मार्टिन गर्लफ्रेंड संग पहुंचे

महाकुंभ का 16वां दिन, मौनी अमावस्या से पहले भारी भीड़:अब तक 15 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, अमेरिकन सिंगर क्रिस मार्टिन गर्लफ्रेंड संग पहुंचे महाकुंभ का आज 16 वां दिन है। अब तक करीब 15 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। मौनी अमावस्या से पहले सोमवार को श्रद्धालुओं की भारी उमड़ पड़ी। प्रशासन ने सभी ब्रिज बंद कर दिए। इससे भीड़ उग्र हो गई। प्रशासन ने सूझबूझ से भीड़ को संभाला। पांटून पुल 13, 14 और 15 को खोल दिया। बीते 48 घंटे में 3 करोड़ से ज्यादा लोगों ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई। रविवार को जहां 1.74 करोड़ श्रद्धालु महाकुंभ पहुंचे, वहीं सोमवार को रात 8 बजे तक 1.55 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम स्नान किया। अनुमान है कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ और पूरे महाकुंभ में 45 करोड़ से ज्यादा लोग आएंगे। भीड़ को मैनेज करने के लिए सोमवार की देर रात महाकुंभ में अफसरों की हाईलेवल मीटिंग हुई। गंगा स्नान को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मध्य प्रदेश के महू में भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- गंगा में स्नान करने से गरीबी दूर नहीं होगी। भाजपा नेता गंगा स्नान जैसी गतिविधियों के जरिए जनता का ध्यान असल मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रहे हैं, जैसे कि बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की समस्याएं। अरुणाचल प्रदेश के गृहमंत्री ने लगाई डुबकी, कहा- यहां आकर अभिभूत हूं अरुणाचल प्रदेश के गृहमंत्री मामा नातुंग ने संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाई। अपने प्रदेश के लोगों के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वे गोवर्धन मठ पुरी के पीठाधीश्वर स्वामी अधोक्षजानंद देव तीर्थ के आदेश पर परिजनों और अधिकारियों के साथ महाकुंभ में आए हैं। यहां आकर वे अभिभूत हैं। महाकुंभ में दिव्य व्यवस्था के लिए प्रदेश के सीएम योगी के प्रति आभार हैं। अरुणाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर के सभी राज्य गोवर्धन मठ पूरी के धार्मिक क्षेत्र के अधीन आते हैं। अरुणाचल प्रदेश के गृहमंत्री मामा नातुंग सोमवार को चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली से प्रयागराज आए। वकीलों ने भी किया प्रदर्शन
महाकुंभ में VIP के आने पर सभी पांटून पुल बंद करने को लेकर वकीलों में भी नाराजगी है। वकीलों ने कहा- प्रशासन पूरी व्यवस्था खराब करने लगा है। VIP कल्चर के चक्कर में पूरे मेले को बेकार किया जा रहा है। हम सबकी गाड़ियों को बंद करके हूटर वाली गाड़ियों को निकाला जा रहा है। यहां के डीएम और मेला अधिकारी को सीएम तुरंत निर्देशित करें, नहीं तो मेले की व्यवस्था खराब हो जाएगी। कौन हैं वो VIP, जिनके चक्कर में ये रास्ते रोके जा रहे हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को काफी दिक्कत हो रही है। हम लोगों को हाईकोर्ट जाने तक का रास्ता नहीं मिल रहा। हम लोगों का काम कैसे होगा? कोल्डप्ले सिंगर क्रिस मार्टिन गर्लफ्रेंड संग पहुंचे अमेरिकी रॉक बैंड कोल्डप्ले के को-फाउंडर और सिंगर क्रिस मार्टिन महाकुंभ पहुंचे। इस दौरान उनकी गर्लफ्रेंड और अमेरिकी एक्ट्रेस डकोटा जॉनसन भी नजर आईं। क्रिस और डकोटा को एक कार में बैठे देखा गया। भगवा रंग की ड्रेस पहने कपल महाकुंभ मेले में दिखाई दिए। डकोटा जॉनसन को हॉलीवुड फिल्म ’50 शेड्स ऑफ ग्रे’ को लेकर जाना जाता है। अमित शाह ने महाकुंभ में डुबकी लगाई, अक्षयवट के दर्शन किए
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सोमवार को महाकुंभ पहुंचे और डुबकी लगाई। उनके साथ सीएम योगी, जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि और योग गुरु बाबा रामदेव ने भी संगम में स्नान किया। योगी और संतों ने शाह पर पानी डाला। करीब 10 मिनट तक संगम स्नान किया। शाह को संतों ने मंत्रोच्चार के बीच आचमन कराया। इस दौरान सीएम योगी ने रामदेव के साथ योग किया। स्नान के बाद शाह ने संगम पर परिवार के साथ पूजा की। इसके बाद शाह अक्षयवट पहुंचे। यहां से स्वामी अवधेशानंद के आश्रम में पहुंचे और भोजन किया। महाकुंभ में हुई धर्म संसद, शंकराचार्य और अखाड़ों ने किया बायकॉट
महाकुंभ में सोमवार को हुई धर्म संसद में PM से सनातन बोर्ड बनाने की मांग की गई। 13 अखाड़े और सभी 4 शंकराचार्य इसमें शामिल नहीं हुए। धर्म संसद में जगद्गुरु विद्या भास्कर ने PM मोदी से संसद में वर्शिप एक्ट को खत्म करने की मांग की। उन्होंने कहा- हम इस संबंध में सरकार को मांगपत्र भी भेज रहे हैं। नारा दिया गया- “संभल, मथुरा, विश्वनाथ, तीनों लेंगे एक साथ।” अयोध्या से आए वल्लभदास महाराज ने नारा दिया- रामलला हम आएंगे, मंदिर हर जगह बनाएंगे।धर्म संसद में करीब 5 हजार साधु-संत और भक्त मौजूद हैं। जगद्गुरु श्रीजी महाराज, जगद्गुरु विद्या भास्कर, जगद्गुरु वल्लभाचार्य, चिन्मयानंद बापू, साध्वी प्राची, महंत राजू दास, साध्वी सरस्वती, जगद्गुरु सूर्याचार्य आदि मौजूद रहे।

काशी में 35 लाख लोग, देव दीपावली से दोगुने:श्रद्धालुओं ने तीन दिन में 1100 करोड़ खर्च किए; लोग बोले- 1200 वाला होटल 4 हजार में मिला

काशी में 35 लाख लोग, देव दीपावली से दोगुने:श्रद्धालुओं ने तीन दिन में 1100 करोड़ खर्च किए; लोग बोले- 1200 वाला होटल 4 हजार में मिला महाकुंभ आए भक्त काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने भी पहुंच रहे हैं। नतीजा 3 दिन में 35 लाख श्रद्धालु काशी पहुंच चुके हैं। यह भीड़ देव दीपावली के स्पेशल आयोजन में आए लोगों से 2 गुने से ज्यादा है। प्रशासनिक आकड़ों के अनुसार, पहली बार एक साथ इतने श्रद्धालु काशी पहुंचे हैं। हालात ऐसे हैं कि गौदोलिया से लेकर मैदागिन तक सिर्फ लोग ही लोग दिख रहे हैं। शहर के छोटे-बड़े 3500 होटल, लॉन्ज फुल हैं। श्रद्धालुओं को 1200 रुपए में मिलने वाला होटल 4 हजार रुपए में मिल रहा है। रिकॉर्ड श्रद्धालुओं के काशी पहुंचने का असर 3 पॉइंट में समझ सकते हैं… पूरे देश से पहुंचने वाले 35 लाख लोग वाराणसी की इकोनॉमी को भी बूस्ट कर रहे हैं। करीब 1100 करोड़ रुपए रहने, ठहरने और प्रसाद-दक्षिणा पर खर्च किए। मगर शहर का क्राउड मैनेजमेंट फेल हो गया है। बाबा काशी विश्वनाथ की तरफ जाने वाले VIP रूट बंद करने पड़े हैं। वाराणसी के बॉर्डर भी सील हैं, सिर्फ लोकल नंबर प्लेन की गाड़ियां ही शहर के अंदर आने दी जा रही है। 29 जनवरी, 2025 को मौनी अमावस्या है। प्रयागराज में करीब 7-8 करोड़ लोगों के पहुंचने का अनुमान है। यह भी अनुमान है कि 1 से 2 करोड़ लोग स्नान के बाद अयोध्या या वाराणसी का रुख कर सकते हैं। अब बात काशी पहुंचने वाले लोगों की करते हैं… जम्मू की लवलीन ने कहा- 6 से 7 घंटे में हो रहे दर्शन
भक्तों से बातचीत के लिए दैनिक भास्कर की टीम काशी के अस्सी घाट पहुंची। यहां हमारी मुलाकात जम्मू कश्मीर की लवलीन गुप्ता से हुई। उन्होंने कहा- एडमिनिस्ट्रेशन ने व्यवस्था तो की है, मगर भीड़ ज्यादा है। काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए लाइनों में लोग बीच में घुसे आ रहे हैं। 6 से 7 घंटे में दर्शन हो पा रहे हैं। हमारी यात्रा काफी अच्छी रही है। यहां CM योगी ने काफी काम किया है। प्रयागराज से आई मोनिका ने कहा- भीड़ देखकर हिम्मत टूटी
मोनिका कहती हैं – प्रयागराज में गंगा स्नान करने के बाद हम वाराणसी आए हैं। यहां पर 2 घंटे तक हम लोग लाइन में लगे रहे। काल भैरव मंदिर के बाहर भीड़ इतनी ज्यादा थी कि हमारी हिम्मत टूट गई। हम वापस आ गए। हमने गेस्ट हाउस में रहने के लिए 3000 रुपए दिए। जो थोड़ा ज्यादा लगा, लेकिन मजबूरी थी, हमें कही तो ठहरना ही था। पटना के अमरजीत ने कहा- होटल नहीं मिला
पटना से वाराणसी पहुंचे अमरजीत कुमार कहते हैं – प्रयागराज में महाकुंभ की व्यवस्थाएं बहुत बेहतर मिली। आज सुबह हम वाराणसी पहुंचे हैं। हमने होटल खोजा, लेकिन कहीं भी जगह नहीं मिली। जिसके बाद हम वाराणसी के गंगा घाट पहुंचे। यहां पर अपना समय बिताया, गंगा स्नान किया और फिर बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। हमें दर्शन करने में करीब 6 घंटे का वक्त लगा। भीड़ ज्यादा होने से अव्यवस्था हो रही है। भक्तों से बातचीत के बाद टीम होटल और गेस्ट हाउस का हाल जानने पहुंची… टीम करीब 12 से 15 होटल और गेस्ट हाउस पहुंची। उनका हाल देखकर सामने आया कि 27 से 30 जनवरी के बीच सभी हाउस फुल हैं। रिसेप्शन पर लोगों और स्टाफ के बीच रूम टैरिफ में डिस्काउंट को लेकर बहस होती दिखी। दरअसल, गेस्ट हाउस में आम दिनों में 800 से 1200 रुपए में मिलने वाला कमरा इस वक्त 3000 से 4000 तक बुक हो रहा है। यानी करीब 3 से 4 गुना ज्यादा कीमत वसूली जा रही है। सबसे हाई डिमांड गंगा नदी के घाटों के पास बने होटलों की है। होम स्टे
150 घर होम स्टे में बदले, सब फुल
गंगा नदी के 84 घाट हैं। जोकि करीब 6.4 किमी में फैले हुए हैं। इस एरिया में 150 से ज्यादा लोगों ने अपने घरों को होम स्टे में बदला है। इनमें भी जगह नहीं है। एडवांस बुकिंग चल रही है। लोग अपने परिचित लोगों से निगोशिएट करवा रहे हैं। होटल कारोबारी बोले- अब घाट के पास ठहरने को जगह नहीं
टूरिस्ट काशी आएं तो क्या करें? यह समझने के लिए भास्कर टीम ने होटल कारोबारी यश चतुर्वेदी से बात की। वह कहते हैं- गंगा किनारे अब ठहरने का कोई स्थान खाली नहीं है। घर-घर में पर्यटक ठहरे हुए हैं। 1000-2000 हजार रुपए वाले डबल बेड रूम का चार्ज 26-30 जनवरी के लिए 4000 से 5000 रुपए तक हो गया है। पर्यटक इससे ज्यादा भी देने को राजी हैं, मगर 30 जनवरी तक देने के लिए कोई कमरा नहीं बचा है। घाटों पर 1000-1500 वाले गेस्ट हाउस की बुकिंग 3 से 4 हजार रुपए में हुई है। दर्शन-श्रद्धालु का रिकॉर्ड
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन करने वाले श्रद्धालुओं का जनवरी में रिकॉर्ड बन रहा… गर्भगृह में सिर्फ 1-2 सेकेंड के दर्शन
मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को सिर्फ 1-2 सेकेंड ही दर्शन मिल पा रहे हैं। गोदौलिया और चौक एरिया के आसपास 2 से 3 किलोमीटर की लंबी लाइन लग रही है। सुबह मंगला आरती के बाद शुरू दर्शन-पूजन का सिलसिला रात 11 बजे तक चल रहा है। तमाम श्रद्धालु ऐसे रहे, जो 2 घंटे लाइन में लगने के बाद बाबा विश्वनाथ के झांकी दर्शन पा रहे हैं। गेट नंबर चार, गंगा द्वार और सरस्वती फाटक की ओर श्रद्धालुओं की भीड़ सबसे ज्यादा हो रही है। अब नाविकों की बात
नाविक बोले- सुबह 6 बजे से शाम 7 तक बोट खाली नहीं
वाराणसी के नाविकों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। नाविकों का कहना है कि पहले हम दिन भर में एक से दो चक्कर लगा रहे थे। अब पूरे दिन में करीब चार से पांच चक्कर मार रहे हैं। हम लोग वाराणसी के अस्सी घाट से नमो घाट तक ले जाने के लिए 100 से 200 रूपए प्रति सवारी ले रहे हैं। वहीं अगर पूरी बोट बुक कराई जा रही है तो उसका 2000 से 5000 लिया जा रहा है। अस्सी घाट के नाविक अज्जू ने कहा- हम लोग सुबह 6 बजे से ही पर्यटकों को गंगा घाट घूमा रहे हैं। रात के 7 बजे तक यह सिलसिला चल रहा है। यह पहला मौका है जब हम लोग पूरे दिन इस तरह से पर्यटकों को घूमा पा रहे हैं। बोट खाली नहीं रह रही है। काशी को फायदा
BHU प्रोफेसर प्रवीण राणा ने कहा- हम मान‌कर चल रहे हैं कि 27 जनवरी से 30 जनवरी के बीच करीब 45 लाख लोग बनारस आएंगे। इस वक्त वाराणसी में ठहरना और खाना 25 से 30% तक महंगा हो चुका है। एक व्यक्ति पर औसतन करीब 3 हजार रुपए का खर्च आता है। इसमें एक हिस्सा प्रसाद और दक्षिणा के रूप में मंदिर और पुजारियों को भी मिल रहा है। अब तक 35 लाख लोग वाराणसी आ चुके हैं। उम्मीद है कि 1100 करोड़ रेवेन्यू आया होगा। पीक फेस्टिव सीजन में यानी कि 27 जनवरी से 30 जनवरी के बीच वाराणसी पहुंचने वाले लाखों लोगों से और रेवेन्यू मिलने की उम्मीद है। अब भीड़ की तस्वीर प्रशासन की व्यवस्था
गोदौलिया से मैदागिन के बीच कार नहीं जाएंगी
महाकुंभ तक गोदौलिया से मैदागिन के बीच वीआईपी, प्रोटोकॉल और पुलिस की गाड़ियां नहीं चलेंगी। सिर्फ जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा वाले विशिष्टजन ही गोदौलिया से मैदागिन के बीच कार से आ-जा सकेंगे। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कहा- महाकुंभ के मद्देनजर बड़े वाहन शहर के बाहर निर्धारित पार्किंग स्थल पर ही खड़े हों। गोदौलिया से मैदागिन मार्ग पर जगह-जगह नो व्हीकल जोन के बैनर लगवाए गए। एडीसीपी काशी जोन सरवणन टी ने बताया- सोनारपुरा से ही चारपहिया वाहनों को गोदौलिया नहीं आने दिया जाएगा। गोदौलिया में काशी चाट भंडार के समीप खाली जमीन में पुलिस के वाहन खड़े होंगे। गोदौलिया से मैदागिन मार्ग के साथ ही रामापुरा, पांडेय हवेली और दशाश्वमेध रोड भी नो व्हीकल जोन घोषित है। —————————- यह भी पढ़ें : महाकुंभ में धर्म संसद- वर्शिप एक्ट खत्म करने की मांग: PM से सनातन बोर्ड बनाने की अपील; नारा दिया- संभल, मथुरा, विश्वनाथ… तीनों लेंगे एकसाथ महाकुंभ में सोमवार को हुई धर्म संसद में PM से सनातन बोर्ड बनाने की मांग की गई। 13 अखाड़े और सभी 4 शंकराचार्य इसमें शामिल नहीं हुए। धर्म संसद में जगद्गुरु विद्या भास्कर ने PM मोदी से संसद में वर्शिप एक्ट को खत्म करने की मांग की। उन्होंने कहा- हम इस संबंध में सरकार को मांगपत्र भी भेज रहे हैं। नारा दिया गया- “संभल, मथुरा, विश्वनाथ, तीनों लेंगे एक साथ।” पढ़िए पूरी खबर…

महाकुंभ मेले में एक लाख से ज्यादा टेंट:ड्रोन की नजर से देखिए आस्था के महापर्व का विहंगम नजारा

महाकुंभ मेले में एक लाख से ज्यादा टेंट:ड्रोन की नजर से देखिए आस्था के महापर्व का विहंगम नजारा महाकुंभ भारत की शाश्वत आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है। प्रयागराज महाकुंभ में दुनिया भर से श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। आस्था की डुबकी लगाने वालों का आंकड़ा 15 करोड़ तक पहुंच रहा है। मौनी अमावस्या पर 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने की संभावना है। 40 किलोमीटर में बसे महाकुंभ मेले में एक लाख से ज्यादा टेंट लगे हैं। यहां श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की गई है। आस्था के महापर्व का विहंगम नजारा ड्रोन की नजर से देखिए…

महाकुंभ में अबतक 15 करोड़ ने लगाई डुबकी, किसने-कैसे गिना?:143 साल पहले अंग्रेजों ने कराई थी गिनती; अफसर बोले- 100% सही आंकड़ा नहीं

महाकुंभ में अबतक 15 करोड़ ने लगाई डुबकी, किसने-कैसे गिना?:143 साल पहले अंग्रेजों ने कराई थी गिनती; अफसर बोले- 100% सही आंकड़ा नहीं प्रयागराज महाकुंभ में 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। करीब 15 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। 13 जनवरी से मेला शुरू हुआ, तो पहले दिन 1 करोड़ 65 लाख लोगों ने स्नान किया। पहले दो दिन के आंकड़े सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट के जरिए बताए। इसके बाद हर दिन मेला प्रशासन आंकड़े जारी करता है। कुंभ में आए लोगों की गिनती कैसे होती है? प्रशासन किस टेक्नोलॉजी के जरिए गिनती करता है। दैनिक भास्कर की टीम ने अधिकारियों-एक्सपर्ट से बात कर यह जानने की कोशिश की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… 2 दिन में 5 करोड़ 15 लाख ने किया स्नान
13 जनवरी से प्रयागराज महाकुंभ की शुरुआत हुई। पहले दिन पौष पूर्णिमा थी, मेले में अच्छी-खासी भीड़ दिखी। शाम को आंकड़ा आया कि पूरे दिन में 1 करोड़ 65 लाख लोगों ने स्नान किया। 14 जनवरी को मकर संक्रांति थी, यानी पहला अमृत स्नान। 13 जनवरी की रात से ही श्रद्धालुओं की भीड़ संगम जाने वाले हर रास्ते पर दिखने लगी। भोर के 3 बजे से ही संगम के सारे घाट फुल हो गए। पूरे दिन यही क्रम चला। जितने लोग घाट से निकलते गए, उससे ज्यादा लोग आते गए। सुबह के 11 बजकर 9 मिनट पर सीएम योगी के एक्स अकाउंट से पोस्ट करके बताया गया कि अब तक एक करोड़ 38 लाख लोगों ने स्नान कर लिया है। शाम साढ़े 5 बजे सीएम योगी के अकाउंट से कुंभ से जुड़ा एक और पोस्ट आया। उसमें बताया गया कि आज साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं और संतों ने कुंभ में स्नान किया। श्रद्धालुओं का यही आंकड़ा हर किसी ने ऑफिशियल माना। 23 जनवरी को कुंभ में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 10 करोड़ पहुंच गई। हर दिन 10 लाख कल्पवासियों को भी जोड़ा जा रहा है। पहली बार बैरिकेड्स लगाकर गिनती की गई थी
हम मौजूदा वक्त की गिनती कैसे की जा रही है, इसके बारे में जानेंगे। लेकिन, पहले यह जानते हैं कि कुंभ में श्रद्धालुओं की गिनती की शुरुआत कब से हुई? मिले रिकॉर्ड के मुताबिक, कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की पहली बार गिनती अंग्रेजों ने 1882 में की थी। उस वक्त प्रयागराज कुंभ में आने वाली हर सड़क पर बैरिकेड्स लगा दिए जाते थे। फिर हर आने वाले की गिनती होती थी। रेलवे स्टेशन के टिकट को भी जोड़ा जाता था। उस कुंभ में करीब 10 लाख लोग शामिल हुए थे। इसके बाद यह संख्या हर कुंभ में बढ़ती चली गई। लेकिन, गिनती का तरीका यही रहा। जानिए इस बार कैसे हो रही गिनती
2025 का कुंभ हाईटेक हो गया है। दिव्य-भव्य के साथ डिजिटल शब्द जुड़ गया है। डिजिटल कैमरों के जरिए गिनती करना थोड़ा-सा आसान हुआ है। यूपी सरकार ने इस साल पूरे शहर में 2700 कैमरे लगाए हैं। इनमें 1800 कैमरे मेला क्षेत्र में लगे हैं। 1100 परमानेंट और बाकी के 700 टेंपरेरी कैमरे हैं। 270 से ज्यादा कैमरे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस हैं। इन कैमरों की रेंज में जैसे ही कोई व्यक्ति आता है, उसकी गिनती हो जाती है। ये स्टेशन, मेला क्षेत्र के एंट्री पॉइंट, संगम एरिया और अखाड़ों के साइड में लगाए गए हैं। AI बेस्ड कैमरे मिनट दर मिनट आंकड़े अपडेट करते हैं। क्राउड मैनेजमेंट आसान हो गया
कुंभ मेला एसएसपी राजेश द्विवेदी कहते हैं- कैमरों से भीड़ मैनेज की जा रही है, साथ ही सुरक्षा में भी इनका अहम रोल है। इनमें नंबर प्लेट रिकग्निशन के साथ फेस रिकग्निशन भी है। इसके जरिए हार्ड कोर क्रिमिनल की पहचान की जा सकती है। किसी पार्किंग की कैपेसिटी अगर 2 हजार गाड़ियों की है, तो 1800 होने पर कंट्रोल रूम में अलार्म बज जाएगा। इसके बाद भीड़ का मूवमेंट बदल दिया जाएगा। अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी कहते हैं- इन कैमरों से क्राउड एनालिटिक्स और भीड़ का नियंत्रण अच्छे से कर सकते हैं। कहीं भी अधिक भीड़ होगी तो अलर्ट जनरेट हो जाएगा। इसके बाद हम उसे मैनेज कर लेते हैं। कुंभ मेला एसएसपी और मेला अधिकारी की मानें, तो AI कैमरे भीड़ की गिनती करने में इस बार अहम भूमिका निभा रहे हैं। IPS बोले- कोई भी तरीका 100% एरर फ्री नहीं
हम और अधिक जानकारी के लिए कुंभ मेला प्राधिकरण पहुंचे। यहां पुलिस ने कुंभ कंट्रोल रूम बनाया है। सारे सीसीटीवी का एक्सेस यहां है। हम अंदर पहुंचे तो देखा कि चारों तरफ कैमरे चल रहे हैं। बीच में AI के जरिए जो काउंटिंग हो रही, उसका विजुअल चल रहा है। इसकी निगरानी IPS अमित कुमार कर रहे हैं। हमने क्राउड काउंटिंग के तरीकों के बारे में पूछा। अमित कुमार बताते हैं- हम कुल तीन तरह से गिनती करते हैं। पहला- मेला क्षेत्र में कितने लोग मौजूद हैं? दूसरा- कितने लोग चल रहे? तीसरा- कितने लोग स्नान कर रहे? जो व्यक्ति मेले में मौजूद है, वह दिन में एक बार काउंट होगा। लेकिन, अगर वही अगले दिन फिर आता है तो वह दोबारा भी काउंट होगा। अमित कहते हैं- पहली बार AI के जरिए गिनती कर रहे। यह एक इमर्जिंग टेक्नोलॉजी है, पहली बार इतने बड़े स्तर पर इसका प्रयोग हो रहा है। करीब सवा 2 सौ AI कैमरे लगे हैं। जो भी इसकी रेंज में आता है, उसकी गिनती होती है। हमने मेला क्षेत्र में और मेला क्षेत्र में पहुंचने वाले रास्तों पर इन्हें लगाया है। इसके अलावा हम पुराने तरीके से भी गिनती कर रहे हैं, वह गणित के एक फॉर्मूले के आधार पर होता है। हालांकि कोई भी तरीका किसी भी जगह 100% एरर फ्री नहीं होता। 2013 में कैसे हुई थी गिनती?
अमित कुमार ने गिनती के लिए गणित के जिस सांख्यिकीय फॉर्मूले (statistical formula) को बताया, उसी के जरिए 2013 में गिनती हुई थी। इस विधि के अनुसार यह माना जाता है कि एक व्यक्ति नहाने के लिए 0.25 मीटर की जगह लेगा। उसे घाट पर नहाने में कम से कम 15 मिनट का वक्त लगेगा। इसे अगर आधार बनाएं तो एक घंटे में एक घाट पर नहाने वाले लोगों की संख्या करीब 15 हजार होगी। इस बार कुल 44 घाट बनाए गए हैं। सभी पर अगर यही आंकड़ा जोड़ें तो कुल बताई गई संख्या से बहुत कम निकलेगा। गिनती का एक तरीका शहर में प्रवेश करने वाली भीड़ से जुड़ा है। जैसे प्रयागराज शहर में प्रवेश करने के कुल 7 प्रमुख रास्ते हैं। प्रमुख स्नान पर्व पर गाड़ियों को रोका जाता है। उस दिन शहर के अंदर प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति को यह माना जाता है कि वह महाकुंभ में शामिल होने आया है। यही भीड़ मेला क्षेत्र में कुल 12 रास्तों से पहुंचती है। वहां भी क्षेत्रफल, घनत्व को मानक बनाकर एक मीटर में प्रति घंटे गुजरती भीड़ को आधार मानकर गिनती होती है। बाहर से आने वाले लोगों की संख्या के बाद ट्रेन से आने वाले लोगों की संख्या जोड़ी जाती है। मेले के लिए बनाई गई पार्किंग में खड़ी गाड़ियों को जोड़ा जाता है। मेला क्षेत्र में पहले से मौजूद साधु-संत और कल्पवासियों को भी सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले आंकड़े में शामिल किया जाता है। हालांकि जो लोग शहर के ही होते हैं और गलियों के जरिए मेला क्षेत्र के घाटों तक पहुंचते हैं, उनकी गिनती नहीं हो पाती। वह अनुमानित संख्या में चले जाते हैं। एक्सपर्ट बोलीं- कोई भी मॉडल नहीं बना जो 100% सही आंकड़े दे
AI से गिनती कैसे होती है, इसे लेकर हमने बीबीडी यूनिवर्सिटी में AI पढ़ाने वाली एक्सपर्ट लवी शर्मा से बात की। वह कहती हैं- AI कैमरे कई फैक्टर्स पर काम करते हैं। मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बेस्ड होते हैं। 3-4 फैक्टर्स पर इनके सही आंकड़े निकाले जा सकते हैं। ये कैमरे फेस रिकग्निशन के जरिए आंकड़े देते हैं। इसे ऐसे समझिए- जितने भी लोग कैमरे के फ्रेम में आ रहे, सब काउंट हो रहे हैं। हां यह कन्फर्म नहीं कह सकते कि जो तरीका बनाया गया है, वह एकदम परफेक्ट हो। लवी से हमने पूछा-क्या जो व्यक्ति एक कैमरे में आ गया, वह दूसरे में आएगा तो गिनती नहीं होगी? वह कहती हैं, ऐसा संभव नहीं है। वह यूनिकली यानी आधार कार्ड जैसा काउंट नहीं हो रहा, वह नंबर में काउंट हो रहा। लवी से हमने पूछा कि जितने भी कैमरे लगे हैं, सबके आंकड़े मिलाकर क्या एक नंबर निकाला जा सकता है? वह कहती हैं- हां, अगर हर जगह के कैमरे के आंकड़े दिख रहे तो समझा जा सकता है। लेकिन, अगर कैमरे अलग-अलग जगह से एक्सेस हो रहे तो आंकड़े गलत होने की संभावना है। अब तक ऐसा कोई भी मॉडल नहीं बना जो 100% सही आंकड़े दे सके। ‘गिनती के लिए किसी के पास कोई मैकेनिज्म नहीं’
1989 से लगातार प्रयागराज कुंभ को कवर कर रहे एसके यादव से हमने बात की। एसके यादव इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज के सीनियर फैकल्टी हैं। वह कहते हैं, सरकार जो आंकड़े देती है वही अब मीडिया में छपता है। पहले मीडिया भी अपने आधार पर आई भीड़ का आकलन करती थी। हालांकि न तो सरकार के पास और न ही मीडिया के पास कोई ऐसा मैकेनिज्म है, जिससे परफेक्ट गिनती निकाली जा सके। गिनती के लिए यह भी देखा जाना चाहिए कि कितनी स्पेशल ट्रेन चलीं, कितनी बसें चलीं? क्या यह संभव है कि एक करोड़ लोग ट्रेन और बस से आएं? इसके लिए तो कई हजार ट्रेन और बस की जरूरत पड़ेगी, लेकिन इतना ट्रांसपोर्ट नहीं चल रहा। एसके यादव आगे कहते हैं- दावा किया जा रहा कि मौनी अमावस्या पर 8 से 10 करोड़ लोग आएंगे। यह सही है कि मौनी अमावस्या पर सबसे अधिक भीड़ होती है। लेकिन 8 से 10 करोड़ लोगों के आने-जाने की व्यवस्था क्या है? क्या शहर इतना बड़ा है कि 24 घंटे के अंदर इतने लोग एक साथ समा सकते हैं? ऐसा हमें नहीं लगता, लेकिन अब मीडिया को जो आंकड़ा दिया जाएगा, वह छापा जाएगा। AI कैमरे की विश्वसनीयता परखने के लिए भी कोई तटस्थ एजेंसी नहीं है। ————————- ये खबर भी पढ़ें… मोनालिसा की ‘सुंदर आंखें’ मुसीबत बनीं, हठयोगी से पिटे यूट्यूबर्स, ममता कुलकर्णी का साध्वी रूप; महाकुंभ में जिन पर ज्यादा फोकस रहे कैमरे महाकुंभ में साधु-संन्यासियों का जमावड़ा लगा है। 13 जनवरी को पौष पूर्णिया से शुरू हुए इस मेले में देश-विदेश से श्रद्धालु आ रहे हैं। अब तक करीब 12 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। 40 करोड़ से ज्यादा के आने की उम्मीद है। इन 14 दिनाें में कुछ चेहरे चर्चा में बने रहे। पढ़ें पूरी खबर…

भाजपाइयों ने मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला:छह पूर्व जिलाध्यक्षों ने प्रदेश अध्यक्ष को लिखा पत्र, कहा- संगठन को कैप्चर कर लिया

भाजपाइयों ने मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला:छह पूर्व जिलाध्यक्षों ने प्रदेश अध्यक्ष को लिखा पत्र, कहा- संगठन को कैप्चर कर लिया रायबरेली में भाजपाइयों ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए योगी सरकार के उद्यान राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी के छह पूर्व जिलाध्यक्षों ने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह को पत्र लिखकर रायबरेली में पार्टी को दिनेश प्रताप के चंगुल से बाहर निकालने की मांग की है। रायबरेली में भाजपा के जिलाध्यक्ष को लेकर मशक्कत चल रही है। मंत्री दिनेश प्रताप सिंह मौजूदा जिलाध्यक्ष बुद्धिलाल पासी को ही पुन: जिलाध्यक्ष बनाना चाहते हैं। बुद्धिलाल पासी 70 से अधिक वर्ष की आयु के हैं, जबकि पार्टी ने जिलाध्यक्ष के लिए अधिकतम आयुसीमा 60 वर्ष निर्धारित की है। मंत्री दिनेश प्रताप बुद्धिलाल की जगह भी अपने ही खेमे के किसी कार्यकर्ता को जिलाध्यक्ष बनाना चाहते हैं जो पूर्व में उनके साथ कांग्रेस में रहा है। वहीं, रायबरेली में पार्टी के कैडर के लोग इस मुद्दे पर मंत्री के खिलाफ हो गए हैं। रायबरेली में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सुशील शर्मा, आरपी सिंह, अजय त्रिपाठी, रामदेव पाल, दिलीप यादव और पशुपतिनाथ बाजपेयी ने प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री संगठन को पत्र लिखा है। पत्र में आरोप लगाया है कि दिनेश प्रताप सिंह ने संगठन को पूरी तरह कैप्चर कर लिया है। इससे पार्टी के मूल कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है। उनका कहना है कि आम जनमानस दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ है। लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को इससे अवगत कराया गया था कि जनता और कार्यकर्ता दिनेश प्रताप के खिलाफ है। यदि उन्हें मौका दिया गया तो भाजपा की हार होगी। उन्होंने पत्र में लिखा है कि पार्टी ने कार्यकर्ताओं की भावना के खिलाफ उन्हें टिकट दिया तो परिणाम सामने हैं कि भाजपा रायबरेली सीट हार गए। पूर्व जिलाध्यक्षों ने भाजपा कैडर के ही किसी कार्यकर्ता को जिलाध्यक्ष बनाने की मांग की है। मंत्री ने संगठन को कैप्चर किया
रामदेव पाल ने भास्कर से बातचीत में कहा कि दिनेश प्रताप सिंह ने रायबरेली में संगठन को कैप्चर कर लिया है। पूरा संगठन वही चला रहे हैं, इससे पार्टी के मूल कार्यकर्ता नाराज है। प्रदेश नेतृत्व को इससे अवगत कराया है ताकि कैडर का कार्यकर्ता ही जिलाध्यक्ष बने। कार्यकर्ता नहीं चाहते बुद्धिलाल अध्यक्ष बने
पूर्व जिलाध्यक्ष पशुपतिनाथ बाजपेयी ने भास्कर से बातचीत में कहा कि सभी छह पूर्व जिलाध्यक्षों ने पत्र पर साइन किए हैं। पूर्व जिलाध्यक्षों के साथ पार्टी के कार्यकर्ता भी नहीं चाहते कि दिनेश प्रताप के करीबी या बुद्धिलाल अध्यक्ष बने। पार्टी नेतृत्व से संगठन के ही किसी कार्यकर्ता को जिलाध्यक्ष बनाने की मांग की है। मंत्री की मर्जी से बने मंडल अध्यक्ष
रायबरेली में भाजपा के मंडल अध्यक्ष भी मंत्री दिनेश प्रताप सिंह की मर्जी से ही बनाए गए हैं। मंडल अध्यक्ष के चुनाव में भी स्थानीय अन्य विधायकों या पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं दी गई। केंद्रीय नेतृत्व के करीबी हैं दिनेश प्रताप
सूत्रों के मुताबिक मंत्री दिनेश प्रताप सिंह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा के करीबी हैं। केंद्रीय नेतृत्व के दबाव में ही उन्हें 2019 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद 2022 में यूपी में मंत्री बनाया गया। 2024 में भी रायबरेली से टिकट दिया गया, जिसमें वह राहुल गांधी के हाथों बुरी तरह परास्त हुए।

गर्भस्थ की मौत के मामले में डॉक्टर दोषी:लखनऊ के दुबग्गा में डॉक्टर ने कराया था प्रसव,स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच रिपॉर्ट सौपीं

गर्भस्थ की मौत के मामले में डॉक्टर दोषी:लखनऊ के दुबग्गा में डॉक्टर ने कराया था प्रसव,स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच रिपॉर्ट सौपीं लखनऊ के दुबग्गा में महिला डॉक्टर की क्लीनिक में प्रसव के दौरान गर्भस्थ की मौत और प्रसूता की बच्चेदानी फटने के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। विभाग ने डॉक्टर को दोषी माना है। मलिहाबाद के भागेलामऊ निवासी पवन कुमार मौर्या मूल रूप से उन्नाव हसनगंज के मुंशीखेड़ा के रहने वाले हैं। पवन का आरोप है कि गर्भवती पत्नी पूजा का इलाज दुबग्गा जेहटा रोड स्थित लक्ष्मी पॉली क्लीनिक की डॉ.सुमन से चल रहा था। ये था पूरा मामला आरोप था कि 8 नवंबर को वह पूजा को क्लीनिक पर ले गए तो डॉ.सुमन ने सामान्य प्रसव कराने का झांसा देते हुए 50 हजार रुपये मांगे। 28 नवंबर को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन क्लीनिक ले आए। पवन का आरोप है कि महिला डॉक्टर की क्लीनिक में OT की सुविधा नहीं थी। फिर भी प्रसव कराने का फैसला किया। वह काफी देर तक पूजा का पेट दबाती रही। इससे पेट में बच्चा मर गया। खून निकलने लगा तो महिला डॉक्टर और परिजन घबरा गए। डॉक्टर से विरोध जताने पर उन्होंने अभद्रता करते हुए धमकाया। हालत नाजुक देखकर दूसरे निजी अस्पताल ले गए। मृत शिशु को सर्जरी कर निकाला दूसरे अस्पताल में डॉक्टरों ने ऑपरेशन करके गर्भ में मृत नवजात को निकाला। पवन के मुताबिक शिकायत लेकर वह दुबग्गा थाने गए तो पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज या सुनवाई करने के बजाय भगा दिया। कमिश्नर से गुहार लगाई तो दुबग्गा थाने में आरोपित डॉक्टर के खिलाफ FIR दर्ज हुई। पवन ने सीएमओ कार्यालय में भी शिकायत की थी। कार्यालय ने महिला डॉक्टर से संपर्क किया तो वह अपनी डिग्री के साक्ष्य नहीं दे सकी हैं। स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम ने महिला डॉक्टर को दोषी मानते हुए अपनी रिपोर्ट थाने भेज दी है।

यूपी मदरसा बोर्ड की परीक्षा का टाइम-टेबल जारी:17 से 22 फरवरी के बीच होगी परीक्षा, सीसीटीवी के जरिए रखी जाएगी नजर

यूपी मदरसा बोर्ड की परीक्षा का टाइम-टेबल जारी:17 से 22 फरवरी के बीच होगी परीक्षा, सीसीटीवी के जरिए रखी जाएगी नजर उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड ने परीक्षा तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। सोमवार को बोर्ड द्वारा परीक्षा टाइम-टेबल की घोषणा की गई । जारी किए गए टाइम टेबल के अनुसार 17 फरवरी से 22 फरवरी के बीच में परीक्षा होगी। मदरसा शिक्षा परिषद ने वर्ष 2025 में होने वाले मुंशी (सेकेण्डरी फारसी), मौलवी (सेकेण्डरी अरबी) और आलिम (सीनियर सेकेंडरी अरबी/फारसी) की परीक्षाओं के लिए ये समय सारिणी जारी किया है। मदरसा बोर्ड की ओर से जारी किए गए टाइम टेबल के अनुसार परीक्षाएं दो पालियों में आयोजित की जाएंगी। प्रथम पाली में सुबह 8:00 बजे से 11:00 बजे तक परीक्षा होगी। जबकि दूसरी पाली में दोपहर 2:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक परीक्षा चलेगी । शुक्रवार को एक ही पाली में परीक्षा होगी। ऑनलाइन एडमिट कार्ड मिलेगा परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड निर्धारित समय से मदरसा बोर्ड के पोर्टल पर अपलोड कर दिए जाएंगे। जिसे छात्र-छात्राएं ऑनलाइन हासिल कर सकेंगे। परीक्षा की सफल आयोजन के लिए मदरसा बोर्ड की ओर से सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं । परीक्षार्थियों को किसी प्रकार की समस्या ना हो इसके लिए सभी तैयारियां समय से पूरी करने की बात कही गई। परीक्षा केंद्रों की ऑनलाइन निगरानी होगी परीक्षा की सुरक्षा सख्त और पारदर्शी बनाने के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है । सभी सेंटर्स की सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी की जाएगी। परीक्षा केंद्रों को स्थापित करने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। मदरसा बोर्ड के आला अधिकारी सभी केंद्रों का लखनऊ से ऑनलाइन निगरानी करेंगे।