यूपी में 5 दिन पड़ेगी भीषण गर्मी:5-6 डिग्री तक बढ़ेगा पारा; वैज्ञानिक बोले- 20 जून तक प्रवेश करेगा मानसून

यूपी में 5 दिन पड़ेगी भीषण गर्मी:5-6 डिग्री तक बढ़ेगा पारा; वैज्ञानिक बोले- 20 जून तक प्रवेश करेगा मानसून यूपी में आज सभी जिलों में शुष्क मौसम रहने का अलर्ट है। पछुआ हवा के चलते 5 दिन के लिए गर्मी का प्रकोप बढ़ने वाला है। 11 जून के बाद हवा का रुख पूर्वा होगी। पूर्वांचल से शुरू होकर दोबारा बूंदाबांदी का दौर देखने को मिलेगा। वहीं, गुरुवार की शाम नेपाल से सटे श्रावस्ती और बलरामपुर जिले में बारिश हुई। बलरामपुर में शाम 5 बजे के बाद तेज हवा के साथ बारिश हुई। तापमान में 3 डिग्री की गिरावट आई है। यहां दो दिनों से तापमान 34 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा। बारिश के बाद तापमान 31 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। श्रावस्ती में जमुनहा क्षेत्र के इमलिया और आसपास के इलाकों में तेज हवा के साथ एक घंटे तक तेज बारिश हुई। कुछ अन्य इलाकों में बारिश के साथ करीब 15 मिनट तक ओले भी गिरे। सबसे गर्म बांदा रहा, यहां 40.8 डिग्री सेल्सियस पारा रिकॉर्ड किया गया। बाराबंकी का न्यूनतम पारा सबसे कम 21.5 डिग्री सेल्सियस रहा। गुरुवार के मौसम की फोटो देखिए… 20 जून तक पहुंच सकता मानसून
बीएचयू के डॉ. ज्ञान प्रकाश ने बताया-मानसूनी बादल यूपी में 20 जून तक पहुंच सकते हैं। लेकिन, यह भी मौसम के वर्तमान परिदृश्य को देखकर कहना थोड़ा कठिन होगा, क्योंकि अभी भी पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव है। यूपी समेत कई राज्यों में रुक-रुककर छिटपुट बारिश हो रही है। यह बारिश कहीं ना कहीं से हीटिंग को कम कर रही है। गर्मी कम होने की वजह से बंगाल की खाड़ी में अब तक लो प्रेशर डेवलप नहीं हुआ है। माहौल तो बन रहा है, लेकिन गर्मी कम होने और मॉइस्चर के बार-बार रिलीज हो जाने की वजह से बारिश समय से हो जाए यह कह पाना थोड़ा मुश्किल हो रहा है। बारिश से फायदा या नुकसान? धान को फायदा, सब्जियों को नुकसान
कृषि विशेषज्ञ डॉ. राजीव श्रीवास्तव बताते हैं, बारिश से धान की फसल को फायदा है। धान नर्सरी के लिए किसान खेत तैयार कर रहे हैं। मोटे अनाजों की बोआई के लिए भी बारिश फायदेमंद है। इस समय मक्का, सामा और काकून आदि की बोआई के लिए एकदम सही समय है, क्योंकि इसके लिए नमी की जरूरत होती है। कृषि विशेषज्ञ ने बताया, इस बारिश से आम की फसल को नुकसान पहुंच सकता है। जहां आम की मिठास कम होने की आशंका है, वहीं फल में कीड़े लगने की आशंका बन जाती है। हरी सब्जियों के लिए भी यह बारिश ठीक नहीं है। लौकी, करेला, भिंडी, तोरई जैसी सब्जियां खराब हो जाती हैं। पाकिस्तान से यूपी की तरफ बढ़ रहा साइक्लोन
BHU के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज श्रीवास्तव ने बताया- मध्य पाकिस्तान में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना है। इसके पीछे एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस भी एक्टिव है। यह तेजी से राजस्थान से होते हुए यूपी की तरफ बढ़ रहा है। इस कारण पश्चिमी यूपी में तेज चक्रवाती हवा के साथ बारिश के आसार हैं। इसके आगे बढ़ने पर मंगलवार को पूर्वांचल में भी तेज हवा के साथ बारिश हो सकती है। इसके बाद पांच जून से पश्चिमी विक्षोभ के कारण पारा एक बार फिर जोर पकड़ेगा।

अयोध्या में एक हजार साल चमकता रहेगा राम दरबार:मूर्तिकार बोले- बजरंगबली ने सपने में आकर रामकाज कराया; VIDEO में प्राण-प्रतिष्ठा देखिए

अयोध्या में एक हजार साल चमकता रहेगा राम दरबार:मूर्तिकार बोले- बजरंगबली ने सपने में आकर रामकाज कराया; VIDEO में प्राण-प्रतिष्ठा देखिए अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के 498 दिन बाद गुरुवार को भगवान राम सिंहासन पर विराजे। साथ में माता सीता, तीनों भाई और हनुमान की मूर्तियां हैं। सूरत के कारोबारी हीरे के आभूषण दान किए। मूर्तियों को जयपुर में तैयार किया गया है। दावा है कि मूर्तियां एक हजार साल तक सुरक्षित रहेंगी। साल-दर-साल चमक बढ़ती जाएगी। मूर्तिकार सत्य नारायण पांडेय ने कहा, प्रभु बजरंगबली ने उनसे राम दरबार का भव्य स्वरूप तैयार कराया है। VIDEO में राम दरबार के बारे में जानिए…

प्रेमानंदजी से हर मुलाकात के बाद और ‘विराट’ हुए कोहली:18 साल बाद RCB ने IPL जीता, इससे 21 दिन पहले पूछा- असफलता से कैसे उबरें

प्रेमानंदजी से हर मुलाकात के बाद और ‘विराट’ हुए कोहली:18 साल बाद RCB ने IPL जीता, इससे 21 दिन पहले पूछा- असफलता से कैसे उबरें 18 साल के लंबे इंतजार के बाद RCB (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर) ने IPL- 2025 जीत लिया। शानदार जीत के बाद विराट कोहली घुटनों पर बैठकर रोने लगे। पत्नी अनुष्का शर्मा के गले लगकर भी काफी देर तक रोते रहे। कुछ देर में हंसते हुए अनुष्का के कान में कुछ कहने लगे। इसके बाद अचानक प्रेमानंद महाराज ट्रेंड होने लगे। क्योंकि, इस जीत के ठीक 21 दिन पहले विराट कोहली और अनुष्का शर्मा वृंदावन में प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंचे थे। इससे पहले विराट ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान किया था। 15 मिनट की इस मुलाकात में सफलता और असफलता के बारीक अंतर को समझा था। पूछा था- असफलता से कैसे उबरें? कहा जा रहा है कि प्रेमानंद महाराज विराट के लिए एक बार फिर लकी साबित हुए। जिस IPL को 2008 से विराट की टीम एक बार भी नहीं जीत सकी थी, उसे कड़े मुकाबले में अपने नाम करके सबको चौंका दिया। इससे पहले 3 बार फाइनल तक पहुंचकर भी RCB को हार का सामना करना पड़ा था। ये विराट की प्रेमानंद महाराज से तीसरी मुलाकात थी। आपको बताते हैं कि कब-कब सबसे खराब दौर में विराट कोहली ने प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की, फिर क्या बदलाव आया? पढ़िए पूरी रिपोर्ट… साल- 2016 वर्ल्ड कप के दौरान विराट क्रिकेट की बुलंदियों पर थे। फिर दौर आया 2020-23 का। क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में उनका प्रदर्शन लगातार गिर रहा था। 2008 में अपने करियर की शुरुआत करने वाले विराट के जीवन में 2020 और 2021 लगातार वो 2 साल थे, जब उनके बल्ले से कोई शतक नहीं निकला। 2022 में भी उनका औसत रन रेट 38.51 था। इसके बाद वह आलोचना के शिकार होने लगे। मानसिक रूप से दबाव में चल रहे विराट 4 जनवरी, 2023 को पत्नी अनुष्का के साथ प्रेमानंद जी महाराज के पास पहुंचे। प्रेमानंद जी ने सीख दी- जीवन में विपरीतता या कष्ट आना ईश्वर की कृपा का संकेत है। ऐसे समय में ईश्वर का नाम जपते रहना चाहिए। जीवन में यश और प्रसिद्धि की भावना को त्यागकर आंतरिक चिंतन में बदलाव लाना चाहिए। प्रेमानंद महाराज ने कहा था- जब जीवन में प्रतिकूलता या कष्ट आते हैं, तो इसका मतलब है कि ईश्वर की कृपा हो रही है। यह व्यक्ति को सही रास्ते पर ले जा रही है। विराट ने पत्नी के साथ महाकाल के दर्शन भी किए और भस्मआरती में भी शामिल हुए। फिर नीम करौरी आश्रम भी गए। इसके बाद क्रिकेट की बुलंदियों पर पहुंच गए और लगातार शतक लगाने लगे। 3 साल बाद उनका औसत रन रेट बढ़कर 66.06 हो गया। प्रेमानंद जी से सवाल- असफलता में हमें कैसे रहना है?
2023 में विराट काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। 2024 के T-20 वर्ल्ड कप में भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा। उन्हें प्लेयर ऑफ टूर्नामेंट मिला। लेकिन, फिर उनकी परफॉर्मेंस गिरने लगी। 2024 में उनका औसत रन रेट 21.95 था। इसके बाद 10 जनवरी, 2025 को विराट पत्नी अनुष्का और बच्चों के साथ प्रेमानंद जी की शरण में आए। तब उन्होंने पूछा था- असफलता से बाहर कैसे निकलें? असफलता में हमें कैसे रहना है? तब प्रेमानंद जी ने कहा था- अभ्यास जारी रखें। असफलता के समय हमें भगवान का चिंतन के साथ धैर्य रखना होगा। यह बड़ा कठिन है। असफलता में कोई कैसे धैर्य रखे? जो सफलता में सम्मान मिलता है, वो असफलता में कैसे मिलेगा? इसीलिए भगवान का चिंतन करना चाहिए। यहां से नई ऊर्जा के साथ विराट कोहली फिर पिच पर उतरे और IPL- 2025 में 11 मैचों में 7 अर्धशतकों की मदद से 505 रन बनाए। उनका औसत 63.12 रन का रहा और 143.46 का स्‍ट्राइक रेट रहा। टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर भी प्रेमानंद जी से मिलने आए
विराट कोहली ने 12 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। अगले ही दिन वह पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ वृंदावन में प्रेमानंद महाराज की शरण में पहुंच गए। प्रेमानंद जी ने विराट और अनुष्का से पूछा- प्रसन्न हो?
इस पर विराट ने मुस्कुराकर कहा- हां। महाराज ने दोनों को आशीर्वाद दिया- जाओ, खूब आनंदित रहो, नाम जप करते रहो। इस पर अनुष्का ने पूछा- बाबा क्या नाम जप से सब कुछ पूरा हो जाएगा? महाराज ने कहा- हां, सब पूरा होगा। महाराज ने कहा कि भगवान ने बिना प्रतिकूलता के इस संसार को छुड़ाने की कोई भी औषधि नहीं रखी। आज तक जितने बड़े महापुरुष हुए हैं, जिनका जीवन बदला, उनको प्रतिकूलता के दर्शन करने पड़े हैं। इसलिए कभी प्रतिकूलता आए तो उस समय आनंदित हों कि मेरे ऊपर अब भगवान की कृपा हो रही है। मुझे सतमार्ग पर चलने की प्रेरणा मिल रही है। अब संत प्रेमानंद महाराज की कहानी, 13 साल की उम्र में घर छोड़ा प्रेमानंद महाराज का जन्म यूपी में कानपुर जिले की नरवल तहसील के अखरी गांव में हुआ था। पिता शंभू नारायण पांडे और मां रामा देवी हैं। 3 भाई हैं, प्रेमानंद मंझले हैं। बचपन में प्रेमानंद जी का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था। वह बचपन से ही आध्यात्मिक रहे। कक्षा 8 तक पढ़ाई की है। बचपन में अनिरुद्ध ने अपनी सखा टोली के साथ शिव मंदिर के लिए एक चबूतरा बनाना चाहा। इसका निर्माण भी शुरू करवाया, लेकिन कुछ लोगों ने रोक दिया। इससे वह मायूस हो गए। उनका मन इस कदर टूटा कि घर छोड़ने का फैसला कर लिया। वह कानपुर होते हुए काशी पहुंचे। जब 13 साल के हुए तो उन्होंने ब्रह्मचारी बनने का फैसला किया। शुरुआत में प्रेमानंद महाराज का नाम ‘आरयन ब्रह्मचारी’ रखा गया। काशी में उन्होंने करीब 15 महीने बिताए। उन्होंने गुरु गौरी शरण जी महाराज से गुरुदीक्षा ली। फिर वह मथुरा आ गए। संन्यासी से राधावल्लभी संत बन गए प्रेमानंद महाराज
प्रेमानंद महाराज वृंदावन पहुंचकर हर रोज बांके बिहारी जी के दर्शन करते। फिर रासलीला रास आई और राधावल्लभ के कार्यक्रमों में जाने लगे। वहां घंटों खड़े रहते। एक दिन एक संत ने श्री राधारससुधानिधि से एक श्लोक पढ़ा, लेकिन महाराज उसे समझ नहीं पाए। फिर एक दिन वृंदावन की परिक्रमा करते समय एक सखी को एक श्लोक गाते हुए सुना। उसे सुनकर महाराज ठिठक गए। श्लोक ऐसा रास आया कि अपना संन्यास धर्म तोड़कर वो उस सखी के पास गए। उससे श्लोक का मतलब पूछा। सखी ने कहा- इसका मतलब समझने के लिए राधावल्लभी होना जरूरी है। इस तरह महाराज राधावल्लभी हो गए। ———————- ये खबर भी पढ़ें… प्रेमानंद महाराज से मिले विराट-अनुष्का, 15 मिनट बात की, विराट के संन्यास पर एक्ट्रेस ने कहा- तुम्हारे आंसू किसी ने नहीं देखे क्रिकेटर विराट कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की है। नाराजगी की खबरों के बीच अब कपल ने प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की है। वहीं दूसरी तरफ अनुष्का ने विराट के संन्यास पर एक भावुक पोस्ट भी शेयर की है। पढ़िए पूरी खबर…

भाजपा नेता के बेटे ने पत्नी के भी वीडियो बनाए:मैनपुरी में बोलीं- सास-ससुर को पता था अफेयर, मुझसे कहा- यहां गूंगी बनकर रहो

भाजपा नेता के बेटे ने पत्नी के भी वीडियो बनाए:मैनपुरी में बोलीं- सास-ससुर को पता था अफेयर, मुझसे कहा- यहां गूंगी बनकर रहो 26 मई, 2025 को मैनपुरी में एक लड़के का अपनी प्रेमिका के साथ अश्लील वीडियो वायरल होता है। वायरल वीडियो की संख्या देखते ही देखते 130 हो गई। ये अलग-अलग दिन और अलग-अलग जगहों पर बनाए गए थे। वीडियो में दिख रहा लड़का कारोबारी है। महिला उसके मोहल्ले की ही रहने वाली तलाकशुदा थी। लड़के की मां बीजेपी से जुड़ी थीं, इसलिए हंगामा शुरू हो गया। लड़के की पत्नी ने मोर्चा खोल दिया और न्याय के लिए पुलिस के पास पहुंच गई। पुलिस ने हर पक्ष की बात सुनी और फिर कार्रवाई शुरू की। लड़के के साढ़ू को वीडियो वायरल करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। इस पूरे मामले में अब आरोप-प्रत्यारोप और बढ़ गया है। दैनिक भास्कर की टीम इस पूरे मामले को समझने मैनपुरी पहुंची। हम लड़के की पत्नी से मिले, फिर लड़के के घर गए। वायरल वीडियो में दिख रही महिला के घर पहुंचे। जो कुछ पता चला, आइए सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं… शादी के बाद भी चलता रहा अफेयर
करहल की शीतल गुप्ता की शादी 30 नवंबर, 2021 को मैनपुरी कस्बे के रहने वाले शुभम गुप्ता के साथ हुई। शुभम का परिवार कारोबारी है। शादी धूमधाम से हुई। शुरुआत में सब कुछ अच्छा रहा। इसके बाद शुभम और शीतल में झगड़ा होने लगा। इस झगड़े की वजह शुभम के घर से 200 मीटर दूर की एक महिला थी। वह तलाकशुदा है। 26 मई को इस मामले में शुभम का उस तलाकशुदा महिला के साथ अश्लील वीडियो वायरल हुआ। उसके बाद हंगामा हो गया। हर पक्ष पुलिस के पास पहुंचा। हम करहल में सबसे पहले शीतल गुप्ता के घर पहुंचे। शीतल ने भी शिकायत दर्ज कराई है। शीतल से हमने पूछा- शादी के बाद पति के साथ आपका रिश्ता कैसा था? शीतल कहती हैं- शुरुआत में कुछ दिन तक रिश्ता ठीक था, लेकिन इसके बाद मेरे साथ बदतमीजी शुरू हो गई। मेरे ससुर भगवत शरण गुप्ता और सास सीमा गुप्ता का भी व्यवहार बदतमीजी वाला हो गया। वहां लोग मुझे कहते कि अनपढ़ और गंवार है। गरीब घर से आकर यहां बौरा गई है। तेरे बाप ने कुछ दिया नहीं, जबकि मेरे पिता और भाइयों ने शादी में 15-16 लाख रुपए खर्च किए। शीतल आगे कहती हैं- इन सबके बीच मुझे पता चला कि मेरे पति का पड़ोस की ही एक महिला से अफेयर चल रहा है। वह शादी से पहले भी उससे मिलते और बात करते थे। शादी के बाद भी मिलना-जुलना करना बंद नहीं किया। पहले वह मुझसे बचकर बात करते। लेकिन, कुछ दिन बाद मेरे ही सामने उससे फोन पर बात करने लगे थे। उसका फोन आता, तो मुझे दिखाते कि तुम्हारे ही सामने बात करूंगा। पत्नी ने पति की प्रेमिका को फोन लगाया- जवाब गाली में मिली
शीतल उस महिला को लेकर कहती हैं- मैं पति से लगातार ऐतराज जताती रही कि उससे मत बात करिए। आपकी शादी हमसे हुई है, लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं मानी। मुझे तो उनका फोन तक छूने की इजाजत नहीं थी। मेरे पास शादी के बाद कोई फोन नहीं था। लेकिन, उस लड़की का नंबर मैंने ले लिया था। मायके आई तो उसे फोन किया। उससे कहा कि हमारी शादी हो चुकी है, तुम मेरे पति से संपर्क नहीं रखो। इस पर उसने मुझे गालियां देनी शुरू कर दीं। शीतल को उनके ससुरालवालों ने ढाई साल तक मायके नहीं भेजा। वह बताती हैं- परिवार के लोग कहते थे कि अगर तुम मायके जाओगी, तो तलाक देकर ही जाना। मैं लगातार ससुराल में ही रही। पिछले साल रक्षाबंधन पर मायके आई। इसके बाद 29 जनवरी को जब यहां से ससुराल गई, तो ज्यादा दिक्कत शुरू हो गई। खाने तक को लेकर झगड़ा होने लगा। पति मेरे भी वीडियो बनाते थे
शीतल अपने पति शुभम के वीडियो बनाने को लेकर कहती हैं- उन्हें वीडियो बनाने का बहुत शौक है। कहीं भी हों, वह वीडियो बनाने लगते हैं। मैं खाना खा रही होती हूं, तब भी वीडियो बनाना शुरू कर देते हैं। झाड़ू लगा रही हूं, तब भी वीडियो बनाने लगते हैं। आप अगर उनका फोन देखिएगा, तो उसमें मेरे खाते हुए, झाड़ू लगाते या फिर कुछ और काम करते हुए बहुत सारे वीडियो मिलेंगे। शीतल कहती हैं- जो वीडियो वायरल हुए, उसे लेकर शुभम और उसके परिवार के लोग कह रहे है कि शादी के पहले के हैं। जबकि, ऐसा नहीं है। एक वीडियो में वह जो ग्रे कलर की टी-शर्ट पहने नजर आ रहे, उसे मैंने इसी साल जनवरी में खरीदकर उन्हें दिया था। ये सारे वीडियो शादी के बाद के ही हैं। हमारे पास तो 10-12 वीडियो ही हैं। बाकी 130 वीडियो कहां से आए और किसने भेजे, हमको नहीं पता। हो सकता है कि इससे भी ज्यादा वीडियो बना रखे हों। इसकी जांच होनी चाहिए। पत्नी का दावा- शुभम ने ही वीडियो भेजा
26 मई को शुभम और उसकी प्रेमिका के अश्लील वीडियो वायरल होने लगे। एक के बाद एक करीब 130 वीडियो वायरल हो गए। हमने शीतल से पूछा कि ये वीडियो वायरल कैसे हुए? शीतल कहती हैं- मेरी शादी मेरे जीजा नीरज गुप्ता ने करवाई थी। नीरज भी मैनपुरी कस्बे के ही रहने वाले हैं। कुछ वक्त के बाद उनसे शुभम का झगड़ा हो गया। बातचीत नहीं होती थी। शुभम ने ही मेरे सामने अपने फोन से नीरज को वीडियो भेजे थे। हमारे जीजा नीरज वो वीडियो पुलिस को सबूत के तौर पर दिखा रहे थे। घर के बाहर सीसीटीवी लगा था। उस वीडियो के चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया है, जबकि यह गलत है। उनके पास तो 130 वीडियो भी नहीं थे। फिर बाकी वीडियो कहां से आए? हम न्याय की गुहार लगा रहे हैं और हमारे ही खिलाफ कार्रवाई हो रही है। हमारी कोई सुनवाई ही नहीं हो रही। भाभी बोलीं- हम ननद के घर पहुंचे तो गालियां दी जा रही थीं
शीतल की भाभी कहती हैं- हमने अच्छा घर देखकर ननद की शादी की थी। झगड़ा शुरू हुआ, तो ननद घर चली आती थी। उससे पूछती, तो वह कहती कि दिक्कत तो है, लेकिन कुछ दिन में सब ठीक हो जाएगा। इतना कहकर वह फिर से चली जाती थी। दिक्कत तो तब हो गई, जब उसके ससुरालवालों ने खाने-पीने तक पर सवाल करना शुरू कर दिया। शीतल की भाभी कहती हैं- 26 मई को जब हंगामा शुरू हुआ, तब हम लोग शुभम के घर पहुंचे। उन्होंने गेट ही नहीं खोला। छत के ऊपर से गालियां दी जा रही थीं। 112 नंबर पर फोन करके पुलिस को बुलाया। पुलिसवालों ने भी आवाज दी, लेकिन गेट नहीं खोला। दरोगा आए, तब जाकर गेट खोला। पुलिस को हमने सबूत के रूप में वीडियो दिखाया था, हमने किसी को शेयर नहीं किया था। ससुरालवाले बोले- बहू का अपने जीजा से संबंध
हम मैनपुरी में शुभम गुप्ता के घर पहुंचे। घर अंदर से बंद था। आवाज लगाई, तो कुछ देर बाद शुभम की बहन दरवाजे तक आई। उन्होंने कैमरे पर बात करने से इनकार किया। हमारा नंबर लिखा और कहा कि हम अपना पक्ष आपको लिखित में भेज देते हैं। कुछ ही देर बाद हमारे पास शुभम की मां सीमा गुप्ता का पक्ष आ गया। वह कहती हैं- मेरा बेटा शादी के पहले एक लड़की को पसंद करता था। वह उससे शादी करना चाहता था। इसी बीच नीरज गुप्ता घर आए और उस लड़की के खिलाफ भड़काकर बेटे की शादी अपनी साली शीतल गुप्ता से करा दी। सीमा गुप्ता ने अपनी बहू पर आरोप लगाया कि शीतल का अपने जीजा नीरज गुप्ता के साथ अवैध संबंध है। वह दिन-रात उसी से बात किया करती थी। जब रोका जाता, तो लड़ने लगती। इसी के चलते मेरे बेटे के फोन में रखे पुराने फोटो-वीडियो को वायरल कर दिए गए। इसने एक बार भी नहीं सोचा कि उस महिला (वीडियो में दिख रही) का क्या होगा? वह तो जीते जी मर गई, उसे इंसाफ नहीं मिल रहा। जिसका वीडियो वायरल, वह 10 दिन से घर से नहीं निकली
इसके बाद हम उस महिला के घर पहुंचे, जो शुभम के साथ वीडियो में नजर आ रही थी। घर के लोग अब अंदर ही कैद होकर रह गए हैं। दरवाजा खटखटाने पर भी बाहर नहीं निकलते। मोहल्ले में हर व्यक्ति के पास अब ये अश्लील वीडियो हैं। वहीं से पता चला कि इस महिला की शादी 15 साल पहले कानपुर में हुई थी। 2012 में तलाक हो गया था। उसके बाद से महिला यहीं अपने मायके में रहती है। पास के ही एक कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाती थी। वीडियो वायरल होने के बाद इस महिला ने शीतल, नीरज और नीरज की पत्नी खुशबू के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। पुलिस ने नीरज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं, शीतल की तरफ से पति शुभम, सास सीमा, ससुर भगवत शरण गुप्ता और ननद के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। शुभम फिलहाल फरार है। सीमा, भगवत शरण और ननद ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया और फिर उन्हें जमानत मिल गई। कहीं यह वीडियो बेचने के लिए तो नहीं बने
लोगों के बीच शुभम और उसकी प्रेमिका के 130 वीडियो वायरल हैं। इस बात की भी संभावना है कि वीडियो की संख्या और ज्यादा हो सकती है। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही कि कहीं ये वीडियो किसी पोर्न साइट पर बेचने के लिए तो नहीं बनाए जा रहे थे। क्योंकि, कुछ वीडियो पोर्न साइट पर भी पहुंच गए हैं। हालांकि, ये वीडियो वायरल होने के बाद पहुंचे हैं। पुलिस इस पूरे मामले पर निगरानी रख रही है। लोगों से उनकी अपील है कि अगर फोन में ये वीडियो हैं, तो डिलीट कर दें। किसी को भेजने या फिर कहीं सोशल मीडिया पर शेयर करने पर कार्रवाई की जाएगी। ———————— ये खबर भी पढ़ें… सेना के झंडे, वर्दी में अफसर…लेकिन है फर्जी ट्रेनिंग सेंटर, मैनपुरी में सेना भर्ती के नाम पर 600 को ठगा; मां कर रही 5000 में नौकरी यूपी के मैनपुरी का किशनी इलाका। यहीं जटपुरा चौराहे के पास 22 बीघा खाली जमीन है। इसमें सेना की अलग-अलग बटालियन के झंडे लगे हैं। बड़े-बड़े टायर, ऊंचे-ऊंचे पोल लगे हैं। इसमें रस्से बंधे हैं। निशानेबाजी के लिए शूटिंग टारगेट लगा रखे हैं। इस सबको देखने से किसी को भी लग सकता है कि यह आर्मी का ट्रेनिंग कैंप है। लेकिन, ऐसा नहीं है। असल में यह ठगी का अड्डा है। पढ़ें पूरी खबर

सेंगोल-संविधान के नाम पर भाजपा को घेर रही सपा:कहा- देश राजा के डंडे से नहीं चलेगा; क्या यह राहुल गांधी से मुद्दा झटकने की तैयारी?

सेंगोल-संविधान के नाम पर भाजपा को घेर रही सपा:कहा- देश राजा के डंडे से नहीं चलेगा; क्या यह राहुल गांधी से मुद्दा झटकने की तैयारी? समाजवादी पार्टी ने संसद भवन से सेंगोल हटाकर उसकी जगह संविधान की कॉपी रखने की मांग फिर उठाई है। सपा सांसद आरके चौधरी ने इसके खिलाफ बाकायदा अभियान शुरू कर दिया है। हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है जब सपा ने सेंगोल का विरोध किया है। सपा सांसद आरके चौधरी पहले भी ये मुद्दा उठाते रहे हैं। लेकिन, बड़ा सवाल ये है कि संसद में स्थापना के 2 साल बाद इसे लेकर अब क्यों विवाद छिड़ा? समाजवादी पार्टी इस मुद्दे को फिर क्यों उठा रही? क्या समाजवादी पार्टी चुनावी फायदे के लिए ऐसा कर रही है? इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं… पहले जानते हैं सपा अभियान के तहत क्या कर रही?
भारतीय संसद में सेंगोल की स्थापना 28 मई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इसे नए संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास स्थापित किया गया है। 28 मई, 2025 को इसके 2 साल पूरे होने पर समाजवादी पार्टी ने कॉन्स्टिट्यूशन क्लब दिल्ली में सेमिनार किया। सेंगोल हटाकर संविधान की कॉपी रखने की मांग सपा ने फिर उठाई। सपा ने बाकायदा इसके विरोध में अभियान शुरू कर दिया। इस अभियान को सपा सांसद आरके चौधरी लीड कर रहे हैं। आरके चौधरी सेंगोल को भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरा बता रहे हैं। आरके चौधरी कहते हैं- पहले दिल्ली के आसपास के राज्यों में इसे लेकर सेमिनार होगा। इसके बाद यूपी के लखनऊ, मेरठ, कानपुर, इलाहाबाद, फैजाबाद मंडल मुख्यालय पर सेमिनार करेंगे। तीसरे चरण में यूपी के 20 जिलों में इस मुद्दे को लेकर जाएंगे। जनता को बताएंगे कि संसद लोकतंत्र का मंदिर है, किसी राजा-रजवाड़े का राजमहल नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ी तो इसके लिए हम धरना-प्रदर्शन के लिए भी तैयार हैं। सेंगोल की स्थापना पूरी तरह से असंवैधानिक है। देश संविधान से चलेगा, न कि राजा के डंडे से। सपा क्यों उठा रही सेंगोल का मुद्दा, क्या हैं राजनीतिक मायने?
राजनीतिक विश्लेषक और लखनऊ यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रविकांत से हमने इस मसले पर बात की। वह कहते हैं- सपा सेंगोल के बहाने संविधान के मुद्दे को उठाना चाहती है। इसका फायदा सपा और कांग्रेस गठबंधन को 2024 चुनाव में मिला था। संविधान और जातीय जनगणना दोनों मुद्दों को राहुल गांधी ने पकड़ लिया है। ऐसे में अब सपा सेंगोल के बहाने संविधान के मुद्दे को उठाकर केंद्र सरकार को हिट करना चाहती है। इसीलिए उसने अब ये मुद्दा उठाया है। इसमें नफा नुकसान की बात नहीं, बल्कि इससे एक नरेटिव सेट होगा कि सेंगोल संविधान के खिलाफ है और सपा उसका विरोध कर रही है। वरिष्ठ पत्रकार सैयद कासिम कहते हैं- सेंगोल का उपयोग आखिरी बार मुगल काल में देखा गया था। यह राजशाही का प्रतीक है। आधुनिक लोकतंत्र में संविधान ही सर्वोच्च है। सेंगोल जैसे प्रतीकों की प्रासंगिकता संदिग्ध है। आरके चौधरी ने जो मुद्दा उठाया है, वो लाभ-हानि का नहीं, बल्कि नरेटिव सेट करने का है। संसद में क्यों नहीं किया विरोध?
सेंगोल की स्थापना के 2 साल बाद सपा मुद्दा क्यों उठा रही है? इसे लेकर एनडीए में शामिल अपना दल की मिर्जापुर से सांसद और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सवाल उठाया। अनुप्रिया पटेल का कहना है कि सपा अब इस मामले को क्यों उठा रही है? इसके जवाब में सपा प्रवक्ता मनोज यादव कहते हैं- सेंगोल को लेकर हमारी पार्टी पहले दिन से विरोध कर रही है। मुद्दे बहुत सारे होते हैं, उनमें कुछ पीछे रह जाते हैं और कुछ चर्चा का विषय रहते हैं। यह मुद्दा पीछे रह गया था, इसलिए सपा ने इसे दोबारा उठाया है। सेंगोल स्थापना की वर्षगांठ के मौके पर पार्टी ने अभियान छेड़ा है, जिसे आगे लेकर जाया जाएगा। मनोज यादव का कहना है कि सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है। भारत लोकतंत्र से चलेगा, न कि सेंगोल से। जहां तक फायदे और नुकसान की बात है, तो समाजवादी पार्टी इसके लिए काम नहीं करती। हम लोकतांत्रिक व्यवस्था पर विश्वास करते हैं। पार्टी संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए हर मुद्दे की लड़ाई पहले भी लड़ती रही है और आगे भी लड़ेगी। आखिर में जानिए सेंगोल क्या है?
सेंगोल 5 फीट लंबी और 2 इंच मोटी एक ऐतिहासिक महत्व वाली छड़ी है। सेंगोल तमिल भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है ‘राजदंड’ या ‘राजा की छड़ी’। यह तमिल के शब्द सेम्मई से लिया गया है, जो न्याय और निष्पक्ष शासन का प्रतीक माना जाता है। ऐतिहासिक रूप से चोल राजवंश के समय सेंगोल सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक था। 14 अगस्त, 1947 को जब भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली, तब तमिलनाडु के तिरुवावटुतुरै अधीनम मठ के पुजारियों ने लॉर्ड माउंटबेटन से सेंगोल लेकर पंडित जवाहरलाल नेहरू को सौंपा था। यह सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक था। सेंगोल को चेन्नई के सुनार वुमुदी बंगारू चेट्टी ने बनाया था। संसद में रखे सेंगोल पर सोने की परत चढ़ाई गई है। अगले हिस्से पर भगवान शिव के नंदी विराजमान हैं, जिन्हें न्याय का प्रतीक माना जाता है। सेंगोल के बाकी हिस्से पर गेहूं और चावल के दाने जैसे चित्र उकेरे गए हैं। ये खेती और समृद्धि को दर्शाते हैं। ———————— ये खबर भी पढ़ें… मधुमक्खी कांड- निरीक्षण करने या पिकनिक मनाने गए थे अफसर?, ललितपुर में कर्मचारियों ने कहा- जंगल में 150 छत्ते, मत जाइए तारीख- 25 मई 2025, दिन- रविवार। 40-50 अफसर और कर्मचारियों की टीम ललितपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर देवगढ़ गांव पहुंची। अचानक मधुमक्खियों ने हमला बोल दिया। ADM नमामि गंगे राजेश श्रीवास्तव को 500 से ज्यादा डंक मारे। CDO कमलाकांत ने भागकर अपना मुंह मिट्टी में दबा लिया। अफसरों की चीख-पुकार सुनकर गांव वाले न पहुंचते, तो शायद जान भी चली जाती। ADM को आईसीयू में एडमिट कराना पड़ा। करीब 30 लोगों पर मधुमक्खियों ने हमला किया। पढ़ें पूरी खबर

यूपी पंचायत चुनाव के लिए भाजपा का मास्टर प्लान:4 रणनीति से देगी विरोधियों को मात, सहयोगी दल बिगाड़ सकते हैं खेल

यूपी पंचायत चुनाव के लिए भाजपा का मास्टर प्लान:4 रणनीति से देगी विरोधियों को मात, सहयोगी दल बिगाड़ सकते हैं खेल भाजपा पंचायत चुनाव- 2026 को विधानसभा चुनाव 2027 का सेमीफाइनल मानते हुए पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरेगी। हालांकि, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के घटक दलों ने एनडीए से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर उसकी मुसीबत बढ़ा दी है। लेकिन, फिर भी भाजपा ने करीब 8 महीने पहले ही मास्टर प्लान बनाकर चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा विपक्षी दलों को कैसे मात देने की तैयारी कर रही है, विस्तार से पढ़िए… इन 4 रणनीति से लक्ष्य साधेगी भाजपा 1- राजनीतिक फायदे के हिसाब से होगा परिसीमन
भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा कि पार्टी जल्द पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू करने जा रही है। इसके लिए परिसीमन और मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्यक्रम अलग-अलग चलेगा। पार्टी मंडल और जिला स्तर पर इसके लिए टीम बनाएगी। यानी क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के वार्ड परिसीमन पर पार्टी की नजर है। पार्टी की रणनीति है कि परिसीमन इस तरह किया जाए, जो भाजपा प्रत्याशियों के लिए मुफीद हो। पार्टी ने परिसीमन के लिए जिला स्तर पर 4 और मंडल स्तर पर 3 सदस्यीय कमेटी बनाने का फैसला किया है। कमेटी के सदस्य पंचायत राज विभाग के अधिकारियों के साथ परिसीमन में सहयोग करेंगे। परिसीमन इस तरह किया जाएगा कि वार्ड में भाजपा समर्थित मतदाताओं की संख्या अधिक हो। जिससे भाजपा के अधिक से अधिक सदस्य चुनाव जीत सकें। 2- दस से 20 फीसदी मतदाता बढ़ाने का लक्ष्य
भाजपा ने पंचायत चुनाव में मतदाता सूची के पुनरीक्षण की भी तैयारी शुरू की है। इसके लिए प्रदेश स्तर से नजर रखी जाएगी। मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए जिला और मंडल स्तर पर समिति बनाई जा रही है। वहीं, हर बूथ पर 10 से 20 फीसदी मतदाता बढ़ाने, फर्जी मतदाताओं के नाम हटवाने का लक्ष्य है। इसमें खासतौर पर भाजपा और आरएसएस समर्थित मतदाताओं के नाम ही सूची में शामिल कराने पर फोकस किया जाएगा। 3- ग्राम प्रधान तक का चुनाव लड़ाने की तैयारी
यूं तो ग्राम पंचायत के प्रधान का चुनाव राजनीतिक सिंबल पर नहीं होता। लेकिन, भाजपा ने ग्राम प्रधान तक चुनाव में अपने कार्यकर्ताओं को उतारने की तैयारी की है। पार्टी किसी को सिंबल नहीं देगी। लेकिन जो भी कार्यकर्ता ग्राम प्रधान का चुनाव जीतेगा, उसे अपना संरक्षण अवश्य देगी। वह क्षेत्र में भाजपा के ग्राम प्रधान के रूप में पहचान रखेगा। पार्टी के नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव में मतदान कराने में ग्राम प्रधान की अहम भूमिका होती है। भाजपा के पास जितने अधिक ग्राम प्रधान होंगे, उतना ही आने वाले विधानसभा चुनाव में फायदा मिलेगा। 4- भाजपा तैयार करेगी नई लीडरशिप
भाजपा के एक नेता बताते हैं कि पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव पार्टी की नई लीडरशिप तैयार करने का सबसे अच्छा जरिया है। पार्टी क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर ऐसे युवाओं और महिलाओं को मौका देगी, जो आगे चलकर विधायक और सांसद उम्मीदवार बन सकें। अब जानिए भाजपा के रास्ते में रोड़ा क्या हैं? 1- सहयोगी दल बिगाड़ेंगे खेल
सुभासपा, निषाद पार्टी और अपना दल (एस) ने पंचायत चुनाव अपने दम पर अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि पूर्वांचल में एनडीए की ताकत अपना दल, निषाद पार्टी और सुभासपा हैं। वहीं, पश्चिमी यूपी के ग्रामीण इलाकों में सहयोगी दल रालोद का प्रभाव है। ऐसे में पूर्वांचल और पश्चिम में सहयोगी दलों के प्रत्याशी खड़े होने से भाजपा की मुसीबत बढ़ेगी। खासतौर पर कुर्मी, राजभर, बिंद, निषाद, कश्यप, जाट समाज के वोट बैंक में नुकसान होने की आशंका बनी रहेगी। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रतनमणि लाल कहते हैं- भाजपा को 7-8 साल में मजबूती मिली है। उसकी वजह भाजपा का निचले स्तर पर संगठन मजबूत होना है। भाजपा हमेशा चुनावी मोड में रहती है। वह अपने नुकसान को रोकने के लिए क्षेत्रीय दलों को सीटें के बंटवारे के लिए तैयार कर सकती है। 2- पंचायत चुनाव सीधे हुआ तो होगा नुकसान
यूपी में ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता से कराने की भी अटकलें चल रही हैं। पंचायत राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने इस संबंध में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने की बात कही है। भाजपा के राज्यसभा सदस्य अमरपाल मौर्य ने भी राज्यसभा में इसकी मांग उठाई थी। मौर्य का कहना है कि केंद्र सरकार इस पर सहमत हो सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव सीधे कराया गया और एनडीए के घटक दल अपने दम पर चुनाव लड़े, तो भाजपा को नुकसान होगा। ऐसे में भाजपा सीटों का बंटवारा करने पर मजबूर होगी। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्रनाथ भट्‌ट का कहना है- भाजपा में 10 साल से चर्चा हो रही है कि ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव सीधे कराया जाए। पंचायतों में अभी भी बहुत ज्यादा भ्रष्टाचार है। अगर भ्रष्टाचार को दूर करना और चुनाव को आसान बनाना है, तो सीधे चुनाव होना चाहिए। सदस्य चुनाव में हो गया था भाजपा को नुकसान
2021 में मार्च से मई के बीच कोविड-19 की दूसरी लहर उफान पर थी। उसी दौरान यूपी में ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव हुए थे। सदस्यों के चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया था। जिला पंचायत सदस्य के 3050 वार्डों में से भाजपा के 543, सपा को 699, बसपा 357 और 1061 निर्दलीयों ने जीत दर्ज की थी। क्षेत्र पंचायत सदस्यों में भी भाजपा 30 फीसदी वार्ड ही जीते थे। लेकिन उसके बाद क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बड़ी संख्या में सपा, बसपा और निर्दलीय भाजपा के समर्थन में उतर गए थे। जनप्रतिनिधियों और नेताओं को भी पंचायत चुनाव का इंतजार
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि भाजपा और सपा के जनप्रतिनिधियों और दोनों दलों के नेताओं को भी पंचायत चुनाव का इंतजार है। पंचायत चुनाव के जरिए जनप्रतिनिधि और नेता अपनी दूसरी पीढ़ी को राजनीति के मैदान में उतारना चाहते हैं। पिछले चुनाव में भी तत्कालीन ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह मोती सिंह, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, मौजूदा पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह सहित कई विधायक, सांसद और मंत्रियों के परिजन ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष बने थे। ———————– ये खबर भी पढ़ें… मधुमक्खी कांड- निरीक्षण करने या पिकनिक मनाने गए थे अफसर?, ललितपुर में कर्मचारियों ने कहा- जंगल में 150 छत्ते, मत जाइए; जानिए पूरी सच्चाई तारीख- 25 मई 2025, दिन- रविवार। 40-50 अफसर और कर्मचारियों की टीम ललितपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर देवगढ़ गांव पहुंची। अचानक मधुमक्खियों ने हमला बोल दिया। ADM नमामि गंगे राजेश श्रीवास्तव को 500 से ज्यादा डंक मारे। CDO कमलाकांत ने भागकर अपना मुंह मिट्टी में दबा लिया। अफसरों की चीख-पुकार सुनकर गांव वाले न पहुंचते, तो शायद जान भी चली जाती। ADM को आईसीयू में एडमिट कराना पड़ा। करीब 30 लोगों पर मधुमक्खियों ने हमला किया। पढ़ें पूरी खबर

योगी बोले- रविकिशन के पास खिलाने के लिए जगह नहीं:तभी गोरखपुर में कल्याण मंडपम बनवाया, अब सस्ते में 300 लोगों को बुलाइए

योगी बोले- रविकिशन के पास खिलाने के लिए जगह नहीं:तभी गोरखपुर में कल्याण मंडपम बनवाया, अब सस्ते में 300 लोगों को बुलाइए CM योगी ने गोरखपुर के सूरजकुंड में कल्याण मंडपम का उद्घाटन किया। योगी ने मंच पर मौजूद सांसद रविकिशन की चुटकी ली। योगी ने कहा- रविकिशन ने अपने घर के पास जगह नहीं छोड़ी कि कभी आप लोगों को खिलाने के लिए बुला सकें। लेकिन, हमने कल्याण मंडपम में ये सब व्यवस्था दी है। इस मंडपम में करीब 250-300 लोगों के बैठने का हॉल है। किचन है। ऊपर भी हॉल है। छह अटैच रूम भी हैं। ये सभी AC हैं। अतिथियों के स्वागत और पार्किंग के लिए जगह बनाई गई है। क्योंकि अतिथि आएंगे तो हॉल में कार्यक्रम होगा और भोजन बाहर कर सकेंगे। नगर निगम ने इस भवन को 4.52 करोड़ रुपए की लागत से तैयार कराया है। ये लगभग 35,500 वर्ग फीट में फैला है। रविकिशन जी के पास पैसा है, गरीब के पास नहीं : CM योगी ने कहा- किसी भी सभ्य समाज के लिए उसकी जरूरत के हिसाब से संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी होती है। सुविधाओं को जितना सरल बना सकेंगे, उतनी ही परेशानी दूर होगी। आज आय के हिसाब से अलग-अलग तबके के लोगों के लिए सुविधाओं को हम आसान बना रहे हैं। जैसे- रविकिशन जी के पास पैसा है तो वह 12-15 लाख रुपए खर्च कर सकते हैं। लेकिन, जिस गरीब के पास पैसा नहीं है उसको सरकार भी सपोर्ट करती है। हम सरकार की ओर से सामूहिक विवाह में 1 लाख रुपए देते हैं। ऐसे ही मांगलिक कार्यक्रम के लिए 11 हजार या 25 हजार में इतना बड़ा कल्याण मंडपम दे रहे हैं।सस्ते में कम आय वाले लोगों के लिए सुविधाएं मिल सकेंगी। मांगलिक कार्यक्रम के लिए बुक करा सकेंगे। 5 मंडपम अभी बन रहे, गोरखपुर में ऐसे 7 मंडपम होंगे
योगी ने कहा- गोरखपुर नगर निगम प्रदेश का पहला निगम है, जिसने यह पहल शुरू की। गोरखपुर में यह 7वां कल्याण मंडपम है। इसमें से एक मंडपम का पहले उद्घाटन हो गया है। एक मंडपम का उद्घाटन आज हो रहा है। 5 मंडपम अभी बन रहे हैं। मैंने तो अपनी विधायक निधि का पूरा पैसा इसी तरह के कल्याण मंडपम के लिए दे दिया है। बेटी उचक्कों से, व्यापारी चोर-लुटेरों से बच सके, इसकी व्यवस्था
योगी ने कहा- स्मार्ट सिटी को सेफ सिटी में बदलना सरकार की प्राथमिकता है। जहां हर व्यक्ति अपने आपको सेफ महसूस कर सके। बेटी उचक्कों से, व्यापारी चोर-लुटेरों से… इनके बचाव की पुख्ता व्यवस्था हो। जो भी इसमें सेंध लगाए उसे पता होना चाहिए कि क्या होगा। रविकिशन बोले- सपा सरकार में रामगढ़ ताल के पास हत्या होती थी योगी से पहले कार्यक्रम को सांसद रविकिशन ने संबोधित किया। उन्होंने कहा- सपा सरकार में रामगढ़ ताल के पास जहां लोग हत्या करते थे, बहन-बेटियों को छेड़ते थे। उस जगह पर महाराज जी (योगी) ने आज रोजगार की व्यवस्था कर दी है। CCTV से लैस है। किसी की हिम्मत नहीं कि बहन-बेटियों को छेड़ सके। निजी आयोजन के लिए महंगी जगह नहीं बुक करना होगा
नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने उद्घाटन से एक दिन पहले गुरुवार को मंडपम का निरीक्षण किया। मंडपम मिलने से सूरजकुंड क्षेत्र के 10 वार्डों की लगभग दो लाख आबादी को सीधा लाभ मिलेगा। लोगों को अब निजी आयोजनों के लिए महंगी जगहों पर बुकिंग नहीं करनी पड़ेगी। योगी से जुड़ी 3 तस्वीरें देखिए आयुष- MGU का निरीक्षण कर सकते हैं मुख्यमंत्री
योगी आज आयुष विश्वविद्यालय और महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का भी निरीक्षण कर सकते हैं। इन संस्थानों में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संभावित दौरे को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं। राष्ट्रपति 30 जून को आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण कर सकती हैं और गोरखनाथ विश्वविद्यालय में ऑडिटोरियम के उद्घाटन, स्टेडियम के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल हो सकती हैं। इसको लेकर गुरुवार को जिलाधिकारी और कमिश्नर ने भी स्थलों का निरीक्षण किया। ———————– ये खबर भी पढ़िए- यूपी पंचायत चुनाव के लिए भाजपा का मास्टर प्लान: 4 रणनीति से देगी विरोधियों को मात, सहयोगी दल बिगाड़ सकते हैं खेल भाजपा पंचायत चुनाव- 2026 को विधानसभा चुनाव 2027 का सेमीफाइनल मानते हुए पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरेगी। हालांकि, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के घटक दलों ने एनडीए से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर उसकी मुसीबत बढ़ा दी है। लेकिन, फिर भी भाजपा ने करीब 8 महीने पहले ही मास्टर प्लान बनाकर चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। पढ़ें पूरी खबर…

मेरठ में ऑनर किलिंग…बेटी का सिर काटकर नहर में फेंका:बॉयफ्रेंड से बात करने पर मां ने भाई और भतीजों के साथ मिलकर काट डाला

मेरठ में ऑनर किलिंग…बेटी का सिर काटकर नहर में फेंका:बॉयफ्रेंड से बात करने पर मां ने भाई और भतीजों के साथ मिलकर काट डाला मेरठ में ऑनर किलिंग का मामला सामने आया है। प्रेमी से बात करने पर नाराज मां ने दो नाबालिग बेटों और मायके वालों के साथ मिलकर बेटी की गला काटकर हत्या कर दी। मां ने बेटी के हाथ पकड़े और ममेरे-मौसेरे भाइयों ने धारदार हथियार से गर्दन काट दी। शव को ठिकाने लगाने के लिए धड़ और सिर को दो कारों में अलग-अलग रखकर ले गए। घर से 13 किमी दूर बहादुरपुर नहर में धड़ फेंक दिया। फिर वहां से 10 किमी दूर जानी गंगनहर में सिर फेंक दिया। लोगों की सूचना पर पुलिस पहुंची और सिर कटी लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। मॉर्च्युरी में लड़की की सलवार की जेब में एक पर्ची मिली, जिसमें मोबाइल नंबर लिखा था। इसी आधार पर लड़की की पहचान दौराला थाना क्षेत्र के दादरी गांव निवासी आस्था उर्फ तनिष्का (17) के रूप में हुई। पुलिस लड़की के घर पहुंची तो मां ने बताया कि वह बुधवार से लापता है। शक के आधार पर पुलिस ने मां और नाबालिग भाइयों को हिरासत में लेकर बात की तो मां ने वारदात कबूल कर ली। इसके बाद पुलिस ने लड़की के दो मामा और ममेरे भाइयों को हिरासत में ले लिया। लड़की का कटा सिर अभी तक नहीं मिल पाया है। लड़की के पिता रमेश सीआरपीएफ में छत्तीसगढ़ में तैनात हैं। मामला परतापुर थाना क्षेत्र का है। नहर में मिली थी सिर कटी लाश
गुरुवार सुबह थाना क्षेत्र के बहादुरपुर से पूठ की तरफ जाने वाले नहर में ग्रामीणों ने एक लड़की की सिर कटी लाश देखी। सूचना पर पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव की शिनाख्त के लिए सोशल मीडिया पर भी फोटो भेजा। शव को मॉर्च्युरी में रखवा दिया। यहां उसकी सलवार की जेब से एक पर्ची मिली। जिस पर एक मोबाइल नंबर लिखा हुआ था। पुलिस ने उस मोबाइल पर कॉल किया था तो वह नंगली गांव के विकास का निकला। विकास ने बताया- कि छात्रा का नाम आस्था उर्फ तनिष्का (17) है। वह दौराला थाना क्षेत्र के दादरी गांव की रहने वाली है। वह कक्षा 12 में पढ़ती है। मेरा उसके साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। इसी आधार पर पुलिस छात्रा के घर पहुंची। परिजनों ने पुलिस को बताया कि लड़की बुधवार से लापता है। मां बोली- बॉयफ्रेंड से बात कर रही थी, इसलिए मार डाला
पुलिस ने छात्रा की मां राकेश देवी और उसके दो नाबालिग भाई ( 14 और 11 साल ) को हिरासत में ले लिया और कड़ाई से पूछताछ की। पूछताछ में मां ने जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि बुधवार दोपहर बेटी मोबाइल पर अपने बॉयफ्रेंड से बात कर रही थी। मैंने उसका फोन छीन लिया। हम दोनों में हाथापाई भी हुई। फिर मैंने मायके महरौली से अपने भाई और भतीजों को बुला लिया। मैंने आस्था के हाथ पकड़े और भतीजों ने उसकी गर्दन काटकर अलग कर दी। गंग नहर में छात्रा का सिर खोजती रही पुलिस
एसएसपी डा. विपिन ताडा ने बताया, ममेरे भाई मंजीत उर्फ मोनू की निशानदेही पर आस्था के कटे हुए सिर की तलाश गुरुवार देर रात तक जारी रही। एसपी सिटी, एएसपी ब्रह्मपुरी, परतापुर थाना पुलिस की टीमें कई जगहों पर तलाश कर रही हैं। पुलिस की एक टीम मोनू को साथ लेकर जानी गंग नहर के पास पहुंची। पुलिस ने आस्था की मां, दो नाबालिग भाई, मामा कमल और समरपाल सिंह, ममेरे भाई मंजीत को हिरासत में ले लिया है। मौसेरे भाई गौरव की तलाश की जा रही है। पुलिस ने एक कार बरामद कर ली है, जिससे धड़ को ले जाया गया था। पुलिस ने बताया कि छात्रा के पिता रमेश के संलिप्तता की भी जांच की जा रही है। एक साल से चल रहा था प्रेम प्रसंग
पुलिस के मुताबिक, तीन बच्चों में आस्था सबसे बड़ी थी। गांव सकौती के सूरजमल स्कूल में 12 में पढ़ रही थी। एक साल पहले फेसबुक पर उसकी दोस्ती नंगली गांव निवासी विकास से हुई थी। वह बीए की पढ़ाई कर रहा है। दोस्ती कुछ दिन बाद प्यार में बदल गई। दोनों चोरी छिपे मिलने लगे। दोनों के बीच शादी की बात हो गई। 28 मई को विकास छात्रा से मिलने उसके घर पहुंच गया। परिवार के लोगों ने दोनों को देख लिया। परिवार के लोगों ने लड़की को धमकाया कि अब इससे नहीं मिलना। मगर छात्रा ने कहा कि वह विकास से शादी करेगी। इससे परिजन गुस्से में थे। ……………….. ये खबर भी पढ़िए- 3 पुलिसचौकियों के बीच ढाई साल की बच्ची से रेप:लखनऊ में मां के पास से उठा ले गया दरिंदा, जहां-जहां से गुजरी खून फैला लखनऊ में आलमबाग मेट्रो स्टेशन के नीचे मां के साथ सो रही 3 साल की बच्ची को दरिंदा उठा ले गया। उसने बच्ची के साथ रेप किया। बच्ची बेहोश हो गई तो उसे मरा समझकर झाड़ियों में फेंककर चला गया। बच्ची के साथ किया गया यह हादसा राजधानी को शर्मसार करने वाला है। भास्कर रिपोर्टर ने ग्राउंड जीरो पर हालात जाने। जहां बच्ची मां के साथ सो रही थी, वह स्थान पिंक बूथ सहित 3 चौकियों से घिरा है। मतलब उसके आसपास 3 पुलिस चौकियां हैं। दरिंदा सोती हुई मासूम को रात में उठा ले गया। कुछ दूर जाकर उसने रेप किया। लहूलुहान बच्ची की सूचना के बाद उसे रेप वाली जगह से जहां-जहां ले जाया गया, हर जगह खून के बड़े धब्बे के निशान मिले। पढ़ें पूरी खबर

बकरीद पर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध:डीजीपी बोले, शुरू न हो कोई न परंपरा, सड़कें न हों बाधित

बकरीद पर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध:डीजीपी बोले, शुरू न हो कोई न परंपरा, सड़कें न हों बाधित डीजीपी राजीव कृष्ण के निर्देश पर बकरीद के त्योहार को सकुशल और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए पुलिस महकमे ने व्यापक तैयारियां की हैं। बकरीद का त्योहार 7 जून को देश भर में मनाया जाएगा। डीजीपी ने कहा है कि त्योहार रजिस्टर और रजिस्टर नं. 8 को देख लें और तय करें कि कोई नई परंपरा शुरू न हो। धर्मगुरुओं, पीस कमेटी, सिविल डिफेंस और प्रमुख नागरिकों के साथ समन्वय स्थापित कर गोष्ठियां आयोजित की गई हैं। विगत वर्षों में बकरीद के दौरान हुई घटनाओं की समीक्षा कर विवादों का विधिक समाधान और निरोधात्मक कार्रवाई की गई है। सार्वजनिक मार्गों को बाधित न होने देने, प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी पर सख्ती और कुर्बानी के अवशेषों के निस्तारण के लिए नगर निगम व अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित किया गया है। धार्मिक स्थलों के आसपास प्रभावी गश्त, प्रातःकालीन चेकिंग और पोस्टर पार्टियों द्वारा आपत्तिजनक सामग्री की जांच की जा रही है। साम्प्रदायिक तत्वों पर निगरानी और चेतावनी देने की कार्रवाई के साथ-साथ हॉटस्पॉट चिन्हित कर अतिरिक्त पुलिस, पीएसी और होमगार्ड बल तैनात किए गए हैं। यूपी-112 के पीआरवी वाहनों के रूट का पुनर्निर्धारण कर रिस्पॉन्स टाइम को बेहतर किया गया है। फुट पेट्रोलिंग को और प्रभावी बनाया गया है, जिसमें राजपत्रित अधिकारी भी शामिल हैं। सभी जनपदों में क्यूआरटी (क्विक रिएक्शन टीमें) गठित कर दंगा निरोधी उपकरणों के साथ रणनीतिक तैनाती की गई है। सोशल मीडिया पर अफवाहों और भड़काऊ सामग्री पर कड़ी नजर रखी जा रही है। 2623 संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल डीजीपी के प्रवक्ता ने बताया कि 2623 संवेदनशील स्थानों, हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए हैं। जहां अतिरिक्त पुलिस बल लगाया जा रहा है। 2134 क्यूआरटी टीमें गठित की गई हैं। मुख्यालय स्तर से 2 अपर पुलिस अधीक्षक, 6 पुलिस उपाधीक्षक, 51 कंपनी पीएसी और 3 कंपनी आरआरएफ उपलब्ध कराए गए हैं। डीजीपी ने सभी अधिकारियों को सतर्कता और समन्वय के साथ त्योहार को शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के निर्देश दिए हैं।

यूपी पुलिस में अगले हफ्ते आएगी 23,763 पदों पर भर्ती:4,543 दरोगा मिलेंगे; उम्र में 3 साल की छूट, 35 लाख से अधिक आवेदन आएंगे

यूपी पुलिस में अगले हफ्ते आएगी 23,763 पदों पर भर्ती:4,543 दरोगा मिलेंगे; उम्र में 3 साल की छूट, 35 लाख से अधिक आवेदन आएंगे यूपी पुलिस में बड़े पैमाने पर भर्ती होने वाली है। DGP मुख्यालय ने हाल ही में पुलिस भर्ती बोर्ड को कॉन्स्टेबल के 19,220 और सब इंस्पेक्टर के 4,543 पदों पर भर्ती का प्रस्ताव भेजा था, जिसे अब अमली जामा पहनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। भर्ती बोर्ड अगले सप्ताह इन पदों के लिए विज्ञापन जारी करने की तैयारी में है। मंगलवार को राज्य कैबिनेट ने उप निरीक्षक भर्ती में ऐज लिमिट में तीन वर्ष की छूट को मंजूरी दी है, जिससे अधिक अभ्यर्थियों को आवेदन का अवसर मिलेगा। ऐज में छूट के बाद भर्ती के लिए 35 लाख से अधिक आवेदन आने का अनुमान है। अगले सप्ताह विज्ञापन जारी होने की संभावना
पुलिस भर्ती बोर्ड अगले सप्ताह विज्ञापन जारी करने की अंतिम तैयारियों में जुटा है। विज्ञापन जारी होने के बाद अभ्यर्थी आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन प्रक्रिया, पात्रता मानदंड, और चयन प्रक्रिया से संबंधित पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। भर्ती प्रक्रिया में लिखित परीक्षा, शारीरिक दक्षता परीक्षा, और अन्य चरण शामिल होंगे, जो उत्तर प्रदेश पुलिस के कड़े मानकों पर आधारित होंगे। SI भर्ती एज लिमिट में 3 साल छूट, सभी कैटेगरी के उम्‍मीदवारों को मिलेगा रिलैक्सेशन
प्रदेश सरकार ने सब-इंस्पेक्टर और समकक्ष पदों पर भर्ती के लिए एज लिमिट में 3 साल छूट देने की घोषणा की है। इसके चलते पुलिस भर्ती के लिए ओवरऐज हो चुके लगभग 5 लाख युवाओं को राहत मिलेगी। ये छूट चयन वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक 4543 रिक्त पदों पर सीधी भर्ती के लिए दी जाएगी। प्रदेश भी SI और दूसरे पदों की भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी होना है। निर्देश में यह साफ किया गया है कि ये सिर्फ वन टाइम रेमेडी है, यानी सिर्फ एक बार के लिए दी गई छूट है। इस संबंध में मंगलवार को योगी कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। अग्निवीरों को 20 फीसदी मिलेगा आरक्षण भारतीय सेना के पूर्व अग्निवीरों को यूपी में नौकरी में सबसे ज्यादा आरक्षण मिलेगा। योगी कैबिनेट ने मंगलवार को इसे मंजूरी दी थी। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया- अग्निवीरों को पुलिस सिपाही, घुड़सवार, फायरमैन, पीएसी सिपाही की सीधी भर्ती में 20% आरक्षण दिया जाएगा। आयु सीमा में 3 साल की छूट दी जाएगी। अग्निवीर का पहला बैच 2026 में आएगा। शर्त यह है कि वह यूपी का मूल निवासी होना चाहिए। मंत्री खन्ना ने दावा किया कि सीआईएसएफ, बीएसएफ ने 10%, हरियाणा में 10% और ओडिशा में भी 10% आरक्षण अग्निवीरों को दिया जा रहा है। ऐसे में यूपी में उन्हें सबसे ज्यादा आरक्षण दिया जाएगा।
——————– यह खबर भी पढ़िए… यूपी प्राइमरी टीचर्स की ट्रांसफर लिस्ट 16 जून को आएगी:9-12 जून के बीच करना होगा आवेदन, बेसिक शिक्षा परिषद ने कार्यक्रम जारी किया यूपी के 6 लाख बेसिक शिक्षा टीचर्स के लिए खुशखबरी है। अंतर-जनपदीय (एक जिले से दूसरे जिले) में तबादला सूची 16 जून को जारी होगी। शिक्षकों को तबादले के लिए 9 से 12 जून तक बेसिक शिक्षा परिषद के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। गुरुवार की शाम सचिव ने ट्रांसफर कार्यक्रम जारी कर दिया। अंतर-जनपदीय तबादले के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी। कमेटी में मुख्य विकास अधिकारी और डायट प्राचार्य को सदस्य और बीएसए को सदस्य सचिव नियुक्त किया जाएगा। तबादला नीति 24 मई को जारी की गई थी। इसमें 5 साल की टाइम लिमिट हटा दी गई थी। पढ़ें पूरी खबर…