महाकुंभ- संगम तट पर भगदड़, 14 की मौत:प्रयागराज में श्रद्धालुओं की एंट्री रोकी; अखाड़ों का अमृत स्नान रद्द; मोदी-शाह ने योगी से की बात

महाकुंभ- संगम तट पर भगदड़, 14 की मौत:प्रयागराज में श्रद्धालुओं की एंट्री रोकी; अखाड़ों का अमृत स्नान रद्द; मोदी-शाह ने योगी से की बात प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई। इसमें 14 से अधिक लोगों की मौत की खबर है। 50 से ज्यादा घायल हैं। स्वरूपरानी अस्पताल में मौजूद भास्कर रिपोर्टर के मुताबिक- 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए जा चुके हैं। हालांकि, प्रशासन ने मौत या घायलों की संख्या को लेकर कोई जानकारी नहीं दी। भगदड़ के बाद प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने आज मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा- संगम नोज पर अधिक भीड़ के कारण यह फैसला किया गया है। पीएम मोदी ने सीएम योगी से फोन पर घटना की जानकारी ली। ग्राउंड जीरो पर मौजूद दैनिक भास्कर के रिपोर्टर्स के मुताबिक, अफवाह के चलते संगम नोज पर भगदड़ मची। कुछ महिलाएं जमीन पर गिर गईं और लोग उन्हें कुचलते हुए निकल गए। हादसे के बाद 70 से ज्यादा एंबुलेंस संगम तट पर पहुंचीं। इनसे घायलों और मृतकों को अस्पताल ले जाया गया। हादसे के बाद संगम तट पर NSG कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया। संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई। भीड़ और न बढ़े, इसलिए प्रयागराज शहर में भी श्रद्धालुओं के आने पर रोक लगा दी गई है। इसके लिए शहर की सीमा से सटे जिलों में प्रशासन को मुस्तैद कर दिया गया है। महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या का स्नान है, जिसके चलते करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं के शहर में मौजूद होने का अनुमान है। प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर आज देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है। इससे एक दिन पहले यानी मंगलवार को साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। पूरे शहर में सुरक्षा के लिए 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं। हादसे के बाद के हालात तस्वीरों में देखिए… महाकुंभ में भगदड़ से जुड़े पल-पल के अपडेट्स के लिए नीचे लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए…

बलरामपुर अस्पताल मेंं तीमारदार-सुरक्षा गार्ड के बीच जमकर मारपीट:एंट्री करने को लेकर हुआ बवाल,एक गार्ड का सिर फटा, दूसरे का पैर टूटा

बलरामपुर अस्पताल मेंं तीमारदार-सुरक्षा गार्ड के बीच जमकर मारपीट:एंट्री करने को लेकर हुआ बवाल,एक गार्ड का सिर फटा, दूसरे का पैर टूटा लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में भर्ती मरीज के तीमारदार और गार्डों के बीच बड़ा बवाल हो गया। अस्पताल के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक (SSB) में इंट्री को लेकर हुई तीमारदार और सुरक्षा में लगे पूर्व सैनिकों के बीच देखते ही देखते मारपीट होने लगी। इस दौरान तीमारदार ने पूर्व सैनिक गार्ड को पटककर उसका पैर तोड़ दिया। बीच बचाव करने पहुंचे दूसरे सुरक्षा गार्ड पर तीमारदार ने डंडे से हमला बोल दिया, जिससे उसका सिर फट गया। अचानक अस्पताल परिसर में हुई घटना से हड़कंप मच गया। कर्मचारियों ने दोनों घायल सुरक्षा गार्ड को इमरजेंसी में भर्ती कराया, जहां से एक गार्ड को कमांड अस्पताल भेज दिया गया है। अस्पताल प्रशासन की ओर से मामले में मुकदमा दर्ज किए जाने के लिए वजीरगंज पुलिस को तहरीर दी गई है। एंट्री को लेकर हुआ बवाल बलरामपुर अस्पताल के एसएसबी ब्लॉक में तीमारदार दीपक के पिता भर्ती हैं। 26 जनवरी की शाम को वह वार्ड में पिता के पास तीमारदारी के लिए जा रहा था। एसएसबी के गेट पर मौजूद सुरक्षा गार्ड देवेंद्र सिंह ने उसको रोक लिया। परिसर में इंट्री को लेकर पहले तो गार्ड और दीपक के बीच तीखी झड़प होने लगी। पूर्व सैनिक सुरक्षा गार्ड ने तीमारदार को धक्का दे दिया। इससे नाराज तीमारदार ने गार्ड को पीटना शुरू कर दिया। इसी धक्का मुक्की में फिसलकर फर्श पर गिर गया और उसका पैर टूट गया। यह देख दूसरा गार्ड डंडा लेकर दौड़ा। तीमारदार ने उसका डंडा छीनकर सिर पर वार कर दिया। इससे सुरक्षा गार्ड का सिर फट गया। हंगामा होते देख वार्ड में तैनात दूसरे कर्मचारी पहुंच गए। उन लोगों ने दोनों गार्ड को जख्मी हालत में इमरजेंसी पहुंचाया। एक गार्ड को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। वहीं, दूसरे सुरक्षा गार्ड को उसके तीमारदार कैंट स्थित कमांड हॉस्पिटल ले गए। मौके पर पहुंची वजीरगंज पुलिस ने आरोपी तीमारदार को हिरासत में ले लिया। FIR दर्ज करने के बाद, आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.संजय तेवतिया ने बताया कि रविवार को अचानक हुई इस घटना में 2 गार्ड घायल हो गए। मामले में FIR दर्ज करा दी गई है। आरोपी को पुलिस ने आज गिरफ्तार भी कर लिया है।

संगम में डुबकी के लिए 30KM का सफर:जिधर से श्रद्धालु आएंगे, पास के घाट पर स्नान कराकर लौटाएंगे, 10 जिलों के DM–SP बॉर्डर पर

संगम में डुबकी के लिए 30KM का सफर:जिधर से श्रद्धालु आएंगे, पास के घाट पर स्नान कराकर लौटाएंगे, 10 जिलों के DM–SP बॉर्डर पर प्रयागराज महाकुंभ में 29 जनवरी का दिन सबसे बड़ा है। मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए रिकॉर्ड भीड़ प्रयागराज पहुंची है। 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज में रहेंगे। ऐसे में भीड़ को मैनेज करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। प्रशासन ने एक दिन पहले हाई लेवल मीटिंग की और अपनी तैयारियों को और पुख्ता किया। वाहनों को शहर के बाहर रोक दिया गया है। इसकी वजह से श्रद्धालुओं को स्नान करने और फिर लौटने में 30 किलोमीटर का सफर करना पड़ेगा। मौनी अमावस्या पर आ रही भीड़ को संभालने के लिए क्या तैयारी है? कहां गाड़ियां रोकी जा रहीं? दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में जानिए सबकुछ… मौनी अमावस्या से एक दिन पहले की भीड़ देखिए… 1- जिधर से श्रद्धालु आएंगे, उधर के घाट पर स्नान कराके लौटाने की तैयारी
मौनी अमावस्या पर स्नान करने के लिए दो दिन पहले से ही लोग कुंभ क्षेत्र में पहुंच रहे हैं। हालत यह हो गई कि प्रशासन को दो दिन पहले ही 10 से ज्यादा पीपा पुल बंद करना पड़ा। ताकि भीड़ जिधर से आए उधर ही स्नान करके उसे वापस भेजा जा सके। प्रशासन ने क्षेत्र के अनुसार ही घाट बांट दिए हैं। जैसे बिहार, ओडिशा, बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर के राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को झूंसी साइड ही रोककर ऐरावत घाट पर स्नान करवाने की प्लानिंग है। वहीं एमपी, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, समेत दक्षिण भारत के राज्यों से आने वाले लोगों के लिए अरैल की तरफ ही घाट बनाए गए हैं। कोशिश यह है कि कम से कम लोग संगम की तरफ आएं। 2- इस बार नागा संतों के साथ श्रद्धालु नहीं कर पाएंगे स्नान
मौनी अमावस्या पर दूसरा अमृत स्नान है। इस दिन सभी नागा साधु-संत अमृत स्नान के लिए जाएंगे। इस बार प्रशासन ने बल्लियां बढ़ाई और लोहे की जाली लगाकर संगम के बड़े हिस्से को रिजर्व कर दिया है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर पहला अमृत स्नान हुआ। संगम के बड़े हिस्से को अखाड़ों के लिए रिजर्व कर दिया गया। बगल बल्लियां लगाकर जाली लगा दी गई, लेकिन जब नागा स्नान करने आए तो भीड़ ने उन्हें देखने के लिए बल्लियों और जालियों को फाड़ दिया। हालात ये हो गए कि जहां अखाड़ों के नागा साधु स्नान कर रहे थे, वहीं आम पब्लिक भी उनके साथ स्नान कर रही थी। बाद में साधुओं ने इस पर नाराजगी जताई थी। 3- हर घंटे सिर्फ संगम घाट पर 11 लाख लोग करेंगे स्नान
मेला क्षेत्र में 12 किलोमीटर के एरिया में कुल 44 घाट बनाए गए हैं। इन घाटों पर पहुंचने के लिए 14 प्रमुख मार्ग समेत कुल 32 मार्ग हैं। सभी पर इस वक्त बैरिकेडिंग की गई है, लोगों को पैदल ही जाने की अनुमति है। संगम पर हर घंटे 11 लाख लोग स्नान कर सकेंगे। 105 पार्किंग स्थल बनाए गए, बाहर वाले सभी फुल
प्रयागराज में एंट्री के लिए कुल 7 रास्ते हैं। बस और निजी वाहन से आने वाले लोग इन्हीं रास्तों से जिले में आ रहे। कुंभ क्षेत्र से करीब 15 किलोमीटर पहले ही गाड़ियों को रोक दिया जा रहा। यहां जो पार्किंग बनाए गए हैं ज्यादातर फुल हो गए हैं। लखनऊ-प्रतापगढ़ की तरफ से आने वाले लोगों को बेला कछार में रोका जा रहा। यहां एक साथ करीब 2 लाख गाड़ियों की पार्किंग हो सकती है। प्रशासन की जो 105 पार्किंग हैं, उसमें साढ़े सात लाख गाड़ियां खड़ी हो सकती हैं। हालांकि जो मेला क्षेत्र में बनाई गई हैं, वह खाली हैं, क्योंकि यहां तक लोगों को पहुंचने ही नहीं दिया जा रहा। 108 स्पेशल ट्रेनें और एक हजार बसें
रेलवे मौनी अमावस्या के लिए 180 स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। परिवहन विभाग 1000 अलग से बस चला रहा है। शहर में करीब 500 शटल बस चलाई जा रहीं, लेकिन भीड़ इतनी अधिक है कि वह भी अपने तय स्थान पर पहुंचने से पहले ही लोगों को उतारकर वापस जा रही हैं। कई जगहों पर तो नोंकझोक की स्थिति बन जा रही है। एक नाराज श्रद्धालु ने कहा- एक नेता के आने पर आप लोग सभी ब्रिज बंद कर दे रहे हैं। आप सब लोग नेताओं को सर्विस दे रहे हैं। हम लोग कहां जाएंगे। यहां पर सर्विस बहुत खराब है। मेरा एक छोटा बच्चा और फैमिली है। पुलिस वाले नेताओं की सर्विस में लगे हैं। मेले में आ रहे श्रद्धालु ने बताया कि महाकुंभ में आज खतरनाक भीड़ है। इस भीड़ में हमारी गाड़ी फंसी हुई है। हमारे पीछे भी काफी गाड़ियों की लाइन लगी हुई है। काफी देर से हम लोग एक ही जगह पर खड़े हैं। खुले आसमान के नीचे श्रद्धालुओं ने बिताई रात
प्रयागराज में कुल 10 लाख लोगों के रहने की व्यवस्था है। इसमें 100 रैन बसेरा है। सबकी कैपेसिटी अलग-अलग है। यहां करीब 25 हजार लोग रह सकते हैं। इसके अलावा स्टेशनों पर 5 लाख से ज्यादा लोग रह सकते हैं। शहर में 42 लग्जरी सहित करीब 100 होटल और इतने ही धर्मशाला हैं। जहां करीब 1 लाख लोग रह सकते हैं। मेले में डोम सिटी और टेंट सिटी बसाई गई है, लेकिन वह बहुत महंगी है और मौनी अमावस्या पर पहले से ही सभी पूरी तरह से बुक हैं। अब जो लोग आ रहे हैं, उन्हें रैन बसेरा और होटल से निराशा मिल रही है। इसलिए बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिन्होंने पिछली रात सड़क के किनारे बिताई। रात में हम संगम पहुंचे। वहां हजारों की संख्या में लोग गंगा के किनारे पुआल पर सो रहे थे। उनके पास बिस्तर नहीं था, इसलिए उन्होंने ठंड से बचने के लिए पन्नी ही ओढ़ रखी थी। इसमें बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो दो दिन से इसी तरह से रात गुजार रहे हैं। डेढ़ लाख शौचालय, आधे की स्थिति खराब
शहर और मेला क्षेत्र में कुल डेढ़ लाख शौचालय बनाए गए हैं। पिछले 20 दिन से यह लगातार प्रयोग में आ रहे हैं, कई शौचालयों की स्थिति खराब हो गई है। कुछ की कुंडिया खराब हैं तो कुछ में टोटी ही नहीं बची। बहुत सारे ब्लॉक हो गए हैं, क्योंकि उनमें पानी की व्यवस्था ही नहीं है। लोग बाहर से पानी लेकर अंदर जा रहे हैं। इन सबको साफ करने के लिए करीब 5 हजार कर्मचारी लगाए गए हैं, लेकिन भीड़ इतनी है कि व्यवस्था ठप सी हो गई है। संगम के आसपास शौचालयों की स्थिति खराब हो गई है, आसपास इसकी वजह से बदबू आ रही है। प्रशासन के सामने तीन चुनौती 1- क्राउड मैनेजमेंटः लेटे हनुमान मंदिर और अक्षय वट मंदिर बंद
प्रशासन का पूरा फोकस जल्दी से स्नान करवाने के बाद लोगों को वापस भेजने में है। इसलिए हनुमान मंदिर और अक्षय वट मंदिर को बंद कर दिया गया है। श्रद्धालुओं को जिन रास्तों से मेले से बाहर निकाला जा रहा है, वह सीधे स्टेशन व बस स्टैंड से कनेक्ट हैं। अगर कोई व्यक्ति दोबारा मेले में आना चाहता है तो उसे करीब 5 किलोमीटर घूमकर पहुंचना होगा। स्टेशन पर रूट के हिसाब से लोगों को बैठाने की व्यवस्था की गई है। प्लेटफॉर्म पर उन्हीं लोगों को जाने दिया जा रहा, जिनकी ट्रेन आ रही होगी। बाकी लोगों को आश्रय स्थल पर रोका जा रहा। उसके भर जाने की स्थिति में लोगों को स्टेशन के बाहर ही खड़ा कर दिया जा रहा है। 2- प्रयागराज समेत बॉर्डर पर लगने वाले 10 जिलों के SP-DM तैनात
महाकुंभ मेला क्षेत्र में जो स्थिति है, इसी तरह से प्रयागराज बॉर्डर वाले जिलों की भी स्थिति है। पहली बार है जब 10 जिलों के डीएम और एसपी को भीड़ नियंत्रित करने के लिए लगाया गया है। प्रयागराज के बॉर्डर पर प्रतापगढ़, जौनपुर, वाराणसी, संत रविदास नगर, बांदा, फतेहपुर, मिर्जापुर, चित्रकूट और मध्य प्रदेश का रीवा जिला लगता है। ये सभी अधिकारी कुंभ में स्नान करने आ रही भीड़ को अपने जिले के बॉर्डर पर मैनेज करने में लगे हैं। 3- सुरक्षाः 60 हजार पुलिसकर्मी तैनात
करीब 60 हजार सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। खुफिया विभाग के करीब 500 लोग अलग-अलग जगहों पर निगरानी कर रहे हैं। महाकुंभ कंट्रोल रूम से एआई कैमरों के जरिए संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है। किसी की भी एक्टिविटी अजीब लगती है तो तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित कर दिया जाता है। कई स्थानों पर श्रद्धालु पुलिसकर्मियों से बहस भी कर रहे हैं। 4-मौसम: ठंड को देखते हुए 2 हजार डॉक्टर-मेडिकल स्टाफ तैनात
मौसम, प्रशासन और श्रद्धालुओं के लिए बड़ी चुनौती है। रात में पारा 10 डिग्री तक था, नदी के चलते ठिठुरन थी। दोपहर में यही तापमान 25 डिग्री तक पहुंच जाता है। उस वक्त इतनी धूप और उमस में आम आदमी की स्थिति खराब हो जाती है। इसलिए मेले में तैनात डॉक्टरों को हर स्थिति में अपडेट रहने को कहा गया है। डॉक्टर और स्टाफ की कुल संख्या 2 हजार से ज्यादा है। —————————— महाकुंभ से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें: महाकुंभ में सबसे बड़े जमावड़े की 10 तस्वीरें:चारों तरफ सिर्फ लोग ही लोग; पैदल चलना मुश्किल; ड्रोन से जमीन तक नहीं दिख रही महाकुंभ में मौनी अमावस्या से पहले जनसैलाब उमड़ पड़ा है। भीड़ का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि मंगलवार दोपहर तक करीब ढाई करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। संगम क्षेत्र के 15KM एरिया में जाम ही जाम है। पैर रखने तक की जगह नहीं है। सड़कें-गलियां सब खचाखच भरी हुई हैं। ड्रोन तस्वीरों में ऐसा लग रहा है कि यात्री रेंगते हुए चल रहे हैं। (पढ़ें पूरी खबर)

धीरेंद्र शास्त्री बोले- जो महाकुंभ नहीं आएगा, देशद्रोही कहलाएगा:संगम में लगाई 5 डुबकी, कहा- हम सनातन का परचम लहराने आए हैं

धीरेंद्र शास्त्री बोले- जो महाकुंभ नहीं आएगा, देशद्रोही कहलाएगा:संगम में लगाई 5 डुबकी, कहा- हम सनातन का परचम लहराने आए हैं बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मंगलवार को महाकुंभ में डुबकी लगाई। इसके बाद सभी देशवासियों से महाकुंभ में आने और पवित्र स्नान करने की अपील की। उन्होंने कहा- मैंने सभी के साथ पवित्र डुबकी लगाई है, चाहे वह देशवासी हों, विदेशी हों, बागेश्वर धाम के लोग हों। महाकुंभ में हर व्यक्ति को आना चाहिए। जो नहीं आएगा वह पछताएगा और देशद्रोही कहलाएगा। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा- मैंने परमार्थ निकेतन आश्रम के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती और हमारे सभी शिष्यों के साथ संगम में डुबकी लगाई। हमारे साथ 40-50 विदेशी भक्तों ने भी डुबकी लगाई। धीरेंद्र शास्त्री के स्नान की तीन तस्वीरें… धीरेंद्र शास्त्री ने महाकुंभ में लगाईं 5 डुबकी
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने संगम में डुबकी लगाने के बाद कहा- हमने 5 डुबकी लगाई हैं। एक हिंदू राष्ट्र के नाम, जिससे हिंदू राष्ट्र बने। दूसरी बागेश्वर धाम के नाम, तीसरी पूरे बागेश्वर धाम परिवार से जुड़े लोगों के नाम। चौथी भारत के सभी महात्मा सुरक्षित रहें और सनातन का परचम लहराता रहे। पांचवीं डुबकी हिंदुत्व, सनातन और जो विश्व का भला चाहता हो, वह दीर्घायु हो। बोले- अनूठी और अद्भुत व्यवस्था है
अव्यवस्था को लेकर किए गए सवाल पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- अनूठी और अद्भुत व्यवस्था है। हमारे अंदर तो आस्था है, आस्था में हर जगह व्यवस्था है। भारत के जितने भी लोग आ रहे, जिनके अंदर विरोध का कीड़ा नहीं है। उन्हें व्यवस्था और आस्था नजर आ रही है। जिनके अंदर आस्था नहीं है, वही अव्यवस्था देख रहे हैं। हम यहां पर व्यवस्था लेने थोड़ी आए हैं। हम यहां तो सनातन का परचम लहराने आए हैं। अपनी गंगा मैया में डुबकी लगाने आए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी नहीं जाएंगी के सवाल पर दिया जवाब
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी नहीं जाएंगी के सवाल पर भी धीरेंद्र शास्त्री ने जवाब दिया। कहा- क्या हज जाने से गरीबी चली जाती है? क्या कैंडल जलाने से गरीबी चली जाती है? क्या अपने पिता को पिता कहने से गरीबी चली जाती है?। कोई खाना खाता है तो क्या गरीबी चली जाती है? हर काम गरीबी मिटाने के लिए नहीं होने चाहिए। यह हमारी आस्था है। यहां पर हर तरफ हिंदुत्व का परचम लहरा रहा है। कुछ लोग कह रहे हैं कि यहां बीमारियों फैल रही है। कहां बीमारियां हैं? हर तरफ भक्ति बह रही है। उन्होंने कहा- हमारे साथ 40 से 50 देशों के लोगों ने गंगा में स्नान किया। इनमें पेरिस, रूस, लंदन सहित बड़े-बड़े देशों के लोग शामिल है। हर देशों के लोगों ने आस्था के साथ स्नान किया है। महाकुंभ में हर तरफ सनातन का जय-जयकार हो रही है। ———————– यह खबर भी पढ़ें… धीरेंद्र शास्त्री बोले- शहाबुद्दीन ने छेड़ा तो छोड़ेंगे नहीं, दिक्कत है तो मेरा वीडियो मत देखो; हम टारगेट उनको करते हैं जो देशद्रोही शहाबुद्दीन, मैं इतने कमजोर पर टारगेट नहीं करता। हम अपने पवित्र मुंह से नाम ले रहे हैं, बस ये कृपा समझो। हम टारगेट उनको करते हैं जो देशद्रोही हैं, जो रामद्रोही हैं और अकबर से मोहब्बत करते हैं। भूल कर भी आप हमको छेड़ना मत, हम छोड़ेंगे नहीं। शहाबुद्दीन साहब, दिक्कत होती है तो मेरा वीडियो न देखना। पढ़ें पूरी खबर…

भाजपा का झंडा लगी स्कॉर्पियो ने दो युवकों को रौंदा:एक मौत, बाइक से साथ जा रहे थे, टक्कर लगते ही दूर जा कर गिरे

भाजपा का झंडा लगी स्कॉर्पियो ने दो युवकों को रौंदा:एक मौत, बाइक से साथ जा रहे थे, टक्कर लगते ही दूर जा कर गिरे लखनऊ में सर्वोदयनगर बंधे के पास तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने बाइक सवार युवकों को टक्कर मार दी। हादसे में एक की मौत हो गई। जबकि दूसरे का गंभीर हालत में इलाज चल रहा है। पुलिस मुकदमा दर्ज करके जांच कर रही है। सारन बिहार का रहने वाला अकरम (24) अली पुत्र असलम अली प्लंबर का काम करता था। लखनऊ में सर्वोदयनगर इलाके में लाल बाउंड्री विकास भवन के पीछे किराए के मकान में रहता था। सोमवार रात करीब 9 बजे पड़ोस में रहने वाले शानू (16) पुत्र वसीम के साथ बाइक से काम से निकला था। सर्वोदयनगर बंधे के पास पहुंचा था। तभी गोमतीनगर की तरफ से आ रही तेज रफ्तार स्कॉर्पियो यूपी 32 बीएल 1111 ने टक्कर मार दी। जिससे दोनों उछलकर दूर जाकर गिरे। घटना के बाद आसपास भीड़ जमा हो गई। पुलिस की मदद से दोनों को इलाज के लिए लोहिया पहुंचाया गया। जहां डॉक्टर ने एक को मृत घोषित कर दिया। इंस्पेक्टर गाजीपुर का कहना है कि अकरम के परिजन उसे लोहिया अस्पताल से इलाज के दौरान निजी अस्पताल लेकर चले गए थे। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। परिवार आपस में बातचीत कर शव सीधे पैतृक आवास बिहार लेकर निकल गया। मंगलवार को उनसे संपर्क किया गया तो पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया। वहीं स्कॉर्पियो को कब्जे में लेकर मुकदमा दर्ज किया गया है। आगे की जांच की जा रही है। परिवार ने लगाया पुलिस पर लापरवाही का आरोप शानू के परिजनों का कहना है पुलिस ने घटना के बाद लापरवाही बरती है। अकरम को इलाज के लिए लोहिया ले गए। पांच घंटे भर्ती रहा लेकिन कोई डॉक्टर नहीं आया। तब उसके चाचा निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां उसकी मौत हो गई। जिसके बाद गाजीपुर पुलिस को सूचना दी गई। लेकिन जब पुलिस नहीं पहुंची तो परिवार परेशान होकर अपने घर बिहार लेकर निकल गया। गाड़ी पर बीजेपी का झंडा गाड़ी पर हरदोई का नंबर है, जिस पर बीजेपी का झंडा लगा है। गाड़ी अजय कुमार सिंह के नाम पर है। जिसे शुभम श्रीवास्तव चला रहा था।

यूपी की झांकी को मिला देश में पहला स्थान:’दिव्य और भव्य महाकुंभ’ आधारित थीम, वीरेंद्र वत्स ने लिखा था गीत

यूपी की झांकी को मिला देश में पहला स्थान:’दिव्य और भव्य महाकुंभ’ आधारित थीम, वीरेंद्र वत्स ने लिखा था गीत उत्तर प्रदेश की झांकी ने इस गणतंत्र दिवस पर एक और गौरवशाली उपलब्धि हासिल की है। इस बार की झांकी ने पीपुल्स चॉइस कैटेगरी और जजेज कैटेगरी दोनों में प्रथम पुरस्कार जीतकर एक ऐतिहासिक सफलता दर्ज की। झांकी की थीम दिव्य और भव्य महाकुंभ पर आधारित थी। जो शब्द, शिल्प, संगीत और संस्कृति का अद्भुत संगम प्रस्तुत करती है। कवि वीरेन्द्र वत्स द्वारा लिखा गया गीत झांकी का मुख्य आकर्षण रहा। इस गीत को आधा हिंदी और आधा संस्कृत में लिखा गया, जिसका संगीत राजेश सोनी ने तैयार किया और स्वर मनीष शर्मा ने दिया। गीत के बोल महाकुंभ की पवित्रता और भव्यता को उभारने में सफल रहे: स्वर्गलोक की आभा उतरी तीर्थराज के आँगन में, झूम रहे हैं साधु-संत जन, पुलक भरा है तन-मन में। भव्योदिव्यो महाकुम्भ: सर्वसिद्धिप्रदायक:। प्रयागराजस्तीर्थानां प्रमुखो लोकविश्रुत:।। विविड इंडिया द्वारा निर्मित इस झांकी की प्रमुख सवीना ने इसे बनाने में अपना विशेष योगदान दिया। सवीना पिछले छह वर्षों से उत्तर प्रदेश की झांकियों का निर्माण कर रही हैं। उत्तर प्रदेश का सूचना एवं जनसंपर्क विभाग इस शानदार प्रदर्शन के लिए विशेष बधाई का पात्र है। यह तीसरी बार है जब उत्तर प्रदेश की झांकी को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान मिला है। कवि वीरेन्द्र वत्स की काव्य प्रतिभा और राष्ट्रवादी दृष्टिकोण ने झांकी को विशेष पहचान दिलाई है।

रवि किशन बोले-पूर्वांचल के लड़के दिल्ली आकर शराबी हो गए:आप झूठ की पार्टी; जैसे गंगा में करोड़ों लोग डुबकी लगा रहे, वैसे यमुना में केजरीवाल को लगवाएंगे

रवि किशन बोले-पूर्वांचल के लड़के दिल्ली आकर शराबी हो गए:आप झूठ की पार्टी; जैसे गंगा में करोड़ों लोग डुबकी लगा रहे, वैसे यमुना में केजरीवाल को लगवाएंगे दिल्ली चुनाव में भाजपा प्रचार के लिए गोरखपुर सांसद रवि किशन पहुंचे। उन्होंने चैनल से बात करते हुए केजरीवाल सरकार पर हमला किया। कहा- शराब के ठेके, पूर्वांचल के लड़के दिल्ली आकर शराबी बन गए, सबको बर्बाद कर दिए हैं। वह कहते हैं- आप की सरकार झूठ और फरेब की सरकार है। जैसे यूपी के प्रयागराज में महाकुंभ हो रहा है। गंगा में 25 करोड़ लोग डुबकी लगा रहे हैं, ऐसे ही केजरीवाल को लगाएंगे। एक बार मोदीजी को मौका दीजिए। दिल्ली में भाजपा को जीताकर 27 साल का वनवास खत्म करिए। रवि किशन बोले- दिल्ली के लोग छाती पीटकर बोले- कुछ नहीं मिला
भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा- मैं पूर्वांचल के लोगों से पूछ रहा हूं कि पिछले 10 सालों में आपको धोखा मिला है। जिस झूठ पर जी रहे हैं, छल के अलावा क्या मिला? वोट दिया तो क्या बहुत बढ़िया पानी पी रहे हो। तो वह लोग छाती पीटकर बोले हैं कि नहीं..। सब सीवर बह रहा है। अगर इन लोगों ने 10 सालों में कोई काम किया है, तो दिखा दो। मैं गोरखपुर वापस जाऊंगा, प्रचार छोड़कर। वह कहते हैं- क्या केजरीवाल सरकार ने कहा था कि बहन-बेटी को 1 हजार रुपए देंगे, तो क्या दिया? वह लोग कहते हैं कि ये झूठ की पार्टी है। भोजपुरी और पूर्वांचल के लोग चिल्लाकर कहने लगा है कि यह झूठों की पार्टी है और उन्हें इस पार्टी ने फरेब किया। अब इस पार्टी को वोट नहीं देंगे तो नहीं देंगे। मोदी की गारंटी पर भरोसा है। और मैं चुनाव प्रचार के दौरान देख रहा हूं कि महिला बहुत आगे आ रहे हैं। हरियाणा और महाराष्ट्र में भी ऐसा ही था। मतलब सबको पता चल गया है कि झूठ के बवंडर से बाहर आना है। केजरीवाल यमुना में बोले थे डुबकी लगाएंगे, पर नहीं लगाए
रवि किशन ने कहा- केजरीवाल बोले थे कि यमुना में डुबकी लगाएंगे, नहीं लगाए। शराब के ठेके, पूर्वांचल के युवा दिल्ली आकर शराबी बन गए। सबको बर्बाद कर दिए हैं। सड़ा हुआ पानी पीने से कितने हजार पूर्वांचल के लोगों की मौत हो गई। हम तो सबसे कह रहे हैं आओ देखो आकर गोरखपुर। सब पूछते हैं कि गोरखपुर बना देंगे क्या? हम कहते हैं मोदी जी खुद यहां रहते हैं। वो दिल्ली को आपके सपनों से परे बदल देंगे…। वो अद्भुत कर देंगे। अब मोदी जी को एक मौका दीजिए। पूर्वांचल के लोग भाजपा को जीता रहे हैं। आप पार्टी वाले अपने बाल नोच रहे
केजरीवाल कहते हैं कि रोहिंग्या के नाम पर उनके वोटर के वोट काट दिए गए? रवि किशन कहते हैं- यह इनकी बौखलाहट है, यमुना नदी के पानी में हरियाणा से जहर मिलाने का बयान दिया। ये बाल नोचने वाली बात है। उनको पता चला है कि जिन पूर्वांचल के लोगों के दम पर मुख्यमंत्री बनते थे। अब वो नहीं चलेगा। वो वोट चला गया है। अब वो छटपटा रहे हैं। रवि किशन कहते हैं- सोचिए कि हर तीसरा दिन एक घोषणापत्र दे रहे हैं। जैसे मोदी-योगी ने यूपी को बढ़िया बना दिया। सबको सुधार दिया। जैसे प्रयागराज कुंभ में 25 करोड़ लोग डुबकी लगा रहे हैं। वैसे ही दिल्ली की यमुना में सब डुबकी लगाएंगे। केजरीवाल को भी डुबकी लगवाएंगे। अखिलेश की दिल्ली रैली पर रवि बोले- अब कुछ नहीं हो सकता
केजरीवाल के साथ अखिलेश भी रैली करने आ रहे हैं? रवि किशन कहते हैं – कोई भी आ जाए। कुछ नहीं होगा। लोगों को मालूम है कि मोदी की गारंटी क्या है? प्रधानमंत्री आवास मिलेगा। अच्छा इलाज मिलेगा। आइए गोरखपुर देखिए आकर, समझिए दिल्ली वालों का जीवन ही बदल जाएगा। हमने दिल्ली वालों से कह दिया कि इस बार झाड़ू वालों को हटाओ। सब झूठे हैं, फरेबी हैं। बहुमत की सरकार भाजपा की आ रही है। 27 साल का वनवास खत्म हो रहा है। 5 तारीख को आप देख लीजिए।

भभुआ से अगला चुनाव लड़ सकते हैं सिंगर रितेश पाण्डेय:लखनऊ में राजनीतिक सवाल पर कहा- होइहै उहै जो राम रचि राखा

भभुआ से अगला चुनाव लड़ सकते हैं सिंगर रितेश पाण्डेय:लखनऊ में राजनीतिक सवाल पर कहा- होइहै उहै जो राम रचि राखा भोजपुरी के खास चेहरे रितेश पाण्डेय ने अपने हिट गानों “हैलो कौन” और “गोरी तोरी चुनरी बा लाल रे” की सफलता पर खुशी जताई। इसके लिए उन्होंने अपने प्रशंसकों का दिल से धन्यवाद किया। उनके इन गानों ने न केवल यूट्यूब पर व्यूज के नए रिकॉर्ड बनाए हैं बल्कि भोजपुरी संगीत को एक अलग पहचान भी दी है। उनके एक गाने ने दो बिलियन व्यूज का आंकड़ा पार करते हुए भोजपुरी इंडस्ट्री को गर्व का मौका दिया है। रितेश पाण्डेय भोजपुरी सिनेमा के जाने-माने अभिनेता और गायक हैं। उन्होंने रानी चटर्जी, अक्षरा सिंह, आम्रपाली दुबे और काजल राघवानी जैसी अभिनेत्रियों के साथ भी काम किया है। लखनऊ पहुंचे रितेश पाण्डेय ने दैनिक भास्कर के साथ खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने संगीत से सामाजिक संदेश तक के सफर को बताया और राजनीति पर बेबाकी से जवाब दिया..। पढ़िए स्पेशल रिपोर्ट बनारस की गलियों में पले-बढ़े रितेश पाण्डेय का सफर युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। अपनी मधुर आवाज और साफ-सुथरे गीतों के लिए पहचाने जाने वाले रितेश ने भोजपुरी संगीत को एक नई दिशा दी है। उनके गाने न केवल मनोरंजन प्रदान करते हैं बल्कि समाज को एक संदेश भी देते हैं। रितेश ने “जा ए चंदा, ले आव खबरिया” और “हैलो कौन” जैसे गानों से साबित किया है कि भोजपुरी में साफ-सुथरी और संस्कारी कला की भी मांग है। रितेश का कहना है, “भोजपुरी गाने के दो अर्थ हैं। हमें ऐसा संगीत बनाना चाहिए जिसे परिवार के साथ बैठकर सुना और देखा जा सके।” उनका ध्यान अब राष्ट्रभक्ति गीतों की ओर है। इनके माध्यम से वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं। राजनीति पर बेबाकी से जवाब
उत्तर प्रदेश स्थापना महोत्सव में रितेश पांडेय से जब सवाल पूछा गया कि रवि किशन, मनोज तिवारी, निरहुआ, और पवन सिंह जैसे बड़े नामों के बाद क्या वे भी राजनीति में कदम रखेंगे। इस पर रितेश ने बड़ी सादगी से जवाब दिया, “होहीहे वही जो राम रचि राखा।” उन्होंने कहा कि भविष्य के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन वे एक सामान्य इंसान हैं और राजनीति से दूर नहीं हैं। भभुआ से चुनाव लड़ने की थी तैयारी
भोजपुरी गायक और अभिनेता रितेश पाण्डेय ने भभुआ विधानसभा से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने पार्टी का खुलासा नहीं किया था पर निर्दलीय न लड़ने की बात कही थी। रितेश पाण्डेय ने एक चुनाव कार्यालय खोला और विकास का वादा किया। भभुआ विधानसभा क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता चर्चा में है। रितेश पाण्डेय भभुआ विधानसभा क्षेत्र के ही रहने वाले हैं। भभुआ विधानसभा सीट पर ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है और रितेश पाण्डेय भी इसी समुदाय से आते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि रितेश की नजर इसी वोट बैंक पर है। भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग
रितेश ने कहा कि भोजपुरी विश्व भर में बोली जाने वाली भाषा है। इस भाषा के सम्मान के लिए आठवीं अनुसूची में शामिल कर इसके साथ न्याय किया जाना चाहिए। यह उनकी उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार से प्रमुख मांग है। उन्होंने भोजपुरी कलाकारों और गीतकारों से भी अपील की कि वे ऐसे गानों का निर्माण न करें जिन्हें परिवार के साथ देखने या सुनने में शर्मिंदगी हो। शादी और निजी जीवन रितेश पांडेय अपनी निजी जिंदगी में भी बहुत खुश हैं। भोजपुरी अभिनेता रितेश पांडे की पत्नी का नाम वैशाली पांडे है। दोनों ने 14 मई, 2021 को शादी की थी। यह शादी अक्षय तृतीया के दिन हुई थी। इस दिन रितेश पाण्डेय का जन्मदिन भी था। भविष्य की तैयारियां
रितेश पांडेय का कहना है कि वे भोजपुरी संगीत को एक अलग पहचान दिलाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहेंगे। उनके गानों में संस्कार, संस्कृति और समाज के लिए संदेश रहेगा। उनकी सफलता और सोच यह साबित करती है कि भोजपुरी संगीत जगत में साफ-सुथरी कला के लिए भी भरपूर जगह है। यह खबर भी पढ़ें…
लखनऊ में भोजपुरी सिंगर रितेश पाण्डेय ने मचाया धमाल:गोरी तोरी चुनरी बा लाल लाल रे… गाकर दर्शकों को झुमाया यूपी स्थापना दिवस के भोजपुरी नाइट में “गोरी तोरी चुनरी बा लाल लाल रे, रोड पर चलेलू कमाल चाल रे… गाने की धुन गूंजी पूरा पांडाल तालियों, सीटियों और हूटिंग से सराबोर हो गया। सर्द रात में लखनऊ के लोगों ने भोजपुरी सिंगर रितेश पांडेय का गर्मजोशी से स्वागत किया। मंच पर रितेश पाण्डेय ने अपने गाने में जैसे ही बीबीडी का नाम लेकर लखनऊ के लोगों से खुद को जोड़ा। लोगों ने तालियों से स्वागत किया। उनके इस गाने ने दिल को छुआ और पूरा माहौल मस्ती में बदल गया।

महाकुंभ जा रही 2 ट्रेनों पर पथराव:कोच के गेट न खुलने से भड़के यात्री, शीशे-दरवाजे तोड़े; RPF बैकफुट पर

महाकुंभ जा रही 2 ट्रेनों पर पथराव:कोच के गेट न खुलने से भड़के यात्री, शीशे-दरवाजे तोड़े; RPF बैकफुट पर महाकुंभ जा रही दो ट्रेनों में पथराव और तोड़फोड़ की गई। ट्रेन के अंदर पैर रखने की जगह नहीं थी। ऐसे में यात्रियों ने अंदर से दरवाजे बंद कर लिए। वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी-फतेहपुर पैसेंजर ट्रेन रात सोमवार रात हरपालपुर स्टेशन पर रुकी, यात्री चढ़ने के लिए गेट को धक्का देने लगे। जब गेट नहीं खुला तो पथराव शुरू कर दिया। ऐसा ही वाकया अंबेडकर नगर-प्रयागराज एक्सप्रेस में भी हुआ। यह ट्रेन मध्य प्रदेश के छतरपुर रेलवे स्टेशन पर रुकी थी। RPF भीड़ को संभाल नहीं पाई तो पुलिस को बुलाया। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को शांत किया। पथराव में दोनों ट्रेनों की कई बोगियों के शीशे, दरवाजे और खिड़कियों को नुकसान पहुंचा है। सबसे पहले हरपालपुर स्टेशन की 3 तस्वीरें झांसी स्टेशन से वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी-फतेहपुर पैसेंजर ट्रेन सोमवार रात 7.41 मिनट पर रवाना हुई। करीब 9.53 बजे हरपालपुर स्टेशन पर पहुंची। यात्री ट्रेन में चढ़ने के लिए दौड़े। ट्रेन में भीड़ अधिक होने के कारण कोच के अंदर बैठे यात्रियों ने गेट बंद कर लिए थे। बाहर खड़े यात्रियों ने गेट खोलने की कोशिश की। गेट नहीं खुला तो पथराव शुरू कर दिया। पथराव होते ही महिलाओं और बच्चों में चीख पुकार मच गई। इससे अंदर बैठे यात्री सहम गए। कुछ यात्री गेट के पास टूटी खिड़की को बंद करने की कोशिश करने लगे। करीब 10 मिनट तक बाहर से लोग पत्थर फेंकते रहे। हरपालपुर थाना प्रभारी पुष्पक शर्मा ने बताया कि रात करीब दो बजे हरपालपुर रेलवे स्टेशन पर कुछ लोगों ने पथराव किया था। जानकारी लगने पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और समझाइश देकर ट्रेन को रवाना किया अब बात छतरपुर रेलवे स्टेशन की… छतरपुर रेलवे स्टेशन के कर्मचारियों ने बताया कि रात करीब 12:45 बजे इंदौर से डॉक्टर अंबेडकर नगर से प्रयागराज जाने वाली ट्रेन (14115) स्टेशन पर रुकी, इस दौरान उसमें अंदर बैठे यात्रियों ने भीड़ को देखकर ट्रेन के गेट नहीं खोले। इससे ट्रेन के बाहर खड़े लोग भड़क उठे। वे पत्थर, पानी बोतल फेंकने लगे। लोगों को जो मिल रहा था, वही फेंक रहे थे। आरपीएफ जवान मौके पर थे, लेकिन वह कंट्रोल नहीं कर पाए तो हमने सिविल पुलिस को सूचना दी। समझाने के बाद 40 मिनट बाद ट्रेन को रवाना किया गया। …………………. ये खबर भी पढ़ें… बारात में नाच रही घोड़ी ने बच्चे को मारी लात…मौत: कानपुर में मां बोली- भगवान ने 12 साल बाद बेटा देकर क्यों छीना कानपुर में बारात में घोड़ी ने 6 साल के बच्चे को लात मार दी। सिर पर गंभीर चोट लगने से बच्चे की मौत हो गई। बारात निकलने से पहले दूल्हा मंदिर में दर्शन करने गया था। मंदिर के बाहर घोड़ी संकरी गली में बैंड-बाजे पर नाच रही थी, तभी बगल से बच्चा गुजरा, घोड़ी ने उसे लात मार दी। बच्चा घर की सीढ़ी से जाकर टकरा गया। सिर पर चोट लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया। घरवाले उसे अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरो ने मासूम को मृत घोषित कर दिया। पढ़िए पूरी खबर

महाकुंभ जा रही 2 ट्रेनों पर पथराव:कोच के गेट न खुलने से भड़के यात्री, शीशे-दरवाजे तोड़े; RPF बैकफुट पर

महाकुंभ जा रही 2 ट्रेनों पर पथराव:कोच के गेट न खुलने से भड़के यात्री, शीशे-दरवाजे तोड़े; RPF बैकफुट पर महाकुंभ जा रही दो ट्रेनों में पथराव और तोड़फोड़ की गई। ट्रेन के अंदर पैर रखने की जगह नहीं थी। ऐसे में यात्रियों ने अंदर से दरवाजे बंद कर लिए। वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी-फतेहपुर पैसेंजर ट्रेन रात सोमवार रात हरपालपुर स्टेशन पर रुकी, यात्री चढ़ने के लिए गेट को धक्का देने लगे। जब गेट नहीं खुला तो पथराव शुरू कर दिया। ऐसा ही वाकया अंबेडकर नगर-प्रयागराज एक्सप्रेस में भी हुआ। यह ट्रेन मध्य प्रदेश के छतरपुर रेलवे स्टेशन पर रुकी थी। RPF भीड़ को संभाल नहीं पाई तो पुलिस को बुलाया। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को शांत किया। पथराव में दोनों ट्रेनों की कई बोगियों के शीशे, दरवाजे और खिड़कियों को नुकसान पहुंचा है। सबसे पहले हरपालपुर स्टेशन की 3 तस्वीरें झांसी स्टेशन से वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी-फतेहपुर पैसेंजर ट्रेन सोमवार रात 7.41 मिनट पर रवाना हुई। करीब 9.53 बजे हरपालपुर स्टेशन पर पहुंची। यात्री ट्रेन में चढ़ने के लिए दौड़े। ट्रेन में भीड़ अधिक होने के कारण कोच के अंदर बैठे यात्रियों ने गेट बंद कर लिए थे। बाहर खड़े यात्रियों ने गेट खोलने की कोशिश की। गेट नहीं खुला तो पथराव शुरू कर दिया। पथराव होते ही महिलाओं और बच्चों में चीख पुकार मच गई। इससे अंदर बैठे यात्री सहम गए। कुछ यात्री गेट के पास टूटी खिड़की को बंद करने की कोशिश करने लगे। करीब 10 मिनट तक बाहर से लोग पत्थर फेंकते रहे। हरपालपुर थाना प्रभारी पुष्पक शर्मा ने बताया कि रात करीब दो बजे हरपालपुर रेलवे स्टेशन पर कुछ लोगों ने पथराव किया था। जानकारी लगने पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और समझाइश देकर ट्रेन को रवाना किया अब बात छतरपुर रेलवे स्टेशन की… छतरपुर रेलवे स्टेशन के कर्मचारियों ने बताया कि रात करीब 12:45 बजे इंदौर से डॉक्टर अंबेडकर नगर से प्रयागराज जाने वाली ट्रेन (14115) स्टेशन पर रुकी, इस दौरान उसमें अंदर बैठे यात्रियों ने भीड़ को देखकर ट्रेन के गेट नहीं खोले। इससे ट्रेन के बाहर खड़े लोग भड़क उठे। वे पत्थर, पानी बोतल फेंकने लगे। लोगों को जो मिल रहा था, वही फेंक रहे थे। आरपीएफ जवान मौके पर थे, लेकिन वह कंट्रोल नहीं कर पाए तो हमने सिविल पुलिस को सूचना दी। समझाने के बाद 40 मिनट बाद ट्रेन को रवाना किया गया। …………………. ये खबर भी पढ़ें… बारात में नाच रही घोड़ी ने बच्चे को मारी लात…मौत: कानपुर में मां बोली- भगवान ने 12 साल बाद बेटा देकर क्यों छीना कानपुर में बारात में घोड़ी ने 6 साल के बच्चे को लात मार दी। सिर पर गंभीर चोट लगने से बच्चे की मौत हो गई। बारात निकलने से पहले दूल्हा मंदिर में दर्शन करने गया था। मंदिर के बाहर घोड़ी संकरी गली में बैंड-बाजे पर नाच रही थी, तभी बगल से बच्चा गुजरा, घोड़ी ने उसे लात मार दी। बच्चा घर की सीढ़ी से जाकर टकरा गया। सिर पर चोट लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया। घरवाले उसे अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरो ने मासूम को मृत घोषित कर दिया। पढ़िए पूरी खबर