अयोध्या में इंजीनियर की हत्या, 6 टुकड़ों में काटा:कोतवाली से 250 मीटर वारदात, बेसुध बहन बोली-भइया कहां चले गए

अयोध्या में इंजीनियर की हत्या, 6 टुकड़ों में काटा:कोतवाली से 250 मीटर वारदात, बेसुध बहन बोली-भइया कहां चले गए अयोध्या में युवक की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। उसकी लाश छह टुकड़ों में कोतवाली से महज 250 मीटर की दूरी पर मिली। युवक घर के बाहर छप्पर में चारपाई पर सो रहा था। सुबह परिवार को उसकी लाश मिली। घरवालों की सूचना पर रात ढाई बजे पुलिस पहुंची और जांच-पड़ताल की। घरवालों ने परिवार के ही दूसरे भाई पर हत्या का आरोप लगाया है। कहा- उसने दो और लोगों के साथ मिलकर बेटे की हत्या कर दी। पूरा मामला बीकापुर कोतवाली क्षेत्र का है। 2 तस्वीरें देखिए युवक की पहचान दिनेश कुमार वर्मा के रूप में हुई है। वह BE (इंजीनियरिंग) की पढ़ाई पूरी करके बीएसएफ में जाने की तैयारी कर रहे थे। दिनेश के दो और भाई हैं। दो बहने भी हैं। किसी की शादी नहीं हुई है। दिनेश ने हाईस्कूल कथा भारती इंटर कॉलेज से, इंटरमीडिएट शिक्षा दीक्षा खजुरहट से और बी.ई. की पढ़ाई महाराणा प्रताप डिग्री कॉलेज से की थी। खबर अपडेट की जा रही है…

यूपी के 34 जिलों में बारिश का अलर्ट:पाकिस्तान से बढ़ रहा साइक्लोन; सुल्तानपुर तेज आंधी से लोहे की कैंटीन उखड़कर गिरी

यूपी के 34 जिलों में बारिश का अलर्ट:पाकिस्तान से बढ़ रहा साइक्लोन; सुल्तानपुर तेज आंधी से लोहे की कैंटीन उखड़कर गिरी यूपी में आज 34 जिलों में बारिश का अलर्ट है। इसकी वजह से तापमान में गिरावट महसूस की जाएगी। खासकर उत्तरी-पश्चिमी और दक्षिणी यूपी में बारिश के आसार ज्यादा हैं। वहीं लखनऊ में मंगलवार सुबह से बादल छाए हुए हैं। जबकि, सोमवार की शाम झांसी, कानपुर देहात, फतेहपुर और सुल्तानपुर में बारिश हुई। सुल्तानपुर में करीब 60 किमी की स्पीड से आंधी चली। आंधी इतनी तेज थी कि महज 10 मिनट के भीतर चारों ओर तबाही के निशान छोड़ गई। दरियापुर के पास मार्केट का छज्जा टूटकर सड़क पर खड़ी कार पर गिरा। इससे कार चकनाचूर हो गई। विकास भवन की प्रेरणा कैंटीन उखड़कर एक कार पर गिरी। कानपुर देहात के इलाकों में भी हल्की बरसात हुई। कल की फोटोज देखिए… पाकिस्तान से राजस्थान होते हुए यूपी की तरफ बढ़ रहा साइक्लोन
BHU के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज श्रीवास्तव ने एक वीडियो जारी किया है। उन्होंने बताया, मध्य पाकिस्तान में एक साइक्लोन सर्कुलेशन बना है। इसके पीछे एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस भी एक्टिव है। यह तेजी से राजस्थान से होते हुए यूपी की तरफ बढ़ रहा है। इस कारण पश्चिमी यूपी में तेज चक्रवाती हवा के साथ बारिश के आसार हैं। इसके आगे बढ़ने पर मंगलवार को पूर्वांचल में भी तेज हवा के साथ बारिश हो सकती है। इसके बाद पांच जून से पश्चिमी विक्षोभ के कारण पारा एक बार फिर जोर पकड़ेगा। मौसम वैज्ञानिक बोले- 4 डिग्री तक गिरेगा तापमान
वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि यूपी में सोमवार से ही छिटपुट बारिश की शुरुआत हो गई है। तराई वाले क्षेत्रों में इस बारिश की वजह से तापमान में भी दो से चार डिग्री की गिरावट की उम्मीद है। उन्होंने बताया मंगलवार को पूरे प्रदेश में बारिश के आसार बन रहे हैं। इससे तापमान में दो से चार डिग्री की कमी दर्ज की जाएगी। अतुल ने बताया कि इसके बाद पांच जून से गर्मी बढ़ना शुरू होगी। तापमान में तीन से पांच डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है। 12 से 13 जून के बीच यूपी में दस्तक दे सकता मानसून
केरल समय से 10 दिन पहले मानसून की दस्तक देने के बाद यूपी में उत्तर प्रदेश में अगले 10 दिनों में मानसून के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। यानी 12 से 13 जून के बीच मानसून के दस्तक देने की संभावना है। सामान्य रूप से मानसून के उत्तर प्रदेश में 15 जून के बाद आने की संभावना रहती है। लेकिन इस बार समय से पहले मानसून के दस्तक देने की उम्मीद है। ————————- ये खबर भी पढ़ें… असम में 5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित, 11 मौतें:सिक्किम में 100 टूरिस्ट फंसे; बिहार में आंधी-तूफान से 5 की मौत; MP के 38 जिलों में बारिश देश के पूर्वोत्तर राज्यों में 29 मई को मानसून ने दस्तक दी थी। 5 दिन बीतने के बाद भी मानसून वहीं ठहरा हुआ है। इसके चलते मणिपुर, असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम और सिक्किम में तेज बारिश हो रही है। असम में 22 जिलों के 1254 गांवों के 5.35 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़-लैंडस्लाइड में अबतक 11 लोगों की मौत हो गई है। 15 नदियां उफान पर हैं। सड़क, रेल और बोट सर्विस प्रभावित है। कुल 165 राहत शिविरों में 31212 लोग ठहराए गए हैं।

LDA में रजिस्ट्री में अब देरी नहीं होगी:प्राधिकरण ने बनाई टाइम टेबल वाली एसओपी, आवंटी को फोन कर बुलाया जाएगा

LDA में रजिस्ट्री में अब देरी नहीं होगी:प्राधिकरण ने बनाई टाइम टेबल वाली एसओपी, आवंटी को फोन कर बुलाया जाएगा लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) में अब आवंटियों को रजिस्ट्री के लिए महीनों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। प्राधिकरण ने संपत्तियों की रजिस्ट्री के लिए नई SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी कर दी है। अब हर स्टेप के लिए तय समय सीमा होगी और अधिकारी उसी में काम निपटाएंगे। देरी पर जवाबदेही तय होगी। अब तक क्या हो रहा था?
फाइल एक सेक्शन से दूसरे सेक्शन में घूमती रहती थी, लेकिन समय से कार्रवाई नहीं होती थी। इससे रजिस्ट्री की प्रक्रिया महीनों लटकी रहती थी और जनता परेशान होती थी। अब यह सब नहीं होगा। अब ऐसे होगी रजिस्ट्री, जानिए पूरा शेड्यूल स्टांप और रजिस्ट्री सारी औपचारिकताएं पूरी करके 3 दिन में फाइल प्राधिकरण के वकील को जाएगी। वकील 2 दिन में जांचकर रजिस्ट्री सेल भेजेंगे। रजिस्ट्री सेल आवंटी को फोन कर रजिस्ट्री की तारीख देगा और प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी। LDA वीसी प्रथमेश कुमार ने साफ कहा है कि हर सेक्शन को समय पर काम करना होगा। हर सप्ताह रिपोर्ट देना अनिवार्य होगा। किसी भी तरह की ढिलाई अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

ब्लॉक प्रमुख-जिला पंचायत अध्यक्ष का सीधा चुनाव कितना मुश्किल:क्या अकेले यूपी लागू कर सकता है, क्या किसी राज्य में है ऐसी व्यवस्था

ब्लॉक प्रमुख-जिला पंचायत अध्यक्ष का सीधा चुनाव कितना मुश्किल:क्या अकेले यूपी लागू कर सकता है, क्या किसी राज्य में है ऐसी व्यवस्था यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पद के चुनाव इस बार डायरेक्ट कराने की चर्चा चल रही है। मतलब जिस तरह से जनता सीधे महापौर चुनती है, वैसे ही जिला पंचायत और ब्लॉक अध्यक्ष का चुनाव कर सकेगी। भास्कर एक्सप्लेनर से जानिए क्यों यह मां उठ रही है? यह कितना मुश्किल है? इसके लिए संविधान में क्या संशोधन करने पड़ेंगे? सवाल-1: जिला पंचायत और ब्लॉक अध्यक्ष पद के चुनाव सीधे कराने की बात कहां से आई? जवाब: प्रदेश के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने इसको लेकर 30 मई को सीएम योगी से मुलाकात करके चर्चा की। उन्होंने सीएम के सामने प्रस्ताव रखा कि वह अधिकारियों को निर्देश दें कि जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव सीधे जनता से कराने के संबंध में प्रस्ताव तैयार करें। प्रस्ताव तैयार कर जल्द से जल्द केंद्र सरकार को भेजा जाए, जिससे समय रहते इसकी तैयारी की जा सके। राजभर का कहना है कि मुख्यमंत्री ने उनके इस प्रस्ताव से सहमति जताई है। जल्द प्रस्ताव केंद्र को भेजने का आश्वासन भी दिया है। उन्होंने कहा कि वह पिछले चुनाव में ही यह चाहते थे। इस मुलाकात के दौरान ओम प्रकाश राजभर के बेटे और सुभासपा के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर भी साथ थे। राजभर ने बताया कि पिछले महीने उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलकर भी इस मुद्दे पर चर्चा की थी। शाह ने भी जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव सीधे जनता से कराने पर हामी भरी थी। सवाल-2: अभी चुनाव कैसे होता है? जवाब- अभी दोनों पदों पर डायरेक्ट चुनाव नहीं होता। पहले सदस्य चुने जाते हैं। वो अपने में से एक को इन पदों के लिए चुनते हैं। जैसे- बीडीसी सदस्यों में से कोई एक ब्लॉक प्रमुख चुना जाता है। जबकि, सभी बीडीसी सदस्य सीधे जनता चुनती है। इसी तरह जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जिला पंचायत सदस्य करते हैं। ये सदस्य जिला पंचायत निर्वाचन के अलग-अलग क्षेत्रों से चुनकर आते हैं। सवाल-3: सीधे चुनाव की जरूरत क्यों पड़ रही? जवाब- पंचायत के चुनाव गैरदलीय आधार पर होते हैं। राजनीतिक दल सीधे उम्मीदवारों को टिकट नहीं देते, बल्कि उन्हें समर्थन देते हैं। इस वजह से इन चुनावों में जोड़-तोड़ और खरीद-फरोख्त जमकर होती है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट भी मानते हैं कि अगर ये चुनाव सीधे होंगे, तो जनप्रतिनिधियों की जनता के प्रति जवाबदेही बढ़ेगी। सवाल-3: क्या किसी अन्य राज्य में इसको लेकर तैयारी है? जवाब- फिलहाल किसी भी राज्य में ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव सीधा कराने की व्यवस्था नहीं है। हालांकि यूपी के अलावा मध्यप्रदेश सरकार भी इसको लेकर तैयारी कर रही है। वह भी इस तरह का प्रस्ताव तैयार कर रही है। सवाल-4: डायरेक्ट चुनाव के लिए क्या करना होगा? जवाब- प्रदेश के पूर्व अपर मुख्य निर्वाचन आयुक्त जेपी सिंह का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 73-74 में इसके लिए पंचायती राज का प्रावधान है। क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष का चुनाव क्षेत्र पंचायत के निर्वाचित सदस्यों और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जिला पंचायत के निर्वाचित सदस्यों से ही होगा। ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता से कराने के लिए संविधान में संशोधन करना होगा। इसके बाद ही नई व्यवस्था लागू हो सकती है। सवाल-5: कितना मुश्किल है एक साथ चुनाव कराना? जवाब- राज्य सरकार केंद्र को इसका प्रस्ताव भेज सकती है। लेकिन एक या दो राज्य की सहमति से संविधान संशोधन नहीं हो सकता। इसके लिए दो तिहाई राज्यों की सहमति की जरूरत होगी। तब इसमें संविधान संशोधन किया जा सकता है। सवाल-6: सीधे चुनाव में दूसरी रुकावटें क्या है? जवाब- राज्य निर्वाचन आयोग के पूर्व आयुक्त एसके अग्रवाल का मानना है कि सांसद और विधायक नहीं चाहेंगे कि जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष का चुनाव सीधे हो। ब्लॉक प्रमुख का सीधा चुनाव होने से ब्लॉक प्रमुख भी विधायक के समकक्ष होगा। अगली बार विधायकी के लिए दावेदारी करेगा। वहीं, जिला पंचायत अध्यक्ष तो सांसद और विधायक से भी ज्यादा ताकतवर हो जाएंगे। राजनीतिक विश्लेषकों को मानना है कि सरकार भी नहीं चाहेगी कि ब्लॉक प्रमुख और क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता के जरिए हो। सदस्यों के जरिए चुनाव होने से सरकार का दबाव और प्रभाव काम आता है। 2021 में हुए चुनाव में क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य निर्दलीय और सपा के ज्यादा जीते थे। लेकिन, प्रदेश में योगी सरकार होने के कारण 75 में से 67 जिला पंचायत अध्यक्ष बीजेपी के बने थे। सीधा चुनाव होने पर सरकार का दबाव और प्रभाव काम नहीं आएगा। यदि दांव उलटा पड़ गया, तो विधानसभा चुनाव तक सरकार और भाजपा के लिए परेशानी खड़ी हो जाएगी। —————————— ये खबर भी पढ़ें… मऊ सीट पर भाजपा-सुभासपा में जंग:राजभर बोले- अब्बास मेरा विधायक, भाजपा का जवाब- दिल्ली करेगी फैसला हेट स्पीच में दोषी ठहराए गए अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता निरस्त होने के बाद मऊ सदर सीट खाली हो चुकी है। अब यहां उपचुनाव तय है। अब सवाल यह उठ खड़ा हुआ है कि इस सीट से सुभासपा मैदान में उतरेगी या भाजपा? दावा दोनों ही कर रहे हैं और तर्क भी अपने-अपने हैं। दरअसल, अब्बास अंसारी जब विधायक बने थे, तब उनकी पार्टी सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) सपा के साथ गठबंधन में थी। अभी उसका गठबंधन भाजपा से है। इससे स्थितियां बदल चुकी हैं। पढ़ें पूरी खबर

जून में 46-47 डिग्री जा सकता है तापमान:यूपी में अब लास्ट वीक में मानसून आने की उम्मीद, मई में 26.8 मिलीमीटर बारिश

जून में 46-47 डिग्री जा सकता है तापमान:यूपी में अब लास्ट वीक में मानसून आने की उम्मीद, मई में 26.8 मिलीमीटर बारिश यूपी में नौतपा ने इस बार आंधी-पानी में अपनी तपिश खो दी। अप्रैल से शुरू हुई बेमौसम बरसात और आंधी पूरे मई महीने रुक-रुक कर होती रही। इसका असर जून में भी देखने को मिल रहा। जून के पहले वीक में अधिकतर जिलों में बारिश-आंधी होती रहेगी। हालांकि, इस बीच तापमान भी 46 से 47 डिग्री बना रहेगा। उमस ज्यादा रहेगी। वहीं, केरल में मानसून समय से 8 दिन पहले 24 मई को पहुंच गया था। पहले मौसम वैज्ञानिकों ने संभावना जताई थी कि यूपी में मानसून 15 से 16 जून के बीच पहुंच जाएगा। यानी तय डेट 18 जून से 2-3 दिन पहले। लेकिन, मानसून ठहर जाने से इसमें अब 7 से 10 दिन की देरी हो सकती है। अब जून के लास्ट वीक में ही मानसून के यूपी पहुंचने की उम्मीद है। मानसून आने की वजह से तापमान में 4 से 5 डिग्री तक की गिरावट देखने को मिलेगी। पिछले महीने मौसम कैसा रहा? आने वाले महीने में कैसा रहेगा? क्या बदलाव आएगा? इस रिपोर्ट में पढ़िए- मई महीना: पारा 46 डिग्री पर पहुंचा, लेकिन बीच-बीच में बारिश ने राहत दी
मौसम विभाग के मुताबिक, मई महीने में राज्य का औसत अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस रहा। महीने की शुरुआत से ही राज्य के अलग-अलग हिस्सों में हल्की बारिश और फुहारों ने तापमान को कंट्रोल में रखा। हाल यह रहा कि नौतपा तक इस बार नहीं तपा। पूरे नौतपा के दौरान अलग-अलग जगहों पर मौसम सुहाना बना रहा। 8 दिन तक तापमान 42 के ऊपर नहीं गया। 9वें दिन बांदा में तापमान 44 डिग्री दर्ज किया गया, जो यूपी का अधिकतम तापमान रहा। हालांकि नौतपा से पहले 2 जिलों बदायूं और बांदा का अधिकतम तापमान 46 के ऊपर रहा। इस बार मई महीने में यूपी के ज्यादातर जिलों में बारिश हुई। मई में पूरे प्रदेश में 26.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। ईस्ट यूपी में 24.8, वेस्ट में 29.7 मिलीमीटर बारिश हुई। सबसे ज्यादा मेरठ में 89.9 मिलीमीटर बारिश हुई। दूसरे नंबर पर महाराजगंज है, जहां 82.5 मिलीमीटर पानी बरसा। जून महीने में गर्मी कैसी रहेगी?
लखनऊ मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, जून में मौसम औसतन सामान्य से कम गर्म रहेगा। हीट वेव और वार्म-डे की संख्या भी सामान्य से कम रहेगी। अगले एक सप्ताह में 3 से 4 डिग्री तापमान गिरेगा, फिर 6 डिग्री बढ़ेगा। बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक मनोज श्रीवास्तव के मुताबिक, जून गर्म रहने वाला है, क्योंकि मानसून में ब्रेक लग गया है। अधिकतम तापमान 46-47 डिग्री तक जा सकता है। लेकिन, महीने के आखिर तक यूपी में मानसून की एंट्री हो जाएगी। इसलिए तापमान में 4 से 5 डिग्री गिरावट भी दर्ज की जाएगी। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, अब तक एक दिन भी हीट-वेव की स्थिति यूपी में नहीं बनी। जून के पहले सप्ताह के बाद हीट-वेव की स्थिति बन सकती है। 1982 से 2023 के बीच यूपी का अधिकतम तापमान तेजी से बढ़ा
यूपी स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट की 2024 की रिपोर्ट बताती है कि 1982 से 2023 के बीच यूपी में गर्मियों का तापमान तेजी से बढ़ा है। उदाहरण के लिए 1981 में लखनऊ में जून में औसत अधिकतम तापमान 44.94 डिग्री सेल्सियस था। 2023 में 1.42 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 46.36 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। यही ट्रेंड राज्य के सभी प्रमुख शहरों का है। मई महीने की बात करें, तो इस बीच नोएडा का तापमान औसत सबसे ज्यादा 3.07 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। मई, 1982 में यहां का अधिकतम औसत तापमान 41.98 डिग्री सेल्सियस था। 2023 में यह 45.05 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, सहारनपुर, अमरोहा, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मेरठ और सीतापुर का औसत अधिकतम तापमान इस दौरान सबसे ज्यादा बढ़ा है। 2021 के बाद यूपी में हीट-वेव के दिन दोगुने हुए
हीट-वेव को लेकर पिछले सालों का आंकड़ा देखने पर पता चलता है कि 2021 से 2024 में हीट-वेव के दिन करीब दोगुने हो गए हैं। 2021 में जहां कुल हीट वेव के दिन 31 थे। वहीं, 2024 में ये बढ़कर 65 हो गए। मौसम विभाग के मुताबिक, हीट वेव तब होता है, जब मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है। वहीं, तटीय इलाकों के लिए तापमान 37 और पहाड़ी इलाकों में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाए तब हीट-वेव होता है। इसके अलावा जब मैदानी इलाकों में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस से अधिक चला जाता है, तब सीवियर हीट वेव होता है। ———————- ये खबर भी पढ़ें… मऊ सीट पर भाजपा-सुभासपा में जंग, राजभर बोले- अब्बास मेरा विधायक, भाजपा का जवाब- दिल्ली करेगी फैसला हेट स्पीच में दोषी ठहराए गए अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता निरस्त होने के बाद मऊ सदर सीट खाली हो चुकी है। अब यहां उपचुनाव तय है। अब सवाल यह उठ खड़ा हुआ है कि इस सीट से सुभासपा मैदान में उतरेगी या भाजपा? दावा दोनों ही कर रहे हैं और तर्क भी अपने-अपने हैं। दरअसल, अब्बास अंसारी जब विधायक बने थे, तब उनकी पार्टी सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) सपा के साथ गठबंधन में थी। अभी उसका गठबंधन भाजपा से है। पढ़ें पूरी खबर

यूपी के लेखपाल सप्ताह में 2 दिन तहसील में बैठेंगे:डेस्क बनेगी, अलमारी मिलेगी; कम्प्यूटर-लैपटॉप पर करेंगे स्मार्ट वर्क

यूपी के लेखपाल सप्ताह में 2 दिन तहसील में बैठेंगे:डेस्क बनेगी, अलमारी मिलेगी; कम्प्यूटर-लैपटॉप पर करेंगे स्मार्ट वर्क यूपी में सबसे ज्यादा आपराधिक घटनाएं जमीन विवाद को लेकर होती हैं। इसको कम करने की सबसे अहम कड़ी लेखपाल हैं। लेकिन, प्रदेश में लेखपाल के बैठने का कोई स्थायी ठिकाना नहीं है। इससे आम लोग उनसे नहीं मिल पाते। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार अब लेखपालों के बैठने की स्थायी व्यवस्था की जा रही है। साथ ही कामकाज को स्मार्ट बनाने की तैयारी भी कर रही है। राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार ने इसका प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा है। पहले चरण में यूपी की 50 तहसीलों में लेखपाल डेस्क बनाई जाएगी। डेस्क पर रोज 50-60 लेखपालों के बैठने की व्यवस्था होगी। एक तहसील में 300-400 लेखपाल तैनात हैं। ऐसे में हर लेखपाल को सप्ताह में 2 दिन डेस्क पर बैठने का मौका मिलेगा। उस दिन वह अपनी रिपोर्ट तैयार करने, सत्यापन करने समेत अन्य जरूरी काम पूरे करेंगे। डेस्क पर उनके लिए अलग से छोटी अलमारी (लॉकर) की व्यवस्था रहेगी। उसमें वे अपना बैग, चार्जर सहित अन्य सामान रख सकेंगे। लेखपालों की डेस्क पर कम्प्यूटर या लैपटॉप की व्यवस्था भी रहेगी। अपनी लॉगइन आईडी और पासवर्ड से वो कम्प्यूटर ऑपरेट कर सकेंगे। अभी प्लास्टिक की कुर्सियां भी नहीं
लेखपाल संघ के महामंत्री विनोद कुमार कश्यप ने बताया- तहसील ऑफिस के हॉल में लेखपाल प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं। पहले तो जमीन पर दरी बिछाते थे फिर उसी पर बैठकर काम करना पड़ता था। कुछ तहसीलों में तो अभी भी पर्याप्त संख्या में कुर्सियां नहीं हैं। वर्क कल्चर में होगा सुधार
राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार का कहना है- करीब 50 तहसीलों में लेखपाल डेस्क (फ्लोटिंग वर्क स्टेशन) बना रहे हैं। जिससे जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन का सत्यापन समय पर हो। जमाबंदी से राजस्व रिकॉर्ड से जुड़े काम भी समय पर पूरे करें। अभी करीब 22 हजार लेखपाल कार्यरत हैं। लोगों को भी पता रहेगा कि लेखपाल कब तहसील ऑफिस में बैठते हैं? तभी वो संबंधित कार्य दिवस पर जाकर उनसे संपर्क कर सकेंगे। मूल काम को छोड़ सारे काम करते हैं लेखपाल
उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ का आरोप है कि सरकार उनसे लेखपाल के मूल काम को छोड़कर सभी काम करा रही है। लेखपालों को ज्यादातर समय दूसरे विभागों के काम में ही व्यस्त रखा जाता है। किसान सम्मान निधि के सत्यापन, किसान की रजिस्ट्री के सत्यापन, केवाईसी, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन की जांच, सीएम जनता दर्शन, जनसुनवाई पोर्टल सहित अन्य स्थानों से आने वाली शिकायतें भी लेखपाल के पास ही भेजी जाती हैं। बिना डिवाइस कैसे करें ऑनलाइन काम सरकार ने लेखपालों से जुड़े ज्यादातर काम ऑनलाइन कर दिए हैं। लेकिन, उन्हें न तो स्मार्टफोन दिया गया है और न ही टैबलेट या लेपटॉप ही दिया गया है। 2019 में जो स्मार्टफोन दिए गए थे, वो खराब हो गए हैं। लेखपालों ने उन्हें वापस तहसील में जमा करा दिया है। जरूरत 58 हजार की, काम कर रहे 22 हजार
राजस्व परिषद की ओर से बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने प्रेजेंटेशन दिया गया। इसमें प्रदेश में लेखपाल के 58 हजार पदों की जरूरत बताई। वर्तमान में 30,837 लेखपाल के पद हैं। इनमें से 22 हजार लेखपाल कार्यरत हैं। 22 हजार में से 8500 लेखपाल फिलहाल ट्रेनिंग ले रहे हैं। 4500 लेखपाल तहसील और राजस्व विभाग के विभिन्न दफ्तरों में प्रतिनियुक्ति पर हैं। इस तरह वर्तमान में केवल 9 हजार लेखपाल ही कार्यरत हैं। ———————— ये खबर भी पढ़ें… बृजभूषण अब क्या करेंगे, क्या BJP से अलग राह चुनेंगे?, सबसे बड़े संकट से बाहर आए, कहा- जो मेरा था, वो मुझसे कोई छीन नहीं सका भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को नाबालिग पहलवान के यौन उत्पीड़न मामले में बरी कर दिया गया। यह फैसला दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 26 मई को पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज केस में दिया। बृजभूषण के खिलाफ दर्ज 5 महिला पहलवानों का प्रकरण अभी लंबित है। पॉस्को एक्ट में बरी होने के बाद बृजभूषण का अयोध्या और नंदिनी नगर में उनके समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया। पढ़ें पूरी खबर

7 साल, 30 आंदोलन…हमेशा निराश शिक्षक लौटे अभ्यर्थी:बोले- चाहे जितनी परीक्षा लो, भर्ती करो, दावा-1.83 लाख पद खाली

7 साल, 30 आंदोलन…हमेशा निराश शिक्षक लौटे अभ्यर्थी:बोले- चाहे जितनी परीक्षा लो, भर्ती करो, दावा-1.83 लाख पद खाली ‘2019 में हमारा डीएलएड पूरा हुआ। इसके बाद टेट-सीटेट भी पास कर लिया। प्राइमरी-अपर प्राइमरी दोनों के लिए एलिजिबल हूं। लेकिन, 7 साल से भर्ती ही नहीं आई। एक टाइम के बाद लगता है कि हमें आत्मनिर्भर हो जाना चाहिए। कब तक मां-बाप पर निर्भर रहेंगे? अब तो घर से पैसा मांगने में भी शर्म आती है। सरकार भर्ती निकाले, चाहे जितने एग्जाम करवाना हो करवाए और फिर हमारी भर्ती कर ले।’ जौनपुर की अंतिमा विश्वकर्मा इतना कहने के बाद सरकार और अधिकारियों को कोसने लगती हैं। वह प्रयागराज में यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग के बाहर धरने पर बैठी हैं। उन्हीं की तरह 500 से ज्यादा युवा शिक्षक भर्ती को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। यह पहला आंदोलन नहीं है। पिछले 7 साल में 30 से ज्यादा बार आंदोलन हो चुका है। कभी युवा निराश होकर लौट जाते हैं, तो कभी आश्वासन पाकर कि भर्ती आने वाली है। 28 मई से धरना चल रहा। युवाओं का कहना है कि अबकी लड़ाई आर-पार की है। जब तक भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं होता, वापस नहीं जाएंगे। दैनिक भास्कर की टीम युवाओं के बीच पहुंची। उनसे बात की। सरकारी आंकड़े निकाले। खाली पदों के बारे में जानकारी हासिल की। शिक्षक भर्ती का ऐलान, फिर ट्वीट डिलीट से शुरू हुई सियासत
21 मई, 2025 को यूपी सरकार के सोशल मीडिया X हैंडल से सुबह-सुबह एक ट्वीट किया गया। इसमें लिखा गया- प्रदेश सरकार जल्द ही शिक्षकों के 1.93 लाख पदों पर भर्ती करने जा रही है। यह भर्ती तीन चरणों में होगी। हर चरण में करीब 65 हजार शिक्षकों की भर्ती होगी। इस संबंध में दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के साथ हुई प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में वार्षिक कार्य योजना पेश की।’ इस ट्वीट के बाद युवा उत्साह से भर गए। लेकिन, उनका यह उत्साह दोपहर 1 बजे खत्म हो गया। सरकार का यह ट्वीट डिलीट हो गया। भर्ती की बात खारिज कर दी गई। विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाया। शिक्षक अभ्यर्थी युवाओं ने आंदोलन शुरू कर दिया। 28 मई से प्रयागराज के एलनगंज में शिक्षा निदेशालय के बाहर धरने पर बैठ गए। इसी आंदोलन में शामिल गोरखपुर के प्रमोद मौर्य कहते हैं- 2019 में मैंने डीएलएड पूरा कर लिया। 2021 में टेट भी पास हो गया। इसके बाद भर्ती के लिए हमारा संघर्ष शुरू हुआ। प्रयागराज से लखनऊ तक अब तक 30 से 40 बार आंदोलन कर चुके हैं। उस दिन 1.93 लाख शिक्षक भर्ती का ट्वीट देखा तो साथियों के साथ सीधा आयोग आया था। लेकिन, तब तक पता चला कि ट्वीट ही डिलीट कर दिया गया। प्रमोद कहते हैं- यह हमारा आखिरी आंदोलन है। हम लोग मर मिटेंगे, लेकिन हटेंगे नहीं। हमारे पास खोने को कुछ नहीं है। हम गरीब वर्ग से हैं। गेहूं बेचकर पैसा लाते हैं, हमारे पिता मजदूरी करके पैसा देते हैं। 30 से ज्यादा बार आंदोलन, हर बार निराशा
प्रयागराज में शिक्षक भर्ती आंदोलन का प्रतिनिधित्व डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) मोर्चा के अध्यक्ष रजत सिंह कर रहे हैं। रजत कहते हैं- पिछले 7 साल में हमने प्रयागराज, लखनऊ और अन्य जिलों में 100 से ज्यादा बार प्रदर्शन किया। इसमें पोस्टर अभियान चलाया, सोशल मीडिया अभियान शुरू किया। साथियों के साथ मुंडन करवाया, जल सत्याग्रह किया। कान पकड़कर मुर्गा बना, लेकिन भर्ती नहीं आई। इस बार हमारे पास उम्मीद है, तथ्य है। पीएबी (प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड) की रिपोर्ट है। रजत इस रिपोर्ट को लेकर कहते हैं- इस रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी में 1 लाख 81 हजार 276 पद खाली हैं। इस रिपोर्ट को तैयार करने में बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर ही रहे। इन लोगों ने सोचा कि इसे बाद में बताया जाएगा, इसका चुनावी फायदा लिया जाएगा, लेकिन उसके पहले ही यह सामने आ गई। डीएलएड मोर्चा के उपाध्यक्ष विशु यादव कहते हैं- हर साल हम 3 से 4 बार बड़ा आंदोलन करते हैं। इस तरह से 7 साल में 30 बार से ज्यादा आंदोलन कर चुके हैं। हर बार निराश होकर घर जाते हैं। हम लोगों के माता-पिता बूढ़े हो रहे हैं। हम बेरोजगार हैं, इसलिए शादी भी नहीं कर रहे। आखिर पत्नी का खर्च कैसे संभालेंगे? हमारे ही जैसे पूरे प्रदेश में 15 लाख से ज्यादा युवा बीटीसी, डीएलएड, टेट और सीटेट पास हैं। सरकार ने कोर्ट में बताया कि पद खाली हैं
2019 में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया था कि शिक्षकों के 51 हजार 112 पद खाली हैं। अयोध्या के अवनीश कहते हैं- 2019 से कोई भर्ती नहीं हुई। हर साल 10 हजार टीचर रिटायर हो रहे। 27 हजार 713 पद अलग से खाली हैं। अगर सभी को जोड़ दें, तो डेढ़ लाख पद होते हैं। अमेठी की ऋतिका मिश्रा भी बिहार के मुद्दे को उठाती हैं। वह कहती हैं- 2019 में मेरा डीएलएड पूरा हो गया था। पिछले 6 महीने से प्रयागराज में आकर तैयारी कर रही हूं। घर रायबरेली और ससुराल अमेठी में है। हमारे घर में लड़कियों को इतना पढ़ाया नहीं जाता। हमने तो किसी तरह से कमाई करके खुद पढ़ाई कर ली है। अब भर्ती देना चाहिए। ऋतिका के बगल बैठी जौनपुर की अंतिमा विश्वकर्मा कहती हैं- 2019 में हमारा डीएलएड पूरा हो गया। टेट-सीटेट भी पास कर लिया। एक टाइम के बाद लगता है कि अब आत्मनिर्भर हो जाना चाहिए। कब तक मां-बाप पर निर्भर रहेंगे? लेकिन, भर्ती नहीं आने से हम आज भी उन्हीं के ऊपर निर्भर हैं। सरकार कहती है कि योग्य शिक्षक नहीं मिल रहे। यूपी में शिक्षकों के कितने पद खाली?
प्रदेश में शिक्षकों के कुल कितने पद खाली हैं, इसके अलग-अलग डेटा मौजूद हैं। अगर मौजूदा केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (PAB) की मानें, तो 1.83 लाख पद खाली हैं। चूंकि यह रिपोर्ट अभी पब्लिक में नहीं आई है, तो हम शिक्षा मंत्री के बयान को ले सकते हैं। पिछले साल 6 फरवरी को शिक्षा मंत्री संदीप सिंह से सदन में शिक्षकों के कुल पद और खाली पदों को लेकर सवाल पूछा गया था। उस वक्त शिक्षा मंत्री ने जवाब दिया था, ‘इस वक्त बेसिक में 30 छात्र पर एक टीचर तय है, अपर प्राइमरी में 35 छात्रों पर एक टीचर तय है। इस अनुपात को हम लोग बराबर कर रखे हुए हैं। अनुपात बराबर है तो पठन-पाठन के काम में कोई दिक्कत नहीं आ रही। प्रदेश में प्रधानाचार्य और सहायक अध्यापकों के कुल 85 हजार 152 पद खाली हैं। लेकिन, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के जरिए छात्र-शिक्षक अनुपात को पूरा किया जा रहा है। इससे पढ़ाई-लिखाई में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आ रही।’ 2022 से सदन की हर कार्रवाई में शिक्षक भर्ती से जुड़ा सवाल पूछा जाता रहा है। शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने हर बार शिक्षक-छात्र अनुपात के बराबर होने की बात कही। 19 से 23 दिसंबर, 2022 को मानसून सत्र चला था। कुल शिक्षकों की संख्या पर सवाल पूछा गया तो शिक्षा मंत्री ने कहा- इस वक्त 6 लाख 28 जार 915 शिक्षक हैं। अजीब यह है कि 6 फरवरी, 2024 को जब सदन में फिर कुल टीचर्स की संख्या के बारे में बात हुई, तो उनका जवाब यही नंबर था- 6 लाख 28 हजार, 915 शिक्षक। अब सवाल है कि क्या एक साल के दौरान किसी टीचर का रिटायरमेंट नहीं हुआ? 2021 में भर्ती का ऐलान, लेकिन पूरी नहीं हुई
2022 की जनवरी में यूपी विधानसभा चुनाव की घोषणा होनी थी। दिसंबर, 2021 के आखिरी सप्ताह में उस वक्त के शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने 17 हजार पदों पर भर्ती का ऐलान किया। विज्ञापन जारी हो गया। इसमें 6800 सीटें 69 हजार शिक्षक भर्ती में हुई आरक्षण की अनियमितता के चलते दी गई थीं। चुनाव की घोषणा के बाद इसकी चर्चा थम गई। चुनाव हुआ, बीजेपी की दोबारा सरकार बनी। लेकिन, इस भर्ती का कहीं कोई जिक्र नहीं हुआ। अगर भर्ती नहीं देनी, तो डीएलएड क्यों करवा रहे
आंदोलन में शामिल पंकज पांडेय कहते हैं- 5 दिन से हम लगातार धरने में आ रहे हैं। मैंने खुद बीएड किया है। प्राइमरी की नौकरी से बाहर हूं, लेकिन युवाओं के साथ खड़ा हूं। अब अगर 7-7 साल से भर्ती नहीं देना है, तो फिर डीएलएड बंद करवा दीजिए। क्योंकि इसे करने से कोई और विकल्प तो होता नहीं, फिर क्यों करवाया जा रहा। सरकार अनुपात-समानुपात के लिए जिन्हें जोड़ती है, उन्हें सैलरी देने के वक्त टीचर नहीं मानती। ऐसे कैसे चलेगा। 2027 में यह युवा इस सरकार का अनुपात-समानुपात सही करेगा। अब सवाल है कि हर साल कितने युवा डीएलएड कर रहे? असल में यूपी में डीएलएड की कुल सीट 2 लाख 42 हजार हैं। इसमें 10 हजार युवाओं का सिलेक्शन सरकारी कॉलेज में होता है। वो वहां ट्रेनिंग लेते हैं। बाकी के 2 लाख 32 हजार अभ्यर्थी प्राइवेट संस्थानों से डीएलएड करते हैं। यहां पर इसकी सालाना फीस 50 से 60 हजार रुपए के बीच होती है। इस कोर्स को करने के बाद सरकारी नौकरी के रूप में सिर्फ बेसिक शिक्षा विभाग में ही मौका होता है। पिछले 7 साल का ही डेटा देखा जाए तो 14 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी डीएलएड प्रशिक्षित हो चुके हैं। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद एलिजिबिलिटी टेस्ट यानी टेट पास करना होता है। यूपी में टेट पास अभ्यर्थियों की कुल संख्या 20 लाख पहुंच गई है। इसमें 5 लाख से ज्यादा बीएड अभ्यर्थी हैं, जो अब बेसिक शिक्षा विभाग में टीचर बनने के एलिजिबल नहीं हैं। —————————- ये खबर भी पढ़ें… यूपी DGP राजीव कृष्ण और IRS मीनाक्षी सिंह की लवस्टोरी, बरेली में पहली बार मिले, एक जैसी सोच ने बनाया वो साल 1991 था, जब 22 साल की उम्र में राजीव कृष्ण ने UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) की कठिन परीक्षा को पहली बार में ही पास कर लिया और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में चयनित हो गए। उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर मिला। उनकी यात्रा शुरू हुई, मुरादाबाद पुलिस ट्रेनिंग सेंटर से, जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक ट्रेनिंग पूरी की। 1992 में उनकी पहली तैनाती प्रयागराज में हुई, इसके बाद वे हैदराबाद ट्रेनिंग पर चले गए। अक्टूबर, 1993 में ट्रेनिंग से लौटे तो उन्हें बतौर ASP पोस्टिंग बरेली जिले में मिली। यहां से उनकी जिंदगी का एक नया अध्याय शुरू होने वाला था। पढ़ें पूरी खबर

अयोध्या दर्शन करने आई नाबालिग से होटल में छेड़छाड़:पिता ने बिहार जाकर अधिकारियों को भेजा वीडियो; बोले- योगी जी न्याय दिलाइए

अयोध्या दर्शन करने आई नाबालिग से होटल में छेड़छाड़:पिता ने बिहार जाकर अधिकारियों को भेजा वीडियो; बोले- योगी जी न्याय दिलाइए अयोध्या में दर्शन करने आए श्रद्धालु की 13 वर्षीय बेटी के साथ होटल मालिक के साले ने छेड़छाड़ की। पति-पत्नी अपने तीन बच्चों के साथ होटल में ठहरे हुए थे। रात 11:30 बजे खाना खाते ही सभी लोगों को गहरी नींद आ गई। रात करीब 1:30 बजे अचानक उनकी बेटी की चीख सुनाई दी। जब कमरे की लाइट जलाया तो कमरे में एक युवक खड़ा था। पूछने पर उसने कहा कि वह हालचाल पूछने आया था। कमरा अंदर से बंद था किस तरह वह कमरे में पहुंचा किसी को पता नहीं। परिवार ने पूरे मामले का वीडियो बनाया है। अब जिला प्रशासन और CM योगी से कार्रवाई करने की गुहार लगाई है। ये मामला सप्तसागर कॉलोनी स्थित श्रीराम पैलेस होटल की है। अब विस्तार से पढ़िए… लाइन में पत्नी की तबीयत बिगड़ी
मूल रूप से बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले पति- पत्नी अपनी 13 वर्षीय बेटी और दो छोटे बेटों के साथ लखनऊ IPL मैच देखने आए थे। वहां से 29 मई को वह अयोध्या पहुंचे। दिनभर परिवार ने हनुमानगढ़ी सहित अन्य धार्मिक स्थलों के दर्शन किए। रामलला के दर्शन करने पहुंचे तो पत्नी की तबीयत अचानक बिगड़ गई। वह मंदिर की लाइन में ही बेहोश हो गईं। मंदिर प्रशासन ने तत्काल उन्हें श्रीराम अस्पताल में भर्ती कराया, जहां करीब 3 घंटे के इलाज के बाद रात 10:30 बजे उन्हें छुट्टी दे दी गई। इसके बाद वो श्रीराम होटल में रुके, यहां दो कमरे लिए। यहां खाना खाकर सो गए। देर रात 1:30 बजे बेटी के चीखने पर पूरा परिवार जग गया। देखा कि तो कमरे में एक युवक खड़ा था। आरोपी ने 13 वर्षीय बच्ची के साथ अभद्रता की। पूछने पर कहने लगा कि मैं देखने आया था कि सब कुछ ठीक है। फिर भाग गया, होटल स्टाफ से इस बारे में बातचीत करने में उन्होंने सपोर्ट नहीं किया। पीड़ित पिता का कहना है कि हमें शक है कि हमारे खाने में कोई नशीला पदार्थ मिलाया गया था। जिससे हम लोग भोजन करते ही तुरंत सो गए। भयभीत होकर रात में ही अयोध्या से चले गए
घटना से सहमे परिवार ने रात 2 बजे ही होटल छोड़ दिया। रेलवे स्टेशन पहुंचकर पहली ट्रेन पकड़कर बिहार लौट गए। पिता ने बताया कि उनके पास ज्यादा पैसे नहीं थे, इसलिए पुलिस या प्रशासन से संपर्क नहीं किया। घर लौटने के बाद उन्होंने पुलिस अधिकारियों को को वीडियो भेजकर पूरी घटना के बारे में बताया और प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग की। होटल के स्टॉप ने स्वीकारा दैनिक भास्कर की टीम ने हकीकत जाने के लिए श्री राम पैलेस पहुंची। जहां पर हमारी मुलाकात मैनेजर आदित्य गुप्ता से हुई। आदित्य ने कैमरे पर स्वीकार किया कि उनके होटल में 29-30 मई की रात सौरभ गुप्ता ने किशोरी के साथ अभद्रता की थी। इस मामले में जो होटल मालिक ही कुछ करेंगे। मैं इस बारे में और कुछ नहीं बता सकता है। CO बोले-वीडियो के आधार पर होगी जांच
CO आशुतोष तिवारी ने कहा-इस मामले की जानकारी नहीं थी। लेकिन अब वीडियो संज्ञान में आया है। इसकी जांच की जाएगी। अगर होटल संचालक या उसका कर्मचारी दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। —————————- ये खबर भी पढ़ें:- अयोध्या में युवक की हत्या, 6 टुकड़ों में काटा: सेना की तैयारी कर रहा था अयोध्या में सेना की तैयारी कर रहे युवक की हत्या कर दी गई। उसकी लाश छह टुकड़ों में, कोतवाली से महज 250 मीटर की दूरी पर मिली। युवक घर के बाहर छप्पर में चारपाई पर सो रहा था। पिता रात में जनरेटर में पानी डालने उठे तो देखा कि चारपाई के नीचे खून बह रहा है। यह देखकर वह चीख पड़े। शोर सुनकर घरवाले दौड़कर पहुंचे। घरवालों की सूचना पर सोमवार रात ढाई बजे पुलिस मौके पर पहुंची और जांच-पड़ताल की। घरवालों ने युवक के सगे चाचा और पड़ोसी पर हत्या का आरोप लगाया है। पढ़ें पूरी खबर

झांसी में हिस्ट्रीशीटर ने कारोबारी को दुकान से खींचकर पीटा…VIDEO:21 थप्पड़ और 6 चप्पलें मारी, गाली देकर बोला- तुझे घर में घुसकर गोली मारुंगा

झांसी में हिस्ट्रीशीटर ने कारोबारी को दुकान से खींचकर पीटा…VIDEO:21 थप्पड़ और 6 चप्पलें मारी, गाली देकर बोला- तुझे घर में घुसकर गोली मारुंगा झांसी में हिस्ट्रीशीटर ने कारोबारी को बेरहमी से पीटा। वो 3 बदमाशों को लेकर आया और कॉलर पकड़कर कारोबारी को दुकान से खींचकर सड़क पर ले आया। सभी ने लात, घूसे और थप्पड़ों की बारिश कर दी। चप्पलें भी मारी। दो मिनट में उसे 21 थप्पड़ और 6 चप्पलें मारी गई। दरअसल, कारोबारी अपने पड़ोसी की प्रॉपर्टी खरीदना चाहता था। जबकि हिस्ट्रीशीटर उसे मना कर रहा था। नहीं मानने पर उसने बीच बाजार घटना को अंजाम दिया। सोमवार को हुई इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है। पूरा मामला रक्सा थाना क्षेत्र के डेली गांव का है। प्रॉपर्टी खरीदना चाहता था कारोबार डेली गांव के प्रतिपाल सिंह कुशवाहा ने बताया कि मैं गांव में आनंद बेकरी के नाम से शॉप चलाता हूं। पड़ोसी अपनी प्रॉपर्टी बेचना चाहता था। जिसमें हिस्ट्रीशीटर धीरज अहिरवार रहता है। मैंने प्रॉपर्टी खरीदने के लिए पड़ोसी से बात की तो धीरज चिड़ गया। सोमवार को बिजली बिल भरकर दुकान पर आया। तभी धीरज अपने 4 साथियों को लेकर आया। मुझे दुकान से खींचकर लात, घूसे, थप्पड़ और चप्पलों से पीटा। दो महिलाओं ने समझाइश कर मुझे बचाया। आरोपी जान से मारने की धमकी देकर भाग गए। आरोप है कि चेन और अंगूठी भी ले गए। बीच बाजार में पिटाई से दहशत मारपीट का 2 मिनट 20 सेकेंड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें नजर आ रहा है कि कारोबारी एक दुकान के अंदर है। हिस्ट्रीशीटर और उसके साथी जबरन उसे खींचकर सड़क पर लाते हैं। इस दौरान कूलर व सामान गिर जाता है। बीच सड़क पर सभी आरोपी लात, घूसे, थप्पड़ व चप्पलों से कारोबारी की पिटाई कर देते हैं। दो महिलाएं बीच बचाव करके कारोबारी को बचाती हैं। तभी एक बदमाश गाली देकर कहता है कि तुझे घर में घुसकर गोली मारेंगे। इसके बाद वे धमकाते हुए चले जाते हैं। पुलिस ने दर्ज किया केस रक्सा थाना प्रभारी राहुल राठौर का कहना है कि वीडियो सामने आया है। पीड़ित की तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। पूरे मामले की छानबीन की जा रही है। तथ्यों के आधार पर आगे की जांच की जाएगी। ———————- ये खबरें भी पढ़ें… यूपी के लेखपाल सप्ताह में 2 दिन तहसील में बैठेंगे; डेस्क बनेगी, अलमारी मिलेगी; कम्प्यूटर-लैपटॉप पर करेंगे स्मार्ट वर्क यूपी में सबसे ज्यादा आपराधिक घटनाएं जमीन विवाद को लेकर होती हैं। इसको कम करने की सबसे अहम कड़ी लेखपाल हैं। लेकिन, प्रदेश में लेखपाल के बैठने का कोई स्थायी ठिकाना नहीं है। इससे आम लोग उनसे नहीं मिल पाते। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार अब लेखपालों के बैठने की स्थायी व्यवस्था की जा रही है। पढ़िए पूरी खबर

राजस्व केस निस्तारण में लखनऊ अव्वल:जौनपुर दूसरे और प्रयागराज तीसरे स्थान पर

राजस्व केस निस्तारण में लखनऊ अव्वल:जौनपुर दूसरे और प्रयागराज तीसरे स्थान पर राजस्व मामलों के त्वरित निस्तारण में लखनऊ प्रदेश में अव्वल रहा है। वहीं जौनपुर दूसरे और प्रयागराज तीसरे स्थान पर रहा है। बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से की गई समीक्षा में यह सामने आया है। राजस्व परिषद की आरसीसीएमएस की मई की रिपोर्ट के अनुसार मई में पूरे प्रदेश में कुल 3,20,719 राजस्व मामलों में सबसे अधिक राजधानी लखनऊ में 15,137 मामले निस्तारित किये गये, जो पूरे प्रदेश में सबसे अधिक है। इसके बाद जौनपुर कुल 9,945 मामलों को निस्तारित कर पूरे प्रदेश में दूसरे, प्रयागराज 9,525 मामलों को निस्तारित कर तीसरे स्थान पर है। जौनपुर डीएम डॉ. दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार राजस्व मामलों को निस्तारित किया जा रहा है। बोर्ड ऑफ रेवन्यू की मई माह की राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) की रिपोर्ट के अनुसार जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने बोर्ड के निर्धारित मानक निस्तारण से अधिक मामलों का निस्तारण किया है। जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने बोर्ड के प्रति माह निस्तारण के मानक 250 के सापेक्ष 563 मामलों का निस्तारण किया है। इसका प्रतिशत 225.20 है। जनपदीय न्यायालय में राजस्व मामलों के निस्तारण में प्रदेश में जौनपुर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है जबकि 549 मामलों को निस्तारण कर दूसरे स्थान पर सुल्तानपुर और 262 मामले निस्तारित कर तीसरे स्थान पर गाजीपुर है। इसी तरह मई में अयोध्या के जिलाधिकारी न्यायालय ने निर्धारित 30 मामलों के मानक के मुकाबले 69 मामलों का निस्तारण कर 230 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल की, जो की प्रदेश भर में सबसे अधिक है और अयोध्या प्रदेश भर में पहले स्थान पर है। वहीं जौनपुर के जिलाधिकारी न्यायालय द्वारा 66 मामले निस्तारित किए गए। वहीं मऊ के जिलाधिकारी न्यायालय ने 65 मामले निस्तारित किए गए। इसी तरह जिलाधिकारी न्यायालय द्वारा निस्तारित किये गये मामलों में क्रमश: जौनपुर दूसरे और मऊ तीसरे स्थान पर है। भू राजस्व संबंधित मामलों के निस्तारण में भी जौनपुर अव्वल इसी प्रकार अपर जिलाधिकारी भू राजस्व जौनपुर निर्धारित मानक 50 के सापेक्ष कुल 208 वादों का निस्तारण कर प्रदेश में प्रथम स्थान पर हैं। वहीं अपर जिलाधिकारी भू एवं राजस्व गाजीपुर कुल 61 वादों का निस्तारण कर दूसरे स्थान पर हैं तथा अपर जिलाधिकारी भू एवं राजस्व मीरजापुर कुल 24 वादों का निस्तारण कर तीसरे स्थान पर हैं। इसके साथ ही अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ने 50 के मानक के मुकाबले 146 मामलों का निस्तारण कर 292 प्रतिशत हासिल कर पहला स्थान प्राप्त किया है जबकि 138 मामले निस्तारित कर बाराबंकी दूसरे और 114 मामले निस्तारित कर तीसरे स्थान पर है। इसके अलावा अतिरिक्त उपजिलाधिकारी प्रथम जौनपुर अपने मानक 60 के सापेक्ष कुल 80 राजस्व वादों निस्तारण कर सूची में 37वें स्थान पर है, जबकि अतिरिक्त उपजिलाधिकारी द्वितीय जौनपुर अपने मानक 60 के सापेक्ष कुल 63 राजस्व वादों का निस्तारण कर सूची में 37वें स्थान राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त समीक्षा का असर साफ नजर आ रहा है। सीएम योगी खुद हर माह जिलावार मामलों की समीक्षा भी करते रहते हैं।