यूपी के IPS दलजीत चौधरी गृहमंत्री अमित शाह से मिले:DGP प्रशांत कुमार आज रिटायर; कार्यकाल बढ़ेगा या चौधरी को मिलेगी कमान?

यूपी के IPS दलजीत चौधरी गृहमंत्री अमित शाह से मिले:DGP प्रशांत कुमार आज रिटायर; कार्यकाल बढ़ेगा या चौधरी को मिलेगी कमान?

यूपी DGP प्रशांत कुमार आज (31 मई 2025) रिटायर हो रहे हैं। इससे पहले नए DGP को लेकर शासन स्तर पर मंथन शुरू हो गया है। सीएम योगी की अफसरों के साथ मीटिंग हुई। नए DGP, DG टेलीकॉम और DG जेल की पोस्टिंग पर मंथन हुआ है। इस बीच 1990 बैच के IPS दलजीत चौधरी ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। अब इस मुलाकात के मायने निकाले जा रहे हैं। दलजीत चौधरी मौजूदा समय में BSF में DG हैं और अमित शाह के सबसे करीबी अफसरों में शुमार होते हैं। दलजीत यूपी कॉडर के IPS और अखिलेश सरकार में लंबे समय तक बतौर ADG कानून व्यवस्था काम कर चुके हैं। हालांकि प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार मिलने की भी चर्चा है। अभी आधिकारिक तौर पर ऐलान नहीं किया गया है। सभी की निगाहें दिल्ली की ओर हैं। वहीं से मंजूरी मिलने के बाद सेवा विस्तार पर मुहर लगेगी। अगर ऐसा हुआ तो यूपी के इतिहास में पहली बार होगा कि किसी कार्यवाहक DGP को सेवा विस्तार मिलेगा। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, मुख्य सचिव की ओर से डीजीपी के सेवा विस्तार के लिए पत्रावली केंद्र सरकार को भेजी गई है। इस पर केंद्र सरकार को फैसला करना है। क्यों मिला सकता है सेवा विस्तार?
मुख्यमंत्री को फिलहाल प्रशांत कुमार का कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा था, इसलिए वे भी चाहते थे कि प्रशांत कुमार को कम से कम 3 से 6 महीने और काम करने का मौका मिले। लेकिन बिना केंद्र की सहमति के ये मुमकिन नहीं हो सकता, क्योंकि अखिल भारतीय सेवा के अफसरों को सेवा विस्तार बिना केंद्र की अनुमति के नहीं मिल सकता। इसलिए डीजीपी के सेवा विस्तार की संभावना है
29 मई को डीजीपी मुख्यालय पर इस विदाई समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें रिटायर हो रहे डीजी रैंक के अफसर पीवी रामाशास्त्री और संजय एम तरडे को तो विदाई दी गई, लेकिन डीजीपी के विदाई का कोई जिक्र नहीं हुआ। हालांकि डीजीपी ने इस विदाई समारोह में खुद कहा कि जब इस कार्यक्रम का होस्ट मैं खुद ही हूं तो मैं खुद को विदाई कैसे दे सकता हूं? उन्होंने यह भी कहा कि इसे लेकर तरह–तरह की चर्चाएं हो रही हैं जो निराधार हैं। उनका इशारा सेवा विस्तार की ओर था। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन की वजह से नहीं बन पाए स्थायी डीजीपी
प्रशांत कुमार के स्थायी डीजीपी नहीं बन पाने की वजह सुप्रीम कोर्ट का वह निर्णय है, जिसमें यूपीएससी यानी संघ लोक सेवा आयोग के माध्यम से राज्यों के डीजीपी की नियुक्ति का प्राविधान है। इसके तहत 30 साल की सेवा पूरी कर चुके अफसरों की डिटेल यूपीएससी को भेजी जाती है। यूपीएससी उन्हीं में से बेदाग तीन अफसरों के नाम का पैनल राज्य सरकार को भेज देता है, राज्य सरकार को इन्हीं अधिकारियों में से किसी एक को डीजीपी बनाना होता है। आम तौर पर वरिष्ठता के क्रम में तीन अफसरों के नाम राज्य को भेजे जाते हैं, जिनमें से किसी एक को डीजीपी बनाए जाने की बाध्यता होती है। हितेश चंद्र अवस्थी के रिटायरमेंट के समय यूपीएससी के माध्यम से मुकल गोयल की नियुक्ति डीजीपी के पद पर हुई थी, जिन्हें राज्य सरकार ने बीच में ही हटा दिया था। बिहार के रहने वाले हैं प्रशांत कुमार
उनका जन्म बिहार के सीवान में हुआ था। IPS अफसर बनने से पहले प्रशांत कुमार ने MSc, MPhil और MBA भी किया था। बतौर IPS प्रशांत कुमार का जब चयन हुआ था, तो उन्हें तमिलनाडु कैडर मिला था। हालांकि, 1994 में यूपी कैडर की IAS डिंपल वर्मा से उन्होंने शादी की। इसके बाद प्रशांत कुमार ने यूपी कैडर में ट्रांसफर ले लिया। ——————– यह खबर भी पढ़िए… कानपुर में मोदी बोले-दुश्मन कहीं भी हो, खत्म कर देंगे:पाकिस्तानी सेना गिड़गिड़ा रही थी, बेटियों के सिंदूर का आक्रोश दुनिया ने देखा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कानपुर में जनसभा की। 45 मिनट के भाषण में उन्होंने आतंक को लेकर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। कहा, ‘बेटियों के सिंदूर का आक्रोश दुनिया ने देखा। हमारी सेना ने ऐसा पराक्रम दिखाया कि पाकिस्तानी सेना को गिड़गिड़ा कर युद्ध रोकने की मांग करने पर मजबूर होना पड़ा।’ ‘अगर मैं कनपुरिया अंदाज में कहूं तो- दुश्मन कहीं भी हो, हौंक दिया जाएगा। हमारे भारतीय हथियारों ने और ब्रह्मोस मिसाइल ने दुश्मन के घर में घुसकर तबाही मचाई है। आतंकियों के ठिकानों को सैकड़ों मील अंदर जाकर तबाह किए।’ इससे पहले, मोदी ने कानपुर एयरपोर्ट पर शुभम द्विवेदी के परिवार से मुलाकात की। मोदी ने शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशन्या, मां सीमा और पिता संजय द्विवेदी से मुलाकात की। शुभम के चाचा मनोज द्विवेदी ने बताया कि पीएम परिवार से मिलकर भावुक हो गए। पढ़ें पूरी खबर… यूपी DGP प्रशांत कुमार आज (31 मई 2025) रिटायर हो रहे हैं। इससे पहले नए DGP को लेकर शासन स्तर पर मंथन शुरू हो गया है। सीएम योगी की अफसरों के साथ मीटिंग हुई। नए DGP, DG टेलीकॉम और DG जेल की पोस्टिंग पर मंथन हुआ है। इस बीच 1990 बैच के IPS दलजीत चौधरी ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। अब इस मुलाकात के मायने निकाले जा रहे हैं। दलजीत चौधरी मौजूदा समय में BSF में DG हैं और अमित शाह के सबसे करीबी अफसरों में शुमार होते हैं। दलजीत यूपी कॉडर के IPS और अखिलेश सरकार में लंबे समय तक बतौर ADG कानून व्यवस्था काम कर चुके हैं। हालांकि प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार मिलने की भी चर्चा है। अभी आधिकारिक तौर पर ऐलान नहीं किया गया है। सभी की निगाहें दिल्ली की ओर हैं। वहीं से मंजूरी मिलने के बाद सेवा विस्तार पर मुहर लगेगी। अगर ऐसा हुआ तो यूपी के इतिहास में पहली बार होगा कि किसी कार्यवाहक DGP को सेवा विस्तार मिलेगा। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, मुख्य सचिव की ओर से डीजीपी के सेवा विस्तार के लिए पत्रावली केंद्र सरकार को भेजी गई है। इस पर केंद्र सरकार को फैसला करना है। क्यों मिला सकता है सेवा विस्तार?
मुख्यमंत्री को फिलहाल प्रशांत कुमार का कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा था, इसलिए वे भी चाहते थे कि प्रशांत कुमार को कम से कम 3 से 6 महीने और काम करने का मौका मिले। लेकिन बिना केंद्र की सहमति के ये मुमकिन नहीं हो सकता, क्योंकि अखिल भारतीय सेवा के अफसरों को सेवा विस्तार बिना केंद्र की अनुमति के नहीं मिल सकता। इसलिए डीजीपी के सेवा विस्तार की संभावना है
29 मई को डीजीपी मुख्यालय पर इस विदाई समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें रिटायर हो रहे डीजी रैंक के अफसर पीवी रामाशास्त्री और संजय एम तरडे को तो विदाई दी गई, लेकिन डीजीपी के विदाई का कोई जिक्र नहीं हुआ। हालांकि डीजीपी ने इस विदाई समारोह में खुद कहा कि जब इस कार्यक्रम का होस्ट मैं खुद ही हूं तो मैं खुद को विदाई कैसे दे सकता हूं? उन्होंने यह भी कहा कि इसे लेकर तरह–तरह की चर्चाएं हो रही हैं जो निराधार हैं। उनका इशारा सेवा विस्तार की ओर था। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन की वजह से नहीं बन पाए स्थायी डीजीपी
प्रशांत कुमार के स्थायी डीजीपी नहीं बन पाने की वजह सुप्रीम कोर्ट का वह निर्णय है, जिसमें यूपीएससी यानी संघ लोक सेवा आयोग के माध्यम से राज्यों के डीजीपी की नियुक्ति का प्राविधान है। इसके तहत 30 साल की सेवा पूरी कर चुके अफसरों की डिटेल यूपीएससी को भेजी जाती है। यूपीएससी उन्हीं में से बेदाग तीन अफसरों के नाम का पैनल राज्य सरकार को भेज देता है, राज्य सरकार को इन्हीं अधिकारियों में से किसी एक को डीजीपी बनाना होता है। आम तौर पर वरिष्ठता के क्रम में तीन अफसरों के नाम राज्य को भेजे जाते हैं, जिनमें से किसी एक को डीजीपी बनाए जाने की बाध्यता होती है। हितेश चंद्र अवस्थी के रिटायरमेंट के समय यूपीएससी के माध्यम से मुकल गोयल की नियुक्ति डीजीपी के पद पर हुई थी, जिन्हें राज्य सरकार ने बीच में ही हटा दिया था। बिहार के रहने वाले हैं प्रशांत कुमार
उनका जन्म बिहार के सीवान में हुआ था। IPS अफसर बनने से पहले प्रशांत कुमार ने MSc, MPhil और MBA भी किया था। बतौर IPS प्रशांत कुमार का जब चयन हुआ था, तो उन्हें तमिलनाडु कैडर मिला था। हालांकि, 1994 में यूपी कैडर की IAS डिंपल वर्मा से उन्होंने शादी की। इसके बाद प्रशांत कुमार ने यूपी कैडर में ट्रांसफर ले लिया। ——————– यह खबर भी पढ़िए… कानपुर में मोदी बोले-दुश्मन कहीं भी हो, खत्म कर देंगे:पाकिस्तानी सेना गिड़गिड़ा रही थी, बेटियों के सिंदूर का आक्रोश दुनिया ने देखा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कानपुर में जनसभा की। 45 मिनट के भाषण में उन्होंने आतंक को लेकर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। कहा, ‘बेटियों के सिंदूर का आक्रोश दुनिया ने देखा। हमारी सेना ने ऐसा पराक्रम दिखाया कि पाकिस्तानी सेना को गिड़गिड़ा कर युद्ध रोकने की मांग करने पर मजबूर होना पड़ा।’ ‘अगर मैं कनपुरिया अंदाज में कहूं तो- दुश्मन कहीं भी हो, हौंक दिया जाएगा। हमारे भारतीय हथियारों ने और ब्रह्मोस मिसाइल ने दुश्मन के घर में घुसकर तबाही मचाई है। आतंकियों के ठिकानों को सैकड़ों मील अंदर जाकर तबाह किए।’ इससे पहले, मोदी ने कानपुर एयरपोर्ट पर शुभम द्विवेदी के परिवार से मुलाकात की। मोदी ने शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशन्या, मां सीमा और पिता संजय द्विवेदी से मुलाकात की। शुभम के चाचा मनोज द्विवेदी ने बताया कि पीएम परिवार से मिलकर भावुक हो गए। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर