बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट बोला-अफसर जज नहीं बन सकते:प्रॉपर्टी तोड़ने से पहले 15 दिन का नोटिस, अफसर दोषी हुआ तो निर्माण कराएगा, मुआवजा देगा

बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट बोला-अफसर जज नहीं बन सकते:प्रॉपर्टी तोड़ने से पहले 15 दिन का नोटिस, अफसर दोषी हुआ तो निर्माण कराएगा, मुआवजा देगा “घर सबका सपना होता है, ये बरसों का संघर्ष है और सम्मान की निशानी। अगर घर गिराया जाता है तो अधिकारी को साबित करना होगा कि यही आखिरी रास्ता था। अफसर खुद जज नहीं बन सकते।” बुलडोजर एक्शन पर फैसला सुनाते वक्त सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यह कमेंट किया। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने बुलडोजर एक्शन पर पूरे देश के लिए 15 गाइडलाइन जारी कीं। अदालत ने कहा कि अगर घर गिराने का फैसला ले लिया गया है तो 15 दिन का समय दिया जाए। घर गिराने की कार्रवाई की वीडियोग्राफी जरूरी है। अगर कोई अफसर गाइडलाइन का उल्लंघन करता है तो वो अपने खर्च पर दोबारा प्रॉपर्टी का निर्माण कराएगा और मुआवजा भी देगा। अपना घर हो, अपना आंगन हो, इस ख्वाब में हर कोई जीता है। इंसान के दिल की ये चाहत है कि एक घर का सपना कभी न छूटे। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में लगातार बुलडोजर एक्शन के बाद जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। आरोप लगाया था कि BJP शासित राज्यों में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और बुलडोजर एक्शन लिया जा रहा है। केंद्र सरकार ने दलील दी थी कि कोर्ट अपने फैसले से हमारे हाथ ना बांधे। किसी की भी प्रॉपर्टी इसलिए नहीं गिराई गई है, क्योंकि उसने अपराध किया है। आरोपी के अवैध अतिक्रमण पर कानून के तहत एक्शन लिया गया है। बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट के 4 फाइनल कमेंट 1. हर आदमी का सपना एक घर, क्या छीन सकते हैं
जस्टिस बीआर गवई बोले, “एक आदमी हमेशा सपना देखता है कि उसका आशियाना कभी ना छीना जाए। हर एक का सपना होता है कि घर पर छत हो। क्या अधिकारी ऐसे आदमी की छत ले सकते हैं, जो किसी अपराध में आरोपी हो? आरोपी हो या फिर दोषी हो, क्या उसका घर बिना तय प्रक्रिया का पालन किए गिराया जा सकता है?” 2. अधिकारी जज नहीं, फैसला नहीं कर सकते कौन दोषी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “अगर कोई व्यक्ति सिर्फ आरोपी है, ऐसे में उसकी प्रॉपर्टी को गिरा देना पूरी तरह असंवैधानिक है। अधिकारी यह तय नहीं कर सकते हैं कि कौन दोषी है, वे खुद जज नहीं बन सकते हैं कि कोई दोषी है या नहीं। यह सीमाओं को पार करना हुआ।” 3. गलत नीयत वाले एक्शन पर अफसर को बख्शा ना जाए
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “अगर कोई अधिकारी किसी व्यक्ति का घर गलत तरीके से घर इसलिए गिराता है कि वो आरोपी है, यह गलत है। अधिकारी कानून अपने हाथ में लेता है तो एक्शन लिया जाना चाहिए। मनमाना और एकतरफा एक्शन नहीं ले सकते। अफसर ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए एक सिस्टम हो। अधिकारी को बख्शा नहीं जा सकता है। 4. घर गिराना आखिरी रास्ता, यह साबित करना होगा
जस्टिस गवई ने कहा, “एक घर समाजिक-आर्थिक तानेबाने का मसला है। ये सिर्फ एक घर नहीं होता है, यह बरसों का संघर्ष है, यह सम्माना की भावना देता है। अगर घर गिराया जाता है तो अधिकारी को साबित करना होगा कि यही आखिरी रास्ता था। जब तक कोई दोषी करार नहीं दिया जाता है, तब तक वो निर्दोष है। ऐसे में उसका घर गिराना उसके पूरे परिवार को दंडित करना हुआ।” बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की हर पल की डिटेल जानने के लिए नीचे दिए ब्लॉग से गुजर जाइए… पिछली 2 सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियां 17 सितंबर : केंद्र बोला- हाथ न बांधें, कोर्ट ने कहा- आसमान नहीं फट पड़ेगा
सुप्रीम कोर्ट ने 17 सितंबर को कहा था 1 अक्टूबर तक बुलडोजर एक्शन नहीं होगा। अगली सुनवाई तक देश में एक भी बुलडोजर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। जब केंद्र ने इस ऑर्डर पर सवाल उठाया कि संवैधानिक संस्थाओं के हाथ इस तरह नहीं बांधे जा सकते हैं। तब जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन ने कहा- अगर कार्रवाई दो हफ्ते रोक दी तो आसमान नहीं फट पड़ेगा। पढ़ें पूरी खबर… 12 सितंबर: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- बुलडोजर एक्शन कानूनों पर बुलडोजर
सुप्रीम कोर्ट ने 12 सितंबर को भी कहा था कि बुलडोजर एक्शन देश के कानूनों पर बुलडोजर चलाने जैसा है। मामला जस्टिस ऋषिकेश रॉय, जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच में था। दरअसल, गुजरात में नगरपालिका की तरफ से एक परिवार को बुलडोजर एक्शन की धमकी दी गई थी। याचिका लगाने वाला खेड़ा जिले के कठलाल में एक जमीन का सह-मालिक है। पढ़ें पूरी खबर… 3 राज्यों में हुआ बुलडोजर एक्शन
1. मध्य प्रदेश अगस्त में मध्यप्रदेश के छतरपुर में पुलिस पर पथराव के आरोपी पर एक्शन मध्यप्रदेश के छतरपुर में 21 अगस्त को कोतवाली थाने पर पथराव के 24 घंटे के भीतर सरकार ने यहां 20 हजार स्क्वायर फीट में बनी 20 करोड़ रुपए की तीन मंजिला हवेली को जमींदोज कर दिया था।
2. राजस्थान
अगस्त में राजस्थान के उदयपुर में चाकूबाजी के बाद आरोपी के घर चला बुलडोजर उदयपुर के एक सरकारी स्कूल में 10वीं में पढ़ने वाले एक बच्चे ने दूसरे को चाकू मारकर घायल कर दिया था। इसके बाद पूरे शहर में आगजनी और हिंसक प्रदर्शन हुए। 17 अगस्त को आरोपी छात्र के घर पर बुलडोजर एक्शन हुआ था। इससे पहले सरकार के निर्देश पर वन विभाग ने आरोपी के पिता सलीम शेख को अवैध बस्ती में बने मकान को खाली करने का नोटिस दिया था।
3. उत्तर प्रदेश
मुरादाबाद और बलिया में जून में 2 आरोपियों की 6 संपत्तियां तोड़ीं। मुरादाबाद में विवाहिता के अपहरण की कोशिश करने वाले के घर पर बुलडोजर चला था। आरोपी ने अपहरण का विरोध कर रहे महिला के मां-बाप और भाई को गोली मार दी थी। वहीं, बरेली में रोटी के विवाद में युवक सनी की पीट-पीटकर हत्या करने वाले होटल मालिक जीशान का होटल जमींदोज कर दिया गया। सनी का 26 जून को बर्थडे था। इसी दिन उसकी हत्या की गई। ………….. बुलडोजर एक्शन और सुप्रीम कोर्ट की ये खबरें भी पढ़ें… MP में 2 साल में 12 हजार बार बुलडोजर एक्शन, कमलनाथ ने किया ट्रायल, शिवराज ने स्पीड दी, मोहन भी इसी राह पर क्यों मध्य प्रदेश में बुलडोजर एक्शन की शुरुआत 90 के दशक में हुई थी। उस समय बुलडोजर विकास का प्रतीक था। पूर्व सीएम बाबूलाल गौर ने पटवा सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री रहते हुए अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया था। पूरी खबर पढ़ें… AMU अल्पसंख्यक दर्जे पर नई बेंच फैसला करेगी:सुप्रीम कोर्ट ने 1967 का फैसला पलटा; जिसमें कहा था- यह सेंट्रल यूनिवर्सिटी, माइनॉरिटी इंस्टीट्यूट नहीं अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के अल्पसंख्यक दर्जे पर फैसला अब 3 जजों की नई बेंच करेगी। सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बेंच ने 4:3 के बहुमत से 1967 के अपने ही फैसले को पलट दिया। 8 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई संस्थान सिर्फ इसलिए अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं खो सकता, क्योंकि उसे केंद्रीय कानून के तहत बनाया गया है। पूरी खबर पढ़ें…

हिमाचल में MLA से टकराई लेडी SP पर झूठ फैलाया:थोक में मुस्लिमों को गन लाइसेंस देने के आरोप लगे, जांच में सिर्फ 2 आवेदक निकले

हिमाचल में MLA से टकराई लेडी SP पर झूठ फैलाया:थोक में मुस्लिमों को गन लाइसेंस देने के आरोप लगे, जांच में सिर्फ 2 आवेदक निकले हिमाचल प्रदेश में बद्दी की SP इल्मा अफरोज पर मुसलमानों को थोक में गन लाइसेंस देने के आरोप निराधार पाए गए हैं। एक RTI (राइट टू इन्फॉर्मेशन) में खुलासा हुआ है कि SP ने अपने करीब 9 महीने के कार्यकाल में मुस्लिम आवेदकों के केवल 2 गन लाइसेंस की पुलिस वैरिफिकेशन की है। SP इल्मा अफरोज ने बद्दी में तैनाती के दौरान कुल 50 गन लाइसेंस की पुलिस वैरिफिकेशन कराई है, जिसमें 48 लाइसेंस बहुसंख्यक समुदाय के आवेदकों के रहे। जिन अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित 2 लाइसेंसों की वैरिफिकेशन SP ने करवाई, उसमें एक लाइसेंस पारिवारिक सुरक्षा के लिए था, वहीं दूसरा आत्मरक्षा की दृष्टि से लिया गया है। यह खुलासा मंडी के RTI कार्यकर्ता अरविंद कुमार की ओर से मांगी गई रिपोर्ट में हुआ है। RTI के जवाब में बताया गया है कि गन लाइसेंस देना का निर्णय ADC (अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी) कार्यालय लेता है। SP इल्मा ने ये सभी गन लाइसेंस वैरिफिकेशन के लिए ADC कार्यालय ही भेजे थे। बता दें कि सोशल मीडिया पर SP इल्मा अफरोज पर आरोप लगे थे कि उन्होंने अपने कार्यकाल में थोक में मुसलमानों के गन लाइसेंस बनाए हैं। इसके साथ ही हाल ही में SP और कांग्रेस विधायक रामकुमार चौधरी के बीच टकराव की भी खबरें सामने आई थी। SP का कांग्रेस विधायक से चल रहा टकराव
SP इल्मा अफरोज का कांग्रेस विधायक एवं CPS रामकुमार चौधरी के साथ टकराव चल रहा है। SP ने विधायक की पत्नी कुलदीप कौर की गाड़ियों के बीते दिनों चालान काटे थे। इससे विधायक नाराज हो गए। इसी तरह एक स्क्रैप कारोबारी पर SP शिकंजा कस रही थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बद्दी में एक फायरिंग कांड हुआ, जिसमें स्क्रैप व्यापारी राम किशन की बुलेट प्रूफ गाड़ी पर गोलियां चलाई गई थीं। जांच में पता चला कि राम किशन ने खुद ही गोलियां चलाईं। वह पुलिस से ऑल इंडिया गन लाइसेंस की मांग कर रहा था, लेकिन पिछला रिकॉर्ड देखते हुए SP ने इसे मंजूरी नहीं दी। स्क्रैप कारोबारी नेताओं का काफी करीबी बताया जा रहा है। इस वजह से SP पर दबाव था, लेकिन इल्मा अफरोज झुकी नहीं। CM के साथ मीटिंग को पहुंची थी शिमला
इल्मा अफरोज बीते बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में रखी गई DC-SP की मीटिंग में शामिल होने शिमला पहुंची थीं। यहां उनकी मुलाकात कुछ नेताओं और सीनियर पुलिस अफसरों से हुई। उसी दिन इल्मा अफरोज लौटीं और नेताओं व अफसरों के आगे झुकने के बजाय वह सरकारी आवास खाली कर अपनी मां के साथ लंबी छुट्टी पर चली गईं। विनोद कुमार को सौंपा SP बद्दी का चार्ज
इल्मा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की रहने वाली हैं। उनके जाने के बाद सरकार ने बद्दी का चार्ज हिमाचल पुलिस सेवा के अधिकारी विनोद कुमार को दे दिया। विनोद कुमार को यह चार्ज इल्मा के ड्यूटी पर लौटने तक दिया गया है। विधायक से टकराव की वजह… पत्नी की गाड़ियों के चालान काटे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इल्मा ने 7 जनवरी 2024 को बद्दी की SP का कार्यभार संभाला था। अगस्त 2024 में उनका दून के विधायक रामकुमार चौधरी से टकराव शुरू हुआ। इल्मा ने अवैध खनन के आरोप में विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान काट दिए। इससे विधायक नाराज हो गए। उन्होंने SP पर विधानसभा सत्र के दौरान गंभीर आरोप लगाए। वहीं, SP को विधानसभा के प्रिविलेज मोशन से विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिलाया था। 15 अगस्त के कार्यक्रम में नहीं पहुंची SP
इसके बाद 15 अगस्त के कार्यक्रम में SP इल्मा अफरोज नहीं पहुंची थीं। इससे भी विधायक खासे नाराज हुए। इसके बाद जब प्रदेश के उद्योग मंत्री SP ऑफिस का दौरा करने गए तो विधायक उनके साथ नहीं गए। हाईकोर्ट की वजह से ट्रांसफर नहीं कर पाए
विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान के बाद सरकार SP को ट्रांसफर करने की तैयारी में थी, लेकिन नालागढ़ के यौन शोषण के केस में हाईकोर्ट ने इल्मा को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी और हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट देने तक तबादले पर रोक लगा रखी है। इस मामले में 30 नवंबर को कोर्ट में सुनवाई होनी है। हमारा काम आवेदन की पुलिस वैरिफिकेशन करना: अफरोज
छुट्टी पर चल रहीं SP इल्मा अफरोज ने कहा है कि पुलिस के पास गन लाइसेंस बनाने की अथॉरिटी नहीं है। यह काम जिला प्रशासन का होता है। हमारे पास SDM के माध्यम से जो गन लाइसेंस बनाने के लिए संबंधित आवेदन आते हैं, उनमें हम उम्मीदवार के चरित्र का सत्यापन कर जिलाधीश कार्यालय को भेजे देते हैं। उन्होंने कहा कि गन लाइसेंस देने या न देने में हमारी कोई भूमिका नहीं होती।

भाजपा कार्यालय के सामने सपा नेताओं के खिलाफ विवादित होर्डिंग:लखनऊ में अखिलेश की फ़ोटो लगाकर अल्पसंख्यक नेता ने लिखा- “जीतेंगे तो लूटेंगे”

भाजपा कार्यालय के सामने सपा नेताओं के खिलाफ विवादित होर्डिंग:लखनऊ में अखिलेश की फ़ोटो लगाकर अल्पसंख्यक नेता ने लिखा- “जीतेंगे तो लूटेंगे” लखनऊ में भाजपा कार्यालय के सामने और विधानसभा के पास एक विवादित होर्डिंग लगाई गई है, जिसमें समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं को निशाना बनाया गया है। इस होर्डिंग में भाजपा नेता शम्सी आजाद “जीतेंगे तो लूटेंगे” स्लोगन के साथ सपा नेताओं की तस्वीरें दिखाई गई हैं। इस होर्डिंग को भाजपा नेता शम्सी आजाद द्वारा लगाया गया है, जिसमें सपा नेताओं पर तीखा हमला किया गया है। इसके चलते शहर में राजनीतिक माहौल गरमा गया है, और सपा समर्थकों में इसको लेकर नाराज़गी है। सपा नेताओं ने इसे भाजपा की “नकारात्मक राजनीति” करार दिया है और प्रशासन से इस होर्डिंग को तुरंत हटाने की मांग की है। वहीं, भाजपा नेताओं का कहना है कि यह उनकी पार्टी का जवाब है सपा की नीतियों और उनके नेताओं पर।

मेजर की बारात में जा रही बस ट्राले से टकराई:फतेहपुर में हादसा, महिला-बच्ची समेत तीन की मौत; दुल्हे का भाई गंभीर

मेजर की बारात में जा रही बस ट्राले से टकराई:फतेहपुर में हादसा, महिला-बच्ची समेत तीन की मौत; दुल्हे का भाई गंभीर फतेहपुर में मेजर की शादी में जा रही बारातियों से भरी बस जीटी रोड पर खड़े ट्रोले से टकरा गई। हादसे में महिला और बच्ची समेत तीन लोगों की मौत हो गई है, 6 लोग घायल हो गए हैं। बस प्रयागराज के मुंडेरा स्थित बिसुनापुरी कालोनी से गाजियाबाद जा रही थी। बस में 23 लोग सवार थे। सभी लोग सो रहे थे। आंख खुली तो चारों तरफ चीख-पुकार मची हुई थी। हादसा कल्यानपुर थाना क्षेत्र के मौहार गोविंदपुर मोड़ के पास बुधवार तड़के 3:45 बजे हुआ। प्रयागराज के बिसुनापुरी कालोनी निवासी नरेंद्र सिंह के पुत्र मेजर मंजीत सिंह का गाजियाबाद में आज तिलक समारोह है। 14 नवम्बर को विवाह होगा। इसी शादी में शामिल होने के लिए बाराती बस से गाजियाबाद जा रहे थे। यह लोग रात एक बजे प्रयागराज से निकले थे। मेजर मंजीत सिंह कार से जा रहे थे। पहले हादसे की तस्वीरें परिवार के लोगों ने बताया कि हम लोग रात एक बजे बारात में शामिल होने के लिए बस से निकले। तड़के 3.45 पर कल्यानपुर थाना क्षेत्र स्थित मौहार गोविंदपुर मोड़ के पास जीटी रोड पर खड़े ट्रोले से बस टकरा गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि पूरी बस क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे में मुंडेरा निवासी सरोज सिंह (40) पत्नी रामेश्वर, आदित्य कुमार उर्फ किटटू (8) पुत्र शशिकांत, कुमकुम (12) पुत्री आमोद की मौके पर मौत हो गई। यह सभी दूल्हे के परिवार के हैं। अभी रिश्ते के बारे में पता नहीं लग पाया है। स्थानीय लोगों ने की मदद स्थानीय लोगों ने बताया कि तड़के सड़क के किनारे वाहनों के टकराने की तेज आवाज हुई। हम लोग वहां पहुंचे तो बस पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी। सीटों के नीचे लोग फंसे हुए थे। बचाने के लिए आवाज लगा रहे थे। पुलिस को तुरंत सूचना दी गई। सभी घायलों बाहर निकाला गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया है। विवाह समारोह के पुरोहित ने बताया- सब नींद में थे, अचानक जोरदार हुआ धमाका
घटनास्थल पर आचार्य राजेश पांडेय भी मौजूद थे, जो विवाह समारोह के पुरोहित थे। आचार्य ने बताया- सभी लोग नींद में थे, जब अचानक एक जोरदार धमाका हुआ और हर ओर चीखें मच गईं। देखा तो बस ट्रोले से टकरा गई थी। बस का अगला हिस्सा पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गया था। गंभीर रूप से घायल
घायलों में से कुछ को तत्काल गोपालगंज और बिंदकी के अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जबकि गंभीर रूप से 6 घायल लोगों को जिला अस्पताल रेफर किया गया। वहीं घायलों में दूल्हे का भाई अनूप (30) भी है। जिसकी हालत गंभीर बनी हुई है। ————————- इटावा हत्याकांड-कारोबारी का तलाकशुदा से अफेयर:पैसे को लेकर तनातनी, बेटी को दिल्ली जाने से रोका; पिज्जा खिलाकर मार डाला इटावा में पत्नी और 3 बच्चों की हत्या के आरोपी मुकेश वर्मा का कानपुर में रहने वाली एक तलाकशुदा महिला से अफेयर है। यह बात उसके साढ़ू ने कही। साथ ही घर में पैसे को लेकर तनातनी थी और रिश्तेदारों ने भी लाखों रुपए दबा रखे थे। पढ़ें पूरी खबर…

कानपुर में अखिलेश की रैली में कुर्सियां खाली:सपा विधायक बोले- पुलिस बैरिकेडिंग लगाकर लोगों को आने से रोक रही

कानपुर में अखिलेश की रैली में कुर्सियां खाली:सपा विधायक बोले- पुलिस बैरिकेडिंग लगाकर लोगों को आने से रोक रही कानपुर में सीसामऊ में चुनावी रैली के अखिलेश यादव पहुंच गए हैं। GIC ग्राउंड में हो रही इस रैली में उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं हुई। कुर्सियां खाली हैं। इस पर मंच से सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने कहा- पुलिस और पीएसी लोगों को सभा में आने से रोक रही है। साइकिल मार्केट और यतीमखाना चौराहे पर बैरिकेडिंग लगाकर लोगों को आने से रोका जा रहा है। उन्होंने पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा- पुलिस या तो बैरिकेडिंग हटा दें, वरना सपा कार्यकर्ता खुद हटा देंगे। अखिलेश के समर्थक जनसभा में वेलकम बॉस के पोस्टर लेकर पहुंचे हैं। सीसामऊ से सपा प्रमुख नसीम सोलंकी सपा प्रत्याशी हैं। नसीम के पति इरफान सोलंकी को 7 साल की सजा के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता निरस्त कर दी गई। अखिलेश के पहुंचने से पहले आज समर्थकों ने नारा लगाया- जेल के ताले टूटेंगे, इरफान सोलंकी छूटेंगे। अखिलेश की रैली में पल-पल के अपडेट्स के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए…

देव दिवाली…1 रात स्टे का 80 हजार खर्च:काशी में 40 देशों के मेहमान आएंगे, 25 लाख दीये जगमगाएंगे

देव दिवाली…1 रात स्टे का 80 हजार खर्च:काशी में 40 देशों के मेहमान आएंगे, 25 लाख दीये जगमगाएंगे देव दिवाली… मतलब देवताओं के धरती पर उतरकर दीपावली मनाने का उत्सव। काशी में 15 नवंबर को देव दीपावली मनाई जाएगी। इसे देखने के लिए 40 देशों के मेहमान काशी आ रहे हैं। करीब 15 लाख भी टूरिस्ट भी आएंगे, जो आयोजन का गवाह बनेंगे इस आयोजन की शुरुआत 80 दीयों से हुई, जब काशी के सभी घाट पर 1-1 दीया जलता था। अब यह आयोजन 20 लाख दीयों तक पहुंच गया है। इस बार प्रशासन ने 17 लाख दीये जलाने का टारगेट रखा है। संत रविदास घाट से लेकर आदिकेशव घाट तक और वरुणा नदी के तट से लेकर मठों-मंदिरों तक कुल 25 लाख दीपक जगमगाएंगे। 1 रात स्टे के लिए खर्च करने होंगे 80 हजार
सोमवार को देव दीपावली का रिहर्सल किया। लेजर लाइट एंड साउंड शो हुआ। देव दीपावली के चलते घाट के पास के होटल 1 रात स्टे के लिए 50 से 80 हजार रुपए तक चार्ज कर रहे हैं। सामान्य दिनों में यही कमरे 20-25 हजार में मिल जाते थे। इस बार आयोजन में PM मोदी वर्चुअली शामिल होंगे। योगी आदित्यनाथ और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अस्सी घाट पर मौजूद रहेंगे। बात तैयारियों की करें तो घाट पर रंगाई-पुताई हो रही है, गंगा आरती स्थल को फूलों से सजा दिया गया है। गंगा घाट लाइट से सजे हुए हैं। काशी विश्वनाथ की थीम पर दीयों की झांकी
देव दीपावली का मुख्य सेंटर गंगा घाट होता है। पंचगंगा घाट पर दीप जलाने के साथ आयोजन की शुरुआत होगी। सबसे ज्यादा भव्यता दशाश्वमेध घाट पर दिखाई देगी। यहां भव्य गंगा आरती की तैयारी चल रही है। गंगा के 84 घाट पर अलग-अलग समुदाय के लोग दीये जलाएंगे। पांडे घाट पर काशी विश्वनाथ धाम की थीम पर दीयों की झांकी सजाई जाएगी। सिर्फ गंगा घाट पर 2 लाख दीये जलाए जाएंगे। इसमें करीब 50 हजार दीये गाय के गोबर के बने हैं। दक्षिण भारतीय समुदाय बनाएगा भव्य रंगोली
देव दीपावली पर दक्षिण भारतीय समुदाय 20 हजार दीप का दान करेगा। भव्य रंगोली तैयार होगी। विशेष पूजा-अर्चना में बंगाली समाज की महिलाएं घाट पर दिखेंगी। केदारघाट पर इसकी खूबसूरती दिखेगी। अस्सी घाट पर विशेष गंगा आरती की तैयारी है। इसकी जिम्मेदारी जय मां गंगा सेवा समिति को मिली है। दशाश्वमेघ घाट पर शौर्य के 25 वर्ष थीम पर होगी गंगा की महाआरती
दशाश्वमेध घाट की प्रसिद्ध गंगा आरती इस साल ‘शौर्य के 25 वर्ष’ की थीम पर मनाई जाएगी। इसके लिए गंगा सेवा निधि की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। देव दीपावली की आरती में 21 अर्चक और 42 कन्याएं रिद्धि-सिद्धि के रूप में रहेंगी। मां भगवती की इस महाआरती में आरती के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। लेजर लाइट शो में दिखेगी शिव महिमा
बाबा विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार पर इस बार शिव महिमा को लेजर लाइट के जरिए से दिखाया जाएगा। गुजरात की एक कंपनी इसकी तैयारी कर रही है। ग्रीन एरियल फायर क्रैकर्स शो करने वाली कंपनी एक्सिस कम्युनिकेशन के CEO मनोज गौतम ने कहा- रेत पर करीब 1.5 किलोमीटर के स्ट्रेच पर आतिशबाजी की जाएगी। आतिशबाजी शो हर-हर शंभू , शिव तांडव आदि भजनों के नौ से 10 ट्रैक पर होगा। तीसरा प्रमुख आयोजन वाराणसी के चेतसिंह घाट पर होगा, जहां पर शिव महिमा और गंगा अवतरण की तैयारी को दिखाया जाएगा। इसमें भगवान शिव द्वारा महिषासुर का किस तरह से वध किया गया, इसकी भी पूरी कहानी लेजर शो में दिखाई जाएगी। लखनऊ की कंपनी ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। अब पुराणों में देव दीपावली की मान्यता जानिए…
काशी की देव दीपावली इसलिए खास है, क्योंकि पुराणों में भी इसका जिक्र है। मान्यता है कि देव दीपावली पर काशी में उत्तरवाहिनी गंगा के अर्धचंद्राकार 84 से ज्यादा घाटों पर देवता स्वर्ग से आते हैं और दीपावली मनाते हैं। पुराणों के अनुसार, देव दीपावली की कहानी 1- जब शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया
महाभारत के कर्णपर्व में त्रिपुरासुर वध की कथा है। इसके मुताबिक, तरकाक्ष, कमलाक्ष और विद्युन्माली नामक तीन राक्षस भाई त्रिपुरासुर राक्षस कहलाते थे। उन्होंने सोने, चांदी और लोहे के तीन नगर बनवाए थे। ये तीन नगर त्रिपुर कहलाते। ब्रह्मा के आशीर्वाद से त्रिपुरासुर इतने शक्तिशाली थे कि उनके अत्याचार से देवता भी त्रस्त हो गए थे। सभी ने भगवान शिव से त्रिपुरासुर के अंत की विनती की। भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन त्रिपुरासुर का वध कर उनके अत्याचार से मुक्ति दिलाई। फिर भगवान शिव त्रिपुरारि या त्रिपुरांतक कहलाए। इससे खुश होकर देवताओं ने स्वर्ग लोक में दीप जलाकर दीपोत्सव मनाया था, इसके बाद सारे देवी-देवता काशी की धरती पर आए। भव्य दिवाली मनाई। पुराणों, धर्मशास्त्रों, धर्म सिंधु आदि ग्रंथों में इसका उल्लेख त्रिपुरोत्सव के नाम से होता है। दिवाली पर केवल मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। मगर, मान्यता है कि देव दीपावली पर साक्षात सभी देवतागण काशी में उतरते हैं और जो भी दीपक जलाता है, उसे अपना आशीर्वचन देते हैं। तभी से कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली मनाई जाने लगी। 2- जब राजा दिवोदास ने काशी में देवताओं के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया
स्कंद पुराण के काशीखंडम के मुताबिक, काशी में देव दीपावली मनाने के संबंध में मान्यता है कि राजा दिवोदास ने अपने राज्य काशी में देवताओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया था। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भेष बदलकर भगवान शिव ने काशी के पंचगंगा घाट पर आकर गंगा स्नान किया। यह बात राजा दिवोदास को पता लगी तो उन्होंने देवताओं के प्रवेश के प्रतिबंध को समाप्त कर दिया था। इससे देवता खुश हुए और उन्होंने काशी में प्रवेश कर दीप जलाकर दीपावली मनाई थी। इतिहास में देव दीपावली की कहानी
काशी के पंचगंगा घाट को लेकर मान्यता है कि यहां गंगा, यमुना, सरस्वती, धूतपापा और किरणा नदियों का संगम है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन पंचगंगा घाट पर स्नान विशेष पुण्यदायी माना जाता है। काशी के ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यहां देव दीपावली की शुरुआत भगवान शिव की कथा से जुड़ी है। मगर, घाटों पर दीप प्रज्वलित होने की कथा पंचगंगा घाट से जुड़ी है। 1785 में आदि शंकराचार्य से प्रेरणा लेकर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार कराने वाली महारानी अहिल्याबाई होलकर ने पंचगंगा घाट पर पत्थर से बने हजारा स्तंभ (एक हजार एक दीपों का स्तंभ) पर दीप जलाकर काशी में देव दीपावली उत्सव की शुरुआत की थी। इसे भव्य बनाने में काशी नरेश महाराज विभूति नारायण सिंह ने मदद की। 39 साल पहले क्रिकेट खेलने वाले लड़कों ने मनाई थी देव दीपावली
काशी में देव दीपावली के मौजूदा स्वरूप का इतिहास महज 39 साल पुराना है। पहली बार 1985 में घाट पर क्रिकेट खेलने वाले लड़कों ने श्रद्धालुओं से दीये और तेल के पैसे मांगकर पंचगंगा घाट पर 5 दीये जलाए थे। इसके बाद 1986 में बनारस के 5 घाटों पंचगंगा, बालाजी, सिंधिया घाट, मान मंदिर और अहिल्या बाई घाट पर देव दीपावली मनाई गई। 1987 में कुछ अन्य लोग भी जुड़े और दशाश्वमेध घाट को मिलाकर 15 घाटों तक देव दीपावली मनाई जाने लगी। आयोजन के चौथे साल अस्सी घाट पर भी देव दीपावली मनाई जाने लगी। पांचवें साल 27 घाट और अब 85 से ज्यादा गंगा घाटों पर देव दीपावली महा उत्सव के रूप में मनाई जाती है। केंद्रीय देव दीपावली महासमिति के अध्यक्ष पं. वागीश दत्त शास्त्री के अनुसार, नेपाल से आकर बनारस में बसे पं. नारायण गुरु ने साल 1984 में श्रद्धा भाव से किरणा-गंगा संगम स्थल पर 5 दीये जलाए थे। अगले साल घर-घर से तेल मांग कर उन्होंने पंचगंगा घाट से हजारा दीपोत्सव (1001 दीप जलाकर) मनाया। इस साल 39 साल बाद 15 नवंबर को काशी के गंगा घाटों पर देव दीपावली पहले से भी ज्यादा भव्य और दिव्य रूप में मनाई जाएगी। ———————————— यह भी पढ़ें : काशी के बसैया…गीत से हुई गंगा महोत्सव की शुरुआत:पद्मश्री पंडित साजन मिश्र बोले-क्लासिकल सांग और बिरहा को मिक्स ना किया जाए वाराणसी में आज से गंगा महोत्सव की शुरुआत हो गई है। प्रदेश सरकार के मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने मंगलवार शाम को 6 बजे अस्सी घाट पर दीप जलाकर इसका उद्घाटन किया। अर्चकों ने विधि-विधान से पूजा कराई। गंगा आरती हुई। उसके बाद कार्यक्रम शुरू हुआ। पढ़िए पूरी खबर…

शहीद सरदार भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह का इंटरव्यू:बोले-आतंकवादी संगठनों के दबाव में पाकिस्तान, भारत के हीरो, लेकिन पाकिस्तान की धरती के बेटे

शहीद सरदार भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह का इंटरव्यू:बोले-आतंकवादी संगठनों के दबाव में पाकिस्तान, भारत के हीरो, लेकिन पाकिस्तान की धरती के बेटे शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह जिन्होंने देश की आजादी के लिए फांसी के फंदे को चूम लिया था। पाकिस्तान की लाहौर हाईकोर्ट ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह को आतंकवादी करार दिया है। लाहौर में एक चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने का प्रस्ताव भी खारिज कर दिया है। भगत सिंह के भतीजे से की बात
पाकिस्तान में हुए शहीद-ए-आजम के बयान के बाद भारत के विपक्ष के नेताओं के अलावा भगत सिंह के परिवार में भी काफी आक्रोश है। दैनिक भास्कर की टीम ने पाकिस्तान की इस बयानबाजी को लेकर सरदार भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह संधू से बातचीत की। शहीदे-ए-आजम सरदार भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह संधू ने पाकिस्तान की इस करतूत की निंदा की है। उन्होंने कहा-आजादी से पहले जब पाकिस्तान नहीं बना था वो भी भारत का हिस्सा था, तब सरदार भगत सिंह देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने के लिए लड़े थे। किरणजीत सिंह ने कहा वो कम उम्र में फांसी के फंदे पर खुशी-खुशी लटक गए, उन्होंने आजाद भारत का जो सपना देखा था, वो उसे अपने सामने नहीं देख सके। उन्होंने कहा अब पाकिस्तान के कुछ आतंकवादी संगठनों के दबाव में गलत बयानबाजी हो रही है, जिसका मुझे काफी दुख है। पढ़िए…सरदार भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह संधू से बातचीत के कुछ अंश सवाल:पाकिस्तान के लाहौर में एक चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने का प्रस्ताव खारिज कर दिया। इस पर क्या कहेंगे?
जवाब:पाकिस्तान में जिस चौक का नाम सरदार भगत सिंह के नाम पर रखा जाना था। उस जगह पर सेंट्रल जेल का फांसी घर हुआ करता था। जो तोड़ दिया गया था। कई साल पहले पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने चौक का शहीद भगत सिंह के नाम पर नामकरण किया था। पाकिस्तान में उग्रवादी संगठन हैं, जिनसे पाकिस्तान सरकार भी खौफ खाती है। उनके दबाव में ये सब किया गया है। सरदार भगत सिंह एक हिंदू और सिख थे, उन्होंने इस कारण पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाया और चौक का नाम न रखने की चेतावनी दी थी। सवाल:शहीद भगत सिंह को आतंकवादी कहा है?
जवाब:पाकिस्तान की लाहौर हाईकोर्ट ने आतंकवादी संगठनों के दबाव में शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह को आतंकवादी कहा है। जो निदंनीय है। भगत सिंह पाकिस्तान में पैदा हुए और वहीं पर अब उन्हें आतंकवादी कहा जा रहा है। देश को आजाद कराने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई। कम उम्र में फांसी के फंदे पर चढ़कर शहीद हुए। पाकिस्तान की ये करतूत बड़ी शर्मनाक है। नेताओं की राजनीति चलती रहती है। लेकिन वहां की आवाम में सरदार भगत सिंह के लिए जो सम्मान है, वो सब जानते हैं। पाकिस्तान के इम्तियाज कुरैशी शहीद-ए-आजम की याद में एक संगठन चलाते हैं। वो इसके लिए संघर्ष करेंगे। पाकिस्तान में भगत सिंह को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिलाने का काम करेंगे। संकीर्ण विचारधारा के लोग ऐसे काम करते हैं। क्योकि उनका बलिदान भारत के लिए नहीं था। पूरे उप महाद्वीप के लिए था। जिसमें भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के लिए था। गरीब, मजदूरों और किसानों के लिए उन्होंने संघर्ष किया। विदेशी ताकतों को भगाने के लिए संघर्ष किया। लोगों को आजादी मिले। भारत सरकार भी इसके लिए विरोध प्रकट करें। सवाल:पाकिस्तान ने पूर्व में भगत सिंह के घर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर दिया था? अब ऐसा क्या हुआ?
जवाब:पाकिस्तान में उग्रवादी संगठनों का काफी प्रभाव है। वहां की हुकूमत भी उनसे खौफ खाती है। हिंदू और सिख का नाम न आए और स्वतंत्रता के बलिदान में इन लोगों का कोई काम नहीं था। इस कारण ये उग्रवादी संगठन वहां पर हावी रहते हैं। इसलिए उन्होंने ये कदम उठाया है। वहां के लोग इसका विरोध करेंगे, इसका मुझे विश्वास है। क्योंकि वो मानते हैं कि सरदार भगत सिंह भारत के तो हीरो हो सकते हैं, लेकिन पाकिस्तान की धरती के बेटे हैं। ये लोगों की आम धारणा है। सवाल:जब सरदार भगत सिंह को आतंकी कहा गया, तो आपको कैसा लगा?
जवाब:इसके लिए बहुत बुरा लगा। जिन लोगों के लिए उन्होंने संघर्ष किया। अब उसमें एक तबका ऐसा पैदा हो गया है, जो धर्मांध है। हिंदू-मुस्लिम के अलावा वो कुछ सोच नहीं सकते हैं। बड़ी दुखद बात है। मैं इसकी निंदा करता हूं। मैं चाहूंगा कि भारत-पाकिस्तान में सही सोच वाले लोग इसकी निंदा करें। ताकि जिन स्वतंत्रता सेनानियों जिन्होंने बिना किसी स्वार्थ के बलिदान दिए। उनके लिए आवाज उठाएं। सवाल:भारत सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए?
जवाब:बिल्कुल, भारत सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। क्योंकि ये साझी विरासत है भारत-पाकिस्तान की। भगत सिंह एक व्यक्ति नहीं थे, वो एक विचारधारा थे। पूरी मूवमेंट को रिप्रेजेंट करते हैं, जो आजादी के समय लड़ी गई। भारत सरकार को जरूर इसकी निंदा करनी चाहिए। इन टिप्पणियों को वापस लेने के लिए दबाव बनाना चाहिए।

मथुरा में इंडियन ऑयल की रिफाइनरी में ब्लास्ट:मैनेजर समेत 12 झुलसे, धमाका 1 km तक सुनाई दिया; 40 दिन बाद प्लांट चलाया था

मथुरा में इंडियन ऑयल की रिफाइनरी में ब्लास्ट:मैनेजर समेत 12 झुलसे, धमाका 1 km तक सुनाई दिया; 40 दिन बाद प्लांट चलाया था मथुरा में बड़ा हादसा हो गया। मंगलवार देर शाम इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) की रिफाइनरी में ब्लास्ट हो गया। धमाके की गूंज 1 Km दूर तक सुनाई दी। आग की चपेट में आकर 12 लोग झुलसे हैं। प्लांट वालों घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया है। ICU में इलाज चल रहा है। किसी जनहानि की सूचना नहीं है। 40 दिन के शटडाउन के बाद प्लांट शुरू होते ही हादसा
मंगलवार देर शाम करीब साढ़े 8 बजे मथुरा के रिफाइनरी प्लांट में बड़ा ब्लास्ट हुआ। इस रिफाइनरी के ABU प्लांट को 40 दिन से शट डाउन रखा गया था। सब कुछ फाइनल होने के बाद इसको दोबारा चालू किया गया। अनुमान है कि इसमें लीकेज रह गया। फर्नेस फटने से ब्लास्ट हो गया। जिसके बाद प्लांट में आग लग गई। इसके कुछ वीडियो भी सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि प्लांट में काम चल रहा था। हादसे में करीब 12 लोग घायल हो गए। घायलों में प्रोडक्शन मैनेजर राजीव भी शामिल हैं। कुछ घायलों को दिल्ली रेफर किया गया है। इस ब्लास्ट के कारणों की छानबीन की जा रही है। 2 तस्वीर देखिए… विस्फोट की आवाज से डर गए लोग
प्लांट में हुआ धमाका इतना तेज था कि पूरा इलाका दहल गया और धमाके की आवाज से आसपास रहने वाले लोग घरों से बाहर निकल आए। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की कई टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और आग बुझाने की कोशिश कर रही हैं। हॉस्पिटल प्रबंधन के मुताबिक, देर रात इरफान अहमद को दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल रेफर किया गया है। वह बुरी तरह से झुलस गए हैं। उनके परिजन भी एंबुलेंस के साथ दिल्ली भेजे गए हैं। अस्पताल पहुंचे घायल अजय के भाई पुष्पराज ने कहा – हमें हादसे के बारे में बताया गया। अंदर जाने नहीं दिया गया है। हादसा कैसे हुआ, कब हुआ? इस बारे में कुछ पता नहीं है। फिलहाल, हादसे को लेकर हर कोई जानना चाहता है, मगर रिफाइनरी की तरफ जो लोग अस्पताल में मौजूद हैं, वह हादसे को लेकर बात करने से मना कर रहे हैं। PRO ने कहा- स्थिति नियंत्रण में
मथुरा रिफाइनरी की जनसंपर्क अधिकारी रेणु पाठक ने कहा- रिफाइनरी को शट डाउन के बाद दोबारा चलाना होता है। इस दौरान मदर यूनिट में एक छोटा ब्लास्ट हुआ। इस यूनिट को ABU कहते हैं। स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित है। 2 लोग 50% से कम झुलसे हैं। 2 लोग 20% झुलसे हैं। 3 लोगों को अपोलो भेजा गया है। 5 लोगों को हमारी यूनिट के अंदर बने हॉस्पिटल में रखा गया है। जहां उनका इलाज चल रहा है। ——————————- इंडियन ऑयल की रिफाइनरी से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… वडोदरा की IOCL रिफाइनरी में ब्लास्ट से लगी आग:दो की मौत, 1 घायल; धमाके की आवाज से डरकर घरों से बाहर निकले लोग वडोदरा के कोयली इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) रिफाइनरी में सोमवार की दोपहक बड़ा धमाका हुआ है। विस्फोट के बाद रिफाइनरी में भीषण आग लग गई। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की कई टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और आग बुझाने की कोशिश कर रही हैं। हादसे में दो कर्मचारियों की मौत हो गई, जबकि एक घायल का इलाज चल रहा है। पढ़ें पूरी खबर…

प्रयागराज में 20 हजार छात्र बोले-हक मिलने तक नहीं हटेंगे:कैंडल और मोबाइल टॉर्च जलाकर प्रदर्शन; 12 प्रदर्शनकारियों पर FIR

प्रयागराज में 20 हजार छात्र बोले-हक मिलने तक नहीं हटेंगे:कैंडल और मोबाइल टॉर्च जलाकर प्रदर्शन; 12 प्रदर्शनकारियों पर FIR प्रयागराज में लोक सेवा आयोग कार्यालय (UPPSC) के सामने 20 हजार छात्रों का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी है। रात में बड़ी संख्या में पुलिस, PAC, RAF लगा दी गई है। वज्र वाहन भी पहुंचा। प्रदर्शनकारी छात्र कैंडल और मोबाइल टॉर्च जलाकर आयोग-सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। इससे पहले मंगलवार दोपहर छात्रों ने थाली बजाकर विरोध जताया। बैरिकेडिंग पर चढ़ गए। यही नहीं, आयोग के मेन गेट पर कालिख से ‘लूट सेवा आयोग’ लिख दिया। आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत की शव यात्रा निकाली। पुलिस यह सब देखती रही। छात्रों के प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इधर, छात्रों के प्रदर्शन पर सियासत भी शुरू हो गई है। डिप्टी सीएम केशव मौर्य छात्रों के समर्थन में उतर आए। कहा- अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और जल्द समाधान निकालें। सुनिश्चित करें कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में नहीं, एग्जाम की तैयारी में लगे। वहीं, अखिलेश यादव ने कहा- योगी बनाम प्रतियोगी छात्र जैसा माहौल है। भाजपा के पतन में ही छात्रों का उत्थान है। भाजपा और नौकरी में विरोधाभासी संबंध है। जब भाजपा जाएगी, तभी नौकरी आएगी। अब क्या भाजपा सरकार छात्रों के हॉस्टल या लॉज पर बुलडोजर चलाएगी। इससे पहले सोमवार आधी रात कमिश्नर, DM और आयोग के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही। आयोग ने रात 10.18 बजे 7 पॉइंट में बयान जारी किया। कहा- आयोग और सरकार ने छात्रों के भविष्य को देखते दो पालियों में परीक्षा का निर्णय लिया है। कुछ लोग छात्रों को बरगला रहे हैं। छात्रों के प्रदर्शन के पल-पल अपडेट के लिए लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए…

उम्र को पीछे छोड़ पैशन को जी रहे आर्टिस्ट:लखनऊ ललित कला अकादमी में प्रोफेसर बने स्टूडेंट, बोले- एज को न मानें बैरियर

उम्र को पीछे छोड़ पैशन को जी रहे आर्टिस्ट:लखनऊ ललित कला अकादमी में प्रोफेसर बने स्टूडेंट, बोले- एज को न मानें बैरियर लखनऊ का राज्य ललित कला अकादमी। समय दोपहर 12 बजकर 15 मिनट, कैंपस के फर्स्ट फ्लोर की क्लास में स्टूडेंट्स स्केच वर्क में बिजी। अकादमी के BVA (बैचलर ऑफ विसुअल आर्ट्स) की 61 साल की स्टूडेंट कल्पना भी तमाम बैचमेट्स के साथ स्केच कर रही थीं। कल्पना कहती हैं कि मैं रहने वाली लखनऊ की हूं। इंग्लिश की प्रोफेसर रही। मेरे हस्बैंड इंडियन फॉरेन सर्विस में रहे। देश दुनिया के तमाम देशों में रही और घूमी भी खूब पर मन में आर्ट्स को लेकर हमेशा से क्रेज रहा। कोई डिग्री नहीं थी। रिटायरमेंट के बाद हस्बैंड लखनऊ आ गए तो मैंने इस कोर्स में एडमिशन लिया। आर्ट्स मेरा पैशन है और उसे जी रही हूं। मेरा सभी को ये मैसेज है कि एज को कभी बैरियर न मानें। साल 2010 में मॉलिक्यूलर सिस्टमैटिक्स में पीएचडी करने वाले प्रवीण रे जेनेटिक्स के एक्सपर्ट हैं। टीचिंग का भी एक्सपीरियंस है। KGMU और NBRI में भी कुछ प्रोजेक्ट किए पर आर्ट्स में बचपन से रुझान रहा और अब बचपन का ख्वाब पूरा कर रहे। क्रिएटिविटी साइंस और आर्ट्स दोनों में है। कैंपस लखनऊ सीरीज के 42वें एपिसोड में राज्य ललित कला अकादमी की निदेशक डॉ. श्रद्धा शुक्ला से खास बातचीत… राज्य ललित कला अकादमी की निदेशक श्रद्धा शुक्ला कहती हैं कि इस स्किल बेस कोर्स का इसी सत्र से फाउंडेशन रखा गया है। वैराइटी ऑफ एज ग्रुप के स्टूडेंट्स इसमें एनरॉल हुए हैं। इनका एडमिशन इनकी स्किल्स के कारण ही हुआ है। खुद मेरे लिए भी ये अद्भुत अनुभव है। कुछ स्टूडेंट्स अपने अनुभव को शेयर कर रहे और बाकी खुद की ऊर्जा को साझा कर रहे। कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि बेहद पॉजिटिव माहौल में अकादमिक सेशन चल रहा है।